Incest रुतबा या वारिस
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Re: Incest रुतबा या वारिस
Kuch dino me update dunga bhai, abhi thoda busy hu,
रुतबा या वारिस.. Running
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Re: Incest रुतबा या वारिस
आगे....
मै अपने कमरे में बैठा सोच रहा था की आज बुआ को मेरा तगडा लंड दिखा कर आग लगा दूंगा, बुआ खुद फिर मुझसे चुदने को आयेगी.. ये सोच कर मेरा लंड खड़ा हो रहा था,, तभी दरवाजे पर बुआ,,
बुआ-- राज बेटा, ( धीरे से).....
मैने जल्दी से कपड़े ठीक कर दरवाजे पर गया, और जैसे ही दरवाजा खोला, सामने बुआ का रूप देख सन् रह गया,
एकदम हसीना की तरह खूबसूरत बला,एक दुल्हन जैसे कयामत का कहर ढहा रही थी,
बुआ ने मेरी तरफ देखा मै मुस्करा रहा था,
मै-- आओ बुआ, अंदर आओ
मै और बुआ अंदर आये और मैने दरवाजा बंद कर दिया,
बुआ मुड़ी और मेरी तरफ देखती हुई राज बेटा मुझे माफ करना, मुझे गलत मत समझना की मै ये सब करने को कैसे तैयार हो गयी, बेटा मेरी मजबूरी है अगर तुझे सही नही लग रहा है तो मै चली जाती हु
मै-- अरे बुआ कैसी बात कर रही है आप, ये सब मै आपकी खुशी के लिए ही करने को राजी हुआ हु, अगर आपको कोई दिक्कत है तो आप जा सकती है,
बुआ-- बेटा बात दिक्कत की नही है लेकिन ये पाप है,
मै-- देखो बुआ, मानता हूँ सही नही है लेकिन अगर आप चाहो तो कोई और दूसरा लड़का देख लो, बस मुझे आपकी खुशी देखनी है बुआ
बुआ-- मेरी तरफ देखती हुई, नही राज कैसी बात कर रहे हो, मैने आजतक तेरे फूफा जी के अलावा किसी और को छुआ तक नही, मै ऐसे कैसे कर सकती हु किसी और के साथ, ये तो माँ ने बोला तब मैने आपके साथ हाँ कर दी, पता नही ये सब कैसे होगा..
मै-- देखो बुआ, मुझ पर विश्वास करो, सबकुछ यही तक सीमित है, अगर ऐसा करने से आप माँ बनती है तो कोनसी बुराई है,
बुआ-- हा बेटा बात तो सही है लेकिन मै कैसे कर पाऊँगी,
मै-- बुआ हम दोनो को मिलकर करना होगा, तभी सही से हो पायेगा, क्या आप तैयार है
बुआ-- ठीक है बेटा लेकिन लाइट बन्द कर दो, मै ऐसे नही कर पाऊँगी,
मैने जल्दी से लाइट बन्द कर दी, अंधेरे में मै और बुआ दोनो खड़े हुए...
मै अपने कमरे में बैठा सोच रहा था की आज बुआ को मेरा तगडा लंड दिखा कर आग लगा दूंगा, बुआ खुद फिर मुझसे चुदने को आयेगी.. ये सोच कर मेरा लंड खड़ा हो रहा था,, तभी दरवाजे पर बुआ,,
बुआ-- राज बेटा, ( धीरे से).....
मैने जल्दी से कपड़े ठीक कर दरवाजे पर गया, और जैसे ही दरवाजा खोला, सामने बुआ का रूप देख सन् रह गया,
एकदम हसीना की तरह खूबसूरत बला,एक दुल्हन जैसे कयामत का कहर ढहा रही थी,
बुआ ने मेरी तरफ देखा मै मुस्करा रहा था,
मै-- आओ बुआ, अंदर आओ
मै और बुआ अंदर आये और मैने दरवाजा बंद कर दिया,
बुआ मुड़ी और मेरी तरफ देखती हुई राज बेटा मुझे माफ करना, मुझे गलत मत समझना की मै ये सब करने को कैसे तैयार हो गयी, बेटा मेरी मजबूरी है अगर तुझे सही नही लग रहा है तो मै चली जाती हु
मै-- अरे बुआ कैसी बात कर रही है आप, ये सब मै आपकी खुशी के लिए ही करने को राजी हुआ हु, अगर आपको कोई दिक्कत है तो आप जा सकती है,
बुआ-- बेटा बात दिक्कत की नही है लेकिन ये पाप है,
मै-- देखो बुआ, मानता हूँ सही नही है लेकिन अगर आप चाहो तो कोई और दूसरा लड़का देख लो, बस मुझे आपकी खुशी देखनी है बुआ
बुआ-- मेरी तरफ देखती हुई, नही राज कैसी बात कर रहे हो, मैने आजतक तेरे फूफा जी के अलावा किसी और को छुआ तक नही, मै ऐसे कैसे कर सकती हु किसी और के साथ, ये तो माँ ने बोला तब मैने आपके साथ हाँ कर दी, पता नही ये सब कैसे होगा..
मै-- देखो बुआ, मुझ पर विश्वास करो, सबकुछ यही तक सीमित है, अगर ऐसा करने से आप माँ बनती है तो कोनसी बुराई है,
बुआ-- हा बेटा बात तो सही है लेकिन मै कैसे कर पाऊँगी,
मै-- बुआ हम दोनो को मिलकर करना होगा, तभी सही से हो पायेगा, क्या आप तैयार है
बुआ-- ठीक है बेटा लेकिन लाइट बन्द कर दो, मै ऐसे नही कर पाऊँगी,
मैने जल्दी से लाइट बन्द कर दी, अंधेरे में मै और बुआ दोनो खड़े हुए...
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