Incest घर की मुर्गियाँ

Post Reply
User avatar
mastram
Expert Member
Posts: 3664
Joined: 01 Mar 2016 09:00

Re: Incest घर की मुर्गियाँ

Post by mastram »

शाम 6:00 बजे टीना भी नेहा के घर से अपने घर पहँच गई। रात 8:00 बजे विजय किरण को लेकर आ गया। टीना को आज पापा के सामने बड़ी झिझक महसूस हो रही थी। और ऐसे ही दिन गुजरते चले गये,

आज सटर्डे था सुबह के 7:00 बजे काजल समीर के रूम में पहुँचती है।

काजल- “क्या बात है जीजू, आजकल बहुत बिजी रहते हो। अपनी साली को भूल ही गये। कल तो हम चले ही जायेंगे..."

समीर- नहीं नहीं ऐसी बात नहीं है। आज का पूरा दिन आपके नाम।

काजल- वाउ सच में... जीजू फिर तो आज पूरी मस्ती होगी।

समीर- आज हम आपके गुलाम बनकर रहेंगे साली साहिबा।

काजल-फिर ठीक है। चलो तो फार्महाउस चलते हैं।

समीर- ठीक है, तुम तैयार हो जाओ।

काजल समीर के रूम से निकलकर नेहा के रूम में है। नेहा बाथरूम में नहा रही थी।

थोड़ी देर बाद सभी नाश्ते की टेबल पर थे।

अंजली- सुनो जी, कल नेहा चली जायेगी। दामाद जी पहली बार घर आ रहे हैं। बिदाई के लिए कपड़े वगैरह की शापिंग करा लाओ मुझे।

अजय- तुम समीर के साथ चली जाओ। मेरा आज दुकान पर माल आ रहा है।

समीर- पापा आज मेरी तबीयत ठीक नहीं है।

अजय- क्या हुआ तुम्हारी तबीयत को?

समीर- लूज मोशन।

अजय- तो बेटा दवाई नहीं ली?

समीर- जी पापा ले ली।

अजय- "अंजली तुम नेहा के साथ चली जाओ..."

थोड़ी देर बाद अजय दुकान के लिए निकल गया, और अंजली और नेहा भी मार्केट चले गये। अब घर में सिर्फ समीर और काजल थे, और काजल भी पूरी मस्ती के मूड में थी।

काजल- “ओहह... तो मेरे प्यारे जीजू की तबीयत खराब है?"

समीर काजल को बाँहो में भरता हुआ- "आज तुम ही इलाज कर दो अपने जीजू का...”

काजल- क्यों नहीं.. आज मुझे ही तुम्हारा डाक्टर बनना पड़ेगा। चलो बिस्तर पर लेटो और बताओ क्या प्राब्लम
है।

समीर- मुझे ना... नींद नहीं आती, प्यास भी बहुत लगती है।

काजल- आह्ह.. ये प्राब्लम है। बड़ी ही खतरनाक बीमारी है।

समीर- आह्ह... इसके लिए मुझे क्या करना होगा?

काजल- तुम्हें इसके लिए एकदम ताजा दूध पीना चाहिए। और क्या प्राब्लम है?

समीर- बेचैनी बहुत होती रहती रही है।

काजल समीर के बिल्कुल पास बैठ गई, और कहा- “तुम्हारे अंदर बहुत गर्मी है। उसके लिए तुम्हें पूरे जिश्म को ताजी हवा खिलानी होगी..” और काजल समीर की शर्ट के बटन खोलने लगती है।

समीर- पर डाक्टर मुझे ताजा दूध कहां से मिलेगा?

काजल- “अब तुम्हारे लिए दूध का इंतजाम मुझे ही करना होगा.." और काजल समीर के पेट के ऊपर चढ़ बैठी।

काजल- जीजू ताजा दूध पीना है?

समीर- कहां से मिलेगा?

काजल- “थोड़ी मेहनत करनी पड़ेगी.” और काजल अपनी टी-शर्ट ऊपर निकालती चली गई। काजल के छोटे-छोटे मम्मे निकलकर समीर के सामने आ गये, जैसे दूध पीने का न्योता दे रहे हों।

समीर काजल की नोकदार चूचियों की खूबसूरती निहारता रह गया। फिर अपने हाथों को निप्पल पर फेरने लगा।
User avatar
mastram
Expert Member
Posts: 3664
Joined: 01 Mar 2016 09:00

Re: Incest घर की मुर्गियाँ

Post by mastram »

काजल ना चाहते हुए भी सिसकने लगी- "आईई... इसस्स्स... उईईई.

समीर यूँ ही काजल के निप्पलो को मसलता रहा, और काजल की सिसकियां बढ़ती गई, और समीर भी अब ताजा दूध पीने के लिए अपने होंठों को काजल के निप्पल से लगा देता है। उफफ्फ... दोनों की आहह... इस्स्स्स की सिसकियां निकल जाती हैं,

...
समीर काजल का ताजा दूध पीने लगता है। काजल के निप्पल चूसते-चूसते हार्ड होने लगे किशमिश की तरह। समीर निप्पल की नोक को ऐसे चूस रहा था, जैसे बच्चे दूध पीते हैं। और नीचे लण्ड में तनाव बढ़ता जाता है। समीर को काजल की चूचियां बड़ी ही स्वादिष्ट लग रही थी।

काजल की सिसकियां पूरे कमरे में गूंजने लगी- “अहह... आहह... इसस्स्स ... पी जाओ जीज्जू उम्म्म्म... चूस लो सारा दूध आअहह...

समीर काजल का जोश देखकर और मस्ती में चूसने लगा। नीचे समीर के लण्ड का आकार पूरी स्टील की रोड की तरह हो गया, और काजल की चूत पर ठोकर मारने लगा।

काजल- जीजू नीचे कुछ चुभने लगा है, क्या है ये?

समीर- है तुम्हारा चाहने वाला कोई।

काजल- “अच्छा जरा मैं भी तो देखू अपने सीकुए को.” और काजल सरकती हुई नीचे पहुँच गई। लण्ड को
अंडरवेर से बाहर निकाल लिया- “आहह... मेरा सीकुर आँसू क्यों बहा रहा है। वो मेरे सोना चुप हो जा। मैं अपने सोना को अभी बहुत सारा प्यार करूँगी..” और काजल अपना मुँह खोलती चली गई।


समीर को बड़ा ठंडा सा अहसास होने लगा, और समीर की भी आss निकल गई- “ऊहह... आई इस्स्स्स
... सस्सी ..."

काजल अब आइस्क्रीम की तरह लण्ड को चूस रही थी। पूरा अंदर तक ले जाती फिर बाहर निकाल देती। समीर के लण्ड में फुलाव बढ़ता जा रहा था। अब काजल के मुँह में लण्ड फँस-फँस कर जा रहा था, और समीर के लण्ड की हालत ऐसी थी की कभी भी सैलाब बह सकता था।

समीर- "उहह... साली जी मेरा होने वाला है..."

काजल एकदम से लण्ड बाहर निकाल देती है, और समीर के लण्ड की धार एकदम काजल की चूचियों पर जा गिरती है। काजल बोली- “आहह... जीजू ये क्या कर दिया आपने?"

समीर- "प्यार में ऐसा भी होता है साली साहिबा..." और समीर काजल को गोद में उठाता हआ बाथरूम में घुस गया और शावर खोल देता है। काजल और समीर शावर के नीचे ठंडे-ठंडे पानी में एक दूजे की बाँहो में होंठों को चूमने लगते हैं। समीर काजल के होंठों को दांतों में दबाकर चूस रहा था।

शवर के पानी में किसिंग काजल को और उत्तेजित कर रही थी। समीर काजल को चू 'अब नीचे की तरफ बढ़ने लगा। अपनी जीभ से काजल को ऐसे चाटत रहा था जैसे कोई मक्खन चाट रहा हो। अब समीर की जीभ काजल चूची को चाटते हुए पेट तक पहुँच गई थी। जब जीभ नाभि से नीचे जा रही थी, काजल में अकड़ाहट बढ़ने लगी और काजल का हाथ फौरन समीर के बालों में पहँच गया।

मगर समीर तब तक अपनी जीभ को काजल की गुलाबी चूत की फांकों में घुसा देता है। काजल तो जैसे तड़प ही गई। चूत में गीलापन और शावर का पानी मिल चुका था जो समीर चाट रहा था।

काजल- "हाय जीजू ऊहह... आअहह... उम्म्म्म
... उईईई... आअहह... सस्स्स्सी ..."

समीर चूत की गहराई तक अपनी जीभ घुसाने लगा। काजल की टाँगें अब काँपने लगी और फिर काजल को ऐसा लग रहा था जैसे चूत से कोई ज्वालामुखी निकलने वाला है। और फिर काजल समीर के सिर को अपनी चूत में घुसाये जा रही थी।

काजल- "आअहह... सस्स्सी ... उईईई... आआआ आह्ह... अहह...” और बस काजल का झरना बह गया, जिसे समीर ने अपने गले में उतार लिया। काजल अब पूरी तरह तृप्त हो चुकी थी।

थोड़ी देर दोनों यूँ ही शावर के नीचे एक दूजे की बाँहो में लिपटे रहे। दस मिनट बाद समीर काजल को गोद में उठाकर बिस्तर पर लिटा देता है। काजल टाँगें फैलाये लेटी थी। चूत की फांकें समीर की नजरों के सामने थीं। चूत पानी में धुलकर एकदम पिंक बड़ी ही हसीन लग रही थी काजल की चूत। समीर ये नजारा देखकर अपनी उंगली को काजल की चूत पर छू देता है, तो काजल की चूत में उंगली एकदम घुस जाती है।

काजल- अहह... जीजू क्या करते हो?

समीर- अपनी साली से मस्ती कर रहा हूँ।

समीर चूत में उंगली करता रहा, और समीर के लण्ड में फिर से तनाव आ जाता है। समीर अपनी उंगली को चूत में तेजी से अंदर-बाहर करने लगा। थोड़ी ही देर में काजल की चूत गीली हो जाती है, और समीर भी काजल की टांगों के बीच आ जाता है, और अपने लण्ड को चूत के छेद पर टिका देता है।

काजल- अहह... इसस्स्स...” करने लगती है।

समीर लण्ड पर जोर लगाता चला गया, और काजल की सिसकी निकलती चली गई।

काजल- “उम्म्म्म
... उईईई... जीजू धीरे दर्द हो रहा है आह्ह... अहह..."

समीर लण्ड को अंदर घुसाये जा रहा था। आधा लण्ड काजल की चूत में घुस चुका था, और समीर जोर लगता गया और पूरा लण्ड काजल की चूत में घुसता चला गया।

समीर- कैसा लग रहा है साली साहिबा?

काजल- “थोड़ा दर्द हो रहा है जीजू। आहह... सस्स्स... बस यूँ ही रुक जाओ ..."
User avatar
mastram
Expert Member
Posts: 3664
Joined: 01 Mar 2016 09:00

Re: Incest घर की मुर्गियाँ

Post by mastram »

समीर थोड़ी देर काजल की चूचियां चूसने लगता है। अब काजल की चूत और गीली हो गई। समीर को अपने लण्ड पर पकड़ कुछ ढीली महसूस हुई, और समीर ने लण्ड को थोड़ा बाहर खींचा और फिर अंदर घुसा दिया। ये धक्के अब काजल को अच्छा लगने लगा, और समीर भी अब अपनी स्पीड तेज कर देता है। लण्ड फूच-फूच की आवाज के साथ अंदर-बाहर हो रहा था। दोनों की आवाज आह्ह... आहह... हाय गूंजने लगी।

समीर और काजल दोनों झड़ने के करीब पहुँच गये। काजल ने समीर को जोर से जकड़ लिया और झड़ती चली गई। और समीर ने भी लण्ड को बाहर खींचकर अपना वीर्य काजल के पेट पर उड़ेल दिया। दोनों झड़ चुके थे। समीर काजल के ऊपर यूँ ही लेट जाता है। थोड़ी देर बाद दोनों फिर से ये खेल शुरू करते हैं। अबकी बार समीर ने काजल को डोगी स्टाइल में चोदा।

आज काजल और समीर ने सेक्स का खेल पूरे दिन खेला। समीर और काजल बुरी तरह थक चुके थे। लगभग 3:00 बजे समीर और काजल फ्रेश हुए।
*****
****


उधर दूसरी तरफ टीना सोच रही थी- “कल पापा का बर्थ-डे है और पापा का दिया गिफ्ट पहनकर दिखाना है..."
शाम 6:00 बजे किरण के पास अंजली का फोन आता है।
अंजली- हाय किरण कैसी हो?


किरण- ठीक हूँ भाभीजी तुम सुनाओ?

अंजली- कल नेहा जा रही है सुसराल। दामाद जी पहली बार घर आ रहे हैं। मैं सोच रही थी तुम्हारे हाथ की खीर भी बनवा लूँ।

किरण- अरे... भाभीजी क्यों नहीं?

अंजली- तो फिर अभी आ जाओ।

किरण- कैसे आऊँ? अभी तो ये भी दुकान से नहीं आए।

अंजली- तो क्या हुआ तुम फोन करके पूछ लो।

किरण- अच्छा अभी पूछती हूँ।

टीना- क्या हुआ मम्मी?

किरण- कल नेहा सुसराल जा रही है। तेरी आँटी मुझसे खीर बनवाना चाहती है। बुला रही है।

टीना- तो चली जाओ मम्मी।
User avatar
mastram
Expert Member
Posts: 3664
Joined: 01 Mar 2016 09:00

Re: Incest घर की मुर्गियाँ

Post by mastram »

किरण- “तेरे पापा से पूछती हूँ..” और किरण विजय को फोन पर ये बात बताती है।

विजय- देखो मुझे तो आने में देर हो जायेगी, तुम चली जाओ।

किरण फिर अंजली को फोन मिलती है- “अंजली भाभी तुम समीर को भेज दो, मैं उसके साथ आ जाऊँगी.."

अंजली- “अच्छा अभी भेजती हूँ...” और अंजली समीर को बोलती है किरण को लाने के लिए। ''

किरण टीना से- किरण- "टीना बेटा, अपने पापा के लिए खाना बना देना..."

टीना- जी मम्मी ठीक है।

तभी समीर बाइक से किरण के घर पहुँचता है, और फिर किरण और समीर घर के लिए निकल गये।

रास्ते में किरण समीर से- “समीर बेटा, अब तो रोज दिव्या के साथ मस्ती में रातें कट रही होंगी..."

समीर- अरे... कहां आँटी पूरे 8 दिन होगे दिव्या के साथ मस्ती किए हुए।

किरण- आहह... ये तो बड़ी सजा मिल रही है मेरे बच्चे को। कब ला रहे हो दिव्या को?

समीर- बस एक दो दिन में ले आऊँगा।

समीर और किरण यूँ ही बातें करते हुए घर पहुँच गये। घर पर नेहा ने दरवाजा खोला

नेहा- अरे.. आँटी टीना को नहीं लाई?

किरण- बेटा वो सुबह आ जायेगी। अंजली भाभी कहां हैं?

नेहा- किचेन में।

फिर किरण अंजली के साथ किचेन में पहुँच गई। नेहा ऊपर अपने रूम में पहुँचती है। आज काजल की समीर ने जमकर चुदाई की थी। काजल बुरी तरह थकी हुई नेहा के बेड पर लेटी थी।

नेहा- क्या बात है ननद रानी, तबीयत तो ठीक है तुम्हारी?

काजल- नहीं भाभी ऐसी कोई बात नहीं है। बस थोड़ा आराम करने का मन था।

नेहा शापिंग से लाये कपड़े काजल को दिखाने लगी।

नीचे अजय भी दुकान से घर आ चुका था। किरण को देखकर अजय के चेहरे पर स्माइल आ जाती है अजय कहता है- “अरे... भाभी क्या बना रही हो?" ।

किरण- भाई साहब खीर बना रही हूँ आपके लिए।

अजय- फिर तो आज आपकी खीर जरूर खायेंगे
Post Reply