Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
Maja aagay, badhia update...thank you.
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
आँखो मे लगाए चस्मे मे उसका मासूम चेहरा और भी मासूम लग रहा था , वो एक सामान्य सी फ्रोक मे थी जिसपर फूल ही फूल बने हुए थे , नाज़ुक गुलाबी होंठ थोड़े फड़फडाने लगे थे और चस्मे के बाजू से आँखो मे आने वाली आँसू की बूँद धूल कर गालो तक आ गयी थी , उसने हल्के से सिसकते हुए उसे पोंछ लिया..
“हे ब्रो “
अक्की मेरे गले से लग गया ..
फिर अचानक उसका ध्यान नेहा के उपर गया
“हे तुझे क्या हुआ रो क्यो रही है “
अक्की ने थोड़े आश्चर्य से कहा
“मैं कहा रो रही हू “
नेहा चाह कर भी उस दर्द को नही संभाल पा रही थी , उसका भरा हुआ गला ही ये बता रहा था की वो रो रही थी
“अरे यार तुम तो साफ साफ झूठ बोलने लगी हो ,तुम्हारा गला भरा हुआ है ,आँखो का काजल उजडा हुआ है सॉफ दिख रहा है की तुम रो रही हो”
अक्की ने किसी जासूस की तरह की चीज़ो को एक्सप्लेन किया था ,
नेहा ने एक बार मेरी ओर देखा और फिर अक्की की ओर देखा
“मैं नही रो रही हू समझे “
और वो सीधे निकल गयी
“अब इसे क्या हो गया ब्रो “
अब मैं अक्की से क्या कहता की इसे क्या हुआ है ????
सभी लोग क्लास मे थे लेकिन नेहा अभी तक क्लास मे नही आई थी
“अबे नेहा कहा है आज ?“
अज्जु ने अक्की से पूछा
“पता नही यार मेरे साथ ही तो आई थी फिर कही चली गयी मुझे लगा की क्लास मे आई होगी या फिर टॉयलेट गयी होगी , थोड़ी परेशान दिख रही थी क्यो अंकित ??”
अब तो मुझे नेहा की और भी चिंता होने लगी थी क्लास शुरू होने मे थोड़ा ही समय बचा था और नेहा अभी तक क्लास मे नही पहुचि थी
“रूको मैं देखता हू “
ये कहते हुए मैं अपना बॅग वही छोड़कर क्लास से निकल गया और सीधे गार्डन मे चला गया , मैने नेहा को दुखी होने पर एक कोने मे आके बैठते हुए देखा था , और मेरे सोचे हुए अनुसार सच मे नेहा एक कोने मे बैठी हुई थी ….
वो रो नही रही थी बल्कि हल्के हल्के ही सूबक रही थी , मैं थोड़ी देर तक झाड़ियो से छिपकर ही उसे देखता रहा और फिर उसके बाजू मे जाकर बैठ गया …
“जब प्यार करती ही हो तो कह क्यो नही देती “
मेरे होने के आभास से वो चौक गयी …
“तुम??? मुझे अकेला छोड़ दो मेरा मूड ठीक नही है “
उसने थोड़ा चिड़ते हुए कहा
लेकिन मैं बस मुस्कुराते हुए उसे देख रहा था
“दोस्त दुख मे छोड़ कर नही जाते बल्कि साथ रहकर साथ देते है “
उसने अजीब निगाहो से मुझे देखा
“लेकिन दर्द तो उसे ही मिलता है ना जो उसे झेल रहा हो , पास बैठने वाले को दिल का हाल कैसे पता होगा “
“अगर बताओगी तो क्यो नही पता चलेगा “
“शब्द कभी फेल्लिंग्स को बता सकते है क्या “
वो उठ कर जाने को हुई लेकिन मैने उसका हाथ थाम कर उसे नीचे बैठा दिया
“क्या कर रहे हो “
वो चिड कर गुस्से से बोली , लेकिन मैं अब भी मुस्कुरा ही रहा था
“नेहा … मुझे पता है की तुम्हारे दिल मे ये दर्द क्यो उठ रहा है.. लेकिन मैं तुम्हे एक चीज़ बता दूं की सुस सिर्फ़ मेरी अच्छी दोस्त है , मेरा प्यार नही “
मेरी बात सुनकर नेहा के चेहरे के भाव अचानक से बदल गये थे , जैसे अचानक से कोई बड़ा बोझ उसके उपर से हट गया हो , थोड़ी देर तक वो कुछ समझ ही नही पाई और बस मुझे देखते रह गयी जैसे जैसे उसे मेरे बोलने का मतलब समझ आते गया उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान खिलने लगी … वो मुस्कान इतनी हल्की थी की बहुत ही गौर से देखने पर ही पता चलता था की वो मुस्कुरा रही है , असल मे ये इसलिए था क्योकि वो अपने चेहरे से ख़ुसी के भाव को छुपाने की कोसिस कर रही थी , लेकिन मन की ख़ुसी तो बाहर आने को बेताब थी….
उसने अपने एग्ज़ाइट्मेंट को बड़े ही मुश्किल से छिपाते हुए कहा
“तो मैं क्या करू , मुझे ये क्यो बता रहे हो “
“अरे क्या तुम्हे फ़र्क नही पड़ता की सुस मेरी क्या है “
मैने उसकी आँखो मे देखते हुए कहा , अब तक उसके चेहरे की मुस्कान स्पष्ट हो चुकी थी .
“मुझे भला क्यो फ़र्क पड़ने लगा , तुम कुछ भी करो और वो कुतिया कुछ भी करे “
जिस तरह से उसने सुस के लिए कुतिया शब्द का प्रयोग किया था मैं जोरो से हँसे बिना नही रह सका
“हे ब्रो “
अक्की मेरे गले से लग गया ..
फिर अचानक उसका ध्यान नेहा के उपर गया
“हे तुझे क्या हुआ रो क्यो रही है “
अक्की ने थोड़े आश्चर्य से कहा
“मैं कहा रो रही हू “
नेहा चाह कर भी उस दर्द को नही संभाल पा रही थी , उसका भरा हुआ गला ही ये बता रहा था की वो रो रही थी
“अरे यार तुम तो साफ साफ झूठ बोलने लगी हो ,तुम्हारा गला भरा हुआ है ,आँखो का काजल उजडा हुआ है सॉफ दिख रहा है की तुम रो रही हो”
अक्की ने किसी जासूस की तरह की चीज़ो को एक्सप्लेन किया था ,
नेहा ने एक बार मेरी ओर देखा और फिर अक्की की ओर देखा
“मैं नही रो रही हू समझे “
और वो सीधे निकल गयी
“अब इसे क्या हो गया ब्रो “
अब मैं अक्की से क्या कहता की इसे क्या हुआ है ????
सभी लोग क्लास मे थे लेकिन नेहा अभी तक क्लास मे नही आई थी
“अबे नेहा कहा है आज ?“
अज्जु ने अक्की से पूछा
“पता नही यार मेरे साथ ही तो आई थी फिर कही चली गयी मुझे लगा की क्लास मे आई होगी या फिर टॉयलेट गयी होगी , थोड़ी परेशान दिख रही थी क्यो अंकित ??”
अब तो मुझे नेहा की और भी चिंता होने लगी थी क्लास शुरू होने मे थोड़ा ही समय बचा था और नेहा अभी तक क्लास मे नही पहुचि थी
“रूको मैं देखता हू “
ये कहते हुए मैं अपना बॅग वही छोड़कर क्लास से निकल गया और सीधे गार्डन मे चला गया , मैने नेहा को दुखी होने पर एक कोने मे आके बैठते हुए देखा था , और मेरे सोचे हुए अनुसार सच मे नेहा एक कोने मे बैठी हुई थी ….
वो रो नही रही थी बल्कि हल्के हल्के ही सूबक रही थी , मैं थोड़ी देर तक झाड़ियो से छिपकर ही उसे देखता रहा और फिर उसके बाजू मे जाकर बैठ गया …
“जब प्यार करती ही हो तो कह क्यो नही देती “
मेरे होने के आभास से वो चौक गयी …
“तुम??? मुझे अकेला छोड़ दो मेरा मूड ठीक नही है “
उसने थोड़ा चिड़ते हुए कहा
लेकिन मैं बस मुस्कुराते हुए उसे देख रहा था
“दोस्त दुख मे छोड़ कर नही जाते बल्कि साथ रहकर साथ देते है “
उसने अजीब निगाहो से मुझे देखा
“लेकिन दर्द तो उसे ही मिलता है ना जो उसे झेल रहा हो , पास बैठने वाले को दिल का हाल कैसे पता होगा “
“अगर बताओगी तो क्यो नही पता चलेगा “
“शब्द कभी फेल्लिंग्स को बता सकते है क्या “
वो उठ कर जाने को हुई लेकिन मैने उसका हाथ थाम कर उसे नीचे बैठा दिया
“क्या कर रहे हो “
वो चिड कर गुस्से से बोली , लेकिन मैं अब भी मुस्कुरा ही रहा था
“नेहा … मुझे पता है की तुम्हारे दिल मे ये दर्द क्यो उठ रहा है.. लेकिन मैं तुम्हे एक चीज़ बता दूं की सुस सिर्फ़ मेरी अच्छी दोस्त है , मेरा प्यार नही “
मेरी बात सुनकर नेहा के चेहरे के भाव अचानक से बदल गये थे , जैसे अचानक से कोई बड़ा बोझ उसके उपर से हट गया हो , थोड़ी देर तक वो कुछ समझ ही नही पाई और बस मुझे देखते रह गयी जैसे जैसे उसे मेरे बोलने का मतलब समझ आते गया उसके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान खिलने लगी … वो मुस्कान इतनी हल्की थी की बहुत ही गौर से देखने पर ही पता चलता था की वो मुस्कुरा रही है , असल मे ये इसलिए था क्योकि वो अपने चेहरे से ख़ुसी के भाव को छुपाने की कोसिस कर रही थी , लेकिन मन की ख़ुसी तो बाहर आने को बेताब थी….
उसने अपने एग्ज़ाइट्मेंट को बड़े ही मुश्किल से छिपाते हुए कहा
“तो मैं क्या करू , मुझे ये क्यो बता रहे हो “
“अरे क्या तुम्हे फ़र्क नही पड़ता की सुस मेरी क्या है “
मैने उसकी आँखो मे देखते हुए कहा , अब तक उसके चेहरे की मुस्कान स्पष्ट हो चुकी थी .
“मुझे भला क्यो फ़र्क पड़ने लगा , तुम कुछ भी करो और वो कुतिया कुछ भी करे “
जिस तरह से उसने सुस के लिए कुतिया शब्द का प्रयोग किया था मैं जोरो से हँसे बिना नही रह सका
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
“तुम भी ना पूरी आइटम हो “
मैं हसने लगा
“ये मैं कोई आइटम वातें नही हू समझे , चलो क्लास के लिए लेट हो रहा है , तू यहाँ क्यो आ गया मैं तो आ ही रही थी क्लास मे “
ये तो सफेद झूठ बोलने पर तुली हुई थी , लेकिन मैं उसके झूठ को सुनकर मुस्कुराने लगा , वो फिर से खड़ी होने को हुई और मैने उसके हाथो को पकड़ कर फिर से उसे नीचे बिठा दिया …
“क्या कर रहे हो चलो ना क्लास का टाइम हो रहा है “
वो हड़बड़ाई हुई सी बोली
“आज नही ”
“मतलब.???”
“ मतलब ये मेडम की आज हम क्लास नही जाएगे “
वो मुझे थोड़े अजीब निगाहो से देखने लगी
“तो क्या करेंगे “
“बस यही बैठेंगे , बाते करेंगे “
उसका चेहरा मुझे साफ बता रहा था की वो भी दिल से यही चाहती है लेकिन फिर भी बाहर से उसने थोड़ा ना नुकुर किया
“अरे क्लास ….”
“क्लास की मा का …”
“अंकित … क्या गंदी गंदी बात करते हो , चलो ठीक है हम यही बैठते है तो अक्की और बाकी लोगो को भी बुला हू “
मैने उसका हाथ थाम लिया , वो बड़े ही आश्चर्य से मुझे देख रही थी लेकिन उसके मासूम से चेहरे मे एक डर भी फैला हुआ था , शायद उसकी धड़कने तेज थी , वो हल्के हल्के कांप रही थी …
“किसी को मत बुलाओ बस हम दोनो ,,, अकेले बाते करते है “
वो थोड़ी देर तक मेरी आँखो को देखती रही जैसे कुछ पढ़ने की कोशिस कर रही हो , और फिर उसके चेहरे मे थोड़े शर्म के भाव आए और उसका चेहरा भी झुक गया
हम दोनो ही बिना कुछ बोले ही वहाँ बैठे रहे , क्या बोला जाए ये मुझे भी समझ नही आ रहा था, बस उसका हाथ मेरे हाथो मे था और हम दोनो ही किसी के पहले बोलने के इंतजार मे थे , जब दोनो मे से कोई नही बोला तो मैं उसकी गोद मे अपना सर रखने लगा
“ये क्या कर रहे हो “
वो थोड़ी सी हड़बड़ाई
“क्यो गोद मे सोने नही देगी क्या “
वो मुस्कुराइ और उसने खुद को पेड़ से टीका लिया और अपने बस्ते को अपने गोद मे रख दिया ताकि मैं उसपर अपना सर रख सकु , मैं उसकी गोद मे लेटा हुआ उसके चेहरे को देख रहा था ,
“नेहा सुनो ना “
“ह्म “
वो मुझसे बात करने के लिए थोड़ी सी झुकी , मेरे सामने वो सुंदर सा चेहरा था जो भोलेपन से भरा हुआ था, आँखो मे चश्मा अभी बी लगा हुआ था , बाल खुले हुए थे , फ्रॅक पहनी हुई थी लेकिन फिर भी आँखो मे छोटी सी बिंदी लगाने से उसकी खूबसूरती और भी ज़्यादा निखर कर बाहर आ रही थी ..
मैं इसी सोच मे था की मेरे ऐसे करने से नेहा के दिल मे क्या हो रहा होगा , क्या उसे ये लगेगा की मैं भी उसे प्यार करता हू , और क्या मैं सच मे उससे प्यार करता हू , वो मेरी बहुत अच्छी दोस्त थी उसे धोखा देना ,,
नही नही मैं उसे धोखा तो नही दे सकता , मैं खुद को ही कभी माफ़ नही कर पाउन्गा , क्या मुझे सुस के बारे मे इसे बता देना चाहिए …..सुस के बारे मे सुनकर इसके दिल पर क्या बीतेगी ….
मेरे चेहरे मे चिंता के भाव आ गये थे वही नेहा मेरे दिल के हालत से अंजान सी मेरे उपर थोड़ी झुक गयी , उसके बाल मेरे चेहरे पर पड़ने ल्गे थे वही उसकी आँखे मेरे चेहरे पर जमी हुई थी जिससे उसका चेहरा मुझे साफ साफ दिख रहा था , वो खुश थी बहुत खुश थी …
“क्या बोलना चाहते थे “
उसकी बात से मैं अपने ख़यालो से निकल गया , मुझे क्या करना चाहिए???
मेरे सामने अब भी ये बड़ा सवाल था
“नेहा ,, मुझसे कुछ मत छिपा सीधे सीधे एक सवाल का जवाब दोगि “
वो मुझे घुरने लगी
“क्या ?”
“क्या तुम मुझसे प्यार करती हो “
वो कुछ भी नही बोल पाई
“और हा प्यार मतलब दोस्त वाला नही , तुम समझ गयी ना मैं कौन से वाले प्यार के बारे मे बात कर रहा हू “
वो स्तब्ध थी , अवाक थी , उसने कभी मुझसे ऐसे प्रश्न की अपेक्षा भी तो नही की थी …
“नेहा तुम्हारी आँखे बताती है की तुम मुझसे प्यार करती हो, और मुझे ही क्या सभी को ये पता है ,सुस को भी “
उसने आश्चर्य से मुझे देखा , साथ ही उसके आँखो मे थोड़ा गीलापन उतरने लगा,
“मुझे माफ़ कर दो “
नेहा के ऐसा कहने से मैं बड़े ही आश्चर्य मे पड़ गया , ये मुझसे माफी क्यो माँग रही है ???
“तुम मुझसे माफी क्यो माँग रही हो “
“क्योकि मैने ये भी नही सोचा की तुम मेरे बारे मे क्या सोचते हो और मैं प्यार कर बैठी ,इसमे तुम्हारी कोई ग़लती नही है, तुम ये सब इसलिए कर रहे थे ना की मुझे दुख ना पहुचे , मैं अब समझ गई , नही अंकित मुझे दुख नही होगा अगर तुम मुझसे प्यार नही करते तो कोई बात नही अगर तुम्हे सुस ही पसंद है तो ठीक है कोई बात नही “
मैं हसने लगा
“ये मैं कोई आइटम वातें नही हू समझे , चलो क्लास के लिए लेट हो रहा है , तू यहाँ क्यो आ गया मैं तो आ ही रही थी क्लास मे “
ये तो सफेद झूठ बोलने पर तुली हुई थी , लेकिन मैं उसके झूठ को सुनकर मुस्कुराने लगा , वो फिर से खड़ी होने को हुई और मैने उसके हाथो को पकड़ कर फिर से उसे नीचे बिठा दिया …
“क्या कर रहे हो चलो ना क्लास का टाइम हो रहा है “
वो हड़बड़ाई हुई सी बोली
“आज नही ”
“मतलब.???”
“ मतलब ये मेडम की आज हम क्लास नही जाएगे “
वो मुझे थोड़े अजीब निगाहो से देखने लगी
“तो क्या करेंगे “
“बस यही बैठेंगे , बाते करेंगे “
उसका चेहरा मुझे साफ बता रहा था की वो भी दिल से यही चाहती है लेकिन फिर भी बाहर से उसने थोड़ा ना नुकुर किया
“अरे क्लास ….”
“क्लास की मा का …”
“अंकित … क्या गंदी गंदी बात करते हो , चलो ठीक है हम यही बैठते है तो अक्की और बाकी लोगो को भी बुला हू “
मैने उसका हाथ थाम लिया , वो बड़े ही आश्चर्य से मुझे देख रही थी लेकिन उसके मासूम से चेहरे मे एक डर भी फैला हुआ था , शायद उसकी धड़कने तेज थी , वो हल्के हल्के कांप रही थी …
“किसी को मत बुलाओ बस हम दोनो ,,, अकेले बाते करते है “
वो थोड़ी देर तक मेरी आँखो को देखती रही जैसे कुछ पढ़ने की कोशिस कर रही हो , और फिर उसके चेहरे मे थोड़े शर्म के भाव आए और उसका चेहरा भी झुक गया
हम दोनो ही बिना कुछ बोले ही वहाँ बैठे रहे , क्या बोला जाए ये मुझे भी समझ नही आ रहा था, बस उसका हाथ मेरे हाथो मे था और हम दोनो ही किसी के पहले बोलने के इंतजार मे थे , जब दोनो मे से कोई नही बोला तो मैं उसकी गोद मे अपना सर रखने लगा
“ये क्या कर रहे हो “
वो थोड़ी सी हड़बड़ाई
“क्यो गोद मे सोने नही देगी क्या “
वो मुस्कुराइ और उसने खुद को पेड़ से टीका लिया और अपने बस्ते को अपने गोद मे रख दिया ताकि मैं उसपर अपना सर रख सकु , मैं उसकी गोद मे लेटा हुआ उसके चेहरे को देख रहा था ,
“नेहा सुनो ना “
“ह्म “
वो मुझसे बात करने के लिए थोड़ी सी झुकी , मेरे सामने वो सुंदर सा चेहरा था जो भोलेपन से भरा हुआ था, आँखो मे चश्मा अभी बी लगा हुआ था , बाल खुले हुए थे , फ्रॅक पहनी हुई थी लेकिन फिर भी आँखो मे छोटी सी बिंदी लगाने से उसकी खूबसूरती और भी ज़्यादा निखर कर बाहर आ रही थी ..
मैं इसी सोच मे था की मेरे ऐसे करने से नेहा के दिल मे क्या हो रहा होगा , क्या उसे ये लगेगा की मैं भी उसे प्यार करता हू , और क्या मैं सच मे उससे प्यार करता हू , वो मेरी बहुत अच्छी दोस्त थी उसे धोखा देना ,,
नही नही मैं उसे धोखा तो नही दे सकता , मैं खुद को ही कभी माफ़ नही कर पाउन्गा , क्या मुझे सुस के बारे मे इसे बता देना चाहिए …..सुस के बारे मे सुनकर इसके दिल पर क्या बीतेगी ….
मेरे चेहरे मे चिंता के भाव आ गये थे वही नेहा मेरे दिल के हालत से अंजान सी मेरे उपर थोड़ी झुक गयी , उसके बाल मेरे चेहरे पर पड़ने ल्गे थे वही उसकी आँखे मेरे चेहरे पर जमी हुई थी जिससे उसका चेहरा मुझे साफ साफ दिख रहा था , वो खुश थी बहुत खुश थी …
“क्या बोलना चाहते थे “
उसकी बात से मैं अपने ख़यालो से निकल गया , मुझे क्या करना चाहिए???
मेरे सामने अब भी ये बड़ा सवाल था
“नेहा ,, मुझसे कुछ मत छिपा सीधे सीधे एक सवाल का जवाब दोगि “
वो मुझे घुरने लगी
“क्या ?”
“क्या तुम मुझसे प्यार करती हो “
वो कुछ भी नही बोल पाई
“और हा प्यार मतलब दोस्त वाला नही , तुम समझ गयी ना मैं कौन से वाले प्यार के बारे मे बात कर रहा हू “
वो स्तब्ध थी , अवाक थी , उसने कभी मुझसे ऐसे प्रश्न की अपेक्षा भी तो नही की थी …
“नेहा तुम्हारी आँखे बताती है की तुम मुझसे प्यार करती हो, और मुझे ही क्या सभी को ये पता है ,सुस को भी “
उसने आश्चर्य से मुझे देखा , साथ ही उसके आँखो मे थोड़ा गीलापन उतरने लगा,
“मुझे माफ़ कर दो “
नेहा के ऐसा कहने से मैं बड़े ही आश्चर्य मे पड़ गया , ये मुझसे माफी क्यो माँग रही है ???
“तुम मुझसे माफी क्यो माँग रही हो “
“क्योकि मैने ये भी नही सोचा की तुम मेरे बारे मे क्या सोचते हो और मैं प्यार कर बैठी ,इसमे तुम्हारी कोई ग़लती नही है, तुम ये सब इसलिए कर रहे थे ना की मुझे दुख ना पहुचे , मैं अब समझ गई , नही अंकित मुझे दुख नही होगा अगर तुम मुझसे प्यार नही करते तो कोई बात नही अगर तुम्हे सुस ही पसंद है तो ठीक है कोई बात नही “
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कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)