बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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कड़ी_11
राज अब नेहा की चूत पर अपना लण्ड घिसने लगता है। नेहा की गुलाबी चूत पर राज का काला गंदा झांटों से भरा हुआ लण्ड। राज को मजा आ रहा था मैं गुलाबी चूत पर हमला करने में। उसके लिए ये सपने से कम नहीं था। इधर राज के लिए मजा आ तो नेहा के लिए बेचैनी भी। उसे अब खुद पर काबू नहीं था। अब वो यह भूल चुकी औ की वो एक बड़े घर की बहु है, इतनी खूबसूरत और अमीर है। वो भूल चुकी भी की वो इस वक़्त किसके साथ ये सब कर रही है? एक काला बूटा जिसकी हासयत कुछ भी नहीं है। जिसकी उमर उससे दुगनी है,
वो एक बूटा है। नेहा की आँखें ठीक तरह से खुल नहीं रही थी। उसे अजीब सा नशा हो गया था।
राज- "डाल दूं अंदर मेरी जान?" बोलकर वो नेहा की चूत की दीवार पर ऊपर से लेकर नीचे तक एक बार घिसता हैं।
नेहा- "अहह... और नेहा के पास राज के सवाल का जवाब नहीं आ। वो तो बस नशे में खो गई औ।
नेहा जिसे कल तक बुरा भला कहती थी, हमेशा उसपर गुस्सा करती थी। उसी ने आज नेहा को इस हालत में ला खड़ा किया था। नेहा को उस दिन का पछतावा था जब उसने राज को सिगरेट पीने पर बुरा भला कहा था। उस दिन से राज उसके पीछे पड़ा है, और उसको इस हालत में लाया है।

इधर राज नेहा को तड़पाकर मजे ले रहा था। अब राज से भी नहीं रहा जा रहा था, नेहा की मासूम गुलाबी चूत को लण्ड के लिए तड़पता देखकर। अब वो अपने लण्ड से नेहा की चूत पर दबाव डालने लगता है।
नेहा- अहह... उम्म्म्म
... करती है। राज का लण्ड बड़ा था इसलिए नेहा को दर्द होना लाजमी था।
राज अब एक बार अपने लण्ड पर थूक लगाकर फिर से उसकी चूत पर रख देता है। वो धक्का लगाने ही वाला था की तभी दरवाजे से कुछ आवाज आती है। राज झट से दरवाजे की तरफ देखता है। दरवाजा पर खड़े सहश को देखकर राज इर जाता है।
नेहा जो तब से होश में नहीं थी वो भी दरवाजा पर के सखश को देखकर बिल्कुल डर जाती है। राज और नेहा को जैसे सौंप संघ गया था। दरवाजे पर खड़ा सरश भी इन दोनों को इस हालत में देख हैरान और चकित था।
वो और कोई नहीं सौरभ की पत्नी रिया थी। उसने अपने मुँह पर हाथ रख हुए थे। जैसे उसने कोई बहुत ही अजीब चीज देखी हो। अजीब चीज़ हो तो थी। नेहा यहीं पा लेटी हुई थी और अदा ड्राइवर राज उसकी चूत पर लण्ड रखे हए था।
रिया- "दीदी ये आप...
नेहा अब होश में भी- "रिया ऊहह..."
लेकिन रिया अब वहाँ से जाने लगती हैं। वो राज को एक बार गुस्से से देखता है, और भागकर चली जाती हैं। नेहा अब डर के मारे एकदम पशीला-पशीना हो गई थी। अब वो जल्दी से उठ जाती है।

राज उसे रोकने की कोशिश भी नहीं करता। उसे भी पता था की वो और नेहा पकड़े गये हैं। अब रिया जाकर सबको बताएगी।
नेहा इरी-इरी मी जल्दी से अपने कपड़े पहने लगती हैं, जो इधर-उधर पड़े हुए थे। पहले बी अपने पेंटी पहनती हैं, फिर घाघरा, फिर ब्रा पहनने लगती है। ब्रा पहनते हुए वो हाथ पीछे ले जाती हैं तो आगे से उसकी चूचियां मस्त दिख रही औं। फिर वो ब्लाउज़ पहनकर साड़ी भी पहन लेती है। वो राज की तरफ देख भी नहीं रही थी। वो जल्दी से वहीं से निकल जाती है।
इधर राज जैसे भीगी बिल्ली की तरह बैठा हुआ था। उसका लण्ड अब सिकुड़ गया था ये सोचकर की अब इस
घर वाले उसका क्या हाल करेंगे? आखोरकार, उसने इस घर की इज्जत पर हाथ डाला है।
राज- साला दरवाजा बंद करना भूल हो गया था। पूरा काम बिगड़ गया। साली वो रंडी जाकर सबको बता देगी। पता नहीं क्या हाल होगा मेरा अभी? इधर से भाग जाना ही ठोक लग रहा है, वरना मैं तो गया।
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कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्‍वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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इधर नेहा जल्दी से बाहर आती है। उसे बाहर आकर इर लग रहा था की कहाँ रिया ने सबको बता तो नहीं दिया? हा अब रिया की ट्रॅटने लगती हैं। वो सब तरफ देखती है, वो नहीं थी। फिर वो रिया के रूम में जाती हैं। वहीं पर भी रिया नहीं नजर आती उसे। फिर वो मायस होकर जाने लगती हैं। तभी उसे वाशरूम से पानी की आवाज आती हैं। वो समझ जाती है की रिया अंदर होगी। अब नेहा रिया का इंतजार करने लगती हैं। वो कर रही भी की वो रिया से क्या बात करेगी? क्योंकी रिया ने उसे और उस काले बढे को नंगी देखा है।
ओड़ी देर बाद रिया वाशरूम से निकलती है। रिया नेहा को यहाँ देखकर ज्यादा साइज नहीं होती, क्योंकी उसे पता था की नेहा यहाँ जरूर आएगी।
नेहा- "रया आज तुमने जो भी देखा आज......."
रिया बड़ी ही उत्मकता से नेहा को देखने लगती है। आगे ना बोलता देखकर रिया बोली- "जो देखा वो क्या था
दीदी? आप कैसे उस गंदे आदमी के साथ ये सब कर सकती है। मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है। आप जैसी पढ़ी लिखी औरत कैसे उस गंदे आदमी के साथ छी..."
नेहा- रिया ऐसी कोई बात नहीं है। वो मैं बहक गई थी।
रिया- बहक गई थी... ऐसे कैसे दीदी? वो तो कोई हैंडसम भी नहीं हैं, एक गंदा बढ़ा है।
नेहा को भी अहसास होने लगता है की कैसे वो एक बटे के साथ सब कुछ कर रही थी?
रिया- जरूर उस बटे ने आप्नसे जबरदस्ती की होगी। मैं अभी सबको बता देती है।
नेहा मन में- "अगर रिया ने सबको बता दिया तो मेरी इज्जत पर सब उंगली उठाएंगे। क्या करूं?"
नेहा बोली- "रिया देख ऐसा मत कर। वरना मेरी क्या इज्जत रह जाएगी?"
रिया कुछ सोचती है, और कहती हैं- "दादी जो भी हो, ताली एक हाथ से नहीं बजती। जरूर आपकी तरफ से भी कुछ होगा..."
नेहा को अब शर्म आने लगती है, कहती है- “नहीं रिया, ऐसा कुछ नहीं है। उसने ही सब किया। मैं अब इसके बाद कभी उसको पास भी नहीं आने दगी..."
रिया- वैसे उसने कुछ किया तो नहीं ना दीदी?
नेहा- नहीं रिया।
रिया- "ठीक है दीदी। लेकिन उस गंदे आदमी को यहां से निकलना होगा। में अभी जाकर उसकी खबर लेती हूँ.." इतना बोलकर वो जाने लगती है।
नेहा कुछ सोच रही थी। रिया के जाने का अहसास होते ही नेहा बोली- "रिया, रुक्क रिया.."
लेकिन तब तक रिया जा चुकी थी।
नेहा मन में- "ये रिया वहां क्यों चली गई? पता नहीं ये वहां जाकर क्या करेंगी? या फिर राज ही इसके साथ कुछ करेगा। रिया को वहीं नहीं जाना चाहिए था..." नेहा सिर्फ सोच रही औ। लोकिल रिया वहाँ जा चुकी थी। पता नहीं रिया का क्या होगा। क्या उसने राज से पंगा लेकर ठीक किया या अपने लिए मुसीबत बुला ली।
रिया नौकर क्वार्टर पहुँच जाती है। वो अंदर देखती है की राज अपने कपड़े भर रहा था एक बैग में।
रिया- "हे... तुम्म क्या कर रहे हो?
राज रिया को यहाँ देखकर डर जाता है। राज का गला सूख गया था ये सोच कर की कहीं इसने पोलिस तो तो नहीं बुला लो? राज बोला- "वो कुछ नहीं बस..."
रिया- "तुमने जो दीदी के साथ किया ना वो बिल्कुल ठीक नहीं था। तुमको इसकी सजा मिलेगी। मैं सबको बता
राज मन में- "इस रंडी को क्या पड़ी है सबको बताने की? साली रंडी कहीं की."
राज बोला. "क्यों गरीब को तकलीफ देती हो छोटी मालकिन?"
रिया- "तकलीफ... और जो तुम दीदी के साथ कर रहे थे वो ठीक है?"
राज- मैंने क्या किया?
रिया- क्या किया? बेशर्म कहाँ के।
राज- बताइए ना मालकिन क्या किया?
रिया को बताने में शर्म आ रही भी। लेकिन गुस्से में बोली- "बेशर्म.. मुझे नहीं पता.."
राज. पता नहीं तो क्यों मुझपर इल्ज़ाम लगा रही हो छोटी मालकिन?
रिया- "बकवास बंद करो। बहुत झूठ बोल रहे हो। लगता है सबको बताना ही पड़ेगा..." और ऐसा ओलकर वो जाने
लगती है।
तभी राज को अहसास होता हैं की रंडी से माफी मांगनी पड़ेगी। रिया जा ही रही थी की राज उसके पैर पकड़ लेता है। रिया ने साड़ी पहनी हुई थी। उसकी गोरी कमर दिख रही थी। उसका ब्लाउज़ भी काफी हद तक छोटा था। एकदम मस्त लग रही थी। ऊपर से उसका प्यारा चेहरा बस कयामत टा रहा था।
रिया- है, ये क्या कर रहे हो? छोड़ो मुझे।
राज- छोटी मालोकन ऐसा मत कीजिये। मुझे वो मार डालेंगे। मेहरबानी कर दो।
रिया- बदतमीज छोड़ो मुझे।
राज- प्लीज... छोटी मालकिन माफ कर दो।
रिया मन में- "बदा गलती करके माफी माँग रहा है। कमीना कहीं का.."
रिया- तुम छोड़ो मुझे।
राज- जब तक आप माफ नहीं करती मैं नहीं छोडूंगा।
--
रिया मन में- "बहुत जिद्दी है। बूढ़ा कहीं का.."
राज अब उसी पोजीशन में थोड़ा ऊपर देखता है। कृपर देखते ही उसकी नजर रिया की गोरी कमर पर जाती है।
उधर नेहा अपने रूम में आ गई थी। उसे दिमाग में बहुत से खयाल आ रहे थे राज के बारे में। कुछ देर पहले राज का काला लण्ड उसकी चूत पर रगड़ खा रहा था। वो नीचे हाथ लगाती है, तो उसकी चत पानी छोड़ रही भी, राज के काले लण्ड के अहसास से ही। वो जल्दी से वाशरूम जाकर पैटी बदल लेती है और आकर बेड पर लेट जाती है।
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इधर रिया की कमर पर राज की नजर जाती हैं। एक 23 साल की औरत की कमसिन कमर देखकर राज के
लण्ड में हरकत होने लगती है। राज उधर बैठे हुए रिया के जिम की खुशबू लेने लगता है।

रिया- छोड़ो मुझे।

राज अब खड़ा हो जाता है और जाकर रिया के पीछे खड़ा हो जाता है। रिया को अपने पीछे कुछ चुभने लगता है। रिया हैरान थी को इस बूढ़े की इतनी हिम्मत की वो मुझसे चिपके रिया कुछ बोलने ही वाली थी की उसे एक और झटका लगता है। राज अब अपने हाथ उसकी कमर में दोनों तरफ से हाथ डालकर उससे चिपक जाता हैं। रिया को राज की बड़ी-बड़ी हथेलियों का अहसास होते ही उसे अपने जिंघम में 440 वोल्ट के झटके का अहसास होता है। ऐसा अहसास उसने कभी महसूस नहीं किया था। लेकिन रिया अपना कंट्रोल नहीं खाना चाहती थी।

रिया- है... छोड़ो मुझे। क्या कर रहे हो?

राज- छोटी मालकिन एक बार माफ कर दो मझें।

रिया समझ नहीं पा रही थी की ये कौन सा माफी मांगने का तरीका है? रिया बोली- "पहले छोड़ो मुझे.."

राज- नहीं पहले माफ कीजिये।

रिया के पास कोई रास्ता नहीं था। राज की पकड़ काफी मजबूत थी। राज का लण्ड उसकी पेंट में झटके खा रहा था, जो रिया अब अपनी गाण्ड पर महसूस कर रही थी। उसे अपनी गाण्ड मा राज का बड़ा लण्ड महसूस हो रहा था। राज अब पीछे हरकत कर रहा था। मतलब अपनी कमर चला रहा था रिया के पीछे। राज को मजा आ रहा था ये एक 23 साल की औरत से ऐसे चिपक के। रिया अपनी गाण्ड पर इतना बड़ा लण्ड रगड़ता महसूस करके अब राज से गुस्सा हो रही थी।

रिया- मैंने कहा छोड़ो मुझे।

राज मन में. "साली में बहुत दम हैं। बहुत आवाज़ कर रही हैं। साली भड़वे जय को बोला था मैंने की इस रंडी को फंसाएग लेकिन साले से कुछ नहीं होता। अब मुझे ही कुछ करना होगा.." अब राज रिया की नाभि पर
अपनी उंगली घुमाता है।

रिया एकदम उछल पड़ती है- "अहह... छोड़ो..."

राज- माफी दे दो मालकिन।

रिया अब ये सब रोकना चाहती भी। इसलिये कहा- "ठीक है माफ किया, छोड़ो मुझे.."

राज- सच में?

रिया- हाँ माफ किया।

रिया उतना बोली ही थी की उसे एक झटका लगता है पीछे से। राज ने रिया की कमर अच्छी तरह से पकड़
कर उसकी गाण्ड पर एक धक्का लगाया था। जिसमें रिया को अपनी गाण्ड पर राज के बड़े लण्ड का एक झटका लगा ।

रिया चिल्लाई- “छोड़ कमीने बटे छोड़..."

लेकिन राज ने उसे अभी तक छोड़ा नहीं था। तभी राज एक बार और झटका मारता है। इस बार रिया की कमर थोड़ा झक जाती है राज की तरफ। इस बार राज ने जरा जोर से धक्का लगाया था।

रिया- छोड़ो मुझे।

इस बार रिया की आवाज में कुछ अजीब था। गुस्सा नहीं था। सिमकारी जैसी लग रही थी। रिया दूसरे झटक से
संभल भी नहीं पाई भी की राज फिर से झटका मारता है। इस बार तो लगा की जैसे राज का लण्ड पैट फाड़कर रिया की गाण्ड में घुस जाएगा।

रिया- "अहह.." करती हैं।

राज पीछे से मुश्कुरा रहा था। उसके चेहरे पर एक हौतानी स्माइल भी। रिया अब विरोध करना छोड़ रही थी। उसको तीन ऐसे झटके लगे थे की उसमें जैसे जान ही नहीं बची भी। अब राज रिया को छोड़ देता है। रिया जैसे नीचे गिरने ही वाली थी की वो खुद को संभाल लेती हैं और एक बार राज को देखते हुए वहीं से भाग जाती है।

राज अपना बड़ा काला लण्ड पेंट के ऊपर से मसलते हुए- "क्या रंडी हैं। साली मुझे इराने आई भी। साली अब
तो मुझे तेरी चूत और गाण्ड दोनों चाहिए। मेरा लौड़ा अब इस घर की दोनों बहुओं की फरमाइश कर रहा है। मजा आएगा..." ऐसा बोलकर वो हैंसने लगता है, और अपने कपड़े जो पैक किए थे, उसे वापस रख देता है।

रिया इधर भागकर अपने रूम में चली आती है। दरवाजा बंद करके खड़ी हो जाती है- "कमीना बूढ़ा कहाँ का.."

रिया को यकीन नहीं हो रहा था जो अभी-अभी उसके साथ हुआ। कैसे एक बड़े ड्राइवर ने उसके साथ ये हरकत
की। वो अब वाशरूम चली जाती है। वहां वो फ्रेश होने लगती है। तभी उसे अहसास होता है की उसकी चूत गीली हो गई है। लेकिन क्यों? क्या राज की हरकत से?

रिया- “नहीं नहीं, ऐसा कुछ नहीं है। ऐसा नहीं हो सकता। उस बूढ़े की वजह से मैं क्यों झड़ेंगी? छो.... गंदा बला कहीं का... फिर वो फ्रेश होकर बेड पर लेट जाती हैं।

इस वक्त इस बड़े घर की दोनों खूबसूरत बहनें एक काले बुझ्टे के हाओं मसली गई थी। रिया तो राज को सबक सिखाने गई थी , लेकिन उल्टा राज ने ही उसकी गरम करके भेज दिया।

नेहा की आँख शाम में खुलती है। वो उठकर फ्रेश हो जाती है और नीचे चली आती है। नेहा देखती है की रिया पहले से ही टेबल पर बैठकर चाय पी रही है। नेहा नीचे देखते हुए वहां जाकर बैठ जाती है। रिया वहाँ से नेहा को आते हुए देखती है, और चुपचाप चाय पीने लगती हैं।

नेहा- रिया।

रिया- हौं दीदी।

नेहा- तुम वहीं गई थी क्या? क्या हुआ वहां?

रिया बता भी नहीं सकती थी की क्या हुआ वहीं। क्या बताती की राज ने उसके साथ क्या करके भेजा है? रिया बोली. "कुछ नहीं दीदी..."

नेहा को ये बात सुनकर ओड़ा अच्छा लगता है। कहती है- " तुम वहाँ मत जाना इसके बाद। रिया वो आदमी ठीक नहीं है..."

रिया को इस बात से अजीब लगता है। रिया मन में- "दीदी खुद वहां जाती है और मेरी फिकर कर रही है..."

रिया- "दीदी, फिर आप क्यों वहां जाती है?"

नेहा ये बात सुनकर चौंक जाती है। नेहा नीचे देखने लगती है। उसे नहीं पता चला रहा था की क्या जवाब दें। वहीं अब खामोशी छा जाती है। ओड़ी देर बाद दोनों वहाँ से अपने रूम में चली जाती हैं।
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इधर राज बाहर मार्केट में आया था, कुछ खरीदने। इधर-उधर घूमकर वो वापस आ जाता है। रूम में अपनी पैंट निकालकर अपना लण्ड तेल से मालिश करता है।

राज- "साला आज तो नेहा की चूत मार ही ली थी। लेकिन साली वो रंडी बीच में आ गई। कोई बात नहीं। दोनों के लिए ही तो अपना लण्ड तैयार कर रहा हैं... तेल लगाने की वजह से राज का काला मोटा लण्ड चमक रहा था। उसकी काली सफेद झांटें तेल की वजह से भीग गई थी। एकदम गंदा लग रहा था उसका लण्ड।

रात में आफिस गये हए सब लोग वापस आ जाते हैं। विशाल और सौरभ अपने-अपने रूम में चले जाते हैं। खाना खाने के बाद सब बाहर हाल में बैठकर बातें कर रहे थे। सब लोग अपने खयालों में थे। लेकिन नेहा और रिया किसी और ही खयालों में मशगल औं। दोनों को राज का खयाल आ रहा था, जो भी हुआ उनके साथ दोपहर में। नौकर क्वार्टर्स में जय भी आ गया था। उन दोनों के बीच कुछ बातें चल रही थी।

राज- अबे यू अचानक क्यों जा रहा है?

जय- क्या कर औरत बुला रही है।

राज- अब लगता है याद आ रही हैं उसे?

जय- लगता तो वहीं हैं। मैं एक हफ्ते में आ जाऊँगा।

राज- चल ठीक है भाभी से मिल आ।

जय- " फिर जय तैयार होकर चला जाता है।

अब रात के 10:00 बजे थे। सब अपने-अपने रूम में जा रहे थे। सौदी चढ़ने से पहले विशाल नेहा को रोकता है।

नेहा- क्या है?

विशाल- चलो कहीं घूमकर आते हैं।

नेहा- इस वक्त। लेकिन कहाँ?

विशाल- "तुम चली तो.." फिर वो दोनों चले जाते हैं, दरवाजे से निकलकर जाने लगते हैं।

नेहा- कार से जाना है ना?

विशाल- नहीं तो चलते हुए।

नेहा- चलते हए क्यों?

विशाल- ऐसे ही चलो ना।

नेहा- ठीक हैं बाबा।

दोनों जाने लगते हैं। वो दोनों बाहर रोड पर ठंडी-ठंडी हवा का मजा लेते हुए जा रहे थे, हाओं में हाथ डाले हुए। इस बात से अंजान के कोई उन दोनों का पीछा करते हुए आ रहा है। दोनों बातें करते हुए जा रहे थे। आगे जाकर एक तरफ आइसक्रीम की दुकान थी।

नेहा- जान वहीं जाते हैं ना।

विशाल- क्यों नहीं मोहतरमा।

फिर वो दोनों वहीं जाते हैं। इधर ये सहा दूर से खड़े होकर दोनों को देख रहा था। आइसक्रीम खाने के बाद विशाल और नेहा घर के लिए निकलते हैं। जाते वक़्त वो सखश रोड पर दूसरी साइड खड़ा हो जाता हैं। विशाल की नजर उस पर नहीं जाती। लेकिन नेहा जैसे ही उस सहा को देखती है बौखला जाती है। नेहा जल्दी से अपने विशाल का का कंधा पकड़ लेती है।

विशाल- क्या हुआ?

नेहा- कुछ नहीं आप चलिए।

दोनों चलने लगते हैं। वो सहशा उनके पीछे पीछे आ रहा था। नेहा कभी-कभी पीछे देख रही थी उस इंसान को। वो इंसान और कोई नहीं राज आ। जो तब से उन दोनों के पीछे आ रहा था, जब से यह दोनों घर से निकले थे। नेहा राज को देखकर घबरा गई भी क्योंकी विशाल साथ में था। राज पीछे-पीछे चल रहा था।

नेहा का डर लाजमी था। क्योंकी जिसने उसको नंगी करके अपना लण्ड उसकी चूत तक ले गया था, वही आदमी इस वक्त उसके पीछे आ। शोड़ी देर बाद नेहा और विशाल घर पहुँच जाते हैं। राज भी पीछे पीछे जाता है। दरवाजे से विशाल और नेहा जा रहे थे। नेहा जानती भी की राज उसके पीछे आ रहा होगा। वो बस विशाल के साथ-साथ चल रही थी। सीढ़ियां चढ़कर दोनों जा ही रहे थे की विशाल के मोबाइल पर किसी का काल आता है। विशाल काल अटेंड करता है।
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