चूतो का समुंदर

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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

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आंटी ने मुस्कुरा कर शावर चालू कर दिया ऑर हम पानी बचाओ अभियान मे हिस्सेदार हो गये…हाहहहहा

नहाते हुए हम हल्की-फुल्की मस्ती करते रहे ओर बाहर निकल आए

जैसे ही हम बाहर आए तो सामने रश्मि खड़ी हुई थी कॉफी लेकर

आंटी ने रश्मि को देखा तो उनकी गंद फट गई ओर वो पत्थर की मूरत बन के खड़ी हो गई…

मैने आंटी की हालत देखी….ऑर बोला

मैं-अरे आप टेन्षन मत लो…..कुछ नही हुआ

आंटी(लड़खड़ाती आवाज़ मे)-ये…ये…क्या बोल रहे हहूओ…ये..ये…अंदर कैसे आई

मैने आंटी का डर भगाने का सोचा ओर रश्मि के पास जाकर उसके बूब्स दवाने लगा ऑर बोला

मैं-आंटी, ये भी मेरे लंड की गुलाम है…डॉन’ट वरी…

आंटी(थोड़ा नॉर्मल होते हुए)-क्या..?

मैं-अरे आंटी, जैसे मैने आप को अभी-अभी चोदा है…इसे कई बार चोद चुका हूँ वैसे ही…..ऑर आगे तुम दोनो को चोदुन्गा

आंटी(पूरी तरह नॉर्मल हो गई)-ओह्ह..तो ये बात है…मतलब ये सब जानती है

मैं(रश्मि की तरफ देख कर हंस दिया)-अरे आंटी ये सब सिर्फ़ जानती ही नही…बल्कि जब आप मेरे लंड का मज़ा ले रही थी…ये गेट से लाइव शो देख रही थी…हहहहा

मैं ऑर रश्मि साथ मे हँसने लगे…ओर आंटी शॉक्ड हो गई

आंटी-क्या..???...इसे पता था कि हम यहाँ क्या करने वाले है

मैं- अरे आंटी…..मैं ऐसे माल के साथ रूम मे अकेला क्या करता हूँ..ये अच्छी तरह जानती है

आंटी-ओह..तो मतलब ये प्लान फिक्स था

मैं-सच बोलू…कुछ फिक्स नही था…बस मैने इसे लेट आने को बोला था…ऑर अंदर आपके साथ मूड बन गया…ऑर जब ये आई तो आप अपनी गंद उछाल कर मेरा लंड अंदर ले रही थी…बस इसने भी लाइव शो एंजाय किया

मैं ऑर रश्मि फिर से हँसने लगे

रश्मि-अरे मेडम आप टेन्षन मत लो…..जब चाहे चुदवाना…सर का लंड ही ऐसा है कि कोई भी चूत गुलाम बन जाय इसकी….

आंटी-ठीक है, जब पता चल ही गया तो शरम कैसी …पर प्लज़्ज़्ज़…किसी को पता ना चले

रश्मि-आप टेन्षन मत लो…हम यहाँ जितनी भी मस्ती कर सकते है…..किसी को पता नही चलेगा…आप कॉफी पियो ऑर रिलॅक्स हो जाओ

तभी मेन डोर की बेल बजी…

रश्मि-मैं देखती हूँ…डॉन’ट वरी
इसके बाद रश्मि कॉफी देकर बाहर निकल गई ऑर मैने कपड़े पहन लिए…आंटी ने ब्रा-पैंटी दिखाते हुए बोला कि

आंटी-कौन सी पहनूं

मैं(इशारे से)-ये वाली..ऑर हां ड्रेस ये पहनॉगी

आंटी-ओके बट छोटी है

मैने आंटी को बता दिया कि मैने ऐसी ही कुछ ऑर ड्रेस मग़वा ली है…ऑर वो इससे भी छोटी है…मैं आपको ऐसे ही घुमाना चाहता हूँ….इतने मे रश्मि एक बॉक्स लेकर आ गई…

रश्मि-सर ये आपके लिए

मैं-उसे वहाँ रख दो ऑर तुम जाओ

रश्मि(बॉक्स रखते हुए)-ओके

रश्मि के जाने के बाद आंटी ने मेरी सेलेक्ट की हुई ड्रेस पहन ली…..


सच मे ड्रेस मे आंटी सेक्सी लग रही थी…शायद साड़ी के अलावा आज उन्होने कुछ न्यू ड्रेस पहना होगा…...

आंटी के बूब्स ड्रेस मे समा ही नही रहे थे…वो आधे से ज़्यादा ड्रेस के बाहर थे…..मैने ड्रेस ही ऐसी दिलाई थी

नीचे भी ड्रेस आंटी के घुटनो के उपर तक थी….गंद बस छुपी हुई थी ऑर आंटी के सेक्सी लेग नंगे थे….

आंटी की गंद सॉफ-सॉफ उभरी हुई दिखाई दे रही थी ..….

आंटी ने अपने आप को देखा ऑर बोली

आंटी-बेटा ये तो….छोटी है

मैं-आंटी इसी लिए तो पहनाई है

आंटी-मेरी पूरी बॉडी दिख रही है बेटा

मैं-आंटी…मैं आपको ऐसे ही घुमाना चाहता हूँ…ताकि पूरे टाइम आपकी बॉडी के मज़ा ले सकूँ

आंटी-बट किसी के सामने जाउन्गी तो अच्छा नही होगा.

मैं-क्यो नही होगा…मैं चाहता हूँ कि सब आपको देखें…ऑर मुझसे जले

आंटी-पर बेटा सब क्या सोचेगे कि मैं रंडी हूँ ..???

मैं-हां ऐसा ही सोचेगे…मैं यही चाहता हूँ कि सब ये ही सोचे कि तुम मेरी रंडी हो…समझी

आंटी मेरी बात सुनकर शॉक्ड हो गई

आंटी-क्या बोल रहे हो बेटा

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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

Post by Ankit »


मैं-आंटी….आज से आप मेरी रंडी हो ऑर मैं जैसे चाहूं , जब चाहूं,,,कुछ भी करवाउन्गा तुमसे …याद रखना

आंटी-ठीक है…बस मेरे घर मे पता नही चलना चाहिए….बाकी जो कहो मैं तैयार हूँ

मैने आंटी की गंद पर चपत लगा कर बोला

मैं-मेरी रंडी टेन्षन मत ले…बस मज़े के लिए तैयार हो जा...आज से आपकी न्यू लाइफ स्टार्ट…ऑर हाँ उस बॉक्स मे इससे भी छोटी ड्रेस है ये आपको शादी के घर पहनाउन्गा…देखते जाओ आंटी मैं आपको सेक्स बॉम्ब बना दूँगा…

आंटी-बेटा इतना खर्चा क्यो...काफ़ी ड्रेस थी ना

मैं- आंटी आपकी फरन्डस देखेगी तो जलेगी कि आप भी खर्च करने मे कम नही ऑर सबके मुँह बंद हो जायगे..


ओर ये कह कर मैं नीचे आ गया...ऑर आंटी मेक-अप करके आयगी…ऐसा बोल कर मेक-अप करने लगी

मैने जैसे ही नीचे आया तो रश्मि से बोला

मैं-काम हो गया

रश्मि-हाँ सर...जैसा आप ने कहा था वैसा हो गया

मैं-ओके...1 काम करो उसे संभाल के रखना...मैं कुछ दिन बाद जब घर आउन्गा तब देना मुझे ओके

रश्मि-जी सर

मैने रश्मि को एक काम बोला था….जो मेरे लिए आगे काम आयगा…प्लान क्या था ऑर मैने क्या संभाल के रखने को बोला…ये राज कहानी मे आगे खुलेगा…सही टाइम पर

मैं और रश्मि बात ही कर रहे थे कि आंटी नीचे आती हुई दिखाई दी…क्या माल लग रही थी आंटी….…

उनको इस ड्रेस मे देख कर किसी का लंड भी खड़ा हो जाय…

उपर से उनके बड़े-2 बूब्स , जो आधे बाहर थे ऑर मस्त उभरी हुई गंद ….बुड्ढे का लंड भी खड़ा कर दे…

मैं आंटी को देख ही रहा था कि रश्मि धीरे से बोली

रश्मि-सर आइटम तो मस्त चूज़ की आपने ऑर ड्रेस भी…अब क्या करने वाले हो आप

मैं-देखती जाओ....इस साली को सच मे सेक्स बॉम्ब ना बनाया तो मेरा नाम नही....

मैं-(मन मे)-मुझसे पंगा लेने का सोचा साली ने...अब देखना कैसी हालत करता हूँ इसकी...ऑर इसके साथियो की

( कहानी मे जो भी बात अभी आपके सामने नही आई...वो आपको कहानी के साथ पता चलती जाएगी…ये आंटी के पंगे वाली बात भी जल्दी ही सामने आयगी…....
आप लोग पॅशन्स रखे प्लज़्ज़्ज़ )


इतने मे आंटी हमारे पास आ गई ऑर बोली

आंटी-बेटा सच मे ऐसे ही चलूं

मैं-अब क्या लिख कर दूं मेरी रांड़

आंटी-ओके, बेटा अब मेरी इज़्ज़त तेरे हाथ मे जो..करना है करो बस...किसी को पता ना चले

मैं-डॉन’ट वरी …आपके घर मे आपकी इज़्ज़त वैसी ही रहेगी…बस बाहर वैसी होगी जैसी मैं चाहूगा

आंटी-मतलब..???

मैं(बात संभालते हुए)-अरे मतलब मेरी पर्सनल रांड़…ऑर अब चलो …आपकी फ्रेंड की भी जलानी है ना

आंटी-हाँ…उसे जलाने के लिए तो कुछ भी कर सकती हूँ

मैं-ओके…रश्मि हम जा रहे है….टेककेइर

इसके बाद हम बाहर आकर कार मे बैठे ऑर निकल गये आंटी की फ्रेंड के गाओं की तरफ…

( आक्च्युयली वो गाओं से बड़ा ही था…कस्बे के जैसा
हमे लगभग 4 घंटे की ड्राइव करनी थी….अभी दोपहर के 1.30 हो रहे थे तो हम 5.30 तक पहुच सकते थे

बट इतनी जल्दी जा कर क्या करना है….अभी तो सफ़र शुरू हुआ है …आगे-2 देखो क्या-क्या होता है..)

मैं कार चलाते हुए आगे का प्लान कर रहा था कि तभी आंटी बोली

आंटी-चलो अच्छा है तुम्हारी कार मे कोई बाहर से अंदर नही देख पाता ..नही तो कोई भी देख लेता

मैं-डॉन’ट वरी…यहाँ आप सेफ है….हां यहाँ से निकलने के बाद आपको बदल के रख दूँगा

आंटी-क्या मतलब

मैं-कुछ नही…मतलब ये कि सहर से बाहर निकलते ही मेरे साथ मेरी आंटी नही होगी…बल्कि मेरी पर्सनल रंडी होगी

आंटी(मुस्कुरा कर)-जो हुकुम सर

मैं ऑर आंटी..ऐसे ही मस्ती भरी बाते करते हुए जा रहे थे …लगभग 30 मिनट बाद हम सहर से बाहर आ गये …

अब हम हाइवे पर थे..जहाँ दोनो तरफ पेड़ ऑर खेत ही दिखाई दे रहे थे…

दूर-2 तक कोई इंसान नज़र नही आ रहा था..हाँ थोड़ा ट्रॅफिक ज़रूर मिल रहा था इस हाइवे पर…

मैने सोचा चलो अब इसको असली मे रंडी बनाने का प्लान शुरू करते है…..क्या करूँ….

कुछ सोच कर…हाँ ये सही रहेगा…अगर ये मान गई तो शादी मे पहुचने से पहले इसकी बची हुई शरम दूर हो जाएगी…ऑर ये फिर कही भी चुदने को रेडी हो जाएगी…पक्की रंडी की तरह…हम ऐसा ही करता हूँ…




आगे क्या हुआ दोस्तो पढ़ते रहिए और साथ मे अपना सपोर्ट भी देते रहिए
mini

Re: चूतो का समुंदर

Post by mini »

bahut hi jabardast,,,,mza aa gya,,,,aunti ko khul ker use kro,,,,,great story
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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

Post by Ankit »

mini wrote:bahut hi jabardast,,,,mza aa gya,,,,aunti ko khul ker use kro,,,,,great story


thanks mini ............... aunty ka full use hoga tabhi to nayi nayi chuten milengee................ha ha ha :lol: :lol: :lol: :lol: :lol: :lol: :lol: :lol: :lol:
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Ankit
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Re: चूतो का समुंदर

Post by Ankit »

मैने अपने मन मे कुछ सोचकर डिसाइड किया कि आज आंटी की शरम को पूरी तरह भगा देना है…बट मेरे पास टाइम कम था…हमे शादी मे भी पहुचना था

मुझे सोच मे डूबे हुए देख कर आंटी बोली

आंटी-क्या सोच रहे हो

मैं-अर्रे..कुछ नही…बस ये सोच रहा था कि इतनी जल्दी पहुच कर क्या करेगे

आंटी-अरे मेरी कई फ्रेंड्स आयगी वहाँ …तो सबसे मिल लुगी ना

मैं-आंटी 1 बात बोलू

आंटी-हाँ बोलो

मैं-आंटी आपकी फ्रेंड्स भी आपकी तरह है…

आंटी-मतलब

मैं-मेरा मतलब था कि क्या वो भी आपकी तरह पसंद रखती है

आंटी(आँखे उपर कर के)-मेरी तरह पसंद…मतलब…क्या चल रहा है माइंड मे

मैं-(हँसते हुए)-अर्रे कुछ नही आंटी मैं तो बस ये बोल रहा था कि क्या मुझे कुछ फ़ायदा हो सकता है कि नही

आंटी-क्यो…मुझसे दिल भर गया…जो मेरी फ्रेंड्स चाहिए

मैं(आंटी के बूब्स पर हाथ फेरते हुए)-अरे नही जान …तुझे तो अभी चखा है….अभी तो खाना है तुझको…निचोड़ कर…ये कहकर मैने बूब को तेज़ी से दवा दिया

आंटी-आआअहह…तो खा लो ना….दूसरो का क्यों पूछ रहे हो

मैं- क्यो आंटी….आप मेरा फ़ायदा नही करवा सकती…ऑर मैने बूब दवाने की गति बढ़ा दी…ऑर एक हाथ से ड्राइव करने लगा

आंटी---आओऊउककच….हाँ बेटा करवा दुगी …मेरी कुछ फरन्ड शायद तेरे लंड के नीचे आ जाय….आख़िर वो भी तो मस्त लंड मांगती है

मैं-ये हुई ना बात ….अब मज़ा आया

आंटी-आअहह...बट अभी मेरा ख्याल रखो बस...वो बाद मे देखेगे

मैं-ओके आंटी तो शुरू हो जाओ….मस्ती यही से स्टार्ट होती है

इतना कह कर मैने आंटी के बूब से अपना हाथ खीच लिया ऑर उन्हे मेरे लंड की तरफ इशारा किया…

आंटी मेरा इशारा समझ गई ओर थोड़ा पास आ कर मेरे पेंट के उपर से मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी…


मैने कार ड्राइव कर रहा था और आंटी मेरा लंड सहलाए जा रही थी…कुछ देर बाद मेरा लंड अपनी औकात दिखाने लगा…

आंटी-(हँसते हुए)-ओह हो…तैयार हो गया

मैं-अभी कहा आंटी….तैयार तो ये तब होगा जब आपके गरम-2 होंठो से होते हुए आपने मुँह मे जायगा….

आंटी-अच्छा..ऐसी बात है….अभी तैयार करती हूँ

इतना बोलकर…आंटी ने अपनी सॅंडल को शीट के नीचे निकाला…ऑर कार की शीट पर मेरी तरफ मुँह करके घुटनो के बल बैठ गई……ऑर आंटी ने अपने हाथो से मेरे पेंट की ज़िप को खोला ऑर अंडरवर के अंदर से मेरा लंड बाहर कर लिया …

मेरा लंड बाहर आते ही फड्फाडाने लगा….जो अभी पूरा खड़ा नही था….

आंटी ने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ा ऑर दूसरा हाथ कार के सामने वाले बोर्ड पर रखा ओर लंड की मूठ मारने लगी

मैं-आअहह…आंटी..आअराम से…मज़ा आ गया

आंटी कुछ देर तक लंड हिलाने के बाद बोली

आंटी-अब और मज़ा आएगा

और इतना बोलते ही आंटी ने झुक कर मेरे लंड को पूरा का पूरा मुँह मे भर लिया ऑर मस्ती मे लंड चुसाइ करने लगी...


मेरे लिए अब ड्राइविंग मुस्किल हो रही थी….तो मैने कार रोड के साइड से कर के स्लो चलाना शुरू कर दिया ऑर लंड चुसाइ का मज़ा लेने लगा

मैं-आंटी…..क्या चूस रही हो….आप तो एक्सपर्ट रंडी की तरह कर रही हो चुसाइ

आंटी-सस्स्ररुउउप्प्प….सस्स्रररुउउप्प्प…ऊओंम्म्मममह…सस्स्रररुउउप्प्प

मैं-आअहह…ओर तेज मेरी जान

आंटी-सस्स्ररुउउप्प्प….सस्रररुउउप्प्प्प….ऊओंम्मह…सस्स्रररुउउप्प्प्प

इसी तरह आंटी लंड को चूसे जा रही थी…मैने भी आंटी की ड्रेस को एक हाथ से गंद के उपर करके उनकी कमर पर चढ़ा दिया…ऑर अपनी 1 उंगली ले जाकर पैंटी को साइड करके आंटी की चूत मे डाल दिया

आंटी-ऊओंम्म…सस्स्ररुउउप्प्प…सस्स्रररुउउप्प्प…ऊओंम्म्ममह

मैं-आहह…ओर तेज आंटी…हाँ…ऐसे ही….अंदर तक ले जाओ

आंटी-ऊमम्मह..सस्स्ररुउउप्प्प्प…..सस्रररुउउप्प्प….उउउम्म्म्मह

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