राज के होंठ भी अपनी दीदी की चूत के होंटो से मिल चुके थे.. जो इस वक़्त कली से फूल बनकर अलग अलग हो चुके थे .. और राज चूत के दोनो होंटो के बीच अपनी जीब अंदर घुसाता चला जाता है ...
डॉली को बड़ा मीठा सा दर्द होता है ..
दोनो भाई बहन सुहाग रात का पूरा लुफ्त लेते हुए मंज़िल की तरफ बढ़ने लगते है ...
जेसे ही डॉली झड़ने के करीब पहुचती है अपनी कमर हवा में उछालने लगती है राज को भी अपनी दीदी के झड़ने का अहसास हो जाता है और राज अपनी जीब को फांको के बीच गोल गोल घुमाने लगता है जिससे डॉली और भी तड़प जाती है...
डॉली के मूह से मस्ती भरी सिसकारियाँ निकलने लगती है ..
आआआहह सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सीईई
जिससे राज का लंड डॉली के मूह बाहर आ जाता है ..
और पल अपनी चूत से रस की धारा बहते हुए बाहर आने लगती है ...
डॉली... आआआ गगगगगगगाआआअ सस्सीए उउउम्म्म्मममममम आआईयईई
डॉली धीरे धीरे झड़ती चली जाती है ....
अपनी साँसे नॉर्मल करके डॉली फिर से राज का लंड अपने मूह में लेकर राज को ब्लोजोब देने लगती है..कुछ देर की मेहनत का फल डॉली को मिल जाता है
राज का अमृत जेसा लिक्विड उसके गले में उतर चुका था ....
दोनो एक बार फिर तृप्त हो चुके थे
मगर आज की रात दोनो की सुहाग की रात थी.. डॉली अपने भाई के लिए एक ग्लास और बादाम वाला दूध ले आती है जिसे पीकर राज फिर से तैयार हो जाता है ...
और अपनी दीदी को डॉगी स्टाइल बनाकर अपना लंड चूत में डाल देता है ...
सुबह के 4 बजे जाकर दोनो भाई बहन की आँख लगती है ..इस बीच डॉली और राज ने 4 बार सेक्स कर लिया था ....