मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचरcomplete
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर
कहानी अपने रंग में आ चुकी है बहुत अच्छे दोस्त
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- pongapandit
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर
मैं बेड पर तड़प रही होती हूँ तभी अयाज आता है, अयाज- “क्या हुआ डार्लिंग मजा आ रहा है ना?”
मैं- “आप लोग क्यों कर रहे हो ऐसा मेरे साथ?”
अयाज- “हम कुछ गलत नहीं कर रहे, जब तुझ जैसी लड़की चुदने के लिए तड़पे, तब तुझे भी मजा आएगा और हमें भी…”
मैं- “प्लीज़्ज़… प्लीज़्ज़ चोदो मुझे… चोदो मुझे प्लीज़्ज़…”
अयाज- “एक शर्त पर?”
मैं- “हाँ… मैं आपकी कोई भी शर्त मानने के लिए तैयार हूँ प्लीज़्ज़… चोदो मुझे हार्ड… मुझे अपनी चूत में लण्ड चाहिए…”
अयाज मुझे उठाकर बाल्कनी में लाता है।
मैं- “मुझे यहाँ क्यों लाए हैं आप?”
अयाज- “अब मैं तुझे यहीं चोदूंगा…”
मैं- “प्लीज़्ज़… यहां नहीं, आस-पास सबको पता चल जाएगा…”
अयाज- “ये तू सोच? तुझे लण्ड चाहिए की नहीं?”
मैं- “ठीक है, पर प्लीज़्ज़… थोड़ा धीरे-धीरे कीजिएगा…”
तभी अयाज मुझे झुका कर रेलिंग पकड़ने को बोलता है, और मैं वैसा ही करती हूँ। वो पीछे से मेरी चूचियां कसकर पकड़ता है और अपना लण्ड मेरी चूत पर रखता है। फिर एक जोरदार धक्का देता है तो मेरे मुँह से चीख निकल जाती है- ‘आह्ह्ह…’
अयाज- “अगर तू इतनी जोर से चीखेगी तो सबको पता चल जाएगा…”
मैं- “मैं क्या करूँ? आपके लण्ड का सुपाड़ा पत्थर जैसा हार्ड है, और मोटा भी…”
अयाज धीरे-धीरे अंदर-बाहर करता है, और मैं सिसकियां लेती हूँ। तभी अयाज की स्पीड तेज हो जाती है साथ-साथ मेरी चूड़ियों की खनक और सिसकियां उसे और जोर-जोर से करने के लिए उकसाती हैं, और मेरी चूचियां फिर बहुत तेजी से ऊपर-नीचे होने लगती हैं। मैं दर्द की परवाह किए बिना अपनी गाण्ड पीछे करके उन्हें पूरा सपोर्ट करती हूँ और जोर-जोर से बोलने लगती हूँ- “चोदो मुझे… चोदो मुझे प्लीज़्ज़… डोंट स्टाप… चोदो मुझे हार्डर हार्डर हार्डर फास्टर…”
और उनकी स्पीड बढ़ती जाती है। फिर मेरी चूत के अंदर से एक धारा फूट पड़ती है, मैं झड़ने लगती हूँ, मुझे कंपकंपी छूट जाती है। तभी अयाज भी अपना पानी अंदर छोड़ देता है। फिर मुझे इतनी देर बाद एक सुखद सा एहसास होता है, यह एक अद्भुत मजा। फिर मैं थक कर वहीं बाल्कनी में बैठ जाती हूँ।
मैं थोड़ी देर बाद रूम में आई तो वहां हैदर मोम के शरीर से खेल रहा था। मैं वहीं जाकर लेट जाती हूँ और तभी फहीम एक वाइब्रेटर लेकर आता है और मोम के निप्पल्स पे लगाकर ओन करता है, मोम के निप्पल्स टाइट होने लगते हैं। तभी वो वाइब्रेटर मोम की नाभि पर रखा देता है तो मोम की कमर में थिरकन साफ दिखाई पड़ती है। फिर वो उसे मोम की चूत के दाने पर रखकर स्पीड बढ़ा देता है और मोम थरथराने लगती है और अपने पैर इधर-उधर करके रिएक्ट करती है।
तभी हैदर लेट जाता है और मोम को अपने ऊपर बैठने को बोलता है। मोम उसका लण्ड अपनी चूत पर लगाती है और धीरे-धीरे उसपर बैठने लगती है, और पूरा लण्ड अंदर ले लेती है। तभी हैदर उठकर बैठ जाता है। मैंने इस पोज में किसी को सेक्स करते हुए कभी नहीं देखा था। मोम सिटिंग पोज में ही उसकी कमर पर दोनों तरफ पैर डाले हुए आगे-पीछे होने लगती है, ये इंटिमेट सेक्स देखते ही बनता था… क्या जुनून (जोश) था, दोनों धीरे-धीरे आगे-पीछे हो रहे होते हैं, और दोनों एक दूसरे की आँखों में आँखें डाले जैसे पूरी दुनियां को भूल गये होते हैं। थोड़ी देर वैसे ही करने के बाद हैदर थोड़ी तेजी से आगे-पीछे होने लगता है।
तभी फहीम अपना लण्ड मोम के मुँह में देता है और मोम उसे चूसते-चूसते आगे-पीछे होने लगती हैं। तभी हैदर मोम को उठने को बोलता है और मोम उठ जाती है। फिर वो मोम की गाण्ड में दो उंगलियों डालकर आगे-पीछे करता है और मोम की पीठ अपने तरफ करते हुए उसकी गाण्ड पर अपना लण्ड रखता है और उन्हें बैठने को बोलता है। मोम धीरे-धीरे उसपर पूरा बैठ जाती हैं, और थोड़ा-थोड़ा हिलती है। मोम खुद आगे-पीछे होकर उसका लण्ड अंदर लेती है।
फहीम इशारे से हैदर को रुकने को बोलता है और अपना लण्ड मोम की चूत पर लगाता है और थोड़ा-थोड़ा आगे-पीछे होने लगता है।
मोम का चेहरा उनके दर्द का एहसास करा रहा होता है। तभी दोनों एक-एक कर अपनी स्पीड बढ़ाते हैं, एक बार फहीम धक्का लगता है और एक बार हैदर, और मोम दोनों के धक्के बर्दास्त कर रही होती है और अपने होंठों अपने दांत से काटने लगती हैं। पर थोड़ी ही देर में दोनों एक साथ धक्के लगाने लगते हैं।
मोम एक साथ दोनों लण्ड अंदर ले रही होती हैं, अब शायद ये दर्द वो बर्दास्त नहीं कर पाती और उनकी आँखें गीली होने लगती है और ‘आअह्ह्ह… आआह्ह्ह’ की आवाजें उनके मुँह से निकलती हैं। पर साफ पता चलता है की इस दर्द को अंदर से वो पूरा एंजाय कर रही होती हैं।
तभी हैदर झड़ जाता है और अपना लण्ड निकालकर बगल में लेट जाता है।
पर मोम भी अभी तक झड़ी नहीं होती है। फहीम मोम की आँखों में देखता है तो ऐसा लगता है कि मोम उससे जंगली चुदाई कि उम्मीद कर रही हों। वो मुश्कुराता है और मोम के दोनों पैर एक हाथ से चिपका कर मुझे पकड़ने के लिये बोलता है। इससे मोम की चूत अंदर से पूरी तरह से सिकुड़ जाती है और वो जोर-जोर से धक्के लगाने लगता है।
मोम चीखने लगती हैं, शायद उसका टेढ़ा लण्ड उन्हें बहुत दर्द देता है। फिर वो पूरा लण्ड बाहर निकालता है और एक झटके से दुबारा पेल देता है। ऐसा वो 8-10 बार करता है। मोम की जांघों से उनका पानी बहने लगता है और मोम झड़ चुकी होती हैं।
फहीम भी अंदर ही झड़ जाता है। दोनों निढाल होकर बेड पर लेट जाते हैं।
हमें कब नींद आ जाती है हमें पता ही नहीं चलता। सुबह 9:30 बजे मोम की नींद खुलती है मोम मुझे जगाती हैं, और कहती हैं- “उठो मोनिका 9:30 बज गये…”
मैं- “मोम सोने दो ना मैं बहुत थक गई हूँ…”
मोम- “तैयार हो जा, घर जाकर सो लेना…”
मैं उठ जाती हूँ और फ्रेश होकर बाहर आ जाती हूँ।
मोम- “जा नहा ले, घर चलना है…”
मैं- “ओके…” कहकर मैं नहाने चली जाती हूँ।
और तभी अयाज की काल आती है।
मोम- “हेलो…”
अयाज- “उठ गई…”
मोम- “जी हाँ…”
अयाज- “ठीक है तैयार हो जाओ थोड़ी देर में ड्राइवर आएगा और तुम लोगों को घर छोड़ देगा…”
मोम- “ओके थैंक्स, पर आप लोग कहां चले गये इतनी सुबह-सुबह?”
अयाज- “आज जरूरी मीटिंग्स हैं, आज हम बिजी हैं, फ्री होते ही काल करता हूँ…”
मोम- “ओके…”
मैं- “आप लोग क्यों कर रहे हो ऐसा मेरे साथ?”
अयाज- “हम कुछ गलत नहीं कर रहे, जब तुझ जैसी लड़की चुदने के लिए तड़पे, तब तुझे भी मजा आएगा और हमें भी…”
मैं- “प्लीज़्ज़… प्लीज़्ज़ चोदो मुझे… चोदो मुझे प्लीज़्ज़…”
अयाज- “एक शर्त पर?”
मैं- “हाँ… मैं आपकी कोई भी शर्त मानने के लिए तैयार हूँ प्लीज़्ज़… चोदो मुझे हार्ड… मुझे अपनी चूत में लण्ड चाहिए…”
अयाज मुझे उठाकर बाल्कनी में लाता है।
मैं- “मुझे यहाँ क्यों लाए हैं आप?”
अयाज- “अब मैं तुझे यहीं चोदूंगा…”
मैं- “प्लीज़्ज़… यहां नहीं, आस-पास सबको पता चल जाएगा…”
अयाज- “ये तू सोच? तुझे लण्ड चाहिए की नहीं?”
मैं- “ठीक है, पर प्लीज़्ज़… थोड़ा धीरे-धीरे कीजिएगा…”
तभी अयाज मुझे झुका कर रेलिंग पकड़ने को बोलता है, और मैं वैसा ही करती हूँ। वो पीछे से मेरी चूचियां कसकर पकड़ता है और अपना लण्ड मेरी चूत पर रखता है। फिर एक जोरदार धक्का देता है तो मेरे मुँह से चीख निकल जाती है- ‘आह्ह्ह…’
अयाज- “अगर तू इतनी जोर से चीखेगी तो सबको पता चल जाएगा…”
मैं- “मैं क्या करूँ? आपके लण्ड का सुपाड़ा पत्थर जैसा हार्ड है, और मोटा भी…”
अयाज धीरे-धीरे अंदर-बाहर करता है, और मैं सिसकियां लेती हूँ। तभी अयाज की स्पीड तेज हो जाती है साथ-साथ मेरी चूड़ियों की खनक और सिसकियां उसे और जोर-जोर से करने के लिए उकसाती हैं, और मेरी चूचियां फिर बहुत तेजी से ऊपर-नीचे होने लगती हैं। मैं दर्द की परवाह किए बिना अपनी गाण्ड पीछे करके उन्हें पूरा सपोर्ट करती हूँ और जोर-जोर से बोलने लगती हूँ- “चोदो मुझे… चोदो मुझे प्लीज़्ज़… डोंट स्टाप… चोदो मुझे हार्डर हार्डर हार्डर फास्टर…”
और उनकी स्पीड बढ़ती जाती है। फिर मेरी चूत के अंदर से एक धारा फूट पड़ती है, मैं झड़ने लगती हूँ, मुझे कंपकंपी छूट जाती है। तभी अयाज भी अपना पानी अंदर छोड़ देता है। फिर मुझे इतनी देर बाद एक सुखद सा एहसास होता है, यह एक अद्भुत मजा। फिर मैं थक कर वहीं बाल्कनी में बैठ जाती हूँ।
मैं थोड़ी देर बाद रूम में आई तो वहां हैदर मोम के शरीर से खेल रहा था। मैं वहीं जाकर लेट जाती हूँ और तभी फहीम एक वाइब्रेटर लेकर आता है और मोम के निप्पल्स पे लगाकर ओन करता है, मोम के निप्पल्स टाइट होने लगते हैं। तभी वो वाइब्रेटर मोम की नाभि पर रखा देता है तो मोम की कमर में थिरकन साफ दिखाई पड़ती है। फिर वो उसे मोम की चूत के दाने पर रखकर स्पीड बढ़ा देता है और मोम थरथराने लगती है और अपने पैर इधर-उधर करके रिएक्ट करती है।
तभी हैदर लेट जाता है और मोम को अपने ऊपर बैठने को बोलता है। मोम उसका लण्ड अपनी चूत पर लगाती है और धीरे-धीरे उसपर बैठने लगती है, और पूरा लण्ड अंदर ले लेती है। तभी हैदर उठकर बैठ जाता है। मैंने इस पोज में किसी को सेक्स करते हुए कभी नहीं देखा था। मोम सिटिंग पोज में ही उसकी कमर पर दोनों तरफ पैर डाले हुए आगे-पीछे होने लगती है, ये इंटिमेट सेक्स देखते ही बनता था… क्या जुनून (जोश) था, दोनों धीरे-धीरे आगे-पीछे हो रहे होते हैं, और दोनों एक दूसरे की आँखों में आँखें डाले जैसे पूरी दुनियां को भूल गये होते हैं। थोड़ी देर वैसे ही करने के बाद हैदर थोड़ी तेजी से आगे-पीछे होने लगता है।
तभी फहीम अपना लण्ड मोम के मुँह में देता है और मोम उसे चूसते-चूसते आगे-पीछे होने लगती हैं। तभी हैदर मोम को उठने को बोलता है और मोम उठ जाती है। फिर वो मोम की गाण्ड में दो उंगलियों डालकर आगे-पीछे करता है और मोम की पीठ अपने तरफ करते हुए उसकी गाण्ड पर अपना लण्ड रखता है और उन्हें बैठने को बोलता है। मोम धीरे-धीरे उसपर पूरा बैठ जाती हैं, और थोड़ा-थोड़ा हिलती है। मोम खुद आगे-पीछे होकर उसका लण्ड अंदर लेती है।
फहीम इशारे से हैदर को रुकने को बोलता है और अपना लण्ड मोम की चूत पर लगाता है और थोड़ा-थोड़ा आगे-पीछे होने लगता है।
मोम का चेहरा उनके दर्द का एहसास करा रहा होता है। तभी दोनों एक-एक कर अपनी स्पीड बढ़ाते हैं, एक बार फहीम धक्का लगता है और एक बार हैदर, और मोम दोनों के धक्के बर्दास्त कर रही होती है और अपने होंठों अपने दांत से काटने लगती हैं। पर थोड़ी ही देर में दोनों एक साथ धक्के लगाने लगते हैं।
मोम एक साथ दोनों लण्ड अंदर ले रही होती हैं, अब शायद ये दर्द वो बर्दास्त नहीं कर पाती और उनकी आँखें गीली होने लगती है और ‘आअह्ह्ह… आआह्ह्ह’ की आवाजें उनके मुँह से निकलती हैं। पर साफ पता चलता है की इस दर्द को अंदर से वो पूरा एंजाय कर रही होती हैं।
तभी हैदर झड़ जाता है और अपना लण्ड निकालकर बगल में लेट जाता है।
पर मोम भी अभी तक झड़ी नहीं होती है। फहीम मोम की आँखों में देखता है तो ऐसा लगता है कि मोम उससे जंगली चुदाई कि उम्मीद कर रही हों। वो मुश्कुराता है और मोम के दोनों पैर एक हाथ से चिपका कर मुझे पकड़ने के लिये बोलता है। इससे मोम की चूत अंदर से पूरी तरह से सिकुड़ जाती है और वो जोर-जोर से धक्के लगाने लगता है।
मोम चीखने लगती हैं, शायद उसका टेढ़ा लण्ड उन्हें बहुत दर्द देता है। फिर वो पूरा लण्ड बाहर निकालता है और एक झटके से दुबारा पेल देता है। ऐसा वो 8-10 बार करता है। मोम की जांघों से उनका पानी बहने लगता है और मोम झड़ चुकी होती हैं।
फहीम भी अंदर ही झड़ जाता है। दोनों निढाल होकर बेड पर लेट जाते हैं।
हमें कब नींद आ जाती है हमें पता ही नहीं चलता। सुबह 9:30 बजे मोम की नींद खुलती है मोम मुझे जगाती हैं, और कहती हैं- “उठो मोनिका 9:30 बज गये…”
मैं- “मोम सोने दो ना मैं बहुत थक गई हूँ…”
मोम- “तैयार हो जा, घर जाकर सो लेना…”
मैं उठ जाती हूँ और फ्रेश होकर बाहर आ जाती हूँ।
मोम- “जा नहा ले, घर चलना है…”
मैं- “ओके…” कहकर मैं नहाने चली जाती हूँ।
और तभी अयाज की काल आती है।
मोम- “हेलो…”
अयाज- “उठ गई…”
मोम- “जी हाँ…”
अयाज- “ठीक है तैयार हो जाओ थोड़ी देर में ड्राइवर आएगा और तुम लोगों को घर छोड़ देगा…”
मोम- “ओके थैंक्स, पर आप लोग कहां चले गये इतनी सुबह-सुबह?”
अयाज- “आज जरूरी मीटिंग्स हैं, आज हम बिजी हैं, फ्री होते ही काल करता हूँ…”
मोम- “ओके…”
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Re: मेरी माँ का और मेरा सेक्स एडवेंचर
तभी मैं नहाकर बाहर आ जाती हूँ, कपड़े पहनकर तैयार हो जाती हूँ, और मोम भी बिना ब्लाउज़ के साड़ी पहनी होती हैं, क्योंकी उनका ब्लाउज़ स्वीमिंग पूल में ही रह गया था। तभी रूम सर्विस का बंदा दरवाजा नाक करता है और पूछता है- मेम कुछ चाहिए क्या आपको?
मोम- “नहीं थैंक्स, अभी हमें जाना है…”
उसकी आँखें मोम की बड़ी-बड़ी चूचियों पर टिक जाती हैं।
मोम- “क्या देख रहे हो?”
रूम सर्विस- “कुछ नहीं मेम…” और वो मोम के हाथ में एक विजिटिंग कार्ड देता है और एक लिफाफा।
मोम- “ये क्या है?”
रूम सर्विस- “मेम, मुझे नहीं पता? ये हमारे एक कस्टमर ने आपको देने के लिए बोला था…”
मोम- “ओके…”
और वो लड़का वहां से चला जाता है।
मोम बुरक़ा पहन लेती हैं, और मैं भी। फिर हम हिजाब बाँधते है। तभी दरवाजा नाक होता है। मैं दरवाजा खोलती हूँ तो वो ड्राइवर होता है और पूछता है- “मेम आप तैयार हैं? मैं आपको छोड़ने आया हूँ…”
मोम- “हाँ चलो…” मोम के हर कदम से मोम की बड़ी-बड़ी चूचियां उछल-कूद मचा रही थीं। लाबी में बैठे हर बंदे को एहसास हो जाता है की मोम ने ब्रा नहीं पहनी हुई है। हम कार में आकर बैठ जाते हैं, और कार चल देती है।
ड्राइवर मुश्कुराते हुए- “क्यों मेम जी, हमारे साहब लोगों ने आप लोगों को मजा दिया की नहीं?”
मोम- “शट-अप… तुम गाड़ी चलाओ…”
मैं मोम को हाथ रखकर चुप रहने को बोलती हूँ और तभी वो हमारे घर के पास कार रोकता है और हमें एक पैकेट देकर चला जाता है। हम घर के अंदर जाते हैं, उस समय भाई घर पर ही होता है।
भाई- “हाय मोम, हाय दीदी…”
मैं- “हाय…”
भाई- कहां गये थे आप लोग? और आप लोगों ने ये क्या पहन रखा है?
मैं- “हम एक थीम पार्टी में गये थे, ये वहां का ड्रेस कोड था…”
भाई- “कैसी थीम पार्टी?”
मैं- “मेरी एक दोस्त के घर पर थी, परसों बकरीद है ना, उस वजह से दी गई थी…”
भाई- “ओके…”
हम रूम में चले जाते है, मोम बोली- “बेटा, आज तो बाल-बाल बच गये। क्या आइडिया आया तुमको? मुझे तो लगा हम फँस गये…”
मैं- “मोम, आप चिंता मत करो, मैं हूँ ना कुछ नहीं होगा…”
तभी हम वो पैकेट खोलकर देखते हैं और आँखें फटी की फटी रह जाती हैं, उसमें दो गोल्ड के सेट होते हैं और मोम तो खुशी से नाच उठती हैं।
मैं- “क्या बात है मोम, एक दिन की इतनी बड़ी कीमत?”
मोम- “सच… आई आम वेरी थैंकफुल टु यू…”
मैं- “मुझे क्यों?”
मोम- “अगर तू हाँ ना करती तो शायद मैं नहीं जाती उनके पास…”
मैं- “एक बात है मोम?”
मोम- “क्या?”
मैं- “इतना ढेर सारा मजा और इतने महंगे गिफ्ट भी…”
मोम- “सब तेरी ही वजह से है…”
मैं- “और मोम वो रूम सर्विस वाला लड़का क्या देकर गया था आपको?”
मोम- “पता नहीं, मैंने तो खोलकर भी नहीं देखा?”
मैं- “देखो तो है क्या वो?”
मोम- “ओके…” फिर मोम वो पैकेट खोलती हैं। उसमें एक लेटर होता है,
डियर मेम,
मैंने आज आप लोगों को पूल साइड पर देखा। सच आप जैसी बिंदास लेडीस आज तक नहीं देखी। सच में आप लोगों पर फिदा हो गया हूँ, आपसे एक रिक्वेस्ट है। मेरा विजिटिंग कार्ड अंदर है। प्लीज़्ज़… आप एक बार मुझसे बात कर लो, प्लीज़्ज़… प्लीज़्ज़… प्लीज़्ज़। मोम वो लेटर पढ़कर पर्स में वापस रख लेती हैं और हम जाकर सो जाते हैं, शाम को मोम चाय बनाकर लाती हैं। हम दोनों चाय पीते हैं।
मैं- “सच बताओ मोम, कैसा लगा कल रात का थ्रिल?”
मोम- “सच बताऊँ तो बहुत मजा आया, और जब से तू मेरे साथ आई है ना मजा बढ़ गया है…”
मैं- “वो क्यों?”
मोम- “ये सोचकर की मैं अपनी ही बेटी के सामने बेशर्मी से चुदवा रही हूँ…”
मैं- “सच बताऊँ तो आपको देखकर ही मैंने सेक्स को सही से एंजाय किया…”
तभी अयाज की काल आती है।
मोम- “हेलो…”
अयाज- “कैसी है?”
मोम- “बस आप लोगों का प्यार है जो जी रही हूँ…”
अयाज- “हाँ… एक बात बताओ?”
मोम- “क्या?”
अयाज- “तुम दोनों जाब करोगी मेरी कंपनी में, जिंदगी बन जाएगी…”
मोम- “पर हमने तो कभी जाब की भी नहीं, कैसे कर पाऊँगी?”
अयाज- “तो अब करके देख और उस लड़की को भी जाब दे देता हूँ तेरे साथ…”
मोम- “ठीक है, मैं अपनी बेटी से बात करके बताती हूँ…”
अयाज- “बेटी से?”
मोम- “नहीं, मेरा मतलब है उस लड़की से…”
अयाज- “ठीक है, सोच ले?”
मोम- “पर हमें करना क्या होगा?”