बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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Masoom
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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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कड़ी_08
बटा राज नेहा के गुलाबी होंठ मस्त होकर चूस रहा था। नेहा उसे अपने ऊपर से हटाने की कोशिश कर रही थी। लेकिन राज की ताकत के सामने वो कुछ नहीं कर पा रही भी। अब राज के हाथ नेहा की गोरी कलाईयाँ को जकड़ लेते हैं। राज उसको किस किए जा रहा था। नेहा चाहे जितना राज को नजरअंदाज कर ले लेकिन वा राज को अनदेखा नहीं कर पा रहीं औ। नेहा के नर्म गुलाबी होंठ चूसने में उसे बड़ा मजा आ रहा था। हो भी क्यों ना? वो इस बड़े घर की एक खूबसूरत बहू को किस कर रहा था।
थोड़ी देर ऐसे ही होंठ चूसने के बाद वो किस तोड़ देता है। किस तोड़ते ही नेहा जोर-जोर से साँसें लेने लगती है। उसकी साँसे फूली हुई थी। राज बस नेहा के चेहरे को देख रहा था। सेक्सी लग रही थी नेहा यँ साँसें लेते हुए। उसकी चूचियां उस टाप में इस वक्त उसकी सांसों के साथ ऊपर-नीचे हो रही थीं। नेहा ओड़ी देर बाद अपनी सांसों पर काबू पाने के बाद कहती हैं- "बदतमीज़ बदा.."
तभी राज फिर से नेहा के चेहरे की तरफ अपना गंदा मैंह ले जाने लगता है।
नेहा जिसे देख कर बेड़ से उतर जाती है, और कहती है- "पागल हो क्या बूढ़े? जान निकल दी मेरी.."
राज- "क्या करें मेरी जान... तेरे होंठ इतने कोमल हैं ना को मन ही नहीं भरता। एक और किस करने दे ना."
नेहा का गुस्सा अब राज की बातों से जोड़ा कम होने लगता है- "बिल्कुल नहीं। पागल हो गये हो क्या?'
राज- दे ना मेरी जान।
नेहा- मैं कोई तेरी जान नहीं हैं।
राज- गर्लफ्रेंड तो है ना?
नेहा- नहीं।
राज- तो बन जा ना। बहुतू मज़े दूँगा तुझे।
नेहा मजे की बात पर थोड़ा सहम जाती है। उसे पता था की राज किस मजे की बात कर रहा है। नेहा ने कहा "मुझे नहीं करना मजे तेरे साथ। बेशर्म कहीं के..."
राज भी बेड पर से उतरते हुए नेहा की तरफ जाने लगता है, और कहता है- “तेरे पति से तो अच्छे मजे कराऊँगा तुझे। मान जा...
नेहा- कभी नहीं बूढ़े।
राज- वो गधा क्या मजे देता होगा तझे, कमीना कहीं का।
नेहा- खबरदार... मेरे पति के बारे में कुछ भी कहा तो, उनको बोल देंगी।
राज को अब लगता है की कुछ ज्यादा हो गया। अगर नेहा ने उसकी शिकायत विशाल से कर दी तो उसकी खैर नहीं। राज चुप रहता है।
नेहा को भी लगता है की राज हर गया है- "क्यों हवा निकल गई?"
राज अपने आपको नेहा के सामने कमजोर नहीं दिखाना चाहता था, बोला- "मैंने क्या झूठ बोला? तेरा पति तुझे ठीक से तुम्हें चोदता भी नहीं होगा.."
चुदाई की बात सुनकर नेहा शर्मा जाती हैं- "चुप करो बदमाश बटे.."
राज- क्यों सच कहा ना मैंने?
नेहा इस पर कुछ नहीं बोलती। राज के लिए नेहा की खामोशी बहुत कुछ बयान कर रही थी।
नेहा- तुमको उससे क्या बूढ़े अपने काम से काम रखो।
राज. वहीं तो कर रहा हूँ। लेकिन त है की कुछ करने ही नहीं देती।
नेहा- मेरा मतलब वो नहीं था। तुम ड्राइवर हो ला तो जाकर ड्राइविंग करो।
राज- "वो तो में करेंगा हो तेरे साथ.."
नेहा को राज की इबल मीनिंग बात कुछ हद तक समझ में आ जाती है। कहती है- "तुम्हारा वी सपना कभी पूरा नहीं होगा..."
राज- मेरी जान आगे देखती जा क्या-क्या होता है?" उतना बोलकर वो नेहा की तरफ बढ़ता है।
नेहा राज को अपनी तरफ आता देखकर उसकी तरफ ोड़ा गुस्से से देखती है। राज उसके पास आकर उसकी कमर में हाथ डालता है और अपनी तरफ खींचता है। नेहा उससे चिपक जाती है। नेहा की चूचियां जो टाप में कैद थी राज की छाती से दब जाती हैं। नीचे राज की पेंट में तंबू बना हुआ था जो अब नेहा को अपनी चूत पर नाइट पेंट के ऊपर से महसूस होने लगता है।
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नेहा इसकी उम्मीद नहीं थी। उसे तो लगा था कि वो राज को अपने पास भी नहीं आने देगी। लेकिन उसे उतना करना भी मुश्किल लग रहा था। नेहा राज को लगातार देख रही थी। राज भी उसकी आँखों में देख रहा
था। नेहा जानती थी की अगर वो थोड़ी देर ऐसे ही राज के साथ सकेगी तो बहक जाएगी। इसलिए वो अब राज को अचानक से धक्का देती है तो राज पीछे हो जाता है, और नेहा बिना कुछ बोले पलटकर दरवाजा के बाहर चली जाती है।
राज एक बार मुश्कुराता है। उसे पता था की वो नेहा को कंट्रोल करने में कामयाब था। वो भी अब बाहर जाता है। बाहर जाकर वो इधर-उधर नजर दौड़ता है। उसे नेहा कहीं नहीं दिखती। असल में नेहा भागकर अपनी सास के रूम में चली गई थी। हालाकि वो उधर अपनी सास को कुछ नहीं बताती। और बताती भी क्या की उसने एक बटे ड्राइवर को अपने करीब आने दिया।
इधर राज नेहा को कहीं भी नहीं पाकर नीचे जाने लगता है। वो मेख्य दरवाजा की तरफ जा हो रहा था की उसे किचेन से कुछ आवाज आती है। कटीम उधर जाता है। वहीं नीलू काम कर रही थी। राज उसके पास झट
से चला जाता है, और उसे पीछे से पकड़ लेता है। नीलू समझ जाती है की राज है।
नीलू- क्या बात है आज दिन के वक्त? कोई आ जाएगा, छोड़ो मुझे।
राज- ऐसे कैसे लील रानी?
राज अब नीलू की गाण्ड पर एक थप्पड़ मारता है।
नीलू. आह... राज क्या कर रहा है?
राज- “साली तेरी गाण्ड... और एक अप्पड़ मारता हैं.." अब राज लीलू की गाण्ड से पटा सट जाता है और अपनी पैंट में बने हए तंबू से नीलू की गाण्ड सेंकने लगता है। फिर वो नीलू की चचियां भी ब्लाउज़ के ऊपर से जोर-जोर से दबाने लगता है।
नीलू. आह... राज ओड़ा धीरे करना दुखता है।
राज उसकी बात नहीं मानता और वैसे ही उसकी चूचियां दबाता रहता है। इतनी देर अपनी गाण्ड पर राज का लण्ड मसलने की वजह से अब नीलू खद राज के लण्ड पर अपनी गाण्ड रगड़ने लगती है। वो अपनी गाण्ड पीछे ले रही भी राज कत लण्ड पर।
इधर नेहा अपनी सास के रूम से बाहर निकलती है और इधर-उधर देखने लगती है। राज उसे कहीं नजर नहीं
आता। फिर वो वहीं से जाने लगती है। वो किचेन के पास से जा ही रही थी की उसे किचेन से नीलू की सिसकारियों की आवाजें आती हैं। जिसे सुनकर वो किचेन के दरवाजा के पास पहुँच जाती है। अंदर का नजारा देखकर वो हैरान रह जाती है। नीलू और राज एक दूसरे से चिपके हुए थे। नीलू राज से पीछे होकर चिपकने
की कोशिश कर रही थी।
नेहा मन में- "बेशर्म बूढ़ा कहीं का। मुझसे बात नहीं बनी तो अब नीलू से काम चला रहा है। एक नम्बर का ठी
है
राज को ना जाने कहाँ से अहसास होता है की दरवाजा पर कोई खड़ा है। वो तिरछी नज़र से दरवाजे की तरफ देखता है, तो दरवाजे पर नेहा को देखकर खुश हो जाता है। उसके दिमाग में अचानक से एक आइडिया आ जाता
E
राज- "नीलू एक बात बोलें... तू ना इस घर में सबसे मस्त माल है अगर सच बोल तो.."
नीलू को यह बात अजी लगती हैं। वो टहरी साँवली औरत। और इस घर में तो एक से बढ़कर एक खूबसूरत
औरतें हैं। नीलू कहती है- "क्यों मजाक कर रहे हो राज? यहां पर नेहा मालकिन, और रिया मालकिन मेरे से लाख गुना खूबसूरत हैं।
नेहा नीलू के मैंह से अपनी तारीफ सुनकर अपने आप पर और अपनी खूबसरती पर गर्व महसूस करती है। लेकिन एक बात खटक रही थी की राज नीलू जो घर की नौकरानी है उसको सबसे माल औरत बोल रहा था।
राज- "अरे नीलू सच में हो। और तू उस नेहा मालकिन की बात ही मत कर। उससे तू बहुत मस्त है.." राज की कोशिश यह भी की वो किसी तरह से नेहा को जलाए।
नेहा को राज की बातें चुभ रही थी की कैसे वो एक नौकरानी को उसके जैसी समरत इस अमीर घर की बहू से तुलना कर रहा है। तुलना क्या उसे मस्त बोल रहा है। नेहा को यह बात बिल्कुल हजम नहीं हो रही थी।
नेहा- बूढ़ा कहीं का।
राज नीलू के गले को चूमते हुए बोलता है- "क्या मस्त है तू नीलू.."
नेहा दोनों की हरकतें बड़े ही गौर से देख रही थी, और सोच रही थी- "इस बूढ़े की इतनी हिम्मत की मुझे इस नीलू से कंपेयर कर रहा था। आखिर में इससे कितनी खूबसूरत हैं। इस नीलू की हसियत ही क्या है मेरे सामने? इस बूढ़े का दिमाग खराब हो गया है क्या? नेहा को अब नीलू से जलन होने लगी थी।
राज का प्लान बखूबी काम कर रहा था। राज को पूरा भरोसा था की नेहा को जलन हो रही होगी नीलू से। क्योंकी वो जानता था की बड़े घर की औरतों को अपनी खूबसूरती पर बहत घमंड होता है। और राज उसी पर चोट कर रहा था। नेहा को राज पर गुस्सा आ रहा था। वो गुस्सा था या नीलू से जलन आगे पता चल ही जाएगा। लोल भी जोश में भी अब। वो अब अपना हाथ पीछे लेजाकर राज का लण्ड उसकी पेंट के कम से पकड़ लेटी है।
राज- "हे नीलू क्या हाथ में जादू है तेरे तो। खड़ा हो गया मेरा तो..." और राज नीलू को अपनी तरफ घुमाकर किस करने लगता है।
नेहा- "छी... गंदे लोग। देखो कैसे नौकर आपस में ये सच कर रहे हैं। गंदे लोग.." नेहा यह बोल तो रही थी लेकिन वो यह भल गई भी की राज ने भी उसे किस किया है।
राज थोड़ी देर किस करने के बाद किस तोड़ कर- "क्या होंठ हैं तेरे नीलू.. मजा आ गया। तुझे चूमने में जो मजा है वो किसी और में कही."
नेहा को ये बात बहुत लगती है। नेहा मन में- “बूढा खूसट इतनी गंदी नौकरानी को किस करने में इसे कहीं से मजा आ रहा है की बूढ़ा उसी की तारीफ किए जा रहा है..."
इधर राज अब नीलू को दूसरी तरफ घुमाकर झका देता है और उसे डागी स्टाइल में कर देता है। राज की
पीठ नेहा की तरफ भी तो नेहा को राज के आगे का कुछ नहीं दिख रहा था। राज अब नीलू का पेटीकोट उठा देता है और पेंटी नीचे करता है। फिर वो अपनी पैंट की जिप खोलने लगता है।
नेहा की ये तो पता था की आगे क्या होने वाला है। नेहा मन में- "कमीना कहीं का। यहाँ पर ये सब कर रहा है। मैं इसे मजे लेने नहीं टूगी इस तरह सरे आम.. तभी वो खांसने का नाटक करती है।
किसी की आवाज सुनकर राज और नीलू नार्मल हो जाते हैं। नीलू जल्दी से खड़ी होकर अपने कपड़े ठीक करती
है। राज भी अपनी जिप डालकर इधर घूम जाता है।
लभ
नेहा थोड़ा अंदर आकर गुस्से में बोलती है- "ये तुम दोनों का क्या चल रहा है?"
नीलू- बो... मालकिन वो कुछ नहीं।
नेहा- "झठ मत बोला और तुम.." वो राज को देखकर बोलती है- "तुमको तो शर्म ही नहीं है। बेशर्म कहीं के..."
राज. मालकिन में तो बस नीलू के दर्द का इलाज कर रहा था।
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नीलू मोड़ा मुश्कुराती है।
नेहा- चुप रही बेशर्म। पता है कौन से दर्द का इलाज चल रहा था।
राज- कौन से?
नेहा- मुझे नहीं पता।
राज- अब बता दीजिये मालकिन।
नेहा- बोला ना नहीं पता।
राज- "ठीक है अगर नहीं बताना तो कोई बात नहीं। कम से कम करके तो दिखाईए.."
इस बात पर नीलू की हंसी निकल जाती है। जिसे नेहा सुन लेती हैं।
नेहा- "नीलू. तुमको बहुत हंसी आ रही है." फिर नेहा राज की तरफ गुस्से से देखने लगती है- "तुम दोनों को तो में अभी दिखाती हैं। अभी सबको बता देती हैं तुम दोनों का." बोलकर वो वहाँ से चली जाती हैं बाहर।
-
नीलू- अरे राज अब क्या होगा? मालकिन तो सबको बताने जा रही हैं। हमारी तो नौकरी गई।
राज- अरे त क्यों फिकर करती है। वो कुछ नहीं बताएगी।
नीलू- लेकिन बता दिया तो?
राज- त उसकी फिकर मत कर। मैं वो सब देख लैंगा।
फिर राज भी बाहर चला जाता है। राज को नेहा बाहर जाती हुई नजर आती है। वो भी उसके पीछे-पीछे चला जाता है। नीलू इधर अपना काम करने लगती है किचेन में। इधर नेहा बाहर आकर गारन में टहल रही थी। राज उसके पीछे पीछे अब गार्डिन तक आ गया था। नेहा साड़ी में एकदम मस्त लग रही थी। राज नेहा की गाण्ड देख रहा था पीछे से।
नेहा टहलते हुए नौकरों मके क्वार्टर के पास पहुँचती है। तभी राज का दिमाग काम करने लगता है। वो झट में नेहा के पास पहुंच जाता है। इस तरह राज का उसके पास आना नेहा को अजीब लगता है। नेहा कुछ बोलने ही वाली थी की राज उसे पकड़कर नौकर क्वार्टर्स में ले जाता है। नेहा के लिए ये अनएक्सपेक्टेड था।
नेहा- ये क्या बदतमीज़ी है?
राज- क्या जानेमन अब बायफ्रेंड को इतना हक भी नहीं है की वो अपनी गर्लफ्रेंड के साथ कुछ करें?
नेहा- "बूढ़े पहली बात तू मेरा बायफ्रेंड बिल्कुल भी नहीं है, और दूसरी बात तू क्या करने की बात कर रहा है?'
राज- "पता चल जाएगा मेरी जान..' बोलकर वो नेहा को आगे से कमर में हाथ डालकर अपनी तरफ खींचता है। खींचते ही नेहा एकदम राज में ऊपर आ जाती है। और उसकी चूचियां राज की छाती में धैस जाती हैं।
नेहा के बाल इस हरकत से उसके खूबसूरत चेहरे पर बिखर जाते हैं। जिससे नेहा सेक्सी आइटम लग रही औ। यही सेक्सी लुक राज को दीवाना बना रहा था। राज एकटक देख रहा था हा को। नेहा भी राज को देख रही थी। राज के काले हाभ नेहा की गोरी कमर को जकड़े हुए थे।
नेहा- क्या कर रहे हो?
राज बिना कुछ बोले ओड़ा आगे होकर नेहा के गले को चूमने लगता है।
नेहा राज के यूँ अचानक वार से संभल नहीं पाती, और कहती है- "हे छोड़ी मुझे..."
राज कहीं उसकी बात सुनने वाला आ। वो उसके गले पर चूमता रहता है।
नेहा- आह्ह... छोड़ो मुझे।
राज- जानेमन छोड़ने के लिए नहीं पकड़ा है। चोदने के लिए पकड़ा है।
नेहा चोदने की बात सुनकर अंदर से सहम जाती है। ये सोचक्कर की जूढ़े की उमर हो गई है फिर भी यह सब अरमान? राज अब गले को चूमने के बाद आगे आकर नेहा की आँखों में देखने लगता है। लेहा भी उसे देख रहीं भी। दोनों की नजरें आपस में जुड़ गई औ।
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्‍वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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कड़ी_09
दोनों की नजरें एक दूसरे को बहुत कुछ बता रही थी। बटा ड्राइवर राज नेहा को, जो इस घर की खूबसूरत बह को रोमांटिक अंदाज में जकड़े हुए था। राज का यूँ अपनी आँखों में देखना नेहा के लिए बिल्कुल नया था। ऐसे तो उसके पति ने भी कभी उसकी आँखों में नहीं देखा था। नेहा राज की आँखों में इतनी खो गई थी की उसे पता ही नहीं चला की कब राज ने उसके होंठों पर अपने सखे होंठ रख दिए थे, और वो होंठ चूसने भी लगा था। पता नहीं नेहा को क्या हो गया था, जो अब तक तो विरोध कर रही थी। पर अब कुछ भी नहीं बोल रही थी। पता नहीं क्यों उसे राज का यूं उसे किस करना बुरा नहीं लग रहा था। थोड़ी देर बाद राज किस तोड़ता है, और फिर नेहा के चेहरे को अपने दोनों हाथों से पकड़ता है। इस तरह दोनों की नजर फिर से आपस में मिल जाती हैं।
तभी राज फिर से नेहा के होंठों की तरफ बढ़ता है। इस बार हा नजरें झुका कर राज के होंठों की तरफ देखने लगती है। तब तक राज उसके होंठों से जड़ चुका था और चूसने भी लगता है। उसके नरम और गुलाबी होंठ चूसने में उसे बड़ा मजा आ रहा था।
नेहा विरोध तो नहीं कर रही थी, लेकिन साथ भी नहीं दे रही थी। उसके मन में अभी भी कुछ झिझक थी की कसे वो एक ड्राइवर बूटे के साथ ये सब कर सकती है? लेकिन राज से कुछ सोचने का मौका ही नहीं दे रहा
था। वो तो बस अपनी हवस मिटाने में लगा हुआ था। राज कभी नेहा का ऊपर वाला होंठ चूसता तो कभी नीचे
वाला।
अब वो किस करते हुए नेहा की चूचियों पर हाथ रख देता है। लेकिन फौरन नेहा उसका हाथ वहाँ से हटा देती है। राज को पता था की नेहा अभी फूटी तरह तैयार नहीं है। राज अब अपना हाथ पीछे ले जाता है और उसकी गाण्ड पर हाथ रख देता है। काफी हाट रश्य बन गया था। राज नेहा की गाण्ड पकड़े हर उसे किस कर रहा था। नेहा को भी अब्ब कुछ-कुछ होने लगा था। उसे ये भी अहसास हो रहा था की उसके आगे कोई बड़ी रोड जैसी जीज उसको चभ रही है। राज का लण्ड खड़ा था उसकी पैंट में। भोड़ी देर बाद वो किस तोड़ता है।
नेहा तभी राज से अलग होकर खड़ी हो जाती है। नेहा के होठ कांप रहे थे। नेहा की नजरें नीचे झकी हुई भी। राज लेकिन बड़े ही शैतानी अंदाज में नेहा के खूबसूरत चेहरे को देख रहा था। नेहा अभी-अभी जो हुआ उससे रिकवर हो रही थी। तभी राज एक बार और उसके पास आने लगता है। नेहा वी देख लेती हैं।
है
नेहा- रुको, तुम क्या पागल हो। मेरी साँस फूल रही है।
राज मन में- "इससे ज्यादा जबरदस्ती करना ठीक नहीं है..
राज फिर नेहा के पास आकर खड़ा हो जाता है। नेहा सोच रही भी की बूढ़ा आगे क्या करेगा? तभी उसके
मोबाइल पर काल आता है। नेहा मोबाइल देखती है तो उसपर विशाल का नाम था। अपने पति का काल इस सिचुयेशन में। नेहा लेकिन काल उठाती है।
नेहा- हेल्लू।
विशाल- हौं नेहा क्या कर रही हो?
नेहा- कुछ नहीं बाहर टहल रही हूँ।
विशाल- क्यों बाहर क्यों बाहर धूप नहीं है क्या?
नेहा- तो आप क्या चाहते हैं मैं सिर्फ अंदर बैठी रहूं?

विशाल- मेरा वो मतलब नहीं था। इस वक्त बहुत धूप होगी ला इसलिए।
नेहा- नहीं धूप नहीं है।
विशाल- तो ठीक है।
इधर राज इन दोनों की बात सुन रहा था। उसकी नजर तो सिर्फ नेहा पर थी। नेहा बिना किसी खयाल के
अपने पति से बात कर रही भी। राज तभी नेहा से चिपक जाता है पीछे से। नेहा हड़बड़ा जाती है क्योंकी फोन पर उसका पति था अगर उसे शक हो गया तो पता नहीं क्या होगा? नेहा राज को अपने से दर धकेलने की कोशिश कर रही और लोकल राज उससे मजबूती से चिपका हुए ।
विशाल- और क्या खाना खा लिया?
नेहा राज को दूर हटाने में भूल गई थी की उसका पति दूसरी तरफ है। राज उससे हटने को तैयार नहीं था।
विशाल फिर से- "हेलो नेहा.."
नेहा- हाँ हाँ बोलिए।
विशाल- कुछ नहीं तुम क्या कर रही हो?
-
नेहा- कुछ नहीं।
राज नेहा की कमर में हाथ फेर रहा था। नेहा को इससे डिस्टर्ब हो रहा था। नेहा अब्ब भाड़ा पीछे घूमते हए राज की तरफ गुस्से से देखती हैं। लेकिन राज ठहरा ठी, वो नेहा की तरफ देखकर स्माइल करता है। नेहा जानती भी की राज कितना बड़ा बदमाश है।
विशाल- ठीक हैं। मैं रखता हूँ फिर।
नेहा- "ठीक है... फिर काल खतुम हो जाती है। नेहा राज की पकड़ से छूट कर राज की तरफ गुस्से से देखते हुए कहती है- "तुम्हारा दिमाग खराब है क्या ?
राज लेकिन नेहा को स्माइल करते हुए देख रहा था- "क्या जानेमन गुस्सा हो गई तू तो..' बोलकर वो फिर से नेहा को पकड़ लेता है।
राज के पकड़ते ही नेहा को अजीब सा अहसास होता है। राज ने इस बार नेहा को कुछ अलग ही अंदाज में पकड़ा था। नेहा का रोम-रोम कांप उठा था। नेहा को जैसे कोई आश्चर्य ही लगा हो। हुआ ये की राज का खड़ा हआ बड़ा काला लण्ड उसकी पैंट में जब उसने नेहा को पकड़ा तो नेहा को उसका तंबू सीधा उसकी चूत म साड़ी के ऊपर से चला आ। नेहा को तो ऐसे लगा जैसे अंदर ही चला गया हो। क्योंकी उतनी तेजी से उसने नेहा को अपनी तरफ खींच था। नेहा के रंग इस वक्त देखने लायक थे। उसकी आँखें जैसे नशीली हो गई थी। राज को भी इसपर बहुत मजा आया आ।
राज अब नेहा को देखते हुए उसके चेहरे की तरफ बढ़ने लगता है। नेहा भी उसे देख रही थी। तभी राज नेहा के होंठों के बेहद करीब अपने काले सखे होंठ ले जाता है। पता नहीं नेहा को क्या हो जाता है की वो अपने होंठ थोड़ा आगे करती हैं। उन दोनों के होंठ जुड़ने ही वाले थे के राज अपना बदसूरत चेहरा पीछे हटा लेता है।
नेहा को हरानी होती है उसपर। वो राज की तरफ बड़े ही हानी भरी नजर से देख रही थी। राज लेकिन नेहा की तरफ स्माइल कर रहा था। तभी नेहा के चेहरे पर गुस्सा आने लगता है जिसे देखकर राज झट से आगे बद कर लेहा के गुलाबी होंठों पर अपने सूखे होंठ रख देता है, और किस करने लगता है। किस करते हुए वो अब नेहा के पीछे हाथ लेजाकर उसकी ब्लाउज़ का हक निकालता है। सब हुक्म निकलते ही अब पीछे से नेहा की जा
का हक दिख रहा था। अब राज नेहा की पीठ पर हाथ फेरने लगता है। राज नेहा के गुलाबी होंठ चूसे जा रहा था।
नेहा के होश उड़े हुए थे राज की हरकतें देखकर। अब राज नेहा की ब्रा का हुक निकालने लगता है। नेहा तभी अपना हाथ पीछे लाजाकर राज को रोकने लगती हैं। लेकिन राज कहां मानने वाला था। वो नेहा के हाथ को हटाकर उसकी ब्रा का हुक खोल ही देता है। ब्रा का हुक खुलते ही नेहा की पीठ पूरी नंगी हो जाती है। एकदम गोरी पीठ में नेहा एकदम मस्त लग रही थी। इसी दौरान राज लगातार उसे किस कर रहा था।
नेहा को राज की हरकतें अब मदहोश कर रहीं औ। अब राज नेहा की नंगी गोरी पीठ पर अपने गंदे हाथ फेर रहा था। राज के बड़े हाथ नेहा को अपनी पीठ पर अलग ही अहसास दिला रहे थे। काफी देर से किस करने की
वजह से नेहा की सांस फूल रही थी। अब वो राज को पीछे धकेलने लगती हैं। राज लेकिन उसे छोड़ने को तैयार नहीं था। तभी नेहा उसे जोर का धक्का लगाती है। इस बार राज पीछे हट जाता है। नेहा सांसें जोर-जोर से लेने लगती है। उसकी सांस फूल गई थी। यहाँ तक की राज भी सांस लेने में लगा हुआ था। नेहा की नंगी पीठ इस वक्त मस्त लग रही थी। ब्रा और ब्लाउज़ का हुक खुला हुआ। लेकिन नेहा इस सबसे बेखबर अपनी साँसों पर काबू पाने में लगी हुई थी।
राज- क्या मेरी जान मजा आया?
नेहा अब राज को गुस्से से देखते हुए. "तुम एकदम पागल हो। मुझे मार डालने का सोचक्कर आए हो क्या?
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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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(^%$^-1rs((7)
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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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राज- ऐसे कैंसे मेरी जान। तू तो मेरी गर्लफ्रेंड हैं। तुझे मैं एक खरोंच भी नहीं आने दूगा.."
नेहा को कुछ समझ में नहीं आता की वो इसपर क्या रिएक्ट करें। फिर राज नेहा को कमर : तरफ खींचता है, और नेहा के गले को चूमने लगता है। नेहा राज को अपने से दूर करने की कोशिश कर रही औ। ऐसा करने पर राज अब एक तरकीब आजमाता है। राज अब नेहा का बलाउज़ पौछे से निकालने लगता है। नेहा को इसका अहसास होते ही बी राज को रोकने के लिए अपने हाथ पीछे ले जाती है। तभी राज नेहा
की साड़ी कमर से दीली कर देता है। नेहा एकदम से चौंक जाती हैं और राज को देखने लगती हैं।
नेहा- ये क्या बदतमीज़ी है?
राज- क्या कर मेरी बुलबुल तुझे देख कर रहा नहीं जा रहा है।
नेहा इसपर दूसरी तरफ देखने लगती है। उसे शर्म आ रही थी।
राज- मुझसे क्यों शर्मा रही हो मेरी जान?
नेहा- मैं और तुमसे श... तुम हो कौन मेरे?
राज- तेरा व्यायफ्रेंड मेरी जान।
नेहा- चुप रहो।
कले हुए ब्लाउज़
राज ने कब उसकी साड़ी निकली उसे पता ही नहीं चला। अब नेहा सिर्फ पेटीकोट और हक
और ब्रा में भी। नेहा अब अपनी छाती को अपने हाथों से कवर कर लेती है।
नेहा- देखो तुम हद से ज्यादा आगे बढ़ रहे हो।
राज. "अभी हद पार को कहीं हैं मेरी जान। अभी बहुत कुछ बाकी है... और राज तबी नेहा के करीब आकर दोनों की आँखें एकदूसरे से बहुत सारे सवाल कर रही थी। राज बोला- "बोल तू मुझसे प्यार करने लगी है ना?"
नेहा यह सुनकर एकदम चकित थी। काला बटा ड्राइवर उससे प्यार करने का दावा कर रहा था। नेहा हँसते हुए बोलती है- "प्यार और तुझसे? बढ़े सच में तेरा दिमाग खराब हो गया है...
राज को ओड़ा गुस्सा आता है इसपर, वो बोला- "क्या बोली?" कहकर वो नेहा को पकड़ लेता है और उसका ब्लाउज़ और ब्रा एक झटके में निकालकर हाथ में पकड़ लेता है।
नेहा एकदम से मैं राज का गुस्सा देखकर हर जाती है। नेहा की गोरी बड़ी-बड़ी चूचियां अब्ब राज के सामने नंगी भौं। क्या मस्त दो बड़े-बड़े आम लग रहे थे। इस घर की बहू एक काले बटे ड्राइवर के सामने इस हालत में
खड़ी थी। नेहा जल्दी से अपनी चूचियां अपने हाथों से छुपा लेती हैं।
नेहा- बूढ़े कहीं के... ब्लाउज़ वापस दो मेरा।
राज- क्यों?
नेहा- क्यों मतलब? वो मेरा है।
राज- नहीं ये मेरी गर्लफ्रेंड का है।
नेहा- चुप करो और दो मेरा ब्लाउज़।
राज- “नहीं दगा मेरी जान..." और राज जानता आ की नेहा उससे ब्लाउज़ खींचने के हालत में नहीं है। फिर राज बोला- "अपनी चचियां तो दिखाओ मेरी बलबल.."
नेहा- "बेशर्म बूढ़े। मेरा ब्लाउज़ वापस दो प्लीज़..."
राज- अब अपने बायफ्रेंड से क्या शर्म मेरी जान? शर्म छोड़ा और अपने हाथ हटाओ अपनी चूचियों से।
नेहा- प्लीज़... वापस दो।
राज- दे दूँगा पहले अपने हाथ तो हटा।
नेहा- बिल्कुल नहीं।
राज- तो फिर ऐसे ही खड़ी रह।
नेहा- "प्लीज.. क्यों मेरे साथ ये सब कर रहे हो? मैं शादीशुदा हूँ। क्यों मेरी जिंदगी बर्बाद करने पर तुले हुए
हो?"
राज- कैसी बात करती हो जान। मेरे होते हुए तेरी जिंदगी कभी खराब नहीं होगी।
नेहा- "बस बहुत हुआ दो मुझे मेरा ब्लाउज़.. ओलकर वो राज के हाथ से ब्लाउज़ लेने के लिए आगे बढ़ती है। वो एक हाथ बढ़ाकर ब्लाउज़ लेने ही वाली थी की राज ठीक मौके पर ब्लाउज़ उसे लेने नहीं देता है। लेकिन इसी चक्कर में लेहा राज के करीब आ गई थी। नेहा को इतनी सेक्सी हालत में देखकर कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था राज को। तभी राज लेहा को फिर से पकड़ लेता है आगे से। नेहा के हाथ अभी भी अपनी चूचियों को छुपाए हुए थे।
अब जब दोनों आमने सामने थे। दोनों के बीच नेहा के हाथ थे। जो राज की छाती और नेहा की गोरी चूचियों का मिलन होने से रोक रहे थे। तभी राज नेहा को पीछे धकेलते हुए दीवार से सटा देता है।
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Masoom
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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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नंगा उसकी तरफ देख रही थी। उसने हाथ अभी भी नहीं हटाए थे। राज अब नेहा की आँखों में देखते हर उसका एक हाथ पकड़ लेता है और हटाने लगता है। नेहा भी पता नहीं कहीं खो गई थी। एक हाथ राज
आसानी से हटा देता है। जब वो दूसरा हाथ हटाने लगता है तो नेहा को होश आता है तो वो फिर से दोनों हाओं से अपनी चूचियां छपा लेती है। राज हार मानने वाला नहीं था। वो अब नेहा के करीब जाता है। राज उसका हाथ हटाने की कोशिश करता है। लेकिन नेहा इशारों में ही मना करती हैं। नेहा अब सिर्फ एक पेटीकोट में राज बढ़े के सामने खड़ी थी।
तभी राज अपना हाथ नेहा के करीब ले जाता है। नेहा फिर से अपनी सांस फुला ना नहीं चाहती थी तो वो उसको रोकने के लिए अपने दोनों हाथ राज के मैंह को रोकने में लगाती है। तभी राज को मौका मिल जाता हैं। वो अब अपने हाथ नेहा की बड़ी-बड़ी चूचियों पर रख देता है। राज के बड़े हाथ अपनी दोनों चूचियों पर लगते ही नेहा के मह से हय निकलती है। राज के हाथ में अब इस घर की बहू की गोरी बड़ी-बड़ी चूचियां औं। नेहा इशारों में ही राज को ना करने का इशारा करती है। लेकिन राज ठहरा कमौना। वो अपनी कमौनेपन की मकान के साथ एकदम उसकी चूचियां दबाता है। नेहा के गोरी बड़ी-बड़ी चूचियां दबाने में जो मजा आया उसे।
नेहा- आअहह.. बदतमीज।
राज- जैसे भी हैं आपके आशिक हैं जानेमन।
राज की बातें कहीं ना कहीं नेहा को अच्छी लगने लगी औं। उसका मैं उसकी गर्लफ्रेंड बोलना, कारेंग वाली बातें करना। राज अब धीरे-धीरे उसकी चूचियां इधर-उधर सब तरफ से मसलने लगता है। जैसे कोई आंटाता गेंध रहा हो। नेहा की आँखें बंद हो गई भी राज के ऐसा करने से। उसके पति ने कभी इतने कामक तरीके से उसकी चूचियां नहीं दबाई थी। राज जानता था की ये गरम हो रही हैं। अब एक हाथ से चूचियां दबाते हुए नेहा
की पेटीकोट के आगे हाथ रखता है।
नेहा को अहसास हो जाता है की राज क्या करने वाला है। तभी नेहा राज का हाथ वहां से हटाकर राज को पकड़ से छूटती है, और रूम में ही दूसरी तरफ भागती है, और एक तरफ जाकर खड़ी हो जाती है।
राज मन में- “साली शर्मा रही है। थोड़ी देर रुक, तेरी सारी शर्म निकाल देंगा। मेरे लण्ड के लिए तरसा दंगा तुझे.. फिर राज नेहा के पास चला जाता है और उसे पीछे से पकड़ लेता है।
नेहा- राज प्लीज... ऐसा मत करो।
राज जानता था की नेहा की शर्म अभी तक गई नहीं है। उसे और गर्म करना होगा। वरना उस जैसे गंदे ड्राइवर
को वो अपने पास भी आने नहीं देगी। राज नेहा की कमर में हाथ डाले हए था। उसकी नंगी कमर में हाथ डालने से नेहा एक अजीब सी कशिश महसूस कर रही थी। नेहा की चूचियां उसकी सांसों के साथ ऊपर-नीचे हो रही थीं। राज नेहा के गर्दन पर अञ्च चूमने लगता है। अन्न राज नेहा के पेट पर अपने हाथ फेरने लगता है।
राज. क्या हुआ मेरी जान वहाँ से भाग क्यों आई?
नेहा कुछ जवाब नहीं देती।
राज अब नेहा की चूचियां पकड़ लेता है और दबाने लगता है। वो कई बार उसकी चूचियां दबाने के साथ उसके निपल भी मसल रहा । निपल दबाते ही नेहा की आइ निकल जाती हैं। जिसमें काम को बहुत जा आता है। नेहा से राज चिपक के खड़ा था। अब तो राज का लण्ड उसकी पेंट में खड़ा होकर तंबू बना चुका था। जो बार-बार नेहा को अपनी गाण्ड पर चुभ रहा था।
नेहा को उसमें परेशानी हो रही थी, या यूं कहिए उसकी इन सबकी आदत नहीं थी। उसका पति उससे कभी , इस तरह रोमांटिक नहीं होता था। या यूँ कहिए इतना बड़ा लण्ड उसने कभी अपनी गाण्ड पर महसूस नहीं किया था। राज नेहा की चूचियां दबाते हुए उसके गले को चूम रहा था। नेहा अब राज के कंट्रोल में थी। उसकी आँखें बंद हो गई औ। राज अब नेहा की कमर को पकड़कर एक झटका लगता है। नेहा यह बिल्कुल उम्मीद नहीं कर रही थी। उसकी ताज्जुब होता है की राज ने ऐसा क्यों किया?

नेहा- तुम पागल हो क्या?
राज- "क्यों क्या हो गया मेरी जान?" वैसा बोलकर वो और एक बार और झटका मारता है। उसका लण्ड पेंट के अंदर से ही नेहा की गाण्ड में चुभ रहा था।
नेहा- हे बूढ़े।
राज- “क्या मेरी जान?" और अब राज नेहा का पेटीकोट निकालने की कोशिश करता है।
लेकिन नेहा उसे रोकती है- "नहीं। बस बहुत हो गया.." बोलकर वो वहाँ से जाने लगती है।
नेहा आगे मुड़ी ही थी की राज उसे दीवार से सटा लेता है। नेहा एकदम चौंक जाती है। वो राज की तरफ देखने लगती है। राज अब ओड़ा झक कर नेहा की चूचियां पकड़ लेता है। नेहा राज की तरफ बड़ी ही अजीब नजर से देख रही थी। राज अब नेहा की स्माइल करते हुए, नेहा की एक चूची को मुँह में ले लेता है।
नेहा राज का मैंह अपनी चूचियों पर लगते ही- "अहह.." कर देती है।

अब राज नेहा की चूचियां एक-एक करके चूसने लगता है। नेहा राज की एकटक देख रही थी। उसकी आँखें आधी खुली भी। उसे राज का मुँह अपनी चूचियों पर अजीब अहसास दिला रहा था। राज नेहा की चूचियां मजे से चूस रहा था। उसके निपल मुँह में लेकर उसको टोज भी कर रहा था। नेहा की आहह... निकल रही थी। उसकी
औखें ठीक तरह से बंद नहीं हो रही थी। राज नेहा की चूचियां परे हाथ में पकड़कर चूस रहा था। नेहा के गुलाबी निपल राज के गंदे मुँह में थे। राज ने नेहा की चूचियां अपनी भूक से भिगा दिए थे। अब राज उठ जाता है। नेहा की आँखें बंद थी। अब राज नेहा को देख रहा था। नेहा का खूबसूरत और मासूम चेहरा देखकर उसको मजा आ रहा था। उसे पता था की उसका मैं चूचियां चूसना नेहा को मजे दिया है। अब राज नेहा को कमर से पकड़कर अपनी तरफ खींचता है।
- एकदम से आँखें खोलती हैं। तो राज का चेहरा अपने चेहरे के सामने पाती हैं। दोनों की नजरें आपस में मिल जाती हैं। राज अब नेहा की आँखों में देखते हुए ही उसके पेटीकोट को पकड़ता है, और उसको दीला कर देता है। राज नेहा को आँखों ही आँखों में कुछ कह रहा था। नेहा कुछ कह नहीं पा रही थी। तभी राज नेहा का पेटीकोट का नाड़ा खोल देता है। और पेटीकोट नीचे नेहा के पैरों में गिर जाता है। अब हा सिर्फ एक लेक पैंटी में थी, राज के सामने।
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