लल्लू सोनम को देख कर वो भी जा कर पैर च्छू लिया.
ज्योति- इस बच्चे को नही पहचाना.
रिधि- ये सोनम का भाई ललित है.
ज्योति लल्लू को देखती हुई- बहुत प्यारा बचा है.
दोनो को रिधि सोफा पर बैठैई ड्रॉयिंग रूम में.
लल्लू यहाँ पहली बार आया था लेकिन सोनम दो तीन बार आ चुकी है.
लल्लू नज़र घुमा कर चारो और देख रहा था.
लल्लू- नाइस बंगलो रिधि दी.
रिधि- कितनी बार बोला है मुझे दीदी मत बोल. समझ नही आता क्या.
लल्लू छोटा सा मूह कर की गर्दन झुका लिया.
सोनम बेटा बहुत दिनों बाद आई है यहाँ. सब कैसे है घर पर.
सीढ़ियो से नीचे उतरता पोलीस की वर्दी पहने एक आदमी बोला.
सोनम खड़ी हो गई और जा कर पैर च्छू कर प्रणाम किया.
सोनम- कभी मौका ही नही मिला अंकल. और घर में सब बढ़िया है.
सोनम को देख कर लल्लू भी जा कर प्रणाम किया
वो आदमी- ये बच्चा कौन है.
सोनम- मेरा भाई है अंकल.
रिधि के पापा- क्या करते हो तुम बेटा.
लल्लू- कुछ नही करता.
रिधि के पापा सोनम की और देखने लगे.
सोनम- वो अंकल, भाई का तबीयत खराब रहता है इस लिए पढ़ाई छूट गई है. घर पर ही पढ़ता है और पापा और काका के साथ खेती बाड़ी में भी मदद कर देता है.
रिधि के पापा- कोई बात नही. सब ठीक हो जायगा.
तुम लोग खाना खा लिए.
रिधि- नही पापा अभी अभी आए है.
रिधि पापा- खाना खा कर ही जाना. और कभी कभी यहाँ भी आते रहा करो. ये भी तुम्हारा ही घर है. में थोड़ा जल्दी में हूँ. बाद में मिलता हूँ.
रिधि के पापा घर से निकल गये.
तभी ज्योति रसोई से बाहर आई.
ज्योति- तीनो हाथ मूह धो लो. खाना बन गया है.
रिधि- आओ तुम लोग मेरे साथ.
रिधि दोनो को ले कर अपने कमरे में आ गई.
रिधि- ये मेरा कमरा है. सोनम तुम पहले फ्रेश हो जाओ.
सोनम फ्रेश होने चली गई.
रिधि आगे बढ़ कर लल्लू के सामने उस से चिपक कर.
रिधि- तो क्या सोचा है. तुम ने मेरे बारे में.
लल्लू- गले से थूक गटकते हुए. क..क्या मा.मतलब.
रिधि- अरे हमारी शादी के बारे में.
लल्लू- आरीए ये...ये कब हुआ.
रिधि- में तुम्हे पसंद करने लगी हूँ और तुम से शादी करना चाहती हूँ. (लल्लू की आँखो में देखते हुए बोली)
लल्लू- प्लीज़ दी मज़ाक मत करो.
रिधि- फिर दीदी बोला. रुक्क तू ऐसे नही समझेगा.
रिधि झटके से लल्लू के सर को पीछे से दोनो हाथो से पकड़ कर उसके होंठो पर अपना होंठ लगा दिया और आँख बंद कर उसे चूसने लगी.
लल्लू भौचक्का सा स्टॅच्यू बन कर खड़ा रह गया.
तभी सोनम फ्रेश हो कर बाहर आ गई.