बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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राज अब् पीछे से नेहा की ब्लाउज़ जो एक डोरी से टिकी हुई थी। उस होरी को निकाल देता है। नेहा का ब्लाउज़ जो बैंकलेश था पीछे से खुल जाता है। नेहा ने स्ट्रैपलेश ब्रा पहनी थी। अब नेहा की पीठ बिल्कुल नंगी भी। राज का लण्ड अब नेहा की गाण्ड में चुभ रहा था। हालांकी वो नेहा को चोद चुका है लेकिन नेहा भी हो इतनी हाट और खूबसूरत को उसको कितनी बार भी चोदो मन भरने वाला नहीं था। और राज तो फिर भी एक
दो कौड़ी का गंदा ट्रक ड्राइवर था।

अब राज अपने हाथ नीचे ले जाने लगता है। वो अपना हाथ नेहा की पेटीकोट के अंदर से उसकी पैंटी के अंदर डाल देता है, नेहा की गुलाबी चूत के पास। अब राज का हाथ नेहा की चूत पर पहुँच जाता है। उसका काला हाथ नेहा की गुलाबी चूत की दीवार को छू रहस आ| अब नेहा कुछ हिलने लगती हैं। नेहा राज की बाथरूम वाली हरकत से बहुत पहले ही गरम थी, और अब और एक बार। राज अब चूत पर उंगली फेरने लगता है। नेहा की लौंद में ही सिसकारी निकालने लगती हैं।

नेहा- "अहह."
नेहा की सेक्सी सिसकारी सुनकर राज का लण्ड झटके खा रहा था। राज से कंट्रोल नहीं होता तो वो अचानक नेहा की चूत में उंगली घुसा देता है। जिससे नेहा की नींद खुल जाती है।

नेहा- “आहह...

नेहा की आँख खुलते ही उसे अहसास होता है की किसी का हाथ उसके पैंटी के अंदर चूत पर है। नेहा तब चकित हो जाती है जब वो देखती है की वो एक काला हाथ था। नेहा झट से ओड़ा पीछे घूमती है और राज को देखकर हैरान हो जाती है।

नेहा- तुम... हटो कोई आ जाएगा हटो।

राज- कोई नहीं है यहाँ मेरी जान ... मैंने दरवाजा बंद कर दिया है।

नेहा- नहीं हटो मेरे ऊपर से।

राज का हाथ अभी भी नेहा की चूत पर था। वो अब चूत में उंगली करने लगता है।

नेहा- "आअहह... मत करो वैसे अहह.."

राज. तु मुँह से तो मना कर रही हैं लेकिन तेरी चूत तो कुछ और ही बता रही है। देख तेरी चत कैसे तड़प रहीं हैं मेरे लण्ड के लिए।

नेहा ये सुनकर शर्म से लाल हो जाती हैं। क्योंकी सच में उसकी चूत पानी छोड़ रही थी। नेहा बोली- "नहीं ऐसा कुछ नहीं है तुम हटो..."

राज नेहा से दूर होने के बिल्कुल मूड में नहीं था। वो अब नेहा की चूत में जोर-जोर से उंगली करने लगता है।

नेहा- "अहह... आहह... नहीं आहह...'

राज की काली मोटी उंगली नेहा की चूत में अंदर-बाहर हो रही थी। नेहा का जिकम अकड़ने लगा था। अभी भी दोनों उसी पोजीशन में थे। राज उससे चिपका हुआ था और आगे से उसका हाथ नेहा की पेटीकोट से पेंटी में

नेहा- "प्लीज़... अहह... करीम्म अहह.." और नेहा इस चीख के साथ झड़ चुकी थी।

नेहा को अपने आपसे शमिंदगी होती है की वो एक बूढ़े काले ड्राइवर के हाथों झड़ गई। नेहा की सांस फूली हुई थी वो उसे काबू करने लगती हैं। लेकिन तभी राज फिर से उसकी चूत सहलाने लगता है। नेहा की चूत पानी पानी हो चुकी थी। राज के हाथ नेहा की चूत के रस से गीले हो चुके थे। नेहा भी शमिंदा भी अपने आपसे। लेकिन वो कर भी क्या सकती थी? राज की छुअन ही उसे झड़ने पर मजबूर कर देती थी। नेहा की औखें राज के ऐसे उसकी चूत सहलाने में बंद हो रही थी। वो अपने आप पर कंट्रोल खो रही थी। नेहा की पतली गोरी कमर भर-भर कांप रही थी। थोड़ी देर बाद नेहा दूसरी बार झड़ जाती है। नेहा हाँ फ रही थी अब्बा राज ने उसे दो बार झड़ने पर मजबूर किया था।

राज अब बेड पर से नीचे उतर जाता है। नेहा भी उठकर बैठ जाती है। राज बेड के किनारे नेहा के पास
आता है। उसके चेहरे के सामने वो अपना काला मोटा लण्ड पैंट के ऊपर से मसलने लगता है। नेहा जिसे देखकर दूसरी तरफ मुँह कर लेती है।

राज- "क्या मेरी जान... तेरे तो मजे हो गये अब मेरी बारी.."

नेहा शर्मा जाती है इसपर।

राज- चल अब् शर्माना छोड़ और मेरा लण्ड चूस।

नेहा का लण्ड चूसने की बात सुनकर घिन आने लगती है। उसने अपने पति का लण्ड कभी अपने मुंह में नहीं लिया था। और ये गंदा बढ़ा अपना काला झांटों से भरा हुआ गंदा लण्ड चूसने को बोल रहा था। नेहा ना में सिर हिलाती है।

राज- "अरे वाह... अपना हो गया तो खतुम। अब मैं क्या करूँगा?"

नेहा चुप रहती है।

राज- बोल।

नेहा- मुझे नहीं पता।

राज मन में- “साली को लण्ड नहीं लेना मुंह में लेकिन चूत में चलता है। साली अभी हाथ से चला लेता हूँ । लेकि जल्द ही तुझे लण्ड मुह में लेना होगा.."

राज बोला- “चल मुँह में ना सही, अपने हाथ से ही शांत कर दे मेरे लण्ड को.."

नेहा नीचे ही देख रही थी। राज अब अपने पेंट की जिप खोलता है। जिसकी आवाज सुनकर नेहा दूसरी तरफ देखने लगती है। राज अब अपना काला मोटा गंदा सा लण्ड बाहर निकाल लेता है। उसके गंदे लण्ड से बदबू आ रही, जो नेहा को अभी आ रही भी। नेहा लेकिन राज के लण्ड की तरफ नहीं देखती।
राज- "चल मेरी जान शुरू हो जा। कला तुझे ही देरी होगी। क्योंकी में ये तरे से कराये बिना नहीं जाने वाला। चाहे जो हो जाये...
नेहा को समझ में नहीं आ रहा था की क्या करें। वो इस वक़्त अपने पति के दोस्त की शादी में आई हैं और यहाँ ये बूदा गंदा ड्राइवर उसके साथ ये सब कर रहा है। नेहा सोच रही थी।
राज- "नेहा किस सोच में पड़ गई?" राज इतना बोलकर नेहा का कोमल गोरा हाथ पकड़कर अपने काले गंदे लण्ड पर ले आता है।
नेहा एक बार तो राज का मोटा काला लण्ड महसूस करके दूर जाती है। और झट से अपना हाथ हटा लेती है। उसने जो बड़ा लण्ड अपने हाओं में महसूस किया था उसे अजीब सा लगा आ। क्या वो यही लण्ड था जिससे उसकी चुदाई हो चुकी है। एक काले बटे का लण्ड।
राज फिर से नेहा का हाथ पकड़ लेता है और उसके लण्ड पर रख देता है। नेहा अपना हाथ हटाने की कोशिश कर रही थी। लेकिन इस बार राज उसका हाथ पकड़े हुए था। नेहा का गोरा हाथ अब राज की काली झांटों से भरे हुए लण्ड पर था। नेहा दूसरी तरफ मुँह किए हुई थी।
राज- मेरी जान इधर देख।
नेहा नहीं घूमती। राज अब उसका हाथ पकड़े हुए अपना लण्ड ऊपर-नीचे हिलाने लगता है। नेहा हाथ हटाने की कोशिश करती हैं। लेकिन राज उसे नहीं हटाने देता। नेहा को राज के लण्ड की नसें साफ महसूस हो रही थी जो फूली हुई थी। उसकी काली जिल्द लण्ड के टोने के ऊपर-नीचे हो रही थी। राज भी अब अच्छा महसूस कर रहा था। हो भी क्यों ना? एक खूबसूरत औरत के गोरे कोमल हाथ उसके लण्ड को सहला जो रहे । थोड़ी देर याद राज देखता है की नेहा अपना हाथ हटाने की कोशिश नहीं कर रही है।
इसलिए वो अब धीरे से अपने हाथ नेहा के हाथ से हटा देता है। नेहा बेखयाली में राज का काला लण्ड हिला रही थी, ये समझ के की राज का हाथ उसके हाथ पर है। राज अब मजे लेने लगता है नेहा को अपना लण्ड हिलसता देखकर। नेहा दूसरी तरफ चेहरा किए हुई थी। नेहा को चेहरे पर अलग ही भाव थे। वो अजीब से
अहसास में थी। उसे ये अच्छा भी लग रहा था और बुरा भी।
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्‍वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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राज को अहसास होता है कि वो अब छुटने वाला है, तो राज बोला- "ही ऐसे ही आहह... ऐसे ही करती रह।
मजा आ रहा है."
राज की बात सुनते ही अचानक नेहा राज की तरफ देखती है और राज का हाथ अपने हाथ पर ला देखकर हैरान रह जाती है। उसकी नजर राज के बदसूरत चेहरे पर जाती है जो आँखें बंद किए हुए मजे ले रहा था। राज छूटने के बेहद करीब था। लेकिन तभी नेहा ने एकदम से उसका लण्ड छोड़ दिया। राज को तो जैसे उसके लण्ड पर हथौड़ा मार दिया हो नेहा ने। इतना करीब आकर उसने हिलाना बंद कर दिया था।
राज- तूने बंद क्यों किया हिलना?
नेहा- मुझे नहीं करना।
राज को गुस्सा आता है इस बार- "साली अपनी चूत की प्यास मिटा ली, और अब मेरे लौड़े की बारी आई तो नखरे कर रही है। साली तुझे तो मैं छोइंगा नहीं." ऐसा बोलकर वो रूम के बाहर चला जाता है।
नेहा थोड़ा राहत की साँस लेती है के यहा से चला गया बट्टा कही का। लेकिन उसने जो बोला है उसका क्या? क्या करेगा वो उसके साथ? ये सब सोचकर नेहा को डर लगने लगा था। नेहा राज का गुस्सा देखकर भी हाल भी। इससे पहले कभी राज ने उससे ऐसी बात नहीं की थी। इधर राज बाहर आकर किसी वाशरूम में चला जाता है। और वहाँ जाकर मूठ मारता है।
राज. “साली की तो मैं... साला पानी यहाँ आकर निकलना पड़ा। वहीं उसके चेहरे पर करना चाहिए था। कोई बात नहीं। अब आगे उसकी चूत में अपना पानी डालेंगा.." फिर राज शांत होकर बाहर चला जाता है।
नेहा उस रूम में रहना अब ठीक नहीं समझती। इसलिए वो अब अपने आपको ठीक करके बाहर चली जाती है। उसे विशाल कहीं नजर नहीं आ रहा था। बाहर लोग शादी की तैयारियां कर रहे थे। नेहा इधर-उधर टहलते हुए बाहर की ओर जाने लगी। बाहर भी उसे विशाल नजर नहीं आया।
नेहा यही किसी को नहीं जानती औ। सब अंजान लोग थे। क्योंकी वो पहली बार यहाँ आई थी। नेहा चलते हर
ओड़ा और बाहर आती हैं। इधर-उधर विशाल को टूटते हुए उसकी नजर दरवाजे पर साइड में खड़े राज पर गई जो सिगरेट पी रहा था। उसके साथ में एक और आदमी था। दिखने में कोई 45 साल का आदमी लग रहा था। सांवला सा। थोड़ा पतले शरीर वाला इंसान। राज उससे बातें करते हुए सिगरेट पी रहा था। नेहा उसकी तरफ ध्यान ला देते हए दूसरी तरफ जाने लगी। लेकिन तभी दूर से किसी की आवाज आई उसे।
राज- "मेमसाब्ब...
नेहा उस आवाज की तरफ घूमी, और काम को देखकर ओड़ा गुस्सा हो गई। नेहा सांची- "पता नहीं अब ये बूढ़ा क्या करने के इरादे में आया है?
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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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राज- मेमसाब्ब ।
नेहा- क्या है?
राज- वो साहब थोड़ा बाहर गये हैं। एक घंटे में आ जाएंगे।
नेहा- एक घंटा... तब तक मैं क्या करंगी? ये विशाल भी ना बता नहीं सकता आ। में भी साथ में चलती। छोड़ गये मुझे अकेले।
राज नेहा को ही देख रहा था, कहा- "मेमसाहब आप चाहे तो हमसे बातें कर सकती हैं."
नेहा राज की तरफ अजीब नजरों से देखने लगती है, और कहती है- "मुझे नहीं करनी बात तुमसे..."
राज- क्यों?
नेहा- "नहीं करनी मतलब नहीं करनी। और तुम ड्राइवर हो और ड्राइवर की औकात में रहीं समझे... नेहा का ये रूप देखकर राज हैरान था।
राज मन में- “साली बहुत फुदक रही। यहां भीड़ में नाटक कर रही है। साली तुझे तो मैं बाद में देख लूँगा। तेरे मुँह से चौखें ना निकलवा दी तो मैं 1000 बाप का.."
नेहा वहाँ से चली जाती है अंदर अपने रूम में। राज वापस उस आदमी के पास चला जाता है, जिसके पास वो पहले खड़ा था। उधर नेहा रूम में आकर बेड पर बैठ कर।

नेहा- "ये विशाल मुझे छोड़कर कैसे जा सकता है , अंजान लोगों में? मेरी जरा भी फिकर नहीं है उसे। ऐसा भी कोई करता है क्या? उसे पता नहीं क्या कैसे राज जैसे लोग भरे पड़े हैं। जो कभी भी कुछ भी कर सकते हैं। कर क्या सकते हैं? राज तो मेरे साथ कर चुका है। अब क्या होगा मेरा? वो बूढ़ा तो जैसे मुझपर हुकम चलाता है। जब चाहे तब मेरे पास चला आता है, जो चाहे वो करता है। मैं भी तो उसे ज्यादा मना नहीं कर पाती लेकिन क्यों? वो बूढ़े की हरकतें ही मुझे उकसाती हैं। कमौना कही का, मुझे अपनी गर्लफ्रेंड बोलता है। इसपर नेहा ओड़ा मुश्कुराती है। बड़ा हो गया फिर भी गर्लफ्रेंड चाहिए कमीने को। इसमें विशाल की भी गलती है। वो मुझे टाइम नहीं देते और मैं , राज के हाथों मजबूर हो जाती हैं। मुझे तो डर है की किसी दिन में सारी हदें जा पार कर
दूं...
नेहा यही सब सोचते हए बेड पर लेट जाती है। उसको जल्द ही नींद भी आ जाती है। सुबह वो देरी से उठती है। अभी भी रूम में विशाल नहीं था। लेकिन उसे रूम के बाहर लोगों की आवाजें सुनाई दे रही थी। नेहा थोड़ा फ्रेश होकर एक नई साड़ी पहन लेती हैं। क्या मस्त माल लग रही थी नेहा इस वक्त। एकदम नेचरल ब्यूटी। 36" इंच
की चूचियां उस साड़ी में पर्फेक्ट दिखती थी। और 28 इंच की कमर। आइह... किसी का भी काल कर दे, और उसकी 37 इंच की गाण्ड जिसे हर कोई मारना चाहे। एकदम पटाका लग रही थी।



आज एक बात तो पक्की थी। शादी में आए मर्दो की बुरी नजर नेहा पर पड़ना लाजिम था। पता नहीं कितनों के लण्ड झटके खाने वाले हैं नेहा को देखकर। नेहा तैयार होकर बाहर निकलती हैं। बाहर शादी का काम जारी । विशाल भी काम में लगा हुआ था। नेहा उसके पास चली जाती है।
विशाल- उठ गई तुम?
नेहा- "हो..." और नेहा ओड़ा गुस्सा में बोलती है।
विशाल- क्या हुआ गुस्से में लग रही हो?
नेहा- क्या हुआ? कल कहाँ चले गये थे? मुझे बताया भी नहीं अपने। मैं भी आती ना।
विशाल- सारी जान ओड़ा एमजेंसी थी इसलिए जाना पड़ा। तुम सो रही थी तो तुमको जगाना ठीक नहीं लगा इसलिए।
नेहा कुछ नहीं बोलती है।
विशाल- तुमने नाश्ता कर लिया?
नेहा- कहीं अभी तो उठी हैं।
विशाल- अरे मीरा।
-
-
नाम
मीरा विशाल के दोस्त की बहन थी। मीरा 20 साल की मस्त आइटम थी। एकदम हाट फिगर। 34-28-36 को फिनार। बिल्कुल प्यारा चेहरा। उसने आज एक मस्त लहंगा चोली पहना हुआ था। एकदम पटाब
चोली में से उसकी चूचियां एकदम चलते हर उछल-कूद रही थी, और चेहरे पर मेकपा और ऊपर से उसकी नंगी पतली कमर। बहुत हाट लग रही थी। मीरा विशाल के बुलाने पर आती है वहीं।
मीरा- हाँ विशाल भैया।
विशाल- "अरे मीरा, तुम्हारी भाभी को नाश्ता करवा दोगी..." '

मीरा- जरूर विशाल भैया। चलिए भाभी।

नेहा- विशाल तुम भी आओ ना।

विशाल- नेहा मुझे बहुत काम है तुम हो आओ ना।

नेहा फिर मीरा के साथ चली जाती है। वो दोनों एक बड़े से किचेन में जाते हैं जहाँ पर डाइनिंग टेबल भी था।

मीरा- भाभी आप बाठिये। मैं आपके लिए नाश्ता लाती हैं।

नेहा बैठ जाती है। थोड़ी देर में मीरा नाश्ता देती है।

नेहा- तुम भी नाश्ता करी।

मीरा- नहीं भाभी, मैंने कर लिया। आप करो।

नेहा खाने लगती है। मीरा अपने मोबाइल पर चैटिंग कर रही थी। थोड़ी देर बाद किचेन की खिड़की से कोई अंदर झोंक रहा होता है। नेहा और मीरा ने उसे अभी तक नहीं देखा । क्योंकी वो खिड़की वो दोनों जहाँ पर खड़ी उनसे पीछे साइड पर थी। कौन था वो आदमी?
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बाहर खिड़की से राज नेहा को देख रहा था| लोकल उसकी नजर वहां खड़ी मीरा पर भी चली जाती है। इतनी जवान खूबसूरत लड़की को देखकर उसका मन डोलने लगा था, और इसका काला लण्ड तड़पने लगा था। उसकी आँखों के सामने एक से एक मस्त आइटम औ। एक की तो वो ले चुका था लकिल दूसरी बाली की लेने की वो सोच रहा था।
राज मन में- "साली क्या आइटम है। लण्ड खड़ा कर दिया इस परी ने। है कौन ये आखिर। क्या चूचियां हैं इसकी अहह... क्या कमर है... जरुर कुँवारी होगी..."

राज अब मीरा के ऊपर नजर गड़ाए हए था। उसके जिश्म को स्कैन कर रहा था। वो तो मीरा को ऐसे घूर रहा
था जैसे नजरों से हो नंगी कर रहा हो। राज खिड़की से अंदर देखते हुए अपना लण्ड मसल रहा था। तभी अचानक मीरा की नजर राज पड़ जाती है।
मीरा- हे कौन हो तुम? और यहां क्या कर रहे हो?

मीरा की आवाज सुनकर नेहा भी खिड़की पर देखती है और राज को वहीं देखकर थोड़ा डर जाती है।

राज- वो मैं नेहा जी का ड्राइवर हूँ।

मीरा अब नेहा की तरफ देखते हुए. "भाभी?"

नेहा- हाँ वो हमारा ड्राइवर है।

मीरा- वो अच्छा। लेकिन तुमको क्या चाहिए?

राज मन में- “साली मुझे तो तेरी कुवारी चूत चाहिए...

राज- कुछ नहीं, बस ऐसे ही आया था।

मीरा- ऐसे ही मतलब।

नेहा कुछच बोल नहीं रही थी।
राज- वो खाने के लिए कुछ भी मिल जाता तो?

मीरा- वो ठीक हैं अंदर आओ, मैं कुछ देती हूँ।

राज के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था। उसके मास्टरमाइंड दिमाग में एक आइडिया आया था। राज मन में. "नेहा मेरी जान तू मुझसे खुलकर कुछ नहीं करती ना। मुझे पता है तुझे भी मेरे से चुदाई करवाना पसंद हैं। मुझे पता है मेरा लौड़ा तुझे पसंद है। लेकिन तू खुलकर नहीं बताती। अब देख मैं क्या करता हूँ। तुझे खुद मुझसे सब कुछ बोलना होगा। तू देखती जा."

मीरा- वो भाईसाब आओ अंदर।

राज होश में आते हुए अंदर चला जाता है। नेहा नीचे देखते हुए नाश्ता कर रही भी। राज उसे देखते हुए दूसरी तरफ जमीन पर बैठ जाता है। मीरा उसे प्लेट देने के लिए जाती है। तभी झकने से उसकी चोली के अंदर उसकी मस्त टाइट चूचियां राज को दिख जाती है। जिसे देख कर राज के मुँह में पानी आ जाता है। वो उधर ही घर रहा था। फिर मीरा वापस नेहा के पास जाकर अपने मोबाइल पर चॅटिंग करने लगती है।

अब राज अपना ट्रैप बिछाने लगता है। नेहा जो तब से नीचे देख रही थी। अब कभी-कभी राज को देख रही भी। जो राज ने भी देख लिया था। राज अब मीरा को देखने लगता है घूर घूर कर। मीरा को इसकी बिल्कुल खबर नहीं थी। वो तो बस अपने मोबाइल में बिजी थी। राज मीरा के गोरे जवान 20 साल के जिस्म को घरे जा रहा था। नेहा की नजर अब राज पर जा रही थी। उसने देख लिया था की राज मीरा को पूरे जा रहा है। राज को ऐसा देखने के बाद नेहा बार-बार राज को देख रही थी। राज लेकिन अपने काम में लगा हुआ था। वो अब कभी-कभी मीरा को देखते हुए अपना लण्ड भी मसल रहा था। जिसे नेहा ने देखा ।

नेहा मन में- "कमीना बुट्टा कहाँ का। कैंसी गंदी हरकत कर रहा है? अपनी पोती की उमर की लड़की को ताड़े जा रहा है। इसे भी फंसाने का इरादा है इसका लगता है। बिल्कुल बेशर्म है। बूढ़े की हसरतें कम ही नहीं होती। देखो कैसे घरे जा रहा है मीरा को। जैसे उसे खा जाएगा.."

राज मीरा को देखे जा रहा था। ऐसे ही थोड़ी देर में नेहा का खाना हो जाता है। और वो प्लेट उठाकर ऑसन के पास जाती हैं और प्लेट थोड़ा जोर से रखती है। जैसे उसे किसी बात पर गुस्सा हो। राज और मीरा दोनों प्लेट की आवाज में नेहा की तरफ देखते हैं।

मीरा- क्या हुआ भाभी?

नेहा- "कुछ नहीं... बोलकर एक बार राज को देखकर बाहर चली जाती है।

मीरा को हैरानी होती है नेहा के इस अचानक बिहेवियर से। लेकिन राज के बदसूरत चेहरे पर एक कमीनी स्माइल थी। जैसे उसने कुछ जान लिया हो। जैसे उसे कुछ हासिल हुआ हो।
मीरा- क्या हुआ भाभी को अचानक?

तब तक राज का हो जाता हैं खाकर। वो प्लेट वहीं पर रखकर उठ जाता है और बेसिन पर हाथ धोने लगता है। मीरा राज को वहीं देखकर प्लेट उठाने जाती है। वो झकी हुई थी को राज उसके पीछे आ जाता है।
राज- मैं कुछ मदद करें?

मीरा की गाण्ड इस पोजीशन में उभरी हुई थी, और ऐसे पोजीशन में राज सीधा उसकी गाण्ड से चिपक के खड़ा
आ। उसका तना हुआ काला लण्ड मोरा की गाण्ड में चुभ रहा था। मोरा को अचानक झटका लगता है। मोरा राज की इस हरकत मा हरान भी, लेकिन वो कुछ बोल नहीं पाई। राज वैसे ही उसके पिछे सकता है कुछ देर। और खुद ही हट जाता है। और फिर किचेन के बाहर चला जाता है।

मीरा फूटा चकित भी। कैसे एक बदसूरत काला बढ़ा ड्राइवर उसके पीछे गंदे तरीके से खड़ा । इतनी हिम्मत उसमें। मीरा उसके बारे में ज्यादा ना सोचते हुए बाहर चली जाती है। बाहर नेहा विशाल के साथ भी, और राज किधर भी नजर नहीं आ रहा था।

नेहा- विशाल हम कब निकलेंगे इधर से?

विशाल- एक बार शादी तो होने दो। कल चले जाएंगे।

नेहा- विशाल। मुझे यहाँ बहुत बोर हो रहा है।

विशाल- बोर... तुमको शादी के माहौल में बोर हो रहा है?

नेहा- मैं यहां किसी को जानती भी नहीं।

विशाल- तो जाओ डालिंग किसी से दोस्ती करो। बातें करो।

नेहा- विशाल मुझे नहीं करनी किसी से दोस्ती।

विशाल- दोस्ती नहीं करनी ठीक है। लेकिन मीरा से तो बातें कर सकती हो जा?

मीरा का नाम सुनकर ना जाने क्यों नेहा को गुस्सा आता है- "मुझे नहीं करनी उससे बात..."

विशाल- क्यों क्या हुआ अब। कुछ हुआ है क्या?

नेहा- "कुछ नहीं... इतना बोलकर दूसरी तरफ चली जाती हैं।
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कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्‍वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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