बहू नगीना और ससुर कमीना

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Smoothdad
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

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थोड़ी देर बाद उसने मालिनी के मुँह से लंड निकाला और मालिनी को करवट के बल लिटा दिया और उसका गाउन उठा दिया और उसकी मोटी गाँड़ अब उसके सामने थी। वो उसे दबाकर बोला: आऽऽऽऽऽह बेटी क्या मस्त हो गयी है तुम्हारी गाँड़। मैं इसकी दरार में लंड रगड़कर झड़ूँगा। घबराओ नहीं अंदर नहीं डालूँगा।

अब वो उसके पीछे आकर लेट गया और अपना लंड उसकी गाँड़ की दरार में डाला और मालिनी ने अपनी एक जाँघ ऊपर उठा दी। लौड़ा सेट होने के बाद उसने अपनी दोनों जाँघों को जोड़ लिया ।अब लंड उसकी गाँड़ की दरार में फँस सा गया। अब वो उसे आगे पीछे करने लगा। नरम नरम माँस के स्पर्श से उसका लौड़ा झटके मारने लगा और वो और तेज़ी से अपना लंड रगड़ने लगा। मालिनी भी अपनी गाँड़ आगे पीछे करके और अपनी जाँघों के बीच उसका लौड़ा दबाकर उसको मज़ा देने लगी। जल्दी ही राजीव हाँफने लगा और आऽऽऽहहह कहकर उसकी गाँड़ की दरार में अपना रस छोड़ने लगा।

पूरा झड़ने के बाद वो उठकर एक तौलिया लाया और बड़े प्यार से अपनी बहू की गाँड़ में लगा अपना रस साफ़ किया और फिर मालिनी को चूमकर बोला: अच्छा बेटा अब तुम आराम करो । मैं भी आराम करता हूँ।

मालिनी मुस्करायी और सीधी लेटकर अपना गाउन ठीक करके सोने की कोशिश करने लगी।

कुछ दिनों के बाद चारु का अड्मिशन का समय भी आ गया। राजीव का दोस्त करन उस कोलेज का ट्रस्टी था । राजीव ने उससे फ़ोन से बात की और करन ने उसे घर पर ही बुला लिया। राजीव और चारु तय्यार होने के लिए अपने अपने कमरे में गए। राजीव टी शर्ट और जींस में बाहर आया तो मालिनी बोली: पापा क्या मस्त माल लग रहे हो। मन करता है कि आपको चूम लूँ। वो इधर उधर देखी और किसी को भी ना पाकर वो उसके होंठ चूम ली। दोनों हँसने लगे।

तभी वहाँ चारु आयी और राजीव उसे देखते ही रह गया। उसने आज एक टाइट जींस पहनी थी और टॉप भी टाइट ही था और स्लीव्लेस भी था। क्या मस्त माल लग रही थी। नई जवानी भी क्या चीज़ होती है। मस्त गोलाइयाँ ब्रा में तनी हुई थीं और पिछवाड़ा भी मस्त गोल गोल था। जींस कमर के नीचे तक थी और पतली गोरी कमर मस्त लग रही थी। छोटी सी गहरी नाभि भी बहुत मादक लग रही थी। आज तक राजीव को वो कभी इतनी सेक्सी नहीं लगी थी।

मालिनी भी राजीव को देखकर समझ गयी कि बेचारी चारु अब ख़तरे में आ गयी है। वो सोची कि मैं क्या कर सकती हूँ। अब राजीव उसको देखकर बोला: बेटी बहुत प्यारी लग रही हो। तुमको देख कर ही अड्मिशन दे देगा कोई भी।
इस पर सब हँसने लगे। अब राजीव ने चारु की कमर में हाथ डाला और बोला: चलो बेटी चलते हैं।

मालिनी सोची कि बेचारी ये लड़की तो अब गयी काम से।

उधर चारु को बड़ा अजीब लगा कि अंकल ने उसकी कमर पर हाथ रखा है पर वो कुछ नहीं बोली। उधर ऑटो में भी राजीव उसके साथ बहुत सट कर बैठा और उसको कोई बिल्डिंग या माल या सिनमा हॉल दिखाता जाता और कभी उसकी जींस में कसी जाँघ तो कभी उसकी नंगी चिकनी बाँह सहला देता। चारु को बड़ा अजीब लग रहा था। वो जवान हो चुकी थी और सब समझने लगी थी। ऐसा उसके साथ पहले भी हो चुका था । स्कूल के दो टीचर उसे कई बार इस तरह से सहला चुके थे और तब वो चुपचाप वहाँ से हट गयी थी।

ख़ैर करन का घर आ गया और वो दोनों उसके शानदार घर के अंदर गए। दरवाज़ा एक १९/२० साल की लड़की ने खोला । वो साड़ी पहनी थी और उसके कपड़े थोड़े मुड़े हुए से थे। राजीव मन ही मन मुस्कुराया क्योंकि वो जानता था कि ब्लाउस में और साड़ी में कुछ ख़ास जगह मुड़ने के निशान क्यों पड़ते हैं। वो सोचा कि लगता है इसका पति अभी इसे दबा रहा होगा।

अंदर ड्रॉइंग रूम में करन बैठा था और उसने अपनी गोद में एक तकिया सा रखा हुआ था। राजीव को देखकर वो मुस्कुराया और उसे अपने पास बिठाया। चारु ने करन को कहा: नमस्ते अंकल जी।

करन उसे घूरता हुआ बोला: नमस्ते बेटी। बैठो । तो तुम्हारी अड्मिशन की बात है। लाओ पेपर दिखाओ।

चारु ने उसे पेपर दिए तो वो उसकी गोलाइयों को घूरकर पेपर देखा और बोला: बेटी तुम्हारा रिज़ल्ट तो बहुत अच्छा नहीं है। चलो फिर भी मैं कोशिश करूँगा । तुम ऐसा करना कि कल ३ बजे के आसपास कोलेज आ जाना। यही सामने में है कोलेज। मैं बात करूँगा कि कैसे तुम्हारी मदद कर सकूँगा।

राजीव: ठीक है भाई हम कल आ जाएँगे।

करन: अरे तुम क्या करोगे आ कर। मेरे पास ये पेपर हैं ना। इसको ही भेज देना मैं कर दूँगा जैसा भी बनेगा इसकी मदद।

राजीव: चलो ये ठीक है। और सुनाओ कैसा चल रहा है। तुम्हारा बेटा कहाँ है? दिखाई नहीं दे रहा है।

करन: अरे वो तो काम से मुंबई गया है ४/५ दिनों के लिए।

राजीव चौंका कि इसका मतलब है कि बहू का पति है ही नहीं घर में । फिर साड़ी और ब्लाउस के मुड़े हुए निशान? ओह तो क्या करन भी अपनी बहू से मज़ा कर रहा है? और ये तकिया इसलिए रखा होगा ताकि लंड का खड़ा हुआ रूप सामने ना आ जाए।लगता है कि साला मेरे जैसा ही कमीना है।

तभी उसकी बहू चाय लाई और राजीव ने देखा कि सच में ब्लाउस के ऊपर चूचि मसले जाने वाले निशान हैं । उफफफ क्या मज़ा कर रहा है ये साला करन? क्या मस्त उभरे हुए चूतर हैं इस लड़की के और चूचियाँ भी मस्त हो चली हैं। लगता है रेग्युलर खुराक लंड की मिल रही है। उसका लंड भी ये सोच कर गरम होने लगा। वो सोचा कि क्या कोई तरीक़ा हो सकता है करन से ये सब बात निकलवाने का। फिर उसे एकदम से याद आया कि दारू करन की हमेशा से कमज़ोरी रही है। अब वो बोला: बहु तुम चारु को अपने कमरे में ले जाओ और बातें करो । हम दोनों दोस्त भी कई दिनों के बाद मिलें हैं हम भी कुछ पुरानी यादें ताज़ा कर लेते हैं।

उन दोनों के जाने के बाद राजीव बोला: यार भाभी दिखाई नहीं देती।

करन: यार वो साधु संतों के चक्कर में पड़ी रहती है। अक्सर घर से ४/५ दिन बाहर रहती है।

राजीव: ओह तो बीवी और बेटा दोनों बाहर और तुम और बहू घर में। वाह भाई मज़े हैं तुम्हारे।

करन झेंपकर: अरे इसमें मज़े का क्या? और तुम सुनाओ तुम्हारे यहाँ क्या ख़बर है? और ये लड़की कौन है?

राजीव ने उसे बताया कि बहू माँ बनने वाली है और ये चारु बहू की कज़िन है।

राजीव: यार चलो आज शाम कहीं बैठते हैं। बहुत दिन हो गए तुम्हारे साथ दारू नहीं पी ।

करन : हाँ यार चलो आज बैठते हैं । शाम को रॉयल क्लब में आ जाना । मैं वहाँ एक टेबल बुक कर लूँगा।

राजीव: बस हम दोनों ही होने चाहिए और कोई नहीं।

करन: हाँ बस हम दोनों ही होंगे।

फिर इधर उधर की बातें करके शाम को मिलने का वादा करके राजीव और चारु अपने घर के लिए चल पड़े। रास्ते भर राजीव यही सोच रहा था कि आज करन को पिलाकर वो उसकी और उसकी बहू के रिश्ते का सच जान लेगा। और फिर चारु के लिए आगे की प्लानिंग करेगा। वैसे करन की बहू भी काफ़ी स्वीट है- वो अपना लंड मसल कर सोचा। अचानक उसने देखा कि चारु कनख़ियों से उसके हाथ को देख रही थी जो लौड़ा मसल रहा था। राजीव झेंप गया और हाथ हटा लिया।

चारु की आँख अंकल के पैंट के उठे भाग पर पड़ी और वो समझ गयी कि अंकल वैसे ही उत्तेजित हो गए हैं जैसे उसके टीचर हो जाया करते थे जब उसे छूते थे। वो इतना तो समझ रही थी कि अंकल कुछ सोचकर उत्तेजित हो रहे है। पर वो पक्के से नहीं कह सकती थी कि इसका उससे कोई वास्ता है या नहीं?

आख़िर ये सब क्या हो रहा है? और अचानक उसने देखा कि अंकल अब उस उठी हुई जगह को दबाने लगे। अब तो चारु की पैंटी भी गीली होने लगी। वैसे ही जैसे टीचर के पैंट के उभार को देखकर हो जाती थी,पता नहीं क्या होने वाला है।

तभी वो दोनों घर के पास पहुँचे और ऑटो से उतर कर घर की ओर चल पड़े।

घर आकर मालिनी को अकेले में पाकर राजीव बोला: बेटी ये करन भी साला बदमाश है। अपनी बहू को लगता है लगा रहा है। फिर उसने उसे पूरी बात बताई। और ये भी बताया कि आज रात को खाना उसके साथ ही खाएगा।

उसने अपने मन में चल रहे चारु के लिए संघर्ष की बात नहीं की। उसे ख़ुद समझ नहीं आ रहा था कि वो चारु के साथ क्या करे?

शाम को शिवा आया और राजीव बोला: बेटा आज मैं खाना बाहर करन के साथ खाऊँगा। मुझे चारु का अड्मिशन पक्का करना है। वो इस कोलेज का ट्रस्टी है।

शिवा : ठीक है पापा , आप घर की चाबी ले जाओ ताकि अगर लेट हो जाओ तो कोई दिक़्क़त नहीं होगी किसी को। चाहो तो कार भी ले जाओ।

राजीव: नहीं कार नहीं चाहिए । मैं टैक्सी से आऊँगा अगर ज़्यादा रात हो गयी तो।

राजीव चला गया और घर में सब खाना खाए और सोने चले गए। शिवा आज भी आयशा को चोद कर आया था तो चुपचाप सो गया।
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

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उधर राजीव समय पर क्लब पहुँचा तो करन एक कुर्सी टेबल पर बैठा उसका इंतज़ार कर रहा था। दोनों ने थोड़ी देर गप्पें मारी और दारू पीने लगे। करन तीन पेग ले चुका था और राजीव ने अभी पहला पेग भी ख़त्म नहीं किया था। जल्दी ही करन नशे में बहकने लगा। टेबल एक कोने में थी और उनकी बात कोई सुन नहीं सकता था।

राजीव: यार क्या दिन थे वो भी जब हम साथ में लड़की पटाया करते थे। क्या मज़ा आता था?

करन: हाँ यार शादी के पहले काफ़ी मज़ा किए । है ना?

राजीव: हाँ यार । सही कहा। शादी के बाद बस एक खूँटे से बंध गए।

करन: यार तू बँधा होगा, मैं तो कभी भी मौक़ा मिले तो यहाँ वहाँ मुँह मार लेता था।

राजीव: सच में? भाभी को शक नहीं हुआ कभी?

करन: अरे अपना काम इतना सही होता था कि शक की कोई गुंजाइश ही नहीं होती थी। असल में कोलेज में नौकरी के लिए लड़कियाँ और औरतें आतीं थीं और उनको नौकरी में लेने के लिए मैं अपने आप को ख़ुश करने को कहता था। ज़्यादातर मान जाती थीं और ऑफ़िस के बग़ल में एक कमरे में ही मज़े से उनकी ले लेता था। सच कहता हूँ कि प्रभु की दया से कभी मस्त जवानियों की कमी नहीं हुई।

राजीव पूरा झूठ बोलते हुए कहा: यार बड़ी क़िस्मत वाला है तू। साला यहाँ तो बीवी से काम चलाकर उम्र गुज़ार दी।

करन: हाँ यार इस मामले में तो क़िस्मत वाला निकला पर ----

राजीव उसके उदास चेहरे को देखा और उसके लिए एक और पेग बनाया और कहा: यार उदास क्यों हो गया। सब कुछ तो है तेरे पास। इतना रुतबा , पैसा, बेटा और बहू । आख़िर क्या कमी है?

करन उदासी से बोला: बहुत बड़ी कमी है यार। मेरा बेटा – अब कैसे कहूँ--

राजीव: अरे बोल ना क्या हुआ उसे?

करन ने एक घूँट में पेग ख़ाली किया और बोला: यार वो वो गे है। साला गांडू है।

राजीव सन्न रह गया और बोला: तुझे कैसे पता?

करन : एक साल पहले एक बार मैं टूर पर गया था और प्लान से एक दिन पहले हो वापस आ गया था। पत्नी हमेशा की तरह साधु मंडली में गयी हुई थी। मैंने नौकर से पूछा कि बेटा कहाँ है? वो बोला कि ऊपर वाले कमरे में दारू की पार्टी चल रही है। मेरी दारू की बोतल लेकर उसके दो दोस्त शायद मज़े कर रहे हैं। मैं ग़ुस्से में ऊपर गया तो मुझे दरवाज़े से अजीब सी आवाज़ें सुनाई पड़ीं। मैं चुपचाप खिड़की से अंदर झाँका तो मेरे होश उड़ गए। मेरा बेटा पूरा नंगा था और एक लड़के का चूस रहा था और दूसरा उसके पिछवाड़े की बजा रहा था । उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ एक बाप के दिल पर क्या गुज़री होगी तुम सोच ही सकते हो। मैं चुपचाप वहाँ से नीचे आ गया।

राजीव: ओह ये तो बड़ी अजीब बात हुई। फिर क्या हुआ?

करन : अगले दिन मैंने उसे बहुत भला बुरा कहा और ये सब बंद करने को कहा। जानते हो वो क्या बोला?

राजीव: क्या बोला?

करन: वो बोला कि आप भी तो रोज़ नई लड़कियों और औरतों के साथ सब कुछ करते हो। अगर मैंने भी वो कर लिया जिसमें मुझे मज़ा आता है तो आपको क्या? मेरे बहुत समझाने पर भी वो अपनी आदत सुधारने को राज़ी नहीं हुआ। तो मैंने उसे एक बात कही कि वो शादी कर ले शायद इससे उसमें सुधार आ जाएगा। वो पहले मना करता रहा। पर आख़िर में मेरे और अपनी माँ के दबाव में वो मान गया। अब हम लोग उसके लिए बहू ले आए।

करन बातें करते हुए साँस लेने को रुका तो राजीव ने एक पेग और बना दिया।

राजीव: फिर क्या हुआ? वो सुधर गया?

करन: शादी के बाद सुहाग रात को मैं बहुत टेन्शन में था कि सब कुछ ठीक से हो जाए। मैंने अभी तक इसकी माँ को भी नहीं बताया था इसकी आदत के बारे में। मैंने पत्नी से कहा कि बहु से पूछो सब ठीक से हो गया रात को? पत्नी ने उसको पूछा और वो बोली कि ये तो आकर सो गए। मुझसे बात तक नहीं की।

राजीव: ओह ये तो बड़ी परेशानी वाली बात हो गयी। फिर?

करन: फिर मैंने बेटे से बात की। वो बोला कि मेरे मन में लड़की के लिए कोई उत्तेजना ही नहीं होती और मुझसे यह सब नहीं होगा। मेरे लाख समझाने का भी उसपर कोई असर नहीं हुआ। वो रात को ग़ायब हो जाता था। बहू अकेली सोती थी। वो अपनी आदतों से मजबूर था। इसी बीच बहू के मायके के फेरे का समय आने लगा। उस दिन मेरी पत्नी २ दिनों के लिए मंदिर गयी थी ।बेटा भी एक दिन से ग़ायब था। मैंने उसे फ़ोन किया तो वो बोला कि मैं रात को एक दोस्त के घर रहूँगा। मुझे बहुत अपराध बोध हुआ और मैं बहु के कमरे में गया। वह करवट लेकर सोयी हुई थी अभी रात के सिर्फ़ दस ही बजे थे। मैंने उसकी पीठ सहलायी और आवाज़ दी : निलू बेटा क्या सो गयी अभी से?

निलू सीधी हुई और उठने लगी। मैंने उसे कंधे से पकड़कर कहा: नहीं नहीं लेटे रहो बेटा। मैं तो बस यूँ ही तुमको देखने आ गया था। घर में कोई नहीं है हम दोनों के सिवाय।

वो चुपचाप पड़ी रही फिर बोली: पापा आपने इनकी शादी ज़बरदस्ती की थी क्या मेरे साथ? इनको कोई दूसरी लड़की पसंद है क्या?

मैं क्या बोलता कि इस साले को लड़का पसंद है लड़की पसंद ही नहीं है। मैंने कहा: नहीं बेटा ऐसी तो कोई बात नहीं है। एक बात पूँछ , हालाँकि मुझे पूछना नहीं चाहिए --क्या तुम दोनों का मिलन हुआ है या नहीं?

निलू मुँह उतारकर: पापा मिलना तो तब होगा जब ये मेरे पास आएँगे। ये तो जैसे मुझसे बचते हैं । पता नहीं मेरा क्या होगा? और वो ये कहकर रोने लगी। मुझे उसपर बहुत दया आइ और मैंने उसको चुप कराने की कोशिश की। और इस दौरान पता नहीं क्या हुआ कि वो मेरे बाहों में आ गयी और मैं उसे अपने से सटा कर चुप कराने लगा। उसकी १८ साल की ताज़ी जवानी ने मेरे दिल में पाप जगा दिया और मैं उसे अपने से लिपटा कर प्यार करने लगा। मैं उसे चूमने लगा और वो भी मेरा साथ देने लगी। अब मेरे हाथ उसके मस्त कड़े अमरूदों पर आ गए थे और मैंने उनको हल्के से दबाया और वो मस्ती से सी सी कर उठी। मुझे पता नहीं क्यों लगा कि ये ऐसी मस्ती पहले भी कर चुकी है। एक नयी लड़की और खेली खाई लड़की में अंतर करने की समझ तो मुझमें थी ही। अब वो मेरे होंठ वैसे चूस रही थी जैसे कोई अनुभवी चूसता है। मैं तो उसकी कसी जवानी के आभास से ही मदहोश हो चुका था । सो मैंने उसका ब्लाउस का हुक खोला और उसे उतार दिया। ब्रा में कसे उसके कड़े अमरूद देख कर मैं तो पागल सा हो गया। मैंने उनको ब्रा के ऊपर से ही दबाया और वो मस्ती से सिसकियाँ भर उठी। मैंने खींचकर उसे अपनी गोद में बिठा लिया और उसके ब्रा का स्ट्रैप खोकर उसकी नंगी मस्त गोल सख़्त चूचियों को दबाने लगा। उसके निपल्ज़ पूरे तन गए थे और मैंने उनको भी मसला और फिर उस लड़की ने मुझे हैरान कर दिया । उसने मेरा मुँह पकड़ कर अपनी चूचियों पर रख दिया और मानो बोल रही हो कि लो चूसो इनको। मैंने उनको बारी बारी से चूसना शुरू किया और वो मस्ती से आऽऽऽऽह पाआऽऽऽऽऽपा चिल्लाने लगी। अब वो अपनी गाँड़ के नीचे मेरा खड़ा लौड़ा महसूस की और बोली: आऽऽऽऽऽह पापा आपका नीचे चुभ रहा है। और ये कहकर वो अपनी गाँड़ मटकाई और मेरे लौड़े को अपनी गाँड़ में ठीक से सेट करी।

राजीव अपना लंड दबाकर बोला: आऽऽऽऽऽऽह साली खेली खाई हुई थी। फिर क्या हुआ?

करन: फिर मैंने उसकी साड़ी और पेटिकोट उतारा और उसे बिस्तर पर लिटाया और उसकी चूची चूसते हुए नीचे जाकर उसकी पैंटी भी खोल दी। वो अपनी गाँड़ उठाकर उसे पूरी बेशर्मी से उतरवाई। अब उसकी मस्त चिकनी बुर देखकर मैं पागल सा होकर उसकी बुर चूमने और चाटने लगा। वो अपनी गाँड़ उछालकर उसे चटवा रही थी। अचानक वो बोली: आऽऽऽह पाआऽऽऽपा अब डाल दीजिए ना। मैं अपना लौड़ा बाहर निकाला और उसने ध्यान से देखा और अपनी टाँग उठाकर फैला दीं । मेरा लंड औसत ६ इंच का है पर मोटा है। उसने उसे देखकर कोई हैरानी का भाव नहीं दिखाया। मैं भी उसकी टांगों के बीच आकर उसकी बुर खोला और उसमें अपना लंड डाला और धीरे से धक्का दिया। आधा लंड आराम से चला गया। वो उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ करके अपनी ख़ुशी जताई और अगले ही धक्के में वो पूरा लंड निगल गयी। फिर जो चुदाई शुरू हुई तो उसने बहुत मज़े से अपनी गाँड़ उछालकर चुदवाने लगी। मैंने कई लड़कियाँ इस उम्र की चोदीं थीं पर कोई भी इतना अनुभवी नहीं थी जितना निलू मेरी बहू थी। क़रीब आधा घंटा चुदाई के बाद वो चिल्ला कर झड़ने लगी और मैं भी अपना रस उसके अंदर डाल कर मस्ती से उसके बग़ल में लेट गया।

राजीव अपना लंड दबाकर: आऽऽह तो बेटे की जगह सुहागरात तुमने मना ली। वाह क्या बात है। फिर?

करन: फिर उस रात मैं उसे दो बार और चोदा। अब वो मुझसे खुल चुकी थी । मैंने उसे पूछा कि किसने तुम्हारा उद्घाटन किया है? तो वो बतायी कि उसके सगे मामे ने दो साल पहले उसकी बुर का उद्घाटन किया था वो मेरी ही उम्र का था। फिर उसके बाद उसे एक टीचर ने और बाद में उसके पापा के दोस्त ने भी चोदा था। उसकी चुदाई सभी बड़ी उम्र के आदमियों ने ही की थी। इसलिए उसे मुझसे चुदवाने में कोई परेशानी नहीं हुई। अब मैं उसे जब मौक़ा मिलता था चोद लेता था। वो मायके से फेरा लगाकर आयी और अपने पापा के दोस्त और मामा से भी चुदवा करके आयी। अब वो मुझसे कुछ नहीं छुपाती थी। एक दिन उसने मुझे बताया कि उसे पता चल गया है कि मेरा बेटा गे है क्योंकि उसने फ़ोन पर उसे किसी लड़के से बात करते हुए सुन लिया था। मैंने उसे कहा कि किसी से कहना नहीं। तो वो एक शर्त पर मानी कि वो जब चाहे अपने मामा या अंकल से चुदवा सकती है। मुझे उसकी बात माननी पड़ी। बस यही है मेरी कहानी। बताओ मैंने ठीक किया या नहीं?

राजीव: यार क्या बोलूँ ? मुझे तो लगता है की आपके पास कोई चारा ही नहीं था। वैसे सच में माल बहुत मस्त है तुम्हारी बहू ।

करन: वैसे जिस मस्त लौड़िया तो तुम लेकर आए थे वो भी माल है यार। मेरा तो दिल उस पर भी आ गया है।

राजीव: ओह ऐसा ? जहाँ तक मैं जानता हूँ चारु एक सीधी साधी लड़की है। अभी खेली नहीं है। मन तो मेरा भी करता है कि उससे मस्ती कर लूँ पर पता नहीं क्यों कर नहीं पता। थोड़ी सी झिझक होती है।

करन: ओह ऐसा क्या ? फिर क्या करोगे?

राजीव: तुम ऐसा करना जब वो कल अड्मिशन के लिए आएगी तो उसको थोड़ा सा परेशान करना। मौक़ा मिले तो कम नम्बर का डर दिखाकर हाथ भी फेर लेना। उसे थोड़ा जवानी का मज़ा चखा देना। चुदाई नहीं करना वरना बात बिगड़ सकती है। बस ऊपर से मज़ा ले लेना।

करन खिंसे निपोरा और बोला: ठीक है यार जैसा तुम कहो।

राजीव: वैसे तुम्हारी बहु से मस्ती करने का कोई चान्स हो सकता है?

करन: यार मैं नहीं जानता कि वो मानेगी या नहीं। पर हाँ तुम ट्राई मार सकते हो। अगर वो पट जाए तो मुझे कोई दिक़्क़त नहीं है। वैसे भी वो पूरे ज़माने से चुदवा ही रही है मामा से और अपने बाप के दोस्त से और पता नहीं किस किस से । तुम भी अगर मज़ा ले लोगे तो उसकी कौन सी बुर घिस जाएगी।

राजीव ने देखा कि करन को अब बहुत चढ़ गयी थी। वो बोला: चलो यार अब चलते हैं। बहुत देर हो गयी है।
अब दोनों बाहर आए और करन कार में बैठते हुए बोला: कल चारु को भेज देना यार । जैसा तुमने कहा है हो जाएगा।

वो चला गया और राजीव भी घर के लिए वक ऑटो कर लिया। रास्ते में वो सोच रहा था कि कल चारु के साथ पता नहीं क्या होगा?

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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

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घर पहुँचकर राजीव अपने कमरे में जाकर कपड़े बदला और फिर पता नहीं क्यों या शायद नशे की वजह से वो लड़कियों के कमरे की ओर गया। वो खिड़की से पर्दा हटा कर झाँका और देखा कि दोनों बहने सो रही हैं। मुन्नी की एक टाँग नींद में अपनी बहन की टाँग पर चढ़ी थी और इसी कारण उसका स्कर्ट ऊपर को हो गया था और उसकी मस्त दूधिया मांसल जाँघे और चूतर की गोलाइयाँ पैंटी से बाहर झाँकती दिख रही थीं। राजीव का लंड लूँगी में बड़ा होने लगा। फिर वो चारु को देखा और वो भी करवट सो रही थी। उसका गाउन भी ऊपर चढ़ गया था और उसकी भी जाँघें गदराई हुई साफ़ दिख रही थी। वो अपना लंड मसलता हुआ मालिनी के कमरे में गया और देखा कि वो और शिवा सो रहे थे

राजीव ने धीरे से मालिनी को हिलाया तो वो आँख खोली और बोली: पापा आप अभी आए क्या?

राजीव: हाँ तुम सो गयी थी क्या?

मालिनी: बस नींद आने ही वाली थी। कहिए क्या बात है?

राजीव उसका हाथ पकड़कर लूँगी के अंदर से अपना लंड पकड़ाकर बोला: बस बेटी ये तंग कर रहा है तो सोचा कि शायद तुम जाग रही होगी तो इसका कुछ कर दोगी।

मालिनी: शिवा, आप जाग रहे हो क्या?

शिवा: हाँ अभी नींद खुली है। बोलो क्या कहना है?

मालिनी: मैं पापा का यहाँ चूसूँ या उनके कमरे में चले जाऊँ?

शिवा: यहीं चूस लो अब तो मैं भी जाग ही गया हूँ।

राजीव वहीं बिस्तर पर अपनी लूँगी निकाल कर बैठ गया। वो पलंग के हेड रेस्ट से टिक कर बैठ गया। उसका लम्बा मोटा लौड़ा उत्तेजना वश ऊपर नीचे हो रहा था। अब मालिनी करवट ली और नीचे होकर उसके लौड़े को मुँह में लेकर तरीक़े से चूसने और चाटने लगी। शिवा उठकर बाथरूम गया और आकर बिस्तर पर बैठ कर अपनी बीवी को अपने बाप का लौड़ा चूसते देखने लगा। अब उसका लौड़ा भी खड़ा हो चुका था। उसने मालिनी का गाउन उठाया और उसकी गाँड़ की दरार में अपना लौड़ा फँसा दिया और रगड़कर मस्ती से आऽऽऽऽह करने लगा। वो मालिनी के मुँह को भी पीछे से देख रहा था जो पापा के लौड़े पर ऊपर नीचे हो रहा था। मालिनी की गाँड़ के छेद से उसका लंड बार बार घिस रहा था। मालिनी ने पति के लंड को अपनी जाँघों में फ़ाँसा और मज़े से गाँड़ और मुँह हिलाने लगी। क़रीब १५ मिनट के बाद दोनों बाप बेटा आऽऽऽऽऽऽह ह्म्म्म्म्म कहकर झड़ने लगे। मालिनी राजीवकी मलाई पूरी खा गयी। शिवा भी उसकी गाँड़ की दरार में रस छोड़ा और उठकर बाथरूम चला गया। राजीव ने वहाँ रखे तौलिए से मालिनी की गाँड़ पोंछी जहाँ शिवा का रस भरा हुआ था। तभी शिवा बाहर आया और बोला: पापा आप क्यों साफ़ किए ? मैं आकर साफ़ कर देता ना।

राजीव मुस्कुरा कर बोला: हमारी रानी बिटिया की गाँड़ गंदी थोड़े रहने देंगे।

इस पर सब हँसने लगे। फिर राजीव अपने कमरे में सोने चला गया।

अगले दिन राजीव ने शिवा को कार छोड़ने को कहा और कार में चारु को करन के कोलेज ले गया । आज चारु ने जींस की पैंट और टॉप पहना था। बड़ी ही मस्त दिख रही थी काले टॉप में। उसका दूधिया रंग मस्त खिल रहा था। वहाँ पहुँचकर वो बोला: बेटी वो तुमको अकेले बुलाया है। मैं सामने इसी कैंटीन में बैठा हूँ। तुम उसे ये ना बोलना कि मेरे साथ आयी हो।

चारु: ठीक है अंकल मैं उनके ऑफ़िस जाती हूँ। वो अपना फ़ोल्डर लेकर चली गयी। राजीव उसको जाते देखते रहा और उसकी जींस में कसी गोलाइयों को देखकर अपना लंड मसला और सोचा कि इस मासूम बिटिया का आज जीवन की सच्चाई से सामना होगा। वो जाकर कैंटीन में बैठ गया।

उधर चारु पहली बार अकेले इस तरह कोलेज में जा रही थी। वह पूछकर करन साहब के ऑफ़िस पहुँची और वहाँ जाकर एक आदमी से बोली: करन सर से मिलना है।

वो: आपोईंटमेंट है क्या?

चारु : हाँ हाँ बोलना चारु आयी है।

चपरासी अंदर गया और बाहर आके बोला: जाइए साहब बुला रहे हैं।

चारु अंदर गयी तो वहाँ करन एक सोफ़े पर बैठा था । ये ऑफ़िस रेग्युलर ऑफ़िस नहीं था। बल्कि एक ड्रॉइंग रूम जैसे था। करन को देखकर उसने नमस्ते की और वो उसके सामने वाले सोफ़े पर बैठ गयी। करन ने मुस्कुरा कर उसका स्वागत किया और बोला: बेटी अकेले आने में कोई परेशानी तो नहीं हुई?

चारु ने झूठ बोला: नहीं अंकल कोई परेशानी नहीं हुई।

उसके बाद करन ने उसे फ़ोल्डर दिखाने को कहा और वो उठकर फ़ोल्डर लेकर उसके पास आइ । वो बोला: बेटी यहीं पास में बैठ जाओ। वो उसके पास बैठ गयी। वो फ़ोल्डर देखने का नाटक किया और बोला: ऐसा करता हूँ इसे एक और ट्रस्टी के पास भेजता हूँ । देखें वो क्या बोलता है? फिर उसने चपरासी को घंटी बजाकर बुलाया और उसको फ़ाइल सतनाम साहब को देने को बोला। फिर वो सतनाम को फ़ोन लगाया और बोला: यार एक लड़की का फ़ोल्डर भेज रहा हूँ। उसके नम्बर थोड़े कम हैं । ज़रा उसका अड्मिशन मैनज्मेंट के कोटे से करना है । बहुत प्यारी बच्ची है और जान पहचान वाले की है। थोड़ा देख कर बताओ।

फिर वो चारु से बोला: देखो मैंने कह तो दिया है। ।देखते हैं क्या होता है?

चारु: थैंक्स अंकल ।

करन: वैसे बेटी एक बात बताओ कि तुम्हारे नम्बर कम क्यों आए हैं? पढ़ाई में ध्यान नहीं देती क्या?

चारु: नहीं अंकल ऐसा नहीं है। मैं तो सोच रही थी कि मेरे नम्बर काफ़ी अच्छे हैं। पता नहीं आप क्यों ऐसा कह रहे हैं कि नम्बर कम हैं?

करन: अरे बेटा कॉम्पटिशन बहुत बढ़ गया है। तुम्हारे नम्बर तो कम से कम २% कम हैं कट ऑफ़ से । चलो देखते हैं क्या हो सकता है? वैसे कोई BF का भी चक्कर है क्या?

चारु शर्मा कर: नहीं अंकल मेरा कोई BF नहीं है।

करन: ओह चलो सतनाम को बोल तो दिया है , थोड़ा इंतज़ार करो।

चारु मुँह उतार कर: ठीक है अंकल।

करन: अच्छा बेटी पढ़ाई के अलावा और क्या शौक़ है?

चारु: कुछ ख़ास नहीं अंकल बस मूवीज़ और म्यूज़िक का शौक़ है।

करन: डान्स का शौक़ भी तो होगा?

चारु: वो बस ऐसे ही थोड़ा बहुत शास्त्रीय डान्स सीखा है।

करन : वाह वाह बढ़िया। चलो कुछ हमें भी दिखाओ। मुझे कलाकार बहुत पसंद है।

चारु: पर सर यहाँ कैसे? कोई आ गया तो कितना अजीब लगेगा?

करन: अरे कोई नहीं आएगा। चलो मैं दरवाज़ा अंदर से बंद कर देता हूँ। जब तक सतनाम का फ़ोन आता है तुम अपना डान्स दिखाओ ना।

यह कहकर वो कमरे का दरवाज़ा बंद कर दिया और आकर सोफ़े पर बैठ गया।

चारु झिझकती हुई खड़ी हुई और वो कमरे के बीच में आकर खड़ी हुई और फिर ता ता थैया गाते हुए नाच दिखाने लगी। करन की आँखें उसके बदन से चिपकी हुई थी। वो कमीना कहाँ इस तरह के डान्स को समझता था। वो तो उसके बदन के एक एक उभार और कटाव को देखकर मस्ती से भर रहा था। उसके पैंट के ऊपर एक बड़ा सा उभार बन गया था।

जब डान्स दिखाकर वो हाँफते हुए रुकी तो उसकी छातियाँ ऊपर नीचे होकर ग़ज़ब का दृश्य प्रस्तुत कर रही थीं । अब करन उठा और जाकर चारु को दोनों बाहों से पकड़ा और बोला: वाह बेटी क्या शानदार पेरफोमेंस दिया तुमने । वह ये कहते हुए उसकी बाँह सहलाने लगा और उसकी उँगलियाँ साइड से उसकी चूचियों से रगड़ने लगीं। फिर वो उसके गालों को अपने दोनों हाथों में भर लिया और झुककर उसका माथा चूमा और बोला: वाह मुझे तुम्हें कुछ इनाम देना चाहिए। बोलो क्या दूँ?

चारु: जी जी मुझे कुछ नहीं चाहिए बस मेरा अड्मिशन करवा दीजिए।

करन उस पर झुका और उसके गाल चूम लिया और बोला: अरे वो तो हो ही जाएगा। मैं तुमको कुछ और भी देना चाहता हूँ। अब वो ये कहते हुए उसको अपनी बाहों में भरा और उसके कंधे चूमकर बोला: बहुत बड़ी कलाकार हो। मैं तुमको कोलेज में भी स्टेज में मौक़ा दिलाऊँगा अपने नृत्य प्रदर्शन का।

चारु के मन में एक दबी इच्छा थी कि वो कभी स्टेज में सबको अपना नृत्य दिखाए। वो बहुत ख़ुश होकर बोली: थैंक्स अंकल मुझे भी बहुत मन है स्टेज परफ़ोरमेंस का।

करन को उसकी कमज़ोरी का पता चल गया। वो बोला: वाह चलो ये बढ़िया हुआ। मैं तुम्हारे अकेले का प्रोग्राम रखाऊँगा कोलेज में। अब वो उसका हाथ पकड़कर सोफ़े पर बिठाया और उसका हाथ अपने हाथ में लेकर सहलाते हुए बोला: बेटी कुछ और भी मन में है तो बताओ। मैं तुम्हारी जैसी प्यारी सी बिटिया के लिए कुछ भी कर सकता हूँ।

चारु अनजाने में जाल में फँसती गयी और बोली: अंकल मैं बड़े लेवल पर अपना पर्फ़ॉर्मन्स दिखाना चाहती हूँ।

करन बड़े प्यार से उसके हाथ को सहलाता हुआ बोला: बेटी तुम चाहोगी तो मैं इस शहर के सबसे ऑडिटॉरीयम में तुम्हारा परेफ़ोरमेंस करवा दूँगा। वो उसके कंधे पर हाथ रखा और उसके कंधे और बाँह को सहलाने लगा।

चारु उत्तेजित होकर: सच अंकल? मैं बहुत प्रैक्टिस करूँगी और बहुत अच्छा प्रोग्राम दूँगी।

करन: बिलकुल बिटिया बहुत अच्छा प्रोग्राम देना । तुम्हारा तो बड़ा नाम होगा पर इस अंकल को क्या इनाम दोगी?

चारु: अंकल मैं भला आपको क्या दे सकती हूँ?

करन: अरे आओ मेरी गोद में बैठकर एक पप्पी ही दे दो। वो तो दे सकती हो ना ।

चारु शर्मा कर उठी और उसकी गोद में बैठ गयी। करन को विश्वास नहीं हुआ कि ये लड़की स्टेज की इतनी दीवानी है। वो उसको अपनी बाँह में भरा और उसके गाल चूमे और बोला: बेटी जब तुम बहुत बड़ी और सफल कलाकार हो जाओगी तो इस अंकल को पहचानोगी कि नहीं?

चारु : अंकल मैं आपकी हमेशा अहसानमंद रहूँगी।

अब वो उसके गाल चूमते हुए उसके कंधे कान और फिर नाक और आख़िर में उसके होंठ चूमा। चारु सिहर उठी। उसका यह पहला अनुभव था। वो थोड़ा सा झिझकी। पर करन तो उसके होंठ चूसे ही जा रहा था। अब चारु को अपने निपल्ज़ कड़े होते हुए महसूस हुए और वो आँख बंदकर अपने होंठ चूसवाने लगी। जब करन ने देखा कि चारु गरम हो रही है तो वो हिम्मत करके उसके एक दूध पर हाथ रखा और मानो उसे टटोला और उसके ब्रा के ऊपर से उसके निपल को हल्के से दबाया। अब चारु की सिसकी निकल गयी। करन का हौसला बढ़ा और वो उसकी एक चूचि हल्के से दबाने लगा। करन ने अपनी दोनों जाँघे सटाई हुई थी जिसमें उसका लंड फँसा हुआ था। अब वो अपनी जाँघें अलग किया और उसका लंड पैंट के ऊपर से तंबू बनाया। अब वो चारु की दोनों बग़लों में हाथ डाला और उसे ऊपर किया और फिर सीधे अपने लंड पर बिठा लिया। चारु को अपनी गाँड़ के नीचे एक कड़ी चीज़ का अहसास हुआ और वो जवान लड़की समझ गयी कि ये क्या हो सकता है? तभी बिना समय गँवाये करन उसकी दोनों चूचियाँ दबाने लगा आहिस्ते आहिस्ते से । अब चारु मज़े के सागर में डूबने लगी और अपनी आँख बंद कर ली। वो सोची कि उफफफफ क्या अहसास है? नीचे से तंबू अब उसकी जींस की दरार में घुसा जा रहा था और उसकी कुँवारी बुर में हलचल मचने लगी थी और वो मानो आँसू बहाने लगी थी। अब करन पीछे से उसका कंधा चूमते हुए उस मासूम लड़की को जवानी का पाठ पढ़ा रहा था।
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

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तभी दरवाज़े में खट खट हुई और चारु घबरा कर उसकी गोद से उठी और वो भी उठा और बोला: अरे बेटी घबराओ मत । देखता हूँ कौन है?

इसके बाद वो चारु के सामने बड़ी बेशर्मी से अपना खड़ा लंड ऐडजस्ट किया और चारु का चेहरा शर्म से लाल हो गया । वो उसकी ये हरकत को ग़ौर से देखी थी। फिर वो मुस्कुरा कर उसके गाल चूमा और जाकर दरवाज़ा खोला। सामने चपरासी खड़ा था और उसके हाथ में चारु का फ़ोल्डर था। वो बोला: आप सतनाम साहब से बात कर लो वो ऐसा बोले हैं।

चपरासी के जाने के बाद करन ने दरवाज़ा बंद कर दिया और आकर चारु के साथ सट कर बैठ गया और फ़ोल्डर खोला और फिर सतनाम को फ़ोन लगाया: हेलो हाँ भाई बोलो।

सतनाम: यार मैंने तो उसका अड्मिशन ओके कर दिया है। पर उसकी फ़ोटो देखकर मन डोल गया है। यार तू तो साला पक्का मज़ा ले रहा होगा। मेरा भी काम बना दें ना यार।

करन: यार ये भी कोई पूछने की बात है। तेरा भी काम बन जाएगा। थोड़ी ठंड रख अभी। अच्छा बाई और थैंक्स।

फिर वो चारु को प्यार से देखा और बोला: बेटी बधाई हो तुम्हारा अड्मिशन हो गया। देखो सतनाम ने साइन कर दिया और ये लो मैंने भी साइन कर दिया। ये कहकर वो भी साइन कर दिया। अब वो बोला: बधाई हो बेटी । आओ थोड़ा सा प्यार कर लें। ये कहकर वो उसे हल्के से अपनी गोद में खिंचा और वो चुपचाप आकर उसके लंड के ऊपर बैठ गयी। अब वो बिना हिचकिचाए उसके गाल चूमने लगा और उसकी चूचियाँ दबाने लगा । और हाँ इस बार उसने अपने हाथ का दबाव थोड़ा बढ़ा दिया था। और वो आऽऽऽऽह अंकल कर उठी। अब वो उसकी गाँड़ को अपने लंड पर दबा रहा था और गाल और होंठ चूसते हुए उसकी चूची मसल रहा था। चारु को लगा कि वो मस्ती से पागल हो जाएगी। उसकी पैंटी गीली होने लगी थी। अब वो आऽऽऽऽह करने लगी। उसे लंड की रगड़ जींस के ऊपर से अपनी गाँड़ और बुर में महसूस हो रही थी। ना चाहते हुए भी उसकी कमर हिलने लगी थी। उसे वो रगड़न बहुत मस्त लग रही थी। अब करन ने उसका टॉप उठाया और उसकी ब्रा के ऊपर से वो उसकी चूचियाँ दबाने लगा।

चारु ने अपना हाथ टॉप पर ले जाकर उसे नीचे कर दिया और बोली: आऽऽऽह अंकल नहीं कपड़े मत उतारिए। प्लीज़।

करन: बेटी मैंने उतारे कहाँ ? मैं तो सिर्फ़ थोड़ा ऊपर किया था। उसने फिर से टॉप को उठाया और उसकी चूचियाँ ब्रा के ऊपर से ही मसलने लगा। उफफफफ क्या अमरूद की तरह सख़्त चूचियाँ थीं । अब उसने एक हाथ नीचे लेज़ाकर उसकी बुर की जगह को जींस के ऊपर से ही पंजे में लेकर दबाना शुरू किया। वो मस्ती से अपनी कमर हिलाने लगी। अब करन ने उसकी जींस का जीप खोला और अपना एक हाथ उसकी ओपनिंग में डाल दिया। उसने सीधे एक ही झटके में अपना हाथ उसकी पैंट से होते हुए उसकी पैंटी के अंदर डाल दिया। अब उसका हाथ उसकी झाँटों से भरी बुर में चला गया। वो अपनी उँगलियों से उसकी झाँटें सहलाया और बोला: बेटी, बहुत झाँटें बढ़ा रखीं हैं? साफ़ नहीं करती क्या?

चारु शर्माकर: आऽऽऽऽह अंकल हाथ निकाल लीजिए ना प्लीज़ ।

करन: बस अभी निकाल लेता हूँ। आऽऽऽहहह कितनी गीली हो रही है तुम्हारी बुर। वो अपनी ऊँगली उसकी बुर में चला कर बोला : बेटी झाँटें साफ़ किया करो। तभी तो इसे प्यार करने का मज़ा आएगा। कैसे साफ़ करती हो?

चारु: आऽऽऽह अंकल कैंची से साफ़ करती हूँ। आऽऽऽहहह।

करन एक ऊँगली उसकी क्लिट पर चलाकर: बेटी, क्रीम का इस्तेमाल करो और बिलकुल चिकनी रखो तभी तो पूरा मज़ा आएगा जब मैं इसे प्यार करूँगा। ठीक है ना? अब वो भी अपना लंड उसकी गाँड़ में रगड़ने लगा और मस्ती से भर कर आऽऽऽऽह्हा बेएएएएएएएटी कहकर अपनी पैंट में झड़ने लगा।

चारु अपनी कमर हिलाकर: आऽऽऽऽऽऽहहह अंकल उइइइइइइइ हाऽऽवायययय । जीइइइइइइ ठीइइइइइइक है। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ ।

तभी करन का पूरा हाथ भीग गया। जवान लड़की अपना फ़ौवारा छोड़ दी। अब करन ने अपना गीला हाथ बाहर निकाला और हाँफती हुई चारु को दिखाकर उसे चाटने लगा। चारु की आँखें हैरानी से फैल गयीं और वो बोली: छी ये आप क्या कर रहे हैं।

करन मुस्कुरा कर बोला: बेटी शहद चाट रहा हूँ। मस्त स्वाद है और क्या ख़ुशबू है। वैसे मेरी पैंट भी भीग गयी है। वो सामने से लंड के ऊपर से गीलापन दिखाकर बोला: बेटी मैं भी इसके सामने अपना ब्रीफ़ केस रख कर छिपाऊँगा। वो अपनी ऊँगली फिर से चाटा।

चारु: छी क्या कह रहे हैं? गंदी जगह की चीज़ गंदी ही होगी ना।

करन: बेटी ये तो स्वर्ग का द्वार है। ये कैसे गंदी हो सकती है। बस अगली बार तुम झाँटें साफ़ करना क्रीम से फिर देखकर कैसा मज़ा देता हूँ। यह कहते हुए उसने चारु की जींस की जीप बंद कर दी। चारु की जींस थोड़ी गीली हो गयी थी नीचे से जैसे उसने पिशाब कर दिया हो।

चारु: अंकल देखिए ना पूरी गीली दिख रही है। उफफफ लोग क्या सोचेंगे?

करन: अरे बेटी वो नीचे की तरफ़ है। खड़ी हो जाओ। देखो वो तुम्हारी जाँघों के बीच छिप गयी ना। बेकार परेशान हो रही हो।

फिर वो भी खड़ा हुआ और उसको अपनी बाँहों में भरकर बोला: बेटी सच बताओ। मज़ा आया कि नहीं?

चारु शर्माकर: आया तो पर अंकल यह ग़लत है। अब आप ऐसा फिर नहीं करिएगा। प्लीज़ ।

करन उसके होंठ चूमते हुए उसकी गोल गोल गाँड़ को जींस के ऊपर से दबाकर बोला: उफफफ क्या मस्त गाँड़ है। वैसे बेटी ये तो ट्रेलर था असली पिक्चर तो अभी बाक़ी है।

चारु अपने आप को छुड़ाती हुई बोली: उफफफ अंकल छोड़िए ना प्लीज़ । घर जाना है देर हो रही है।

करन: अच्छा लो अपना फ़ोल्डर । अब बताओ कब मिलोगी? तुम्हारे स्टेज शो की भी प्लानिंग करनी है ना? एक काम करो मोबाइल नंबर दे दो ताकि मैं प्रोग्राम की प्लानिंग करके तुमको बता दूँ।

फिर दोनों ने एक दूसरे के नम्बर शेयर किए। जाने से पहले करन ने एक बार और उसको पकड़कर चूमा और उसकी चूचियाँ और गाँड़ दबाकर कहा: बाई बेटी फिर मिलते हैं।

चारु बाहर आयी और उसने फ़ोल्डर अपनी बुर के सामने रखा ताकि उसकी गीली पैंट किसी को ना दिखे।

उधर उसके बाहर जाते ही करन ने राजीव को फ़ोन लगाया और कहा: भाई आपका काम हो गया। आज इस कुँवारी जवानी को मैंने सेक्स का पहला पाठ पढ़ा दिया है। फिर वो उसके साथ हुए पूरे घटना क्रम के बारे में उसे बताया। राजीव पूरा सुनकर बोला: तो वो झड़ गयी? वाह यार कमाल कर दिया। थैंक्स यार । मैं तुमसे बाद में बात करूँगा वो आती दिख रही है।

जब वो कैंटीन के पास पहुँची तो वहाँ उसे राजीव मिला और उसे देखकर वो बाहर आया और दोनों कार में बैठे। राजीव ने नोटिस किया था कि वो फ़ोल्डर को सामने रखकर कुछ छिपा रही है। उसे पता था कि वो क्या छुपा रही है। वो मन ही मन मुस्कुराया।

राजीव: बेटी अड्मिशन हो गयी?

चारु: जी अंकल हो गयी। थैंक्स ।

राजीव: मेरा दोस्त है ही ऐसा। उसने मदद की ना?

चारु का चेहरा करन की हरकतों को याद करके लाल हो गया और वो बोली: जी अंकल ने पूरी मदद की।
फिर मन में सोची और क्या क्या किया वो आपको कैसे बताऊँ?

राजीव उसको तिरछि निगाहों से देखते हुए बोला: अंकल अच्छे हैं ना?

चारु लाल होकर: जी जी अच्छे हैं। वो मुझे स्टेज पेरफ़ोरमेंस में भी मदद करेंगे। मैं क्लासिकल डान्स सीखी हूँ ना।

राजीव: वाह ये तो बढ़िया रहेगा । आज हमको भी घर में दिखाना अपना डान्स । ठीक है ना?

चारु: आज नहीं कल दिखाऊँगी। आज थक गयीं हूँ।

राजीव मुस्कुराया कि उँगलियों से झड़ कर ही इतना थक गयी हो। जब चुदाई होगी तो क्या करोगी?
वो मज़े से बात करते हुए घर पहुँचा ।
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Re: बहू नगीना और ससुर कमीना

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घर पहुँचकर सबसे पहले चारु कॉमन बाथरूम में गयी। उसके वाले बेडरूम में अटैच बाथरूम नहीं था । वो जाकर अपनी जींस और पैंटी उतारी । फिर उसने देखा कि दोनों भीगीं हुईं थीं। उसने उनको वॉशिंग मशीन में डाला और स्कर्ट और धुली पैंटी पहनकर वो बाहर आयी। राजीव की आँखें उसका पीछा कर रहीं थीं। वो समझ गया कि उसने कपड़े क्यों बदले है। वो उठकर उसी बाथरूम में गया और जाकर वॉशिंग मशीन में उसकी जींस और पैंटी को देखा और बाहर निकाल कर उसकी पैंटी की सामने की गीली जगह को सूँघा और मस्ती से सोचा कि आऽऽह क्या मस्त बास है। तभी उसने उसमें कुछ बाल लगे देखे तो वो समझ गया कि करन के हाथों ने जब छेड़ा होगा तो कुछ बाल टूट कर शायद गिर गए होंगे। वो नरम बालों को सहलाया और अपना खड़ा लंड दबाकर सोचा कि चलो काम शुरू हो गया है। अब वो बाहर आया और आकर मालिनी को खाना लगाने को बोला ।

खाना खाते हुए उसने चारु से पूछा: बेटी करन ने तुम्हें कुछ खिलाया कि नहीं ?

चारु: नहीं अंकल वो कुछ नहीं खिलाए। वो सोची बस सब जगह दबाए।

राजीव सोचा कि अब जल्दी ही वो तुमको लंड खिलाने के चक्कर में होगा। वो मन ही मन सोचा कि देखो ऊँट किस करवट बैठता है। मुन्नी बोली: दीदी कैसा कोलेज है। एक बार मुझे भी ले जाकर दिखाओ ना।

चारु: नहीं अभी नहीं । पहले मैं तो वहाँ कुछ दिन पढ़ लूँ फिर ले जाऊँगी। वो सोची कि मुन्नी को देखकर कहीं करन अंकल उसके साथ भी वो सब ना कर बैठें जो उसके साथ किए हैं।

खाना ख़त्म होने के बाद सब थोड़े देर टी वी देखे और फिर अपने अपने कमरे में आराम करने चले गए। बिस्तर पर पड़ी हुई चारु उन लमहों को फिर से जीने लगी जो करन अंकल के साथ उसने कुछ घंटे पहले बिताए थे। उफफफ क्या जादू था अंकल के हाथों में। उसने देखा कि मुन्नी सो गयी थी । उसका हाथ अपनी चूचियों पर चला गया और वो उनको दबाने लगी। फिर वो याद की कैसे अंकल ने उसकी पैंटी में हाथ डालकर उसे पागल कर दिया था। उसका हाथ अपनी पैंटी में चला गया और वो अपनी उँगलियाँ बुर पर चलाने लगी। अब उसकी घुटी हुई सिसकियाँ निकलने लगीं और वो अपनी गाँड़ हिलाकर मस्ती से सी सी करके झड़ने लगी। जो उसे पता नहीं था वो ये था कि उसकी इस हरकत का एक दर्शक भी था जो खिड़की से झाँक कर उसकी जवानी का मज़ा ले रहा था। राजीव ने भी अपना लौड़ा लूँगी से बाहर किया हुआ था और सड़का मार रहा था। वो भी उस कुँवारी जवानी के मस्ती में झड़ते हुए बदन को देखता हुआ ख़ुद भी अपने हाथ में झड़ गया। उसने अपना रस लूँगी में ही पोछा और मुस्कुरा कर बाथरूम में चला गया।

उस दिन और कुछ ख़ास नहीं हुआ। अब वो अपनी योजना का अगले लेवल का सोचा और अपनी आलमारी से एक पुराना फ़ोन निकाला और उसमें एक नया सिम कार्ड डाला और फ़ोन चालू करके उसमें कुछ नंगी फ़ोटो डाली । उन फ़ोटो में सिर्फ़ लड़की के नंगे अंग दिख रहे थे जिसे मर्द चूस या चाट रहे थे। ताज़ा जवान हुई कमसिन लड़की के अमरूद और चिकनी बुर का मज़ा लेते हुए मर्द और उनके बड़े लौड़े चूसती हुई लड़कियाँ उन फ़ोटो में थीं । उसने ये फ़ोटो चारु के फ़ोन में भेज दीं। ये उसकी योजना का अगला पड़ाव था। वो सोचा कि अगर चारु ने शिकायत की तो इसका मतलब होगा कि वो अभी पूरी तरह तय्यार नहीं है। और अगर वो चुप रही तो मामला आगे बढ़ाया जाएगा।

चारु सोकर उठी तो मोबाइल चेक की। वो फ़ोटो देखकर चौंक गयी। उफ़्फ़्फ़क कितनी गंदी फ़ोटो थीं । उसका फ़ोन मुन्नी भी इस्तेमाल करती थी इसलिए वो फ़ोटो को कई बार अच्छे से देखी और बड़े बड़े लौड़े देखकर वो डर सी गयी। फिर उसने फ़ोटो डिलीट कर दी। उसे अपनी पैंटी में फिर से गीलापन महसूस हुआ और उसके निपल्ज़ की घुंडियाँ भी तन गयीं। वो सोची ये किसका काम हो सकता है? शायद करन अंकल का? तभी उसको करन अंकल का मेसिज आया और उन्होंने लिखा: कैसी हो प्यारी बिटिया? तुम्हारी याद आ रही है। और हाँ बाल साफ़ करना मत भूलना। मैं तुम्हारे स्टेज पर्फ़ॉर्मन्स की डेट तय करने वाला हूँ। अच्छी तरह से प्रेक्टिक्स कर लो।

चारु ने लिखा: जी अंकल। थैंक्स।

करन: मुझे याद कर रही हो या नहीं?

चारु: अंकल आज तो आपसे मिली ही थी।

करन: अरे बेटी मेरा मतलब है आज जो मैंने तुमको प्यार किया वो मिस कर रही हो कि नहीं?

चारु: अंकल प्लीज़ ये सब मत लिखिए मुझे शर्म आ रही है।

करन: अच्छा चलो बाई। और हाँ ये मेसिज डिलीट कर देना। और हाँ बाल साफ़ ज़रूर कर लेना।

चारु: जी अंकल कर लूँगी। बाई।

चारु ने सोयी हुई मुन्नी को देखा और वह अपने हाथ से अपनी पैंटी के ऊपर से अपनी बुर को खुजा बैठी । उफफफफ ये उसे क्या होता जा रहा है? ये करन अंकल भी कितनी बेशर्मी से मुझे नीचे के बाल साफ़ करने को बोल रहे हैं। आऽऽऽऽह मुझे तो पता नहीं कि क्रीम भी कहाँ से लाऊँगी। फिर वो सोची कि मालिनी दीदी को पूछती हूँ।

शाम को मालिनी जब किचन में चाय बना रही थी तो चारु उसके पास खड़ी उसकी मदद कर रही थी। उसने मौक़ा देखा और पूछी: दीदी, आजकल मुझे नीचे खुजाल मचती है। क्या करूँ?

मालिनी: अच्छा ऊपर या अंदर?

चारु: दीदी ऊपर ही। शायद बाल ज़्यादा हो गए हैं । वो शर्मा कर बोली।

मालिनी मुस्कुराई और बोली: इसमें शर्माने की क्या बात है। मेरे बाथरूम में वीट क्रीम है। कल सुबह नहाने के पहले लगा लेना और थोड़ी देर बाद रुई से पोंछ लेना। सब बाल निकल जाएँगे और तुम्हारी वो मस्त चिकनी हो जाएगी। वैसे अभी तक कैसे करती थी?

चारु: दीदी कैंची से छोटे कर लेती थी। पर अब ज़्यादा ही बढ़ गए हैं।

मालिनी मुस्कुरा कर बोली: चलो कोई बात नहीं कल साफ़ कर लेना।

फिर चारु सबके लिए चाय लाई। राजीव की आँखें चोरी छुपे उसकी जवानी को तौल रही थी। वो बोला: और चारु सब ठीक है? अब करन से कब मिलोगी? वो तो स्टेज पर्फ़ॉर्मन्स की बात कर रहा था ना?

चारु सोचने लगी कि क्या क्या मेसिज भेज रहे हैं ? बाल काटने वाला? उफफफ अंकल भी ना। वो बोली: हाँ , पर मुझे भी तो प्रैक्टिस करनी होगी। दीदी यहाँ कोई क्लासिकल डान्स सिखाता है क्या?

राजीव: हाँ बेटी मैं एक गुरुजी को जानता हूँ। वो सिखा देगा तुमको। यही पास में रहता है।

चारु ख़ुश होकर: ठीक है अंकल प्लीज़ बात कर लीजिए ना उनसे । मैं सीख लूँगी और मेरी प्रैक्टिस भी हो जाएगी।

राजीव मन ही मन में सोचा कि हाँ बिलकुल प्रैक्टिस होगी पर सिर्फ़ डान्स की नहीं और भी चीज़ों की। वो बोला: हाँ हाँ क्यों नहीं बेटी, बात करके बताता हूँ।

बाद में राजीव ने अपने कमरे में जाकर अपने दोस्त सतीश से बात की : हाय सतीश, वो तेरी बहु को डान्स सिखाता था ना वो एक गुरु जी? उसका नम्बर है क्या?

सतीश: अरे वो साला बड़ा कमीना है। बहु को डान्स सिखाने के बहाने वो उसको छेड़ने लगा। बहू ने शिकायत की तो बेटे ने जाकर उसकी पिटाई कर दी।

राजीव: यार थोड़ा अर्जेन्सी है उसका नम्बर दे दे । मैं ख़ुद वहाँ मौजूद रहूँगा तब तो वो बिटिया के साथ गड़बड़ नहीं कर पाएगा ना?

सतीश: हाँ ये ठीक रहेगा। मैं अभी नम्बर भेज देता हूँ।

राजीव ने नम्बर मिलने के बाद गुरुजी को फ़ोन किया: गुरुजी मैं राजीव बोल रहा हूँ। मुझे अपनी भतीजी को क्लासिकल डान्स सिखाना है। आपसे कब मिलूँ?

गुरुजी: आप कल सुबह आ जायीये । बच्ची की उम्र क्या होगी?

राजीव: यही १८ के आसपास।

गुरुजी: ओह ठीक है आप ले आइए।

राजीव ने ठीक है कहकर फ़ोन रख दिया।

सुबह से चारु उठी तो करन का मेसिज आया हुआ था: GM बेबी कैसी हो? रात को मुझे मिस की क्या? और हाँ आज बाल साफ़ ज़रूर कर लेना।

वो सोची कि क्या अंकल हैं । हर समय मेरे बालों के पीछे पड़े रहते हैं। वो लिखी: GM जी साफ़ कर लूँगी।

शिवा के दुकान जाने के बाद वो मालिनी के बाथरूम में गयी और वहाँ से वीट क्रीम लेकर आयी और बाथरूम में घुस गयी। फिर उसने मालिनी के कहे अनुसार अपनी झाँटें साफ़ की। नहाते हुए वो अपनी बुर सहलाई और महसूस करी कि सच में कितनी चिकनी लग रही है। फिर वो नहा कर बाहर आइ।

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