कच्ची कली compleet

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jay
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Re: कच्ची कली

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में अभी अभी सो के उठा था इसी वजह से मेरा एरेक्षन भी बहुत
पावरफुल था और मेरी क्रीम भी जल्दी नही निकलने वाली थी और में
फुल स्पीड से चोदने लगा. गंगा तो बस सिसकारिया ही ले रही थी और
मस्ती में उसकी आँखें बंद हो गई थी चुदाई का पूरा मज़ा ले रही
थी और मेरे धक्को से उसके चुचियाँ उछल उछल के डॅन्स करते बड़े
मस्त लग रहे थे और साथी ही उसका मंगल सूत्र भी हवा में डॅन्स
कर रहा था. गंगा के पीछे विंडो थी जिसपेर आइरन रोड्स लगे हुए
थे मैने उन रोड को दोनो हाथो से पकड़ लिया और अब मेरी ग्रिप
ख़तम हो गई थी वो तो बॅस मेरी गर्दन में हाथ डाले और मेरे बॅक
पे अपने पैर लपेटे मुझ से चिपकी हुई थी. में अपने दोनो हाथ गंगा
की चूतड़ से निकाल के आइरन रोड्स को पकड़ के गंगा की टाइट चूत को
दीवानो की तरह से ऐसे चोद रहा था जैसे जॅक हॅमर किसी दीवार
को तोड़ के दीवार के अंदर घुस रहा हो आअहह बाआबब्बुउुुुुउउ
उूउउइई आआअहह बाबुउुुुुउउ आईीइसस्सीई हीईीईई आआअहह
और में उसकोघचा घच ऐसे चोद रहा था जैसे बॉक्सिंग रिंग में एक
बॉक्सर अपनी मुट्ठी बंद कर के दूसरे बॉक्सर के पेट में घपा घाप तेज़ी
से मुक्के मारता है उसी तरह से में उसको चोद रहा था चुदाई 100 केम
की स्पीड से चल रही थी लंड गीली चूत के अंदर बाहर अंदर बाहर
और चूत में से निकलती पच्छ पच्छ आअहह की सेक्सी आवाज़ों से और
भी मस्ती में आ गया और बहुत मज़ा आ रहा था उसकी टाइट चूत को
चोदने में. –

गंगा मस्ती में चुदवा रही थी और साथ में बोलती जा रही थी
आअहह राआजाअ बबुउुुुउउ माआअरर्र्र्र्ररर दददााअल्ल्लूऊऊऊऊऊ
फ़ाआआआद्द डाआआलो गंगाआा कीईईई चूऊवटतत्टतत्त आआहह
बोहूऊऊवटतत माअजाआाआआ हाा बाआआअबुउुउउ ऊऊऊीीईईईईईईई
हााआअ आईसीईई हीईीईईईईईईईईईईई आआआअहह. गंगा की चूत
में से तो जूस ऐसे टपक रहा था जैसे शहद के चाटते (हनी
कोंब) से हनी टपकता है और रूम में बॅस चुदाई की आवाज़ और
चुदाई की खुश्बू ही थी. लंड उसकी टाइट चूत को पागलो की तरह से
घचा घच चोद रहा था और वो आँखें बंद कर के मस्ती में
चुदवाए जा रही थी उसकी चुचियाँ तो ऊपेर नीचे बहुत ही ज़ोर से
उछल उछल के डॅन्स कर रही थी इतनी ज़ोर से डॅन्स कर रही थी के
अगर उसकी चुचियों में दूध होता तो शुवर उसका मिल्क-शेक बन जाता
और साथ ही उसका मंगल सूत्र भी हवा में उड़ रहा था. चुदाई ऐसी
पावरफुल थी के में सोच रहा था के कही मेरा लंड उसकी चूत और
गान्ड फाड़ के दीवार में ना घुस जाए. गंगा की चूत में से जूस
कंटिन्यू निकल निकल के फ्लोर पे टपक रहा था पता नही वो कितने
टाइम झाड़ चुकी थी और उसकी चूत तो बहुत ही चिकनी और स्लिपरी हो
गिइ थी और वो बेदुँम हो के मेरे बदन से झूल रही थी. लंड
दीवानो की तरह से चुदाई कर रहा था और टाइट चूत में अंदर तक
घुस के उसके बच्चे दानी को टक्कर मार रहा था जिस से गंगा और
मस्त हो गई थिया मेरा लंड गंगा की चूत में धूम मचा रहा था
और मुझे लगा जैसे मेरे बदन से जान निकल रही हो साँसे तेज़ी से
चल रही थी और सरर में पटाखे फूटने लगे और मेरे बॉल्स में
मेरी गरम मलाई उबाल के बाहर निकलने को मचलने लगी और मलाई
बॉल्स में से ट्रॅवेल करती हुई लंड के सुपाडे के सुराख से पिचकारियो
की तरह निकलने लगी और पता न्ही कितनी देर तक निकलती ही चली गई
और में ऐसे ही फुल स्पीड से चोदता रहा और गंगा की चूत भरती
रही और ओवरफ्लो होती रही हम दोनो की मिली जुली क्रीम गंगा की
चूत से निकल के फ्लोर पे गिरने लगी. कमरे में सिर्फ़ दोनो के गहरी
गहरी साँसों की आवाज़ ही आ रही थी.

Read my other stories

(^^d^-1$s7)
(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


Read my fev stories
(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: कच्ची कली

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गंगा की मस्त चूत को चोदते चोदते पता नही कब मेरी मलाई निकलना
बंद हो गई और मेरी ग्रिप विंडो के आइरन रोड पे ढीली पड़ गई और
मेरे हाथ से निकल गई और उसी समय गंगा का बेजान बदन मेरे बदन
से स्लिप हुआ और गंगा दीवार से लगे लगे नीचे फ्लोर पे बैठ गई
जैसे उसकी टाँगो से जान निकल गई हो उसकी आँखें पूरी तरह से
खुली हुई थी और लग रहा था के उसको खुली आँखो से कुछ देखाई
नही दे रहा हो ऐसा लग रहा था जैसे बहुत बड़ा शॉक लगा हो और
गहरी गहरी साँसें ले रही थी और मुझे लगा जैसे मेरी टांगो में
भी ताक़त ख़तम हो गई और में भी नीचे बैठ ते बैठ ते गंगा के
सामने लेट गया और गंगा दीवार से टिकी हुई बैठी रही. दीवार के
और मेरे बीच ज़ियादा डिस्टेन्स नही था और फिर गंगा भी बैठी थी
इसी लिए मेरी टाँगें मेरे घुटने के पास से मूडी हुई थी में अपनी
टाँगें मोड हुए ही फ्लोर पे ही लेट गया और गंगा मेरे टाँगो के
बीच में बैठी रही. मेरा लंड मेरे जाँघ पे पड़ा हुआ था और हम
दोनो की मलाई से गीला हो के चमक रहा था.

गंगा की और मेरी साँसें तेज़ी से चल रही थी. थोड़ी देर के बाद
गंगा बैठे बैठे मेरे बदन के ऊपेर मूह के बल लेट गई जिस से
उसका मूह मेरे लंड के बहुत करीब था और मेरे लंड पे उसकी गरम
साँसें महसूस हो रही थी. गंगा मेरे ऊपेर आधी बैठी आधी
लेटी रही. मेरी आँखें ऐसे ही मस्ती में बंद थी और में लेग्स मोड़
के लेटा थे. मेरे पैर दीवार से लगे हुए थे और गंगा मेरे टांगो के
बीचे में थी और मेरे बदन पे पड़ी हुई थी. लगता था के गंगा को
मुझ से पहले ही होश आगया और उसने मेरे मलाई से भरे लंड को अपने
मूह मे ले लिया और चूसने लगी. उसकी जीभ मेरे लंड से लगते ही
जैसे मेरे बे जान और मुरझाए लंड में फिर से जान आ गई और लंड
में मूव्मेंट्स शुरू हो गई और देखते ही देखते वो गंगा के मूह में
ही अकड़ने लगा और उसका मूह फुल हॉगया. गंगा के बूब्से मेरे जाँघ से
लग रहे थे और गंगा मेरे लंड के डंडे को पकड़ के सुपाडे को ज़ोर
ज़ोर से चूसने लगी. बाहर बारिश बहुत तेज़ हो गई थी घर के अंदर
तकरीबन अंधेरा छा गया था और रूम ठंडा हो गया था पर
हमारे बदन बहुत ही गरम थे और वासना की आग में जल रहे थे और
हमें ठंड का एहसास भी नही हो रहा था. में ऐसे ही लेटे लेटे
गंगा को उठा के अपने ऊपेर खेच लिया और अपनी जीभ उसके मूह में डाल
के किस करने लगा उसके मूह में हमारी मिक्स मलाई का टेस्ट आ रहा
था. मेरा रॉकेट जैसा लंड मेरे जाँघ पे पड़ा हुआ था जिसपे गंगा
ऐसे बैठी थी के उसकी चूत के लिप्स के बीच में मेरे लंड के डंडे
का बॅक साइड था और अपने गीली चूत को लंड के बॅक साइड पे ही आगे
पीछे कर के ऐसे फिसल रही थी जैसे छोटे बच्चे (किड्स) स्टेर केस
के हॅंडरेल्स पे फिसलते हैं और जिस से लंड चूत के अंदर नही
घुसा था लैकिन गंगा की चूत के लिप्स पूरी तरह से मेरे लंड पे
खुल गये थे. गंगा की गीली गरम सुलगती हुई चूत लंड पे लगने
से लंड में से भी प्रेकुं निकलना शुरू हो गया था. गंगा के और
मेरे पैर दीवार से लगे और मुड़े हुए थे और दीवार की ग्रिप हम दोनो
को मिल रही थी. - गंगा
की चुचियाँ मेरे मूह के सामने थी और में उनको मूह में ले को चूसने
लगा उसके मस्त निपल्स को काटने लगा तो गंगा को बहुत ही मज़ा आ
गया और उसके मूह से सिसकारिया निकलना शुरू हो गई आहह
बाआआबुउुउउ छ्छूऊसस्स्सूऊ आईसीईए हीईीईईईईईईई मेरे लंड पे आगे
पीछे हिलते हुए लंड का सुपाडा कभी उसके चूत के सुराख के दाने को
हिट करता या सुराख में अटक जाता तो उसके मूह से उूुुुुउउफफफफफफफफफफफ्फ़
ऊओिईईईई की आवाज़ निकल जाती. गीता के चूत से निकलते जूस के
चलते मेरे लंड का डंडा भी बहुत ही गीला हो चुका था और अब मुझ
से सहन नही हो रहा था तो में गंगा को अपनी ओर खेच के नीचे
किया और उसकी चूत में एक ही झटके में अपना लंड पेल दिया तो गंगा के
मूह से हहाआआआआआआआआआआआआआ की आवाज़ निकली
और उसकी आँख खुली रह गई पर लंड तो पूरा घुस ही चुका था.
मेरे मूसल लंड पे वो एक मिनिट ऐसे ही बैठी रही और जब उसकी
चूत मेरे लंड की थिकनेस से अड्जस्ट हो गई तो आगे पीछे हो के
मेरे लंड को अपनी चूत में लेने लगी और में भी अपनी गान्ड उठा के
लंड को उसकी चूत के बहुत अंदर तक पेल के चुदाई करने लगा उसके
बूब्स मेरे सामने डॅन्स कर रहे थे और उसका मंगल सूत्र पेंडुलूंकी
तरह से आगे पीछे हो रहा था. मेरी टाँगें मूडी हुई थी और अब
गंगा के पैर मेरे दोनो तरफ थे और वो मेरे लंड पे ऐसे सवार थी
जैसी घोड़े की सवारी कर रही हो रेसिंग के जॉकी की तरह. लंड
उसके चूत मे पूरी तरह से घुस चुका था और उसके बच्चे दानी से
टकरा रहा था. गंगा मस्ती में उछल उछल के चुदवा रही थी. गंगा
की चूत से जूस कंटिन्यू निकल रहा था ऐसे लग रहा था जैसे वो
2 या 3 बार झड़ चुकी है.

अब में गंगा को पकड़ के ऐसे ही पलट गया और अब वो मेरे नीचे
थी और में उसके ऊपेर. गंगा के पैर घुटनो के पास से मुड़े हुए थे
और मेरे पैर पीछे दीवार से ग्रिप ले के टीके हुए थे और में अपने
लंड को बाहर निकाल निकाल के चोद रहा था. मेरा मिज़ाइल जैसा लंड
गंगा की टाइट चूत को चोद रहा था और वो
ऊऊऊऊऊऊऊऊीीईईईईईईईईईईईईईईईईईई आआआआआअहह
आऐईीीइसस्स्स्सीईईईईईई हहिईीईईईईईईईईईईईईईईईईई
साआआअबजीईई ऊऊऊऊऊओ आईईसीईई हीईीईईईईई
चूऊऊऊद्दडूऊऊऊऊऊऊ फ़ाआआआआआआाााद्दद्ड
ददाााआआआआआााल्लूऊऊऊऊऊऊऊओ मेरिइईईई
चूऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊथततत्त
बबुउुुुुुुुुुुुुुुुउुजीईईईईईईईईई
और उसकी हिलती हुई चुचियों को पकड़ के धना धन्न चोद रहा था.
गंगा के टाँगें मेरे बॅक पे लपेटी हुई थी और में दीवार का सहारा
ले के उसकी चूत फाड़ रहा था. अब गंगा की बगल से हाथ निकाल के
उसकी शोल्डर्स को ज़ोर से पकड़ लिया और घचा घच चोदने लगा उसका
बदन किसी सूखे हुए पेड की तरह से काँपने लगा और वो झड़ने
लगी. गंगा की चूत उस के जूस से समंदर जैसे गीली हो चुकी
थी और चुदाई की प्प्प्पकक्चह्क्ककक प्प्प्पक्कक्चह्क्कककक की साउंड से कमरे
में म्यूज़िक जैसे बज रही थी. अब मुझे लगा के में भी ज़ियादा देर तक
कंट्रोल नही कर सकुगा और अपने झटके फास्ट कर के चुदाई करने लगा
और लंड को पूरा सुपाडे तक बाहर निकाल निकाल के बहुत ज़ोर ज़ोर से
उसकी चूत के अंदर घुसेड दिया तो गंगा के आँखो से आँसू निकल
गये वो मस्ती में चुदवा रही थी और फिर मेरी चुदाई शाएद 200 केम
पर अवर की स्पीड से चल रही थी और फाइनली एक इतनी ज़ोर का धक्का
मारा के गंगा के मूह से आआआआआहह
मररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गैिईईईईईईईईईईईईईई मेईईईईईईईईईईईईईईईईईई
बबुउुुुुुुुउउ की आवास निकली और उसका मूह खुला का खुला रह गया और
उसका बदन ऐसे झटके खाने लगा जैसे एलेक्ट्रिक शॉक लगा हो और
मुझ से ज़ोर से लिपट गई और उसी समय मेरे लंड में से भी गरम
गरम मलाई की मोटी मोटी पिचकारियाँ निकलने लगी और उसकी पहले से
ही जूस से भरी चूत में गिरने लगी और उसकी चूत फुल हो के
ओवरफ्लो होने लगी. मेरी मलाई निकलने तक मेरे झटके चल रहे थे
और फिर में भी उसके बदन पे गिर गया मेरा लंड अभी भी गंगा की
गीली चूत में ही था और दोनो गहरी गहरी साँसें लेने लगे दोनो
की आँखें बंद थी जैसे हम दोनो को पता ही नही के क्या हो रहा
है और हम कहा है.
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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Re: कच्ची कली

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थोड़ी देर के बाद जब होश आया तो हम दोनो एक दूसरे को दीवानो की
तरह से चूमने लगे और गंगा बोली के राज बाबू आज पहली बार लगा
के में चुदि हू और कोई लौडा मेरी चूत में घुसा है. इतना मज़ा तो
ज़िंदगी में कभी भी नही आया और मुझे आज ही पता चला के चुदाई
क्या होती है में तो सच में सातवें आसमान में थी. राजा बाबू तुम
बहुत ही धनवान हो और तुम्हारा यह मस्त लंड तो मुझे दीवाना बना
देता है. आज तो मुझे जन्नत का मज़ा आ गया और मेरा बदन बहुत ही
हल्का हो गया.

हम दोनो फ्लोर से उठ गये और बाथरूम में घुस गये. मेरे घर में
तो लॅडीस की हेर रिमूविंग क्रीम नही थी तो में गंगा को अपनी
शेविंग स्टिक दिया और बोला के अपनी चूत का शेव कर्लो मुझे चिकनी
चूत बहुत पसंद है तो वो ठीक है बाबू कह के अपनी झांतें
सॉफ करने लगी और उस दिन के बाद से में ने आज तक गंगा की चूत पे
एक झांट भी नही देखे ऐसे लगता था जैसे डेली झांट निकाल के
आती हो. हम दोनो एक साथ शवर लिया और शवर के अंदर भी एक टाइम
चुदाई हुई. बाद में गंगा की गान्ड भी मारा. अफ उसकी गान्ड बहुत ही
टाइट थी. जिस दिन उसकी गान्ड मारा उस दिन तो गंगा बहुत रोई पर बाद
में उसको भी मज़ा आया.

गंगा से उसके हज़्बेंड के बारे में पूछा तो पता चला के उसका
हज़्बेंड और उसका भाई दोनो शादी के एक महीने के अंदर ही दुबई में
जॉब मिला तो चले गये और 2 साल से ऊपेर हो गया पलट के नही
आए. इतने दिनो से चुदाई नही हुई थी इसी लिए गंगा बहुत ही गरम
थी और उसकी टाइट चूत में हमेशा ही आग लगी होती थी.गंगा मेरे
घर में काम करते हुए तकरीबन एक महीना हो गया था. एक दिन गंगा
बोली के राजा बाबू एक बात कहु ?? तो में ने बोला के हा बोलो गंगा
क्या बात है तो उसने बताया के मेरा छोटा भाई भी मेरे पति के साथ
दुबई गया है. मेरी भाबी जिसका नाम लक्ष्मी है मेरे से बहुत फ्री
रहती है और एक दिन में ने उसको बता दिया के में आप से चुदवा रही
हू और आपकी मस्त लंड से चुदाई के बारे में भी बोला तो वो डेली
घर जाते ही बड़े शौक से मेरी चुदाई की दास्तान सुनती है और बोलती
है के हाए गंगा कभी मुझे भी चुदवा दे तेरे राजा बाबू से तो में
मुस्कुराने लगा और बोला के फिर तुम ने क्या बोला गंगा !! तो वो बोली
के कुछ ऐसा खास तो नही बोला बस यह बोला के ठीक है किसी दिन
बाबू से पूछ लुगी तो में ने कहा गंगा कोई बात नही किसी भी दिन
सुबह में जब तुम सीता आंटी के घर काम करने आओ तो अपने साथ
अपनी भाबी को ले के आजाना और यहा मेरे पास छोड़ के तुम चली जाना
और तुम्हारे शाम में यहा आने तक में उसकी चूत को चोद चोद के
अच्छी तरह से सर्विसिंग कर ड़ुगा और जब शाम में तुम यहा आओगी तब
हम तीनो मिलके चुदाई करेगे फिर तुम दोनो अपने घर चली जाना.
ठीक है बाबू में कल ही ले आती हू. मेरी भाबी तो रोज़ रात को सोते
टाइम पे अपनी उंगली चूत में डाल के अंदर बाहर करती है और पानी
निकालने के बाद सो जाती है उसकी चूत में भी आग लगी हुई है राज
बाबू. में ने बोला के ठीक है कल लेके आजाना में कल ऑफीस को नही
जाउन्गा और घर पे ही तुम दोनो का इंतेज़ार करूगा.-


सुबह में उठ के में बाथरूम से फ्री हो चुका था और बस ब्रश
करना ख़तम किया ही था के डोर की बेल बजी. डोर खोला तो देखा के
गंगा मुस्कुराती खड़ी थी उसके साथ उसके छोटे भाई की बीवी लक्ष्मी
खड़ी थी. और बोली के राजा बाबू यह लक्ष्मी है मेरी भाबी मेरे छोटे भाई की बीवी
आपसे मिलवाने को ले आई हू और अभी तो में सीता मेमसाब के घर जा
रही हू और लक्ष्मी मेरे आने तक यह आपके पास थोड़ा काम करलेगी में
शाम को आउन्गि तब तक यह आपके पास ही रहेगी खाना भी बना देगी और
आपको खिला भी देगी में ने मुस्कुराते हुए उसको अंदर आने को कहा.
लक्ष्मी तकरीबन 21 – 22 साल की एक बहुत ही सुंदर लड़की थी गंगा से
भी अच्छा रंग रूप था और बदन भी बड़ा मस्त चुचियाँ भी छोटे ही
थे शाएद 32 के होगे छोटी उमर में ही शादी हो गई थी नाज़ुक थी
बड़ी बड़ी हिरनी जैसी चमकदार आँखें जो शरारत से चमक रही
थी और लगता था मुझ से कह रही हो के राज बाबू आज तो में अपनी
चूत को आपके मूसल पे समर्पित कर के और अच्छी तरह से चुद कर ही
जाउन्गि. पिंडलीओ तक पिंक कलर का 3/4त लहनगा और वाइट कलर की
चोली पहने थी दुबली सी लैकिन हेल्ती, हस्ती तो गाल में डिंपल्स
पड़ते चमकते हुए सफेद दाँत. में तो लक्ष्मी को देखता ही रह गया तो
गंगा शरारत से हँसते हुए बोली राज बाबू क्या देख रहे हो लक्ष्मी तो
यही रहेगी ना आप के पास अच्छी तरह से एक एक अंग देखते रहना मेरे
जाने के बाद अभी तो आप लक्ष्मी को सम्भालो में चली और लक्ष्मी तो मेरे
पास छोड़ के गंगा सीता आंटी के घर काम को चली गई.

में लक्ष्मी के करीब आ गया और बोला के लक्ष्मी तुम तो सच में लक्ष्मी हो
बहुत सुन्दर हो और अपने आप से लिपटा के ज़बरदस्त किस करने लगे वो
मेरे बाँहों में एक छोटी सी लड़की की तरह समा गई और मुझ से लिपट
के मुझे ज़ोर से पकड़ लिया. टंग सुकिंग किस कर रहे थे हम दोनो
मेरा हाथ उसके बूब्स को दबाने लगा और लंड तो लक्ष्मी को देखते ही
उसकी अनदेखी चूत को सल्यूट करने लगा था. उसके घाघरे में हाथ डाल
के चूत को हाथ लगाया वाउ क्या मस्त चूत थी उसकी एक दम से चिकनी
बिना बालो वाली लगता है गंगा ने बता दिया होगा के राज बाबू को बालो
वाली चूत अच्छी नही लगती इसी लिए फ्रेश शेव कर के आई थी. उसकी
चूत गीली हो चुकी थी और वो इतनी गरम हो चुकी थी के
अपनी गान्ड आगे पीछे करके मेरे उंगली को ही चोद्नना शुरू कर दिया
जैसे मेरी उंगली से चुदवा रही हो.
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( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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Re: कच्ची कली

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अपने दूसरे हाथ से लक्ष्मी का हाथ पकड़ के अपने आकड़े हुए लंड पे
रखा तो वो उसको दबाने लगी और फॉरन ही मेरे ट्रॅक पॅंट के ऊपर
वाले एलास्टिक से अंदर हाथ डाल के नंगे मूसल लंड को पकड़ लिया तो
उसके मूह से एक सिसकारी निकल गई और धीरे से बोली बाप रे यह तो
बहुत तगड़ा है मूसल जैसा मोटा और लोहे जैसा सख़्त है बाबू
लगता है आज मेरी चूत की खैर नही यह तो फाड़ ही डालेगा मेरी
नन्न्हि चूत को. मेने अपनी उंगली से उसकी चूत के दाने को मसल रहा
था और बॅस एक ही मिनिट के अंदर ही लक्ष्मी ने जाँघो को एक दूसरे से
ज़ोर से दबाया और अपनी जाँघो से मेरे हाथ को ज़ोर से पकड़ लिया और
उसका बदन हिलने लगा उसकी आँखें बंद हो गई साँसें तेज़ी से
चलने लगी और सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स की आवाज़ निकालते हुए वो झड़ने
लगी. में उसकी चूत को ऐसे ही मसलता रहा और उसकी गीली चूत से
रस्स निकलता रहा. जब उसका ऑर्गॅज़म ख़तम हो गया तो उसकी साँस ठीक
से चलने लगी और में ने उसके घाघरे का हुक खोल दिया तो उसका घाघरा
सररर करता हुआ किसी धार्मिक भक्त की तरह उसके पैरो में गिर गया.
एक ही हुक से टीका हुआ
था उसका घाघरा. ब्लाउस के हुक खोल दिया तो पता चला के उसने अंदर
ब्रेजिअर नही पहनी है और ना ही पैंटी थी ऐसा लगता था
जैसे चुदवाने के लिए घर से ही रेडी हो के आई थी. उसका हाथ
पीछे कर के उसका ब्लाउस निकाल अलग कर दिया वाउ कया मस्त बदन था उसका
एक दम से मक्खन की तरह चिकना मस्त आपल साइज़ की गोल गोल चुचियाँ
ऐसा लगता था के भगवान ने अपने हाथो से एक साचे (मोल्ड) मे डाल
के उसकी चुचियाँ बनाई हो एक दम से कड़क और उसपे छोटे अंगूर की
तरह का लाइट ब्राउन निपल और निपल्स की गोलाई में आधे इंच का
उसका लाइट ब्राउन कलर का अरेवला वाउ वो तो एक मस्त चीज़ लग रही
थी उसका सारा बदन वासना की आग में डूबा हुआ था उसने मेरे ट्रॅक
पॅंट के एलास्टिक में हाथ डाल के पॅंट को नीचे उतार ते उतारते नीचे
फ्लोर पे बैठने लगी. मेरा रॉकेट जैसा लंड तो पावरफुल एरेक्षन की
वजह से मेरे पेट से ही लगा हुआ था जब वो पॅंट खिचति हुई नीचे
बैठ रही थी और मेरा लंड पॅंट से आज़ाद हुआ तो उसके हाथ वही रुक
गये और मेरे लंड के सामने उसका फेस था और लक्ष्मी मेरे लंड को
गौर से देख रही थी और फिर थोड़ा सा झुक के मेरे लंड पे किस
करती हुई बोली प्रणाम मूसल राजा और उसके चुंबन लेते ही मेरे लंड
में हलचल शुरू हो गई और में ने उसका सर पकड़ के उसके मूह को
अपने लंड से रगड़ना शुरू कर दिया तो उसने भी लंड को पकड़ के अपने
मूह में ले के चूसना शुरू कर दिया. आअहह कया मस्त गरम मूह था
उसका. लंड उसके मूह के अंदर झटके खाने लगा और लक्ष्मी लंड के टोपे
को चूसने लगी. मेरी
टाँगें अपने आप ही खुल गई थी और में ने लक्ष्मी के सर को पकड़ के
लंड को एक ही झटके में उसके मूह में घुसेड दिया वो अभी तय्यार नही
थी इसी लिए लंड एक दम से ही उसके हलक तक घुस गया और उसके मूह
से गगगगगगगगगगघह जैसी आवाज़ निकलने लगी और
उसके गले की नसे फूलने लगी और में अपनी गान्ड आगे पीछे कर के
उसके मूह को चोदने लगा. लक्ष्मी घुटनो के बल फ्लोर पे बैठी थी उसके
हाथ जो पहले मेरे गान्ड पे रखे थे अब अपने हाथो को वहाँ से हटा के
लंड के डंडे को पकड़ के अपने मूह के अंदर की एंट्री को लिमिटेड कर
दिया था और सिर्फ़ आधा ही लंड चूस रही थी और आधा अपने हाथ में
पकड़े हुए थी. में उसके
सर को अपने दोनो हाथो से पकड़ के उसके मूह को चोद रहा था मेरी
स्पीड बढ़ गई और में फुल स्पीड से उसके मूह को चोदने लगा मगर
मुझे उतना मज़ा नही आ रहा था क्योंकि उसने आधा लंड पकड़ रखा
था और आधा ही चूस रही थी. मेरा प्रेशर बढ़ने लगा था और में
ने उसके हाथ को अपने हाथ से पकड़ के लंड से हटा दिया और फिर से
उसके मूह में लंड पूरे का पूरा अंदर घुसा के हलक के अंदर तक
चला गया और में ऐसे ही मस्ती में चोद ता रहा मेरे बॉल्स में हल
चल मचना शुरू हो गयी थी और फिर एक फाइनल झटके से अपने लंड
के सुपाडे को उसके हलक में घुसेड के उसके सर को पकड़ लिया और बॅस
उसी वक़्त मेरे बॉल्स में से क्रीम उबाल के लंड के सुराख में से होती
हुई पिचकाइयाँ बनती हुई डाइरेक्ट उसके हलक में गिरने लगी और उसका
पेट भरने लगी और वो पूरी मलाई खा गई और लंड को ऐसे ही
चूस्ति रही और चूस्ते चूस्ते उसके मूह में ही मेरा नरम लंड एक
बार फिर से अकड़ने लगा और अपने एरेक्षन फॉर्म में आ गया तो लक्ष्मी
मेरे लंड को चूस्ते चूस्ते अपनी आँखें ऊपेर कर के मुझे देखने
लगी और मुस्कुराने लगी तो में थोड़ा झुक के उसको शोल्डर्स से पकड़
के ज़मीन पे से उठा लिया. जैसे ही लक्ष्मी ऊपेर उठ खड़ी हुई उसके मूह
से एक डकार (बेल्च) निकल गई और हम्दोनो हँसने लगे के सारी मलाई
पेट के अंदर पोहॉंच गई और लक्ष्मी का नाश्ता हो गया.
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: कच्ची कली

Post by jay »


में अपना शर्ट भी वही पे निकाल के फेक दिया और कंप्लीट नंगा हो
गया मेरा लंड फिर से अकड़ के मेरे पेट से जा लगा था. में ने लक्ष्मी
को चुतडो से पकड़ के उठा लए और तुरंत ही उसने अपने पैर मेरी
कमर से लपेट लिए और मेरी गर्दन में अपने हठडाल के मुझ से किसी
बेल की तरह लिपट गयी. इस पोज़िशन में उसकी छोटी सी नाज़ुक चूत
के लिप्स खुल गया और मेरे लंड के डंडे का निचला भाग उसके चूत के
पंखुड़ियो के बीच में हो गया और में उसको ऐसे ही उठाए हुए अपने
बेडरूम की तरफ़ चल दिया लक्ष्मी को उठाए उठाए चलने से उसकी चूत
मेरे लंड के निचले भाग से चिपकी हुई थी और उसकी चूत लंड के
निचले भाग पे ऊपेर नीचे फिसल रही थी और चूत में से फिर से
रस निकालने लगा था.

में लक्ष्मी को अपने बेडररूम में ले के आ गया और उसको धीरे से बेड पे
ऐसे लिटाया के उसका आधा अंग पलंग के ऊपेर और उसकी टाँगें मेरी
कमर से लिपटी हुई थी. झुक के उसको लिटा दिया और उसके ऊपेर झुक के
किस करने लगा और एक हाथ से उसके चुचियों को मसालने लगा उसके
निपल को उंगली और अंगूठे के बीचे में पकड़ के मसालने लगा तो
आआअहह रजाआा बाआआआअब्ब्बुऊउ उसका मूह खुलते ही उसके
मूह में अपनी जीभ घुसेड दिया और दोनो एक दूसरे की जीबो को चूसने
लगे. में तोड़ा सा अपने
आप को अड्जस्ट कर के उसके चुचियों को चूसने लगा तो लक्ष्मी मेरे से
ज़ोर से लिपट गई और मुझे अपने ऊपेर खेचने लगी. मेरे पैर ज़मीन
पे ही थे और में उसके ऊपेर झुका हुआ था. उसके चुचियों को मूह में
ले के चूसने लगा और किशमिश जैसे निपल्स को दातों से काटने
लगा तो उसकी सिसकारियाँ निकालने लगी आआआआआआहह
ऊऊऊओह उूुुउऊहह वा किया मस्त चुचियाँ थी
उसकी. उसकी चुचियों से मेरा मूह भर गया था और में उसके निपल्स को
दाँतों से काट रहा था आअहह किया बताओ कितनी मस्त चुचियाँ थी
उसकी मन कर रहा था के चुदाई बाद में करू पहले उसकी चुचियों को
सारा दिन ही चूस्ता रहू लैकिन अब में उसकी चूत का भी टेस्ट करना
चाह रहा था इसी लिए चुचियों को हाथो से मसालते हुए में उसके
बदन पे किस करने लगा उसके सपाट पेट पे किस किया तो लक्ष्मी की
सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स जैसी सांस बाहर निकाल गई और उसका पेट और थोडा
अंदर हो गया उसके मसल्स टाइट हो गये और नीचे उसके पेट के
सुराख (बेल्ली बटन) में ज़बान डाल के घुमाने लगा तो वो इतनी मस्त
हो गई के अपनी टाँगें उठा के मेरे बदन से लपेट लिया और मेरे सर
को पकड़ के नीचे की ओर चूत के पेडू की तरफ धकेलने लगी. यह
में उसका इशारा समझ गया
और अपने घुटने मोड़ के नीचे बैठ गया. उसकी टाँगें खुली हुई थी
और टाँगो के बीचे में चिकनी मक्खन जैसी मुलायम उठी हुई प्यारी
सी छोटी सी चूत जिसके लिप्स पतले थे और एक दूसरे से मिले हुए थे
जैसे दरवाज़ा बंद होता है चूत के पंखुड़ियो के बीचे की लकीर
से रस तपाक रहा था जिस की मधुर सुगंध मेरे लंड को पागल किए
दे रही थी..

जब 4 या 5 सेकेंड्स तक में उसकी चूत के दर्शन ही करता रहा तो
लक्ष्मी से बर्दाश्त नही हुआ और उसने अपनी गान्ड उठा के चूत को मेरे
मूह की तरफ धकेला तो उसकी चूत मेरे मूह से लगी और में उसकी
चूत को किस करने लगा. आआआआआआआहह किया मस्त
चूत थी उसकी लगता था के कुँवारी चूत हो अभी जिसके किवाड़ (डोर
लीफ) किसी मस्त लंड के इंतेज़ार में अभी तक बंद है. लक्ष्मी का रंग
भी गंगा से खुलता हुआ था और उसकी उमर भी गंगा से कम थी और
ऐसी कम उम्रि में वो बहुत ही सुंदर लग रही थी. उसकी शादी को तो
ऑलमोस्ट 2 साल हो गये थे पर उसका पति उसके साथ मुश्किल से 1 महीना
ही रहा होगा और वो भी अपने दुबई जाने के चक्कर में बिज़ी होगा तो
एक महीने में उसने कितना चोदा होगा इस बात का अंदाज़ा लक्ष्मी को छोटी
पतली चूत को देख के ही लगाया जा सकता था. उसकी चूत को देख के
इस बात का अंदाज़ा लगाना ज़ियादा मुश्किल नही था.
लगता था के उसकी चुदाई ज़ियादा नही हुई
है. और उसकी उमर ही किया थी अभी 21 साक की और शादी के टाइम तो
सिर्फ़ 19 साल की छोटी लड़की होगी अभी ठीक से चुदाई ना होने की वजह
से उसकी छोटी से टाइट चूत के पंखाड़ियान पतले पतले ही थे और आज
ही की सॉफ की हुई बिना झटों की छोटी सी गोरी गोरी चूत एक दम से
रेशम और मक्खन के जैसी चिकनी लग रही थी में तो उसकी चूत को
देखता ही रहा और नहरता ही रहा और इतनी प्यारी चूत की चुदाई के
ख़याल से ही मेरे लंड के मूह में पानी आने लगा और प्री कम की लार
टपकने लगी.
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