Erotica मेरी कामुकता का सफ़र

Post Reply
adeswal
Pro Member
Posts: 3173
Joined: 18 Aug 2018 21:39

Re: Erotica मेरी कामुकता का सफ़र

Post by adeswal »

रूबी ने दरवाजा बंद किया और हम दोनो ने अपनी शरारत पर खुश होते हुए एक दूसरे को गले लगा दिया। इस चक्कर में मेरे मम्मे रूबी के बंधे हुए मम्मो से टकरा कर दब जरूर गए और हमारी चूत का नंगापन भी टकरा गया था। मै फिर जल्दी से कपड़े पहन वहां से रवाना हुयी.

बाद में रूबी ने बताया कि उसका जो जरुरी काम था वो उसके पडौसी से निकलवा लिया हैं। अब हमें दरवाजे के पिछे छुपकर किया काम नहीं करना पड़ेगा.

जब सब कुछ ठीक चल रहा था तो मेरी ज़िन्दगी में फिर एक तूफान आया। मेरे पति काफी समय से शांत थे, मैंने उनको अब महीने में एक बार ही चोदने देती थी.

अशोक: “तुम्हे नहीं लगता पिछले कुछ समय से हमारी सेक्स लाईफ कमजोर पड़ गयी हैं। अब हमें फिर से मसाला लाना चाहिये। हम किसी कपल के साथ अदला बदली करते हैं”

मैं: “अब तो नाम भी मत लेना. पिछली बार याद हैं ना पूजा के साथ क्या हुआ था!”

अशोक: “अभी वो टेंशननहीं हैं। लड़की को मैंने मना लिया हैं। तुम्हे सिर्फ लड़के को मनाना हैं। वो तो तुम्हारे लिए आसान हैं। तुम लड़के को अच्छे से जानती भी हो”

मैं: “मैने सोच लिया हैं कि मै अब यह सब नहीं करुंगी. मै अब और कोई पार्टनर अदला बदली नहीं करुंगी”

अशोक: “तुमने मुझसे वादा किया था कि हम करेंगे और तुम साथ दोगी. सिर्फ एक अनुभव पूजा वाला खराब हुआ तो तुम मना कर रही हो. उसके पहले के ग्रुप सेक्स तो तुमने एन्जॉय किए थे ना!”

मैं: “मुझे अब और नहीं करना हैं”

अशोक: “‘यह तो कोई बात नहीं हुयी. यह मेरी अल्टीमेट फंतासी हैं”

कुछ समय पहले एक ग्रुप सेक्स के इवेंट में सबको उनकी फंतासी पुछी गयी थी। तब अशोक ने कहा था कि वो अपनी शादीशुदा गर्लफ्रेंड के साथ पार्टनर अदला बदली कर चोदना चाहता हैं।

मुझे डर लगा कही उसकी उसी फंतासी के बारे में तो बात नहीं कर रहा। जैसा कि आपको मेरी पिछली कहानियो से पता हैं कि मेरे पति की गर्लफ्रेंड मेरी भाभी ही हैं। उनके साथ पार्टनर अदला बदली करने का मतलब मुझे मेरे भाई के साथ चुदवाना होगा।

मैं: “तुम किस अल्टीमेट फंतासी की बात कर रहे हो?”

अशोक: “तुम्हे पता हैं उसके बारे में. मै तुम्हारी भाभी को मना चुका हूँ. अब तुम्हे अपने भाई को मनाना पड़ेगा”

मैं: “तुम्हारा दिमाग तो खराब नहीं हो गया! अब मै अपने भाई के साथ यह काम करुंगी, तुमने सोच भी कैसे लिया? मैंने तुम्हारी बात रखने के लिए ग्रुप सेक्स में जाने को तैयार हो गयी। फिर मैंने तुम्हारे कारण पूजा का चांटा भी खा लिया। तुम्हारी हिम्मत इतनी बढ़ गयी कि मुझे मेरे ही भाई के साथ सुलाओगे!”

अशोक: “इतना भड़क क्युँ रही हो. ग्रुप सेक्स के इवेंट्स में मै अकेले मजे नहीं ले रहा था। भूलो मत तुमने मुझसे भी ज्यादा मजे लिए हैं। तुम्हे तो मेरा शुक्रगुजार होना चाहिये कि तुम्हे मेरे जैसा खुली सोच वाला पति मिला हैं”

मैं: “अब मेरा मुंह मत खुलवाओ। मुझे सब पता हैं, तुमने सुमन के साथ मिलकर प्लान बनाया और मुझे उस दिन सौरभ के साथ पकड़ा था। ताकि तुम मुझे ग्रुप सेक्स के लिए ले जा पाओ”
इस घटना के बारे में और जानने के लिए आप मेरी कहानी “Jab Main Bani Love Guru” पढ़े.

अशोक: “प्लान किया था तो क्या हुआ! तुम अपनी इच्छा से सौरभ के साथ चुदवा रही थी। पकड़े जाने के बाद भी तुम्हे उसके साथ चुदवाया”

मैं: “हां मै ऐसी ही हूँ. मुझे तलाक दे दो फिर. मगर मै अपने भाई के साथ यह घिनौना काम नहीं करुंगी. या तो अपनी यह ज़िद छोड़ दो या मुझे तलाक दे दो”

अशोक: “तुम तलाक तक क्युँ पहुंच रही हो. तुम शान्ति से इस बारे में सोच लो. इसमें कुछ बुरा नहीं हैं। भाई भी तो एक मर्द ही होता हैं ना, दूसरे मर्दो की तरह उसके भी एक लंड हैं। तुम इतने लंड अपनी चूत में ले चुकी हो तो यह एक और सही. लंड पर तुम्हारे भाई का नाम थोड़े ही लिखा हैं।”

मैं: “छी, कितनी गंदी सोच हैं तुम्हारी. तुम्हे मेरी भाभी के साथ करना हैं तो करो, पर मै यह सब नहीं कर सकती”

अशोक: “हमने एक दूसरे से वादा किया हैं कि किसी और के साथ करेंगे तो अदला बदली करके एक दूसरे की अनुमति से ही करेंगे”

मैं: “एक बात तुम अच्छे से समझ लो कि मै अपने भाई के साथ कुछ नहीं करुंगी”

अशोक: “तुम्हे बात नहीं करनी हैं तो ठीक हैं। मै तुम्हारी भाभी को बोलता हूँ, वो तुम्हारे भाई को मना लेगी”

मैं: “तुम पागल हो चुके हो. अगर तुमने फिर ये बात की तो मै तुम्हे छोड़ कर चली जाउंगी”

मेरा दिमाग पूरा घूम चुका था। मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करु. रूबी के साथ मिलकर मैंने अच्छी खासी प्रैक्टिस कर ली थी और तलाक के लिए तैयार भी थी। पर सोचा नहीं था कि वो समय इतना जल्दी आ जायेगा.

रूबी मुझे उदास देखकर मुझसे मेरी परेशानी जानना चाहती थी पर उसको कैसे बताती की मेरा पति मुझे मेरे भाई के साथ सुलाना चाहता हैं।

रूबी ने एक बार फिर वहीं रिपिट किया कि मुझे अपने पति से तलाक ले लेना चाहिये। अगले 2- दिन अशोक ने फिर अदला बदली का नाम नहीं लिया। फिर अगले दिन वो रात को मेरे सामने आ गया।

अशोक: “मै एक गेट टुगेदर प्लान कर रहा हूँ, तुम्हारे भाई भाभी को साथ ले लेंगे. वहीं पर हम अदला बदली कर लेंगे. तुम्हारी भाभी तब तक तुम्हारे भाई को तुम्हे चोदने के लिए मना लेगी”

मैं: “खबरदार जो मेरे भाई के साथ ऐसी कोई बात की तो”

अशोक: “क्युँ! तुम्हे डर लग रहा हैं कि कही तुम्हारा भाई तुम्हे चोदने के लिए मान जाऐगा!”

मैं: “मेरा भाई तुम्हारी तरह नहीं हैं। उसको भाई बहन के रिश्ते की क़द्र हैं”

अशोक: “और अगर वो मान गया तो ! क्या फिर तुम चुदवाने को तैयार हो?”

मैं “मेरा भाई ऐसा कभी नहीं करेगा”

अशोक: “तुम्हे अपने भाई पर इतना यकीन हैं तो तुम हां बोल दो. वो ना बोल देगा तो वैसे ही कुछ नहीं होगा।..क्या हुआ, बोलती बंद हो गयी?”

मै कुछ नहीं बोली. मुझे मेरे भाई पर यकीन हैं पर फिर भी मन में एक डर था। मर्द तो मर्द ही होते हैं, उनके मन में क्या चल रहा हो क्या पता.

मेरे बदन को देख कर तो लड़कियां भी अपने आप पर काबू नहीं रखती फिर मेरा भाई मेरे बारे में कुछ सोच ही सकता हैं। अशोक ने मेरे मन में एक संदेह डाल दिया था। मैंने अशोक को इस बारे में बात करने से ही मना बोल दिया।
adeswal
Pro Member
Posts: 3173
Joined: 18 Aug 2018 21:39

Re: Erotica मेरी कामुकता का सफ़र

Post by adeswal »

इस बातचीत के 3 दिन बाद ही मुझे भाभी का मैसेज मिला कि अशोक ने हम चारो के घुमने का प्लान बनाया हैं और वो लोग लंबे समय बाद वेकेशन की तैयारी कर रहे हैं। अशोक के आते ही मै उस पर टूट पड़ी.

मैं: “मैने तुम्हे मना किया था फिर भी तुमने मेरे भाई भाभी को इसमें घसीट लिया!”

अशोक: “इतना गुस्सा क्युँ हो रही हो. तुम्हारा भाई मान गया हैं और तुम्हे चोदने के लिए बेकरार हो रहा हैं, इसलिए प्लान बनाया हैं। अब क्या बोलती हो? इतना मत सोचो. भाई हो या पति सबके पास लंड ही होता हैं जो मजे दिलाता हैं। एक बार उस से बात कर लो, उसको बोल दो कि तुम उसके साथ चुदवाने को बेताब हो. सब सेट हो जायेगा”

मैं: “ठीक हैं, मैंने भी फैसला कर लिया हैं”

अशोक: “यह हुयी ना बात। यह बताओ एक ही रूम बुक कराऊ या अलग अलग. अगर तुम्हे मेरे सामने अपने भाई को चोदने में शर्म आये तो दो कमरे बुक कर देता हूँ”

,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैंने अपनी चुदाई की लत पर काबू पा लिया था और फिर अशोक ने मुझे मेरे ही भाई के साथ सोने का फरमान सुना दिया और अब मुझे अपनी ज़िन्दगी का फैसला लेना था।

मैं: “मैने ये निर्णय कर लिया हैं कि मै तुम्हे तलाक दे रही हूँ”

अशोक: “अपने भाई भाभी के साथ अदला बदली के बाद तलाक दोगी या पहले? तलाक क्या मजाक हैं!”

अगले दिन ही जाकर मै रूबी की मदद से एक वकील से मिली और अपने तलाक की प्रक्रिया शुरु कर दी. भाभी को मैंने बोल दिया कि मै बहुत व्यस्त हूँ और घुमने का कार्यक्रम रोकना पड़ेगा.

एक दिन जाकर मैंने तलाक के कागज़ अशोक के सामने रख दिए. अशोक को यकीन नहीं हुआ कि जो लड़की इतने सालो से उसकी ज्यादतियां बर्दाश्त कर रही थी वो ऐसा कदम भी ले सकती हैं।

उसने मुझे बहुत मनाने की कोशिश की पर मै अब ठान चुकी थी कि अब बहुत हो चूका. घर परिवार वालो को पता चला तो बहुत बवाल हुआ पर मै पीछे नहीं हटी.

कोर्ट से हमको एक साल का समय मिला सोचने के लिए और उसके बाद ही तलाक मिल सकता था। मैंने अपने लिए अलग घर किराये पर ले लिया था, बच्चा कभी मेरे तो कभी मेरे पति के साथ रहता.

हम दोनो ही काम करते थे तो बच्चा दिन भर उसकी दादी के घर ही रहता और शाम को हम पति पत्नी दोनो अपनी बारी के हिसाब से उसे अपने पास रखते।

मै अपने घर जाकर अपने भाई को क्या मुंह दिखाती, जब कि वो खुद मुझे चोदने को तैयार हो चुका था। पर माँ के बुलावे पर मुझे जाना पड़ा.

वहां जाकर मैंने भाभी से बात कर ली. तब मुझे पता चला कि मेरे पति अशोक ने मुझसे झूठ बोला था। भाभी को इस अदला बदली के बारे में कुछ नहीं पता था, उन्हे सिर्फ वेकेशन के बारे में पता था।

अशोक की गंदी सोच को देखते हुए भाभी ने कसम खा ली कि वो अशोक से अपने रिश्ते तोड़ देगी. मुझे ख़ुशी मिली कि कम से कम मेरे भाई का घर बर्बाद नहीं होगा।

रूबी मेरे फैसला से बहुत खुश थी। मुझे अब किसी मर्द की चुदाई मिलना बंद हो चुका था पर रूबी अपनी ऊँगली से मेरी मदद कर देती थी।

कभी कभी मुझे आश्चर्य होता था कि रूबी को ऊँगली से चुदने की जरुरत नहीं होती. मुझे भी उसके जैसा बनना था जब मुझे ऊँगली करने तक की जरुरत महसूस ना हो और पूरा कण्ट्रोल कर पाऊ जैसे रूबी करती हैं।

मैंने एक बार उसको पूछ ही लिया कि वो चाहे तो मै भी उसको अपनी ऊँगली से मजा दिला सकती हूँ, पर उसने मना बोल दिया कि उसको ऊँगली की जरुरत नहीं.

मैने भी सोचा मुझे भी अपनी चूत में ऊँगली की आदत छोड़ने की कोशिश करनी होगी. ऑफिस में भी यह बात पता चल गयी कि मै अपने पति से अलग रह रही हूँ.

जैसा कि रूबी ने बताया था, अकेली औरत को देख मर्द लाईन मारते ही हैं। मेरे ऑफिस में भी मर्द अब मुझे आकर अफ़सोस जताते और मुझे कोई मदद चाहिये हो तो वो मदद देने की पेशकश करते.

शुरू शुरु मै तो मुझे लगता कि वो लोग मेरी मदद करना चाहते हैं पर फिर रूबी ने बताया कि वो मेरी किस तरह की मदद की बात कर रहे थे.

अकेली औरतो की परेशानी मुझे अब समझ आने लगी थी और रूबी के प्रति मेरा आदर और बढ़ गया था। मैंने यह भी महसूस किया कि अब मेरा बॉस राहुल मुझसे ज्यादा बातें करने लगा था।
adeswal
Pro Member
Posts: 3173
Joined: 18 Aug 2018 21:39

Re: Erotica मेरी कामुकता का सफ़र

Post by adeswal »

हमारे बीच पहले जो कुछ भी हुआ था, मुझे पता था कि वो मुझसे आज भी प्यार करता हैं। मैंने तो उसको कब का माफ़ कर दिया था पर मै शादी शुदा होकर उसके साथ कोई रिश्ता नहीं रखना चाहती थी।

पर अब में फिर से सिंगल थी और राहुल के साथ रिश्ता बनाने का मौका भी था। शायद राहुल को भी इसमें एक मौका दिखाई दिया।

वैसे भी मैंने राहुल को अपने पति के बाद का दुसरा विकल्प माना था। शायद मेरे लिए यह सबसे सही अवसर था कि मै राहुल के साथ अपने प्यार को आगे बढा पाऊ. मगर मै आगे बढ़कर राहुल को कैसे बोलती इसलिए चुप ही रही.

अशोक और मेरे बीच यह निर्णय हुआ था कि दोपहर में बच्चा मेरी सासुजी के घर ही रहेगी और शाम को ऑफिस के आने के बाद हम दोनो बारी बारी से उसे अपने पास रखेंगे।

एक दिन जब मै अपने बच्चे को पिक अप करने सासुजी के घर के बाहर पहुंची और कार से बाहर निकली तो सामने से पूजा आती दिखी. एक नजर उस पर पड़ते ही मै डर गयी और घर की तरफ बढ़ी। फिर उसकी आवाज सुनाई दी जो मुझे पूकार रही थी।

यहाँ बीच मोहल्ले में वो फिर से मुझे थप्पड़ ना लगा दे या सबके सामने मुझे डाँट कर मेरी पोल खोल ना दे इस डर से मै गेट खोल कर अंदर जाने लगी।

तब तक वो मेरे पास आ गयी थी और मेरे कंधे पर हाथ रख दिया। मैंने अपना एक हाथ अपने गाल पर रखे उसको देखने लगी।

पूजा: ”मुझे नजरअंदाज कर रही हो? आई एम सॉरी , उस दिन मैंने तुम्हे चांटा मार दिया। मुझे एसी प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिये थी। उसके बाद मैंने तुम्हे कई बार माफ़ी मांगने के लिए फ़ोन किया पर लगा ही नहीं. प्लीज माफ़ कर दो.”

मैने थोड़ा आश्चर्य हुआ कि गलती तो मैंने की फिर भी वो माफ़ी मांग रही थी। हो सकता हैं उसने भी मुझे माफ़ कर फिर से दोस्ती करने की सोच ली हो.

मैं: “तुम क्युँ माफ़ी मांग रही हो? माफ़ी तो मुझे मांगनी थी, मैंने तुम्हे ऐसा कुछ करने को बोला. तुमने तो मुझे सही रास्ता बता दिया”

पूजा: “यार, तुमने नितीन के सामने ऐसा बोला इसलिए घबरा कर मैंने थप्पड़ मार दिया। नितीन पहले ही मुझ पर शक करता हैं, मै हां बोलती तो फिर उसको लगता कि मै सच में चरित्रहीन हूँ”

मैं: “मतलब… नितीन नहीं होता तो तुम तैयार थी!”

पूजा: “हां”

मैं: “फिर भी तुमने उन दोनो के सामने मुझे थप्पड़ मार कर मेरा अपमान किया और खुद को बड़ा चरित्रवान दिखाया!!”

पूजा: “मैने तुम्हे बताया तो था कि डांस करते करते ही मै बहक गयी थी। मेरे अंदर कपड़े गीले हो चुके थे, कण्ट्रोल करना मुश्किल हो गया था”

मैं: “मुझे तो तुम्हारा मना करना पसंद आया था कि तुम ऐसी नहीं हो. तुमसे प्रेरित होकर तो मै अशोक से अलग हो गयी”

पूजा: “तुम्हारे बारे में सुनकर बुरा लगा। पर अशोक ने उस दिन मुझ पर जादू कर दिया था। काश उस दिन नितीन साथ में नहीं होता तो मेरी इच्छा पूरी हो जाती। तुम तो वैसे ही अशोक से अलग हो गयी हो, वो भी अकेला होगा, तुम अशोक से बात कर सकती हो मेरे बारे में, नितीन को पता नहीं चलना चाहिये बस”

मेरी काटो तो खून नहीं वाली हालत थी। मैंने पूजा को क्या समझा और वो क्या निकली. वो तो तैयार बैठी थी अशोक के साथ चुदवाने के लिए. पर अब मुझे वैसे भी क्या फर्क पड़ता.

मैं: “तुम खुद बात क्युँ नहीं कर लेती, वो तो वैसे ही तैयार हैं”

पूजा: “आगे बढ़कर उसको कैसे बोलू? वैसे भी वो मुझे मिलता कहा हैं। तुम भी आज इतने दिनों बाद बड़ी मुश्किल से मिली हो. तुम तो मेरी सहेली हो, मेरे एक काम नहीं करोगी?”

मैं: “मै देखती हूँ, क्या कर सकती हूँ”

अब उसकी मदद करना मतलब नितीन के साथ मुझे सोना पड़ेगा जो मै करना नहीं चाहती थी। मै उस ज़िन्दगी से बहुत दूर आ चुकी थी।

मुझे इस चीज से कोई परेशानी नहीं थी कि पूजा मेरे पति से चुदवाना चाहती थी। पर बुरा यह लगा कि इस पूजा ने ही सबसे पहले मुझे यह अहसास दिलाया था कि मै गलत रास्ते पर हूँ, मगर वो खुद गलत रास्ते पर ही थी।
पर मुझे ख़ुशी थी कि उसके चक्कर में मै अब सही रास्ते पर आ चुकी थी। हर औरत तो पूजा की तरह नहीं हो सकती. रूबी अभी भी मेरी ताकत थी।

फिर थोड़े दिन बाद जब मै अपने बच्चे को पिक अप करने अशोक के घर गयी थी तो अशोक ने भी विनती की.

अशोक: “आज रात यहीं रुक जाओ, बहुत दिनों से करने को नहीं मिला मुझे”

मैं: “तुम्हे मेरी क्या जरुरत हैं, तुम्हारे लिए तो बहुत सी लड़कियां तैयार होगी”

अशोक: “कोई लड़की नहीं हैं! एक रात की ही तो बात हैं, रुक जाओ”

मैं: “तुम्हारे तो इतने दोस्त हैं, चले जाओ किसी के भी घर, वो अपनी बीवी दे देंगे तुम्हे चोदने के लिए”

अशोक: “तुम्हे पाने की लालच में दे भी देते पर अब कौन देगा?”

मैं: “तुम्हारी पूजा मिली थी थोड़े दिन पहले, वो तैयार हैं। कर लो उसके साथ”

अशोक: “अच्छा!! पर वो नितीन क्युँ मानेगा? तुम मेरे साथ ना सही ,नितीन के साथ चुदवाने को तैयार हो जाओ तो वो मुझे पूजा को चोदने देगा. अब तो पूजा भी तैयार हैं तो कोई परेशानी ही नहीं हैं”

मैं: “तुम्हारी गलत इच्छाओ के लिए मै क्युँ बलि दू? मुझे ऐसा कोई शौक नहीं हैं। मैंने तुम्हे खाली बता दिया हैं कि पूजा तैयार हैं, अब तुम्हे कैसे करना हैं वो तुम दोनो देख लो”

अशोक: “ऐसे मत करो, वो नितीन तो पूजा पर पहरा रखता हैं, उसकी इजाजत के बिना मै नहीं कर सकता”

मैं: “मै तुम्हारी इसमें कोई मदद नहीं कर सकती”
Post Reply