Incest मर्द का बच्चा

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josef
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Re: Incest मर्द का बच्चा

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अपडेट 20.


सोनम दौड़ कर ताला चाभी लाई और एक एक कर सारे घर में लगाने लगी.

ऋतु अपना हॅंड बैग उठाए कमरे से बाहर आई.

ऋतु- चलो सब दालान पर पहुचो.

राम सुनील से पूछो कहाँ पहुँचा है.

सभी लोग दालान में इकट्ठा हो गये.

दादू- क्या हो रहा है ये सब. मेरे लल्लू बेटे को क्या हुआ और अब ये कोमल बिटिया भी ऐसे है.

ऋतु- आप परेशान मत होइए. पता नही क्या हुआ की लल्लू बेहोश हो गया और उसे देख कर कोमल भी हो गई है.

तब तक बाहर दो गाड़ी आ कर खड़ी हो गई.

अनिल कोमल को उठा कर गाड़ी में डाल दिया.

ऋतु- दो ही गाड़ी आई. में तीन गाड़ी का बोला था ना.

राम- भाबी दो ही गाड़ी खाली थी अभी. वैसे भी इतने लोग जा कर क्या करेंगे वहाँ.

ऋतु- रोमा मीनू रानी गौरी रागिनी शालिनी और सोनम के पापा आप सब यही रहिए.
बाकी हम सब जा कर देखते है. ज़्यादा परेशानी वाली बात नही होनी चाहिए अगर ज़रूरत पड़ी तो कॉल कर आप सब को बुला लूँगी.

सब जाना चाहते थे हॉस्पिटल लल्लू के लिए लेकिन अभी के हालात में जिद करना सही नही था तो सब चुप रह गये.

सोनम रागिनी को घर का चाभी थमा दी.

फिर सब दो गाड़ी में बैठ कर हॉस्पिटल चल दिए.
राम कॉल कर पता कर लिया था सुनील लल्लू को ले कर कहाँ गया है.


ये दोनो गाड़ी भी वहाँ हॉस्पिटल पहुच गई.
राम कोमल को निकाल कर अंदर हॉस्पिटल में ले गये.
कोमल को भी अड्मिट कर दिया गया.

सब सुनील के पास पहुचे.
ऋतु- कैसा है मेरा बेटा सुनील.

सुनील- अभी डॉक्टर जाँच कर रहे है.

सभी वही बेंच पर बैठ गये.
काजल वहाँ भी एक कोने में खड़ी थी.

सुनील- क्या हुआ था वहाँ अब कोई बताएगा मुझे.

ऋतु- बाद में सुनील. अभी पहले दोनो को होश आ जाये और भगवान की कृपा से सब अच्छा हो फिर घर चल कर पता करेंगे की हुआ क्या था.

ऋतु- सोनम अपने चाची के साथ रहना.
सोनम काजल के पास चली गई.

कुछ देर बाद डॉक्टर बाहर निकला.

सुनील- कैसा है मेरा बेटा डॉक्टर साहब.

डॉक्टर- देखिए मरीज को किसी चीज़ का गहरा सॉक लगा है जिस कारण उसके ब्रेन का एक हिस्सा अभी काम करना बंद कर दिया है. अभी बेहोश है. अगर चार घंटे तक होश नही आया तो फिर कुछ भी कहना मुश्किल होगा. शायद मरीज कोमा में चला जाये या फिर पागल हो जाये.


सुनील डॉक्टर की बात सुन कर वही बेंच को पकड़ कर बैठ गया.
उसके लिए लल्लू सब से प्यारा था. लल्लू में वो अपनी छवि देखता था. बहुत प्यार करता था वो लल्लू से.

ऋतु तो रोने ही लगी.

रवि- भाभी भरोसा रखिए भगवान पर. वो हमारे लल्लू के साथ इतना बुरा नही करेंगे. और आप ऐसे रोइएगा तो लल्लू के मा को कौन संभालेगा.

अब सब को ऋतु क्या बताए की लल्लू उसके लिए क्या मायने रखता है.

इधर आई सी यू में लल्लू वेंटिलेटर पर लेटा हुआ था.
उसके शरीर में कोई हलचल नही हो रहा था सिवाय एक चीज़ के.

टॅटू.

उसके कंधे पर पीछे टॅटू था जो अब बढ़ता जा रहा था.
कंधे का टॅटू अभी लल्लू की आधे पीठ छाती और एक हाथ में फैल गया था.
लेकिन ये टॅटू लल्लू के शरीर में बनता बिगड़ता जा रहा था.
कभी छाती का टॅटू तो कभी हाथ का टॅटू मिट जाता था.

सब बाहर कोई बेंच पर बैठे तो कोई दीवाल के सहारे खड़ा इस बुरे वक्त को जल्द से जल्द बिताना चाहता था और अच्छे समय के आने का इंतजार.

थोड़ी थोड़ी देर में कोई ना कोई जा कर दरवाजे में लगे छोटे से ग्लास से लल्लू को देख आते थे.
josef
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इधर कोमल को होश आ गया था.
लेकिन उसे नींद का इंजेक्षन दे कर सुला दिए थे.

पूरे चार घंटे बाद लल्लू को होश आया.

सब में खुशी की लहर दौड़ गई.

डॉक्टर जाँच कर सबको एक एक कर मिलने को बोल दिया.

सब से पहले सुनील गया.

सुनील- बेटा क्यू ऐसा करता है. तुझ में मेरा जान बस्ता है.कोई बात है तो तू सीधा मुझ से बोला कर. खुद दिमाग़ पर ज़ोर क्यू देता है. में हूँ ना तुम्हारे साथ.

लल्लू सिर हिला कर हा कर दिया.

सुनील- चल सब से मिल ले. ज़्यादा बोलना नही.
भेजता हु में सब को.

सुनील बाहर निकला तो ऋतु और काजल अंदर चली गई.

दोनो लल्लू के बेड के पास खड़ी लल्लू को एक टक देखे जा रही थी.

लल्लू- सॉरी. ( एक हाथ से कान पकड़ कर, दूसरे हाथ में ड्रिप लगा हुआ था)

ऋतु आगे बढ़ कर उसके माथे पर एक क़िस्सी कर दी.
लल्लू काजल को देखे जा रहा था. काजल लल्लू को.
दोनो कुछ बोल नही रहे थे. बस देखे जा रहे थे.

काजल की आँखे भर आई. वो भाग कर बाहर आ गई.

ऋतु- आगे से फिर कभी ऐसा नही करना बेटा. तुम में है सब की जान बस्ती है. तेरी मा और बहन तो मर ही जाएँगी.

तभी राम आ गया वहाँ.
ऋतु बाहर चली गई.

राम- क्या हुआ था. कैसे तबीयत खराब हो गया.
लल्लू- पता नहीं.

राम- ठीक है ना अब तू.

लल्लू- जी.

राम- ठीक है. आराम कर.

राम बाहर चला गया.

रवि- कैसा है मेरा बहादुर बेटा( रवि अंदर आता बोला)

लल्लू- ठीक हूँ काका.

रवि- गुड. आराम कर.
रवि बाहर चला गया.

सोनम अंदर आ कर लल्लू के गले लग गई और उसके गालो पर चुम्मि की झड़ी लगा दी.

फिर आहिस्ता से लल्लू के होंठो को एक बार चूम कर शरमाती हुई हट गयी.
लल्लू सोनम दीदी को देखने लगा.

सोनम- आगे से फिर कभी ऐसे बच्चो की तरह रोया ना तो तेरी बहुत पिटाई करूँगी.

लल्लू सोनम को देख कर मुस्कुरा दिया फिर इसरे से अपने पास बुलाया झुकने के लिए कहा.

सोनम लल्लू पर झुक कर अपना कान उसके मूह के पास कर दिया.

लल्लू- आप बहुत प्यारी दीदी हो. ( सोनम के गाल को चूम कर बोला)

सोनम हड़बड़ा कर सीधी हो गई.

(वाउ बहुत गहरा प्यार है आप दोनो में. शादी हो गयी आप दोनो की.) एक नर्स जो एक तरफ चेर पर बैठी थी वो दोनो को देख कर बोली.
सोनम आवाज़ सुन्न कर चौक गई. फिर शरमाती हुई लल्लू को देख कर बाहर भाग गई.

लल्लू बेड पर लेता मुस्कुराता रहा.

बाहर…

ऋतु- सुनील डॉक्टर से पूछिए कब तक डिसचार्ज करेंगे दोनो को.

सुनील उठ कर डॉक्टर के कॅबिन में चला गया.

सुनील- अभी थोड़ी देर में बोला है डिसचार्ज कर देगा.

सुनील जा कर पेमेंट सारा क्लियर कर दिया.
थोड़ी देर में लल्लू और कोमल को डिसचार्ज कर दिया गया.

दोनो गाड़ी जिस में ये लोग आए थे उस में बैठ कर वापस घर आ गये.

कोमल अपने कमरे में जा कर आराम करने लगी.

सुनील- सोनम अभी लल्लू को काजल भाबी के कमरे में सुला दो लेकिन कल तुम लोग अपना बगल वाला कमरा जो बंद पड़ा है उसे सॉफ कर देना. लल्लू कल से वही रहेगा.

सोनम- ठीक है चाचा.

सुनील आँगन में खटिया पर बैठ गया.
सुनील- अब मुझे कौन बताएगा की आख़िर हुआ क्या था.

ऋतु- में गई थी तब तक तो सब रो रहे थे तो सोनम को पता होगा. सोनम बेटा क्या हुआ था.
घर के सभी वही आ गये की आख़िर हुआ क्या था.

फिर सोनम सब को बताने लगी की कैसे लल्लू कमरे में आया और बात शुरू हुई
फिर कैसे रोता हुआ बोला की सब उसे पागल समझते है.जिस से उसका मन करता है खुद ख़ुसी कर लेने का.
और फिर लल्लू की इस बात पर सारी बहनो का रोना और फिर ऋतु और रागिनी का आना.
रागिनी का लल्लू को पागल कह कर थप्पड़ मारना.
फिर लल्लू का सोनम के बाहों में बेहोश होना उसके बाद कोमल का भी बेहोश हो जाना.

सोनम की बात सुन कर सब रोने लगे. सब से ज़्यादा रागिनी रो रही थी की उस से कितना बड़ा पाप हो गया.

सुनील- रागिनी आज तुम मेरी नज़रो में गिर गई. क्या कहूं में तुम्हे अब. में अब लल्लू के सामने कैसे जाउन्गा. कैसे उस से नज़रे मिला पाउन्गा जिस की पत्नी ही उस का सब से बड़ा गुनहगार निकाला.

सोनम- लल्लू छोटे चाचा के बर्ताव से भी बहुत दुखी था. पहले राम चाचा पागल बोल दिए थे शायद और फिर रागिनी चाची आ कर पागल बोल दी. ये सुन कर उसे सॉक लगा था.

ऋतु- जो हो गया सो हो गया लेकिन आगे अगर किसी ने भी उसे पागल या कुछ भी कहा तो उसका इस घर में आखरी दिन होगा ये समझ लेना.
chusu
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Re: Incest मर्द का बच्चा

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sahi.............
josef
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Re: Incest मर्द का बच्चा

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सोनम- लल्लू छोटे चाचा के बर्ताव से भी बहुत दुखी था. पहले राम चाचा पागल बोल दिए थे शायद और फिर रागिनी चाची आ कर पागल बोल दी. ये सुन कर उसे सॉक लगा था.

ऋतु- जो हो गया सो हो गया लेकिन आगे अगर किसी ने भी उसे पागल या कुछ भी कहा तो उसका इस घर में आखरी दिन होगा ये समझ लेना.

काजल लल्लू के पास बैठी हुई उसके बालो को सहला रही थी.
काजल आज बहुत डर गई थी.

राम से उसका बोल चाल पिछले 1 साल से बंद था. दोनो बच्चों को मूह देख कर वो हँसती मुस्कुरा ती रहती थी पूरे दिन लेकिन आज जो हुआ वो देख कर उसे अपने किस्मत पर बड़ा रोना आ रहा था. आज तो एक क्षण के लिए उसे लगा जैसे उसका पूरा संसार ही उजड़ गया.

पति पहले दूर था बेटे के साथ साथ बेटी भी बेहोश हो गई थी.

तभी शालिनी खाना ले कर आ गई.
शालिनी- ये बेटे को खिला देना काजल. जब थोड़ा ठंढा हो जाये तो फिर दवाई भी खिला देना.

ऋतु- सब को खाना खिला दिया शालिनी.

शालिनी- नही दीदी. किसी ने खाया ही नही.

ऋतु- रोमा जा सब को बुला कर ला खाना खा ले सब.

रोमा सब को खाना के लिए बोल आया.

सभी मर्द आ गये खाना खाने सिवाए सुनील के.

ऋतु- सुनील जी नही आए. वो कहाँ रह गये.

अनिल- वो आज नही खाएगा. सो गया वो.

ऋतु जानती थी की वो लल्लू के साथ जो हुआ इस कारण से दुखी है. और आज अब किसी के भी कहने से नही खाएगा.

मर्दो के खा लेने के बाद सब लॅडीस खाना निकाल कर ले आए.

इधर काजल ने लल्लू को अपने हाथो से थोड़ा खाना खिला दिया था और दवाई भी खिला कर सुला दी थी.

ऋतु- जा काजल को बुला ला. वो भी थोड़ा खा ले.

गौरी- चाची खाना नही खाएगी. (गौरी काजल के कमरे से वापस आ कर बोली)
ऋतु काजल के कमरे में चली गई.
कमरे में काजल लल्लू के सर को अपने गोद में ले कर बैठी उसके सर को सहला रही थी.

ऋतु- खाना खा ले थोड़ा सा.

काजल- आप सब खाओ. मुझे अभी भूख नही है.

ऋतु- रात को खाली पेट नही सोते. लल्लू का सही ख़याल तभी रख पाओगी जब खुद सही रहोगी.

काजल- में ठीक हूँ दीदी. मुझे क्या होना है. इतनी अच्छी किस्मत होती मेरी तो फिर किस बात का रोना था.

ऋतु- कोई भी अपनी जिंदगी से खुश नही होता कभी. जिस को जितना मिलता है इतने में ही खुस होना सीख लेना चाहिए. चल चुप चाप खाना खा ले चल कर.

काजल- आप मेरा खाना किसी से भेजवा दो. में बाद में खा लूँगी.

ऋतु- ठीक है लेकिन सुबह में देखूँगी की तुमने खाया या नही.

ऋतु वापस आँगन जा कर काजल का खाना उसके कमरे में ढक कर रखवा दी.

काजल उठ कर अपने कमरे का दरवाजा बंद की और लल्लू को हग कर के सो गई.
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