मेरी सेक्सी बहनें compleet

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jay
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Re: मेरी सेक्सी बहनें

Post by jay »

पूरे रास्ते में ललिता और ज़य की चतर पाटर चलती रही.. घर पहुँचे तो सब जे को देख के बहुत खुश थे.. लेकिन जे की आँखों में अब तक कई सवाल थे... थोड़ी देर बाद ज़य अपने कमरे में मेरे और ललिता के साथ गया और सब पूछने लगा..



"ह्म्म्मं... टुडे ईज़ दा ड-डे राइट..." ज़य ने कहा



"हां छोटू, कल सब ख़तम... अगर जैसा हमने सोचा है वैसे हुआ तो तेरे लिए एक बहुत ही बढ़िया सर्प्राइज़ भी है" मैने ललिता को देख के कहा



"हां ज़य... अब तुम आराम करो, और भाई आप मुझे ले चलो अंशु के घर...." ललिता ने अपना बॅग लेके कहा



"वहाँ क्यूँ भाई, आज ही तो आया हूँ, आज जा रही है" ज़य ने कहा ललिता को



"अरे, नाउ दट आइ आम इन देयर टीम, मुझे आज रात को जाना पड़ेगा ना उनके साथ.. उनके बॉस के पास... शायद हमने सोचा है वोई हो तो" ललिता ने बाहर निकलते हुए कहा



"तुमने किसका नाम सोचा है वो तो बताओ..." ज़य ने ललिता और मुझसे बाहर आके पूछा



"संजय" ललिता और मैने साथ में कहा



"व्हेअर डिड ही कम फ्रॉम भाई... साइको है वो बंदा वी नो इट राइट.... आंड आज आप अकेले वहाँ जाएँगे, मैं भी चलूँगा" ज़य ने ज़िद्द में आके कहा



"पागल मत बन छोटू.. तू आज आया है और आज ही कैसे आएगा बाहर.. घर पे बैठ मॉम डॅड के साथ, ऑस्ट्रेलिया और वेड्डिंग के लिए थोड़ी शॉपिंग कर आ तब तक... आंड रात को डिन्नर साथ में करते हैं " कहके मैं और ललिता बाहर निकल गये



मोम डॅड रूम में थे, तभी ललिता और मैं चुपके गाड़ी में बैठे, और अंशु के घर की तरफ निकल गये.. ललिता और मैं पूरी तरह तैयार थे... हम कुछ नहीं बोल रहे थे, दिल में अजीब सी कशमकश थी... अगर प्लान के हिसाब से नहीं हुआ तो, तो क्या करेंगे... हमने फेल्यूर के बारे में कभी नहीं सोचा था..



"क्यूँ भाई.. ये भी सोचना था ना हमे" ललिता ने मुझे कहा



"क्या सोचना था.." मैने पूछा



"फेल्यूर के बारे में... हमने तो सोचा ही नहीं के कामयाब नहीं हुए तो" ललिता ने जैसे मेरे मन की बात पढ़ ली



"नहीं ललिता.. डोंट वरी, आंड अगर हुए भी तो आइ एन्षूर यू विल बी सेफ..." मैं सीरीयस टोन में बोला



"आइ आम नोट कन्सर्न्ड अबाउट मी.. आइ आम कन्सर्न्ड अबाउट अस भाई.. अंकल आंटी आप..." ललिता ने चिंता में आके कहा



"नो फियर.. आइ आम हियर.. स्वीट हार्ट, हम पहुँच गये आपकी जगह पे" मैने अंशु के घर की तरफ इशारा करते हुए कहा



अंशु का घर किसी महल जैसा लग रहा था.. शामियाना, ढोल, नगाड़े सब एक से एक प्रबंध किए थे.. ललिता जल्दी से उतरी और अंदर भाग गयी... जैसे ही वो अंदर भागी पायल और माया बुआ पकड़ के उसे नचाने लगे और अंशु और पूजा भी ठुमके मारने लगे.. मुझे देख के अंशु ने अंदर आने का इशारा किया, पर मैं जवाब दिए बिना वहाँ से निकल आया और घर चला गया.. घर जाते जाते दिमाग़ एक दम ब्लॅंक हो चुका था.. किसी चीज़ में दिल नहीं लग रहा था... दिमाग़ में बस एक ही बात थी... क्यूँ.. आख़िर क्यूँ ज़य ऐसा कर रहा है.... फिर एक सेकेंड मे दिमाग़ को झटक दिया, ये सोच के अगर जो सोचा है वो नहीं हुआ तो कोई नुकसान नहीं है.. पूजा से निपटना पड़ेगा और क्या.... आख़िर डॉली का कातिल कौन है.. ये सोच के एरिसटॉटल का ख़याल आया.. मैने तुरंत उसे कॉल किया..



"हां भाई... कब निकलेगा वहाँ से" मैने एरिसटॉटल से पूछा



", मैने सब एविडेन्स ले लिए हैं... कल आके बताता हूँ... मेरी फ्लाइट मुंबई में सुबह को 10 बजे लॅंड होगी, प्लीज़ गाड़ी भेजना 12 बजे तक तुम्हारे घर के लिए... जिस आदमी की ये गाड़ी है उसपे ऑलरेडी बहुत से केसस चल रहे हैं" एरिसटॉटल जल्दी जल्दी में बोलने लगा



"कौन है ये आदमी... नाम तो बता उसका..." मैने पूछा



"अरे उसका नाम है.." एरिसटॉटल ने उतना ही कहा के.. "ट्रूट ट्रूट" के आवाज़ से मेरे मोबाइल की बॅटरी बंद हुई



"फक इट मॅन..." मैने खुद से कहा और कार में फोन चार्ज पे रखा... जैसे ही फोन फिर स्टार्ट हुआ, मैने एरिसटॉटल को वापस कॉल किया... इस बार उसने फोन ही नहीं उठाया.... मैने रहने दिया ये सोच के आज रात को तो इस बात का खुलासा हो ही जाएगा... देखते देखते मैं घर पहुँचा, जहाँ सब केटरर्स से लेके, डेकरेटर्स सब आए थे.. मोम सब रिश्तेदारों से बिज़ी थी.. सब को एक ही जान से मिलना था.. "राज से.."



"भाई मेरी गान्ड ऑलरेडी फटी हुई है, अब और मत मारो प्लीज़..." मैं खुद से बोलके चुपके उपर रूम में चला गया


"नॉक.. नॉक..." मेरा डोर नॉक हुआ



"डॅड... बोलिए, मैने डॅड को अंदर आने के लिए जगह दी



", व्हाट्स रॉंग.." डॅड ने अपने स्पेक्स उतार कर पूछा



"नतिंग डॅड.. व्हाई" मैने हंस के जवाब दिया



"यू नोट एग्ज़ाइटेड.. व्हाई" बेटे, एनितिंग बॉदरिंग यू.. बोलो मुझे, मैं सॉल्व कर दूँगा" डॅड ने चुटकी बजाते कहा



(डॅड ये प्राब्लम चुटकी जितनी ईज़ी नहीं है.. आइ आम, ऑलमोस्ट देअर)



"नो डॅड.. जस्ट दा गूस बंप्स.... पहली शादी है ना इसलिए " मैने डॅड को आँख मारते हुए कहा



"हाहाहा... गुड वन ... नाउ टेल मी, तुम्हारी बारात कौनसी कार में निकालें" डॅड ने फोटोस दिखाते हुआ कहा



"डॅड, ये सब गाड़ियाँ हैं कहाँ आख़िर... आपके पर्सनल बॅलेन्स शीट में भी इनका ज़िक्र था" मैने पूछा



"अरे कहाँ होंगी, हर बंगलो, हर फार्म हाउस में 3 गाड़ियाँ रखी हुई हैं.. तुम उंगली रखो, कल सुबह वो यहाँ आ जाएगी" डॅड ने मुझे फिर फोटोस दिखाई



"ऑडी. BMW, वोल्वो...." डॅड यू ओन आ वोल्वो.. आपने कभी बताया नहीं" मैने शॉक में आके पूछा



"इट्स जस्ट आ वोल्वो बॉय.. ये देखो" उन्होने अगला पिक दिखा के कहा



"ओह माइ गॉड.... यू ओन आ लिमो..." मैने चिल्ला के पूछा बच्चे की तरह



"नो नो.. आइ आम गोयिंग टू बाइ दिस.. इसको छोड़ के जिसमे कहो उसमे बारात जाएगी तुम्हारी" डॅड ने अपना फोन अंदर रख के कहा



"डॅड, एनितिंग विल डू... व्हाट मॅटर्स ईज़ युवर लव... थ्ट्स इट" मैं डॅड के गले लगते हुए बोला



"थ्ट्स माइ सन... आइ विल अस्क BMW 7 सीरीस ओके..." कहके डॅड ने मुझे हग किया... मुझे उनको छोड़ने का दिल ही नहीं हो रही थी.. करीन 10 सेकेंड्स बाद


"... बेटा...." कहके उन्होने मुझे खुद से अलग किया


"व्हाई आर यू क्राइयिंग सन.... तुम्हारी आँखें क्यूँ लाल हो गयी.. पानी लो जल्दी" कहके डॅड ने पानी की बॉटल दी



"नतिंग डॅड... यू दा ग्रेटेस्ट डॅड" कहके मैं फिर उनसे लिपट गया और रोने लगा..
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: मेरी सेक्सी बहनें

Post by jay »



"नहीं बेटे, बी ब्रेव ओके.. आंड तुम क्यूँ रो रहे हो.... चलो, नाउ काम डाउन ओके.. यू आर दा ग्रेटेस्ट सन ऑलराइट" कहके डॅड ने मुझे फिर अलग किया



"और मेरा क्या.. मैं नहीं हूँ क्या अच्छा बेटा.." ज़य अपनी शॉपिंग बॅग्स लेके मेरे रूम में आया था



"हाहहः.. थिंक ऑफ दा डेविल आंड ही ईज़ हियर... इधर आओ" डॅड ने ज़य से कहा और हम दोनो को गले लगा लिया..


"तुम दोनो मेरे सन हो.. चलो अब तुम भाई को चुप कराओ, मैं नीचे जाता हूँ.. " कहके डॅड निकल गये और ज़य और मैं मेरे रूम में बैठ गये...



गुज़रते वक़्त के साथ घर पे काफ़ी मेहमान आए.. डॅड के दोस्त, टॉप नॉच पॉलिटिशियन्स, मोम की फ्रेंड्स.. मेरे दोस्त, मेरे ऑफीस की फुलझड़ियाँ.. ज़य की कुछ आइटम्स... आइटम्स उन्हे वो बुलाता था. सब ने काफ़ी डॅन्स किया संगीत में, जी भर के मस्ती की... पर मेरा दिल अभी भी रात के बारे में ही सोच रहा था.. रात को सब फंक्षन्स निपटने के बाद, मैं अपने रूम में गया



"हाई, वी आर ऑन टाइम, राइट ?" मैने ललिता को एसएमएस किया



"यस भाई.. सी यू अट 2 ओके... आइ मीन यू सी अस अट 2 " ललिता ने जवाब दिया



"ओके.... प्लीज़ सेंड आ कार फॉर तिवारी, यादव आंड प्रसाद.. आस्क देम टू कम डाइरेक्ट्ली अट वेड्डिंग वेन्यू"



"बिंगो.. आइ हॅव ऑलरेडी डन दट स्वीट हार्ट.. "



"ओके... " कहके मैने अपना फोन रखा और जीन्स टीशर्ट पहन लिया




"हेलो.. होटेल ह***त" मैने रिसेप्षन पे फोन लगाया



"यस सर..हाउ मे वी हेल्प यू"



" वीरानी हियर, वी हॅव रूम बुकिंग्स इन युवर होटेल आंड वेड्डिंग फॉर टुमॉरो"



"ओह यस सर.. टेल मी प्लीज़"



"कॅन यू प्लीज़ अरेंज वीडियो प्रोजेक्टर इन दा हॉल व्हेअर वेड्डिंग ईज़ टू टेक प्लेस"



"सॉरी सर, बट दट विल कॉस्ट यू.. थ्ट्स नोट इंक्लूडेड इन युवर पॅकेज"



"चार्ज मी एनितिंग ऑलराइट... बट मेक शुवर ऑल दा सीडी'स आंड वीसीडी'ज दट वी वान्ट टू प्ले इन इट , फॉर्मॅट शुड बी सपोर्टेड. ओर एल्स फर्गेट पे, आइ विल श्योर यू गाइस.." मैने कड़क आवाज़ में कहा



"शुवर सर.. रेस्ट अश्यूवर्ड.... वी विल डू तट"



मैं रिसेप्षनिस्ट से बात करके अपने कमरे वापस आया और नीचे देखने लगा.. कुछ लोग अभी भी मस्ती में झूम रहे थे, ज़य अभी अपनी तितलियों से घिरा हुआ था.. मुझे उपर देख उसने आँख मारी.. मैने भी थम्ब्स अप करके उसको हौसला बढ़ाया...



मैं अपने रूम में आके इधर से उधर , उधर से इधर चक्कर काटने लगा... वक़्त धीरे धीरे गुज़र रहा था.. नींद तो मानो कोसो दूर थी मेरी आँखों से.. मैने वक़्त देखा तो अभी 12 ही बजे थे... नीचे लिविंग रूम से मोम डॅड ज़य विजय शन्नो, इन सब की आवाज़ें आ रही थी.. मैं भी नीचे जाके उनके साथ बैठ गया और बातें करने लगा..देखते देखते रात के 1.30 बज गया और सब लोग अभी तक बैठे हुए था... इतने में शन्नो और विजय ने कहा



"भाई साब, अंशु का फोन आया था कुछ देर पहले, आपकी इजाज़त हो तो हम उनके घर से जल्दी होके आते हैं" विजय ने पापा से पूछा



"अरे इजाज़त कैसी भाई, जाओ, और हमारा नमस्कार कहना उनसे" पापा ने कहा



"चलो..." कहके शन्नो और विजय जल्दी से भाग गये और गाड़ी लेके निकले..



मैं समझ गया और ज़य को इशारे से कहा कि मोम डॅड को भी अंदर ले जाए अब... ज़य मोम डॅड को अपनी कॉलेज के किस्से के बहाने अंदर ले गया और उनके साथ बातें करने लगा... मैने चुपके से गाड़ी निकली और अपनी मंज़िल की ओर निकल गया.. मेरे कुछ ही आगे शन्नो और विजय की गाड़ी थी, मैने थोड़ी स्लो कर दी अपनी गाड़ी ताकि उन्हे शक ना हो... जैसे ही वो काफ़ी आगे निकले, मैने तेज़ी से अपनी गाड़ी बढ़ाई... मैं पहुँच गया जहाँ मुझे जाना था.. पहुँचते ही



"हेलो ब्रदर.. हियर ईज़ युवर आक्सेस कार्ड" शक़स ने मुझे कार्ड पकड़ाया..



बिना कुछ बोले मैं सीडीयों से अपने फ्लोर पे गया और रूम में कार्ड पंच किया..


"बीएप्पप्प्प..." आवाज़ के साथ मेरा रूम खुला और सामने जो सेट अप मुझे चाहिए था, वो ठीक वैसे ही था...



मैं जाके सब चेक करने लगा, और तसल्ली कर ली.. अपनी नज़रें मैने स्क्रीन पे लगा ली... जैसे जैसे शख्स आते गये, वैसे वैसे राज़ खुलते गये.. बॉस भी था.... मेरा अंदाज़ा सही था बॉस कौन है.. मैने जो जो उसके बारे में सोचा, वो सब सही निकला.... फाइनली... मेरे सामने था डॉली का कातिल... प्लान तो बॉस का था, पर एक्सेक्यूट करने वाले को देख के मेरे होश उड़ गये.. ये क्यूँ करेगा ऐसा.. करीब 2.30 बजे से लेके 5 बजे तक मैं वहीं बैठ के सब नज़ारे देखता रहा.. कन्फेशन, सेक्स, पॅशन... क्या नहीं था...



"डिज़्गस्टिंग" कहके मैं वो रूम से चुपके से निकला, क्यूँ कि जो मुझे चाहिए था, वो मुझे मिल चुका था.. मैं जैसे ही रिसेप्षन पे पहुँचा



"ऑल ओके..." सामने शक़्स ने पूछा



"यस सर.. ऑल वेल.. सीडी कब तक दोगे" मैने पैसे देते हुए कहा



"अरे, नो मनी नाउ... सीडी कल सुबह 10 बजे तुम्हारे घर पहुँचा देगा मेरा आदमी"



"सी यू टुमॉरो.. उर इन्वाइटेड अट होटेल ह***त, 12.30 PM , ओके" कहके मैं अपने घर की तरफ निकल गया

"बेब... प्लीज़ वेक मी अप अट 8 हाँ.. नोट लेट" मैं ललिता को एसएमएस करके सोने ही जा रहा था के तभी मैने एक और एसएमएस किया एरिसटॉटल को



"भाई.. प्लीज़ बी देअर ऑन टाइम, माइ कार एमएच ** 9**9 विल कम टू पिक यू अप... ही विल मेक श्योर यू रीच मी अट राइट प्लेस"


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jay
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Re: मेरी सेक्सी बहनें

Post by jay »


ये दो एसएमएस करके मैं अपने रूम में सो गया... नींद आनी नहीं थी, पर फिर भी आँखे बंद करके लेट गया था... हर घंटे में मोबाइल देख के टाइम चेक कर लेता.. 7.45 बजे नींद खुली तो फिर सोया ही नहीं...


"अवेक डियर.. प्लीज़ कम नाउ, सेंडिंग दा ड्राइवर.. नीड टू डिसकस सम्तिंग विद यू" मैं ललिता को एसएमएस करके अपने लप्पी पे बैठ गया और पेन ड्राइव में एक वीडियो क्लिप स्टोर कर ली और उसे अपने वॉलेट में रख दिया.... सुबह 8 बजे से ही ढोल नगाड़े वाले आए हुए थे और आके सब को तंग कर रहे थे... मैने दरवाज़ा खिड़की सब बंद कर लिया... ललिता का जवाब आया



"अट होम यार... आइ केम अट 6 ओन्ली... कमिंग इन युवर रूम" जैसे ही मैने ललिता का एसएमएस पढ़ा, दरवाज़े पे नॉक हुई, मैने दौड़ के दरवाज़ा खोला तो सामने ललिता खड़ी थी... मैने दरवाज़ा बंद किया और उसे गले लगा लिया..



"क्या हुआ भाई... क्या हुआ बताइए" ललिता मेरे बालों में हाथ फेरने लगी...



"ललिता.. थॅंक यू वेरी मच.. तेरी वजह से ये सब मुमकिन हुआ है, नहीं तो आज हम इस घर की आखरी खुशी मना रहे होते" मैं उसे फिर गले लग गया



"व्हाट भाई.. ये मेरा घर नही है क्या... आंड व्हाट दा हेक, अंकल आपसे ज़्यादा मुझे प्यार करते हैं समझे, तो मैने जो भी किया वो अपने लिए था, आपके लिए नहीं.." ललिता ने मुझे बेड पे बिठाते हुए कहा



"आंड हां, एक बात कहूँ.... आप इतनी लड़कियों से घिरे रहे पूरे किस्से में, डॉली से लेके अंशु तक, हर एज की... इतना उनके साथ आपने रंगरलियाँ मनाई, मेरे साथ आपने बिल्कुल कुछ नहीं किया. यूआर ट्रू जेंटलमेन बॉस... बट मैं बात ये है, के आपको संजय का ख़याल कैसे आया.. आइ मीन वो तो हमारे दिमाग़ में कभी आया ही नहीं था..." ललिता ने आँखें मिला के पूछा



"वो इसलिए डियर, जिस दिन हम इंडोनेषिया से आए थे डॉली की डेथ के कारण, मुझे तब भी संजय नहीं दिखा था, पर याद है, कुछ महीने पहले हमारे एक रिलेटिव की शादी थी... संजय वहाँ आया था.. जो बंदा एक शादी में आ सकता है, पर बहेन की डेथ पे नहीं, तो उसपे शक तो जाएगा.. बस नज़र चाहिए, मुझे उस दिन भी कुछ फिशी लगा था, बट दिमाग़ से निकल गया था.. क्यूँ कि, मैं पूजा से घिरा हुआ था ना स्वीट हार्ट" मैने ललिता को आँख मार कर कहा



"चलो भाई, पेन ड्राइव ली आपने... और रात वाली डीवीडी कब आएगी" ललिता ने पूछा



"ये ले पेन ड्राइव, और मैं डीवीडी अभी 10 बजे आएगी, तब तक तू तैयार हो जा.. मैं भी नहा लेता हूँ.. और हां प्लीज़ कार में मेरे साथ बैठना, कुछ बातें करनी हैं" मैं ललिता को बोलके बाथरूम में घुस गया... आज मुझे फ्रेश होने की कोई जल्दी नहीं थी.. आराम से मैं नहा रहा था, आराम से अपनी मॉर्निंग आक्टिविटीस ख़तम की... 8.30 बजे से लेकर 9.45 तक मैं बाथरूम में था... जब लगा कि चलो अब ख़तम कर लेते हैं, टवल लपेट के मैं बाहर आ गया.... जैसे ही मैं बाहर आया, मेरे मोबाइल में एसएमएस आया



"भाई, बंदा तुम्हारे घर के नीचे है डीवीडी ले लो"



मैं तुरंत ललिता के रूम में गया, वो अभी भी नहा रही थी.. मैं टवल में ही नीचे चला गया और नीचे जाके देखा तो एक बंदा टोपी पहने हुए खड़ा था घर के सामने.. मैने इशारे से उसे बुलाया



"डीवीडी ?"



"हां, पर आप कौन.."



"मुझे ही देनी है भाई" कहके मैने उस बंदे से डीवीडी ले ली



"ये लो 500 रुपये.. जलसे करो" कहके मैं वहाँ से उपर भाग आया..



जैसे ही मैं दरवाज़े पे पहुँचा, पीछे से आवाज़ आई



"भाई ,इतनी जल्दी क्या है.. कपड़े पहन के आते नीचे" पीछे ज़य ने आवाज़ दी..



"छोटू, एक काम कर, जब तक मैं रेडी होता हूँ, तू लप्पी ऑन कर और ये डीवीडी स्टोर कर..



"ओके भाई.. चलो" कहके ज़य और मैं मेरे रूम में आ गये



मैं कपड़े पहनने लगा और ज़य लॅपटॉप पे बैठ गया. जब तक मैने अपना पर्फ्यूम लगाया, . पहनी, तब तक छोटू ने लप्पी में डिस्क डाल के उसे कॉपी करने लगा..



"10 मिनट्स भाई.. कौनसी डीवीडी है ये... ओह माइ गॉड.. ये वोई है क्या.. भाई, लेट मी सी इट" ज़य ने कहा



"टाइम नहीं है भाई, जब तक ये कॉपी हो तू ललिता के पास जा और उससे मेरी पेन ड्राइव लेके आ" कहके मैने उसे धक्का देके ललिता के पास भेजा और अपने कपड़े पहन के लॅपटॉप पे नज़रें गढ़ाने लगा..... जैसे जैसे डिस्क कॉपी होती जाती, मेरी बेचेनी बढ़ने लगती... 60 सेकेंड्स.... 50 सेकेंड्स.... 30 सेकेंड्स..... 10 सेकेंड्स.... 5 सेकेंड्स....." जैसे ही ये मसेज बंद हुआ,



"छोटू, जल्दी आ यार,. किधर है" मैं अपने रूम से ही चिल्लाने लगा



"आ गये, वाइ शाउटिंग सो मच... ये लो पेन ड्राइव.." ललिता और ज़य मेरे रूम में एक साथ आ गये



"जल्दी दो.. लेट मी कॉपी दिस" कहके मैने पेन ड्राइव लप्पी में डाली और उस फाइल को लॅपटॉप से पेन ड्राइव में कॉपी कर डाला



"छोटू, एक काम कर, तू और ललिता होटेल में जाओ, मैने वहाँ बोला हुआ है कि प्रोजेक्टर तैयार रखें... वहाँ जाके चेक करो इसमे जो 2 फाइल्स हैं वो प्ले हो रही है.. आइ डोंट वान्ट टू टेक एनी चान्स ऑलराइट..." मैने जल्दी में ज़य और ललिता से कहा



"कॉपी दट ब्रदर..." कहके ज़य और ललिता जल्दी से भाग के होटेल में निकल गये



मैं तैयार होके नीचे आया, मोम डॅड रेडी थे, और बस बारात निकलने का वेट कर रहे थे..



"आओ भाई.. दा मॅन ऑफ दा डे... ये लो सेहरा तो पहन लो.." डॅड ने सेहरा आगे करते हुए कहा



"डॅड, कार में मेरे साथ ललिता बैठेगी.. नो वन एल्स हाँ" मैने सेहरे को हाथ में लिया और उसे देखने लगा



"अरे ऐसे नही, इसे मैं बांधता हूँ दो, और ठीक है ललिता ही जाएगी तुम्हारे साथ, पर अभी वो और ज़य कहाँ गये" डॅड ने सेहरा बाँधते पूछा



"डॅड, वो मैने पूजा के लिए फर्स्ट नाइट गिफ्ट लिया है, बस वोई कलेक्ट करने गये हैं..." मैने बात बनाते हुए कहा



"गुड वन सन... यू नो दा वे टू फीमेल'स हार्ट हाँ.. व्हाट ईज़ इट ?" डॅड ने गिफ्ट के बारे में पूछा



"नतिंग मच डॅड.. जस्ट दा प्लॅटिनम लव बॅंड्स" मैने होशयारी करके महेंगी गिफ्ट बताई



"ओह... आंड दट ईज़ नतिंग.. दट इस नतिंग... सोन, थ्ट्स दा बेस्ट एनी मॅन कॅन गिफ्ट टू हिज़ लव... आइ आम इंप्रेस्ड" डॅड मेरी पीठ ठोकते हुए बोले



"क्या हुआ भाई, सुबह सुबह बाप बेटे.. आप इसे कुछ गंदी बात मत सीखाना समझे. " मोम ने डॅड से मस्ती में कहा



"अरे, मैं इसे नहीं, ये मुझे सीखने वालो में से है.. मैं आज तक जो गिफ्ट तुम्हे नहीं दे पाया वो इसने अपनी बीवी के लिए खरीद भी ली" डॅड ने मोम से शरारत करके कहा



"हटिए, आपने आज तक मुझे कहाँ कुछ दिया है.. और राज अच्छे से जानता है किसका दिल कैसे जीतना है" मोम और डॅड मेरे साथ बातें करने लग गये..
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rangila
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Re: मेरी सेक्सी बहनें

Post by rangila »

जय बहुत ही सस्पेंस है दिमाग़ मे लोचा हो गया है ये कहानी हर पल अपने रंग बदल रही है
supremo009
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Re: मेरी सेक्सी बहनें

Post by supremo009 »

जय भाई क्या गज़ब की कहानी है। दिमाग का दही हो गया। ……… !!! :roll:


You are the Best Bro!!!
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