Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक

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mastram
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Re: Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक

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PART-25
दोपहर को जब गौरव और शिवानी नीचे जाकर लंच कर रहे थे तो उस समय ही शिवानी को उसके घर से फ़ोन आ गया.

शिवानी फोन पर बात करने लगी. शिवानी के सास ससुर और गौरव तीनों ही शिवानी की तरफ देखने लगे क्योंकि शिवानी के घर से फोन बहुत कम ही आता था

फोन रखने के बाद शिवानी बोली : मेरा एक मौसेरा भाई रवि है -उसकी शादी इस गाँव की ही किसी लड़की पुष्पा से हुई है-कल मम्मी पापा और मेरी छोटी बहन उस शादी में शरीक होने के लिए यहां आ रहे हैं -मुझे भी इस शादी में जाना होगा

सुनीता देवी (सास) : हाँ बहू, तुम भी अपनी तैयारी कर लो -मौसेरे भाई की शादी में जाना तो बनता ही है -वैसे लड़की का नाम क्या बताया तुमने ?

शिवानी :किसी डॉक्टर की बेटी है-पुष्पा

सुनीता देवी : अरे यह पुष्पा को अपनी डॉक्टर उर्मिला की इकलौती बिटिया है- चलो बढ़िया है उनकी बिटिया का भी रिश्ता हो गया -वैसे शिवानी बेटा, तुम्हारा मौसेरा भाई क्या करता है शहर में

शिवानी : मम्मी जी, वह पुलिस इंस्पेक्टर है

शिवानी की इन बातों से गौरव के चेहरे पर अजीब से हाव भाव नज़र आ रहे थे -उसके चेहरे पर चिंता और परेशानी के भाव साफ़ देखे जा सकते थे

दरअसल पुष्पा गौरव के दोस्त पुनीत की बहन और डॉक्टर उर्मिला की बेटी हैं- पुष्पा के बहाने पुनीत और डॉक्टर उर्मिला से शिवानी की नजदीकियां बढ़ने से गौरव का भंडाफोड़ भी हो सकता है

गौरव यह सब सोचते सोचते खाना ख़त्म करके ऊपर अपने कमरे में आकर लेट गया

उसके कुछ देर बाद शिवानी भी ऊपर अपने कमरे में आकर आराम करने लगी

शिवानी अभी तक इस बात से अनजान थी कि उसकी होने वाली भाभी पुष्पा उसी पुनीत की सगी बहन है जिसने शिवानी का गैंग रेप किया था

अगले दिन शिवानी के मम्मी पापा और छोटी बहन रवीना शादी में शामिल होने के लिए शहर से गाँव पहुँच गए- उनके साथ शिवानी भी शादी में शामिल हो गयी

शिवानी जब लड़की के घर पहुँची और जब उसने वहां पुनीत को देखा तो उसे सारा माज़रा समझ आ गया और यह भी समझ आ गया की गौरव कल उस समय से ही इतना ज्यादा परेशान क्यों है

गौरव को अब यह लग रहा था कि अगर उसका भंडाफोड़ हो गया तो वह अपने मम्मी पापा और विवेक भैया को क्या जबाब देगा ?

यही सब सोचते सोचते वह किसी नयी साज़िश को अंजाम देने की योजना बनाने में लग गया

शादी में पुनीत और शिवानी की मुलाकात भी हुई. दोनों की जैसे ही नज़रें मिलीं तो दोनों को यह समझ में आ गया था कि उन दोनों की मुलाकात पहले भी हो चुकी है- पुनीत को वह दिन ध्यान आ गया था जब उसने डॉक्टर अनुराग के कहने पर एक सेक्स गेम शिवानी के साथ खेला था और उसे शिवानी के नंगे बदन से उसकी पैंटी उतारने का मौका मिला था

शिवानी को भी यह अच्छी तरह याद था की उन पांचो लड़कों में से सबसे ज्यादा बदमाशी पुनीत ने ही उसकी साथ की थी क्योंकि उसने शिवानी को अपने सामने बिठाकर उसका मुंह खुलवाया था और फिर उसके खुले मुंह में अपने लण्ड से पेशाब की धार छोड़ दी थी.

शिवानी और पुनीत दोनों ही एक दूसरे से अपनी नज़रें बचा रहे थे लेकिन अचानक जब पुनीत और शिवानी एक कमरे में अकेले टकराये तो पुनीत शिवानी से कहने लगा : देखिये, हम लोगों को अब पुरानी बातों को भूल जाना चाहिए और इस नयी रिश्तेदारी का स्वागत करना चाहिए -मैंने आपके साथ जो कुछ भी किया है, उसके लिए मैं बहुत ज्यादा शर्मिंदा हूँ और आपसे हाथ जोड़कर माफी भी मांगता हूँ- मुझे आपको इस सिलसिले में एक "सीक्रेट" बात भी बतानी है

शिवानी सीक्रेट बात सुनकर चौंक पडी : क्या सीक्रेट बात है ?

पुनीत : मेडिकल चेक अप के दौरान आपके अंदर कोई कमी नहीं पायी गयी थी- आपको तो ऐसे ही आपके देवर के कहने पर सेक्स स्लेव बनाने के लिए यह सब नाटक रचा गया था- दरअसल आपके पति की रिपोर्ट के हिसाब से वह बच्चा पैदा करने के अयोग्य हैं-गौरव की यही साज़िश थी की वह इस बात को सबसे छिपाकर आपको पेलता रहेगा-और अब जब आपके कोई बच्चा होगा भी तो वह आपके पति विवेक का नहीं, बल्कि गौरव का होगा. सारी दुनिया उसे आपका और आपके पति विवेक का ही बच्चा समझेगी लेकिन सिर्फ गौरव को यह मालूम होगा की यह बच्चा दरअसल उसका है

पुनीत की बात सुनकर शिवानी का मानों सर चकरा गया. वह कभी सोच भी नहीं सकती थी कि उसका हरामी देवर अपनी सेक्स क़ी भूख मिटाने के लिए इस हद तक भी गिर सकता है

शिवानी अपने मम्मी पापा और छोटी बहन रवीना के साथ शादी में से वापस आ गयी थी -जब उसके मम्मी पापा और छोटी बहन शहर जाने क़ी बात करने लगे तो शिवानी क़ी सास सुनीता देवी ने कहा : हमें तो आपकी यह दूसरी बिटिया रवीना भी बहुत अच्छी लगती है-हम इसे भी अपने घर क़ी बहू बनाना चाहते हैं-अगर आपको ऐतराज़ न हो तो हम अपने छोटे बेटे गौरव के लिए इसका हाथ आपसे मांगे लें ? अगले हफ्ते ही मुहूर्त देखकर इसकी भी शादी कर देते हैं- हम दोनों अपनी अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो जाएंगे

शिवानी को यह सुनकर बड़ा झटका सा लगा. वह तो यह हरगिज़ नहीं चाहती थी कि उसकी बहन का रिश्ता उसके हरामी देवर गौरव के साथ हो लेकिन इससे पहले की वह कुछ बोल पाती, उसके पापा ने अपनी हामी भरते हुए कहा : अजी यह तो आप लोगों का बड़प्पन है -इसे तो आप आज से ही अपने घर की ही छोटी बहू समझिये-बस हम लोगों की तरफ से तो हाँ ही है-शिवानी का भी अपनी छोटी बहन के साथ मन लगा रहेगा और इसका मन भी शिवानी के साथ लगा रहेगा

अगले हफ्ते विवेक भी अपनी यात्रा पूरी करके गाँव वापस आ गया था- चट मांगनी और पट ब्याह के तर्ज़ पर गौरव और रवीना की शादी भी हो गयी और अब रवीना भी इस घर में छोटी बहू बनकर आ गयी थी।

शेष अगले भाग में....














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mastram
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Re: Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक

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कामली ने तुरंत मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे बिठाते हुए बोली....








कामली--जनाब ये कोठा 300 साल पुराना है....आपके यहाँ से निराश होकर जाते हे....इसके 300 साल से बने हुए दबदबे पर बट्टा लग जाएगा.....मुझे थोड़ा सोचने का समय दीजिए....तब तक आप कुछ और जाम नोश फरमाइए....






उसके बाद कामली वहाँ से उठ कर चली जाती है....और तब तक नज़्म मेरे लिए एक जाम और भर देती है....








नज़्म-- क्या आपकी पत्नी बहुत खूबसूरत है......








में--वो इतनी खूबसूरत है कि चाँदनी भी शर्मा जाए....वो मेरी जान है....








नज़्म--फिर भी आप एक बच्चे के लिए यहाँ से लड़की ले जा रहे है....








में--बच्चा पैदा करने की ज़िद्द उसी की है नज़्म....में तो बस उसका दर्द कम करना चाहता हुन्न.....






नज़्म--सच में आप एक शानदार मर्द के साथ एक शानदार इंसान भी है वरना कौन अपनी पत्नी को खुश करने के लिए एक कोठे से लड़की खरीद कर ले जाता है....आप चाहते तो दूसरी किसी लड़की से शादी भी कर सकते थे...लेकिन ऐसा करना आपका आपकी पत्नी के लिए धोखा होता...मैने यहाँ जिस्मो को नोचने वाले गिद्ध देखे है....लेकिन एक देवता पहली बार देख रही हूँ....






कुछ दे की शांति के बाद कामली फिर से अंदर आजाती है....








कामली--जनाब आप यहाँ से निराश हो कर नही लौटेंगे....बल्कि खुशी खुशी अपने साथ यहाँ की कोई भी लड़की ले जा सकते है.....लेकिन कीमत देने में कोई परेशानी तो नही है ना...,






में--कीमत आप जो चाहे....लेकिन पसंद मेरी अपनी होगी....आप किसी को भी पसंद करने की ज़बरदस्ती मेरे साथ नही कर सकती है...,








कामली--जनाब अगर आप मुँह माँगा पैसा देंगे तो बगैर आपकी पसंद के ऐसे कैसे हम आप के गले से कुछ भी बाँध देंगे....






उसके बाद कामली नज़्म को बाहर भेज देती है और एक एक करके कुछ लड़कियो को अंदर भेजने को कहती है....सब से पहली ही लड़की ग़ज़ब की खूबसूरत उसका नाम सुमन था....








कामली--ये है सुमन...प्यार से हम इसे सुम्मी कहते है.....खूबसूरती के साथ साथ ये गाना गाने में भी माहरी है....




लेकिन में उस लड़की की तरफ एक हल्की सी नज़र ही उठा कर देखता हूँ और अपना जाम पीने लग जाता हूँ....शायड कामली समझ जाती है कि वो मुझे पसंद नही आई है....




और इसके बाद तकरीबन 10 लड़कियाँ और... एक के बाद एक आकर चली जाती है लेकिन में किसी की तरफ़ ज़्यादा तवज्जो नही देता.....






कामली--जनाब आप लड़की खरीदने निकले है या कोहिनूर....






में--कामली बाई में हीरो का खोट एक नज़र में पहचान लेता हूँ....वो चाहे कितना भी चमक ले.... मेरी नज़र से बच नही सकते...अगर आप के पास कुछ और है तो दिखा दो वरना में चला....में अपने साथ लाए हुए बेग में से 500 रुपये की एक गॅडी नज़्म को बुला कर दे देता हूँ....और उठ कर जाने लगता हूँ....






कामली--जनाब आप नाराज़ मत होइए....में तो बस आपको परख रही थी....लेकिन आप तो बिल्कुल पारखी नज़र के मालिक निकले....आगे जो लड़की आने वाली है उसको दिखाने से पहले मेरी एक शर्त है....






में--बोलिए क्या शर्त है आपकी....








कामली--में देखना चाहूँगी आपकी पत्नी कितनी खूबसूरत है....अगली लड़की तभी आपके सामने आएगी जब में तुम्हारी पत्नी और मेरी लड़की की सुंदरता का मिलान कर लूँ....अगर किसी भी तरह आपकी पत्नी मेरी लड़की से कम निकलती है तो तब आप यहाँ से तशरीफ़ ले जा सकते है....क्योकि में वो लड़की ऐसे ही किसी को नही दे दूँगी....








में--मुझे आपकी ये शर्त मंजूर है...लेकिन मेरी भी एक शर्त है....अगर मुझे वो लड़की पसंद आजाती है तो उसके जन्म से लेकर अभी तक का सारा हिसाब किताब चाहिए....वो कहाँ पैदा हुई कैसे आपसे मिली ये सब कुछ....






कामली--लेकिन ये सब जान कर आप क्या करेंगे....आपको लड़की चाहिए आप लड़की ले जाओ बस....






में--में एक परिवार वाला हूँ कामली बाई....मुझे पता होना चाहिए जिसे में अपने साथ ले जा रहा हूँ वो किसी इंसान की पैदाइश है या यहाँ की गंदी नाली की..,.






कामली--ठीक है जनाब....जैसे आपकी मर्ज़ी....क्या आपके पास आपकी पत्नी की कोई तस्वीर है....








में अपने मोबाइल में से नीरा की एक तस्वीर कामली को दिखा देता हूँ.....






कामली--हे मेरे श्याम....इतना खूबसूरत चेहरा....ये तो खुद एक खूबसूरती की देवी है...एक देवी की तुलना दूसरी देवी से करना मेरे बस का नही है....




नज़्म.....शमा को अंदर भेजो....






शमा जैसे ही अंदर आती है में अपनी कुर्सी से उठ कर खड़ा हो जाता हूँ....शमा ने अभी भी अपने होंठो तक अपना घूँघट कर रखा था....एक कसा हुआ कीमती बेस उसने पहना हुआ था उसकी नेट की चुनरी में से उसकी नाभि सूर्य की तरह उदित होती हुई नज़र आरहि थी....






में--तुमसे मिलकर नीरा बहुत खुश होगी....तुम बिल्कुल उसी की तरह सुंदर हो तुम दोनो की सुंदरता का कोई पैमाना नही है.....




कामली बाई मुझे ये लड़की पसंद है.,...






कामली--अरे नज़्म जल्दी से शमा का मुँह मीठा करा और बाकी सारी लड़कियो का भी....और शमा तू इन जनाब का मुँह मीठा कर दे अब से तुझे इन्ही के साथ रहना है....उसके बाद नज़्म एक मिठाई का डिब्बा ले आती है और शमा के हाथो में पकड़ा देती है....शमा धीरे धीरे चलते हुए अपनी नज़ारे नीचे झुकाए मेरे मुँह से वो मिठाई का दुकड़ा लगा देती है....आधा टुकड़ा में खुद खाता हूँ और आधा में शमा को खिला देता हूँ....उसके बाद बाकी सारी लड़किया हँसती हुई शमा को कमरे से बाहर ले जाती है....






कामली--सही में आप एक ज़ोहरी की नज़र रखते है....शमा घूँघट में थी फिर भी आपने उसकी सुंदरता को पहचान लिया....
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में-- कामली बाई असली सुंदरता हमेशा छुपि हुई रहती है....एक हीरा भी अपनी सुंदरता समेटे हुए धरती की गहराइयो में रहता है....उसी तरह ये सुंदरता भी आपके यहाँ ही दबी हुई थी....में शमा को आज ही लेकर जाउन्गा अपने घर के लिए....






कामली--अरे ....अरे...जनाब थोड़ा सबर...




में--सबर....अब क्या बाकी रह गया है....








कामली--जनाब नथ उतराई की रसम आपको यही मनानी पड़ेगी....इसी कोठे मे....








में--मतलब कुछ समझ में नही आया ज़रा खुल कर बताइए....








कामली--जनाब इस कच्ची कली को फूल आपको इसी कोठे पर बनाना होगा...








में--लेकिन ये पासिबल नही है....ये तो मेरी पत्नी के लिए मेरी तरफ से धोका हुआ....अगर मुझे किसी के साथ रात ही गुजारनी होती तो मुझे किसी लड़की को खरीदने की ज़रूरत नही थी....








कामली--जनाब आप बुरा मत मानिए ये हमारी परंपरा है जब भी यहाँ की लड़की की नथ उतरती है वो इसी कोठे पर उतारी जाती है....और सबूत के तौर पर मिलन से निकले खून से सनी हुई चादर को. पूरे कोठे का चक्कर लगवाया जाता है.....






में--ये आपने मेरे लिए दुविधा वाला काम पैदा कर दिया....ये सब में अपनी पत्नी के साथ मिलकर करना चाहता था....लेकिन माफ़ कीजिए में उसके बिना ऐसा कुछ भी नही कर सकता....अब मुझे जाना होगा....






कामली--क्या जनाब आप बार बार नाराज़ होकर खड़े हो जाते है....अगर आप अपनी पत्नी को यहाँ बुलाना चाहे तो बुला सकते है....वैसे भी आप तीनो आगे से एक ही कमरे में रहोगे....तो इसमें दुविधा वाली बात कौनसी है....






में--ठीक है कामली बाई....में अभी होटेल जा रहा हूँ....आप मुझे शमा की कीमत बता दीजिए....ताकि कल सुबह आपको आपकी अमानत दे सकूँ....






कामली--आपने क्या कीमत लगाई है शमा की....








में-मेरे लिए ये अनमोल है....मैं इसकी कीमत कभी नही लगा सकता....








कामली--15 करोड़....








में--सुबह कॅश मिल जाएगा....








कामली--जनाब आप सिर्फ़ पैसो के ही धनी नही है दिल के भी धनी है....




शमा मेरे लिए भी अनमोल है....लेकिन वो आपके साए में रहेगी तो खुशिया उसके कदम चूमेंगी....आप बस 15 लाख रुपये दे देना....15 करोड़ मेने बस आपको परखने के लिए कहा था....अब कल आप अपनी पत्नी को लेकर आ जाए और बंद कमरे के अंदर जो करना चाहे कर लीजिए...बस ये रस्म पूरी होनी चाहिए......






उसके बाद में वहाँ से निकल कर बाहर आ गया और सबसे पहले राजेश को आज का प्लान कँसिल करने की सूचना दे दी और उस से होटेल में मिलने को कह दिया.....




होटेल पहुँचने से पहले में गंगा नदी के एक घाट पर पहुँच गया....कितना मनौरम दृश्य वहाँ फैला हुआ था....गंगा में टिमटिमाते हुए दीपक और मंदिर की घंटियो की आवाज़ मे एक अजब सा सुकून मुझे मिल रहा था....कहते है इस नदी मे नहाने से सारे पाप धूल जाते है...लेकिन इंसान इतने पाप करता ही क्यो है जो गंगा जैसी निर्मल नदी में उसे अपने पाप धोने पड़े....




मैने वही बैठे बैठे नीरा के मोबाइल पर कॉल लगा दिया....






नीरा--जान कहाँ हो आप... आपको देखने का मन कर रहा है....मुझे ऐसे छोड़ कर मत जाया कीजिए....








में--शादी करेगी मुझ से.....???








नीरा--क्या कहा.....????एक बार फिर से कहना....






में--नीरा तुम अभी फ्लाइट पकड़ लो वाराणसी एरपोर्ट के लिए....कल सुबह हम दोनो की शादी है.....








नीरा---लेकिन इतना जल्दी.....आप ही तो कहते थे कि कॉलेज ख़तम होने के बाद शादी करूँगा....






में--मेरे कहने से कुछ नही होता नीरा ये सब किस्मत का खेल है.....मुझे तेरी ज़रूरत है यहाँ....एक ख़ास मकसद पूरा करने आया हूँ में यहाँ....






नीरा--में अभी निकल जाती हूँ वाराणसी के लिए तो सुबह 3 बजे तक पहुँच जाउन्गी....


लेकिन घर वालो को क्या बोलूं कि कहाँ जेया रही हूँ.....








में--मम्मी को बोल देना कि मैने बुलाया है....वो तुझे रोकेंगी नही....वो जानती है में जो भी करूँगा सही करूँगा.....








नीरा--ठीक है आप परेशान मत होना में आ रही हूँ....आप मुझे एरपोर्ट लेने आजना.....






में--नीरा भाभी की कुछ हॅवी साड़ी ले आना अपने साथ....मम्मी को बोल देना वो तुझे दिलवा देंगी भाभी से.....अब तू खाना खा कर निकलने की तायारी कर और फ्लाइट में बैठने से पहले मुझे कॉल ज़रूर कर देना.....








नीरा--ठीक है में सब कर लूँगी....अब में फोन रख रही हूँ....जल्दी हे आपके सामने होउंगी में अब..
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