“भाभी मैं कैसे समझाऊ की आप मेरे लिए क्या हो …कल जो मुझसे हुआ वो मेरी नशे के आवेग मे हुआ मैं आपसे वादा करता हू की मैं कभी ऐसे नशे नही करूँगा , जिसमे मैं सही और ग़लत का फ़र्क भी भूल जाऊ … रही बात जिस्म की तो हा मैं आपको पाना चाहता हू , अपना बनाना चाहता हू , खुद मे मिला लेना चाहता हू एक हो जाना चाहता हू लेकिन ……..लेकिन मैं आपके जिस्म का भोग करके ये सब नही करना चाहता , मैं प्रेम की गहराई मे गोते लगा कर ये सब करना चाहता हू ..
शायद देखने से दोनो ही एक लगे लेकिन मेरे लिए दोनो मे बहुत ही फ़र्क है … मैं आपको प्रेम करना चाहता हू आपको हवस की नज़रो से नही देखना चाहता …
मेरी आँखे अब भी आपके जिस्म पर टिक जाती है लेकिन फिर भी मेरा यकीन मानिए की मैं आपसे ही प्रेम करता हू आपके रूप या जिस्म से नही .. आप मेरे लिए क्या हो मैं ये नही समझा सकता , बस समझ लो की मेरे लिए आप मेरी सब कुछ है …”
मेरी आँखे गीली थी , भाभी की आँखे गीली थी … एक अजीब सा रिश्ता जो ना मैं समझ पा रहा था ना ही भाभी लेकिन ये रिश्ता हमारे बीच बन गया था ..
प्रेम तो हमारे बीच हमेशा से ही था लेकिन ये प्रेम का कौन सा स्वरूप था इसी प्रश्न के उत्तर की तलाश हमे अभी भी थी , हम दोनो ही एक दूसरे के आँखो से बहते हुए नीर को अपने हाथो से सॉफ कर रहे थे, उन्होने मुझे अपनी ओर खिच लिया और अपने सीने से लगा लिया , वो बार बार मेरे सर को पकड़ती और मेरे माथे को चूम लेती थी ..
कितनी अजीब सी बात होई रही थी , वही छातिया थी कभी ये मेरे अंदर हवस जगाती थी तो कभी प्रेम , कभी ये शुकून देती थी तो कभी शुकून ही छीन लेती थी , वही भाभी का जिस्म था जो कभी मेरे लिंग मे अकड़ ला देता था तो कभी दिल मे प्रेम की लहर पैदा कर देता था , कभी उसका स्पर्श ही उत्तेजना का कारण बन जाता था आज उससे लिपटे हुए भी उसमे सामने की कामना करते हुए भी कोई भी उत्तेजना नही थी , बस एक शांति थी …
वो मेरे बालो को सहला रही थी मैं उनके सीने से चिपका हुआ उस प्रेम को महसूस कर रहा था ..
वो अपना जिस्म मेरे लिए न्यौछावर करने को तैयार थी , प्रेम तो वो पहले से मुझपर जी भर कर लूटा रही थी, और मैं अभागा अभी भी अंतरद्वंद मे फँसा हुआ था , अभी भी मेरा जिस्म और भावनाओ के बीच एक द्वंद चल रहा था… मैं एक कदम उठाने को भी सोच रहा था .. खैर अभी मैं कुछ नही सोचना चाहता था अभी तो मैं बस उस नर्म और ममता की गर्मी से गर्म जिस्म के स्पर्श को महसूस करना चाहता था बस उसमे खोए रहना चाहता था ………….
Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
अपडेट 28
मेरा फोन घनघनाने लगा था , देखा तो ये सुस का कॉल था ..सुस ने ही मुझे ये फोन गिफ्ट किया था , नंबर भी उसी ने डलवाए था और ये नंबर मेरे खुच खास दोस्तो के अलावा और किसी के पास नही था ..
“क्या हुआ ??”
“आज आए क्यो नही “
मैने टाइम देखा अभी रात के 3 बज रहे थे
“इस समय ये पोछने के लिए फ़ोन किया है तुमने ??”
मुझे सुस की इस बात पर थोड़ा गुस्सा आया , तभी मुझे कमरे मे किसी और की भी आवाज़ आई
‘ओके बेबी मैं चलता हू ‘ ये किसी लड़के की आवाज़ थी
‘ओके बाइ ‘ सुस ने जवाब दिया
थोड़ी देर तक कोई आवाज़ उधर से नही आई
“सुस ??”
“हा .. वो तुम्हारी याद आ गयी थी इसलिए तुमने कॉल कर लिया आज तुमने देखा नही है ना “
उसकी आवाज़ मे एक अजीब सी मदहोशी थी या फिर निराशा ??
“कोई तुम्हारे साथ है क्या ??”
“साथ है नही था .. अभी चला गया “
“कौन..?”
“कोई नही मेरा एक फक बडी है , आज क्लब मे अकेले थी वही मिल गया , तुम तो थे नही तो सोचा की क्यो ना थोड़ी मस्ती कर ली जाय , इसलिए उसे अपने फ्लॅट मे ले आई “
सुस की बात सुनकर पता नही मुझे एक अजीब सी जलन महसूस हुई
“तुम तो कह रही थी की तुम मुझसे प्यार करती हो ??”
“हा तुमसे ही प्यार करती हू ..”
“तो ये क्या था ??”
इस बार मेरी आवाज़ मे थोड़ा गुस्सा भी था , वही सुस हल्के से हँसी शायद उसे भी मेरी आवाज़ मे बसी हुई नाराज़गी का अंदाज़ा हो गया था ..
“बस सेक्स और क्या ??”
सुस की बात सुन कर मैने एक गहरी सांस ली
“प्यार मुझसे और सेक्स किसी और से .. ये कैसा प्यार है “
सुस जोरो से हँसी
“ जलन हो रही है , बढ़िया है , जलन भी प्यार की निशानी ही होती है …ऐसे प्यार और सेक्स मे दूर दूर तक कोई समानता नही है .. हा लोग प्यार मे हो तो सेक्स कर सकते है लेकिन सेक्स करने के लिए प्यार मे होना ज़रूरी नही है ..”
“ह्म तो मुझे कॉल क्यो किया “ मैने गुस्से से कहा
“विजय से से सेक्स करते हुए तुम्हारा ही ख्याल आ रहा था ऐसा लग रहा था की तुम ही मेरे उपर छाए हुए हो “
मुझे उसकी बात सुनकर एक अजीब सी उत्तेजना हुई लेकिन साथ ही साथ एक जलन और गुस्सा भी मेरे मन मे भरने लगा था
“ओके मुझे नींद आ रही है बाइ “
“अरे सुनो ना “ सुस ने झट से कहा
“क्या है??”
“तुम मेरे साथ रात कब बिता रहे हो , मैने कहा था ना की मेरे फ्लॅट मे आ कर रहो ,, अगर तुम यहाँ होते तो .. हर रात तुम्हारे साथ ही बिताती “
सुस की आवाज़ मे गजब की मदहोशी आ चुकी थी
“भाभी यहाँ से नही जाना चाहती , और मैं उन्हे अकेले नही छोड़ सकता “
“ऊहह अकेले मत छोड़ो लेकिन कम से कम मेरे साथ तो रहो “
“हुम्म देखते है .. ओके बाइ “
मैने रूखे पन से कहा लेकिन सुस ने इसका जवाब हल्के से हंस कर दिया
“बाइ जानू, लव यू “
और मैने बिना कुछ कहे ही फोन रख दिया ……..
************
मेरा फोन घनघनाने लगा था , देखा तो ये सुस का कॉल था ..सुस ने ही मुझे ये फोन गिफ्ट किया था , नंबर भी उसी ने डलवाए था और ये नंबर मेरे खुच खास दोस्तो के अलावा और किसी के पास नही था ..
“क्या हुआ ??”
“आज आए क्यो नही “
मैने टाइम देखा अभी रात के 3 बज रहे थे
“इस समय ये पोछने के लिए फ़ोन किया है तुमने ??”
मुझे सुस की इस बात पर थोड़ा गुस्सा आया , तभी मुझे कमरे मे किसी और की भी आवाज़ आई
‘ओके बेबी मैं चलता हू ‘ ये किसी लड़के की आवाज़ थी
‘ओके बाइ ‘ सुस ने जवाब दिया
थोड़ी देर तक कोई आवाज़ उधर से नही आई
“सुस ??”
“हा .. वो तुम्हारी याद आ गयी थी इसलिए तुमने कॉल कर लिया आज तुमने देखा नही है ना “
उसकी आवाज़ मे एक अजीब सी मदहोशी थी या फिर निराशा ??
“कोई तुम्हारे साथ है क्या ??”
“साथ है नही था .. अभी चला गया “
“कौन..?”
“कोई नही मेरा एक फक बडी है , आज क्लब मे अकेले थी वही मिल गया , तुम तो थे नही तो सोचा की क्यो ना थोड़ी मस्ती कर ली जाय , इसलिए उसे अपने फ्लॅट मे ले आई “
सुस की बात सुनकर पता नही मुझे एक अजीब सी जलन महसूस हुई
“तुम तो कह रही थी की तुम मुझसे प्यार करती हो ??”
“हा तुमसे ही प्यार करती हू ..”
“तो ये क्या था ??”
इस बार मेरी आवाज़ मे थोड़ा गुस्सा भी था , वही सुस हल्के से हँसी शायद उसे भी मेरी आवाज़ मे बसी हुई नाराज़गी का अंदाज़ा हो गया था ..
“बस सेक्स और क्या ??”
सुस की बात सुन कर मैने एक गहरी सांस ली
“प्यार मुझसे और सेक्स किसी और से .. ये कैसा प्यार है “
सुस जोरो से हँसी
“ जलन हो रही है , बढ़िया है , जलन भी प्यार की निशानी ही होती है …ऐसे प्यार और सेक्स मे दूर दूर तक कोई समानता नही है .. हा लोग प्यार मे हो तो सेक्स कर सकते है लेकिन सेक्स करने के लिए प्यार मे होना ज़रूरी नही है ..”
“ह्म तो मुझे कॉल क्यो किया “ मैने गुस्से से कहा
“विजय से से सेक्स करते हुए तुम्हारा ही ख्याल आ रहा था ऐसा लग रहा था की तुम ही मेरे उपर छाए हुए हो “
मुझे उसकी बात सुनकर एक अजीब सी उत्तेजना हुई लेकिन साथ ही साथ एक जलन और गुस्सा भी मेरे मन मे भरने लगा था
“ओके मुझे नींद आ रही है बाइ “
“अरे सुनो ना “ सुस ने झट से कहा
“क्या है??”
“तुम मेरे साथ रात कब बिता रहे हो , मैने कहा था ना की मेरे फ्लॅट मे आ कर रहो ,, अगर तुम यहाँ होते तो .. हर रात तुम्हारे साथ ही बिताती “
सुस की आवाज़ मे गजब की मदहोशी आ चुकी थी
“भाभी यहाँ से नही जाना चाहती , और मैं उन्हे अकेले नही छोड़ सकता “
“ऊहह अकेले मत छोड़ो लेकिन कम से कम मेरे साथ तो रहो “
“हुम्म देखते है .. ओके बाइ “
मैने रूखे पन से कहा लेकिन सुस ने इसका जवाब हल्के से हंस कर दिया
“बाइ जानू, लव यू “
और मैने बिना कुछ कहे ही फोन रख दिया ……..
************
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
सुबह सुबह की टीवी मे एक न्यूज़ देखकर मेरी आँखे ही फट गई ..
‘मशहूर बिज़्नेस मैं शशांक मल्होत्रा के बेटे विजय मल्होत्रा की हत्या …. कहा जा रहा है की विजय मल्होत्रा मंत्री दया संकर तिवारी की बेटी स्मिता तिवारी का बाय्फ्रेंड था , हत्या वैसे ही किया गया है जैसे पहले मंत्री तिवारी के खास भवानी को मारा गया था , वही नाम शिवा .. आख़िर ये शिवा है कौन … बेरहमी से हत्या करने के बाद दीवाल पर खून से शिवा लिखा हुआ मिला , जैसा की हमे आपको पहले भी बताया है की ये शक्ति गेंग का स्टाइल है .. क्या शक्ति गेंग फिर से आक्टिव हो रहा है , या ये महज पुलिस कोई बहकाने की कोई चाल है …विजय के पिता शशांक भी तिवारी के खास व्यक्ति थे और उनके बेटे पर हमला सीधे ही मंत्री तिवारी के अहंकार को चुनौती देने की तरह है , क्या हमे फिर से इस शहर मे गैंग वॉर दिखाई देने वाला है ???
पुलिस और प्रशासन दोनो ही खामोश है , आख़िर जानता को जवाब कौन देगा ..’
टीवी रिपोर्टर की बातों से मेरे चेहरे का रंग ही उड़ गया था वही मेरे साथ बैठे हुए संपत मामा भी मुझे घूर रहे थे ..
“इसे मारने की क्या ज़रूरत थी “
संपत मुझे अजीब निगाहो से देख रहा था, मैं बुरी तरह से चौक गया
“ये क्या बोल रहे हो मामा मैने किसी को नही मारा है , ये आख़िर कौन है जो मेरा नाम यूज कर रहा है ..”
“हा मामा कल तो ये मेरे साथ ही था “
हमे चाय देने आई भाभी ने सफाई दी , वही संपत के चेहरे के भाव गंभीर हो गये , उन्होने नीचे बैठे अपने लोगो को देखा, टीवी पर ये न्यूज़ देखकर वो उछल रहे थे , शायद उन्हे फिर से यही लग रहा था की ये कारनामा भी मैने ही किया है ,
“देखो इन लोगो को तो यही लग रहा है की ये हमारे शिवा यानी की तुमने किया है तो मेरे ख्याल से इन्हे इस भ्रम मे ही रहने देना चाहिए , कम से कम ये लोग खुश तो है और इसी बहाने इनमे थोड़ा जोश भी आएगा “
“लेकिन मामा ये तो सोनू के लिए ख़तरा हो सकता है “
भाभी की चिंता भी स्वाभाविक थी
“हा वो तो है लेकिन अभी असलियत तो हम भी नही जानते तो किसी से कुछ कहना सही नही होगा, पहले हमे इसकी जाँच पड़ताल करनी होगी “
मामा की बात का हम दोनो ने समर्थन किया , तभी मेरा मोबाइल फिर से बज उठा इस बार नंबर अननोन था
“हेलो …”
“अंकित ..??”
किसी लड़की की आवाज़ थी
“जी बोल रहा हू “
“तुम्हे अंकित बुलाऊ ..या सोनू ..??”
उसकी बात सुनकर मेरी गान्ड ही फट गयी थी
“मतलब?? “ मैं बुरी तरह से हड़बड़ाया था
वो हल्के से हँसी ,
“मेरा नाम है पूर्वी, इनस्पेक्टर पूर्वी .. क्राइम ब्रांच, तुम अभी पुलिस स्टेशन आ जाओ, मुझे तुमसे मिलना है “
“जी क्यो ??”
वो फिर से हँसी
“विजय मल्होत्रा मर्डर केस के बारे मे बात करनी है “
“जी लेकिन उससे मेरा क्या तालुक ??”
अब तो मेरे माथे मे भी पसीना आने लगा था , वही भाभी और संपत आँखे फाडे हुए मेरे चेहरे का एक्सप्रेशन देख रहे थे ..उन्होने मुझे स्पीकर ओंन करने को कहा ताकि वो भी समझ सके की मेरी ये हालत आख़िर ऐसी क्यो हो रही है
“तुम्हारा क्या तालुक है वो तो यहाँ आकर ही पता चलेगा मिसटर अंकित उर्फ शिवा उर्फ सोनू ..”
उसकी आवाज़ मे एक धमकी थी जिसे सुनकर मैं पूरी तरह से सुन्न पड़ गया था
“देखो मैं चाहू तो तुम्हे तुम्हारे ठिकाने से भी घसीट कर ला सकती हू लेकिन तुम्हारी और तुम्हारी भाभी की इज़्ज़त के खातिर मैं तुम्हे ये मौका दे रही हू की तुम मुझे मेरे ऑफीस मे आकर मिलो “
उसने थोड़े नर्म होकर कहा
“जी आता हू “
“गुड “
और फोन रख दिया गया ..
संपत और भाभी दोनो ही मुझे तो कभी एक दूसरे को घूर रहे थे ,
“ये इनस्पेक्टर पूर्वी है , ये अपने पूरे टीम के साथ पांडे मर्डर केस मे लगी हुई थी , मतलब इसने तुम्हारे बारे मे बहुत कुछ जान लिया है “
संपत के चेहरे मे भी पसीना आ गया था
“सोनू तू वहाँ नही जाएगा “ भाभी की आवाज़ मे एक कंपन पैदा हो गयी थी
“नही आरती उसे जाने दे , वो कोई मामूली पुलिस वाले नही है बल्कि क्राइम ब्रांच वाले है वो भी स्पेशल सेल वाले , अगर उन्हे इसे गिरिफ्टार करना होता तो कब का कर चुके होते लेकिन मुझे लगता है की उन्हे भी ये पता है की विवेक का खून इसने नही किया है ..”
“हा लेकिन पांडे और उन पुलिस वालो का ..”
मैने घबराते हुए मामा से कहा
“जहाँ तक मैं इनकी टीम को जानता हू इन लोगो ने पांडे वाला केस बस दिखावे के लिए ही लिया होगा , असल मकसद कुछ और ही होगा , सभी को पता था की पांडे कैसा आदमी है उसके मरने पर किसी को कोई भी दुख होने वाला नही है.. देख तू बस उनके सामने सच बता देना , झूठ बोलेगा तो वो पकड़ लेंगे .. शायद वो हमारी मदद कर सके “
मामा की बात सुनकर मैने भाभी की ओर देखा उन्होने भी हामी मे सर हिला दिया …..
‘मशहूर बिज़्नेस मैं शशांक मल्होत्रा के बेटे विजय मल्होत्रा की हत्या …. कहा जा रहा है की विजय मल्होत्रा मंत्री दया संकर तिवारी की बेटी स्मिता तिवारी का बाय्फ्रेंड था , हत्या वैसे ही किया गया है जैसे पहले मंत्री तिवारी के खास भवानी को मारा गया था , वही नाम शिवा .. आख़िर ये शिवा है कौन … बेरहमी से हत्या करने के बाद दीवाल पर खून से शिवा लिखा हुआ मिला , जैसा की हमे आपको पहले भी बताया है की ये शक्ति गेंग का स्टाइल है .. क्या शक्ति गेंग फिर से आक्टिव हो रहा है , या ये महज पुलिस कोई बहकाने की कोई चाल है …विजय के पिता शशांक भी तिवारी के खास व्यक्ति थे और उनके बेटे पर हमला सीधे ही मंत्री तिवारी के अहंकार को चुनौती देने की तरह है , क्या हमे फिर से इस शहर मे गैंग वॉर दिखाई देने वाला है ???
पुलिस और प्रशासन दोनो ही खामोश है , आख़िर जानता को जवाब कौन देगा ..’
टीवी रिपोर्टर की बातों से मेरे चेहरे का रंग ही उड़ गया था वही मेरे साथ बैठे हुए संपत मामा भी मुझे घूर रहे थे ..
“इसे मारने की क्या ज़रूरत थी “
संपत मुझे अजीब निगाहो से देख रहा था, मैं बुरी तरह से चौक गया
“ये क्या बोल रहे हो मामा मैने किसी को नही मारा है , ये आख़िर कौन है जो मेरा नाम यूज कर रहा है ..”
“हा मामा कल तो ये मेरे साथ ही था “
हमे चाय देने आई भाभी ने सफाई दी , वही संपत के चेहरे के भाव गंभीर हो गये , उन्होने नीचे बैठे अपने लोगो को देखा, टीवी पर ये न्यूज़ देखकर वो उछल रहे थे , शायद उन्हे फिर से यही लग रहा था की ये कारनामा भी मैने ही किया है ,
“देखो इन लोगो को तो यही लग रहा है की ये हमारे शिवा यानी की तुमने किया है तो मेरे ख्याल से इन्हे इस भ्रम मे ही रहने देना चाहिए , कम से कम ये लोग खुश तो है और इसी बहाने इनमे थोड़ा जोश भी आएगा “
“लेकिन मामा ये तो सोनू के लिए ख़तरा हो सकता है “
भाभी की चिंता भी स्वाभाविक थी
“हा वो तो है लेकिन अभी असलियत तो हम भी नही जानते तो किसी से कुछ कहना सही नही होगा, पहले हमे इसकी जाँच पड़ताल करनी होगी “
मामा की बात का हम दोनो ने समर्थन किया , तभी मेरा मोबाइल फिर से बज उठा इस बार नंबर अननोन था
“हेलो …”
“अंकित ..??”
किसी लड़की की आवाज़ थी
“जी बोल रहा हू “
“तुम्हे अंकित बुलाऊ ..या सोनू ..??”
उसकी बात सुनकर मेरी गान्ड ही फट गयी थी
“मतलब?? “ मैं बुरी तरह से हड़बड़ाया था
वो हल्के से हँसी ,
“मेरा नाम है पूर्वी, इनस्पेक्टर पूर्वी .. क्राइम ब्रांच, तुम अभी पुलिस स्टेशन आ जाओ, मुझे तुमसे मिलना है “
“जी क्यो ??”
वो फिर से हँसी
“विजय मल्होत्रा मर्डर केस के बारे मे बात करनी है “
“जी लेकिन उससे मेरा क्या तालुक ??”
अब तो मेरे माथे मे भी पसीना आने लगा था , वही भाभी और संपत आँखे फाडे हुए मेरे चेहरे का एक्सप्रेशन देख रहे थे ..उन्होने मुझे स्पीकर ओंन करने को कहा ताकि वो भी समझ सके की मेरी ये हालत आख़िर ऐसी क्यो हो रही है
“तुम्हारा क्या तालुक है वो तो यहाँ आकर ही पता चलेगा मिसटर अंकित उर्फ शिवा उर्फ सोनू ..”
उसकी आवाज़ मे एक धमकी थी जिसे सुनकर मैं पूरी तरह से सुन्न पड़ गया था
“देखो मैं चाहू तो तुम्हे तुम्हारे ठिकाने से भी घसीट कर ला सकती हू लेकिन तुम्हारी और तुम्हारी भाभी की इज़्ज़त के खातिर मैं तुम्हे ये मौका दे रही हू की तुम मुझे मेरे ऑफीस मे आकर मिलो “
उसने थोड़े नर्म होकर कहा
“जी आता हू “
“गुड “
और फोन रख दिया गया ..
संपत और भाभी दोनो ही मुझे तो कभी एक दूसरे को घूर रहे थे ,
“ये इनस्पेक्टर पूर्वी है , ये अपने पूरे टीम के साथ पांडे मर्डर केस मे लगी हुई थी , मतलब इसने तुम्हारे बारे मे बहुत कुछ जान लिया है “
संपत के चेहरे मे भी पसीना आ गया था
“सोनू तू वहाँ नही जाएगा “ भाभी की आवाज़ मे एक कंपन पैदा हो गयी थी
“नही आरती उसे जाने दे , वो कोई मामूली पुलिस वाले नही है बल्कि क्राइम ब्रांच वाले है वो भी स्पेशल सेल वाले , अगर उन्हे इसे गिरिफ्टार करना होता तो कब का कर चुके होते लेकिन मुझे लगता है की उन्हे भी ये पता है की विवेक का खून इसने नही किया है ..”
“हा लेकिन पांडे और उन पुलिस वालो का ..”
मैने घबराते हुए मामा से कहा
“जहाँ तक मैं इनकी टीम को जानता हू इन लोगो ने पांडे वाला केस बस दिखावे के लिए ही लिया होगा , असल मकसद कुछ और ही होगा , सभी को पता था की पांडे कैसा आदमी है उसके मरने पर किसी को कोई भी दुख होने वाला नही है.. देख तू बस उनके सामने सच बता देना , झूठ बोलेगा तो वो पकड़ लेंगे .. शायद वो हमारी मदद कर सके “
मामा की बात सुनकर मैने भाभी की ओर देखा उन्होने भी हामी मे सर हिला दिया …..
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: Meri Bhabhi Ma मेरी भाभी माँ
अपडेट 29
पुलिस स्टेशन से मुझे एक दूसरे ऑफीस ले जाया गया था, वो किसी इट कंपनी के ऑफीस की तरह दिखाई पड़ रहा था , एक बड़े से कॅबिन मे मुझे ले जाया गया ..
“सिट डाउन सोनू “
एक महिला की ये तेज लेकिन लुभावनी सी आवाज़ मेरे कानो तक आई और जब मैने उसे देखा तो बस मानो देखता ही रह गया , कसी हुई शर्ट मे उसके बड़े बड़े आम बिल्कुल किसी पर्वत की तरह दिखाई दे रहे थे , बाल खुले हुए थे लेकिन बहुत ही तरीके से सवरे गये , और बस एक हेर बेल्ट की सहायता से बाँधे गये थे , सफेद रंग की कमीज़ और नीले रंग की जीन उसे बिल्कुल ही एक रफ आंड टफ लुक दे रही थी लेकिन फिर भी बहुत ही प्रोफेशनल की तरह लग रही थी , मेरे सामने रखे टेबल के उस पर रखी एक चेर मे उसका ब्लेज़र पड़ा हुआ था , वो टेबल मे अपने कसे हुए पिछवाड़े को जमाए मेरे बाजू मे आकर खड़ी हो गयी थी ..
“हम तुम्हारे बारे मे सब जानते है , तुम कहा रहते हो क्या करते हो , कहा से आए हो , क्यो आए हो , वागरह वागरह …”
“आपने मुझे यहाँ क्यो बुलाया और आप अगर मेरे बारे मे सब जानते हो तो मुझे अभी तक अरेस्ट क्यो नही किया “
मेरी बात सुनकर वो थोड़ा सा हँसी
“हुम्म पॉइंट की बात तो यही है क्यो ..?? चलो शुरू से शुरू करते है.. मेरा नाम है इनस्पेक्टर पूर्वी , मैं क्राइम ब्रांच की एक अधिकारी हू , और ये मेरा ऑफीस है जो एस्पेशली पांडे मर्डर केस के लिए हमे दिया गया है , मैं और मेरी टीम तिवारी के काले करनामो को उजागर करने के लिए काफ़ी समय से प्रयासरत थे , और तभी पांडे की हत्या .. हमे एक बहाना मिल गया तिवारी की काले चित्तो का परदा फास करने के लिए .. लेकिन वो इतना कमीना और शातिर है और इतना पॉवरफ़ुल्ल भी है की ड्यूटी मे रहते हुए हम उसका बाल भी बांका नही कर सकते, तो हमे सोचा की क्यो ना उसे ढूँढा जाए जिसने पांडे का मर्डर किया है , सिंपल पुलिस के लिए शायद ये कठिन काम होता लेकिन हमारे लिए ये बस चुटकी बजाने जैसा काम था , हमे पता चल गया की पांडे की तुमसे पर्सनल दुश्मनी थी और फिर हमे कालवा का पता चला और फिर संपत का तुम्हारी भाभी का और फिर तुम्हारे कॉलेज का …
तुमने सही प्रश्न किया था की हमने तुम्हे अरेस्ट क्यो नही किया , क्योकि जहाँ तक हमे पता चला तुम एक नॉर्मल से कॉलेज गोयिंग लड़के हो जिसका अपराध की दुनिया से कोई भी तालुक नही है , तुमने तो ये भी नही पता की तुमने पांडे का मर्डर नही किया है “
पूर्वी की बात सुनकर मैं बुरी तरह से चौक गया साली पागल तो नही हो गयी थी ..
“ये आप क्यो बोल रही है “
उसके चेहरे मे एक मुस्कान खिल गयी
“हा अंकित .. तुमने अंकित बुलाऊ तो तुम्हे कोई अटराज तो नही “
मैने जल्दी मे ना मे सर हिलाया
“तो हा अंकित , तुमने पांडे का मर्डर किया नही है , बल्कि तुमसे ये करवाया गया है .. एक पूरे प्लान के द्वारा “
“व्हाट ..??”
मैं बुरी तरह से चौका था
“हा “
“आख़िर कौन ऐसा करवाना चाहेगा और वो भी मुझसे , मैं तो एक सामान्य सा लड़का हू “
मेरी बात सुनकर पूर्वी जोरो से हंस पड़ी ..
“हा तुम एक समय से लड़के हो लेकिन बात तुम्हारी नही थी “
मैं उसे अब भी आश्चर्य से ही देख रहा था
“तो फिर ..”
“तुम भले ही एक सिंपल से लड़के हो लेकिन तुम्हारी भाभी ..”
भाभी का नाम सुनते ही जैसे मुझे कोई करेंट का ज़ोर वाला झटका लग गया था , मेरी नज़र पूर्वी मे ही टिक गयी
“मेरी भाभी ..???”
मेरे होंठ सूखने लगे थे
“हा तुम्हारी भाभी , तुम्हारी भाभी कोई सिंपल इंसान नही है “
मेरा सर चकराने लगा था
“आख़िर आप ये क्या कह रहे हो मुझे कुछ भी समझ नही आ रहा , मैं उन्हे हमेशा से जानता हू वो एक सीधी साधी सी घरेलू औरत है …”
“हा वो है ..”
“तो आपने ऐसा क्यो कहा “
पूर्वी ने एक गहरी सांस ली
“क्योकि वो जीवा की भांजी है “
“व्हाट ..?? जीवा ..?? अंडरवर्ल्ड का डॉन जीवा.. जीवा गैंग का हेड “
“हुम्म वो जीवा की बहन कोमल की बेटी है , कालवा ने जब उसे पहली बार देखा था तब ही उसे पहचान लिया था , पहचानता भी क्यो ना आख़िर वो उसकी बहन कोमल की हू बा हू कॉपी जो है ..आख़िर अपनी बहन का चेहरा कोई कैसे भूल सकता है “
पूर्वी की बात सुनकर मैं पूरी तरह से स्तब्ध हो गया था
“यानी कालवा ही ..”
“हा कालवा ही जीवा है जो तिवारी के आदमियो से छिपने के लिए कालवा बन गया और सबको कह दिया गया की जीवा अंडरग्राउंड हो गया है , उस बस्ती मे ऐसे भी पहले से ही जीवा का ही राज था लेकिन सभी संपत को जानते थे ना की जीवा को , उसकी कोई तस्वीर भी मौजूद नही थी , वो जीवा गैंग का हेड था और उसकी बहन कोमल शक्ति गेंग की हेड थी , दोनो भाई बहन एक दूसरे से बेहद ही प्यार करते थे लेकिन साथ ही साथ दोनो को ही एक दूसरे के काम करने का तरीका बिल्कुल भी पसंद नही था , इसलिए दोनो ही अपना अपना गैंग चलाते थे ..”
“लेकिन भाभी की मा-बाप को तो सालो से जानता हू वो तो मेरे गाँव के पास वाले कॉलेज के बाहर चाय की छोटी सी टपरी चलती है “
“हुम्म हमने पता किया था और वो कोमल ही है जो अपने पुराने प्यार भुवन के साथ ये सब छोड़कर शांति की जिंदगी बिताने के लिए गाँव मे जाकर बस गयी “
“ऑश …”
मैं गहरे सदमे मे था .. क्या भाभी को ये सब पता है ..??
“लेकिन ….. लेकिन इन सबसे पांडे का क्या नाता है ??”
पूर्वी ने गहरी सांस ली
“कालवा उर्फ जीवा आरती को देखते ही पहचान गया था की वो उसकी भांजी है , जैसा हमे पता लगा की उसने ही तुम लोगो को सबसे पहले पांडे से बचाया और फिर घर दिलवाया , लेकिन वो नही चाहता था की उसकी भांजी ऐसा जीवन जिए , लेकिन उसे ये भी डर था की आरती उसकी बात को नही मानेगी क्यो की इस बारे मे उसे भी कुछ नही पता था, साथ ही साथ असलियत के बाहर आने से तिवारी का भी ख़तरा तुम दोनो पर बढ़ जाता , अगर आरती तिवारी या उन लोगो के नज़र मे आ जाती जो की कोमल को जानते थे तो तुम दोनो की ही जान ख़तरे मे पड़ जाती , और उसे पांडे से भी कई हिसाब चुकाने थे इसलिए उसने एक प्लान बनाया , पहले तो तुम्हे पैसो का लालच देकर अपने साथ यानी जीवा गैंग के लिए काम करवाने की कोशिस की लेकिन तुम नही माने तो उसने खुद ही पांडे को आरती की जानकारी भेजवा दी और फिर तुम्हने भी सही समय मे वहाँ पहुचा दिया, तुम्हारे हाथो पांडे का खून करवा दिया और ऐसे तुम दोनो ना चाहते हुए भी जीवा की हवेली मे आ गये , अब तुम्हारी भाभी को जीवा की असलियत का पता है या नही ये तो मैं नही जानती लेकिन मुझे इतना ज़रूर लगता है की उसे ये पता होगा ..”
“क्यो ??”
“क्योकि हमे लगता है की शिवा के नाम से कत्ल करने वाला कोई और नही बल्कि तुम्हारी भाभी आरती ही है “
“व्हाट ..?? आप पागल हो गयी हो क्या “
मैं गुस्से मे बुरी तरह से चीखा , लेकिन पूर्वी के होठों मे बस एक हल्की सी मुस्कान ही आई
“हा अंकित .. तुम्हे कॉलेज और दोस्तो मे व्यस्त कर दिया गया , तुम्हें हवेली की कोई बात का नही पता है , जबकि तुम्हारी भाभी को लड़ने की ट्रैनिंग दी गयी , आख़िर उसके रगो मे कोमल उर्फ शक्ति का खून दौड़ रहा है , उसे भी तो तिवारी से बदला लेना होगा जिसने उसकी मा और उसके मामा को धोखा दिया था , जिसके कारण उसकी मा दर दर की ठोकर खाने के लिए मजबूर हो गयी ..”
पुलिस स्टेशन से मुझे एक दूसरे ऑफीस ले जाया गया था, वो किसी इट कंपनी के ऑफीस की तरह दिखाई पड़ रहा था , एक बड़े से कॅबिन मे मुझे ले जाया गया ..
“सिट डाउन सोनू “
एक महिला की ये तेज लेकिन लुभावनी सी आवाज़ मेरे कानो तक आई और जब मैने उसे देखा तो बस मानो देखता ही रह गया , कसी हुई शर्ट मे उसके बड़े बड़े आम बिल्कुल किसी पर्वत की तरह दिखाई दे रहे थे , बाल खुले हुए थे लेकिन बहुत ही तरीके से सवरे गये , और बस एक हेर बेल्ट की सहायता से बाँधे गये थे , सफेद रंग की कमीज़ और नीले रंग की जीन उसे बिल्कुल ही एक रफ आंड टफ लुक दे रही थी लेकिन फिर भी बहुत ही प्रोफेशनल की तरह लग रही थी , मेरे सामने रखे टेबल के उस पर रखी एक चेर मे उसका ब्लेज़र पड़ा हुआ था , वो टेबल मे अपने कसे हुए पिछवाड़े को जमाए मेरे बाजू मे आकर खड़ी हो गयी थी ..
“हम तुम्हारे बारे मे सब जानते है , तुम कहा रहते हो क्या करते हो , कहा से आए हो , क्यो आए हो , वागरह वागरह …”
“आपने मुझे यहाँ क्यो बुलाया और आप अगर मेरे बारे मे सब जानते हो तो मुझे अभी तक अरेस्ट क्यो नही किया “
मेरी बात सुनकर वो थोड़ा सा हँसी
“हुम्म पॉइंट की बात तो यही है क्यो ..?? चलो शुरू से शुरू करते है.. मेरा नाम है इनस्पेक्टर पूर्वी , मैं क्राइम ब्रांच की एक अधिकारी हू , और ये मेरा ऑफीस है जो एस्पेशली पांडे मर्डर केस के लिए हमे दिया गया है , मैं और मेरी टीम तिवारी के काले करनामो को उजागर करने के लिए काफ़ी समय से प्रयासरत थे , और तभी पांडे की हत्या .. हमे एक बहाना मिल गया तिवारी की काले चित्तो का परदा फास करने के लिए .. लेकिन वो इतना कमीना और शातिर है और इतना पॉवरफ़ुल्ल भी है की ड्यूटी मे रहते हुए हम उसका बाल भी बांका नही कर सकते, तो हमे सोचा की क्यो ना उसे ढूँढा जाए जिसने पांडे का मर्डर किया है , सिंपल पुलिस के लिए शायद ये कठिन काम होता लेकिन हमारे लिए ये बस चुटकी बजाने जैसा काम था , हमे पता चल गया की पांडे की तुमसे पर्सनल दुश्मनी थी और फिर हमे कालवा का पता चला और फिर संपत का तुम्हारी भाभी का और फिर तुम्हारे कॉलेज का …
तुमने सही प्रश्न किया था की हमने तुम्हे अरेस्ट क्यो नही किया , क्योकि जहाँ तक हमे पता चला तुम एक नॉर्मल से कॉलेज गोयिंग लड़के हो जिसका अपराध की दुनिया से कोई भी तालुक नही है , तुमने तो ये भी नही पता की तुमने पांडे का मर्डर नही किया है “
पूर्वी की बात सुनकर मैं बुरी तरह से चौक गया साली पागल तो नही हो गयी थी ..
“ये आप क्यो बोल रही है “
उसके चेहरे मे एक मुस्कान खिल गयी
“हा अंकित .. तुमने अंकित बुलाऊ तो तुम्हे कोई अटराज तो नही “
मैने जल्दी मे ना मे सर हिलाया
“तो हा अंकित , तुमने पांडे का मर्डर किया नही है , बल्कि तुमसे ये करवाया गया है .. एक पूरे प्लान के द्वारा “
“व्हाट ..??”
मैं बुरी तरह से चौका था
“हा “
“आख़िर कौन ऐसा करवाना चाहेगा और वो भी मुझसे , मैं तो एक सामान्य सा लड़का हू “
मेरी बात सुनकर पूर्वी जोरो से हंस पड़ी ..
“हा तुम एक समय से लड़के हो लेकिन बात तुम्हारी नही थी “
मैं उसे अब भी आश्चर्य से ही देख रहा था
“तो फिर ..”
“तुम भले ही एक सिंपल से लड़के हो लेकिन तुम्हारी भाभी ..”
भाभी का नाम सुनते ही जैसे मुझे कोई करेंट का ज़ोर वाला झटका लग गया था , मेरी नज़र पूर्वी मे ही टिक गयी
“मेरी भाभी ..???”
मेरे होंठ सूखने लगे थे
“हा तुम्हारी भाभी , तुम्हारी भाभी कोई सिंपल इंसान नही है “
मेरा सर चकराने लगा था
“आख़िर आप ये क्या कह रहे हो मुझे कुछ भी समझ नही आ रहा , मैं उन्हे हमेशा से जानता हू वो एक सीधी साधी सी घरेलू औरत है …”
“हा वो है ..”
“तो आपने ऐसा क्यो कहा “
पूर्वी ने एक गहरी सांस ली
“क्योकि वो जीवा की भांजी है “
“व्हाट ..?? जीवा ..?? अंडरवर्ल्ड का डॉन जीवा.. जीवा गैंग का हेड “
“हुम्म वो जीवा की बहन कोमल की बेटी है , कालवा ने जब उसे पहली बार देखा था तब ही उसे पहचान लिया था , पहचानता भी क्यो ना आख़िर वो उसकी बहन कोमल की हू बा हू कॉपी जो है ..आख़िर अपनी बहन का चेहरा कोई कैसे भूल सकता है “
पूर्वी की बात सुनकर मैं पूरी तरह से स्तब्ध हो गया था
“यानी कालवा ही ..”
“हा कालवा ही जीवा है जो तिवारी के आदमियो से छिपने के लिए कालवा बन गया और सबको कह दिया गया की जीवा अंडरग्राउंड हो गया है , उस बस्ती मे ऐसे भी पहले से ही जीवा का ही राज था लेकिन सभी संपत को जानते थे ना की जीवा को , उसकी कोई तस्वीर भी मौजूद नही थी , वो जीवा गैंग का हेड था और उसकी बहन कोमल शक्ति गेंग की हेड थी , दोनो भाई बहन एक दूसरे से बेहद ही प्यार करते थे लेकिन साथ ही साथ दोनो को ही एक दूसरे के काम करने का तरीका बिल्कुल भी पसंद नही था , इसलिए दोनो ही अपना अपना गैंग चलाते थे ..”
“लेकिन भाभी की मा-बाप को तो सालो से जानता हू वो तो मेरे गाँव के पास वाले कॉलेज के बाहर चाय की छोटी सी टपरी चलती है “
“हुम्म हमने पता किया था और वो कोमल ही है जो अपने पुराने प्यार भुवन के साथ ये सब छोड़कर शांति की जिंदगी बिताने के लिए गाँव मे जाकर बस गयी “
“ऑश …”
मैं गहरे सदमे मे था .. क्या भाभी को ये सब पता है ..??
“लेकिन ….. लेकिन इन सबसे पांडे का क्या नाता है ??”
पूर्वी ने गहरी सांस ली
“कालवा उर्फ जीवा आरती को देखते ही पहचान गया था की वो उसकी भांजी है , जैसा हमे पता लगा की उसने ही तुम लोगो को सबसे पहले पांडे से बचाया और फिर घर दिलवाया , लेकिन वो नही चाहता था की उसकी भांजी ऐसा जीवन जिए , लेकिन उसे ये भी डर था की आरती उसकी बात को नही मानेगी क्यो की इस बारे मे उसे भी कुछ नही पता था, साथ ही साथ असलियत के बाहर आने से तिवारी का भी ख़तरा तुम दोनो पर बढ़ जाता , अगर आरती तिवारी या उन लोगो के नज़र मे आ जाती जो की कोमल को जानते थे तो तुम दोनो की ही जान ख़तरे मे पड़ जाती , और उसे पांडे से भी कई हिसाब चुकाने थे इसलिए उसने एक प्लान बनाया , पहले तो तुम्हे पैसो का लालच देकर अपने साथ यानी जीवा गैंग के लिए काम करवाने की कोशिस की लेकिन तुम नही माने तो उसने खुद ही पांडे को आरती की जानकारी भेजवा दी और फिर तुम्हने भी सही समय मे वहाँ पहुचा दिया, तुम्हारे हाथो पांडे का खून करवा दिया और ऐसे तुम दोनो ना चाहते हुए भी जीवा की हवेली मे आ गये , अब तुम्हारी भाभी को जीवा की असलियत का पता है या नही ये तो मैं नही जानती लेकिन मुझे इतना ज़रूर लगता है की उसे ये पता होगा ..”
“क्यो ??”
“क्योकि हमे लगता है की शिवा के नाम से कत्ल करने वाला कोई और नही बल्कि तुम्हारी भाभी आरती ही है “
“व्हाट ..?? आप पागल हो गयी हो क्या “
मैं गुस्से मे बुरी तरह से चीखा , लेकिन पूर्वी के होठों मे बस एक हल्की सी मुस्कान ही आई
“हा अंकित .. तुम्हे कॉलेज और दोस्तो मे व्यस्त कर दिया गया , तुम्हें हवेली की कोई बात का नही पता है , जबकि तुम्हारी भाभी को लड़ने की ट्रैनिंग दी गयी , आख़िर उसके रगो मे कोमल उर्फ शक्ति का खून दौड़ रहा है , उसे भी तो तिवारी से बदला लेना होगा जिसने उसकी मा और उसके मामा को धोखा दिया था , जिसके कारण उसकी मा दर दर की ठोकर खाने के लिए मजबूर हो गयी ..”
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)