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राज- पति के बारे में कुछ बुरा नहीं सुन सकती, लेकिन अपने बायफ्रेंड को नाराज़ कर सकती है हाँ ?" और जोर-जोर से नेहा की गाण्ड मारने लगता है- टप-टप टप-टप टप टप।
नेहा- “आहह... राज रुको अहह... दर्द हो रहा है अहह.."
लेकिन राज धक्के लगाए जा रहा था।
नेहा को बहुत तकलीफ हो रही थी राज के तेज धक्कों से- "मर गई अहह... कमौजे धीरे नहीं कर सकता?"
राज के काले बड़े लण्ड में बहुत दर्द हो रहा था उसकी। उस रूम में नेहा की चौखों और राज के धक्कों की आवाजें आ रही थी। नेहा की आँखों में आँसू आ जाते हैं। उसके लिए ये दर्द सहना बहुत मुश्किल हो रहा था। जिसे देख राज की थोड़ा रहम आता है उसपर। और धक्के थोड़ा धीरे कर देता है।
राज- रो मत मेरी जान... बस हो गया। अब दर्द नहीं होगा तुझे।
नेहा- कितना दर्द होता है पता है तुमको? लेकिन तुमको उसकी परवाह कहाँ है?
राज- अच्छा ठीक है मेरी जान... फिर से वैसे नहीं होगा।
राज नीचे से धक्के लगाता हुआ नेहा के खूबसूरत चेहरे को देखता है।
नेहा की जुल्फे झल रही थी इधर-उधर। जिसे वो बार-बार ठीक कर रही थी। ऐसा करते हुए वो और भी सेक्सी लग रही थी। नेहा राज को अपनी तरफ देखते हुए देखकर बोली- "क्या देख रहे हो?"
राज- मेरी जान बहुत खूबसूरत लग रही है तू।
नेहा के चेहरे पर अब स्माइल आ जाती है, और कहती है- "मुझे दर्द में डालकर खूबसूरत बोल रहे हो। ...
राज- मेरी जान ये दर्द हमारे प्यार के लिए ज़रूरी हैं।
नेहा- चुप रहो।
राज- "मेरी जान... एक बात बोलनी थी तुझसे.." राज धक्के लगाते हुए कहा।
नेहा- कैसी बात?
राज- जैसे तु मेरी गर्लफ्रेंड बन गई हैं। वैसे जय रिया मालकिन को अपनी बनाना चाहता है। तू उसकी थोड़ी मदद कर देना।
नेहा- “आहह... क्या? पागल हो क्या तुम? मैं वैसा नहीं होने देंगी। वो मेरी छोटी बहन की तरह है। तुम दोनों बूढो का दिमाग खराब हो गया है क्या?"
राज. बहन जैसी है। बहन तो नहीं है ना? कर दे ना मदद उसकी।
नेहा- नहीं मैं नहीं करने वाली। देखो राज वो बहुत अच्छी है प्लीज... उसके साथ तो ऐसा ना होने दो।
राज. पहले तू भी तो अच्छी थी ना। अब देख तू मुझसे कैसे चुदवा रही है।
नेहा शर्मा जाती है।
राज- कर दे ना मदद उसकी। बेचारा तड़प रहा है रिया मालकिन के लिए।
नेहा- नहीं राज में नहीं करने वाली।
राज अब उसकी तेज-तेज चोदने लगता हैं।
नेहा- "अहह... दर्द हो रहा हैं अह."
राज- बोल करेंगी मदद?
नेहा- "अहह.. नहीं अहह..
राज लगातार उसको वैसे चोदते रहता है।
नेहा- अहह... प्लीज... धीरेऽऽ राज... दर्द हो रहा है।
राज- मेरी जान मदद कर दे उसकी।
नेहा- "अहह... राज अहह.." और राज की रफ्तार बढ़ता देख कर नेहा को कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था। वो बोली- "ठीक्क है.. कर दूंगी मदद अहह..."
राज जिसे सुनकर अपनी स्पीड धीरे कर देता है। उसके चेहरे पर एक कमीनी स्माइल आ जाती है- "ये हईला बात...
नेहा- कमीजे कहीं के अपनी बात मनवा ली जा..."
राज- क्या करूं मेरी बलबुल? तू सीधी तरह से मानती भी नहीं है।
ऐसे 5 मिनट और चुदाई के बाद राज रूक जाता है। नेहा भी थकी हुई राज के कप्पर निटाल हो जाती है। उसकी आज राज ने बहुत बुरी तरह से चुदाई की थी। ऐसी चुदाई उसकी कभी नहीं हुई थी। लॉकन उसको एक अजीब सा संतोष भी मिल रहा था राज से, जो उसका पति नहीं दे पाता। नेहा पड़ी हुई थी राज की छाती पर। उसकी गोरी गोरी चूचियां दबी पड़े भी राज की बालों वाले सीने से। उसके खूबसूरत चेहरे पर एक चमक आ गई थी, और वो अपनी सौंसों पर काबू पाने की कोशिश कर रही थी।
नेहा- "हहह.." और वो अपना चेहरा ऊपर करके राज को देखती हैं।
राज- इतने में ही थक गई क्या मेरी बुलबुल?
नेहा मन में " कैसा आदमी है ये? इतनी उमर होने के बाद भी इतना सब कुछ करके भी अभी भी ताकत बची है इसमें। कमीना कहीं का..."
राज-उठना।
नेहा अब राज के ऊपर से उठने लगती है। नेहा आधा उठी थी की राज उसे कमर से पकड़कर घुमा देता है। अब नेहा की पीठ राज की तरफ औ। राज नेहा को अपने कमा लिटा लेता है। इस पोजीशन में राज की छाती से नेहा की पीठ चिपकी हुई थी, और नीचे राज का लौड़ा नेहा की गुलाबी चूत पर दस्तक दे रहा था।
नेहा- मैं बहुत थक गई हूँ प्लीज़... बस करो अभी।
राज- जानेमन सिर्फ इतने में थक गई तो कैसे चलेगा? अभी तो सारी रात पड़ी है।
नेहा- सारी रात? नहीं नहीं बिल्कुल नहीं। में तो मर ही जाउन्गि ।
राज हँसता हुआ- "ठीक है सारी रात नहीं करूँगा बस..."
नेहा थोड़ी राहत की सांस लेती है। वरना सारी रात राज उसकी क्या हालत कर सकता है वो जानती थी।
राज- मेरी जान तैयार है ना एक और राउंड के लिए।
नेहा बस चुप रहती है।
राज अब नेहा की चूत पर अपना लौड़ा ना टिकाते हुए उसकी गाण्ड के छेद पर लगाता है।
नेहा जिसे महसूस कर के- "राज प्लीज... वहीं नहीं। मुझे बहुत दर्द होता है.." नेहा जानती थी इस पोजीशन में उसको और दर्द होगा।
राज- बस एक बार मेरी जान। फिर नहीं करूँगा ।
नेहा- प्लीज़... नहीं, मुझसे नहीं होगा।
..
राज- "बस एक बार मेरी जान। तेरी गाण्ड मारने में बहुत मज़ा है." और राज अब अपने लण्ड से नेहा की गाण्ड में एक धक्का लगाता है तो उसका 25 प्रतिशत लण्ड अंदर चला जाता है।
नेहा- "अहह..." करके नेहा राज के ऊपर से उठने की कोशिश करती हैं।
लेकिन राज उसकी कमर को मजबूती से पकड़े हुए था। राज अब नीचे से एक और धक्का लगाता है। इस बार थोड़ा आसानी से उसका लण्ड अंदर चला जाता है। करीब 75 प्रतिशत लण्ड अंदर जा चका था।
नेहा- "अहह... मर गई अहह.."
राज अब उसकी चुदाई करने लगता है।
नेहा- "अह... अहह.."
राज- कितनी टाइट है तेरी गाण्ड मेरी जान।
नेहा इस वक्त उसके ही बेडरूम में उसके ही बेड पर एक ड्राइवर के साथ गाण्ड चुदवा रही थी। वो नेहा जो कभी राज को हाँ ना करती थी, आज वही राज उसकी गाण्ड मार रहा था।
नेहा की चीखें
नेहा- "अहह... अहह... अहह... अहह... अहह.. हुह्ह अहह .. उम्म्म..." और राज के धक्कों बढ़ रही थी..." ये दोनों बेखबर थे।
नीलू उधर खिड़की से इनकी चुदाई देख रही थी. "हाय रे राज ने मार डाला हमारी नेहा मालकिन को तो। क्या हालत कर रहा है मालकिन को.... और वो खिड़की पर खुद से ही बातें कर रही थी।
इधर राज के धक्के जारी थे। मार रहा था वो नेहा की गाण्ड। उसकी चूचियां उछल कूद मचा रही थीं ऊपर से। नेहा के लिए ऐसी पोजिशन्स बिल्कुल नई थी। राज एक बूढ़ा होने के बाद उसको नई-नई पोजीशन में चांद रहा था। वो पोर्न वीडियोस जो देखता था।
नेहा- "अहह... अहह.."
खिड़की में नेहा की गाण्ड में राज का लौड़ा अंदर-बाहर होते देख रही थी, और सोच रही थी- "अरे हमारी नाज़ुक नेहा मेमसाहब की गाण्ड फाड़ डालोगे क्या राज? आप रे... देखो तो कैसे चोद रहा है?"
राज ऐसे ही नेहा को और 10 मिनट चोदता है। अब राज भी थोड़ा थक चुका था। उससे ज्यादा नेहा थकी थी। उसकी कुँवारी गाण्ड जो राज ने मारी थी। नेहा वैसे ही पड़ी रहती हैं राज के ऊपर कुछ देर। थोड़ी देर बाद राज थोड़ा हिलता है तो नेहा के जिस्म में थोड़ी हरकत होती है और वो बेड में ही साइड में लेट जाती है।
राज- मेरी जान मजा आया ना?
नेहा बिल्कुल बेहाल पड़ी थी। उसकी जिंदगी की सबसे जोरदार चुदाई की भी आज राज ने।
नेहा चुप रहती है।
राज- मज़ा आया ना तुझे भी?
नेहा- कमिने कहाँ की। इतना जोर से भी कोई करता है क्या?
राज- माफ कर दे मेरी जान। कभी-कभी जोश में हो जाता है।
नेहा- क्या जोश में? कितना दर्द होता है। मालूम है तुमको?
राज अब नेहा के ऊपर आ जाता है।
नेहा राज को देखने लगती है।
राज- "मेरी जान माफ कर दे.." बोलकर वो नेहा के लाल होठों की तरफ बढ़ा देता है।
राज- "मेरी जान माफ कर दे.." बोलकर वो नेहा के लाल होठों की तरफ बढ़ा देता है।
नेहा बस अपनी आँखें बंद कर लेती हैं।
राज के काले होंठ उन लाल होंठों को छूकर उनको चूसने लगता है। राज और नेहा दोनों नंगे थे। एक अजीब सा हाट इश्य बन गया था वहीं। राज नेहा की जीभ भी कभी-कभी अपने मुँह में लेकर चूस रहा था। इस बार नेहा भी उसका साथ अच्छे से दे रही थी। दोनों नंगे जिश्म एक दूसरे की बाहों में पड़े हुए किस कर रहे थे।
जौल- "हाय देखो तो कैसे लैला मजन आपस में प्यार कर रहे हैं। में चलती हैं इन दोनों को अकेला छोड़कर..."
और नीलू वहीं से चली जाती है।
यह दोनों 3 मिनट किस करने के बाद किस तोड़ते हैं। राज नेहा के खूबसूरत चेहरे पर बिखरी हुई जुल्फें हटाकर कहता है- "हो जाये एक बार और मेरी जान..."
नेहा हरानी से राज को देखते हुए की ये कैसा आदमी है। उमर होने के बाद भी अभी तक इतना स्टेमिना कैसे हैं इसके पास। नेहा बोली- “नहीं राज प्लीज... मुझसे नहीं होगा और.."
राज को भी नेहा पर अब तरस आ जाता है- "ठीक है मेरी जान। जैसा तू कहे.."
नेहा अब बेड से उतरती है और वाईटरोब से एक तौलिया और कुछ कपड़े निकालकर बाथरूम की तरफ जाने लगती हैं।
राज. कहा जा रही है।
नेहा- नहाने और कहाँ?
राज- मुझे भी नहाना है तुम्हारे साथ मेरी जान।
नेहा शर्मा जाती है। साथ में नहाने वाली बात से, और कहती है- "साथ में... नहीं नहीं कोई ज़रूरत नहीं है..." और वो स्माइल करती है।
राज- रहने देना मेरी जान।
नेहा- नहीं तुम जरूर कोई ना कोई गलत हरकत करोगे उधर भी।
राज- नहीं करूँगा । वैसे भी सब कुछ तो कर चुका हूँ।
नेहा के चेहरे पर स्माइल आ जाती है। राज भी बेड पर से उतरकर उधर जाने लगता है। नेहा बाथरूम में चली जाती है तब तक। अब राज भी अंदर आ जाता है। दोनों नंगे थे। नेहा को बहुत शर्म आ रही थी की उसकी आज एक गंदे काले बूढ़े के साथ नहाना पड़ेगा। लेकिन वो ये भी जानती थी के उसी बूढ़े ने आज उसको बो संतोष दिया है जो उसका पति कभी नहीं दे पाया था।
नेहा को समझ में नहीं आ रहा था की वो आखिरकार, एक अंजान आदमी के साथ नहाए कैसे? उसे बहुत शर्म आ रही थी। किसी जमाने में नेहा राज को हाँ टति थी और आज उसी राज ने उसको साथ में नहाने पर मजबूर किया था।
राज- "चल मेरी जान नहाते हैं। बाल्टी किधर है" राज ठहरा गाँव वाला। उसे तो बाल्टी से पानी लेकर नहाना ही पड़ता था।
नेहा को राज की बात से एक बार हंसी आती हैं। नेहा शावर ओन करती हैं।
राज- अरे ये तो बारिश जैसा हैं।
नेहा की फिर से हँसी छूट जाती है।
राज- हैंस क्यों रही है?
नेहा- "कुछ नहीं.." नेहा एक साइड में खड़ी थी।
राज अब शावर के नीचे आता है और नेहा को भी खींच लेता है, और कहता है- "आज मजा आएगा अपनी गर्लफ्रेंड के साथ नहाने में..."
नेहा के चेहरे पर स्माइल आ जाती है। पानी की बूंदे दोनों के नंगे जिश्म पर गिरने लगती हैं। नेहा के लिए ये बिल्कुल अलग था। वो कभी खुद के पति को नहाते हुए अंदर आने नहीं देती थी। लेकिन वो एक गंदे काले बूढ़े के साथ नहा रही थी, वो भी पूरी नंगी। दोनों आमने सामने खड़े थे। नंगे होने की वजह से नेहा के हाई निपल राज को अपनी छाती पर चुभ रहे थे। नेहा को बहुत शर्म आ रही थी। वो ठहरी एक खूबसूरत इस घर की बहू और वो इस वक्त एक बूढ़े के साथ नहा रही है। दोनों के बीच थोड़ा फासला था। जिसे देखकर राज अब नेहा की कमर में हाथ डालकर अपने से सटा लेता है। जिससे नेहा की चुचियां राज की छाती से दब जाती हैं।
राज. मेरी जान क्या मजा है यहाँ नहाने का, वो भी तेरे साथ।
नेहा कछ नहीं बोलती। राज के हाथ पीछे से उसकी गाण्ड पर चले जाते हैं। राज के हाथ नेहा की नंगी भीगी गाण्ड को अब ममल रहे । काफी हाट दृश्य था। यह खूबसूरत बहु काले बूढ़े के साथ पूरी नंगी बाभरकम में खड़ी थी। राज की तो बस रात चल रही थी। राज नेहा की गाण्ड को बहुत ही कामुक तरीके से दबा रहा था। जो अब नेहा को गरम करने लगा था। नेहा वैसे ही गरम हो रही थी अपनी चूचियां राज के छाती से दबे जाने से। और उसको तंग करने के लिए उसकी चूत पर राज का बड़ा काला लण्ड भी टकरा रहा था। राज अब नेहा के गले को भी चूमने लगता हैं। जिससे नेहा की सिसकारियां निकलने लगती हैं।
नेहा- हाय राज।
राज- क्या खुश्बुदार बदन है तेरा मेरी जान।
नेहा मुश्कुराती हैं। उसे अब थोड़ी शरारत सूझती हैं, और कहती है- "अपने इस शैतान को दूर करो ना। मुझे बहुत तंग कर रहा है... नेहा राज के लौड़े की तरफ देखते हुए बोलती है।
राज. वो ऐसे दूर नहीं होगा मेरी जान। उसे तेरी चूत चाहिए।
नेहा- उसे कहीं अभी नहीं मिलेगी।
राज. बो नहीं मानेगा मेरी जान। तेरी चूत को गर्माहट ही उसे ठंडा कर सकती है।
नेहा का चेहरा लाल हो जाता है- "छी... कितनी गंदी बातें करते हो तुम। शर्म नहीं आती?"
राज- अब अपनी गर्लफ्रेंड से कैसी शर्म मेरी जान।
नेहा भी मुश्कुराती है।
राज अब गले को छोड़कर नेहा की चूचियों पर अपना मुँह ले जाता है, और एक-एक करके उसकी चूचियां चूसता है। राज के ऐसा करते हुए नेहा की आँखें बंद हो रही थी। ऊपर से उसके हाथ भी नेहा की गाण्ड को मसल रहे थे। थोड़ी देर बाद राज नेहा को घुमा देता है, और उससे पीछे से चिपक जाता है। फिर उसकी चूचियां पकड़कर मसलने लगता है। इस पोजीशन में राज का काला लौड़ा नेहा को अपनी गाण्ड की दरार में चुभ रहा था। जो बेहा को अजीब अहसास दिला रहा था। दोनों के नंगे जिश्म शावर के नीचे भीग रहे थे। एक भी खूबसूरत बड़े घर की बहू और दूसरा एक काला बदसूरत बूढ़ा ड्राइवर।
नेहा को कुछ भी होश नहीं था की वो क्या कर रही है? वो भूल गई थी की वो एक पड़े लिखी खूबसूरत और एक शादीशुदा औरत है। लेकिन राज की हरकतें उसे पागल बना रही थी। ऐसा नहीं था की नेहा ने इन सबसे फाइट करने की कोशिश नहीं की। लेकिन कहते हैं ना हवस इंसान से कुछ भी करा सकती है। राज इधर नेहा की चूचियां दाते हुए अब उसकी नाभि पर हाथ फेरने लगता है।
नेहा- "अहह.."
राज के काले हाथ नेहा की गोरी बड़ी-बड़ी चूचियों को दबा रहे थे।
नेहा- "अहह.."
राज का काला लण्ड अब रोड़ की तरह खड़ा हो चुका था। जो नेहा को अपनी गाण्ड के छेद पर चुभ रहा था।
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नेहा- "मुझे बहुत तंग कर रहा है तुम्हारा....... कहकर नेहा रुक जाती है।
राज- बोल क्या तंग कर रहा है मेरा?
नेहा स्माइल करते हुए- "मुझे नहीं पता.."
राज- बोल ना। क्या तंग कर रहा है तुझे?
नेहा- "वो तुम्हारा लन....... फिर से नेहा रुक जाती हैं।
राज- बोल।
नेहा- तुम्हारा लण्ड।
राज. वो मेरा लण्ड। तेरी जैसी माल को देखकर उसका तो बुरा हाल होना ही है। अब वो तेरी चूत मौंग रहा है।
नेहा- छी.... चुप रहो तुम् कितने गंदे हो तुम। औरत से कैसे बात करनी चाहिए तुमको पता ही नहीं है।
राज अब नेहा की चूत पर अपना एक हाथ ले जाता है।
नेहा- "उम्म्म्म "म्म्म्म अहह..." और नेहा की चूत पहले से ही पानी छोड़ रही थी।
...
राज की नेहा की चूत की गर्मी साफ महसूस होती है- "देख मेरी जान। तेरी चूत कैसे लगातार पानी छोड़ रही है। अब तो चुदाई जरूरी है मेरी जान..."
नेहा- नहीं नहीं यहीं नहीं। मुझे पता था तुम कोई ना कोई गलत हरकत करोगे। इसलिए अब तुम बाहर जाओ। मैं अकेली ही नहा लूँगी ।
राज. ऐसा क्यों कर रही है मेरी जान। बहुत मज़ा आएगा नहाते हुए चुदाई करने में।
नेहा- नहीं मुझे नहीं करने मजे। पहले ही मेरी हालत खराब कर चुके हो तुम... और क्या करने का इरादा हैं?
राज- इरादे तो बहुत हैं मेरी जान। लेकिन तू कुछ करने दे तब ना?
नेहा- इतना सब कुछ तो कर चुके हो और क्या बाकी हैं?
राज- बहुत कुछ मेरी जान। तू देखती जा।
अब राज पीछे से नेहा की गलाबी चूत पर अपना काला लण्ड लगाता है। पानी की ठंडक में जब नेहा को अपनी गरम चूत पर राज का पानी लगा हुआ काला लौड़ा महसूस होता है तो उसकी एक संतुष्टि भरी आह निकलती है
नेहा- "उम्म्म्म ... अहह और नेहा का बदन जैसे अकड़ जाता है। वो राज से पीछे हटने लगती है। उसका बदन अब राज के जिस्म से लिपटना चाह रहा था।
राज के लण्ड की गर्मी उसको बहुत ज्यादा आनंद दे रही थी। राज जानता था कि नेहा तड़प रही है। राज अब थोड़ा दबाव डालता है, तो चूत गीली होने की वजह से लण्ड आधा अंदर चला जाता है।
नेहा- अह...
तभी बाहर बेडरूम से नेहा के मोबाइल कर एक रिंग होती है। जिसे सुनकर नेहा अपने होश में वापस आती है।
नेहा- मेरा मोबाइल बज रहा है।
राज ने उसकी कमर पकड़ रखी थी।
नेहा- राज छोड़ो मुझे। किसी का काल आया है।
राज. रहने दे मेरी जान। इस वक्त अलग मत हो मुझसे।
नेहा अलग ना होने की बात से शर्मा जाती हैं, और कहती है- "राज प्लीज... छोड़ो किसी का काल है..."
राज अपना लण्ड अंदर घुसाने लगता है।
नेहा- अहह.. राज प्लीज़.. छोड़ो ना।
राज को कुछ सूझता है और वो नेहा को छोड़ देता है। नेहा को भी थोड़ी हैरानी होती है की राज तो इतना जिद्दी है, उसने कैसे उसकी इतनी आसानी से छोड़ दिया। नेहा के चेहरे पर स्माइल आ जाती है और भागकर ही बाथरूम से बाहर जाती है।
पानी की बूँदें उसके गोरे जिस्म पर थी, जिससे वो और भी हाट लग रही थी। बेड के पास जाकर वो अपना मोबाइल देखती है, तो उसपर उसके पति का काल था। नेहा थोड़ा टेन्शन में आ जाती है। क्योंकी वो इस वक्त राज जैसे घटिया बूढ़े के साथ उसी के बेडरूम में नंगी घूम रही है।
इधर राज बाथरसम के दरवाजे से नेहा को नंगी बेड के पास खड़ी देख रहा था। नेहा की गोरी गाण्ड उसकी तरफ थी। वो अपना लण्ड मसलते हुए देख रहा था नेहा की गाण्ड।
राज- "हाय्य मेरी बुलबुल। तेरी यही गाण्ड तो मुझे दीवाना बनाती है। इसी गाण्ड में दम कर के रखा है मेरे लण्ड को। लेकिन अब कोई फिकर नहीं है। क्योंकी अब त सिर्फ मेरी है। तेरी गाण्ड, तेरी चूत, तेरी चूचियां, तेरा परा जिश्म अब सिर्फ और सिर्फ मेरे नाम हैं..." ऐसा बोलकर राज के बदसूरत चेहरे पर एक कमीनी स्माइल आ जाती है।