भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete

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Dolly sharma
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Re: भैया का ख़याल मैं रखूँगी

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आशना: जाओ मैं नहीं जाती आपके साथ लंच पर.

वीरेंदर(हंसते हुए); अरे यार मैं तो मज़ाक कर रहा हूँ. तुम तो एकदम परफ़ेक्ट लग रही हो, डर लग रहा है कहीं कोई मनचला तुम्हे प्रपोज़ ही ना कर दे.

आशना: मेरा दिल रखने के लिए बोल रहे हो ना यह सब? मैं जानती हूँ मेरी चाल मे थोड़ी लड़खड़ाहट है. इतनी सूजन जो हो गयी है. सिकाई का भी मोका नहीं दिया सुबह से.

वीरेंदर: तुम चाहो तो मैं अपनी गरम साँसों से इसकी सिकाई किए देता हूँ.

आशना: जी नहीं, आप चलिए. जिसको जो समझना है समझ ले. बीवी हूँ आपकी मेरी रक्षा करना आपका धरम है. लोगों की नज़रों से अब मुझे क्या डर. आप मेरा कवच बनकर मेरे साथ जो होंगे.

दोनो घर को लॉक करके, होटेल की तरफ चल देते हैं. वीरेंदर उसे एक 5-स्टार होटेल मे ले जाता है. अंदर एंटर करते ही जो सबसे पहला टेबल खाली दिखा, आशना ने उसपर क़ब्ज़ा कर लिया. वो अपनी टेडी-मेडी चाल के कारण लोगो मे शर्मिंदा नहीं होना चाहती थी. वीरेंदर भी उसके पास बैठ गया. लंच के बाद दोनो मूवी देखने चले गये.

वीरेंदर: याद है तुम्हे कुछ दिन पहले भी हम मूवी देखने आए थे?

आशना: उस दिन को मैं कैसे भूल सकती हूँ.

वीरेंदर: क्या आज भी कुछ वैसा करने का इरादा है?

आशना: अगर आपने आज भी लास्ट दोनो रोस की बुकिंग करवा ली है तो आपका यह शौक भी पूरा कर देती हूँ.

वीरेंदर: तुम हुकुम तो करो जानू, मैं थियेटर ही खरीद लूँ.

आशना: जी नहीं, मुझे किसी चीज़ की कोई ज़रूरत नहीं है. इस वक्त आपको घर ना लेजाकर मैं यहाँ आपको इस लिए लाई हूँ ताकि हम कुछ देर बात तो कर सके. अकेले मे तो आप बात करने से रहे. अब तो अकेले मे आपसे डर लगने लगा है. पता नहीं क्या हशर कर दो मेरा.

वीरेंदर: ह्म्म्म इंटेलिजेंट. बोलो क्या बात करनी है?

आशना: मुझे सुबह वाली अधूरी बात जाननी है.

वीरेंदर ने उसे हर वो वाक़या बता दिया जो वो जानता था और आशना ने भी जब उसे हर उस बात से अवगत करवाया जो उसे मालूम थी तो उनके रौगते खड़े हो चुके थे. वो बिहारी और बीना की चाल समझ चुके थे.

आशना के पूछने पर वीरेंदर ने बताया कि जिस रात उसने आशना के डॉक्युमेंट्स, सिमकार्ड और मेमोरी कार्ड्स बिहारी की अलमारी से निकाले थे उस रात उसने वो मेमोरी कार्ड्स अपने लॅपटॉप पर प्ले करके देखे थे.

आशना को जब यह पता चला कि बिहारी के बीना के साथ संबंध थे और फिर बिहारी ने रागिनी के साथ मनाई सुहागरात भी रेकॉर्ड कर रखी थी तो उसे बिहारी से घिंन आने लगी. कोई इंसान अपनी पत्नी के साथ ऐसा कैसे कर सकता है. आशना की हैरानी की कोई सीमा ना रही जब वीरेंदर ने उसे बताया कि रागिनी ने आशना की ड्रेस पहन कर आशना का रॉल्प्ले करके बिहारी के साथ सेक्स किया था तो आशना ने वीरेंदर को कस कर जकड लिया. वो थर थर काँपने लगी. वीरेंदर ने उसे आश्वस्त किया कि उसके होते कोई उसे हाथ भी नहीं लगा सकता.

सबसे चौंका देने वाली बात जो वीरेंदर ने आशना को बताई वो यह थी कि एक मूवी मे बीना-बिहारी सेक्स करते हुए आशना की पॅंटीस की बात कर रहे थे.

वीरेंदर: उस रात, मैं तुम्हारे कमरे मे आया था और तुम्हे बेसूध पड़ा देखकर तुम्हारी अलमारी से वो पैंटी निकल कर पाउच मे डाल कर दोबारा उसे बिहारी की अलमारी मे रख दिया था ताकि बिहारी जब भी यह पाउच खोले तो उसके दिल मे यह डर बैठ जाए कि उसकी चोरी पकड़ी जा चुकी है. इस बात से वो यह तो जान लेता कि उसके प्लान का भंडा फुट चुका है और उसके पास ऐसा कुछ भी नहीं बचा जिस से वो तुमपर कोई दबाव डाल सकता. ऐसी सिचुयेशन पर वो मुझ पर सामने से वार करता और. बिहारी आवेश मे आकर कोई कदम उठाता है तो या तो वो कोई ग़लती करता या चुप-चाप घर छोड़ कर भाग जाता.

इतना सब जान लेने के बाद आशना का सर घूमने लगा.

आशना- वो पैंटी तो मैने इस लिए संभाल रखी थी क्यूंकी मुँझे लगा कि आप मेरे कमरे मे आते थे और आपने मेरी पॅंटीस.........

आशना खामोश हो गयी.

सारी बात वीरेंदर और आशना के सामने सॉफ हो चुकी थी लेकिन अभी बिहारी के गिरेबान मे हाथ डालना मतलब अपने रिश्ते की सच्चाई को दुनिया के सामने नंगा करना हो जाता.

वीरेंदर: अब हमे उसे उसकी हे चाल से मॅट देनी है.

आशना: मुझे तो कुछ समझ नहीं आ रहा वीरेंदर. बिहारी तो आस्तीन का साँप निकला. वो कब से तुम्हारे जिस्म मे ज़हर घोल रहा था और हमे इस बात की भनक भी नहीं हुई.

वीरेंदर: तुम उसकी चिंता मत करो, मैं सब संभाल लूँगा. बस मेरे साथ बने रहना क्यूंकी तुम्हारे साथ और हॉंसले के बिना मैं कुछ नहीं कर पाउन्गा. इस वक्त हमारे लिए सबसे ज़रूरी बीना के ऐक्सीडेंट के सच का पता लगाना है और साथ ही साथ रागिनी का विश्वास जीतना.

आशना: आपको क्या लगता है कि बीना का सच मे कत्ल हुआ है?

वीरेंदर: लगता नहीं बल्कि पूरा यकीन है. मेरा एक डीटेक्टिव दोस्त है. इस केस मे मैं उस से मदद ले रहा हूँ.

आशना: लेकिन वीरेंदर अगर आपके उस डीटेक्टिव दोस्त को हमारी सच्चाई का पता चल गया तो?

वीरेंदर: तुम बस देखती जाओ कि मैं क्या करता हूँ. अब जो भी करूँगा मैं करूँगा और बिहारी अपने ही बनाए हुए जाल मे फँस जाएगा. सबसे पहले हमे रागिनी को बिहारी के चंगुल से छुड़ाना होगा और उसे अपने साथ मिलना होगा. आख़िर बिहारी उसका भी तो गुनहगार है और हम से ज़्यादा गहरा सदमा तो उसे लगा होगा बिहारी की सच्चाई जानकर.

आशना: लेकिन रागिनी तो अपने घर गयी हुई है तो फिर वो बिहारी के चंगुल मे कैसे......?.

वीरेंदर आशना की तरफ देख कर मुस्कुराया और बोला: तुम्हे अभी भी बिहारी की बात पर यकीन है?

आशना: क्या मतलब?

वीरेंदर: रागिनी कहीं नहीं गयी बल्कि बिहारी ने उसे घर मे ही क़ैद कर रखा है.

आशना हैरानी से बिहारी की तरफ देखने लगी.

वीरेंदर: रागिनी को बिहारी ने सर्वेंट्स क्वॉर्टर मे बाँध रखा है. यह बात तो मुझे उसी वक्त पता चल चुकी थी जिस वक्त बिहारी ने हम से झूठ बोला था कि रागिनी अपने घर चली गयी है लेकिन उस वक्त मैं आवेश मे आकर कोई भी कदम उठाता तो पछताने के सिवा कुछ नहीं मिलता. बिहारी ताव मे आकर हमारे रिश्ते को दुनिया वालों के सामने उच्छालने से बाज़ नहीं आता और फिर हमे ज़िंदगी भर मुँह छुपाये फिरना पड़ता.
जिस रात मुझे बिहारी के कारनामो का पता चला, उसके अगले दिन से ही डीटेक्टिव एजेन्सी का एक आदमी 24 घंटे बिहारी पर नज़र रखे हुए है. वो लगातार मेरे कॉंटॅक्ट मे है और पल पल की जानकारी मुझे दे रहा है.

आशना, वीरेंदर से लिपट गयी.

आशना: वीरेंदर मुझे बहुत डर लग रहा है. पता नहीं इस मुसीबत से हम कैसे निकल पाएँगे? बिहारी के खिलाफ सारे सबूत होते हुए भी हम उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकते.

वीरेंदर: उन सबूतो को सामने लाने से पहले हमे बिहारी के दिमाग़ से कुछ सबूत मिटाने होंगे.

आशना ने चौंक कर वीरेंदर की आँखों मे देखा.

वीरेंदर: कुछ मत सोचो बस देखती जाओ अपने वीर का कमाल.

मूवी ख़तम होते ही दोनो घर के लिए निकल पड़े. रात के लिए हल्का सा डिन्नर पॅक करवा कर वो घर पहुँचे.

mini

Re: भैया का ख़याल मैं रखूँगी

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bihari se badla lene se pahle uske neeche aana padega.......jab bo apne man ki kar lega,tab badla le sakte ho
mini

Re: भैया का ख़याल मैं रखूँगी

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ek baar gudia bihari ke neeche aa gyi to bihari ki hi ho jayegi
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Dolly sharma
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Re: भैया का ख़याल मैं रखूँगी

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शाम के 7:30 बज रहे थे. सूरज अपनी लालिमा बिखेरते हुए यमुना मे समा रहा था.टेरेस पर खड़े आशना और वीरेंदर हल्की हल्की ठंडी हवा का लुफ्त ले रहे थे. इस दौरान वीरेंदर के सेल पर मेसेजस लगातार जारी थे. वीरेंदर मेसेज पढ़कर सेल फिर से पॉकेट मे डाल देता.

आशना: आख़िर यह है कॉन जो आपको बार बार डिस्टर्ब कर रही है?

वीरेंदर ने आशना की तरफ स्माइल करते हुए देखा और बोला: एक ही तो लड़की है मेरी ज़िंदगी मे जिसे पूरा हक है मुझे डिस्टर्ब करने का. उसके अलावा किसी और को इसकी पार्मिशन नहीं.

आशना: तो फिर यह बार बार आपको मेसेज कॉन कर रहा है?

वीरेंदर: वोही आदमी जो बिहारी की हरकतों पर नज़र रखे हुए है.

वो मुझे हर सिचुयेशन की खबर दे रहा है.

आशना: तो इस वक्त रागिनी का क्या हाल है?

वीरेंदर: अभी कुछ देर पहले बिहारी उसके कमरे मे खाना लेकर गया है.

आशना(खुशी से): तो इसका मतलब रागिनी ठीक है और बिहारी ने उसके साथ कुछ बुरा नहीं किया.

वीरेंदर: हो सकता है लेकिन मुझे तो इस बात की हैरानी है कि इतना सब होने के बाद भी रागिनी चुप क्यूँ है और अगर चुप ही है तो फिर बिहारी ने उसे वहाँ क्यूँ छुपा रखा है? कुछ तो गड़बड़ है.

वीरेंदर का तर्क सुनकर, आशना भी कन्फ्यूज़्ड हो गयी. रागिनी ने उनके साथ जो भी किया हो लेकिन आशना ईश्वर से यही प्रार्थना कर रही थी कि वो सुरक्षित हो.

आशना: अब हमारा पहला कदम क्या होगा? मेरा मतलब के हम वापिस अपने घर कब जाएँगे?

वीरेंदर ने आशना की तरफ देखा और फिर स्माइल करते हुए उसे गले से लगा लिया.

वीरेंदर: अपने घर तो तुम्हे ले ही जाउन्गा पर पहले हनिमून तो पूरा मना लूँ.

यह कहकर वीरेंदर ने आशना को कंधे पर उठा लिया और टेरेस से नीचे आने लगा. आशना, वीरेंदर के कंधे पर पड़ी छूटने की भरसक कोशिश कर रही थी मगर वो इस मे सफल ना हो सकी. रूम मे लाकर वीरेंदर ने आशना को बिस्तर पर लिटा दिया.

आशना: वीर, टाइम तो देखो क्या हो रहा है? आप अपने अरमान डिन्नर के बाद पुर कर लीजिएगा. अभी प्लीज़ छोड़ दीजिए.

वीरेंदर: इस वक्त जो जिस्म की भूख है पहले उसे तो शांत कर लूँ, पेट की भूख तो बाद मे भी ठंडी हो सकती है. वैसे भी हमारी साली साहिबा ने स्पेशल हिदायत दी थी कि खाली पैट प्यार करने से उन्माद ज़्यादा आता है. चलो आज साली साहिबा की बात पर अमल करके देख ही लेते हैं.

आशना: आप उसकी बातों मे कहाँ आ गये. वो तो है ही ऐसी. सेक्स से रिलेटेड तो उस से कोई भी टिप्स ले लो. वो तो जो मन मे आ जाए कह देती है, आप उसकी बात मत सुनो.

वीरेंदर: अब एक ही तो साली दी है भगवान ने, भला उसकी हिदायत को नज़र-अंदाज़ कैसे कर सकता हूँ.

आशना: बीवी भी तो एक ही है. इतना सताओगे तो कहीं आपसे डर के भाग ना जाए.

वीरेंदर: तभी तो उसे अपने साथ कनेक्ट करके रख रहा हूँ कि उसे भागने का मोका ना मिले.

यह कहकर वीरेंदर आशना पर चढ़ गया. कुछ ही पलों मे फर्श पर कपड़ों का ढेर लग गया था. कमरे मे मदहोश वातावरण अपनी चरम सीमा पर पहुँच गया था. इस बार वीरेंदर ने बिना किसी औपचारिकता के अपने लिंग को आशना की योनि पर रखा और दबाव बढ़ाते हुए उसमे सामने लगा.

वीरेंदर ने हैरानी से आशना की तरफ देखा और बोला: होंठों पर तो ना ही रहती है लेकिन अपने वीर के लिए तैयार हरदम रहती हो.

आशना ने शरमा कर आँखें बंद कर ली और वीरेंदर के इर्द-गिर्द अपनी बाहें कस ली.

आशना: आपको क्या लगता है, मेरे सीने मे हनिमून को लेकर कोई उमंग नहीं है.

आशना मे समा जाने के बाद वीरेंदर ने आशना को कुछ वक्त दिया और फिर दोनो मिलकर चल पड़े सेक्स के समुंदर मे गोते लगाने. तूफान काफ़ी देर तक चला और इस बीच आशना ना जाने कितनी बार एक किनारे से दूसरे छोर तक पहुँची. आख़िरकार वीरेंदर ने अपने प्यार की बूँदो से उसके तपते सेहरा को सींचा और फिर उसे बाहों मे लेकर उन पलों की सुनहरी याद मे खो गया.

डिन्नर के बाद एक बार फिर से प्यार का एक दौर शुरू हुआ. आशना की योनि की टीस उसे और ना मथने की दुहाई देती रही मगर वीरेंदर की छुअन से वो फिर से पागल हो जाती और एक बार फिर से वो नयी उमंग के साथ वीरेंदर के सहयोग मे जुट जाती. सारी रात एक दूसरे की नींद चुराने के बाद अगले दिन वो दोपहर के दो बजे तक सोते रहे. उठते ही प्यार का एक दौर और हुआ और फिर फ्रेश होकर आशना ने खाने के लिए कुछ बना दिया.

जब तक आशना किचन मे काम मे लगी थी तब तक वीरेंदर ने कुछ ज़रूरी फोन कॉल्स कर ली और आगे के बारे मे सोचते हुए बिहारी से किस तरह निपटना है उसके लिए एक छोटा सा प्लान भी बना लिया. पेट की भूख शांत करने के बाद जिस्म की भूख शांत करने का एक और दौर हुआ और उसके बाद वीरेंदर ने आशना को अपने प्लान की रूप रेखा समझाई. हालाँकि प्लान मे काफ़ी दिक्कतें थी लेकिन बहुत जल्द कुछ ना तो कुछ तो करना ही था.

इस प्लान से बिहारी को अपने किए की सज़ा भी मिलती और आशना-वीरेंदर की सच्चाई को भी दुनिया के सामने लाने से बचाया जा सकता था. उस शाम उन दोनो ने बिहारी की अलमारी से मिले मेमोरी कार्ड्स मे जो कुछ क़ैद था उसे बड़ी बारीकी से देखा. हर मेमोरी कार्ड मे दफ़न मूवी बिहारी और बीना की रास-लीला की गवाही दे रही थी. हर मूवी मे उन दोनो के बीच वीरेंदर की प्रॉपर्टी को हथियाने का प्लान बनता और फिर उस पर अमल करने के लिए एक नयी साज़िश रची जाती. यह सबूत काफ़ी थे बिहारी को जैल तक पहुँचाने के लिए लेकिन आशना और वीरेंदर के लिए सबसे ज़रूरी अपने बीच बने रिश्ते को दुनिया की नज़रों से बचाना था.

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