सिफली अमल ( काला जादू ) complete

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sexi munda
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Re: सिफली अमल ( काला जादू )

Post by sexi munda »

"एक रास्ता है इन पिशाचो से बचने का".......लूसी की बातों को सुनके चार्ल्स उसकी ओर गौर से देखने लगा....जल्द ही पिशाचो की आँखो के सामने दरवाजे से बाहर निकलते हुए कंबल ओढ़े दो शक्स घोड़े पे सवार होके भागने लगे....जो पिशाच इंसानो का खून पी रहे थे वो उस ओर देखने लगे....और कुछ पिशाच उनके पीछे दौड़ने लगे....घोड़ा काफ़ी तेज़ था वो ही ही शब्द निकाले डर रहा था....तेज़ दौड़ रहा था....जंगल के रास्ते से वो जंगल के अंदर तक जा रहे थे....तभी कंबल को उतारे चार्ल्स ने पीछे देखा और अपने पास आए पिशाच को अपनी नंगी तलवार से काट डाला

घोड़े से लूसी भी कंबल फैक के उतार चुकी थी....और वो उन पिशाचो के उपर मानो जैसे टूट पड़ी....ये सब एक तरक़ीब थी मुझे और शीबा बाजी को महफूज़ रखने के लिए.....इधर हम बंगले में छुपे हुए थे...लेकिन पिशाच बाहर मारे हुए उन इंसानो की लाषो से खून पी रहे थे उन लोगो की मौत का कहीं न कहीं ज़िम्मेदार मैं ही था....मेरी आँखो में आँसू घुल गये....इन पिशाचो का उत्पात इतना ज़्यादा था उधर चार्ल्स ने भी अपनी जान पर खेलके हमे बचाया था और लूसी भी लड़ रही थी....तभी मुझे महसूस हुआ जैसे किसी घोड़े की आहट सुनाई दी

और वो घोड़ा उन लाषो के उपर से चलता हुआ हमारे बंगले की ओर रुका..जो पिशाच लाषो का खून पी रहे थे उन्होने उसे घैर लिया...और फिर वो बड़े बड़े जुतो से नीचे उतरा और उसके भारी कदम हमारे बंगले के करीब आने लगे....उसके चेहरे को देखते ही ख़ौफ़ मेरे चेहरे पे आ गया ये कोई और नही राजा स्किवोच ड्रॅक्यूला था...."ससस्स मेरि जानणन्न् बाहर आअऊओ".......

शीबा बाजी ख़ौफ़ से मेरी ओर देखने लगी

"बाजी आप कहाँ जा रही हो?".........बाजी के हाथ को मैने रोकते हुए कहा..

"तुम नही जानते अगर मैं नही गयी तो वो शैतान तुम्हें जान से मार देगा जो ग़लती मैने की है उसकी सज़ा मुझे भुगतने दो"........

"बाजी दिमाग़ तो नही खराब हो गया आपका मैं आपको कहीं नही जाने दूँगा कही न्नहि".........मैने बाजी को सख्ती से पकड़ लिया बाजी ने मुझे दूर धकेल दिया...इतने में एक एक चौखट पे कदम रखते हुए ड्रॅक्यूला कमरे के अंदर प्रवेश कर चुका था

क..क्या इस्पे पवित्र जल का असर क्यूँ नही हुआ?....

"हा हा हा खुदा का कोई बंधन मुझे नही रोक सकता चली आओ मेरे पास"......उसने अपने नुकीले दाँत और सफेद निगाहो से बाजी की ओर हिंसा भरी निगाहो से कहा....

बाजी उसके निगाहो में देखते हुए आगे बढ़ने लगी....लेकिन इससे पहले कुछ हो पाता...मैने पास रखी जीसस के क्रॉस को उठाके सीधे उस बेजान ड्रॅक्यूला के जिस्म में गाढ दिया...खचह.....आहहह वो इतनी ज़ोर से दहाड़ा कि हवा का एक झोका पूरे कमरे में फैल गया

और बाजी एकदम से मुझे और ड्रॅक्यूला के दर्द भरे सफेद निगाहो की ओर देखने लगी...

."कम्बख़्त इंसांन्न आअहह"......उसकी दोहरी आवाज़ के साथ उसने उस क्रॉस को अपने ज़ख़्म से बाहर खीचा उसके ज़ख़्म से धुआ उठ रहा था..."सस्सह आहह"....उसने ज़्यादा देरी भी नही की और बाजी को हाथो से उन्हें अपनी ओर खींचा..बाजी भी पिशाच बन चुकी थी और उन्होने फ़ौरन उसपे नाख़ून का वार किया उसके चेहरे के पे तीन खरॉच बन गये....

वो मुस्कुराया "हा हा हा तुम अपने पति पे अब हमला करोगी".........

"अगर मेरे भाई के लिए मुझे तुमसे भी बड़े शैतान से लड़ना पड़े तो मुझे मंज़ूर है...तुम जैसे धोखेबाज़ आदमी पे मुझे कभी भरोसा करना ही नही चाहिए था तुम्हारी असलियत अब मेरे सामने है".........

.हा हा हा हा हा बाजी की बातों को काटते हुए वो बहुत ज़ोर से ठहाका लगाने लगा उसकी एक एक हँसी मेरे दिल को धध्काये जा रही थी...बाजी मेरे बचाव के लिए उसके सामने खड़ी थी उसने फ़ौरन बाजी की निगाहो में कुछ देखा और तभी बाजी अपने आप बदहवास होने लगी..."बाजी"...किसी अनचाही शक्ति ने मुझे पीछे धकेल दिया....उसके कंधे पे मेरी बाजी थी....और वो उसे सीडियो से उतरते हुए ले जा रहा था मेरी आँखो के सामने से और जल्द ही उसने मेरी बाजी को घोड़े पे लादा और खुद घोड़े पे सवार होके जंगल के रास्ते मुड़ने लगा...अब उन पिशाचो ने मुझे घैर लिया था और अब मेरे ही करीब आने लगे

"बाजी या....आआआ".......मैं गुस्से में एक दहाड़ उठा...ड्रॅक्यूला मुस्कुराए घोड़े को तेज़ी से दौड़ाने लगा...कपड़े फॅट चुके थे हड्डिया ऐंठने लगी थी..और जल्द ही उन पिशाचो के सामने एक ख़ूँख़ार भेड़िया बनके मैं खड़ा था...उन पिशाचो ने मुझे हर जगह काटने की कोशिश की लेकिन भेड़िया ने उन सबके हाथ पाँव को उनके जिस्मो से अलग करके फ़ैक् दिया किसी की गर्दन को अपने दांतो से पकड़ के दूर फ़ैक् दिया....उधर चार्ल्स के उपर शैतानी पिशाच हावी हो चुका था...लूसी ने उसकी गर्दन पे अपने दाँत गढ़ा दिए....तब्तलक चार्ल्स ने उस पिशाच के पेट पे तलवार घुसा दी..वो दहाड़ता हुआ राख बनके गायब हो गया उसने लूसी को शुक्रिया भरी निगाहो से देखा..और फिर दोनो घोड़े पे सवार होके पिशाचो का अंत करके वापिस रास्ते की ओर लौटने लगे....जल्द ही उन्हें एक घोड़ा दूसरे रास्ते से घाटी की ओर जाते दिखा...लूसी सहम उठी....चार्ल्स भी बौखलाए वापिस बस्ती लौटा
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sexi munda
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Re: सिफली अमल ( काला जादू )

Post by sexi munda »

भेड़िया ने उन पिशाचो को काट खाया था..उनका काम तमाम कर चुका था...."आसिफफ्फ़ आसिफफफ्फ़".....बहुत देर हो चुकी थी....भेड़िया बनके आसिफ़ जंगल की झाड़ियो से गुज़रता हुआ दूर जा चुका था..."अगर वो उसे महल ले गया तो आसिफ़ की बेहन को बचाया नही जा पाएगा"..........लूसी ने चार्ल्स की ओर देखते हुए कहा...

.बस्ती में खामोशी छाई हुई थी सब डरे सहमे घरो में बंद हो चुके थे जो पिशाच वहाँ मौज़ूद थे वहाँ सिर्फ़ उनकी कटी हुई लाशें थी....जंगल के रास्ते भागता हुआ घोड़े पे चाबुक बरसाए राजा बहुत तेज़ी से भाग रहा था...इतने में उसे गंध महसूस हुई और ठीक उसके करीब भी भेड़िया दौड़ रहा था...."नही"......

भेड़िया ड्रॅक्यूला पे झपट पड़ा और घोड़ा सहित तीनो ज़मीन पे लूड़कते हुए गिर पड़े....."सस्सस्स आअहह".......ड्रॅक्यूला वापिस खड़ा होके फुक्कार्ते हुए भेड़िए की ओर देखने लगा...भेड़िया भी उसके करीब ही खड़ा था और वो भी दहाड़ रहा था उसके नुकीले दाँत ड्रॅक्यूला पे हमले के लिए मानो बेताब थे

"हा हा हा तुम हममे से एक हो तुम्हारा वजूद हमारे बीच है मुझे मेरा प्रण पूरा करने दो उसके बाद मैं हमेशा के लिए सबसे ताक़तवर हो जाउन्गा खुदा से भी बढ़कर इस दुनिया से भी बढ़कर लोग मेरे ही आगे अपना सर झुकाएँगे इंसानो पे हमारा राज होगा अगर तुम मेरे रास्ते में और मेरे आड़े आए तो तुम्हें जान से मार डालूँगा सोच लो".........ड्रॅक्यूला के उपर भेड़िया झपट चुका था

दोनो एक दूसरे पे जानवरों की तरह हमला करने लगे....जल्द ही एक नाख़ून भरा पंजा ड्रॅक्यूला के चेहरे को चीरता हुआ निकल गया ड्रॅक्यूला अपने गहरे ज़ख़्म पे दर्द से कराहते हुए हाथ रखता है....और जल्द ही भेड़िया की गर्दन को जकड़ने की कोशिश करता है...लेकिन भेड़िया उसकी ताक़त से ज़्यादा था इस बात का उसे मालूमत था....उसने ड्रॅक्यूला को गर्दन से जकड़ा और उसे घाटी की खाई में फ़ैक् दिया....ड्रॅक्यूला चिल्लाता हुआ करीब 120 फुट की गहरी अंधेरी खाई में गिरता चला गया..भेड़िया दहाड़ता हुआ खाई की गहराइयो में झाँकते हुए पीछे मुड़ा....


शीबा बाजी उठ चुकी थी अचानक से उनपे फिर पिशाचो का हमला हुआ पर इस बार उन्होने खुद उन पिशाचो को गले से उन्हें अलग कर डाला और एक पिशाच के गले में अपने दाँत गढ़ा दिए...वो पिशाच दहाड़ता हुआ रहेम की भीक माँगने लगा...लेकिन शीबा बाजी ने उसका भी काम तमाम कर दिया....नदी के किनारे से ड्रॅक्यूला गीला बाहर निकल आया उसका पूरा जिस्म ठंडे पानी से भीगा हुआ था..वो चीखता चिल्लाता हुआ बस उँची पहाड़ी की ओर देख रहा था और फिर तेज़ कदमो से वहाँ से चलता हुआ साया बनके उड़ गया


मैं वापिस अपने इंसानी रूप में तब्दील हो गया था...बाजी ने मेरे चेहरे को हाथो में लिया अभी हमारे होंठ एक दूसरे से मिले ही थे...कि चार्ल्स और लूसी घोड़े से उतरते हुए पास आए "तुम दोनो ठीक हो?"........

हम दोनो ने मुस्कुरा के गंभीर होके कहा..."वो ज़रूर अपनी हार ख़ाके नही बैठेगा ज़रूर फिर हमला करेगा"......

.चार्ल्स ने गहरी सोच सोचते हुए कहा...."तो उसे हमेशा के लिए ख़तम क्यूँ नही कर देते हम?".......

मैने गुस्से में कहा...क्या ये इतना आसान है

"एक रास्ता है अब लेकिन मुस्किल".......चार्ल्स की बात को सुनके हम तीनो उसकी ओर देखने लगे..

."पिशाच खुद को धूप के सिवाय कहीं नही बाहर निकालता अगर सूरज की रोशनी उनपे पड़ेगी तो वो लोग जल जाएँगे और और उनकी आत्मा इस दुनिया से रुखसत हो जाएगी".....

.उसकी बातों में दम था पर ये ख़तरनाक था
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pongapandit
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Re: सिफली अमल ( काला जादू )

Post by pongapandit »

mast update hai bhai
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Rohit Kapoor
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Re: सिफली अमल ( काला जादू )

Post by Rohit Kapoor »

Keep writing dear, Excited for NEXT Update . . . .
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