Incest मेरा परिवार और मेरी वासना

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badlraj
Novice User
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Joined: 19 Apr 2019 09:48

Re: Incest मेरा परिवार और मेरी वासना

Post by badlraj »

बहुत बढ़िया अपडेट है और मस्त भी ।
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Pavan
Rookie
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Joined: 19 Apr 2020 21:40

Re: Incest मेरा परिवार और मेरी वासना

Post by Pavan »

amazing update

Lovely update
Keep posting wating next update
😡 😡 😡 😡 😌
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Dolly sharma
Pro Member
Posts: 2746
Joined: 03 Apr 2016 16:34

Re: Incest मेरा परिवार और मेरी वासना

Post by Dolly sharma »

अपडेट 73

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अब मैं सोच रहा था की कितनी ख़तरनाक लड़की है

मेरी छोटी बहन डॉली जो मुझे मंजू के साथ सिर्फ़

इशारा करते देख कर ही कितना कुछ कर बैठी...................

.


अब आगे......

.


"क्या सोच रहा है" मुझे चुप देख कर डॉली ने पूछा

"कुछ नही बस यही सोच रहा था की जिस वक्त का इतने दिनों से इंतज़ार किया आख़िर वो वक्त आ ही गया" मैं मुस्कुराते हुए बोला

"वो तो ठीक है लेकिन मेरी बात तो याद है ना की हमे इस सब मे मंजू को शामिल करना ही है चाहे जैसे भी हो क्योंकि अगर वो शामिल नही हुई तो आगे से हम ना तो गोआ मे मज़े कर पाएँगे और ना ही घर पर" डॉली बोली

"मैने कहा है ना की जितना बनेगा मैं उतना करूँगा मंजू को इन सब मे शामिल करने के लिए" मैने जवाब दिया

मेरे इतना कहने के बाद अब थोड़ी खामोशी च्छा गई थी क्योंकि अब हम दोनो के पास ही कोई बात नही थी करने को सिर्फ़ एक ही काम था चुदाई करने का लेकिन ना मैं आगे बढ़ सकता था ना वो पहल कर रही थी कोई 5 मिनिट ऐसे ही चुप्पी मे और एक दूसरे के देखने मे बीत गये

"ओके अब क्या करना है" मैं खामोशी तोड़ते हुए बोला

"अब जो भी करना है तुझे करना है" डॉली शरारती मुस्कान के साथ बोली और बेड से उठ कर खड़ी हो गई

"जब आगे सब मुझे ही करना था तो इतनी देर से कहा क्यों नही बेकार ही 5 मिनिट खराब कर दिए" मैं
भी बेड से उठ कर डॉली की तरफ बढ़ते हुए बोला


और मुझे अपनी तरफ बढ़ते देख कर वो मुस्कुराते हुए पीछे हटने लगी लेकिन बहुत धीरे धीरे और कुछ कदम चल कर मैने उसे पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और उसकी आँखो मे आँखे डाल कर देखने लगा

डॉली भी मेरी नज़रो से नज़र मिलाए हुई थी और इसी तरह पता नही कब मेरे होंठ उसके तपते होंठो से जा मिले

उसके होंठो से मेरे होंठ मिलते ही डॉली भी मेरे साथ देने लगी और मैं उसके होंठो की गर्मी की चूस चूस कर ख़तम करने मे लग गया डॉली भी पूरा साथ देते हुए दीवानो की तरह मेरे होंठ चूस रही थी

कुछ ही देर मे हम दोनो की जीभ एक दूसरे के मुँह के अंदर घुस कर आपस मे लड़ाई करने लगी थी और मुझे पता ही नही चला की कब मेरे हाथ उसकी बड़ी बड़ी चुचियो से खिलवाड़ करने लगे थे शुरू मे तो मैं आराम से उन्हे सहलाता रहा लेकिन जैसे जैसे हमारी किस गहरी होती गई और स्मूच का टाइम बढ़ते गया मेरे हाथो का दबाव उसकी छाती पर बढ़ते गया अब मैं उन्हे सहलाने की जगह नोचने और खिचने लगा था जिससे डॉली को शायद दर्द होने लगा था इसलिए उसने मुझे अपने से दूर धकेल दिया

"क्या जानवरों की तरह कर रहे हो आराम से नही कर सकते क्या" डॉली बोली

"यार डॉली तू जानती है की जितना तडपा हूँ मैं तेरे साथ ये सब करने को भले ही मैं तुझे पहले कई बार नंगा देख चुका हूँ लेकिन ढंग से च्छुने का पहली बार मौका मिला है तो मैं कंट्रोल नही कर पाया लेकिन अब आगे से मैं सब कुछ आराम से करूँगा" और ये कह कर मैने उसे अपनी तरफ खींचा और उसकी ड्रेस को उसके बूब्स के नीचे खींच दिया अंदर उसने ब्रा नही पहनी थी तो उसकी बड़ी बड़ी चुचिया मेरी आँखो के सामने आ गई थी अब मुझसे रहा नही गया तो मैने उसे दीवार से टीकाया और उसकी ड्रेस के उपर से ही उसकी चूत को सहलाते हुए उसके चुचियो को चूमने लगा

डॉली मज़े मे आँखे बंद कर चुकी थी और पहली बार अपनी चुचियो पर किसी मर्द के होंठो के स्पर्श का मज़ा लेरही थी अब मैं कभी उसके एक बूब को दबाता और दूसरे को मुँह मे लेकर चूस्ता अब धीरे धीरे मेरे बदन मे गर्मी बढ़ती जा रही थी तो मैने अपनी टीशर्ट उतार फेकि नीचे मैने कुछ पहना नही था तो अब मैं उपर से पूरा नंगा होकर गया था अब मैं घुटनो के बाल नीचे बैठ गया और डॉली की ड्रेस को नीचे से उपर उसकी नाभि के उपर तक उठा दिया

अंदर उसने पैंटी पहनी हुई थी जिसमे से उसकी पानी बहती चूत एकदम फूली हुई अलग ही नज़र आ रही थी अब मैने उसके दोनो भारी चूतडो को अपनी हथेलियो से पकड़ा और उसकी नाभि को चूमते हुए उसने अपनी जीभ घुमाने लगा जबकि उसके पिछवाड़े को मेरी हाथ अच्छे से मसल रहे थे धीरे धीरे मैं उसकी नाभि से नीचे आते जा रहा था लेकिन मेरा चूमना और चाटना अभी बंद नही हुआ था जैसे ही मेरा मुँह उसकी पनियाई हुई चूत के सामने आया मैने उसे पैंटी के उपर से ही चूम लिया तो डॉली सिहर उठी और उसने मेरा मुँह अपनी चूत पर दबा दिया उसकी चूत की मादक खुश्बू से मेरा लंड जैसे पत्थर की तरह कड़क हुआ जा रहा था और मुझसे अब ज़्यादा सहन नही हो रहा था तो मैं उसकी पैंटी को नीचे खिचने लगा लेकिन डॉली ने मेरा सिर उसकी चूत पर दबा हुआ था की नही छोड़ा जिससे मैं उसकी पैंटी को नीचे नही कर पाया और डॉली मेरे मुँह पर अपनी चूत को ज़ोर ज़ोर से रगड़ने लगी मैं समझ गया था की वो अब झड़ने वाली है तो मैने अपनी उंगली उसकी गान्ड की दरार मे चलानी शुरू कर दिया और जैसे ही उसकी गान्ड का छेद मुझे म्मःसूस हुआ मैने उसमे उंगली घुसेड दी उंगली थोड़ी सी ही अंदर गई लेकिन मेरी इस हरकत मे डॉली की चूत को पानी पानी कर दिया वो झड़ चुकी थी और उसका पानी बह कर उसकी जाँघो को गीला कर रहा था और अब वो मेरा सहारा लेकर धीरे धीरे नीचे बैठ गई और अपनी साँसे संभालने लगी जबकि अभी भी मैं एक हाथ से उसकी चुचियो और दूसरे हाथ से उसकी गीली चूत को सहला रहा था
कोई दो मिनिट बाद वो नॉर्मल हुई और मुस्कुरा कर मेरी तरफ देखा और मेरे होंठ चूम लिए

"थॅंक यू सो मच भाई अब मेरी बरी" डॉली बोली और मुझे उठने का इशारा किया तो मैं उसके सामने खड़ा हो गया

अब डॉली घुटनो के बल बैठ गई और मेरे जीन्स खोल कर अंडरवेर के साथ ही मेरी जाँघो से नीचे कर
दिया जिससे मेरा फौलादी मोटा लंड उसकी आँखो के सामने आ गया जिसे उसने बड़े प्यार से चूम लिया

अब वो मेरे लंड को पकड़ कर मुस्कुराते हुए उसके सुपाडे पर अपनी जीभ घुमा कर उस पर लगे मेरे प्रेकुं को बड़े मज़े से चाट रही थी

थोड़ी ही देर मे उसने मेरे लंड को मुँह मे लेकर चूसना शुरू कर दिया और मैं आनंद के गहरे समुंदर मे गोते लगाने लगा मेरी टाँगे मज़े दे कपने लगी मुझे लगा की कहीं मैं गिर ना जाउ इसलिए माने डॉली को अपने से अलग किया और बेड पर आकर लेट गया मेरे बेड पर लेट.ते ही डॉली लपक कर मेरे पास आई और मेरा लंड फिर से अपने मुँह मे भर लिया

अब डॉली ज़ोर ज़ोर से मेरे लंड को अपनी मुट्ठी मे पकड़ कर अपने मुँह मे अंदर बाहर करते हुए चूस रही थी और मैं भी नीचे से अपनी कमर उठा कर उसका साथ दे रहा था

डॉली बहुत अच्छे से मेरा लंड चूस रही थी और मैं मज़े से आँखे बंद किए कमर मटका रहा था कोई दो मिनिट बाद ही डॉली के मुँह को गर्मी और मेरे लंड के सुपाडे पर चल रही उसकी जीभ ने मुझे पिघला दिया और मैं ज़ोर ज़ोर से कमर उठा कर झड़ने लगा मेरा कुछ पानी तो डॉली गटक गई और कुछ उसके चेहरे और कुछ बेड पर गिर गया

मेरे झड़ने के बाद भी डॉली ने चाट चाट कर मेरा लंड सॉफ कर दिया और मैं आँखे बंद किए बेड

पर लेता गहरी गहरी साँसे लेने लगा..............
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