बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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उधर जय नौकर क्वार्टर्स में अपना लौड़ा मसल रहा था, रिया के गोरे जिम के बारे में सोचते हए।
जय- साली ने लौड़े में दम करके रखा है। जल्द चोदना होगा उसको। वरना में पागल हो जाउँगा। नहीं नहीं जल्दबाजी करने का कोई मतलब नहीं है। साली को अपनी रखेल बनाकर रखना है। थीड़ा सबर तो करना पड़ेगा।
जय नौकर क्वार्टर्स में से निकल पड़ता हैं रिया के साथ एक और चान्स मारने के लिए। वो मुख्य दरवाजे से
अंदर जाता है। यह दोनों बड़े आराम से घर में अंदर-बाहर आ जा रहे औं। घर वालों को इसकी फिकर ही नहीं भी जैसे। लेकिन उनको क्या पता को ये दोनों ट्रे घर को दोनों खूबसूरत बहुओं को ठोकने में लगे हुए हैं।
जय हाल में से होकर किचेन तक जाता हैं। वहीं नीलू नहीं थी। वो वहीं छप कर रिया के कहीं से दिख जाने
का इंतजार करने लगता है। काफी देर हो जाती हैं रिया उसे नहीं दिखती।
जय- "पता नहीं साली किधर है"
उधर का माहौल एकदम शांत आ। जय के गौर से सुनने से किसी के बात करने की आवाज आती हैं।
जय- ये आवाज जानी पहचानी है।
जय उस आवाज की तरफ जाने लगता है। आवाज सादियों की तरफ से आ रही थी। वो उधर जाने लगता है। जब वो पहले माले तक पहुँचता है उसे रिया छत पर जाते हुए दिखती है किसी से मोबाइल पर बातें करते हुए।
जय- ओहो तो ये हैं। सही टाइम पर मिली है रंडी।
जय उसके पीछे पीछे जाने लगता है छुपते छुपाते। छत पर रिया पहुँच चुकी थी। छत कुछ हद तक बड़ी थी।
वहां पर कुछ पुरानी चीजें रखी हुई थी। वहां पर एक बड़ा सा पानी का टैंक भी था, और एक स्टोर रूम बना हुआ था। रिया फोन पर बात करते हुए उधर ही टहल रही थी। जय भी थोड़ी देर में पहुँच जाता है। वो अभी भी छपकर था। जय को सूझ नहीं रहा था की वो कैसे स्टार्ट करे। रिया की पीठ उसकी तरफ भी। वो मोबाइल में इतना बिजी थी की उसे पता नहीं था की जय यहाँ पर हैं। इधर जय कुछ सोचता है। वो छत का दरवाजा बंद करके वहीं पर खड़ा हो जाता है। रिया को दरवाजा बंद होने की आवाज आती है। इसलिए वो अब घूम जाती है। जय को देखकर वो डर जाती है। जय अपने गंदे दाँत निकालकर स्माइल कर रहा था। रिया काल कट करती है।
रिया- ये क्या बदतमीजी है। दरवाजा क्यों बंद किया तुमने?
जय- "थोड़ा मस्ती करने के लिये मेरी रांड़.." जय के मुँह से रांड़ सुनकर रिया गुस्सा हो जाती है।
.
रिया- "तुम्हारी इतनी हिम्मत की तुम मुझे रांड़ बोलो?

जय- हाँ मेरी रांड़।
रिया गुस्सा भी। उसके चेहरे पर गुस्सा साफ-साफ जाहिर था। जय अब अपना लण्ड अपनी गंदी सी पेंट के ऊपर से मसलने लगता है। जिसे देखकर रिया दूसरी तरफ मुँह कर लेती है। रिया को घिन आ रही भी इस मंजर
से। वो नीचे जाना चाहती थी लेकिन जय दरवाजे पर ही खड़ा था।
रिया- "हटी उधर से मुझे जाना है." रिया दूसरी तरफ मुँह करके बोलती है।
जय- थोड़ा रुक जा फिर चली जाना।
रिया अब इधर देखते हुए- "मैं क्यों रुकू? मुझे नहीं रुकना तुम हटो..."
जय उसकी तरफ बढ़ने लगता है। रिया दूर जाती है। जय को उसकी तरफ बढ़ता देखकर। रिया ने साड़ी पहनी हुई थी। उसकी गोरी कमर काफी विजिबल भी। रिया के चेहरे पर टेन्शान के भाव थे, जय को अपनी तरफ आता देखकर।
रिया अब पीछे जाने लगती है। रिया पीछे जाते हुए पानी की टंकी से लग जाती है। अब वो और पीछे नहीं जा
सकती थी। जय उसके पास पहुँच जाता है। रिया को पशीना आने लगा था ये सोचकर को अब ये उसके साथ क्या करेगा?
जय अब रिया के बेहद करीब आ जाता है। रिया खौफ में जय की आँखों में देखने लगती हैं। तभी जय रिया के गोरे हाथ अपने हाथों में पकड़कर दीवार से सटा देता है, और अपना बदसूरत चेहरे उसके खूबसूरत चेहरे
के करीब ले जाता है। रिया के होंठ कांप रहे थे जय की हरकतों से।
रिया- दूर रहो मुझसे।
जय उसकी ठोड़ी को उठाता है और अपने काले होंठ रख देता है उसके गुलाबी होंठों पर। जय को ठीक तरह से किस करना नहीं आता था। ची अनाड़ी था। वो इधर-उधर रिया के होठों को चूस रहा था, बिल्कुल अनाड़ी की तरह। जिससे रिया को भी तकलीफ हो रही थी। रिया उसे युद्ध से दूर हटाने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसकी ताकत के सामने रिया की कुछ भी नहीं चल रही थी।
दो मिनट बाद जय किस तोड़ता है। उसके काले होंठों पर रिया की पिंक लिपस्टिक लगी हुई औ। जगह-जगह। जिसे देखकर रिया शर्म से लाल हो जाती हैं। वो हॉफ भी रही थी उसके बरे किस की वजह से। जय अब रिया
के हाथ छोड़कर उसकी चूचियां पकड़ लेता है, और हल्के-हल के दबाने लगता है।
रिया- आह्ह... छोड़ कमीने।
जय- इतने आसानी से तुझे छोड़ने वाला नहीं है मैं समझी। तुझे मेरी बनना पड़ेगा हमेशा के लिए।
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्‍वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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रिया- प्लीज मुझे छोड़ दो। मैं कभी वैसा नहीं करेंगी दुबारा।
जय- "दुआरा करने की जररत पड़ेगी भी नहीं तुझे ..' बोलकर जय उसका ब्लाउज़ पीछे से खोल देता है।


रिया अपना हाथों से अपनी चूचियों को खुलने होने से बचाती हैं।
जय- हाथ हटा अपने।
रिया- मैं नहीं हटाऊँगी।
रिया का ब्लाउज़ उसके हाथों के सहारे था। जय स्माइल करते हुए उसके करीब जाता है, और उसके होंठों पर
अपनी उंगली रखता है।
जय- हटा अपना हाथ।
जय अब अपनी उंगली उसके होंठों पर फेर रहा था। जिससे रिया को एक अजीब सौ फीलिंग आ रही थी। रिया भी उसे देखने लगती है। रिया की आँखें अब जय के ऐसा करने से मदहोश होने लगती हैं। जय धीरे से उसके हाथ उसकी छाती पर से हटाता है। रिया उसको नहीं हटाने देती है। जय फिर से ट्राई करता है। इस बार भी वो नहीं हटाती। जय अब रिया के दोनों होंठों पर अपनी गंदी उंगली फेरने लगता है। रिया को जैसे नशा हो रहा था। उसकी आँखें बंद होने लगती है।
जय अब फिर से ट्राई करता है। इस बार रिया विरोध नहीं कर पाती, और रिया का ब्लाउज़ नीचे गिर जाता है। अब रिया ऊपर से सिर्फ ब्रा में भी। ब्रा में उसकी गोरी चूचियां कैद औं। इतने गोरे बदन की औरत जय ने सपने में भी नहीं देखी भी। जय तो जैसे पागल हो रहा था रिया की खूबसूरती देखकर। उसे पता आ अगर ये परी उसके नीचे आ गई तो उसके मजे ही मजे हैं।
जय अब उसके होंठों पर से उंगली हटा लेता हैं और अपने काले होंठ उसके गुलाबी होठों पर रख देता है। रिया ये उम्मीद नहीं कर रही थी । जय उसे अजीब सा किस कर रहा था। वो ठहरा गाँव वाला उसे किस
करना बिल्कुल नहीं आता था। जय अञ्च किस करते ह रिया की ब्रा के अंदर हाथ डालकर उसकी चूचियां दबाने लगता है।
जय की हरकतों से न जाने क्यों रिया की चूत गीली हो रही थी। ऐस्सा अहसास उसे कभी नहीं हुआ था। खुद उसके पति के छने से भी उसकी चूत गीली नहीं हुई थी। आज इस काले बूढ़े के छने से उसकी चूत रस छोड़ रही
थी। खुद रिया को भी अपने आप पर विश्वास नहीं हो रहा था।
जय के हाथ रिया के निपल को भी मसल रहे थे। रिया को अब जय के किस से तकलीफ हो रही थी तो
अपना मुँह हटाने की कोशिश कर रही थी। जय भी उसे फोर्स ना करते हुए किस तोड़ता है। लेकिन वो अपने हाथ उसकी ब्रा के अंदर रखता है। जय के हाथ रिया को चूचियों को जैसे गंध रहे थे।

जय- आह्ह... क्या चूचियां हैं तेरी। मेरी औरत से तो बहुत टाइट हैं।
रिया के लिए ये शर्म से लाल होने के लिए काग आ। वो अपना सिर झकार भी। बी एमोशन के साथ बह रही थी। जो थोड़ी देर पहले विरोध कर रही थी अब उसका जिस्म उसका साथ नहीं दे रहा था। जय अब रिया के पीछे हाथ लेजाकर उसकी ब्रा का हक निकालने लगता है। तभी उसे रिया रोकती है।
रिया- प्लीज़... नहीं ऐसा मत करो। मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है? क्यों मेरी लाइफ बर्बाद करना चाहते हो?
जय- तेरी गलती ये है की तूने मुझे थप्पड़ मारा। अब उस गलती की सजा भुगत।
रिया अपनी गलती को कोसने लगती है। लेकिन वो भी जानती थी की जय जो भी कर रहा है वो गलत है।
अब जय ब्रा का हुक निकाल देता है। रिया अपनी ब्रा नीचे गिरने से बचा रही थी।
जय- अपनी ब्रा छोड़, वरना नीचे से भी नंगी कर दूंगा।
रिया ये सुनकर उसकी तरफ गुस्से से देखता है, और कहती है- "तुम समझते क्या हो खुद का?"
जय- तेरा आशिका
रिया- "आशिक माइ फुट... दूर हटो मुझसे..." और रिया उसको खुद से दूर हटाने लगती है।
तभी जय उसकी साड़ी नीचे से उठाने लगता है।
रिया. प्लीज... नहीं।
-
जय- तो छोड़ अपनी ब्रा।
रिया को कुछ समझ में नहीं आ रहा था की वो क्या करे। आखीरकार, हालात के सामने वो हार मान लेती है
और अपनी सा छोड़ देती हैं। जय एकदम से उसकी ब्रा निकाल फेंकता है साइड में। जय के सामने अब रिया की गोरी गोरी चूचियां बिलकुल नंगी थी, और उसपर पिंक कलर के निपल। बस कयामत लग रहीं भी रिया उस वक्त।
जय के मुँह में पानी आ जाता है रिया की गोरी मस्त चूचियां देखकर। रिया अपना चेहरा दूसरी तरफ किए हए खड़ी थी। उसे तो यकीन ही नहीं हो रहा था की वो इस हालत में एक बूढ़े के सामने खड़ी है। जय एक
बार रिया के चेहरे की तरफ देखता है, और फिर टूट पड़ता है उसकी गोरी चूचियों पर। जय रिया की चूचियां अपने मुँह में लेकर चूस रहा था एक-एक करके।
रिया- "अहह....

ये पहली बार था की किसी ने उसकी चूचियां चूमी थी। सौरभ सिर्फ उसकी चूचियां दबाता था। वो भी प्यार से। पता नहीं क्यों लेकिन रिया को जय का ऐसा करना एक अजीब अहसास करा रहा था।
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जिंदगी में इतनी खूबसूरत चूचियां नहीं देखी थी। उसकी बीवी की तो काली थी। जिसे वो चूसकर थक चुका था। लेकिन रिया थी जवान और खूबसूरत। उसका मजा ही अलग था। रिया अब तक दो बार आलरेडी झड़ चुकी थी। चूचियां चूसते चूसते एक बार जय उसका एक निपल अपने दाँत से काटता है जिससे रिया को दर्द होता है।
रिया- हाय कमीने कहीं के।
गृहमाज मश्कराता है. और करता है
ता है, और कहता है- "क्या करंग तेरी चूचियां हैं ही इतने मस्त की रहा नहीं जाता..."
रिया कुछ नहीं बोलती।
जय का लण्ड पेंट में रोड की तरह सख्त हो चुका था। उसे अंदर रखने में अब जय को परेशानी हो रही
थी। वो अब रिया की चूचियां छोड़ता है। रिया जल्दी से अपनी चूचियां अपने हाथों से छुपा लेती है। जय अब अपनी पेंट की जिप खोलने लगता है। जिसे देखकर रिया दूसरी तरफ देखने लगती है शर्म के मारे। जय अपना काला मोटा लौड़ा बाहर निकालता है जो दिखने में ही गंदा लग रहा था। इसने भी राज की तरह खतना नहीं करवाया था। चमड़ी लण्ड के टोमे के ऊपर तक थी। जय अपना लण्ड हाथ में पकड़कर रिया को इस हालत में देखकर हिलाने लगता है।
रिया इधर घूमी हुई। उसे नहीं पता था की जय क्या कर रहा था?
जय- हाय क्या जिाम है तेरा एकदम गोरा।
रिया को कछ आवाज आती हैं, जैसे हिलने की। रिया जय की आवाज से उसकी तरफ देखती हैं तो हैरान रह
जाती है उसका बड़ा काला लौड़ा देखकर। रिया झट से अपनी नजर घुमा लेती हैं।
जय- देख ले कैसा है मेरा लण्ड? खूब मजे देगा तुझे।
रिया की हालत खराब भी जय की बातें सुनकर। दोनों अब ऑड़ा दूर खड़े थे। रिया अपनी चूचियां कवर किए हुए और जय अपना लण्ड पकड़े हुए। जय से रहा नहीं जा रहा था रिया की खूबसूरती देखकर। तभी वो उसकी तरफ बढ़ता है।
लेकिन अचानक रिया के मोबाइल पर किसी का काल आता है। रिया का मोबाइल उसके हाथ से नीचे गिरा हुआ
आ। रिया नीचे देखता है और उठाने के लिए नीचे झकती हैं। तभी उसकी चूचियां फिर से लटक जाती हैं। जय को ये दृश्य देखकर बड़ा मजा आ रहा था।

रिया मोबाइल पर अपने पति का काल देखकर डर जाती है। उसके चेहरे पर दूर साफ नजर आ रहा था। हो भी क्यों ना। वो इस वक्त छत पर आधी नंगी खड़ी है, एक बड़े काले ड्राइवर के सामने। रिया झट से काल उठाती है। अपने एक हाथ में मोबाइल पकड़े हुए और दूसरे हाथ से अपनी चूचियां छुपाने की कोशिश करते हुए।
रिया- हेलो सौरभ।
सौरभ- ही रिया, मैं अभी 5 मिनट में घर आ रहा है। तुम तैयार होकर रहना। एक काम है।
रिया- कैसा काम सौरभ?
सौरभ- "तुम खुश हो जाओगी। तुम सवाल मत करो। इस तैयार हो जाओ..." और सौरभ काल खतुम कर देता है।
रिया काल खतुम करके अपनी ब्रा और बलाउज़ उठा लेती हैं, और ब्रा पहन लेती है।
जय जो तब से इनकी बातें सुन रहा था, कहता है- "कहां जा रही है?"
रिया- तुमसे मतलब? में कोई तुम्हारी बीबी नहीं हूँ जो तुम पूछो उसका जवाब दूं?
जय- तो बन जा मेरी बीवी।
रिया- चुप करो।
जय- "तू ऐसे नहीं मानेगी?" और वो रिया की तरफ बढ़ने लगता है।
रिया- प्लीज़... मत को फिर से। मेरे पति घर आ रहे हैं। प्लीज़... मुझे जाना है।
जय- तु नहीं जा सकती।
रिया- क्यों?
जय- नहीं मतलब नहीं, समझी।
रिया- "प्लीज़... क्यों मुझे परेशान कर रहे हो। जाने दो मुझे प्लाज़्ज़.."
जय कुछ सांचकर- "ठीक है लेकिन एक शर्त पर?"
रिया- शर्त... कैसी शर्त?
जय- तुझे मेरे को चुम्मा देना होगा।
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रिया ये सुनकर चकित रह जाती है, और कहती है- "मैं वो नहीं करने वाली। बिल्कुल नहीं.."
जय- ठीक है तो फिर तू यहाँ से भी नहीं जाने वाली।
रिया- "प्लीज़... क्यों तुम ऐसा कर रहे हो मेरे साथ?" और रिया को एहसास होता है की टाइम जा रहा था। रिया कुछ देर इंतजार करके उधर से भागने की कोशिश करती है।
तभी जय उसे पीछे से पकड़ लेता है।
रिया- छोड़ो मुझो।
जय- मुझसे चालाकी?
रिया- प्लीज... जाने दो।
जय- चुम्मा दे।
रिया समझ नहीं पा रही थी की क्या करे? तभी बाहर नीचे से कार का हान होता है। रिया बोली- "ओह नहीं...
सौरभ आ गये प्लीज़... कमाने छोड़ मझे.." और रिया उसकी पकड़ से छुटने की कोशिश कर रही थी।
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जय- देख अब तो तेरा पति भी आ गया। जल्दी कर।
रिया के पास अब कोई चारा नहीं था। यह बात जय भी जानता था। वो रिया को छोड़ देता है। रिया लाचार होते हए जय की तरफ घूमती हैं। जय का बदसूरत चेहरा देखकर उसे जैसे उल्टी आ रही थी। जय उसे अपने गंदे दाँत निकालकर स्माइल करके दिखा रहा था।
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(^%$^-1rs((7)
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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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रिया झझक रही भी उसे किस करने में। तभी उसके मोबाइल पर फिर से उसके पति का काल आता है। वो समझ जाती है की सौरभ रूम में आ चुका है। अब तो रिया के पास बिल्कुल भी कोई चारा नहीं थी। रिया झट से अपनी आँखें बंद करती है और जय के काले होंठों पर अपने गुलाबी होंठ रख देती है, और किस करने लगती है ऊपर से हो।

जय जानता था रिया का किस बिल्कुल मॉर्डन है, उसकी तरह नहीं अनाड़ी की तरह। रिया के किस के जोश में जय रिया के चेहरे को पकड़कर अपनी तरफ खींचता है। रिया को अब तकलीफ हो रही थी सांस लेने में। एक मिनट किस करने के बाद रिया जैसे तैसे किस तोड़ती है और हाँ फते हुए अपने होंठ अपने हाथों से पोंछने लगती है। क्योंकी उसने अभी-अभी एक गंदे बढ़े के काले होंठ को किस किया था।

जय खुश था रिया के खुद उसको किस करने से।

रिया जल्दी से अपनी ब्लाउज़ पहनकर खुद को ठीक करती हैं और वहाँ से भाग जाती है।

जय. "साली अभी तेरे साथ बहुत कुछ करना बाकी है। मुझसे पंगा लेती है। देख मैं तेरी क्या हालत करता
-
इधर रिया भाग भागकर रूम में जाती है। वहीं सौरभ काल कर रहा था उसी को।

रिया- राजा

सौरभ- रिया तुम कहां हो यार। कब से काल लगा रहा हूँ तुमको, और मैंने तुमको तैयार रहने के लिए बोला था जा... तुम अभी तक नहीं हुई। तुम गई कहां थी?

रिया- "सौरभ बो में... वो में.. और रिया को समझ में नहीं रहा था की वो क्या बोले।

सौरभ- छोड़ो वो सब। जाओ जल्दी तैयार हो जाओ।

रिया जल्दी से वार्डरोब से एक साड़ी, ब्लाउज़ निकालकर बाथरुम चली जाती है। 10 मिनट बाद तैयार होकर दोनों रूम से बाहर निकलते हैं। तभी जय छत पर से उसी रास्ते से आ जाता है। रिया जय को देखकर डर जाती है।

सौरभ- "अरे तुम यहां क्या कर रहे हो पर? घर के अंदर?" सौरभ गुस्से से बोलता है।

जय- साहब वो टंकी में लोकेज का प्राब्लम था तो बड़ी मालकिन ने ठीक करने के लिए बोला था।

रिया को पता था की जय झठ बोल रहा है। रिया उसे गुस्से से देखती है। जय डबल मीनिंग बात कर रहा हैं, ये रिया को भी समझ में आ रहा था।

सौरभ- ठीक है, हो गया क्या?

जय- "नहीं साहब बहुत कुछ बाकी है.." ये बात जय रिया की तरफ देखकर बोलता है।

रिया तो शर्म से लाल हो जाती है।

सौरभ- ठीक है जल्दी कर देना।

जय- जी साहब।

सौरभ- चलो रिया हम लेट हो रहे हैं।

जाते हुए रिया एक बार जय को गुस्से से घूरती है।

जय उसे स्माइल करके दिखाता है। फिर रिया और सौरभ चले जाते हैं। जय भी वहाँ से चला जाता है नौकर क्वार्टर्स।
***** ****


कड़ी_26

इधर नेहा को माल में शापिंग करते हुए एक घंटा हो चुका था। राज बाहर इंतेजार कर रहा था उसका। वो इंतेजार कर-करके बोर हो रहा था।

राज- "साली क्या कर रही हैं अंदर? इतना देर क्यों लगा रही है ये? खरीदारी तो ऐसे कर रही है जैसे इसकी
शादी हो..."

थोड़ी देर बाद नेहा बाहर आ जाती हैं माल के। उसके हाथ में काफी सारे शापिंग बैंग थे। आज नेहा ने जमकर शापिंग की थी।

राज- "साला ये तो सारी दुकान उठा लाई है। इसके पति के पास पैसा बहुत है ना। त फिकर मत कर मेरी बलबल, तेरे सारे पैसों का में ठीक तरह से इस्तेमाल करेंगा एक दिन।

नेहा कार के पास पहुँचती है- "दरवाजा खोलो.."

राज. क्या जानेमन कुछ ज्यादा खरीदारी नहीं कर लो?

नेहा- तुमको क्या है? तुम्हारे पैसे से तो नहीं लिया ना?

राज- तेरे बायफ्रेंड के पास पैसे नहीं हैं तो मार ले ताने।

नेहा- तुम दरवाजा खोली।

राज दरवाजा खोलता है। नेहा बैगस अंदर रखती हैं।

नेहा- "एक मिनट में आती हैं... फिर वो वालम माल चली जाती है।

राज- फिर से?

थोड़ी देर बाद नेहा वापस आती है। अभी भी कछ बैंगस थे उसके पास।

राज- तुझे क्या आज पूरी दुकान खरीदने का इरादा है क्या?

नेहा उसके तरफ देखते हुए- "हाँ दुकान ही ले लेनी है पूरी। तुम चलो अब.."

राज- बिल्कुल मेरी जान... चलते हैं।

नेहा बैठ जाती है। फिर राज कार चला देता हैं। नेहा खुश भी। आज उसने काफी सारी शापिंग की औ। राज नेहा को देख रहा था मिरर से।

राज- बहुत खुश है आज मेरी गर्लफ्रेंड।

नेहा उसकी तरफ देखकर स्माइल करते हुए. "चुप रहो, और कार चलाओ.."

राज- चल ला किधर भी घूमकर आते हैं।

नेहा- क्या, पागल हो क्या?

राज- हाँ पागल हो गया है तेरे प्यार में।

नेहा- "क्या प्यार? तुम सच में पागल हो गये हो। पहले शकल देखो अपनी मिरर में। बूढ़े कहीं के... नेहा की कहने के अंदाज में एक अलगपन था। एक अदा के साथ वो बोल रही थी।

राज- चल ना।

नेहा- मैं क्यों आऊँ तुम्हारे साथ किधर भी? तुम हो कौन मेरे?

राज- तू मेरी गर्लफ्रेंड है और बायफ्रेंड गर्लफ्रेंड कहीं भी घूम फिर सकते हैं।

नेहा शर्मा जाती है।

राज. तो तैयार है ना तू?

नेहा- मैंने कहा ना, मुझे नहीं जाना किधर भी।


राज- "एक बार अपने इस बूढ़े बायफ्रेंड की मुराद पूरी कर दे..."

नेहा बटे बायफ्रेंड की नाम से शर्मा जाती हैं।


नेहा मन में. "कमीना कहीं का। घुमाने जाना है इसको। बड़ा आया गर्लफ्रेंड को घुमाने वाला। जेब में 10 रूपये नहीं हैं। घुमाने जाना है इसको.." फिर नेहा के चेहरे पर स्माइल आ जाती है।
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