मेरी सेक्सी बहनें compleet

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jay
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Re: मेरी सेक्सी बहनें

Post by jay »



डॅड की ये बात सुनके, काजल के माँ बाप खुश हुए, पर काजल अभी भी सहमी बैठी हुई थी...



"काजल, तुम चलो घर, मैं सब डॉक्युमेंट्स लेके तुम्हारे घर पहुँचा देता हूँ... आंड बी स्ट्रॉंग.. ओके बेटे" डॅड ने काजल को वहाँ से जाने के लिए कहा..



4 दिन में काजल की शादी हुई और उसकी सब तैयारियाँ डॅड ने करवाई कंपनी एक्सपेन्सस से.. शादी के बाद उन्होने कपल को हनिमून पे भी भेजा सिंगपुर... सब खुश थे, डॅड खुश थे क्यूँ कि बात बाहर जाती तो उन्हे गवरमेंट कांट्रॅक्ट नहीं मिलता, कमिशनर खुश था क्यूँ कि डॅड ने उसे भी खुश किया था ताकि एफआइआर नोट ना हो और बात दब जाय... लेकिन सबसे ज़्यादा खुश विजय था क्यूँ कि उसे लगा वो बच गया... पर उसकी खुशी ज़्यादा देर नहीं टिकी..



"विजय, तुम फॅक्टरी पहुँचो मैं दूसरी गाड़ी में आता हूँ.." डॅड ने एक सुबह विजय को कहा



विजय गाड़ी लेके फॅक्टरी की ओर निकला, जहाँ रास्ते में उसे पोलीस ने रोका...



"सर दिक्क़ी खोलिए, रुटीन चेकिंग है" चेक पोस्ट पे पोलीस ने कहा



जैसे ही विजय ने डिकी खोली



"सर... सर... इधर आइए , ये बॅग देखिए , हवलदार चिल्लाया" ये आवाज़ सुनके विजय बाहर निकला और इनस्पेक्टर भी पहुँच गया



विजय को पोलीस ने गिरफ्तार किया, और पोलीस ने मीडीया में स्टेट्मेंट रिलीस किया.. दूसरे दिन की लोकल न्यूसपेपर की हेडलाइन्स थी..



"विजय वीरानी, जॉइंट चेर्मन ऑफ वीरानी मॅन्यूफॅक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड कॉट विद ड्रग्स वर्त 10 लॅक्स.. ही ईज़ टिप्ड टू बी असोसीयेटेड विद लोकल ड्रग माफिया"
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: मेरी सेक्सी बहनें

Post by jay »

विजय को कुछ दिन हवालात में गुज़ारने पड़े.. लेकिन अंशु के पति ने उसकी बैल करवाई.. डॅड मीडीया और गवरमेंट के प्रेशर में थे जो उन्होने खुद ही बनाया था.... इसलिए उन्होने विजय की बैल नही करवाई, और मीडीया में प्रेस रिलीस भेज दिया



"दिस ईज़ टू इनफॉर्म दा एंटाइयर मीडीया आंड ऑल दा एंप्लायीस ऑफ दा कंपनी, ड्यू टू सम अनफॉर्चुनेट इवेंट दट हॅज़ टेकन प्लेस रीसेंट्ली, आइ अफीशियली टर्मिनेट दा एंप्लाय्मेंट ऑफ मिस्टर विजय वीरानी ऐज जॉइंट चेर्मन फ्रॉम दिस कंपनी.. हाउएवर ड्यू टू हिज़ पर्सनल स्टेक इन दा होल्डिंग्स ऑफ दा कंपनी, ही कॅन स्टिल वर्क बट ओन्ली ऐज प्रोडक्षन हेड ऑफ दा कंपनी... वन्स दा केस अगेन्स्ट हिम ईज़ प्रूव्ड ऑर इफ़ ही ईज़ नोट गिल्टी, सूटेबल आक्षन विल बी टेकन इन फर्दर कोर्स ऑफ टाइम..."
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jay
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Re: मेरी सेक्सी बहनें

Post by jay »

बॅक टू प्रेज़ेंट








"भाई... भाई... व्हाट हॅपंड...." ललिता ने मुझे कंधे से झटकते हुए पूछा



"हुह... क्या कहा तुमने..." मैं अपने ख़यालों से बाहर आके पूछा



"कुछ नहीं... आप ही खो गये थे संजय के नाम से" ललिता ने अपना चेहरा बनके बोला



"आंड वैसे भी भाई, अगर मैं मान लूँ आपकी बात, तो संजय को फॅक्टरी के फाइनान्षियल्स के बारे में कैसे पता... ऐज ऑफ नाउ आइ आम अस्यूमिंग कि पूजा की शादी आपसे सिर्फ़ फॅक्टरी में स्टेक की वजह से हो रही है.. अंकल ने अपनी पर्सनल वेल्त पूजा और आपके नाम की है वो तो पूजा को कल पता चला... सो क्वेस्चन रिमेन्स, हाउ जय नोज अबाउट फाइनान्षियल्स ऑफ दा कंपनी हाँ" ललिता मेरे सामने चेर लेके बैठ गयी



"तेरे डॅड... उन्होने ही बताया होगा" मैने जवाब दिया ललिता को



"ओह कम ऑन भाई... डॅड कुछ पढ़े लिखे नहीं है, आप जानते हो, उनको फाइनान्षियल्स तो क्या उनको फाइनान्स का फ भी नहीं पता... और अगर उन्हे फाइनान्षियल्स पता होते तो वो अंकल के पर्सनल असेट्स भी जानते होते... उन्होने प्लाननिग सिर्फ़ ये समझ के की है कि पूजा को फॅक्टरी का ओनर बनाएँगे और अंकल के नाम जो प्रॉपर्टी है उनकी वॅल्यू 35 करोड़... अभी तो उनको कंपनी के होल्डिंग स्ट्रक्चर भी नहीं पता हैं विच अलोन ईज़ वॅल्यूड अट 20 करोड़ अट दा फेस वॅल्यू.. अभी तो हमारी कंपनी लिस्टेड भी नहीं है, जब वो होगी दिस वॅल्यू कॅन गो 10 टाइम्स हाइयर ऐज वेल... सो दट विल कम टू 200 करोड़ ओन्ली शेर्स वॅल्यू... मेरे डॅड को इतना नालेज होता तो ये पेसोनल वेल्त आज उनकी होती.... आंड बिसाइड्स, डॅड को अपनी होल्डिंग्स की वॅल्यू नहीं पता तो अंकल को कैसे मालूम होगी.. थ्ट्स इट" ललिता ने सॉफ सॉफ अपनी बात कही



"अगर आप कॅल्क्युलेट करोगे, अंकल का नेट वर्थ 265 करोड़ से 465 करोड़ होगा, इफ़ यू आड दा कंपनी होल्डिंग्स वॅल्यू.. कन्सिडरिंग के कंपनी लिस्ट होने वाली है इन कमिंग यियर्ज़ , से 2 ओर 3 यियर्ज़.. अगर उससे ज़्यादा होगा तो प्रॉफिट बढ़ेगा तो कंपनी की वॅल्यू भी अकॉर्डिंग्ली बढ़ेगी.." ललिता ने फाइनली अपनी बात ख़तम कि और मेरे लिए और खुद के लिए एक सिगर्रेट जला ली



"ललिता, इतना ध्यान से स्टेट्मेंट्स को तुमने और मैने पढ़ा है.. बट यू नो, हमारे अलावा एक और बंदा है जो हमारे स्टेट्मेंट्स देखता है... रोज़, सुबह शाम... " मैने ललिता को क्लू देते हुए कहा



"भाई, मैं समझ गयी आपका क्लू... वी नीड टू डील विद हिम इन लीगल वे ऑलराइट.. हां उससे बात निकलवानी है तो कल हम चलते हैं उसके पास.. फिलहाल सो जाते हैं, रात के 3 बज गये हैं.." कहके ललिता फिर मेरे बेड पे सो गयी..



"ये क्या है, रोज़ रोज़ इधर क्यूँ.." मैने मस्ती मे ललिता से पूछा



"क्यू , नहीं सो सकती, सिर्फ़ बीवी ही सोती है क्या.. भाई बहेन नहीं सो सकते... बड़े आए" ललिता कहके हँसने लगी




कुछ सेकेंड्स तक मैं खामोश रहा... मेरे दिमाग़ में एक सवाल था, जो मैं ललिता से उस वक़्त पूछना चाहता था, पर समझ नहीं आ रहा था कैसे पूछूँ...



"क्या हुआ.. कुछ बाकी है पूछना भाई." ललिता बेड से उठके मेरे पास बैठ गयी



"ललिता.... आइ आम सॉरी तुझे संजय की याद दिला दी, बट इन सब चीज़ों में मैं भूल गया था कि एक वक़्त ऐसा भी आया था जब मैने तुम्हारे साथ भी होटेल में...." इससे आगे मैं बोल नहीं पाया



"भाई... आप प्लीज़ ऐसा मत सोचो... संजय ने ज़बरदस्ती की थी, और हम मर्ज़ी से थे.. हां हमारे हालत ऐसे थे कि हम मजूर थे उस वक़्त, लेकिन संजय की कोई मजबूरी नहीं थी.. इसलिए आप प्लीज़ अपनी तुलना उसके साथ ना करें... यू आर माइ बेबी यार, कम ऑन नाउ, गिव मी हग " कहके ललिता ने अपनी बाहें खोली और मैं उसके गले लग गया



"अब सो जाइए, सुबह को काम है याद है ना... बस एक आखरी काम , फिर परदा उठाने का टाइम है" ललिता ने मेरे कान में कहा



ललिता और मैं यूही बातें करते करते सो गये.. रात को लेट सोए थे, तभी सुबह हम दोनो की आँख नहीं खुली.. दोपहर के 2 बजे करीब हमे मोम और शन्नो दोनो उठाने आए



"बेटे उठो, तुम दोनो यहाँ क्यूँ सोए हो" मम्मी ने ललिता को उठाते हुए कहा



', उठो भी, अब चलो तैयार हो जाओ, मेहमान आए हुए हैं घर पे.. 2 बज गये हैं दोपहर के" शन्नो ने मुझे उठाते हुए कहा



"व्हाट !!!! 2 बज गये... आपने हमे पहले क्यूँ नहीं उठाया मोम..." ललिता और मैं दोनो एक साथ बोल पड़े उठ के...



"तुम यहाँ क्यूँ सोई हो ललिता" शन्नो ने गुस्से में ललिता से पूछा



"मम्मी, मैं अपने कमरे में ही थी, पर रात को डर लग रहा था, इसलिए सुबह 4 बजे भाई के कमरे में आ गयी.. और देरी हो गयी" ललिता ने झूठ बोल दिया

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Re: मेरी सेक्सी बहनें

Post by jay »


ललिता और मैं जल्दी तैयार होने लगे.. तैयार होके हमने लंच किया और जल्दी से गाड़ी में बैठ के पास ही बनी बस्ती में चले गये...



"बेटा, शाम को जल्दी आना.." जाते जाते मैने मोम की चीख सुनी



जैसे ही हम बस्ती में पहुँचे, कुछ दूर जाके हमे एक आदमी दिखा



"गफ़ूर भाई..." ललिता ने उस आदमी से पूछा




"मैं हूँ बोलो..." गफ़ूर ने हमे देखते हुए अपनी कड़क आवाज़ में कहा



मैने जेब से 10,000 की गॅडी निकली और उसे काम समझा दिया..



"हहहा... आपका काम 2 घंटे में हो जाएगा... कहाँ मिलना है शाम को" गफ़ूर ने हमे पूछा



"यहीं, हम 2 घंटे में फिर आएँगे, तुम उसे ले आओ.. और अपने घर में खातिरदारी करो" मैने जाते हुए गफ़ूर को कहा

दोपहर के करीब 3.30 बज रहे थे.. भूख बहुत लगी, ललिता और मैं नज़दीकी एमसीडी में चले गये.. जाके हमने खाना ऑर्डर किया और बातें करने लगे


"आइ थिंक दिस ईज़ इट.. इसके बाद हमारा कोई काम पेंडिंग नहीं रहता भाई.." ललिता ने अपना बर्गर खाते हुए कहा



"हां.. बाकी तेरी सब फ्रेंड्स को इन्वाइट दे दिया तूने..." मैने अपने मोबाइल में देखते हुए पूछा



"हां भाई.. अब आप खाओ कुछ पहले" ललिता ने मेरे हाथ से मोबाइल लेके अपने बॅग में डाल दिया



"अरे मैं चेक कर रहा हूँ सब फ्रेंड्स को इन्वाइट दिया कि नही... मेरी कंपनी में भी सब को इन्वाइट चेक कर रहा हूँ" मैने अपना मॅक खाते हुए बोला



"चलो.... आज हुई 17.. कल रात को पत्ते खुलेंगे भाई. वैसे ज़य भी कल आएगा ना.. बीन लोंग टाइम उसको देखे हुए...कितने बजे फ्लाइट है उसकी" ललिता ने एक और बर्गर ऑर्डर कर दिया अपने लिए



"उसका मसेज नहीं आया अब तक, फोन दे तो पूछूँ" कहके मैं फिर अपने मोबाइल के लिए हाथ बढ़ाया और ज़य को कॉल किया



"हां छोटू.. कितने बजे की फ्लाइट है भाई तेरी कल की" मैने ज़य से पूछा



"भाई, दोपहर 12 बजे आ जाना आप. और मैं कितने बजे आ रहा हूँ बस आप ही जानते हो ओके, " ज़य ने जवाब दिया



"हां छोटू जानता हूँ, लास्ट टाइम पायल लेने आई थी तुझे अच्छा नहीं लगा... चिंता मत कर, इस बार मेरे साथ एक स्वीट सर्प्राइज़ है तेरे लिए" चल बाइ



"क्या भाई, मेरी तो बात करवाते कम से कम... चलो, कल मैं भी चलूंगी साथ आपके" ललिता फिर अपना बर्गर खाने में लग गयी



"हां रे, यूआर दा सर्प्राइज़ फॉर हिम..." मैने इतना ही कहा के एक अननोन नंबर से कॉल आया



"हेलो... हू ईज़ दिस..." मैने फोन पे पूछा



"गफ़ूर भाई है अपुन... आपका पार्सल आएला है, मेरे घर आ जाओ" कहके उसने फोन कट किया



ललिता और मैं बिल पे करके गफ़ूर की बस्ती में चल दिए.. शाम होने आई थी, इसलिए ट्रॅफिक बढ़ने लगा था... जैसे जैसे हम गफ़ूर के घर के नज़दीक पहुँचते, हमारे दिल की धड़कन तेज़ होती जाती.. अगर हमारा अंदाज़ा सही है तो कोई प्राब्लम नहीं है, लेकिंग अगर हमारा अंदाज़ा ग़लत हुआ तो डॅड से मार पड़ेगी और लीगल केस भी हो सकता था ललिता और मुझ पे...... ललिता और मैं तेज़ी से चलते चलते गफ़ूर के घर के बाहर पहुँचे..



"फ्यू !!!! होल्ड माइ हॅंड... आइ डोंट वान्ट टू स्किप माइ हार्टबीट नाउ..." कहके ललिता ने मेरा हाथ पकड़ा और ज़ोर ज़ोर से साँसे लेने लगी...



"चलो, " कहके ललिता ने दरवाज़ा खाटकाया और दरवाज़ा खुलते ही हम अंदर आ गये
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Re: मेरी सेक्सी बहनें

Post by jay »


हमारे अंदर जाते ही रूम में अंधेरा था, वो अब उजाले में बदल चुका था.. सामने कुर्सी पे एक बंदा बैठा हुआ था, उसके आस पास गफ़ूर के आदमी, उसके हाथ पर बँधे हुए थे, मूह में कपड़ा था तो वो बोल नहीं पा रहा था, मूह पे काला कपड़ा ढका हुआ था...



"इसका मूह दिखाओ" मैने गफ़ूर से कहा



गफ़ूर ने मूह पर से कपड़ा हटाया... धीरे धीरे वो आदमी अपनी आँखें खोलने लगा... जैसे ही उसे सॉफ दिखाई दिया, उसकी आँखें बड़ी हो गयी मुझे देख के... मैं उसके सामने वाली कुर्सी पे बैठ गया



"हेलो मिस्टर चौकसे... हाउ आर यू" मैने उस आदमी से हंस के पूछा



"मिस्टर वीरानी.. व्हाट ईज़ दिस..." कहके वो आदमी दाँत पीसने लगा



"मिस्टर चौकसे, हमे आपसे कुछ जानना है.. प्लीज़ कोओपरेट नहीं तो" ये कहके मैने एक नज़र गफ़ूर को देखा, और उसने तुरंत अपने आदमी से इशारा किया.. उसका आदमी हाथ में एलेक्ट्रिक वाइर्स लेके खड़ा था...



"शॉकिंग ना.. " मैने एक बार फिर चौकसे की आँखों में देख के कहा



"व्हाट डू यू वान्ट" उसने सिर्फ़ इतना ही कहा



"ललिता.... ही ईज़ ऑल युवर्ज़..." कहके मैं वहाँ से उठ गया और ललिता को कुर्सी पे बिठाया



"मिस्टर चौकसे.. मुझे हर एक सवाल का जवाब सीधा चाहिए.. अगर एक सवाल सही एक ग़लत हुआ, तो आपको इतने शॉक लगेंगे कि आप सोच भी नहीं सकते..." गॉट इट...



ये कहके ललिता और मैं चौकसे से सवाल पूछने लगे... उसने कितने शॉक खाए वो ललिता और मैं भी काउंट करना भूल गये थे... फाइनली 3 घंटे के बाद ललिता और मैने उससे सच निकलवाया, और उसको रेकॉर्ड कर लिया


"ये लो भाई.. आपकी सीडी.. कुछ और काम हो तो बुला लीजिएगा" गफ़ूर ने हमे कहा



"ये लो.." ललिता ने 5000 और देते हुए कहा



"ये किसलिए मेडम" गफ़ूर ने पैसे लेते हुए कहा



"इसका हुलिया ठीक करो, इसे छोड़ आओ जहाँ से लाए थे.. बाकी के जितने बचें तुम्हारे लड़को की बख़्शीस... पर याद रहे अगर ये बात बाहर गयी, तो मैं कमिशनर की बेटी हूँ.. सोच लो अंजाम अपना, " कहके ललिता वहाँ से चली गयी , उसकी आँखों पे डार्क ग्लासेज लगा के.



"ये सही में कमिशनर की छोकरी है" गफ़ूर ने मुझसे पूछा



"मैं उसका भाई हूँ.. ध्यान रहे" कहके मैं भी वहाँ से निकल गया


ललिता और मैं गाड़ी में आ गये... घर जाके सबसे पहले हमने रूम को लॉक किया और एन्षूर कर लिया चौकसे की सीडी सही है, कोई एरर नहीं है... हमने उसकी कॉपी बना ली और ओरिजिनल को लॉकर मे छुपा लिया.. मेरे रूम का लॉकर कोड सिर्फ़ मेरे पास था सो नो वरीस...



शाम के 8 बजे ललिता और मैं नीचे उतरे , सब गेस्ट्स से अच्छे से मिले... काफ़ी नाच गाना चला, मेरे सभी दोस्त आए हुए थे.. मेरे ऑफीस के फ्रेंड्स... आज रात ड्रिंक्स पार्टी थी जिसको डॅड होस्ट करने वाले थे... रात के 10 बजे करीब पार्टी स्टार्ट हुई जो करीब सुबह के 3 बजे तक चली.. जिसको होश था वो अपने घर गया, जिसे होश नहीं था उसे डॅड और मैने गाड़ी में उसके घर भिजवा दिया...


"चलो सोन.. गॉट टू स्लीप नाउ.. सी यू टुमॉरो.. और ज़य कितने बजे आ रहा है" डॅड ने अपना मूह धोते हुए पूछा



"दोपहर 12 बजे दद.." मैने नींद में कहा



"चलो, सो जाओ, कल मिलते हैं ओके" कहके डॅड अपने कमरे में निकल गये.... आज ललिता मेरे साथ नहीं थी, इसलिए मैं बेड पे जैसे आया वैसे सो गया.. सुबह 10 बजे ललिता मुझे उठाने आई



"भाई चलो, वी नीड टू गो एरपोर्ट" ललिता ने मुझे उठाते हुए कहा



"हां हाँ, चलो, अभी आता हूँ मैं , तू जा" कहके मैं फ्रेश होने गया और ललिता निकल गई नीचे



मैं फ्रेश हुआ और नीसे जाके चाइ पीने बैठ गया.. चाइ पीके ललिता और मैं एरपोर्ट ज़य को लेने के लिए निकले... एरपोर्ट पहुँचे तो ज़य हमारा वेट ही कर रहा था..


"हाई भाई..." ज़य ने गले लगते हुए कहा



"हेलो डार्लिंग.." ललिता ने उसे देखते हुए कहा



"अरे रे.. मेरी डार्लिंग भी लाए आप... अरे यार, मिस्ड यू सो मच..' ज़य ने गले लग के कहा



"उम्म्म.. लास्ट टाइम तू आया और मिला भी नहीं, बॅड बॉय" ललिता ने उससे अलग होके कहा


"अरे अभी तो 15 दिन का साथ है डियर तेरे साथ.. फिकर नोट, ऑस्ट्रेलिया में खूब मस्ती करेंगे" ज़य ने ललिता को ताली मारते हुए कहा



"ऑस्ट्रेलिया ? मैं कब जा रही हूँ.." ललिता ने मुझे देखते हुए कहा



"भाई, आपने बताया नही... वैसे भाई ने भी तेरा पासपोर्ट ट्रॅवेल एजेंट को दिया है... क्या सर्प्राइज़ है वाह भाई... चलो अब घर ले चलो" कहके ज़य गाड़ी में बैठ गया



"कब लिया पासपोर्ट आपने..." ललिता ने मुझे देखते हुए कहा



"जब तू अपनी ड्रेस चेंज कर रही थी उस रात को.. मैं तेरे रूम से पासपोर्ट लेके आया.. याद है, पानी पीने गया था... तब" मैने हसके ललिता से कहा



"दट ईज़ नीडलेस ओके.. मैं नहीं जाउन्गि कहीं" कहके ललिता गाड़ी में बैठी और हम घर की तरफ चल दिए
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