राज डॉली को चूमते हुए अपनी गोद में उठा कर फिर से बॅड पर लिटा देता है...
और राज अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो जाता है ...
राज का लंड पूरे अट्रॅक्षन लिए टाँगों के बीच में किसी स्प्रिंग की तरह झूल रहा था ...
डॉली के जिस्म पर सिर्फ़ एक पेंटी ही बची थी जिसे राज आगे बढ़कर अपने हाथो से उतार देता है ...
राज की नज़रे डॉली की क्लीन शेव चूत पर पड़ती है ...
डॉली की चूत कितनी प्यारी लग रही थी आज बड़ा ही नूवर झलक रहा था चूत पर ...
राज तो चूत की सुंदरता पर इतना मोहित हो गया की अपनी पलके झपकाना ही भूल गया ..
डॉली... ऐसे क्या देख रहे हो राज ..
राज ... देख रहा हूँ डॉली कितनी हसीन लग रही हो तुम...
तुम्हारे जिस्म के रोए रोए को महसूस करूँ उसे इतना प्यार करूँ ...
डॉली... ऊओ राज जेसा तुम्हारा दिल चाहे वाइज़ प्यार करो अब में तुम्हारी हूँ बस तुम्हारी अपने प्यार के अमृत से मेरी सूखी ज़मीन का हरा कर दो ....
राज फॉरन डॉली की चूत पर अपने
हाथ फेरने लगता है ...
डॉली.... आआहह सस्स्स्स्स्स्स्स्सीईईईईईईई
कितनी चिकनी चूत थी डॉली की राज का हाथ भी रपट रहा था फेरने पर..राज जेसे ही अपने प्यासे होंठ डॉली की चूत पर रखता है..
डॉली हवा में उछलने लगती है राज चूत की काली जो आपस में चिपके हुए थी उसके बीच में अपनी जीब से खोलने की कोशिश करने लगता है ...
राज अपनी जीब से चूत को चाट रहा था जिससे चूत की काली खिलने को और भी बेताब होने लगती है ..
डॉली.... आआईीइसस्स्सीईई
आआअहह सस्सीईईईई
राज प्लीज़ अब और ना तडपाओ जल्दी से मुझे औरत बना दो ...
...
राज के होंठ लगकर डॉली की चूत और भी गीली हो चुकी थी..
डॉली अब राज के लंड को अपने अंदर लेने के लिए पूरी तरह वियाक़ुल हो चुकी थी ...
डॉली की तड़प देखकर राज अपने होंठ चूत से हटा कर बिल्कुल डॉली की टाँगों के बीच आ जाता है.. और अपने लंड को हाथो से पकड़कर डॉली की छोटी सी चूत की फांको पर फेरने लगता है ..
राज डॉली को बेपनाह मुहब्बत करने लगा था राज के लिए डॉली जिगर का टुकड़ा बन चुकी थी ..
डॉली की चूत पर अपना लंड रगड़ते हुए राज को अपने लंड
का रूप किसी दानव जेसा भयानक लगने लगा था जो एक धक्के में डॉली की चूत के चिथड़े चिथड़े उड़ा सकता था ...
ये सोचकर राज से डॉली की चूत में धक्का नही लग रहा था..
राज यू ही काफ़ी देर तक अपने लंड को चूत के ऊपर ऊपर रगड़ता रहता है ...
Incest परिवार मे प्यार बेशुमार
- Dolly sharma
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Re: Incest परिवार मे प्यार बेशुमार
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
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Re: Incest परिवार मे प्यार बेशुमार
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
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Re: Incest परिवार मे प्यार बेशुमार
डॉली राज के लंड को अपने हाथ से पकड़कर अपनी चूत में लेने लगती है ...
डॉली... राज क्यूँ मेरे सबर का इम्तहान ले रहे हो प्लीज़ धक्का मारो ना....
राज ....नही डॉली ये मुझसे नही होगा..में तुम्हे अपनी जान से ज़्यादा प्यार करता हूँ ..
तुम्हे घायल कर दूँ ऐसा तो में कभी सोच भी नही सकता ...
राज का अपने लिए इतना प्यार देखकर डॉली उठकर राज के गले लग जाती है ....
डॉली .. ओह्ह्ह राज इतना प्यार करते हो मुझसे ...
डॉली को लगता है राज से ये सब नही होगा उसे खुद ही कुछ करना पड़ेगा ...
डॉली राज को ढकलते हुए बॅड पर लिटाती है.. राज का लंड डॉली की आँखो के सामने किसी खंबे की तरह खड़ा हुआ था ...
डॉली अपनी टाँगे राज के इर्द गिर्द करते हुए बिल्कुल लंड के उपर खड़ी हो जाती है और नीचे होते हुए अपने हाथ से राज का लंड पकड़कर अपनी चूत के छोटे से छेद में सेट करते हुए अपना शरीर ढेला छोड़ देती है ..
जिससे डॉली का पूरा भार राज के लंड पर पड़ता है और लंड छर्ररर करता हुआ डॉली की चूत को चीरते हुए अंदर घुसता चला जाता है....
डॉली.... आाआईयईईईईईईईईईई मररररर गैिईईईईईईईई राज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज आआआआआई
मगर राज की पोज़िशन ऐसी थी राज कुछ कर नही सकता था
डॉली की चूत से निकले खून ने राज के लंड का अभिषेक कर दिया था ...
डॉली बुरी तरह दर्द से तड़पति हुई अपनी आँखे बंद किए काफ़ी देर राज के ऊपर यू ही बैठी रहती है ...डॉली की मेहनत ने उसे
काली से फूल बना दिया था ..
औरत बन चुकी थी डॉली....
चूत में जड़ तक लंड समाया हुआ था ...करीब 5 मिनिट बाद डॉली को अपनी चूत में थोड़ी राहत महसूस होती है ...
डॉली थोड़ा थोड़ा हिलने की कोशिश करती है ...
लंड चूत में बुरी तरह फसा हुआ था डॉली के हिलने से फिर दर्द होने लगता है ....
डॉली फिर भी अपना दर्द भूलकर ऊपर नीचे होते हुए अपनी चूत में जगह बनाने लगती है ....
डॉली के मेहनत फिर से रंग लाती है और अब धीरे धीरे चूत में फसा हुआ लंड अंदर बाहर होना शुरू हो चुका था ...
डॉली की दर्द भरी सिसकारियाँ बदल चुकी थी अब डॉली की सिसकारियाँ कामुक हो गई थी ...
आआहह आअहह आअहह आअहह आअहह ऊओह आअहह आअहह आअहह आअहह आअहह आअहह आअहह
डॉली राज के लंड पर उठक बैठक लगाती जा रही थी ..जेसे डॉली स्वर्ग की सेर करते हुए लंड की सवारी कर रही हो ...
डॉली को असीम सुख मिलने लगा था ...
आआहह आआहह आअहह सस्स्सीई ऊओह आआहह
अब डॉली झड़ने के करीब आ चुकी थी और अगले पल डॉली के चूत रस से राज का लंड नहा जाता है.. और अगले पल राज भी अपने वीर्य की पिचकारी से डॉली की चूत को भर देता है .....
डॉली सकूँन की साँसे लेती हुई राज के सीने पर अपना चेहरा रखकर आँखे बंद कर लेती है ...
डॉली... राज क्यूँ मेरे सबर का इम्तहान ले रहे हो प्लीज़ धक्का मारो ना....
राज ....नही डॉली ये मुझसे नही होगा..में तुम्हे अपनी जान से ज़्यादा प्यार करता हूँ ..
तुम्हे घायल कर दूँ ऐसा तो में कभी सोच भी नही सकता ...
राज का अपने लिए इतना प्यार देखकर डॉली उठकर राज के गले लग जाती है ....
डॉली .. ओह्ह्ह राज इतना प्यार करते हो मुझसे ...
डॉली को लगता है राज से ये सब नही होगा उसे खुद ही कुछ करना पड़ेगा ...
डॉली राज को ढकलते हुए बॅड पर लिटाती है.. राज का लंड डॉली की आँखो के सामने किसी खंबे की तरह खड़ा हुआ था ...
डॉली अपनी टाँगे राज के इर्द गिर्द करते हुए बिल्कुल लंड के उपर खड़ी हो जाती है और नीचे होते हुए अपने हाथ से राज का लंड पकड़कर अपनी चूत के छोटे से छेद में सेट करते हुए अपना शरीर ढेला छोड़ देती है ..
जिससे डॉली का पूरा भार राज के लंड पर पड़ता है और लंड छर्ररर करता हुआ डॉली की चूत को चीरते हुए अंदर घुसता चला जाता है....
डॉली.... आाआईयईईईईईईईईईई मररररर गैिईईईईईईईई राज्ज्जज्ज्ज्ज्ज्ज आआआआआई
मगर राज की पोज़िशन ऐसी थी राज कुछ कर नही सकता था
डॉली की चूत से निकले खून ने राज के लंड का अभिषेक कर दिया था ...
डॉली बुरी तरह दर्द से तड़पति हुई अपनी आँखे बंद किए काफ़ी देर राज के ऊपर यू ही बैठी रहती है ...डॉली की मेहनत ने उसे
काली से फूल बना दिया था ..
औरत बन चुकी थी डॉली....
चूत में जड़ तक लंड समाया हुआ था ...करीब 5 मिनिट बाद डॉली को अपनी चूत में थोड़ी राहत महसूस होती है ...
डॉली थोड़ा थोड़ा हिलने की कोशिश करती है ...
लंड चूत में बुरी तरह फसा हुआ था डॉली के हिलने से फिर दर्द होने लगता है ....
डॉली फिर भी अपना दर्द भूलकर ऊपर नीचे होते हुए अपनी चूत में जगह बनाने लगती है ....
डॉली के मेहनत फिर से रंग लाती है और अब धीरे धीरे चूत में फसा हुआ लंड अंदर बाहर होना शुरू हो चुका था ...
डॉली की दर्द भरी सिसकारियाँ बदल चुकी थी अब डॉली की सिसकारियाँ कामुक हो गई थी ...
आआहह आअहह आअहह आअहह आअहह ऊओह आअहह आअहह आअहह आअहह आअहह आअहह आअहह
डॉली राज के लंड पर उठक बैठक लगाती जा रही थी ..जेसे डॉली स्वर्ग की सेर करते हुए लंड की सवारी कर रही हो ...
डॉली को असीम सुख मिलने लगा था ...
आआहह आआहह आअहह सस्स्सीई ऊओह आआहह
अब डॉली झड़ने के करीब आ चुकी थी और अगले पल डॉली के चूत रस से राज का लंड नहा जाता है.. और अगले पल राज भी अपने वीर्य की पिचकारी से डॉली की चूत को भर देता है .....
डॉली सकूँन की साँसे लेती हुई राज के सीने पर अपना चेहरा रखकर आँखे बंद कर लेती है ...
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
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Re: Incest परिवार मे प्यार बेशुमार
डॉली को अपने भाई का बहुत प्यारा बर्तडे गिफ्ट मिल चुका था..
डॉली राज से चुदकर काली से फूल बन चुकी थी...
डॉली ये अनमोल गिफ्ट पाकर बहुत खुश थी..
तृप्त हुई डॉली नंगा जिस्म राज के सीने पर रखकर अपनी आँखे बंद किए लेटी थी ...
डॉली जिस राज कुमार के सपने देखा करती थी .. अपने भाई के रूप में आज डॉली को वो राज कुमार मिल चुका था...
अपने भाई की जीवन संगनी बन चुकी थी डॉली. दोनो सात जनम साथ निभाने की कसमे खा चुके थे ...
मगर राज के सीने पर लेटे हुए डॉली को अपने पापा का अधूरा प्यार याद आ जाता है..
पापा का अधूरा प्यार याद करते ही डॉली को घबराहट सी होने लगती है ..
उसे लगता है कही पापा की तरह उसका प्यार भी अधूरा तो नही रह जायगा..
ये सोचते ही डॉली राज की तरफ देखती हुई...
डॉली... राज में ऐसे ही तुम्हारी बाँहो में सारी ज़िंदगी रहना चाहती हूँ... तुम्हारे बिना अब एक पल भी जी नही पाउन्गी बहुत प्यार करती हूँ तुमसे..
राज ... दीदी में भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और ज़िंदगी भर करता रहूँगा..
डॉली.. भाई क्या हमारा प्यार ये दुनिया वाले समझ पायंगे ...
डॉली की इस बात का जवाब राज कुछ इस तरह से देता है ...
राज ... कुच्छ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना
छोड़ो बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना
कुच्छ रीत जगत की ऐसी है हर एक सुबह की शाम हुई..
तू कौन है तेरा नाम है क्या सीता भी यहाँ बदनाम हुई
फिर क्यों संसार की बातों से, भीग गये तेरे नैना
कुच्छ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना
छोड़ो बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना
हम को जो ताने देते हैं, हम खोए हैं इन रंग-रलियों में
हम ने उन को भी छुप छुप के आते देखा इन गलियों में
ये सच है झूठी बात नही तुम बोलो ये सच है ना
कुच्छ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना
छोड़ो बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना
...
राज के इस गाने ने डॉली को थोड़ा रिलॅक्स फील करा दिया था ..जिससे डॉली के चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान खिल जाती है ... राज भी अपनी दीदी का खिला चेहरा देखकर मुस्कुरा देता है ...
राज ... बस दीदी आप ऐसे ही मुस्कुरा ती रहा करो मुस्कुराते हुए बहुत हसीन लगती हो ....
ये कहकर राज अपनी दीदी को अपने ऊपर खीच लेता है बिल्कुल होंटो के करीब..और डॉली के गुलाबी होंटो पर अपने होंठ रख देता है ...
डॉली जैसे ही ऊपर होती है..उसकी चूत बिल्कुल लंड के सेंटर में आ जाती है.
चूत के टच से राज का लंड पल भर में खड़ा होकर सीधा डॉली की चूत में घुसने लगता है ...
डॉली को अपनी चूत पर राज का लंड चुबने लगता है ...
डॉली... भाई नीचे कुछ चुभ रहा है ..
राज ... क्या चुभ रहा है दीदी
डॉली..भाई तुम्हारा वो..
राज .. दीदी नाम लेकर बताओ ना मेरी तो कुछ समझ नही आ रहा ...
डॉली... उफफफ्फ़ भाई तुम भी ना मुझे ज़रूर बेशरम बना दोगे ...
राज ... दीदी अब हम पति पत्नी बन चुके है..और अब हमारे बीच ये शरम कहाँ से आ गई ...
डॉली... अच्छा बाबा बताती हूँ..तुम्हारा लंड मेरी चूत पर चुभ रहा है ...
अपनी दीदी के मूह से लंड चूत शब्द सुनकर राज का लंड और खड़ा हो जाता है ...
राज ... दीदी ये हुई ना कुछ बात अब मुझे लग रहा है जेसे मेरी पत्नी ने जवाब दिया हो ... ...
राज ... दीदी मेरा लंड चुसोगी ..
डॉली हा में गर्दन हिलाती है ..
राज .. दीदी अब इशारो से काम नही चलेगा जब बेशरम बनना है तो खुल कर बोलो ...
डॉली... हा भाई हा मुझे तुम्हारा लंड चूसना है ...
राज. ... ऊहह दीदी क्या बात है तुम्हारी अदा पर क्यूँ ना मर जाऊ ....
राज बॅड पर पलटते हुए 69 पोज़िशन बना लेता है.. जिससे राज का खड़ा लंड सीधा डॉली के मूह के बिल्कुल पास आ जाता है ... और दीदी की चूत के करीब राज का चेहरा आ जाता है ...
राज की नज़र जेसे ही दीदी की चूत पर पड़ती है..राज को चूत के चारो तरफ खून के धब्बे दिखाई देते है ...
चूत की ऐसी हालत देखकर राज को अपनी दीदी पर और भी प्यार आ जाता है ...
और अगले पल राज को अपने लंड पर बड़ी ठंडक का अहसास होता है ..डॉली राज के लंड को अपने मूह में ले चुकी थी ...
और बिल्कुल लॉली पोप आइसक्रीम की तरह अपने भाई का लंड चूस रही थी ..
डॉली राज से चुदकर काली से फूल बन चुकी थी...
डॉली ये अनमोल गिफ्ट पाकर बहुत खुश थी..
तृप्त हुई डॉली नंगा जिस्म राज के सीने पर रखकर अपनी आँखे बंद किए लेटी थी ...
डॉली जिस राज कुमार के सपने देखा करती थी .. अपने भाई के रूप में आज डॉली को वो राज कुमार मिल चुका था...
अपने भाई की जीवन संगनी बन चुकी थी डॉली. दोनो सात जनम साथ निभाने की कसमे खा चुके थे ...
मगर राज के सीने पर लेटे हुए डॉली को अपने पापा का अधूरा प्यार याद आ जाता है..
पापा का अधूरा प्यार याद करते ही डॉली को घबराहट सी होने लगती है ..
उसे लगता है कही पापा की तरह उसका प्यार भी अधूरा तो नही रह जायगा..
ये सोचते ही डॉली राज की तरफ देखती हुई...
डॉली... राज में ऐसे ही तुम्हारी बाँहो में सारी ज़िंदगी रहना चाहती हूँ... तुम्हारे बिना अब एक पल भी जी नही पाउन्गी बहुत प्यार करती हूँ तुमसे..
राज ... दीदी में भी तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और ज़िंदगी भर करता रहूँगा..
डॉली.. भाई क्या हमारा प्यार ये दुनिया वाले समझ पायंगे ...
डॉली की इस बात का जवाब राज कुछ इस तरह से देता है ...
राज ... कुच्छ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना
छोड़ो बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना
कुच्छ रीत जगत की ऐसी है हर एक सुबह की शाम हुई..
तू कौन है तेरा नाम है क्या सीता भी यहाँ बदनाम हुई
फिर क्यों संसार की बातों से, भीग गये तेरे नैना
कुच्छ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना
छोड़ो बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना
हम को जो ताने देते हैं, हम खोए हैं इन रंग-रलियों में
हम ने उन को भी छुप छुप के आते देखा इन गलियों में
ये सच है झूठी बात नही तुम बोलो ये सच है ना
कुच्छ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना
छोड़ो बेकार की बातों में कहीं बीत ना जाए रैना
...
राज के इस गाने ने डॉली को थोड़ा रिलॅक्स फील करा दिया था ..जिससे डॉली के चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान खिल जाती है ... राज भी अपनी दीदी का खिला चेहरा देखकर मुस्कुरा देता है ...
राज ... बस दीदी आप ऐसे ही मुस्कुरा ती रहा करो मुस्कुराते हुए बहुत हसीन लगती हो ....
ये कहकर राज अपनी दीदी को अपने ऊपर खीच लेता है बिल्कुल होंटो के करीब..और डॉली के गुलाबी होंटो पर अपने होंठ रख देता है ...
डॉली जैसे ही ऊपर होती है..उसकी चूत बिल्कुल लंड के सेंटर में आ जाती है.
चूत के टच से राज का लंड पल भर में खड़ा होकर सीधा डॉली की चूत में घुसने लगता है ...
डॉली को अपनी चूत पर राज का लंड चुबने लगता है ...
डॉली... भाई नीचे कुछ चुभ रहा है ..
राज ... क्या चुभ रहा है दीदी
डॉली..भाई तुम्हारा वो..
राज .. दीदी नाम लेकर बताओ ना मेरी तो कुछ समझ नही आ रहा ...
डॉली... उफफफ्फ़ भाई तुम भी ना मुझे ज़रूर बेशरम बना दोगे ...
राज ... दीदी अब हम पति पत्नी बन चुके है..और अब हमारे बीच ये शरम कहाँ से आ गई ...
डॉली... अच्छा बाबा बताती हूँ..तुम्हारा लंड मेरी चूत पर चुभ रहा है ...
अपनी दीदी के मूह से लंड चूत शब्द सुनकर राज का लंड और खड़ा हो जाता है ...
राज ... दीदी ये हुई ना कुछ बात अब मुझे लग रहा है जेसे मेरी पत्नी ने जवाब दिया हो ... ...
राज ... दीदी मेरा लंड चुसोगी ..
डॉली हा में गर्दन हिलाती है ..
राज .. दीदी अब इशारो से काम नही चलेगा जब बेशरम बनना है तो खुल कर बोलो ...
डॉली... हा भाई हा मुझे तुम्हारा लंड चूसना है ...
राज. ... ऊहह दीदी क्या बात है तुम्हारी अदा पर क्यूँ ना मर जाऊ ....
राज बॅड पर पलटते हुए 69 पोज़िशन बना लेता है.. जिससे राज का खड़ा लंड सीधा डॉली के मूह के बिल्कुल पास आ जाता है ... और दीदी की चूत के करीब राज का चेहरा आ जाता है ...
राज की नज़र जेसे ही दीदी की चूत पर पड़ती है..राज को चूत के चारो तरफ खून के धब्बे दिखाई देते है ...
चूत की ऐसी हालत देखकर राज को अपनी दीदी पर और भी प्यार आ जाता है ...
और अगले पल राज को अपने लंड पर बड़ी ठंडक का अहसास होता है ..डॉली राज के लंड को अपने मूह में ले चुकी थी ...
और बिल्कुल लॉली पोप आइसक्रीम की तरह अपने भाई का लंड चूस रही थी ..
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
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खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete