Incest परिवार बिना कुछ नहीं

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mastram
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Re: परिवार बिना कुछ नहीं

Post by mastram »

फिर वो एक नजर अपनी चूत पर डालती हैं जोकि लिंगरी की हलकी सी पट्टी से ढकी हुई थी और चूत के दोनो लिप्स आधे से ज्यादा बाहर झांक रहे थे और रस से भीगे हुए थे। और फिर वो शीशे में अपनी गांड़ देखती हैं तो उसकी आखे लालच से खुल जाती हैं। उसकी लगभग पूरी गांड़ नंगी थी बस लिंगरी की छोटी सी पट्टी उसकी चूत के उपर से होती हुए उसके गांड़ के छेद को हल्का सा ढक रही थी। दोनो चूतड़ बिलकुल नंगे लग रहे थे और आज कुछ ज्यादा ही बाहर की और उभर रहे थे। उसे खुद अपने आप पर यकीन नहीं हो रहा था कि वो इतनी सेक्सी हैं। फिर वो एक मैक्सी पहनती है और अपने गीली चूत लिए चल देती हैं समर की रूम के तरफ । आज उसे कोई शर्म, डर , झिझक नहीं थी , उसका पूरा जिस्म जल रहा था, आज वो बस चुद जाना चाहती थी , अपनी चूत की अब तक की सारी प्यास मिटा लेना चाहती थी।
जैसे ही वो समर के रूम का गेट खोलती हैं दरवाजा अपने आप खुल जाता है बिना आवाज किए हुए । और वो अंदर जाते ही गेट को बंद करती हैं और समर की तरफ देखती हैं जो सिर्फ अंडर वियर में उसका ही इंतजार कर रहा था और लंड को तसल्ली दे रहा था ।
जैसे ही वो माही को देखता है उसकी आंखे में खुशी की लहर दौड़ जाती हैं और लंड एक जोरदार झटका मारता हैं। माही उसे बांहों में भर लेती हैं और चूमने लगती हैं।समर भी उसे कस कर अपने आप से चिपका लेता हैं
माही: आई लव यू समर, आज सुबह से तड़फ रही हूं, अब बर्दाश्त नहीं होता मुझसे, मिटा दो ये दूरी मेरी जान। " और अपनी चूत को उसके लंड पर दबा देती हैं।
समर: लव यू टू माही। मैं भी तड़फ रहा हूं आज की रात हमारी ज़िन्दगी की सबसे हसीन रात होगी"।
माही उसकी बांहों से निकल जाती हैं तो समर तड़फ उठता है ।
माही: अपनी आंखे बंद करो। मैं आपको कुछ तोहफा देना चाहती हूं। समर अपनी आंखे जल्दी से बंद करता हैं और और माही जोश में आकर अपनी मैक्सी उतार देती हैं और अपने दोनो हाथ अपने सिर पर रख कर खड़ी हो जाती हैं।
और समर को बोलती हैं कि अपनी आंखे खोलो मेरी जान। "
समर जैसे ही आंखे खोलता है उसकी आंखे फटी की फटी रह जाती हैं और लंड अंडर वियर के होल से बाहर आ जाता हैं। माही कुछ ऐसी लग रही थी

समर को सपने में भी उम्मीद अभी नहीं थी कि माही इतनी सेक्सी हैं
उफ्फ काली लिंगरी में उसकी गोरी गोरी ठोस , सुडौल बड़ी बड़ी चूचियां , और उसकी गुलाबी रंग की चूत जैसे आधी बाहर थी जिसकी पंखुड़ियां काम रस सी भीगी हुई थी।माही: कैसा लगा मेरा गिफ्ट "
और बोलते हुए अपने हाथ को अपनी चूची पर से दबाते हुए नीचे लाती है और अपनी चूत पर रख कर समर को एक कातिल स्माइल देते हुए उसकी तरफ घूम जाती हैं
जैसे ही वो घूमती है समर को एक और झटका लगता हैं क्योकि अब माही की लगभग पूरी नंगी गांड़ उसकी आंखो के सामने थी। समर का लंड उपर नीचे ऐसे उछल रहा था मानो उसमे कोई स्प्रिंग लगा दिया हो। फिर माही घूम कर उसकी और बढ़ती है और बड़ी अदा से चलती हुई उसके पास आती हैं और अपनी प्यासी चूत को उसके लंड पर रगड़ते हुए सेक्सी आवाज में उसके कान में पूछती हैं: कैसा लगा मेरा गिफ्ट ?
और समर अब पागल सा हो गया था और उसका अब खुद पर कोई जोर नहीं था। वो हाथ आगे बढ़ाकर माही की लिंगरी को उपर की तरफ उठाता हैं और माही भी आंखे बंद करते हुए अपने दोनों हाथ उपर उठा देती है और समर तेजी से उसकी लिंगरी को उपर उठा देता हैं जिससे माही का रोम रोम नंगा होता चला जाता है।समर ध्यान से उसे देखता हैं उसका खूबसूरत चेहरा, खुल और बंद हो रहे उसके रसभरे कुदरती गुलाबी होंठ, उसकी दो ठोस, मस्त चूचियां जो पूरी उठी हुए थी , उन पर तने हुए कठोर गुलाबी रंग के निप्पल, पतला सा पेट , चिकनी जांघ, और चूत के होंठ ऐसे खुल बंद हो रहे थे मानो कोई कली फूल बनने कि तैयारी कर रही हो , चूत से टपकता हुआ रस उसकी जांघो को पूरा गीला कर चुका था। समर जो जैसे पत्थर हो गया था। माही आंखे बंद किए हुए ही अपने दोनो हाथ नीचे लाते हुए समर के लंड के दबाव के कारण फट चुके अंडर वियर को खीच देती हैं और उसे भी नंगा कर देती हैं। अब दोनो से बर्दाश्त नहीं होता और वो माही को अपनी दोनो बांहों में उठा लेता है बिस्तर पर लिटाते हुए खुद उसके उपर लेट जाता है । जैसे ही माही के उपर लेटा तो माही ने अपने दोनो हाथ उसके कमर पर बांध दिए और अपने लिप्स उठाते हुए उसके गालों को चूमने लगी। उसकी कठोर, भारी चूचियां समर के सीने में घुसी जा रही थी, और चूत उसके लंड पर अड चुकी थी जिस पर लंड पुर दबाव डाल रहा था। माही फिर समर को एक पलटा देती हैं और और उसके ऊपर आ जाती हैं और अपने जलते हुए होंठ उसके होठों से जोड़ देती हैं। समर भी उसके होंठो को चूसने लगता है । माही अपनी जीभ बाहर निकालते हुए उसके दांतो पर दबाव बढ़ाती हैं तो समर का मुंह खुल जाता है और माही अपनी जीभ घुसा देती हैं और उसकी जीभ को पकड़ा कर चूसने लगती हैं। समर भी उसका साथ देते हुए उसकी जीभ चूस रहा था और साथ ही साथ उसके होंठ भी चूस रहा था।माही अब नीचे आते हुए उसके कंधो को चूमती हैं और फिर एक हाथ को उसकी छाती पर घुमाने लगती हैं और और अपनी जीभ को नीचे लाते हुए समर के निप्पल को मुंह में भर लेती हैं जिससे समर सिसक पड़ता हैं और उसकी कमर नीचे से उपर उठने लगती हैं जिससे लंड का दबाव माही की चूत पर जोर से पड़ने लगता हैं जिससे माही को और मजा आने लगता है और वो और जोर से अपनी प्यासी चूत उसके लंड पर दाबने लगती हैं। समर दोनो हाथो से उसकी भारी गांड़ दाब रहा था जिस कारण माही की चूत लंड पर और जोर से रगड़ डाल रही थी। और फिर उसके निपल्स को चूसते चूसते वो नीचे आने लगती हैं जिससे उसकी चूत लंड से हट जाती है और लंड अब बिल्कुल उसकी आंखो सामने लहरा रहा था। उसे नहीं पता था कि लंड मुंह में लेकर भी चूसा जाता है।लंड बहुत उछल रह था जिसे माही अपने दोनो से पकड़ लेती हैं और ध्यान से उसे देखती हैं । उफ्फ उसका गुलाबी सुपाड़ा कितना बड़ा है ऐसे लग रहा है जैसे मोटा पहाड़ी आलू हो । और उसके लंड से हल्का हल्का प्रीकाम निकल रहा था जिसे देखकर माही होश खो देती हैं और अपने जलते हुए होंठ सुपाड़े पर रख देती हैं।
समर का पूरा जिस्म जैसे हवा में उड़ रहा था और उसके होठों से सिसकी निकल पड़ती है आह आह माही । वो अपने दोनो हाथ माही के सिर पर रख कर उसे लंड पर झुका देता हैं। माही अपनी जीभ बाहर निकालती हैं और और सुपाड़े पर लगे प्री कम को चाट लेती हैं। समर फिर से सिसक उठा था। माही एक हाथ से खुद ही अपनी चूत मसल रही थी । ये देखकर समर अपना एक हाथ माही की चूत पर ले जाता है और उसे माही के हाथ के उपर रखकर उसकी चूत रगड़ने लगता है । जैसे ही समर का उसकी चूत पर पड़ता हैं माही धैर्य खो देती हैं और उसके सुपाड़े को अपने होठों को पूरा खोलते हुए मुंह में भर लेती हैं । समर सुपाड़े के माही के जलते हुए मुंह में जाते ही मदहोश हो जाता है और उसकी चूत को पूरी मुट्ठी में भर भर कर दबाने लगता है ।चूत रस से उसका पूरा हाथ गीला हो गया था।
माही भी कहां पीछे रहने वाली थी वो भी सुपाड़े को जोर जोर से चूसने लगती है।माही का मुंह पूरा फैला हुआ था सुपाड़े को मोटाई के कारण। माही अब नजरे उपर उठाते हुए समर की आंखो में देखते हुए लंड चूसने लगती है। समर जैसे ही उसकी सेक्सी से लाल हो चुकी आंखो में देखता है तो वो नीचे से अपनी कमर उठाते हुए लंड का दबाव बढ़ा देता है और साथ ही साथ हाथ को जोर से उसके सिर पर दबा देता हैं जिससे माही का मुंह और खुलता चला जाता और लंड आधा अन्दर चला जाता है और उसकी अब तक एक गांठ भी अंदर घुस चुकी थी जिसमे माही के मुंह को पूरी तरह फैला दिया था। लंड जैसे मुंह में फस सा गया था। माही पूरा दम लगाते हुए मुंह को फैलाती हैं और लंड को चूसना शुरु कर देती हैं। लंड पुर कसा हुआ जा रहा था।
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mastram
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Re: परिवार बिना कुछ नहीं

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समर: आह माही उफ्फ , मेरा लन्ड भी चूस लिया, हाय और जोर से चूसो मेरी जान।
माही जोश में आते हुए उसके लंड को और तेजी से चूसने लगती हैं जिससे समर उसकी चूत को जोर जोर से रगड़ रहा था। जितनी जोर से माही लंड चूसती समर उससे भी ज्यादा जोर से उसकी चूत रगड़ता।

अचानक समर को लगता हैं कि वो हवा में उड़ रहा है और उसका जिस्म हल्का पड़ने लगा हैं तो उसके मुंह से एक के बाद सिसकियां निकालने लगती है और वो अपना लंड माही मुंह से निकालते हुए उसे अपने ऊपर खींच लेता है जिससे माही की गीली चूत उसके लंड के सुपाड़े पर टिक जाती हैं और वो दोनो हाथो में माही की चूचियां भर लेटा और जोर से दाबने लगता हैं । माही की तो आंखे फिर से आंनद से बंद हो चुकी थी और वो अपनी चूत जोर जोर से उसकी मोटे सुपाड़े पर रगड़ रही थी ।तभी समर को लगता कि इसकी लंड फट रहा है तो वो जोश में आते हुए अपनी कमर उपर उठाते हुए एक जोर का धक्का मार देता हैं और माही भी जोश में आते हुए अपनी चूत उसके लंड पर दबा देती हैं ।सुपाड़ा चूसे जाने के कारण पूरा गीला हो गया था और चूत तो पहले से ही आंसू बहा रही थी , सुपाड़ा जोर से उसकी चूत कि पंखुड़ी को अपने चौड़ाई के हिसाब से फैलाते हुए पूरा अंडर घुस जाता है और माही दर्द के कारण चींखं पड़ती हैं और अपने दोनो हाथ उसकी गरदन में डालते हुए अपने होठ समर होठो से जोड़ देती हैं और एक साथ जोर से सिसकते हुए दोनो झड़ जाते हैं और माही की चूत अपना पूरा रस बहा देती हैं जो समर के लंड को भिगोते हुए उसकी जांघो तक आ गया था और उनके जांघे आपस में चिपक जाती हैं ।

दोनो ने जैसे परम आंनद पा लिया था।दोनो की सांसे पूरी तरह से उखड़ी हुई थी मानो मैराथन दौड़कर आए हो। समर माही के बालो में अपने हाथ घुमा रहा था और माही फिर से उसके सीने से लगी हुई थी। समर माही की तरफ देखता हैं तो माही की आंखे मजे से बंद थी और उसके रसीले होंठ नजर आते है । वो फिर से अपने होठ उसके होठों पर रख देता हैं और चूसने लगता है ।माही भी उसे किस करने लगती हैं उसके होठ चूसने लगती थी, कभी उपर वाले को तो कभी नीचे वाले होठ को। माही अभी तक समर के उपर लेती हुई थी जिस करण लंड चूत से सटा हुआ था लेकिन अब पानी निकलने के कारण शांत पड़ा हुआ था । समर किस करते करते अपने दोनों हाथ फिर से माही की मस्त कठोर उभरी हुई गांड़ पर रख देता हैं और दबाने लगता है जैसे ही समर के हाथ उसकी गांड़ पर पड़ते हैं माही सिसक पड़ती हैं। माही का जिस्म फिर से सुलगने लगा था और उसे अपनी चूत में फिर से खुजली महसूस हुई। चूत गीली होने लगी थी और वो अपनी चूत को लंड पर रगड़ने लगती हैं जिस कारण लंड भी अपना मुंह उठाना शुरू कर देता है। समर से अब कंट्रोल नहीं होता और वो जोर जोर से माही की गांड़ मसलने लगता है।माही जोश में आती जा रही थी और वो अपनी जीभ समर के मुंह में घुसा देती हैं और उसकी जीभ चूसने लगती हैं जिसका सीधा असर समर के लंड पर होता है और वो पूरा अकड़ते हुए खड़ा हो जाता है और अपना पुर दबाव माही की चूत पर डालने लगता हैं
माही की आंखे मजे के कारण एक बार फिर से बंद हो चुकी थी और वो अपनी चूत को लंड की पूरी लंबाई पर रगड़ रही थी। जब भी लंड का सुपाड़ा उसकी चूत के मुंह से छूता हर बर उसके मुंह से सिसकियां निकल रही थी। अब माही की चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी और लंड के सुपाड़े को भी भिगो चुकी रही थी। माही बंद आंखो के साथ अपनी गीली चूत उपर उठाती हैं और उसे एक गहरी सांस लेते हुए समर के लंड के सुपाड़े पर फिर से दबा देती हैं जिससे एक बार फिर से पूरी सुपाड़ा तेजी के साथ अंदर घुस जाता है और एक बार माही को दर्द तो होता है लेकिन मजा उससे कहीं ज्यादा आता हैं क्योंकि सुपाड़ा एक बार पहले ही उसकी चूत को अपने आकार से फैला चुका था। जैसे ही सुपाड़ा फिर से घुसा माही के मुंह से एक आह निकल गई।
माही: आह घुस गया फिर से अंदर।
उफ्फ कितना मजा आ रहा है " अपनी चूत को उपर की तरफ उठाती हैं तो ऐसा लगता है जैसे सुपाड़ा चूत में बुरी तरह से चिपक गया है , जैसे ही वो पूरा दम लगती हैं तो लंड उसकी चूत के साथ उपर उठता चला जाता है । समर भी अपनी गांड़ उपर करते हुए उसका साथ देता हैं और वो फिर अपनी चूत से सुपाड़े पर धक्के मारने लगती हैं । समर को ऐसा लग रहा मानो उसका सुपाड़ा एक बहुत ही टाईट जलती हुई गुफा में घुस गया है । चूत एक दम टाइट थी और अपने पूरे दबाव के साथ लंड को कस रही थी। कुछ देर बाद चूत लंड के सुपाड़े को अपने आकर से एडजस्ट कर लेती हैं और अब माही उस पर पागलों कि तरह से धक्के लगा रही थी । उसका पूरा जिस्म कांप रहा था मजे के कारण और उसकी मादक सिसकियां पूरे कमरे में गूंज रही थी । वो और मजा लेने के लिए चूत जोर को जोर से दबाती हैं और समर भी लंड को धक्का देता है वो माही को दर्द का एहसास होता है क्योंकि सुपाड़े के ठीक ऊपर समर के लंड में एक बहुत मोटी गांठ थी इस कारण लंड सुपाड़े से आगे नहीं घुस पाता । समर समझ जाता है कि उसे आगे बढ़ने के लिए चिकनाई की जरूरत होगी।लेकिन सॉफ्ट जेल क्रीम तो राम्या के रूम में हैं और वो अभी नहीं मिल पाएगी। तभी उसकी आंखो में चमक आ जाती हैं और वो माही के चूत को चूसने का प्लान करता हैं।


समर उसे आज पूरी मस्त करके चोदना चाहता था ताकि उसे बहुत कम दर्द हो इसलिए वो माही को एक पलटी देकर अपने नीचे कर लेता हैं और उसके होंठो को चूसने लगता हैं । सुपाड़ा अभी भी चूत के अंदर ही था जिस पर माही अपनी गीली चूत रगड़ रही थी। उसके होंठो को चूसते हुए अपने दोनो हाथ उसकी चूचियों पर रख देता हैं और दाबने लगता है । माही तो जैसे मस्त हो चुकी थी और अपनी चूचियों को उसके हाथ में उभार देती हैं । समर जोश में आते हुए उन्हें जोर जोर से दाबने लगता हैं। माही की चूची जितना दब रही थी उससे कहीं उससे उपर की ओर आ रही थी मानो उन्हें झुकना पसंद ना हो। तभी समर अपने होठ नीचे लाते हुए उसकी एक चूची पर रख देता हैं और निप्पल को जीभ से चाट लेता है ।
माही ये बर्दाश्त नहीं कर पाती और उसके मुंह से एक आह निकल पड़ती हैं आह उफ्फ खा जाओ मेरी चूचियों को समर , पूरी मुंह में लेकर चूसो मेरी जान। और वो बहुत तेजी से अपनी चूत सुपाड़े पर उछालने लगती हैं ।
समर अपनी जीभ उसके निप्पल पर गोल गोल घुमाने लगता हैं जिससे माही तड़प उठी थी।
माही: आह बहुत मजा आ रहा हैं उफ्फ हाय मेरी जान लोगे क्या समर, पूरी मुंह में ले लो और चूसो"
अब समर उसकी एक चूची को पूरा मुंह में भर लेता है और जोर जोर से चूसने लगता था। चूची अब लपालप उसके मुंह में जा रही थी जिससे माही की हालत खराब होने लगती हैं और चूत और ज्यादा पानी छोड़ने लगती हैं और समर के आधे लंड को पूरा भिगो चुकी थी।
माही से इतना मजा बर्दाश्त नहीं हो रहा है उसका जिस्म समर के नीचे उछल रहा था , अब माही अपनी चूत को जोर जोर से सुपाड़े पर उछाल रही थी और लंड कि पहली गांठ हर बार चूत पर ज्यादा जोर डाल रही थी जिससे माही को दर्द के साथ और मजा आ रहा था ।समर भी समझ गया था कि उसका प्लान काम कर रहा है और थोड़ी ही देर में उसका पूरा लंड उसकी चूत में होगा। लेकिन वो जल्दबाजी नहीं करना चाह रहा था। इसलिए वो माही की चूची को पूरे जोश से चूस रहा था और दूसरी को मजे से दाब रहा था ।
माही उसके इस हमले से बच नहीं पा रही थी और उसकी सिसकियां और ऊंची होती जा रही थी।
माही उसका मुंह पकड़ कर अपनी दूसरी चूची पर उसे झुका देती हैं और समर उसे चूसने लगता है । माही मजे से दोहरी होती जा रही थी और पता नहीं क्या क्या बड़बड़ाती जा रही थी।
उसकी चूत ने लंड को पूरी तरह से गीला कर दिया था जिस कारण लंड की गांठ पूरी तरह से चूत में घुसने को तैयार थी बस समर को नीचे से धक्का लगाने की देर थी लेकिन समर अभी माही की चूत चूसना चाहता था ताकि और चिकनाई पैदा हो सकें । लेकिन माही से बर्दाश्त नहीं हो रहा था और वो एक हाथ से उसके लंड को पूरा सीधा करके पकड़ती हैं और अपनी पूरी ताकत लगाते हुए तेजी से अपनी चूत को उपर की तरफ उछालती हैं ।
जैसे ही माही समर का लंड हाथ से पकड़ के सीधा करती हैं समर उसका इरादा समझ चुका था और वो जानता था कि इस पोजिशन में माही की चूत पूरी तरह फट जाएगी और उसे बहुत दर्द होगा इसलिए जैसे ही माही की चूत तेजी से उपर आती हैं वो अपने लंड को उपर की तरफ खींच लेता है जिस कारण लंड का सुपाड़ा भी चूत से बाहर आ जाता हैं । माही को ऐसा लगता हैं की जैसे उसके उसके जिस्म से उसकी जान निकल गई है और प्यासी निगाहों से एक बार समर की तरफ देखती हैं और फिर उसके लंड की तरफ देखकर अपनी आंखे फिर से समर की आंखो से मिला देती है मानो उसे कह रही हो कि पूरा लंड चूत में घुसा दो। समर सब कुछ समझ जाता हैं और माही के कान में बोलता है कि बस थोड़ा सा सब्र करो मेरी जान। एक बात चूत को पूरा गीला कर लू
माही अपनी चूत पर हाथ ले जाती हैं और अच्छे से चूत पर रगड़कर कर समर को दिखाती हैं , माही का हाथ पूरी तरह से गीला था उससे चूत रस टपक रहा था।
अब समर से इससे ज्यादा बर्दाश्त नहीं होता और वो माही की टांगो को पूरा खोल देता है और उनके बीच में आ जाता है और ध्यान से पहली बर उसकी चूत देखता हैं तो उसे एहसास होता है कि माही के छोटी सी चूत कितनी खूबसूरत हैं , चूत के दोनों लिप्स आपस में पूरी तरह से जुडे हुए थे जिनमें से रस टपक कर उसकी पूरी चूत पर फैल रहा था। वो अपना एक हाथ आगे लाते हुए धीरे से उसकी गुलाबी चूत के होंठो को हल्का सा खोल देता है और जैसे ही चूत खुलती है उसमे से रस की कुछ बूंदे टपक कर उसका स्वागत करती हैं और समर के हाथ को भिगो देती हैं। समर माही की आंखो में देखते हुए उसके चूत रस से भीगी हुई उंगली को मुंह में डालकर चूसने लगता है । माही तो जैसे ये सब देख रह कर पागल हो गई थी। वो अपने दोनो हाथो से उसका सिर पकड़ कर अपनी चूत पर झुका देती हैं ताकि समर जल्दी से उसकी चूत पूरी गीली कर सके। समर अपने प्यासे होंठो को उसकी चूत पर जोड़ देता हैं और उसकी चूत को चूसने लगता हैं। जैसे ही समर के होंठ उसकी चूत पर पड़ते हैं माही का बदन एक तेज झटका खाता हैं और उसकी सिसकी निकल पड़ती है।
माही: आह मेरी जान, ये कैसा एहसास है , और चाटो ।
समर जोश में आते हुए उसकी चूत के उपर नीचे दोनो लिप्स पर अपने होठ घुमाने लगता हैं और जीभ निकाल कर चाट लेता है।
माही तो आज जैसे मजे से पागल सी हो गई थी वो जोश में आते हुए अपनी एक चूची को अपने मुंह में लेकर चूसने लगती हैं । ।
माही: हाय खा मेरी चूत को समर आज , पूरी चाट चाट लो , पूरी मुंह में भरकर चूसो इतनी गीली कर दो कि पूरा लंड एक ही बार में अंदर घुस जाए। " और जोर जोर से अपना निपल चूसने लगती हैं । समर अब जोश में आते हुए उसकी पूरी चूत को मुंह में भर लेता है और जोर जोर से चूसने लगता है। माही आपे से बाहर हो चुकी थी उसका पुर जिसके लहरा रहा था। मजे के कारण वो मचल रही थी, सिसक रही थी और उसकी सिसकियां कमरे का माहौल और गर्म कर रही थी।
माही: आह बहुत मजा आ रहा है समर , जीभ से इतना मजा आ रहा है तो लंड से कितना आएगा। "और मत तड़पाओ मेरी जान अब तो घुसा दो अंदर ।
लेकिन समर को उसकी चूत चूसने में पूरा मजा आ रहा था और वो पूरी तेजी से चूसने लगता है तो माही को लगता हैं कि उसकी चूत में सैलाब आने वाला है और वो मजे से अपनी चूत जोर जोर से इसके मुंह पर रगड़ने लगी थी
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Re: परिवार बिना कुछ नहीं

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तभी माही का जिस्म जोर जोर से उछलने लगता हैं और उसकी चूत कांप उठती हैं और वो मजा बढ़ जाने के कारण जोर से सिसक पड़ती है
माही: आह समर मै तो गई ।और ऐसा बोलते हुए समर के सिर को जोर से अपनी चूत पर दबा देती हैं मानो उसे पूरा अन्दर घुसा देना चाहती हो और जोर से सिसकते हुए झड़ जाती हैं और उसकी चूत से काम रस समर के होंठो को पूरा भिगो देता हैं और चूत से एक के बाद एक कई पिचकारियां निकलने लगती हैं । समर कुछ देर ऐसे ही उसकी चूत देखता रहता हैं और फिर जैसे ही माही की सांसे नॉर्मल होने लगती है तो वो देखता हैं कि चूत अब इतनी गीली हो चुकी हैं कि लंड आराम से घुस जायेगा और बार फिर से चूत को चूसते हुए अपनी जीभ से पूरी गीली कर देता हैं। समर अपने लंड माही के होंठो की तरफ ले जाता है , माही उसका इशारा समझ जाती हैं और उसके लंड को मुंह में लेते हुए पूरा गीला कर देती हैं और एक किस उसके लंड पर कर देती हैं। अब समर इसके उपर आ चुका था उसकी चूत फाड़ने के लिए और माही समर की आंखो में देखते हुए उसके पत्थर हो चुके लंड को पकड़ कर अपनी चूत के होंठो को फैलाते हुए इसके सुपाड़े को चूत के मुंह पर रख देती हैं । डर के मारे माही का दिल जोर जोर से धड़क रहा था। वो एक बार प्यासी नजरो से समर की तरफ देखती हैं और बहुत ही कामुक अंदाज में अपना जीभ अपने होंठो पर फिराते हुए उसे अंदर घुसने का इशारा करती हैं । इससे पहले कि समर के लंड का धक्का उसका चूत पर पड़ता माही को पेट में बहुत तेज दर्द का एहसास होता हैं और उसकी चूत से खून बाहर आने लगता हैं।
माही को पीरियड आ चुके थे और एक बार फिर उसकी चूत प्यासी की प्यासी रह जाती है। समर को तो कुछ समझ ही नहीं आता तो वो माही उसे बताती है कि मुझे पीरियड हो गए हैं ।समर जैसे ही ये सुनता हैं उसका मूड खराब हो जाता है वो गुस्से से अपना लन्ड माही के मुंह में घुसा देता हैं । माही भी उसकी तड़प समझते हुए उसका लन्ड चूसने लगती हैं। माही के पेट में बहुत तेज दर्द हो रहा था और चूत जैसे दर्द से फटी जा रही थी । लेकिन वो सब झेलते हुए उसका लन्ड जोर जोर से चूसने लगी थी और समर भी अपना लन्ड उसके मुंह में गुस्से से ऐसा घुसा रहा था मानो उसकी चूत चोद रहा हो जिस कारण माही का मुंह दुखने लगा था ।माही उसे हटाना चाहती थी क्योंकि उससे अब दर्द बर्दाश्त नही हो रहा था और समर तो जैसे पागल हो गया था वो एक पागल सांड की तरह धक्के मार रहा था मानो उसका मुंह ही फाड़ देना चाहता हो। दर्द के कारण माही की आंखो से आंसू बहने लगते हैं और समर आंखे बंद किए हुए धक्के पर धक्का मार रहा था ।तभी समर को लगता है कि उसके जिस्म की सारी ताकत उसके लंड में आ गई है और वो माही के सिर के पीछे हाथ लाते हुए पूरी ताकत से जोरदार धक्का मारता हैं जिससे पहली बार उसका लन्ड जड़ तक माही के मुंह में उतर जाता है और समर का जिस्म झटके खाने लगता है और उसका लन्ड पानी छोड़ने लगता हैं और वो माही के सिर को लंड पर और जोर से दबा देता है जिससे लंड उसके हलक में टक्कर मारते हुए पिचकारी पर पिचकारी छोड़ देता है। जैसे ही पूरा लंड माही के मुंह में घुसता हैं उसका मुंह फट सा जाता है और और उसे तेज दर्द होता है लेकिन लंड मुंह में होने के कारण वो चाहकर भी बोल नहीं पाती हैं और उसकी आंखो के साथ साथ उसका दिल भी रो पड़ता है।
जब लंड ढीला पड़ जाता हैं तो वो उसके मुंह से बाहर निकाल जाता हैं और तूफान गुज़र जाने के बाद समर को जैसे होश आता है तो उसे माही की आंखो में आंसू दिखाई देते हैं तो वो माही को अपने गले लगा लेता हैं ।
माही एक झटके के साथ उससे अलग होती है और गुस्से से उसकी तरफ देखती हैं।
माही: समर मुझे तुम से ये उम्मीद नहीं थी । तुमने मेरी हालत की जरा भी परवाह नहीं करी और मेरे साथ जानवरो जैसा सलूक किया । मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि तुम ऐसा निकलोगे । आई हेट यू" ।
समर को तो जैसे लकवा सा मार गया था इससे पहले की उसे कुछ समझ आता माही उसके कमरे से बाहर निकाल चुकी थी। समर जैसे होश में आते हुए इसके पीछे आता हैं मगर तब तक माही अपने कमरे का गेट बंद कर चुकी थी।
समर उसका गेट नॉक करता हैं लेकिन माही कोई जवाब नहीं देती और बाथरूम में जाकर अपने चूत को साफ करने लगती हैं।
समर: माही प्लीज़ गेट खोल दो। मुझे माफ़ कर दो । मुझसे गलती ही गई । मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था।
लेकिन माही बाथरूम में थी और उस तक समर की आवाज नहीं पहुंच पा रही थी और अगर पहुंच पाती तो भी वो गेट खोलने वाली नहीं थीं
समर: प्लीज़ गेट खोल दो। मुझे माफ़ कर दो ।अगर तुमने गेट नहीं खोला तो मैं सारी रात यहीं बाहर बैठा रहूंगा।
माही अच्छे से अपनी चूत साफ करने के बाद पैड लगाती हैं और फिर आकर बेड पर लेट जाती हैं और जो कुछ उसके साथ समर ने किया वो सोचते हुए उसकी आंखे नम हो जाती है मुंह अभी भी दर्द कर रहा था। । कितना प्यार किया था उसने समर से, रिश्ते नाते सब भूल थी ,अपने आपको पूरी तरह से उसके हवाले कर कर दिया था और उसने उस सबका क्या सिला दिया।
धीरे धीरे ये सब सोचते हुए उसकी आंखे भारी होने लगती हैं और उसे नींद आ जाती है।
उधर समर तो उसके रूम के बाहर ही बैठ गया था और जो कुछ उसने किया माही के साथ वो सब सोचकर उसे खुद पर ही शर्म आने लगी थी। कितना प्यार करती हैं वो उससे। सब कुछ तो मेरे मेरे हवाले कर दिया था , और उसकी क्या गलती थी जो मैंने उसके साथ जानवरो जैसा सलूक किया। मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था । समर अभी तक पूरी तरह से नंगा था । वो कुछ होश नहीं था कि वो किस हालत में हैं वो तो सब रोए जा रहा था। सुबह के चार बज चुके थे और वो पिछले तीन घंटे से ठंड में माही के रूम के बाहर बैठा हुआ रो रहा था जिस करना उसे अब बहुत ठंड लग रही थीं । ठंड के मारे उसका पूरा बदन कांप रहा था।

सोते सोते ही माही की चूत में फिर से खून आने लगा था और पेट में दर्द भी बढ़ गया था। उसकी पूरी पैड खून से भीग गई थी, वो पैड बदलने के लिए उठती हैं और जैसे ही बाथरूम की ओर जाने लगती हैं तो उसे बाहर से किसी के सिसकने की आवाज आती हैं तो वो गेट खोल देती हैं तो उसकी आंखे आश्चर्य से खुली को खुली रह जाती हैं ।
बाहर उसके रूम के गेट पर समर पूरा नंगा पड़ा हुआ था और उसकी आंखे से आंसू बह रहे थे और ठंड के कारण वो कांप रहा था । ये सब देखकर माही का दिल रो पड़ा क्योंकि वो समर से बहुत ज्यादा प्यार करती थी। समर जैसे ही माही को देखता हैं उसकी रुलाई फुट पड़ती है और वो जोर जोर से रोने लगा था।माही उसे उठाकर अपने गले लगा लेती है और धीरे धीरे अपने रूम के अंदर लाते हुए उसे बेड पर लिटा देती हैं और खुद उसके पास लेटते हुए उसे अपनी बाहों में भरकर एक कम्बल औढ़ लेती हैं ।
समर तो और जोर जोर से रोने लगता है । माही उसे चुप करने की कोशिश करती हैं लेकन वो और रोता ही जा रहा था।
माही भारी गले से: बस समर चुप हो जाओ। मत रोवों।
समर सिसकते हुए: मुझे माफ़ कर दो माही , मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था।
माही: बस समर जी हुए उसे भूल जाओ और रोना बंद करो और माही उसके आंसू चाटने लगती हैं।
समर: प्लीज़ मुझे माफ़ कर दो । मुझसे तुम्हारी नफरत बर्दाश्त नहीं होगी। मैं जी नहीं पाऊंगा
माही: बस समर बस, मैंने तुम्हे माफ किया। आई लव यू समर मेरी जान" । और ऐसा बोलते हुए वो उसका मुंह चूम लेती है।
समर: लव यू टू माही । तुम कितनी अच्छी हो , में वादा करता हूं कभी भी आपका दिल नहीं दुखाऊंगा। और वो भी माही के गाल चूम लेता है।
काफी देर तक रोने के बाद समर के आंसू तो सुख जाते हैं लेकिन ठंड के कारण उसका जिस जोर जोर से कांप रहा था जिस कारण माही को उसकी चिंता होने लगती हैं।
माही उसके उपर लेट जाती हैं ।समर अभी भी पूरी तरह से नंगा ही थी जबकि माही ने एक हल्का सा नाईट सूट पहना हुआ था जो बहुत पतले कपड़े का था। वो समर को किस करने लगती हैं और होठ चूमना शुरू कर देती हैं और अपने हाथ से उसके जिस्म पर मालिश सी करने लगती है।पीरियड की वजह से उसे अभी भी दर्द हो रहा था लेकिन उस अब अपने दर्द से ज्यादा समर की फिक्र थी। कितना गहरा प्यार था दोनो के अंदर।
समर को माही के जिस्म सी गर्मी से थोड़ी राहत मिलने लगती हैं और वो अपने हाथ माही की कमर पर कस देता हैं। माही जैसे ही समर को राहत मिलते हुए देखती है तो वो जोश में आते हुए और जोर जोर से हाथो से उसकी छाती की मालिश करने लगती हैं और साथ ही साथ अपना पूरा जिस्म उसके जिस्म पर रगड़ने लगती हैं। समर तो अब बहुत सुकून मिल रहा था और उसकी कंपकपी काफी हद तक बंद हो चुकी थी । माही अपने बदन को जोर जोर से रगड़ती जा रही थी जिससे उसकी चूत समर के लंड पर असर डाल रही थी और समर का लंड खड़ा होना शुरू हो जाता है ।जैसे जैसे लंड खड़ा हो रहा था वैसे वैसे उसके शरीर में खून तेजी से दौड़ रहा था और ठंड अब पूरी तरह से खत्म हो गई थी । जैसे ही समर का ध्यान अपने खड़े हुए लंड पर जाता हैं वो एक हाथ से उसे दबा देता है ताकि वो माही को चूत पर महसूस ना हो।
लेकिन माही सब समझ जाती हैं और उसका हाथ हटाकर अपनी चूत उसके लंड पर दबाती हैं और फिर नीचे आते हुए उसके लंड को हाथ से पकड़ लेती हैं और बोलती हैं: समर देखो कितना शैतान हैं ये ? फिर से खड़ा हो गया ।
समर तो जैसे शर्म से पानी हो गया और अपनी नजरे झुका लेता हैं जिसे देखकर माही स्माइल करती हैं और फिर अपने होठ नीचे लाते हुए उसके लंड के सुपाड़े पर किस करती हैं और फिर समर के कान में बहुत ही सेक्सी आवाज में बोलती हैं : बस अपने शेर को एक हफ्ता काबू में रखो। ये मेरा शिकार है इससे मैं खुद बदला लूंगी । और उसके लंड को हाथ से पकड़ कर जोर से दबा देती हैं और पैड बदलने के लिए बाथरूम में जाने लगती हैं तो समर उसे अपनी गोद में उठाकर बाथरूम ले जाता है और खुद अच्छे से उसकी चूत का खून साफ करता है और अपने हाथो से उसे पैड पहनाता हैं और फिर से अपनी बाहों में उठाकर बेड पर लिटा देता हैं और उसे किस करता हैं ।
समर: माही मुझे मेरे रूम में जाना होगा क्योंकि 5:30 हो चुके हैं और राम्या कभी भी उठ सकती है।
और माही उसे किस करते हुए
माही: ई लव यू सो मच मेरी जानम
समर: लव यू टू मेरी माही।
और इसके रूम से निकलकर अपने रूम में आ जाता है और बेड पर लेटकर नंगा ही सो जाता है ।
राम्या उठती है और दौड़ और जाने के लिए तैयार हो जाती हैं और समर को आवाज लगाने लगती हैं लेकिन समर कोई जवाब नही देता तो राम्या उसके कमरे में घुस जाती हैं
राम्या देखी कितने मजे से सोया पड़ा हैं , अभी मजा चखाती हूं ।
और वो आगे बढ़कर उसके उपर से कम्बल खीच देती हैं। जैसे वो कम्बल खीचती है तो समर का नंगा जिस्म उसकी आंखे के आगे आ जाता है। राम्या की सांसे जैसे रुक सी जाती हैं । उसे समझ नही आ रहा था कि उसके साथ है सब क्या हो रहा हैं , कल दिन में उसके पापा ने उसकी चूत में उंगली डाली तो अब समर उसे नंगा मिला।
लेकिन जैसे ही उसकी नजर समर के लंड पर पड़ती हैं उसके रोंगटे खडे हो जाते हैं । उफ्फ ये कितना लंबा और मोटा हैं, पापा के लंड तो बहुत ज्यादा लंबा और मोटा लेकिन इसके लंड में ये गांठे कैसी है जैसे भालू का लंड हो । उफ्फ ये जिसकी चूत में घुसेगा उसका तो राम नाम सत्य कर देगा।
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mastram
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Re: परिवार बिना कुछ नहीं

Post by mastram »


राम्या का पूरा जिस्म कांपने लगा था ! उत्तेजना से उसके सांसे उखड़ने लगती हैं वो ना चाहते हुए भी समर को तरफ बढ़ जाती है । वो ध्यान से उसके लंड देखती हैं तो उसकी चूत गीली होने लगती हैं । उसकी चूचियों में एक कामुक लचक आ जाती हैं, वो एक बार रूम से बाहर निकलती हैं और नीचे आकर चेक करती हैं । करण और काम्या अभी सोए पड़े हैं तो अपने आप ही उसके कदम उपर की तरफ उठ जाते हैं वो माही के रूम को चेक करती हैं माही भी सोई हुई थी। वो उसे हल्की हल्की आवाज लगाती है और जब कोई उत्तर नहीं मिलता हैं उसकी दिल की धड़कन बढ़ जाती है और बाहर आते ही वो माही का गेट बाहर से लॉक करती है।


पूरी तरह से निश्चित होने के बाद वो समर के रूम में घुस जाती हैं , उसके पैर बुरी तरह से कांप रहे थे। दिमाग उसे बोल रहा था कि ये सब गलत हैं लेकिन उसका लालची मन उसे उकसा रहा था । और वो समर को देखती हैं जो अभी नंगा ही पड़ा हुआ था। वो हिम्मत करते हुए उसके पास बेड पर बैठ जाती हैं और उसके लंड पर नजर जमा देती हैं जो किसी लोहे की रोड की तरह से खड़ा हुआ था। उसके जिस्म में हलचल मच चुकी थी । राम्या डरते हुए अपना हाथ आगे बढ़ाती हैं और अपनी उंगलियों से जैसे ही उसका लन्ड छूती हैं उसके मुंह से एक आह निकल जाती हैं और इसकी चूत में पानी आने लगता है और वो लंड को पकड़ लेती हैं । जैसे ही वो लंड को पकड़ती हैं उसके जर्रा जर्रा सेक्स में डूब जाता है । वो लंड पर अपनी उंगली चलाती हैं उसे मजा आने लगता हैं । लंड और टाइट होता जा रहा था। उसकी चूत से पानी निकलना शुर हो गया था । वो धीरे से अपनी ट्रैक सुट को नीचे करती हैं जिससे उसकी चूत नंगी हो जाती हैं ।उसकी चूचियां फूल पिचक रही थी , वो अपना एक हाथ अपने चूत पर लाते हुए एक उंगली गीली करती हैं और लंड को ध्यान से देखते हुए पूरी उंगली अपनी चूत में घुसा देती हैं । जैसे ही उंगली चूत में घुसती हैं वो जोश में आते हुए उसका लन्ड जोर से पकड़ लेती हैं और दबा देती हैं जिससे समर के होंठो से एक आह निकल पड़ती हैं जिसे सुनकर राम्या को अपनी गलती का एहसास होता है और वो डर जाती हैं , उसका सारा जोश खत्म सा हो जाता हैं। लेकिन समर गहरी नींद में सोया हुआ था। राम्या की हिम्मत फिर से बढ़ती हैं और वो फिर से लंड पकड़ लेती हैं और सहलाने लगती हैं । उसकी उंगली चूत में घुसी हुई थी और अंदर बाहर हो रही थी । मजे के कारण उसके मुंह से सिसकियां निकलने लगती हैं और वो जोश में आते हुए अपनी उंगली को जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगती हैं।
अब उसका पुर जिसका हिल रहा था, चूत से फ़च फ़च की आवाज निकल रही थी । अचानक से रम्या का पूरा जिस्म अकड़ने लगता हैं और वो मजे से चीख़ते हुए उंगली को पूरा अंदर घुसा देती और आगे आगे बढ़कर के लंड के सुपाड़े को मुंह में भर कर चूसते हुए झड़ जाती हैं।
जैसे ही चूत कि गर्मी शांत होती है उसकी नजर गेट में खड़े अपने बाप पर पड़ती है वो राम्या की डर के मारे गांड़ फट जाती हैं और निगाहें नीची करते हुए एक चादर समर के जिस्म पर डालती हैं और चुपचाप कमरे से बाहर निकल जाती है। और करण को जैसे अपनी आंखो पर यकीन ही नहीं हो पा रहा था कि उसकी सगी बेटी अपने सोते हुए भाई का लंड चूसते हुए अपनी चूत में उंगली कर रही थी।


राम्या अपने रूम में जाकर एक गहरी सोच में डूब गई कि अब क्या होगा।
वो भूल भुलैया में हुए हादसे के लिए अपने बाप को जिम्मेदार मान रही थी तो आज का जिम्मेदार कौन है ये ख्याल मन में आते ही उसका दिल बैठ जाता है ।
मुझसे जोश में बहुत बड़ी गलती हो गई है। ये सब नहीं होना चाहिए था । अब मैं कैसे अपने बाप से नजरे मिला पाऊंगी । क्या सफाई दूगी उन्हें अगर उन्होंने कुछ पूछा तो , ये ही सब सोच सोच कर उसका दिल बैठा जा रहा था कि तभी उसे नीचे से काम्या की आवाज सुनाई देती हैं जो कि अब उठ चुकी है और उसे नीचे बुला रही थी। राम्या भारी कदमों के साथ नीचे जाने लगती हैं । जैसे ही वो कमरे से बाहर निकलती हैं तो उसकी नजर करण पर पड़ती है जो अभी तक उपर गैलरी में ही घूम रहा था ।उससे देखकर लग रहा था कि मानो वो किसी गहरी सोच में डूबा हुआ है। राम्या के दिल की धड़कन बढ़ जाती है और वो तेज क़दमों के साथ नीचे जाने लगती हैं क्योंकि उस डर था कि कहीं करण उसे आवाज ना लगा दे।
राम्या नीचे आकर अपनी फ्रेश होती है और उसके बाद अपनी मम्मी के साथ काम में लग जाती हैं।
उधर करण की कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था । वो सोचता हैं कि कहीं समर और राम्या के बीच कुछ चल तो नहीं रहा है । लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है दोनो की आपस में बनती ही कहां है। और ये दोनों तो सगे भाई बहन हैं लेकिन जवानी की आग सब रिश्ते नाते लड़ाई भुला देती हैं , वो खुद अपने आपको के बारे में सोचता है कि कैसे वो माही के पीछे पड़ा हुआ हैं और उसके चक्कर में राम्या को ही पकड़ लिया था। तो कहीं ऐसा तो नहीं कि राम्या और समर भी एक दूसरे की तरफ आकर्षित हो गए हो।
ये ख्याल मन में आते ही वो समर के रूम में घुस जाता हैं जैसे पता करना चाहता हो कि क्या समर सचमुच सो रहा है या फिर मुझे देखकर ड्रामा किया उसने।
दो ध्यान से देखता हैं तो उसे यकीन हो जाता है कि समर गहरी नींद में सोया पड़ा था। फिर भी वो उसे जोर से आवाजे लगते हुए उसके चेहरे के भाव नोटिस करता हैं तो उसे पक्का यकीन हो जाता है कि समर सोया हुआ था और उसे नहीं पता था कि राम्या उसके साथ क्या कर रही है।
फिर वो बाहर आ जाता हैं और नीचे आकार बाथरूम में घुस जाता है।
नाश्ता तैयार हो चुका था और अब सब टेबल पर बैठे थे नाश्ता कर रहे थे । सभी आज लगभग खामोश से थे। और राम्या को तो जैसे आज सांप ही सूंघ गया था, वो तो चुपचाप नजरे नीची करके नाश्ता कर रही थी। और समर की आंखो के आगे भी रात उसमे माही के साथ जो किया वो घूम रहा था जिस करण उसके चेहरे से खुशी गायब सी थी। माही ने रात भले ही समर को माफ कर दिया था लेकिन कहीं ना कहीं रात उसे हादसे की वजह से उसका मन पूरी तरह से दुखी था।
काम्या: क्या हुआ जी आज बड़ी खामोशी हैं घर में ।
माही: भाभी शायद कल की सारे दिन की थकान का असर हैं " और चुप चाप खाने लगती हैं। काम्या को छोड़कर कोई ठीक से नहीं खा पा रहा था । हर किसी की अपनी समस्या थी , हर किसी को खुद पर पछतावा हो रहा था ।
माही: अरे राम्या तुम्हारे कॉलेज का क्या हुआ ? तुम आगे पढ़ने का प्लान कर रही थी
राम्या मुंह नीचे किए हुए ही: हा मम्मी एडमिशन लेना हैं आगे की पढ़ाई के लिए।
काम्या: ओके, तो कब से शुरू हो रहे हैं एडमिशन ?
राम्या: जी कल आखरी तारीख हैं। उसके बाद कोई एडमिशन नहीं होगा।
काम्या: अरे तो पहले बताना चाहिए था ना तुझे। खैर अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है ।" और वो फिर करण की तरफ देखते हुए बोलती हैं : सुनिए जी आज आप ऑफिस मत जाना और इसके कॉलेज जाकर इसका एडमिशन करा दीजिए नहीं तो कल आखिरी तारीख के कारण बहुत ज्यादा भीड़ होगी।
राम्या तो जैसे ये सुनकर हैरान सी हो जाती हैं और बहाना बनाते हुए बोलती हैं: नहीं मम्मी मैं खुद ही चली जाऊंगी।
करण भी कहीं ना कहीं राम्या से दूरी बनाना चाहता था।
करण: अरे काम्या मुझे आज कुछ जरूरी काम हैं इसलिए मुझे ऑफिस जाना होगा।
काम्या: जी नहीं , आज आपको पहले इसका एडमिशन कराना होगा उसके बाद ही दूसरा काम होगा और राम्या तुम्हे कुछ अंदाज़ा भी हैं कि वहां कितनी भीड़ होगी ?
तीनो अपना अपना पक्ष रख रह रहे थे लेकिन हुआ वो ही जो हमेशा से होता आया है आखिर पत्नी के आगे किस की चलती हैं। आखिर कार काम्या की जीत हुई ।
काम्या: अब जल्दी से तैयार होकर आओ और अपने सब डॉक्यूमेंट भी ले आओ। देर करोगी तो लंबी लाइन में लगना पड़ेगा ।

राम्या को अब ना चाहते हुए भी जाना पड़ता है और थोड़ी देर बाद वो तैयार होकर आ जाती हैं । उसने एक पिंक कलर का सूट सलवार पहना हुआ था जिसमें वो बहुत सुंदर लग रही थी। करण अपनी गाड़ी बाहर निकालता है और दोनो निकाल पड़ते हैं राम्या के कॉलेज की तरफ।


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