Incest जिंदगी के रंग अपनों के संग

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rangila
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Re: Incest जिंदगी के रंग अपनों के संग

Post by rangila »

निशा-क्या बात है आज हमारी याद कैसे आ गयी.

में-याद आई नही तुम ने मजबूर किया.

निशा-क्या सच में मुझे तो लगा था कि…

में-वो हेलो मिस तुम कुछ और सोचो उस से पहले ही क्लियर कर दूं कि अभी अभी रवि का कॉल आया था और वो कोई ट्रिप प्लान कर रहा है ऑल फ्रेंड्स+फॅमिली तो तुम को भी इन्वाइट किया है वैसे भी तुमारा प्रॉमिस बाकी है डेट का तो क्या कहती हो ओके है.

निशा-तुम हो ट्रिप में या नही.

में-मेरे से तुम्हे क्या लेना है.वैसे बता दूं कि में उस का भाई और दोस्त दोनों हूँ तो जाहिर से बात है कि मेरा होना तो तय है.

निशा-ओके डन में भी चल रही हूँ.कब चलना है और कितनी दिन का ट्रिप है.

में-कल निकलना है और शायद तीन से चार दिन का ट्रिप है.

निशा-ये तो बता दो कि कहाँ का ट्रिप है .

में-में अब कुछ नही बताने वाला या तो तुम खुद उसे कॉल कर लो या आज शाम को सिटी माल में मिल के उस से पता कर लो हम
सब शॉपिंग के लिए आज सिटी माल में मिलने वाले है.

निशा-ओके तो शाम को मिलते है.

में-ठीक है बाद में बात करते है ओके बाइ.

और मैने फोन काट कर दिया .और कोई 1मिनट बाद ही रवि का फोन आ गया उस को सब बात बता के फोन रख के थोड़ा आराम करने की कोशिश करने लगा.फिर पता ही नही चला कि मेरी आख कब लग गयी मुझे तो जब होश आया जब मुझे कोई हिला के उठा रहा था.मैने बड़ी मेहनत से अपनी आखे खोल के देखा तो गुड़िया मुझे उठा रही थी आज लाइफ में पहली बार मुझे किसी ने बिना पानी के उठाया
था मैने सोचा कि में सपना देख रहा हूँ और में फिर से सोने लगा .तभी कोई मेरे लेफ्ट कान को काटने लगा तब मुझे याद आया कि यार
सपने में दर्द नही होता इसका मतलब ये रियल है और दोस्तो क्या बताऊ क्या चीख निकली मेरी दर्द के मारे की में बता नही सकता.

में-तू रुक कोई ऐसे भी जागता है इससे तो अच्छा पानी ही डाल देती.

गुड़िया -तो में क्या करती पिछले 15 मिनट से उठा रही हूँ और वैसे भी पानी का आइडिया पुराना है.

में-तू रुक तुझे अभी बताता हूँ.

गुड़िया -अगर मुझे कुछ किया ना तो में चिल्ला दूँगी और जिया दी नीचे ही है फिर आपको कौन बचाएगा आप का तो कोई बड़ा भाई भी नही है मेरी तरह.

में-वाह मेरी बिल्ली मुझी से म्याऊ कोई नही हर बिल्ले यानी की इनसेन का वक़्त आता है तुझे तो में छोड़ने वाला नही हूँ.

गुड़िया -में छोड़ने भी नही दूँगी.

और मेरे गले लग गयी और पता नही कैसे पर मेरा झूठा ही सही पर जो गुस्सा था उस पे वो ऐसे गायब हो गया जैसे कि मेरे स्टोरी से
कुछ रिडर्स गायब हो गये है.

में-तुझे छोड़ के इस जनम में तो नही जाउन्गा तू टेन्षन ना ले चल ये बता इतनी मेहनत क्यूँ की.

गुड़िया -मेहनत मैने कहाँ क़ी.

में-मेरा मतलब कि मुझे क्यूँ उठाया.

गुड़िया -सब आप का नीचे वेट कर रहे है शॉपिंग पे नही चलना क्या .

में-तू चल में बस 5 मिंट में आया.और में बाथरूम में चला गया और फ्रेश होने के साथ ही जबरदस्त बाथ ले के वापस अपने कमरे में आ गया अब प्रॉब्लम ये थी कि में पहनु क्या आज पहली बार में गुड़िया के साथ शॉपिंग पे जा रहा था तो स्पेशल तो लगना ही था ना तभी मुझे नैना दी की दी हुई ड्रेस की याद आई और मैं अपने बॅग में उसे ढूँढने लगा.यहाँ आने के बाद मैने अब तक अपना बॅग भी नही खोला था और आज जब खोला तो उस में मुझे शेली का दिया हुआ वो गिफ्ट दिखाई दिया जो उस ने मुझे आते हुए दिया था पर आज टाइम ना होने के कारण मुझे फिर उसे वापिश रखना पड़ा और ड्रेस निकाल के तैयार होने लगा कोई 30 मिनट लगे मुझे तैयार होने में मुझे और झूठ नही बोलुगा आज कसम से किसी हॉलीवुड हीरो से कम नही लग रहा था बस एक ही प्रॉब्लम थी मेरी शॉवलेशस के जो मुझे आज भी बांधनी नही आती थी यहाँ तो नैना दी या मामी बाँध दिया करती थी यहाँ किस से बोलू ये ही समझ नही आ रहा था .की तभी रवि मेरे कमरे में आया .
badlraj
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Re: Incest जिंदगी के रंग अपनों के संग

Post by badlraj »

मस्त अपडेट है मित्र । ऐसे ही अपडेट देते रहिये ।
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rangila
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Re: Incest जिंदगी के रंग अपनों के संग

Post by rangila »

में-क्यूँ पिटवाने पे तुली है तुझे पता तो है कि लड़कियों का टॉप फ्लोर खाली होता है कब गरम हो जाए पता नही.

गुड़िया -आपके कहने का मतलब क्या है कि मेरा भी ...

में-अरे नही तुझे छोड़ के तू तो स्पेशल है.

गुड़िया -तब ठीक है

अमृता दी-कब चलना है शॉपिंग पे.

में-बस कुछ देर में चलते है रवि और जिया दी को भी बुला लेता हूँ अच्छा रहे गा.

अमृता दी-वैसे कहाँ जा रहे है हम.

में-वो स्पेशल लोगो को ही पता है और आप स्पेशल लोगो में नही आते तो वेट आंड वॉच.

गुड़िया धीरे से मेरे कान में मुझे तो बता दो में तो स्पेशल हूँ.

में-मुझे क्या पता प्लान तो तेरा था तुझे पता होना चाहिए कि कहाँ जाना है.

गुड़िया -हे भगवान क्या सारा काम इस छोटी सी बच्ची से ही करवाओगे कुछ खुद भी कर लो.

में-अच्छा कुछ ज़्यादा नही हो रहा.

गुड़िया -कम की हमें आदत नही है.हम अपने रूम में आराम करने जा रहे है जब हम वापस आए तो हमें हमारे सवाल के जबाब मिल जाने चाहिए.

में-तू रुक तुझे बताता हूँ में.

पर वो भाग के अपने रूम में पहुँच गयी उस का रूम नीचे होने का एक ये फ़ायदा भी था वापस आ के सबसे पहले इसका रूम उपर
सेट करवाता हूँ तब बात बनेगी नही तो ये तो हमेंशा ही बच जाएगी.

मैं-- दी आप भी आराम कर लें जब जाना होगा में आप की बता दूँगा और में भी आराम करने चला गया .**

में अभी अपने कमरे में पहुँचा ही था कि रवि का कॉल आ गया.

में-देख अगर आरजेंट ना हो तो बाद में बात करते है मुझे अभी सोना है.

रवि-कमीने मेरी नीद उड़ा के तुझे सोने की पड़ी है .तूने निशा से बात की या नही.

में-अभी नही में कर लूँगा.

रवि-अभी कर में 5 मिनट बाद दुबारा कॉल कर रहा हूँ और मुझे गुड न्यूज़ ही चाहिए नही तो मुझसे बुरा कोई नही होगा.(और कमिने ने फोन काट दिया.)

मैं- यार कसम से क्या दिन आ गये है यार मेरे कोई भी धमकी दे देता है आज कल.और मैने निशा को कॉल मिलाया और कमाल की बात कि दो रिंग में ही फोन पिक हो गया जैसे कि मेरे ही फोन का वेट कर रही हो.

निशा-क्या बात है आज हमारी याद कैसे आ गयी.

में-याद आई नही तुम ने मजबूर किया.

निशा-क्या सच में मुझे तो लगा था कि…

में-वो हेलो मिस तुम कुछ और सोचो उस से पहले ही क्लियर कर दूं कि अभी अभी रवि का कॉल आया था और वो कोई ट्रिप प्लान कर रहा है ऑल फ्रेंड्स+फॅमिली तो तुम को भी इन्वाइट किया है वैसे भी तुमारा प्रॉमिस बाकी है डेट का तो क्या कहती हो ओके है.

निशा-तुम हो ट्रिप में या नही.

में-मेरे से तुम्हे क्या लेना है.वैसे बता दूं कि में उस का भाई और दोस्त दोनों हूँ तो जाहिर से बात है कि मेरा होना तो तय है.

निशा-ओके डन में भी चल रही हूँ.कब चलना है और कितनी दिन का ट्रिप है.

में-कल निकलना है और शायद तीन से चार दिन का ट्रिप है.

निशा-ये तो बता दो कि कहाँ का ट्रिप है .

में-में अब कुछ नही बताने वाला या तो तुम खुद उसे कॉल कर लो या आज शाम को सिटी माल में मिल के उस से पता कर लो हम
सब शॉपिंग के लिए आज सिटी माल में मिलने वाले है.

निशा-ओके तो शाम को मिलते है.

में-ठीक है बाद में बात करते है ओके बाइ.
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और मैने फोन काट कर दिया .और कोई 1मिनट बाद ही रवि का फोन आ गया उस को सब बात बता के फोन रख के थोड़ा आराम करने की कोशिश करने लगा.फिर पता ही नही चला कि मेरी आख कब लग गयी मुझे तो जब होश आया जब मुझे कोई हिला के उठा रहा था.मैने बड़ी मेहनत से अपनी आखे खोल के देखा तो गुड़िया मुझे उठा रही थी आज लाइफ में पहली बार मुझे किसी ने बिना पानी के उठाया
था मैने सोचा कि में सपना देख रहा हूँ और में फिर से सोने लगा .तभी कोई मेरे लेफ्ट कान को काटने लगा तब मुझे याद आया कि यार
सपने में दर्द नही होता इसका मतलब ये रियल है और दोस्तो क्या बताऊ क्या चीख निकली मेरी दर्द के मारे की में बता नही सकता.

में-तू रुक कोई ऐसे भी जागता है इससे तो अच्छा पानी ही डाल देती.

गुड़िया -तो में क्या करती पिछले 15 मिनट से उठा रही हूँ और वैसे भी पानी का आइडिया पुराना है.

में-तू रुक तुझे अभी बताता हूँ.

गुड़िया -अगर मुझे कुछ किया ना तो में चिल्ला दूँगी और जिया दी नीचे ही है फिर आपको कौन बचाएगा आप का तो कोई बड़ा भाई भी नही है मेरी तरह.

में-वाह मेरी बिल्ली मुझी से म्याऊ कोई नही हर बिल्ले यानी की इनसेन का वक़्त आता है तुझे तो में छोड़ने वाला नही हूँ.

गुड़िया -में छोड़ने भी नही दूँगी.

और मेरे गले लग गयी और पता नही कैसे पर मेरा झूठा ही सही पर जो गुस्सा था उस पे वो ऐसे गायब हो गया जैसे कि मेरे स्टोरी से
कुछ रिडर्स गायब हो गये है.

में-तुझे छोड़ के इस जनम में तो नही जाउन्गा तू टेन्षन ना ले चल ये बता इतनी मेहनत क्यूँ की.

गुड़िया -मेहनत मैने कहाँ क़ी.

में-मेरा मतलब कि मुझे क्यूँ उठाया.

गुड़िया -सब आप का नीचे वेट कर रहे है शॉपिंग पे नही चलना क्या .

में-तू चल में बस 5 मिंट में आया.और में बाथरूम में चला गया और फ्रेश होने के साथ ही जबरदस्त बाथ ले के वापस अपने कमरे में आ गया अब प्रॉब्लम ये थी कि में पहनु क्या आज पहली बार में गुड़िया के साथ शॉपिंग पे जा रहा था तो स्पेशल तो लगना ही था ना तभी मुझे नैना दी की दी हुई ड्रेस की याद आई और मैं अपने बॅग में उसे ढूँढने लगा.यहाँ आने के बाद मैने अब तक अपना बॅग भी नही खोला था और आज जब खोला तो उस में मुझे शेली का दिया हुआ वो गिफ्ट दिखाई दिया जो उस ने मुझे आते हुए दिया था पर आज टाइम ना होने के कारण मुझे फिर उसे वापिश रखना पड़ा और ड्रेस निकाल के तैयार होने लगा कोई 30 मिनट लगे मुझे तैयार होने में मुझे और झूठ नही बोलुगा आज कसम से किसी हॉलीवुड हीरो से कम नही लग रहा था बस एक ही प्रॉब्लम थी मेरी शॉवलेशस के जो मुझे आज भी बांधनी नही आती थी यहाँ तो नैना दी या मामी बाँध दिया करती थी यहाँ किस से बोलू ये ही समझ नही आ रहा था .की तभी रवि मेरे कमरे में आया .

रवि-अबे क्या लग रहा है मस्त लगा रहा है यार आज तो दिल कर रहा है कि में ही तुझे प्रपोज कर दूं.

में-जल्दी कर वैसे भी मुझे इस टाइम एक गर्लफ्रेंड की सख़्त ज़रूरत है.

रवि-ऐसा क्या हो गया कमीने जो तुझे आज एकदम से गर्लफ्रेंड की ज़रूरत पड़ने लगी.

में-ये देख(और अपना पैर उस को दिखाते हुए).

रवि-तुझे अभी तक शोलेस बांधनी नही आती अब आएगा मज़ा.

में-चुप चाप से बाँध दे नही तो निशा को भूल जा.

रवि-तो में भी सब को बता दूँगा कि तुझे शोलेस बांधनी नही आती.

में-यार तू तो बुरा मान गया.यार में तो ये कह रहा था कि निशा तेरा इंतज़ार कर रही होगी माल में उस को ज़्यादा इंतज़ार करवाना अच्छा नही होगा.

रवि-चल तू भी क्या याद करेगा .

और फिर उस ने किसी तरह मेरे शोलेस बाँध दिए.मैने सोचा कि साला अब इस प्रॉब्लम से निजात पाना बहुत ज़रूरी हो गया नही तो ये
तो अपना कलपद कर वा देगा कही भी और जब इस जैसे दोस्त हो तो चान्स काफ़ी ब्राइट है हमारे कलपद होने के.

फिर हम नीचे चले गये यहाँ सब मुझे ऐसे मूह फाड़ के देखने लगे जैसे कि किसी ने कभी मुझे देखा ही नही हो.

में-सभी ऐसे क्या देख रहे हो मुझे पता है में अच्छा नही लग रहा पर ऐसे देख के मुझे अंबेरसिंग फील तो मत कर्वाओ.

अमृता-तुझे ऐसा किस ने कह दिया कसम से आज तो पता नही कितनी लड़किया तुझे पे मर मिटेंगे.

में-पर रवि तो बोल रहा था कि ये ड्रेस बिल्कुल भी अच्छा नही है.

रवि-भाई मैने कब बोला.

जिया दी-ये तो पागल है तू सच में बहुत स्मार्ट लग रहा है तू मेरे साथ रह्न नही तो कही ऐसा ना हो कि हमें पता ही ना चले और कोई और उड़ा के ले जाए हमारे हीरो को.

में-आप बिल्कुल भी टेन्षन ना ले ऐसा कुछ भी नही होने वाला और में तो सिर्फ़ अपने आंगल के ही साथ रहुगा.

गुड़िया -हाँ बिल्कुल भाई सिर्फ़ मेरे साथ ही रहे गे.

और हम सब उस की बात को सुन के हँसने लगे पहले तो उस को कुछ समझ नही आया पर जब समझ में आया तो वो भी हँसने लगी.

गुड़िया -आप बहुत बुरे हो.आप ने मुझे एंजल से आंगल बना दिया.

जिया दी-चलो भी अब लेट नही हो रहे .

रवि-आज तो में BMW ले के जाउन्गा और अगर तूने कुछ कहा तो उस की डिकी खाली पड़ी है.

में-में क्यूँ कुछ कहने लगा में तो खुद भी अपनी आंगल के साथ ओह सॉरी एंजल के साथ जाउन्गा.

गुड़िया -अगर एक बार और मुझे आप ने आंगल बोला ना तो में आप से बात नही करने वाली.

जिया--ओये अब चल भी लेट हो रहे है चूहे बिल्ली का खेल अभी बाकी है.

में-चलो भी में तो कब से तैयार हूँ तुम लोग ही लेट कर रहे हो.फिर हम लोग पार्किंग एरिया में आ गये और वहाँ से जिस को जो गाड़ी पसंद आई वो ले के जाने लगा.अब हालत कुछ ऐसी थी कि अमृता दी और जिया दी एक कार में रवि अकेला अपने कार में और में और
गुड़िया एक कार में और निकल पड़े अपनी मंज़िल की और.
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