Incest रुतबा या वारिस

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007
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Re: Incest रुतबा या वारिस

Post by 007 »

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vnraj
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Re: Incest रुतबा या वारिस

Post by vnraj »

(^^d^-1$s7) गरमा गरम बातें भी गर्म कर देती हैं आदमी को। नई कहानी के लिए धन्यवाद भाई 😆
Raone
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Re: Incest रुतबा या वारिस

Post by Raone »

दादी की पीठ मेरी तरफ हो गयी, गद्रायी हुई कमर और मोटे मोटे चुतर मानो मेरे लंड को बुला रहे है, मैने थोड़ी सी हिम्मत करके मेरा हाथ दादी की कमर पर रखा, गर्म गर्म गद्रायी हुई मुलायम कमर हाय हाथ लगते ही लंड मानो चड्डी को फाड़ देगा, मेरे बदन मे आग लगने लगी दादी से आज ऐसी बात करके, मेरे मन मे गंदे ख्याल आने लगे, माँ का बदन, हाय, मौसी और बुआ, दादी, माया, सब हूर की परिया लग रही थी, मैं अकेला जवान, जिसने आज तक किसी और को छुवा तक नही, इन सबको छूके अपना लंड को शांत करूँगा, दादी कुछ देर तक ऐसे ही सोई रही, मैने सोचा दादी सो गयी है शायद मैने अपने कमर को थोड़ा आगे खिसका दिया, जिससे मेरा लंड सीधा दादी की के दोनो चुतर के बीच लगा, उनके माँस से भरे बड़े बड़े चुतरो का महसूस पाके लंड और तनाव खाने लगा, मैने मेरे लंड का आकर बहुत बड़ा और मोटा था जो दादी के चुतर पर टिके थे, थोड़ा आगे बढ़ाया, दादी से चिपक गया, मेरी धड़कन बड़ गयी, मैने अपने कमर को थोड़ा सा हिलाया लंड चुतरो को रगड़ता हुआ दादी की कमर से लगा, इतने मे दादी बोली क्या कर रहा है कहा से लाया है ये लकड़ी इतनी रात को, फेक इसे, साथ लेके क्यु सोता है, दादी को मेरा लंड लकड़ी लगा, मै डर कर पीछे हो गया, मै दूसरी साइड मुह करके सो गया, सुबह माया चाय लेके आई दादी शौच के लिए चली गयी, माया चाय देने जैसे झुकी माया के ब्लाउस मे छोटी छोटी चुन्चियो को देखा, बेचारी ब्लाउस मे दबी पड़ी, मेरे लंड ने आकार बदलना शुरू कर दिया, मै लुंगी पहने बैठा था मेरा लंड चड्डी मे ही हिलोरे मारने लगा, माया मेरी उभरी हुई लुंगी को देख शर्मा दी, मैने चाय लेने के बहाने माया के हाथ को छुआ, क्या ही मुलायम हाथ थे, मज़ा आ रहा था, सबको माँ का डर रहता था, माया वहा से भाग गयी, तभी दादी आ गयी, बोली नहा ले , पुरा दिन ऐसे ही गुजर गया, अब शाम होने को आई, मै दादी कल कि तरह दारू और हुक्का लगा बैठ गये, दादी ने माया को बोल दिया की तू मत आया कर मुझे कोई काम होगा तो मैं बुला लुंगी, दादी और हम पेग पे पेग लगा रहे, और हुक्का मार रहे, आज मुझे ज्यादा हो गयी, दादी मै सो रहा हु, दादी बोली खाना तो खा ले, दादी आज नशा ज्यादा हो गया है मै सो रहा हु, और बेड पर सो गया, थोड़ी देर बाद मुझे जोर से पैसाब लगा, मै जल्दी से उठा और पैसाब करके आ रहा था, तभी मेरे पैर चोट खा गये, मै लडखडाटा हुआ बेड के कोने पर गिरा, और मेरे लंड पर बड़ी सी चोट लगी, मै जोर से चिल्लाया, दादी खाना खा रही थी, जल्दी से उठ कर आई, और बोली क्या हुआ बेटा, मै लंड को दबा रहा खडा था, दादी ने जल्दी से मुझे लिटा दिया, बोली बेटा बताओ कहा लगी, मैने लंड को दबा रखा था, दादी यहा लगी, दादी के लिए मै अभी बच्चा ही थे, दादी ने जल्दी से लुंगी खोल दी , कमरे मै हल्की रोशनी थी, मै चड्डी पर हाथ लगाया हुआ था, मेरे लंड मै दर्द हो रहा था, दादी को याद आया की एक बार दादा को लगी थी तो वैध ने तेल की शीशी दी थी, दादी जल्दी से तेल लेकर आई, मुझे बोली ले, इसको लगा, मै दर्द से कहरा रहा था, मैने बोला दादी आप लगा दो मुझे दर्द हो रहा है, मै नही लगा सकता, दादी मुझे बच्चा समझ रही थी, बोली ठीक है मै लगा देती हु मेरे बच्चे, दादी ने मेरी चड्डी पकड़ी और नीचे करने लगी मैने भी थोड़ा सा चुतरो को उठाया, चड्डी मेरे लंड से सरकती हुई नीचे हुई, मेरा सोया हुआ मोटा गोर लंड जैसे ही देखा वो हीचक कर उठ गयी, दादी की आँखो मै डर था, इतना मोटा और बड़ा हुआ लंड जैसे घोड़े का हो, दादी क्या हुआ जल्दी करो बहुत दर्द हो रहा है दादी अब भी दूर खड़ी एक नज़र लंड पर थी, दादी ने कई साल बाद लंड देखा, वो भी ऐसा, ऐसा किसी का नही होता, मैने जोर से बोला दादी जल्दी करो,, दादी हड़ बड़ाई और लंड पर नज़र गड़ा रखी, दादी बेड के एक कोने पर बैठ गयी दादी जल्दी करो, दादी हा बेटा, हड़ बड़ा कर, हा बेटा, अभी लो, दादी ने बोला कहा पर दर्द है में बोला दादी इसमे पुरे मे दर्द है, दादी की साँसे लंबी हो रही थी, दादी सोच रही की कैसे मै अपने बच्चे के लंड को हाथ लगा सकती हु वो भी ऐसा, लेकिन माँ का डर और अपने वारिश का ख्याल उन्हे मजबूर कर रहा था, दादी ने तेल की शीशी ली और खूब सारा तेल अपनी हतेली मे लिया और अपनी हतेली को तेल से मल लिया,, और उनके काम्प्ते हाथ ने मेरे लंड के उपर जाके लंड पर हाथ रखा, मुझे लगा जैसे कोई गर्म माँस रखा हो, इतनी मुलायम और गर्म हाथ था, दादी की साँसे बहुत लंबी हो रही, कितने सालों बाद देखा और छु रही थी, दादी ने अपनी हतेली को लंड पर नीचे लाई, इतना गर्म और मोटा लंड दादी को बहुत डरा रहा था, दादी की साँसे गर्म हो गयी थी, उसे वासना और डर दोनो लग रहा था, दादी ने अपनी हतेली को एक दो बार ऐसे किया, मेरा दर्द कम हो रहा, लेकिन मेरे लंड मे हलचल होने लगी, मेरा लंड धीरे धीरे खडा होने लगा ऐसा देख दादी की साँसे और तेज हो रही, उनकी चुन्चिया ब्लाउस को बाहर आने को बेताब हो, कुछ दी देर मे लंड जो पड़ा था खडा हो गया, 9 इंच खडा और मोटा और गोर लंड देख दादी की आँखे लाल हो गयी, दादी डरते हुए बेटा अब ठीक है क्या, हा दादी आराम आ रहा है थोड़ा और मालिश करो, दादी ने थोड़ा और तेल लिया, और खड़े लंड पर हाथ से मालिश करने लगी, मै समझ गया की दादी की जवानी मस्ती मारने को त्यार हो रही है, दादी जैसे ही हतेली नीचे ले जाती मेरे लंड की खाल साथ मै नीचे जाती, और लंड का सुपाडा खाली दिखाई देता, जैसे कोई साँप अपना फन ताने हुए हो, दादी की नज़र सिर्फ लंड पर थी, दादी की हतेली में पुरा लंड आ भी नही रहा था बहुत मोटा होने के कारण, दादी की चूत भी लंड को देख सलामी लेने लगी, कई सालो बाद दादी को अपनी चूत मे हलचल महसूस हुई, दादी मे मस्ती छाने लगी, उनकी साँसे बहुत तेज हो गयी, मे आराम लेटा था, दादी की पकड़ अब पहले से ज्यादा थी, मेरा लंड अब एकदम लोहे की तरह खडा था, दादी और मै दोनो अपनी मस्ती मे थे, दादी ने हाथों की स्पीड बड़ा दी, मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था, मेरा दर्द सारा गायब हो गया, मै भी जोर से साँसे लेने लगा, कुछ देर दादी मेरे लंड की मालिश कर रही थी की, मुझे लगा की कुछ निकलने वाला है अभी, तभी मेरे लंड ने पहली बार अपना पानी वीर्य छोड़ दिया, जिसकी पहली बूंद सीधी उपर छत से लगी इतनी लंबी बूंद देख दादी उपर देखने लगी, मुझे बड़ा ही असीम आनंद आ रहा था, और मेरा पानी दादी जो लंड पकड़े हाथ पर गिर रहा, बहुत सारा पानी मेरे पेट और जांघों पर गिर रहा, 2 मिनट तक पानी निकलता रहा,मुझे बड़ा ही आराम मिला पहली बार झड़ कर, झड़ने के बाद मेरा लंड वापिस सोने लगा लेकिन दादी ने उसको अब तक पकड़ रखा था और हाथ पर गिरा वीर्य को देख रही इतना गाढ़ा और इतना सारा वीर्य देख, दादी पागल सी हो गयी सोच रही बिल्कुल घोड़ा है मैने बोला दादी अब आराम मिला है छोड़ दो अब, दादी ने मेरी बात नही सुन रही सिर्फ लंड को देख रही, मैने जोर से कहा दादी, दादी हकलाई बोली आराम है बेटा, कहकर लंड को छोड़ दिया और अपनी चुनरी से हाथ पर गिरा पानी साफ करने लगी, और चुनरी के पलु से मेरा पेट और जाँघ साफ करने लगी, मेरे उपर लुंगी डाल दी, दादी का पल्लु पुरा गिला हो गया, दादी ने चुनरी निकाल सो गयी मेरे पास, मुझे पता नही कब नींद आई मैं सो गया, सुवह उठा.. 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रुतबा या वारिस.. Running
Raone
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Re: Incest रुतबा या वारिस

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सुबह हुई दादी अपना काम कर रही थी मैं उठा रात को बहुत अच्छी नींद आई थी तभी माया चल के आ गई माया को सामने देख मैं इससे मस्त हो गया हूं मैंने देखा जैसे ही माया चाहे देने नीचे चुकी उसकी छोटी-छोटी चुन्चिया मेरे सामने ब्लाउज के अंदर से दिख रही थी तभी मेरा नंद लण्ड फिर से उछाल मारने लगा मेरी चड्डी में ही खड़ा हो गया जिससे मेरी चड्डी उभर गई माया के नज़र जैसे ही नीचे पड़ी, माया थोड़ा सा मुस्कुरा गयी मैंने चाय लेने के लिए हाथ आगे बढ़ाया माया का हाथ आते ही झरा गया मुझे तुरंत चाय दे कर वहां से भाग गई मैंने चाय पी इतने भी दादी आ गई बोली बेटा नहा लो और दर्द कैसा है अब मैं बोला दादी अभी भी थोड़ा दर्द है दादी बोली जल्दी ही ठीक हो जाएगा मैं उठा नहाने चला गया मैं नहा कर आया दादी खाना लगा रही थी दादी बोली आ जाओ खाना खा लो पहले मैं बोला था दादी थोड़ा दर्द है मालिश कर दो ना दादी बोली हां तो तू भी कर सकता है अब तो ठीक है तु कमरे मे जा वहा तेल की शीशी वही पड़ी है जल्दी से मालिश करा फिर खाना खा ले मैं लूंगी बांध यहां आया तेल की शीशी हाथ में ली और बेड पर बैठ गया मैंने अपनी लूंगी खोल और चड्डी निकाल दी तेल को मेरी हाथ की हथेली में डाला जैसे ही लङ के ऊपर लगाया सो गया हुआ लण्ड खड़ा होने लगा पहली बार मैंने अपने लङ को हाथ ऐसे लगाया था मैंने तेल का हथेली को लङ पर फेरा तो लङ तनाव खाने लगा थोड़ी ही देर में मेरा लंबा और मोटा लङ खड़ा हो गया मुझे मस्ती सिखाने लगा, मेरी जवानी हीलोरे मारने लगी धीरे धीरे मेरी आंख बंद होने लगी मुझे दादी की रात वाली मालिश याद आने लगी तभी मेरे मन में दादी का बदन दिखने लगा मेरा हाथ लङ पर जल्दी चलने लगा मेरे लङ से सुपाड़ा की खाल कभी ऊपर जाती कभी नीचे आती मैं पहली बार अपने लङ को सहला रहा था मुझे दादी के बड़े-बड़े चूतड़ और बड़ी-बड़ी चूचियां याद आ रही थी करीब 10 मिनट तक ऐसे ही करता रहा,तभी मुझे लगा मेरे लङ से कुछ निकलने वाला है और मेरी वीर्य की बूंद सीडी सामने की दीवार पर लगी मेरी हाथ की रफ्तार भी कम होने लगी मेरा पानी निकल रहा था सामने की दीवार और निचे फर्श और बेड पर गिर रहा था मैंने जिंदगी की पहली बार मुठ मारी थी वह भी मेरी दादी की याद करके मुझे बड़ा ही आराम मिला मैंने लङ को अपनी चड्डी में डाला और दादी के पास चला गया दादी तब तक खाना खा चुकी थी मुझे बोली मालिश कर ली बेटा चल अब खाना खा ले मैं खाना खाने बैठ गया और खाना खाने लगा दादी वहां से उठकर अपने कमरे में गई जैसे ही कमरे में घुसे ही सामने का नजारा देख लो पागल सी हो गई उनकी आंखें खुली की खुली रह गई सामने दीवार से मेरे वीर्य की बूंद नीचे गिर रहे थी और दीवार पर लकीर सी बन रही थी नीचे फर्श और बेड पर बहुत सारा वीर्य गिरा पड़ा था दादी देख बोली मेरा लाल पूरा का पूरा घोड़ा है और एक कपड़ा लिया दीवार पर और बेड को साफ करने लगी पूरा दिन मस्ती में से निकल गया शाम को दादी अपने कमरे में बैठी थी मैं लूंगी पहन आ गया और फिर वही दारू हुक्का लगाकर दादी के पास में बैठ गया मुझे साइड से दादी की बड़ी-बड़ी चुन्चे ब्लाउस को फुला रखा था, मेरी नजर आप दादी को प्यार से देखने लगी थी मैं और दादी ने बड़े प्यार से दारू और हुक्का का मजा लिया दादी बार-बार मेरी तरफ देख रही थी ना दे बोली बेटा अब दर्द कैसा है मैं बोला दादी अभी भी थोड़ा है दादी बोली सब ठीक हो जाएगा मालिश करते रहना मैं बोला दादी मुझसे सही से मालिश नहीं होती आज आप कर देना दादी कुछ नहीं बोली, तभी दादी ने कहा मुझे जोर से पेशाब लगी है मैं पेशाब करके आती हूं next...
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Raone
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Re: Incest रुतबा या वारिस

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दादी पेशाब करने के लिए उठी जैसे ही चलने लगी नशा ज्यादा होने के कारण लड़खड़ा गई और गिर पड़ी दादी के हाथ आगे देखे थे और घुटने टिके थे दादी दादी मदमस्त घोड़ी हो रखी थी उनके घागरे से बड़े-बड़े चूतड़ फेल रखे थे जिसे देख मेरा लङ खड़ा होने लगा जिससे दादी की जाँघ और घुटनों पर चोट लगी, दादी जोर से चिल्लाई उईई मां मर गई, मैं जल्दी से उठा दादी को पकड़ा कंधों से और दादी को उठाकर बेड पर बिठाया दादी जोर से कराह रही थी, मैं बोला दादी आप बेड बेड रेस्ट करो दादी वाली मुझे जोर से पेशाब लगी है मैंने दादी का हाथ पकड़कर बेड से खड़ा किया दादी ने एक हाथ मेरे कंधे पर रखा और मैंने भी अपना एक हाथ दादी की चर्बी भरी कमर पर रखकर हाथ से पकड़ ली उनकी मुलायम खाल और मांस से भरी खाल का स्पर्श पाकर मेरे लङ में तनाव आने लगा, दादी का बाई चुन्चिया मेरे सीने के साइड से लगी मेरा लंड तो चड्डी मे ही फड़फड़ा रहा था, दादी मेरे साथ बाहर मै बाहर आ गया, वहा खुला खेत सा था थोड़ा, और अंधेरा सा था दोनो नशे मे चूर थे, मै दादी को एक पेड़ के पास लेकर गया, दादी बोली बेटा यही छोड़ दे अब रुका नही जा रहा और दर्द से कराह रही थीn, next
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