Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक

Post Reply
User avatar
mastram
Expert Member
Posts: 3664
Joined: 01 Mar 2016 09:00

Re: Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक

Post by mastram »

भाभी--अच्छा जय में अब जा रही हूँ....तू भी अब ज़्यादा मत पीना और खाना खा लेना.



में--भाभी भूक मर गयी है मेरी...कुछ समझ नही आता क्या करूँ...एक तरफ मम्मी का दुख मुझ से सहा नही जा रहा दूसरी तरफ़ आप को इस तरह तिल तिल करता मरते देख रहा हूँ...ये शराब में बस बेहोश होने के लिए पीता हूँ...


मेरी ये बात सुनकर भाभी ने मुझे कस कर गले से लगा लिया....और मेरी पीठ पर हाथ फेरने लगी....

भाभी--तुझे मेरे दर्द से इतनी तकलीफ़ होगी ये मैने कभी सोचा भी नही था...मुझे माफ़ कर दे जय मुझे माफ़ कर दे...


तभी अचानक मेरे रूम का दरवाजा खुल जाता है...नीरा अपने साथ मेरे लिए खाना लाई थी...

जब वो हम दोनो को इस तरह से गले लगे हुए देखती है...और बेड पर शराब की बोतल और 2 ग्लास देख कर वो बस इतना ही बोलती है...


नीरा--भैया खाना खा लेना नही तो ठंडा हो जाएगा....


वो हम दोनो से नज़रे नही मिला रही थी वो चुपचाप खाना वही बेड पर रख कर चली जाती है....

नीरा के जाने के बाद भाभी भी चली गयी थी....लेकिन नीरा ने मुझे जिस तरह से देखा था वो तीर सीधा मेरे सीने में उतर गया था...पता नही क्यो लेकिन ये अहसास हुआ कि कुछ तो ग़लत हुआ है....उसके बाद मैने अपने सिर को झटक के वो बात अपने दिल और दिमाग़ से निकाल दी...


मैने फिर से एक ग्लास में शराब भर ली और उसे पीने लग गया....

अचानक दरवाजे पर हुई दस्तक से में चोंक जाता हूँ...उठ कर दरवाजा खोलने के बाद मुझे नीरा दरवाजे के बाहर खड़ी हुई मिलती है...


नीरा--आप से बात करनी है....मुझे अंदर आने दो....


में--तुझे किसने रोक रखा है जो मुझ से पर्मिशन माँग रही है अंदर आने की...


उसके बाद नीरा सीधा चल कर मेरे बेड के पास आकर बैठ जाती है...


में--बोल क्या बात करनी है...


नीरा--पहले आप मेरी कसम खाओ जो बात में कहूँगी वो आप मानोगे..,


में--ये कैसी बच्चो वाली बात कर रही है तू...में तेरी हर बात वैसे ही मान लेता हूँ...इसमें कसम देने वाली बात कहाँ से आ गयी...


नीरा--कसम तो आपको खानी ही होगी...जो बात में कहना चाहती हूँ मेरे जीवन और मरण के बराबर है...


में--ऐसी क्या बात है नीरा...तू बोल तो सही तू जो बोलेगी में वो मान लूँगा...


नीरा--आप पहले कसम खाओ..,.उसके बाद ही में अपनी बात कहूँगी....


में--नही....में ऐसी कोई कसम नही खा सकता...नीरा क्यो मज़ाक कर रही है....


नीरा--आपको मेरी बात मज़ाक लग रही है तो फिर...में क्या हूँ आपके लिए..में मज़ाक नही कर रही...बोलो अब आप कसम खा रहे हो या नही....


में सोच में पड़ जाता हूँ....कहीं मम्मी की तरह ये भी तो कुछ ऐसा ही कहने तो नही आई है ना...लेकिन ऐसी क्या बात हो सकती है जिस वजह से ये मुझ से कसम खिलवा. रही है...


नीरा--किस सोच में पड़ गये ...कसम तो आपको खानी ही पड़ेगी....



में--अच्छा थोड़ा तो हिंट दे दे ये किस बारे में है....

नीरा--आप इतना क्या सोच रहे हो अगर आप मेरी जान भी माँग लो तो में हँसते हँसते आप पर कुर्बान हो जाउन्गि...लेकिन आप इतनी देर से एक कसम भी.. नही खा पा रहे हो.....

में--क्या तुझे अपने भाई पर यकीन नही है... जो तू मुझे कसम खिलाकर ही अपनी बात मनवा सकती है...


नीरा--मुझे आप पर पूरा यकीन है...लेकिन अपने आप पर से में अपना यकीन खोती जा रही हूँ....इसीलिए में आपको कसम खाने के लिए बोल रही हूँ....अगर कोई चीज़ मुझे चाहिए होती तो मेरे बोलने से पहले ही आप उसे मेरी आँखो के सामने रख चुके होते...लेकिन ये बात कहना, ना मेरे लिए आसान है और ना आपके लिए इसे कर पाना...


में--अगर ये बात इतनी ही ज़रूरी है तो फिर ठीक है....



अचानक दरवाजे पर हुई दस्तक ने दोनो के बीच चल रही इस बात पर विराम लगा दिया...नीरा ने जाकर दरवाजा खोला तो देखा वहाँ दीक्षा खड़ी थी...


दीक्षा--सॉरी मैने आप लोगो को डिस्टर्ब तो नही किया....


नीरा--नही नही दी ऐसी कोई बात नही है आप अंदर आ जाओ...



नीरा का चेहरा बिल्कुल उतर गया था लेकिन अपने चेहरे पर उसने ये ज़्यादा देर रहने नही दिया...
User avatar
mastram
Expert Member
Posts: 3664
Joined: 01 Mar 2016 09:00

Re: Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक

Post by mastram »

दीक्षा ने एक नाइटी पहन रखी थी जो कि काफ़ी. लंबी थी और ढीली भी उसकी स्लीवस में से उसकी वाइट ब्रा भी दिखाई दे रही थी...


दीक्षा--बेड पर लेट ते हुए.....मुझे वहाँ नींद नही आ रही थी इसलिए मुझे लगा आप लोगो के साथ बैठ कर थोड़ी देर में भी बाते कर लूँ...


दीक्षा कमर के बल लेटी हुई थी और उसने अपना एक हाथ अपने सिर के पीछे रख दिया था जिस से उसके अंडर आर्म्स के बड़े बड़े बाल नुमाया हो गये थे...दीक्षा को इस तरह लेटे देख कर नीरा को गुस्सा आ गया लेकिन अपने गुस्से पर काबू करते हुए...


नीरा--दीदी सुबह अंडर आर्म क्लीन कर लेना में रिमूवर दे दूँगी आपको...


दीक्षा इस बात पर बुरी तरह झेंप गयी...और बात बदल कर...


दीक्षा--ये शराब की स्मेल कहाँ से आ रही है...


नीरा--मेरे भैया शराब पीते है...क्यो आपको भी पीनी है...


दीक्षा अब उठ के बैठ चुकी थी...लेकिन नीरा के इस तरह के बर्ताव की वजह से थोड़ी शर्मिंदा भी हो रही थी...


दीक्षा--नीरा तुम रूम में कब तक आओगी....



नीरा--में थोड़ी ही देर में आती हूँ रूम में...आपने दूध पी लिया क्या...



दीक्षा--नही में वही लेने जा रही हूँ...ठीक है गुड नाइट जय भैया अब सुबह मिलेंगे...


फिर मैने भी गुड नाइट कहा और उसके जाते ही अपनी साँस छोड़ते हुए नीरा से कहा ...


में--अब तू भी जा और सो जा...


नीरा--मेरी बात अभी पूरी नही हुई है...लेकिन में रात को फिर आउन्गि...लेकिन इस बार अपनी बात मनवा कर ही जाउन्गि...

उसके बाद नीरा अपने रूम में चली जाती है और में फिर से अपने बेड के नीचे से वो शराब की बोतल निकाल कर अपना ग्लास भरने लग जाता हूँ...

,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

उधर नीरा के रूम में...



दीक्षा--सॉरी नीरा मुझे पता है तुम किस बात पर नाराज़ हो गयी...


नीरा--दी में आपसे नाराज़ हो ही नही सकती हूँ लेकिन आपका इस तरह अपने अंडर आर्म्स को शो करना मुझे अच्छा नही लगा...


दीक्षा--हाँ यार नीरा मुझ से ग़लती हो गयी है पता नही भैया मेरे बारे में क्या सोचेंगे...


नीरा--वो कुछ नही सोचेंगे अगर उन्होने तुम्हारी अंडर आर्म्स की तरफ देख भी लिया होगा तो वो अपनी नज़रे हटा चुके होंगे वहाँ से...आप इस बात से परेशान मत रहो और सुबह में आपको रिमूवर दूँगी जिस से आप अपने हेर रिमूव कर लेना...


दीक्षा--हाँ यार मुझे देना मैने आज तक रिमूवर यूज़ नही किया...में भी स्लीवलेस पहनना चाहती हूँ लेकिन इन बालो की वजह से शर्म आती थी...


नीरा--कोई बात नही...में कल आपको रिमूवर दे दूँगी और रूही दीदी की कुछ स्लीवलेशस ड्रेसस भी...अब आप आराम कर लो थोड़ी देर....क्योकि मुझे अभी वापस जाना है भैया के पास कुछ ज़रूरी बात करने...


दीक्षा--ऐसी क्या बात आ गयी...जो तुम्हे इस समय ही करनी है...



नीरा--कुछ बाते समय नही देखा करती...उन्हे जितना जल्दी हो सके कर लेना चाहिए..वो कहावत तो आपने सुनी ही होगी...काल करे सो आज कर... आज करे सो अब...पल में प्रलय होवेगी..... जदे करेगा कद.....


और इसी के साथ हम लोग मुस्कुरा कर एक दूसरे से गले मिलते है और गुड नाइट बोलकर सोने लगते है...लेकिन नीरा को आज नही सोना था....वो बस सही समय का इंतजार कर रही थी .......
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
User avatar
mastram
Expert Member
Posts: 3664
Joined: 01 Mar 2016 09:00

Re: Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक

Post by mastram »

रात के 1.30 बज रहे थे...तभी मेरे दरवाजे पर दस्तक होती है....

में अपनी ड्रिंक ले चुका था और बस खाना खाकर उठने ही वाला था...मैने उठ कर दरवाजा खोला तो सामने नीरा खड़ी थी अपने चिरपरिचित अंदाज में...

वो अपनो आँखे बड़ी बड़ी करके बस मुझे देखे ही जा रही थी....


में--तू सोई नही अभी तक...


नीरा--जब तक ये बात में आपसे कर ना लूँ, तब तक ना में सो सकती हूँ ना में कुछ खा सकती हूँ...
मैने आज शाम से कुछ भी नही खाया है...सिर्फ़ आपको वो बात कहनी थी इसलिए


में--तू पागल तो नही हो गयी है....खाना क्यो नही खाया तूने...


नीरा...खाने को गोली मारो और सबसे पहले आप मेरी कसम खाओ और जो भी में बात बोलूँगी वो आप मानोगे...


में--ठीक है लेकिन मेरी एक शर्त है, तू अपनी बात ख़तम होने के बाद मेरे हाथो से खाना खाएगी उसके बाद में तुझे जवाब दूँगा....और तुझ से सवाल भी पूछूँगा


नीरा--ठीक है अब कसम खाओ मेरी...



में--तेरी कसम नीरा जो तू कहेगी में वो मानूँगा...तेरी कसम.....बस अब बोल क्या बात है.

नीरा ने अपनी आँखे अब बंद कर ली थी और अपनी दिल की बढ़ती हुई धड़कानों पर काबू करने की कोशिश करते हुए कहती है....


नीरा--भैया आप मुझ से शादी कर लो....में आपसे अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार करती हूँ...में आपके बिना एक पल भी नही रह सकती....मुझे बचा लो भैया मुझ से शादी कर लो...मेने अपनी हर साँस आपके नाम कर दी है....मुझ से शादी कर लो भैया मुझ से शादी कर लो.....

नीरा अपनी पूरी बात एक ही साँस में कह जाती है और में लगातार उसकी इन बातो को अपने सीने मे चुभता हुआ महसूस कर रहा था...

ऐसा लग रहा था जैसे मेरे कानो में किसी ने पिघला हुआ सीसा उडेल दिया हो. ....


वो अब लगातार मेरी तरफ़ देखे जा रही थी अपने जवाब के इंतजार में....


में--अब किचन में से खाना ले आ उसके बाद तेरी हर बात का जवाब भी दूँगा और सवाल भी करूँगा...


नीरा उठ कर अपने लिए खाना ले आई ....और में उसकी आँखो में देखता हुआ उसे खाना खिला रहा था....उसकी आँखे आँसुओ से भर गयी थी ना जाने कौनसा बाँध बना रखा था नीरा ने अपनी आँखो में जो उसके आँसुओ को बहने से रोक रहा था...

में नीरा की बात में ही उलझा हुआ था कि आख़िर उसने ऐसा क्यों कहा...वो मेरी बहन है कैसे उसके मन में मेरे लिए ये ग़लत ख्याल आ गये...कुछ समझ नही आ रहा था में फस चुका था आख़िर कसम जो खाई थी मैने...

जिसे में अपनी जान से भी ज़्यादा चाहता था उसने मुझे एक दौराहे पर ला कर पटक दिया....अगर में कसम तोड़ता हूँ तो कसम के साथ उसका दिल भी टूट जाएगा...और अगर में ये कसम मान लेता हूँ तो मेरी आत्मा मर जाएगी...दोनो ही सुरतों में मेरा ही हाल बुरा होना तैय है....

खाना ख़तम हो चुका था और मेरा हाथ बिना नीवाले के ही नीरा के मुँह के सामने था और नीरा की आँखो का वो बाँध कब का टूट चुका था वो लगातार रोए जा रही थी....और में अपनी सोच के समंदर में डूबे जा रहा था...डूबे जा रहा था...गहरा और गहरा...


नीरा--भैया.....भैया....प्ल्ज़ कुछ बोलो भैया...भैय्ाआअ

उसने मेरे हाथ को अपने हाथ में लेकर जोरदार झटका दिया जिस से में समुंदर की गहराई से वापस लौट आया...


में--क.क क्या हुआअ...


नीरा-- कहाँ खो गये थे...

मैने उसे कोई जवाब नही दिया और उठ कर हाथ धोने चला गया...
में हाथ धोकर आते ही उस से पूछ बैठा..



में--तो तुझे मुझ से शादी करनी है... और अब मैने कसम खा ली है तो इसका मतलब दुनिया की कोई ताक़त तेरी और मेरी शादी को नही रोक सकती....लेकिन तू मुझे एक बात बता तेरे मन में ये शादी का ख्याल आया कहाँ से ...मैने हमेशा तुझ से और रूही से एक डिस्टेन्स मेन्न्टेन रखा है...तू सोच आज पापा की आत्मा कितनी दुखी हुई होगी...उनके अपने ही बच्चे आपस में शादी कर रहे है...उनको मरे हुए दिन ही कितने हुए है....और तेरा ये सवाल...


नीरा--आप भी तो भाभी से शादी कर के उन्हे खुश रखना चाहते हो ना....लेकिन वो भी तो आपको भाई मानती है...फिर कैसे आप उन से शादी के लिए रेडी होगये...और कौन्से पापा की बात कर रहे हो आप...वो बाप जिसकी वजह से आप पैदा हुए या वो बाप जिसने आपकी हर सुख सुविधा का ध्यान रखा है.....

में--ये क्या बकवास कर रही है नीरा...होश में रह कर मुझ से बात कर....पापा के बारे में एक शब्द भी में सुनना पसंद नही करूँगा....


नीरा--मेरी आपसे शादी करने की सबसे बड़ी. वजह. मेरे प्यार के बाद आप का बाप ही है......में बस इन भेड़ियो से आपको बचा कर रखना चाहती हूँ...


में--नीराअ .....इस से पहले मेरा हाथ तुझ पर उठ जाए...में ये भूल जाउ तू मेरी बहन है...तू यहाँ से चली जा
वरना आज तक तूने मेरा प्यार देखा है...मेरा गुस्सा तुझे जला देगा नीरा मान जा....मैने बोला ना तुझ से शादी करूँगा में...फिर क्यो पापा. का नाम ले ले कर उनको इन सब बातो का दोषी बना रही है...
User avatar
mastram
Expert Member
Posts: 3664
Joined: 01 Mar 2016 09:00

Re: Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक

Post by mastram »

नीरा--भैया में आपको शादी की दी हुई कसम से आज़ाद करती हूँ क्योकि ज़बरदस्ती में आपका जिस्म पा सकती हूँ...लेकिन आपका प्यार नही...में अच्छे से जानती हूँ जब आपको असलियत पता चलेगी आपका रिश्तो से भरोसा उठ जाएगा....प्यार क्या होता है ये आप भूल जाओगे...सब कुछ मर जाएगा लेकिन इस सच्चाई को में अपने अंदर भी नही रख सकती ये सच्चाई बिल्कुल उसी हलाहल ज़हर की तरह हे जो शिव के गले में पड़ा है...और वेसा ही हलाहल ज़हर मेरे सीने में भी भर गया है...


में--ऐसी क्या सचाई है जो सब ख़तम कर देगी....बता मुझे में भी अब सुनना चाहता हूँ लेकिन पापा के बारे में बोला गया तेरा हर एक शब्द तुझे मुझ से बहुत दूर ले जाएगा...बस ये याद रखना...



नीरा--नही भैया में आपसे कभी दूर नही हो सकती अगर में मर भी गयी तब भी आपके पास ही रहूंगी....दुनिया की कोई ताक़त मुझे आप से दूर नही रख सकती....अगर मेरे बोलने से में आप से दूर होती हूँ तो फिर ठीक है...जो खुद इस सच्चाई की सबसे बड़ी गवाह है....जो खुद एक सबसे बड़ा सच है में उसी को आपके सामने खड़ा कर दूँगी....


में--कौन्से सच की बात कर रही है तू...किसको खड़ा करेगी यहाँ गवाही देने के लिए...


नीरा--आप मम्मी के मोबाइल पर फोन करो और उन्हे यहाँ बुलाओ....


में--नीरा तू सच में पागल होगयि है....मम्मी को क्यो परेशान कर रही है...वो पहले से ही दुख में डूबी हुई है....और हम लोगो की बातो से उनको और चोट पहुचेगी...



नीरा--मम्मी नही है वो....वो औरत एक ज़हरीली नागिन है...वो डॅस लेगी आपको भी...में कहती हूँ बुलाओ उस नागिन को..


टदाआक्ककक..... एक झन्नाटेदार थप्पड़ नीरा के मासूम गालो पर पड़ता है...


में--अगर एक शब्द भी तूने और बोला...तो ये मान लेना तेरा भाई तेरे लिए हमेशा के लिए मर गया है...


नीरा की आँखे बिल्कुल सुर्ख लाल हो चली थी उनमें अब आँसू नही थे....एक निश्चय था अपने भाई को इन लोगो से बचा कर रखने का...वो पलट कर जय के रूम में से चली जाती है...और रूम से निकलने के बाद सीधा अपनी मम्मी के कमरे की तरफ़ बढ़ जाती है.....



वहाँ मम्मी बेसूध हो कर सो रही थी...

नीरा अपनी मम्मी को लगभग झींझोड़ते हुए उठती है,...


मम्मी--क्या हुआ बेटा इतनी रात को इस तरह से क्यो जगाया मुझे.....



नीरा--में कोई तेरा बेटा वेटा नही हूँ...और ना ही में तुझसे कोई बात करना चाहती हूँ...मुझे मेरे भाई की चिंता है....में बस इसीलिए तुझे बुलाने आई हूँ...चल मेरे साथ और बता अपनी काली कर्तुते अपने बेटे को...बता अपने बेटे को कि कैसे पैदा हुआ वो....चल उठ.........

नीरा लगभग मम्मी को खिचते हूर कमरे से बाहर लाई....मम्मी बिल्कुल सुन्न हो चुकी थी नीरा की इन बातो से....वो समझ नही पा रही थी...कैसे जवाब देगी वो नीरा के सवालो का....कैसे सामना कर पाएगी वो जय का...


नीरा मम्मी को लगभग धकेलते हुए जय के बेड तक पहुचा देती है....


में--नीरा ये क्या हरकत है...तू कैसे भूल गयी ये हमारी मम्मी है....


नीरा--मम्मी से....अब बोलती क्यो नही हो...जवाब दो...बताओ इसे कि कैसे पैदा हुआ ये...बताओ इस पाप में कौन कौन भागीदार था...



में--मम्मी ये क्या बकवास कर रही है....ऐसी क्या बात है जो आप इसके जानवरों जैसे व्यवहार को चुप चाप सहे जा रही हो...एक थप्पड़ क्यो नही लगा देती हो आप इसे..


मम्मी--इसमें नीरा की कोई ग़लती . है...ये मुझे ग़लत समझती है....और ये सही भी है...में ग़लत हूँ....हाँ...हाँ..में ग़लत हूँ....मैने अपने परिवार को अपनी जान से भी ज़्यादा प्यार किया....मैने अपने घर को बचाने के लिए वो सब किया जो मुझे नही करना चाहिए था...


में--ये क्या पहेलियाँ बुझा रही हो मम्मी...क्या बात है सॉफ सॉफ कहो..



मम्मी की आँखो से लगातार आँसू बहे जा रहे थे....


मम्मी--मैने तुम्हारे पापा से शादी बेहद कम उमर में कर ली थी...में उस वक़्त 11 क्लास में ही तो थी. तुम्हारे पापा जब मुझे मिले.... मुझे पहली ही नज़र में उनसे प्यार हो गया था...और शायद वो भी मुझे प्यार करने लग गये थे....हम दोनो ने भाग कर शादी कर ली...मेरे माँ बाप नही थे बस एक मामा और मामी ने ही मुझे पाला था....

हम लोगो की शादी को 2 साल हो चुके थे जीवन में सब कुछ सही चल रहा था...तुम्हारे पापा भी अपना बिज़्नेस अच्छे से सेट करने में लगे हुए थे...

एक रात जब वो घर लौट कर आए...तब वो काफ़ी परेशान लग रहे थे....मैने जब उनसे पुछा के क्या हुआ...तब उन्होने कहा..



किशोर--संध्या हमारी सारी मेहनत खराब हो जाएगी अगर...हमारा माल मार्केट में नही बिका तो...


संध्या--ऐसा क्या हो गया है ....माल क्यो नही बिकेगा...


किशोर--मैने जो डाइमंड मँगवाए थे वो काफ़ी अच्छी क्वालिटी के है लेकिन फिर भी कोई उन्हे खरीद नही रहा...4 लोग ऐसे हैं जो नही चाहते में इस काम में उनकी बराबरी करूँ..


संध्या--लेकिन वो ऐसा क्यो कर रहे है....और दूसरा वो अगर आपका रास्ता रोक रहे है तो इसमें आपको क्या फरक पड़ता है....


किशौर--वो नही चाहते बिज़्नेस में उनका कोई कॉंपिटिटर बाज़ार में आए..और वो यहाँ के काफ़ी बड़े बिज़्नेस मॅन है...इसलिए वो हर तरह से मुझे मुंबई में बिज़्नेस स्टार्ट करने नही देना चाहते...


संध्या--आप उनके साथ एक मीटिंग फिक्स क्यो नही करते...उनलोगो से प्यार से कुछ ले दे कर इस मामले को ख़तम कर दो...


किशौर--मुझे अब ऐसा ही करना पड़ेगा...वरना हम बर्बाद हो जाएँगे...


उसके बाद किशोर एक फाइव स्टार होटेल में उन सभी को इन्वाइट करता है..किशोर के साथ में संध्या भी आई थी...और जब उन लोगो ने संध्या को उपर से नीचे तक देखा...तो एक ज़हरीली मुस्कान उन सभी के चेहरो पर आ चुकी थी...
Post Reply