अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ complete

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rajaarkey
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

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रात 8:00 बजे-

डाइनिंग टेबल पे अमन और अनुम बैठे हुए थे, पर कोई बात नहीं कर रहे थे। अनुम की नज़रें नीचे थी और अमन उसे देख रहा था। रजिया खाने की एक प्लेट अनुम के सामने रख देती है, और एक प्लेट अमन के सामने। अनुम खाना खाने लगती है।

अमन-सुन रजिया।

रजिया अमन को फिर अनुम को देखते हुए-जी।

अमन-“यहाँ आ मेरी गोद में, आज मुझे तेरे हाथ से खाना है।

अनुम वहीं बैठे उनकी बातें सुन रही थी और चुपचाप खाना खा रही थी।

रजिया अपनी गाण्ड मटकाते हुए अमन की गोद में आकर बैठ जाती है।

अमन-“चल खिला अपने शौहर को…” ये अमन ने जानबूझकर कहा था।

रजिया एक निवाला तोड़ते हुए अमन के मुँह में डालने लगती है। तभी अमन रजिया की चुचियाँ मसल देता है।

रजिया-“औउच… उंह्म्मह… क्या कर रहे हैं जी, खाना तो खा लो पहले…”

पर अमन कहाँ सुनने वाला था। वो एक निवाला खाता और रजिया की चुचियाँ मसलता रहता। रजिया के तन-बदन में चीटियाँ रेंग रही थीं। उसे इस सब में एक अलग ही मज़ा आ रहा था।

खाना खाने के बाद अनुम हाल में टीवी ओन कर देती है। उसके नज़र टीवी पे थी पर दिमाग़ पूरी तरह अमन की तरफ।

कुछ देर बाद अमन और रजिया भी वहीं हाल में आ जाते है। अमन सोफे पे बैठा हुआ था, साइड में रजिया और सामने अनुम। अमन रजिया की नाइटी उसके सर से उतारते हुए-“चल मुँह में ले…”

रजिया बिना कुछ बोले सोफे के नीचे बैठ जाती है, और अमन का लण्ड अपने मुँह में लेकर जोर-जोर से चूसने लगती है।

अमन-“अह्म्मह… धीरे कर साली, तेरी बेटी को चोदूं…” ये अमन ने अनुम की आँखों में देखते हुए कहा। वो उन दोनों को देख रही थी।

अनुम अपना चेहरा फिर से टीवी की तरफ कर देती है।

अमन रजिया को सोफे पे उल्टा झुकाकर पीछे से अपना लण्ड रजिया की चूत में डालने लगता है।

रजिया-“अह्म्मह… धीरे जानू उंन्ह… अह्म्मह… आराम से ना जी…”

अमन अनुम के तरफ देखते हुए जोर-जोर से रजिया को चोदे जा रहा था-“अह्म्मह… ले रानी, तेरे बेटी को चोदूं ले उंह्म्मह…”

अनुम से अब ये सब देखना मुश्किल था। वो उठकर जाने लगती है। तभी अमन अनुम का हाथ पकड़ लेता है और उसे रजिया की कमर के पास खड़े कर देता है। वो अब भी अपना लण्ड रजिया की चूत में पेले जा रहा था। अनुम अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करती है। पर अमन की मजबूत पकड़ के सामने वो बेबस थी। अमन रजिया की गाण्ड पे थप्पड़ मारते हुए अपना लण्ड अंदर-बाहर करने लगता है। रजिया तो पागल हो चुकी थी। उसकी चूत से लगातार पानी निकल रहा था… ऊपर से अनुम उसकी चूत में अमन का लण्ड जाते देख रही थी। ये उसे पागल करने के लिये काफी था।

रजिया-“उंन्ह… मेरी चूत चाटो उंह्म्मह…”

अमन भी एक दो झटके मारने के बाद अपना पानी रजिया की चूत में निकालकर अपना लण्ड बाहर निकाल देता है। वो अब भी अनुम का हाथ पकड़े हुए था।
अमन-“सुन अनुम, हम तीनों कल शिमला जा रहे हैं, 7 दिन के लिये। तू अपना बैग पैक कर लेना आज। कल सुबह 10:00 ही निकल जाएंगे…”

अनुम कुछ नहीं बोली वो सोच चुकी थी कि वो मना कर देगी।

अमन कड़क आवाज़ में-सुना तूने?

अनुम-ह्म्मम्म्म्मम।

और अमन उसका हाथ छोड़ देता है।

अनुम अपने रूम में जाकर बंद हो जाती है। अनुम बेड पे लेटी हुई थी। अनुम दिल ही दिल में-मैंने हाँ क्यों की? मैं जाना नहीं चाहती थी फिर क्यूँ? क्यूँ? ये जवाब ना उसे पता था और ना अमन और रजिया को। अनुम अपने रूम में बैठी हुई थी। उसकी आँखों में आँसू थे।

अमन और रजिया फ्रेश होकर अनुम के रूम में दाखिल होते हैं। अनुम दोनों को देखती है। मगर कोई रेस्पॉन्स नहीं देती। उसकी आँखें झुकी हुई थीं।

अमन अनुम के पास आकर बैठ जाता है, और उसका एक हाथ अपने हाथ में लेती हुए-“क्या हुआ अनुम? तू मुझसे नाराज है ना? मैं जानता हूँ कि मैंने गलत किया है…”

कितने दिनों से वो सैलाब कच्ची दीजारों से बँधा हुआ था, अनुम के दिल में वो पूरे रफ़्तार से फूट पड़ता है, और वो रोने लगती है। वो बस रोए जा रही थी अमन भी उसे कुछ देर रोने देता है। रो लेने से दिल का बोझ भी हल्का होता है। बाररश हो जाये तो मौसम अच्छा हो जाता है।

अनुम-“मैं तुमसे नाराज नहीं हूँ अमन। मेरा दिल दुख रहा है अंदर से। तुम मेरे साथ शिमला में वो करना चाहते हो, वो तुम कर भी लोगे। पर उसमें मेरी खुशी शामिल नहीं होगी। मैं भी एक इंसान हूँ, एक लड़की, जिसने तुम्हें दिल से अपना शौहर माना है। एक बहन के लिये ये सोचना भी गुनाह है। पर मैं क्या करूँ? अमन ये मेरे बस में नहीं है। मैं तुमसे सच्ची मोहब्बत करती हूँ। तुम्हें अपना सब कुछ मानती हूँ। तुम अभी कहो तो मैं अभी पूरे कपड़े उतार दूं, कर लो वो करना है मेरे साथ। मैं उफफ्र्फ तक ना कहूंगी। मगर मेरा दिल वो तुम्हें एक शौहर की जगह दे चुका है। वो हमेशा-हमेशा के लिये दफन हो जाएगा, मर जाएगी अनुम हमेशा के लिये…” बोलते-बोलते वो सिसक उठी।

अमन उसका चेहरा अपने हाथों में थामते हुए उसकी आँखों में देखने लगता है-“बोल दिया वो बोलना था, अब मेरी बात गौर से सुन…”

एक आदमी की मोहब्बत और एक औरत की मोहब्बत में सिर्फ़ इतना फरक होता है अनुम कि औरत अपने दिल की बात जोर-शोर से बोलती है। मगर एक मर्द अपने दिल की मोहब्बत अपने लफ़्जों से नहीं, बल्की अपने प्यार करने के अंदाज से दिखाता है। वो प्यार वो रजिया से करता हूँ। मेरी जिंदगी में कई लड़कियां आईं, मगर वो मोहब्बत मुझे तुझसे हुई है, वो किसी और से नहीं हो सकती। अरे पगली जब तूने मेरे इन होंठों पे अपने होंठ रखे थे ना… तभी मैं तेरे दिल की कैफियत समझ गया था। हाँ अनुम, मैं भी तुझसे सच्ची मोहब्बत करता हूँ। तुझे क्या लगता है कि मैं तेरा ये जिस्म पाने के लिये बोल रहा हूँ? नहीं, यहाँ मेरे दिल पे हाथ रखकर देख, तुझे इसमें तेरा नाम सुनाई देगा। तू जानती है कि हम शिमला क्यूँ जा रहे हैं?

अनुम की आँखों में सवाल था-क्यों?

अमन-“मैं तुम दोनों को वहाँ इसलिये ले जा रहा हूँ कि अपनी मोहब्बत को अंजाम तक पहुँचा सकूँ। हाँ अनुम, मैं वहाँ तुझसे और रजिया से शादी करने वाला हूँ… हमारे रस्मों रिवाज के मुताबिक वहाँ हमें कोई नहीं पहचानता। एक काजी को कुछ पैसे देकर हम वहाँ शादी करेंगे। उसके बाद तुम दोनों हमेशा के लिये मेरे बीवियां बन जाओगी। यही चाहती थी ना तू कि मुझसे शादी हो? और जब मैं तुझसे शादी कर लूंगा तब तो मुझे हाथ लगाने देगी ना?

अनुम का चेहरा फूल की तरह खिल जाता है। उसे अपने कानों पे यकीन नहीं हो रहा था कि अमन से उसकी शादी है-“हाँ अमन, मैं यही तो चाहती थी। पर अब्बू?”

अमन-“जब प्यार किया तो डरना क्या मेरे जान? और अमन अनुम को गले लगा लेता है।

सारे गीले शिकवे दूर हो चुके थे। वहाँ एक तरफ अनुम बेहद खुश थी। वहीं रजिया की हालत किसी नई नवेली दुल्हन की तरह थी वो अपना हनीमून अपने प्यार करने वाले के साथ मनाने वाली थी, और उसके साथ उसकी सगी बेटी भी उसी बिस्तर पे अपना कुँवारापन अमन को सौंपने वाली थी। वो रात जिसका अब तीनों को इंतजार था।

अनुम एक कुँवारी लड़की से एक मुकम्मल औरत बनने वाली थी और रजिया अपनी कोख में अपने शौहर का बीज बोने वाली थी।

तीनो यही सोच रहे थे कि ये रात जल्द से जल्द ढल जाए और कल एक नया सवेरा हो वो हम तीनों की जिंदगी में उम्मीद की एक नई किरण लेकर आए। इसी ख्यालों में वो तीनों एक ही बेड पे सो जाते हैं।
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***** *****वेलेनटाइन डे

सुबह के 8:00 बजे-

अमन और अनुम नाश्ता कर रहे थे। आज उनका दिल-ओ-दिमाग़ किसी खाने पीने की चीज़ में नहीं था। क्योंकी उन्हें शिमला जाना था और जल्दी जाना था। इसलिये वो जल्दी जल्दी नाश्ता खत्म कर रहे थे।

रजिया-“अनुम, मैं ज़रा रेहाना को बताकर आती हूँ की हम अमन के दोस्त की शादी अटेंड करने शिमला जा रहे हैं, घर का खयाल रखे।

अनुम-“जी अम्मी, जल्दी आइए हम आपका कार में इंतजार कर रहे हैं…”

रजिया रेहाना की तरफ चली जाती है। उसे पता था कि अगर उसने अमन को रेहाना की तरफ भेजा तो वो पहले उससे चुदवाएंगे और फिर शिमला आने की जिद करेंगे। ये रजिया कभी नहीं चाहती थी। रेहाना को इनफाम़ करने के बाद रजिया घर बंद करके कार में आकर बैठ जाती है। वहाँ पहले से अमन और अनुम उसका इंतजार कर रहे थे।

अमन-चलें स्वीट हार्ट?

दोनों औरतें-“चलिये…” और कार अपने स्पीड से शिमला की तरफ रवाना हो जाती हैं।

अनुम-“अम्मी, लाओ आपके हाथों में मेंहदी लगा दूं…” और वो रजिया के हाथों में मेंहदी लगाने लगती हैं।

दो घंटे का सफर था। इस दौरान अनुम पहले रजिया को और फिर खुद के हाथों पैरों में मेंहदी लगा चुकी थी। उसके सारे अरमान आज पूरे होने वाले थे। एक लड़की जब औरत बनती है, तो ये खुशी सिर्फ़ वही जानती हैं,

जिसके साथ ये सब होता है। हम और आप नहीं। शिमला पहुँचकर अमन कार एक ‘लाडली दुल्हन’ नाम की शाप के सामने रोक देता है। इस शाप में शादी की सारे चीज़ें मिलती थीं।

अमन-“तुम दोनों यहीं बैठो, मैं तुम दोनों की चीज़ें लेकर आता हूँ…”

अनुम-मैं चलूं?

रजिया-“नहीं, आज सब इनकी पसंद से होगा यहीं बैठो…”

फिर अमन मुस्कुराते हुए शाप में चला जाता है। करीब एक घंटा बाद वो 5 बैग्गस भरकर वापस आता है। और कार में रख देता है।

अनुम और रजिया एक-एक बैग खोल-खोलकर देखने लगती हैं। रजिया बोली-“सभी चीज़ें बहुत अच्छी हैं। पर आप लहंगा और ब्लाउज लेना भूल गये। सिर्फ़ लाल रंग से साड़ी है, इसमें ना ब्रा है, ना पैंटी…”

अमन-“तुम दोनों को मैं जिस चीज़ में देखना चाहता हूँ, बस वही लाया हूँ। और जैसे भी होटेल के रूम में तुम दोनों ये भी उतारने वाले हो…”
दोनों औरतें बुरी तरह शरमा जाती हैं।

अमन अनुम और रजिया को होटेल के रूम में पहुँचाकर काजी की तरफ चल देता है। अमन शिमला कई बार आ चुका था, इसलिये उसे यहाँ के सारे रोड मालूम थे। वो एक काजी से मिलता है, जिसका नाम मिर्ज़ा असद बेग था।

अमन-“काजी साहब हम लोग बिहार के रहने वाले हैं। हमारे गाँव में बढ़ आ गई थी सभी घर बह गए कई जाने गयीं। हम किसी तरह यहाँ तक पहुँच सके। मेरे साथ मेरी मंगेतर और एक गाँव की औरत है, वो अब बेसहारा है। मैं इन्हें ऐसे अपने साथ नहीं रख सकता, इसलिये मेरा इन दोनों से आप निकाह करवा दें, ताकी मैं इन्हें अपने साथ रख सकूँ…”
उस वक्त बिहार में सच में बाढ़ आई हुई थी।

काजी असद इस बात से बहुत खुश हुए कि अमन एक जिम्मेदार इंसान की तरह रहना चाहता है। वरना आजकल के जमाने में कौन इतनी अच्छी सोच रखता है।

काजी साहब-“ठीक है बेटा चलो…” और काजी साहब अपने साथ दो और आदमियों को लेकर जिनकी निकाह में ज़रूरत पड़नी थी, अमन के साथ होटेल पहुँच जाते हैं।

इधर रजिया बाथरूम में अनुम की चूत के सारे बाल निकालने के बाद उसकी तेल से मालिश करती है।

अनुम-“अम्मी आप भी तैयार हो जाओ, वो लोग आते ही होंगे…”

रजिया अनुम की चिकनी चूत को देखते हुए उसे अपने होंठों से छूना चाहती थी। तभी अनुम रजिया को रोक देती है-“नहीं अम्मी, इसपे सबसे पहला हक उनका है…” और वो रजिया को अपने सीने से चिपका लेती है।

30 मिनट बाद अमन काजी और दो आदमियों के साथ रूम में दाखिल होता है। रजिया और अनुम ने अभी नॉर्मल ड्रेस पहना हुआ था ताकी काजी को शक ना हो जाये।
काजी साहब रजिया और अनुम से निकाहनामे पर दस्तखत लेते हैं, और फिर पहले अनुम से पूछते है-“क्या आपने अमन ख़ान को अपने निकाह में कुबूल किया?”

अनुम की आँखों के सामने अपने बचपन से अब तक का सारा मंज़र कुछ सेकेंड में घूम जाता है। वो धीमी आवाज़ में काजी से कहती है-“कुबूल है…”

उसके बाद रजिया से काजी साहब पूछते हैं-“क्या आपने अमन ख़ान को अपने निकाह में कुबूल किया?”

रजिया-“जी हाँ, कुबूल किया…”

उसके बाद काजी साहब अपनी सारी जरूरी फामेलिटी पूरी करते है। वो अमन से भी अनुम और रजिया को कुबूल करवाते हैं।
और अमन भी खुशी-खुशी दोनों को अपने निकाह में कुबूल कर लेता है।

काजी साहब और वो दोनों आदमी अमन को मुबारकबाद देते हुए चले जाते हैं।

उन दोनों के जाने के बाद अमन रूम का दरवाजा बंद कर देता है। रूम का दरवाजा बंद होते ही अनुम और रजिया भागते हुए आकर अमन से चिपक जाती हैं।

रजिया-“मुबारक हो मेरे सरताज मुआहन्ह…”

अनुम-“मुबारक हो मेरी जान मैं बहुत बहुत-बहुत खुश हूँ आज कि आपने अपना वादा पूरा किया। मैं आज से आपकी हुई मुआह्म्मह…”

अमन दोनों को अपने से कसकर चिपका लेता है। अच्छा सुनो-“अभी रात के 7:00 बज रहे हैं। तुम दोनों तैयार हो जाओ और वो मैं तुम्हारे लिये ड्रेस लाया हूँ, उसे पहन लो और मैं भी फ्रेश हो जाता हूँ…”

अमन-“रजिया, तुझे मैंने वो कहा था याद है ना?”

रजिया-“जी आप बिल्कुल फिकर ना करें…”

और अनुम अपना चेहरा शरमाकर रजिया के सीने में छुपा लेती है। दोनों औरतें एक रूम में चली जाती हैं। रजिया पूरे रूम में स्प्रे मारती है। बेड पे गुलाब की पंखुड़ियाँ बिछा देती है, और अनुम का हल्का-हल्का मेकअप करती है। उसके बाद वो खुद भी लाल साड़ी पहन लेती है, बिना ब्रा-पैंटी के और लहंगे ब्लाउज के अलाजा सिर्फ़ एक लाल साड़ी अपने जिस्म पे लपेटने में उसे आज एक नया खुशगवार एहसास हो रहा था। उसके जिस्म से बार-बार साड़ी निकल जा रही थी। वो अपने काँपते हाथों से साड़ी पहन ही लेती है।

वो खुद से ज्यादा अनुम को तैयार कर रही थी। वो जानती थी कि ये रात अनुम की जिंदगी की ना भूलने वाले रात बन जाएगी, जिसे वो पूरी तरह खूबसूरत बनाने वाले थे।

अनुम-“अम्मी, मैं कैसी लग रही हूँ?” अनुम खुद को आईने के सामने देखते हुए कहा।

रजिया-“एकदम आसमान की परी जैसे…” अब चलो यहाँ बेड पे बैठ जाओ ऐसे, और वो अनुम को बेड पे बिठा देती है, उसके सर पे घूँघट डाल देती है। फिर खुद भी उसके बगल में घूँघट डालकर बैठ जाती है।

रजिया जोर से आवाज़ लगते हुए-“सुनिये, आप आ जाइए…”

अमन वो उस रूम से अटैच्ड रूम में एक नई नवेली शेरवानी पहने खुद को आईने में देख रहा था, रजिया की आवाज़ से खुश हो जाता है। जाने कितने दिनों से उसके दिल में एक ख्वाइश थी कि वो अपनी अम्मी और बहन को दुल्हन के रूप में एक बेड पे लाल साड़ी पहने घूँघट डाले देखे। आज वो पल आ गया था। वो धड़कते दिल के साथ रूम में दाखिल होता है।

अमन रूम में पहुँचकर दरवाजा बंद कर देता है। आज उसका दिल उसके बस में नहीं था। ऐसा नज़ारा उसकी आँखों ने पहली बार देखा था। एक बेड पे उसकी अपनी सगी अम्मी और बहन उसका बेसबरी से इंतजार कर रही थीं। अमन जाकर बेड पर बैठ जाता है।
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

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Wow awesome hot update
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Re: अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ

Post by jay »

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