मेरी सेक्सी बहनें compleet

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jay
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Re: मेरी सेक्सी बहनें

Post by jay »


बाते करते करते वक़्त आता गया बारात का, और सब बाराती भी इकट्ठे हो गये... शन्नो, विजय, माया बुआ, पायल.. सब आ चुके थे, और सब अपनी अपनी बातों में लगे हुए थे.. ज़य यहाँ नहीं आने वाला था क्यूँ कि उसका प्रवेश इस घर में बॅन था, सो वो डाइरेक्ट वहीं आएगा. ऐसा मुझे ललिता ने बताया था.... भीड़ बढ़ती गयी, मस्ती बढ़ती गयी, वक़्त गुज़रता गया... पर ललिता और ज़य अभी तक नहीं आए थे... जब तक वो लोग आते, मैने एक कोने में जाके एरिसटॉटल को फोन किया



"भाई किधर है, ना एसएमएस करता है, ना फोन उठाता है" मैने धीमी आवाज़ में पूछा



", बस गाड़ी में बैठा हूँ, अभी 1.30 या 2 घंटे में आ जाउन्गा.." एरिसटॉटल ने जवाब दिया



"अच्छा, मेरे घर नहीं आना... ड्राइवर को पता है मैने उसे अड्रेस दिया है, वहीं आना डाइरेक्ट ओके.. होटेल ह***त में आना है.. गॉट इट.." कहके मैने फोन रख दिया और जाके सब के साथ खड़ा हुआ...5 मिनट में ललिता और ज़य भी आ गये



"चलें सन... ललिता ईज़ ऑल्सो हियर अब तो.." डॅड ने ललिता को अपने पास बुलाते हुए कहा



"जी अंकल, बोलिए" ललिता ने पापा के पास आके कहा



"बेटा, राज वांट्स तुम उसके साथ कार में जाओ.. तो चलो, फील दा ड्राइव आंड गिव सम करेज टू युवर ब्रदर ओके" डॅड ने ललिता का माथा चूमते हुए कहा... "आंड माइ डॉल ईज़ लूकिग वेरी प्रेटी.. गॉड ब्लेस्स यू"




हम जैसे ही गाड़ी में जाने लगे, तब पायल ने कहा



"मामा.. मैं भी गाड़ी में बैठूँगी.."



"सब गाड़ी में बैठेंगे तो नाचेगा कौन" मैने मस्ती करके पायल को मना कर दिया



"बिल्कुल सही, और पायल व्हाट ईज़ दिस, अपने मामा को भी थोड़ा डॅन्स दिखाओ, अगर अच्छा डॅन्स करोगी, तो आइ विल मेक आ फिल्म विद यू.. चलो अब जल्दी करो" कहके पापा पायल को खींच के अपने साथ आगे ले गये और मैं और ललिता गाड़ी में बढ़ने लगे..



"थॅंक गॉड.. वो नहीं आई, बताइए व्हाट ईज़ इट" ललिता ने गाड़ी में बैठ के कहा...



गाड़ी में साउंड प्रूफ ग्लासस थे, इसलिए बाहर का ज़्यादा आवाज़ अंदर नहीं आ रहा था



"ललिता, एरिसटॉटल से बात कर ली मैने... कॉल प्रसाद, यादव और तिवारी.. तीनो से कन्फर्मेशन ले ले, कितने बजे पहुँचेंगे... अगर उन्हे कोई दिक्कत है तो गाड़ी भिजवा देते हैं..." मैने अपना सेहरा निकाला और ज़ोर ज़ोर से साँस लेने लगा....



"चिल भाई.. अभी करती हूँ मैं. रिलॅक्स ओके,ये लो पानी.. और हां पेन ड्राइव ये रही.. सब चेक किया, सब ठीक है" कहके ललिता ने पानी की बॉटल दी और अपने फोन से बारी बारी सब को फोन घुमाने लगी



सब से बात ख़तम करके



"डन है भाई.. प्रसाद और तिवारी तो पहुँच गये हैं उधर, यादव ईज़ ऑन दा वे... आंड डोंट वरी, उनके पास सेक्यूरिटी भी तो है.." ललिता ने अपने बाल खोलते हुए कहा



"यआः राइट.. आंड जय , ही विल बी देअर विद अंशु ?" मैने कन्फर्म किया



"विल बी देअर् नहीं, ही ईज़ देअर.. ज़य और मैं निकल रहे थे तभी अंशु के साइड वाले वहाँ पहुँच ही रहे थे.. हम चुपके वहाँ से आ गये" ललिता ने पानी पीते हुए कहा



"ओके... वेट आ सेकेंड" कहके मैने फिर एरिसटॉटल को फोने लगाया



"भाई, तेरी गाड़ी में ही हूँ.. पहुँच रहे हैं कुछ देर में" एरिसटॉटल ने सीधा ये जवाब दिया



"अबे सुन अब, अपने साथ हो सके तो 4- 5 कॉन्स्टेबल और सब इनस्पेक्टर्स लाना.. कुछ ज़्यादा लोगों की बारात निकलेगी वहाँ से... समझा" मैने एरिसटॉटल को फोन पे हुकुम देके फोन काट दिया



"बड़ा आया, साला ना हेलो बोलता है, ना ही बोलता है" मैने एरिसटॉटल को गाली देते हुए कहा



"साला वो नहीं, आप बनॉगे उसके.. प्यार से बोलो" ललिता ने अपनी दबी हुई हँसी के साथ कहा



"हहहहा.. ओके गॉट इट.. " मैं फाइनली रिलॅक्स हुआ और ललिता से बातें करने लगा



होटेल में पहुँचने का रास्ता आधे घंटे का, बारात की वजह से हमको डेढ़ घंटा लग गया



जैसे ही हम नज़दीक आने लगे होटेल के



"ललिता, कॉल यादव, व्हेअर ईज़ ही" मैने अपना सेहरा बाँधते हुए पूछा



"भाई, वेट" कहके ललिता ने यादव को कॉल लगाया और उसके साथ बात की



"भाई, ही हॅज़ रीच्ड.. इनफॅक्ट तीनो को हमने जो रूम दिया है वहाँ बैठे हैं..."



"अच्छा, वेट.. एक और फोन कर लूँ मैं" कहके ललिता ने एक और फोन लगा लिया



"हेलो.. हाई, कैसे हैं आप... ललिता हियर, राज की बहेन.. जी, हाउ वाज़ युवर ट्रिप.... एप राज ने बताया, अच्छा आइ जस्ट कॉल्ड टू चेक यूआर सेफ.. ग्रेट.. अच्छा एक और बात, आप जब अपने साथ कॉन्स्टेबल्स और सब इनस्पेक्टर्स लाएँगे, तो सबको हर एक एग्ज़िट पॉइंट पे खड़ा कर दीजिएगा प्लीज़.... यस, .. हां हां वो तो आइ नो यू आर स्मार्ट एनफ, बट आइ एम जस्ट बीयिंग सेफ... यस... बाई, सी यू सून" कहके ललिता ने फोन कट किया



"थोड़ा कंट्रोल कर, अभी शादी नहीं हुई है तेरी...." मैने ललिता को देख के कहा



"जी भाई.... " कहके ललिता ने अपनी खुशी तो दबाई, पर उसकी आँखों में खुशी सॉफ झलक रही थी



"व्हाट दा हेक... कॉल गफ़ूर और चौकसे को यहाँ लेके आए बोल उसको.. उसको तो भूल ही गये" मैने चिल्ला के कहा



"चिल्लेक्ष भाई.. उसको मैने सबसे पहले फोन किया था. वो उसे लेके यहाँ आ रहा है, और उसको रूम नंबर दे दिया है मैने" ललिता ने अपने बाल बाँध लिए क्यूँ की हम बस होटेल से 1 मिनट की दूरी पे थे...



जैसे ही हम होटेल के बाहर पहुँचे...



"आइए आइए दामाद जी... आइए, आपका इंतेज़ार था.." कहके अंशु ने गाड़ी का दरवाज़ा खोला और मुझे बाहर आने को कहा



जैसे ही मैं बाहर आया अंशु और उसके आस पास की औरतें सब हसी मज़ाक करने लगी.... 10 मिनट के स्वागत के बाद, हम लोग अंदर जाने लगा जहाँ शादी का मंडप बँधा हुआ था.. हम शादी के मंडप के पास पहुँचे और उसके ठीक सामने ही प्रोजेक्टर लगा हुआ था....
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(एक बार ऊपर आ जाईए न भैया )..(परिवार में हवस और कामना की कामशक्ति )..(लेखक-प्रेम गुरु की सेक्सी कहानियाँ running)..(कांता की कामपिपासा running).. (वक्त का तमाशा running).. (बहन का दर्द Complete )..
( आखिर वो दिन आ ही गया Complete )...(ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना complete)..(ज़िद (जो चाहा वो पाया) complete)..(दास्तान ए चुदाई (माँ बेटी बेटा और किरायेदार ) complete) .. (एक राजा और चार रानियाँ complete)..(माया complete...)--(तवायफ़ complete)..(मेरी सेक्सी बहनेंcompleet) ..(दोस्त की माँ नशीली बहन छबीली compleet)..(माँ का आँचल और बहन की लाज़ compleet)..(दीवानगी compleet..(मेरी बर्बादी या आबादी (?) की ओर पहला कदमcompleet) ...(मेले के रंग सास,बहू और ननद के संग).


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(फैमिली में मोहब्बत और सेक्स (complet))........(कोई तो रोक लो)......(अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ)............. (ननद की ट्रैनिंग compleet)..............( सियासत और साजिश)..........(सोलहवां सावन)...........(जोरू का गुलाम या जे के जी).........(मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन)........(कैसे भड़की मेरे जिस्म की प्यास)........(काले जादू की दुनिया)....................(वो शाम कुछ अजीब थी)
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jay
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Re: मेरी सेक्सी बहनें

Post by jay »



"अरे ये प्रोजेक्टर यहाँ क्यूँ है, ज़य चेक करो तो" डॅड ने ज़य से कहा



"डॅड डॅड.. वेट, मैने लगवाया है.. आंड यू विल नो दा पर्पस सून" मैने ज़य को रोकते हुए कहा



कुछ रस्मो के बाद पूजा को मंडप में लाया गया.. पर मेरी आँखें जिसे ढूँढ रही थी वो मुझे अब तक नहीं दिखा था....



"व्हेअर दा फक आर यू मॅन.." कहके मैं इधर उधर नज़रें घूमने लगा..



"आअहहा..... देअर यू आर" मैने खुद से कहा... संजय एक कोने में शन्नो के साथ खड़ा था..



जैसे ही पूजा और मैं खड़े हुए साथ में, कुछ फोटो सेशन्स चालू हो गये...



इतने में एरिसटॉटल अंदर आया, उसके साथ कुछ कॉन्स्टेबल्स थे और सब इनस्पेक्टर्स भी थे... उसे देख सब लोग घुसफूस करने लगे.. मैने अपना सेहरा उतारा..



"वेट आ मिनट इनस्पेक्टर.. ईज़ देअर् एनी प्राब्लम" डॅड उसके पास जाते हुए बोले



"डॅड डॅड... आइ नो हिम ही ईज़ आ फ्रेंड.. और यहाँ काम से आए हैं.. एरिसटॉटल , दोस्त एन्षूर कर ले यू हॅव एनफ कवर ओके..." मैने उसे रास्ता देते हुए कहा



"सन.. व्हाट्स गोयिंग ऑन.." दाद ने मुझसे पूछा हैरानी में



"सर.. आइ विल टेल यू... " एरिसटॉटल ने कहा


एरिसटॉटल :- सर, अभी डेढ़ महीने पहले आपके घर में, डॉली नाम की लड़की की डेथ हुई थी... उस इन्वेस्टिगेशन के लिए मैं आपके घर भी आया था



डॅड :- ओह यस इनस्पेक्टर, आइ आम अवेर, बट दिस ईज़ नोट दा राइट टाइम, कॅन वी प्लीज़ डिसकस दिस लेटर



एरिसटॉटल :- सर... प्लीज़ लेट मी फिनिश... डॉली का मर्डर हुआ था... कोल्ड ब्लडेड मर्डर...



डॅड :- व्हाट आर यू सेयिंग.... आर यू श्योर...



एरिसटॉटल :- सर, आब्सोल्यूट्ली... आंड वन मोर थिंग.... डॉली का कातिल अभी इस वक़्त यहीं मोजूद है



"व्हाट.. इधर... इनस्पेक्टर, प्लीज़ बी शुवर एनफ टू मेक एनी अलिगेशन्स ऑन एनीबॉडी.. इधर सब टॉप नॉच लोग हैं, अगर.." डॅड ने इतना ही कहा के बीच में उनके एमएलए फ्रेंड आए



"वीरानी जी.. ये हमारी पोलीस टीम का सबसे होनहार बंदा है.. आप चिंता ना करें, आइ विल टेक केर ऑफ दट... इनस्पेक्टर, यू प्लीज़ कंटिन्यू" एमएलए ने कहा



"थॅंक यू सर.. हां तो मैं ये कह रहा था कि डॉली की डेड बॉडी के पास हमे एक वाच मिली.. इट वाज़ आ स्विस वाच मेड फ्रॉम 18 केरट डिमओंड्स.. मैं उसी सिलसिले में अभी ज़ुरी से ही लौटा हूँ.. स्विट्ज़र्लॅंड से मुझे ये एक बिल मिला है जिसमे सॉफ सॉफ उस आदमी का नाम लिखा है जिस आदमी की ये वाच है..." एरिसटॉटल ने पापा को बिल की कॉपी दिखाते हुए कहा


"गो अहेड इनस्पेक्टर... फिनिश युवर वर्क, हूस दट बस्टर्ड.." पापा ने गुस्से में आके कहा



इससे पहले एरिसटॉटल कुछ बोलता, मैने डॅड से कहा



"डॅड, जस्ट आ सेकेंड... उससे पहले एरिसटॉटल अपने सब साथियों को अंदर बुलाओ... तब तक शन्नो आंटी, विजय अंकल, माया बुआ, अंशु जी, पूजा, सर, आप भी (अंशु का पति), पायल और.... संजय भैया.... आप सब प्लीज़ यहाँ आएँगे, मैं आप सब के लिए तोफे लाया हूँ...



", व्हाट ईज़ दिस नाउ.. ये सब क्या है..." डॅड ने गुस्से में कहा



"डॅड, प्लीज़ लेट मी डू इट.. " कहके मैं आगे बढ़ा और सबको आगे आने पे फोर्स किया...



" जी.. ये सब क्या है, हमारा मज़ाक बना रहे हैं आप..." पूजा के बाप ने आगे आते हुए कहा... अंशु और शन्नो के चेहरे पे पसीना टपक रहा था.. उधर से पूजा भी धीरे धीरे आगे आ रही थी... पायल के चेहरे पे कोई भाव नहीं थे.. माया बुआ हैरान होके वहाँ खड़ी तो हुई, पर कुछ बोल नहीं पा रही थी... सबसे आख़िर में संजय आया.. उसका चेहरा देख के डॅड की तो आँखों में खून दौड़ने लगा.. संजय कुछ बोला नहीं और चुप चाप आके खड़ा हुआ....



"सन दे ऑल आर हियर... क्या करना चाहते हो तुम अब" डॅड ने मुझे कहा



"डॅड रिलॅक्स ओके... ज़य, मोम को रूम नंबर 2**8 में ले जाओ, आपके नाम पे बुक्ड है वो... ललिता, कॉल देम प्लीज़" मैने ललिता को देखते हुए कहा



" बेटे, क्या है ये, मेरा तो दिल बैठा जा रहा है... " मोम ने मेरे पास आके कहा



"मोम, देअर् ईज़ नतिंग टू वरी अबाउट... ज़य, प्लीज़ जल्दी जाओ.." मैने चिल्लाके कहा



"भाई, देअर दे आर..." ललिता ने दरवाज़े पे इशारा करके कहा



तिवारी, यादव और प्रसाद... इन तीनो को देख के मैने पूजा अंशु और उसके बाप के एक्सप्रेशन्स देखे.... तीनो की गान्ड फट के हाथ में आ गयी थी....



"ये यहाँ क्या कर रहे हैं." अंशु ने आगे आते कहा



"अंशु जी, प्लीज़ वहीं खड़े रहें, नहीं तो मुझे ज़बरदस्ती करनी पड़ेगी" मैने अंशु को ठंडे दिमाग़ से कहा



", मेरे सब बंदे यहाँ हैं, बोलो" एरिसटॉटल ने मुझे इनस्पेक्टर्स और सब इनस्पेक्टर्स दिखाते हुए कहा



"भाई... इन सब के आस पास लगा दो इन्हे, इनमे से कोई भी यहाँ से भागना नहीं चाहिए ओके.." मैने एरिसटॉटल के कान में कहा



उसने मेरी बात समझी, और एक हल्के इशारे से अपने आदमियों को उन सब को घेरने के लिए कहा.. धीरे धीरे उसके आदमी उन्हे घेरने लगे.. हां थोड़ी दूरी पर थे, ताकि कोई हरक़त ना कर सके... जैसे जैसे एरिसटॉटल के आदमी आगे बढ़ रहे थे , बाकी आए हुए सब मेहमान पीछे हटने लगे और एक कोने में जा खड़े हुए.. अब सीन ये था कि इन लोगों के चारो और 15 फीट डिस्टेन्स में सब इनस्पेक्टर्स और कॉन्स्टेबल्स बंदूक ताने खड़े थे.... मैं , एरिसटॉटल , डॅड और ललिता उनके सामने..


"इनस्पेक्टर.. नाउ यू कॅन गो अहेड" मैने एरिसटॉटल से कहा


"थॅंक्स .. हां मिस्टर वीरानी... तो डॉली के कातिल का नाम तो वैसे काफ़ी पुराना है, पर उसके ख़ास दोस्त उसे डीजे के नाम से जानते हैं... और उसपे डॉली के खून के अलावा फेक पासपोर्ट्स और मनी लॉंडरिंग के भी काफ़ी केसस हैं... ही लव्स ट्रॅवेलिंग यू सी... एक्सपेन्सिव वॉचस, महेंगी दारू, एग्ज़ोटिक लाइफ स्टाइल.. ये सब उसे बहुत पसंद है... इन्हे पाने के लिए वो किसी भी हद तक जा सकता है.. मनी लॉंडरिंग तो छोड़ो, अब इन्होने खून भी कर लिया.." एरिसटॉटल आगे बढ़ते हुए बोलने लगा और उसके कदम जा रुके विजय और अंशु के पति के सामने...



"है ना... मिस्टर दिलीप जोशी.. उर्फ डीजे" एरिसटॉटल ने कॉन्फिडेन्स में आके कहा



"व्हाट... इनस्पेक्टर आप होश में हैं... मैं आपकी वर्दी उतरवा सकता हूँ अंडरस्टॅंड.. आप मुझे जानते नहीं" अंशु के पति ने गुस्से में आके कहा

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Re: मेरी सेक्सी बहनें

Post by 007 »

क्या बात है जय पाजी धमाके पर धमाके कर रहे हो
कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी

(¨`·.·´¨) Always

`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &

(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !

`·.¸.·´
-- 007

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Jaunpur

Re: मेरी सेक्सी बहनें

Post by Jaunpur »

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मोड़ पे मोड़… बहुत घुमाने वाली कहानी है।
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jay
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Re: मेरी सेक्सी बहनें

Post by jay »

007 wrote:क्या बात है जय पाजी धमाके पर धमाके कर रहे हो
Jaunpur wrote:.
मोड़ पे मोड़… बहुत घुमाने वाली कहानी है।
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thnx bhai logo
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