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Adultery बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्‍वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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इधर नेहा काल उठाती है- "हेलो..."

विशाल- नेहा क्या कर रही हो?
नेहा- ओह्ह... वो कुछ नहीं बस बेड पर लेटी हुई औ।
विशाल- अच्छा।
नेहा- तुम पार्टी में नहीं गये क्या?
विशाल- पार्टी में ही हैं। थोड़ा टाइम मिला तो सांचा तुमसे बात कर लें।
नेहा- अच्छा जी... तो याद आ रही है आपको मेरी।
विशाल- याद तो आ रही है तुम्हारी।

नेहा मन में- "काश विशाल तुम मेरी याद के साथ मेरा खयाल भी रखते। तुमको नहीं पता की यहां यह बूढ़ा तुम्हारी बीवी की क्या हालत कर रहा है। यह V तुम्हारी बीबी को अपनी गर्लफ्रेंड तक बना चुका है। पता नहीं आगे क्या-क्या करेगा ये तुम्हारी बीवी के साथ? विशाल कहीं ये तुम्हारी बीवी को भगा ना ले जाए।
नेहा- बस बस अब आप पार्टी एंजाय कीजिये।
विशाल- चलो ठीक है।
नेहा- बाइ।
विशाल- "बाइ.." फिर दोनों काल खतम करते हैं। नेहा वहाँ पर खड़ी थी।
राज तभी बाथरूम से- "मेरी जान हो गया क्या बात करके अपने पति से। अब अपने इस बायफ्रेंड का भी कुछ खयाल करो..."
नेहा मुड़कर राज को देखती है। उसके चेहरे पर स्माइल आ जाती हैं। लेकिन वो वहाँ पर खड़ी रहती है।
राज- जल्दी आ मेरी जान।
नेहा शरारती भाव के साथ- "में नहीं आने वाली.." ऐसा बोलकर बो स्माइल करती है।
नेहा अब बहुत खुलकर राज से बात कर रही थी। क्योंकी वो नंगी ही राज से बात कर रही थी। खुद को छुपाने की जरा भी कोशिश नहीं कर रही थी।
राज- अनार त अंदर नहीं आई तो मैं उधर आ जाऊँगा। सोच ले?
नेहा- नहीं नहीं इधर मत आजा। फर्श गीला हो जायगा।
राज- तो इधर आ जल्दी।
नेहा कुछ देर रुक कर उधर जाने लगती है। राज बाथरूम में खड़ा अपना लण्ड हिला रहा था। जिसे देखकर नेहा समझ रही थी की राज आगे क्या करने वाला है। नेहा दरवाजे के पास जाकर रुक जाती है। राज झट से उसका हाथ पकड़कर अंदर खींच लेता है। जोर की वजह से नेहा सीधा राज के सीने से जा लगती है। दोनों
एकदूसरे को देखने लगते हैं। राज की एँ अपनी तरफ हवस भरी नजरों से देखने से नेहा शर्म के मारे अपनी नजर झका लेती हैं।
राज- "हाय शर्मा रही हैं मेरी जान। अब हमसे क्या शर्माना?" ऐसा बोलकर राज नेहा को पलटकर झका देता हैं, और पीछे से अपना काला लण्ड उसकी चूत पर टिका देता है।

नेहा- "अहह...
दोनों शावर के नीचे थे। पानी अभी भी उनके ऊपर गिर रहा था। अब राज नेहा की कमर पकड़कर अपना लण्ड
अंदर घुसा देता है एक धक्के के साथ।
नेहा- "अहह...
आधा लण्ड अंदर आ। राज भी थोड़ा झक कर नेहा की गोरी पीठ को चूमता है। अब वो एक और धक्का लगाता है, तो उसका लण्ड और अंदर जाता है।
नेहा- "अहह... धीरे."
राज उसकी पीठ को चूमते हुए अब धक्के लगाने लगता है। पानी की वजह से टप-टप-टप की आवाजें आने लगती हैं। नेहा के झकने की वजह से उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां मचल रही थी। ऊपर से उसके खूबसूरत चेहरे पर धक्कों के साथ बिखरे बाल। अफफ्फ... काफी हाट इश्य था। एक बड़े घर की बहू को पूरी तरह से इश्तेमाल कर रहा था ये बड़ा।
नेहा- "अहह..'
राज कभी-कभी झुक कर चूचियां भी दबा रहा था। नेहा को अब ज्यादा दर्द नहीं हो रहा था। कीम का उसको में चूमना आदि सब अच्छा लग रहा था। थोड़ी देर की चुदाई के बाद राज रुक कर नेहा को पलटा देता है। अब दोनों आमने सामने थे। वो अब नेहा की एक टांग उठाकर अपना लण्ड उसकी गुलाबी चूत पर टिकाकर धक्के लगाने लगता है।
नेहा- "अहह... और इस बार नेहा के सबसरत चेहरे पर सेक्सी भाव राज देख सकता था। नेहा की आँखें आधी बंद और सिसकारियां। वो बस राज की जोरदार चुदाई एंजाय कर रही थी।
राज अब नेहा का चेहरा पकड़कर उसकी नजरें खुद की नजरों से मिलते हर- "मेरी जान तेरी चूत की जो गर्मी हैं जा मेरे लण्ड को बहुत पसंद है.."
नेहा शर्माकर नीचे देखने लगती हैं।
राज- ऐसी गर्मी किसी और चूत में नहीं।
नेहा इस बात पर ऊपर देखती है, और कहती है- "नेहा- किसी और की चूत? और किसके साथ चल रहा है तुम्हारा?" और नेहा इस बार सीरियस होकर बोलती है।
राज को भी पता था की नेहा पहले ही दो-तीन औरतों से जेलस महसूस कर चुकी हैं उसके लिए।

राज- कोई नहीं है मेरी जान। ऐसे ही बोला मैंने।
नेहा- तुमने अभी तो कहा ना किसी और में नहीं?
राज- वो तो ऐसे ही बोला मैंने।
नेहा चुप हो जाती है।

राज नेहा की टांग उठकर चोद रहा था। अब राज आगे झुक कर उसकी चूचियां मुंह लेकर चूसने लगता है।
नेहा- "उम्म्म्म
... अहह... वो उम्म अहह.. ओहह.."
राज के धक्के इस बार थोड़े तेज थे। 5 मिनट की इसी तरह चुदाई के बाद राज रूक जाता है, और वहीं बाभरकम की टाइल्स पर लेट जाता है- "मेरी जान... अब पानी बंद कर दे, और आ जा मेरे ऊपर "
नेहा वहीं पर खड़ी राज को लेटा हुआ देख रही थी। उसकी नजर राज के लौड़े पर जाती है, जो अभी भी खड़ा था। गंदा सा लग रहा था। अभी-अभी वो उसी की चूत में जाकर बाहर आया था।
राज- जल्दी कर ना।
नेहा अब शावर बंद कर देती है। राज उसको अपने ऊपर खींच लेता है। नेहा का चेहरा राज की ओर था। अब राज नीचे से अपना लण्ड नेहा की चूत में घुसाता है और चुदाई शुरू कर देता है।
नेहा- "अह.. अहह... हो आह्ह... अहह.."
राज नीचे से अपनी काली जांघे ऊपर-नीचे कर रहा था। नेहा बस पड़ी हई भी उसके ऊपर। राज एक बार के लिए नेहा के मासूम से खूबसूरत चेहरे को देखता है। चुदाई की संतुष्टि उसके चेहरे से साफ झलक रही थी। राज से रहा नहीं जाता है और वो नेहा के चेहरे को पकड़ लेता है। अपना चेहरा पकड़ने से नेहा उसकी तरफ देखती है। दोनों की नजरें आपस में मिल जाती हैं।
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राज अपने काले होंठ उसकी तरफ बढ़ाता है। नेहा इस बार अपने हाथसे राज के चेहरे को पकड़ लेती है और वो भी अपने लाल होंठ उसकी तरफ बढ़ाती है। दोनों के तरसते होंठ मिलने में ज्यादा देरी नहीं लगती है। होंठ मिलते ही दोनों पागलों की तरह एकदूसरे को किस करने लगते हैं। नीचे से राज के धक्के जारी थे।
नेहा- "उम्म्म्म ... उम्म्मह... उम्म्म्म
..." और किस की वजह से नेहा की आवाज उसके मुँह में ही रह रही थी।
राज के हाथ पीछे से नेहा की गाण्ड को मसल रहे थे।

नेहा- "उम्म्म्म ... अहम्म्म्म ..."

चुदाई हो ही रही थी की बाहर दरवाजे पर नाक होती है। जिसे सुनकर राज रुक जाता है। नेहा भी डर जाती है अब। इरे भी क्यों ना? वो इस बड़े घर की बहु होकर एक बूढ़े के साथ इस वक्त चुद रही है। नेहा के दिमाग में अलग-अलग खयाल आने लगते हैं। दोनों किस तोड़ चुके थे।
नेहा- "इस वक़्त कौन आया होगा? कहाँ विशाल वापस तो नहीं आ गये.. और नेहा की पशीने छूटने लगते हैं डर के मारे।
***** ****

दोनों को नहीं पता था की आखीर कार, इस वक़्त कौन बाहर खड़ा है? नेहा की तो हालत बुरी थी क्योंकी वो अगर नंगी हालत में एक बटे के साथ पकड़ी गई तो उसकी शादी टूटना तो पक्का था। यही सब बरे खयालात उसके दिमाग में आ रहे थे।

नेहा- ओह नहीं... अब में क्या करें?
राज भी थोड़ा टेन्शन में था की कहीं उसका पति तो नहीं आ गया। लेकिन वो खुद को थोड़ा रिलेक्स करके कहता है- "मेरी जान जा जाकर दरवाजा खोल दे। लेकिन उसको यही अंदर मत आने देना.."

नेहा भी कुछ सोचकर बाहर चली जाती है। फिर वह एक तौलिया लपेट लेटी है खुद पर, और दरवाजा की तरफ चल देती है। दरवाजा खोलते हुए उसके हाथ कांप रहे । आखीर कार, बो दरवाजा खोल हा देती है। सामने खड़ी सख्स को देखकर वो थोड़ी सी राहत की सांस लेती है। सामने रिया खड़ी थी जो कुछ परेशान लग रही थी।

नेहा- क्या हुआ रिया? इतनी ग़ात का?

रिया- "दीदी वो मम्मीजी के भाई की तबीयत खराब हो गई है। तो सब लोग जा रहे हैं। आप आ रही हो ना?"

नेहा को समझ नहीं आ रहा था के वो क्या करें? नेहा बोली- "रिया, वो मैं अभी नहीं सकती। मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं है.." और नेहा झठ भूल रही थी क्योंकी राज बाथरुम में आ।

रिया- ठीक है दीदी। मैं मम्मीजी को बोल देती हैं। हम कल आएंगे शायद।

नेहा- ठीक है।
रिया फिर जाने लगती है।

नेहा झट से अंदर जाती है। उसे बाथरूम के दरवाजा पर राज नंगा नजर आता है। नेहा शर्म के मारे अपनी नजर नीचे कर लेती हैं।

राज. कौन था?
नेहा- वो... वो रिया थी।

राज- क्या हुआ उसको?

फिर नेहा पूरी कहानी बताती है उसको।

राज- ओहो... इसका मतलब चान्स अच्छा है। तू एक काम कर, उस रिया को रोक ले जाने से।

नेहा- लेकिन क्यों?

राज. तुझे याद है ना। तूने कहा था की तू जय की मदद करेगी रिया को पटाने में।

नेहा- प्लीज़... राज रिया बहुत अच्छी लड़की है। तुम उसकी जिंदगी ५ बर्बाद मत करो।

राज- ये अच्छी बचछी का पुराण बंद कर और जाकर जल्दी उसे रोक।

नेहा समझ नहीं पा रही थी की वो क्या करे? क्या वो अपनी बहन जैसी रिया को उस गंदे जय के हवाले कर दे। लेकिन नेहा पर राज का कंट्रोल काम कर जाता है। फिर भीड़ी देर बाद वो बाईरोब से एक नाइटी निकालकर जल्दी से बाहर चली जाती है।

राज इधर गम में सोचता है- "अब आएगा मजा इन दोनों बहुओ के साथ। हम दोनों ऐसे ऐसे मजे करेंगे की कोई सोच भी नहीं सकता.."
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इधर नेहा रिया के रूम में आ जाती है। रिया जाने के लिए तैयार हो रही थी।
रिया नेहा को यहाँ देखकर- "क्या हुआ दीदी, आप भी आ रहे हो क्या?"

नेहा- नहीं। वो मैं ये कहने आई थी की सब लोग उधर जा रहे हैं तो मैं अकेली रह जाऊँगी इधर।

रिया- इसीलिए कह रही हैं दीदी आप भी चलो हमारे साथ।

नेहा- वो... रिया क्यों ना तुम भी रुक जाओ इधर हो। मम्मीजी और पापाजी हो आएंगे उधर।

रिया- लेकिन दीदी वो दोनों अकेले?

नेहा- अरे तो तू सौरभ को काल कर देना... मैं विशाल को काल कर देती हैं। वो दोनों चले जाएंगे उनके साथ।

रिया- ठीक है दीदी में करती हूँ काल सौरभ को।

नेहा- ठीक है में विशाल को काल कर के आती है।

फिर नेहा वहीं से ब्याहर आ जाती है। नेहा विशाल को काल करके सब बताती हैं और वो और सौरभ उधर से घर के लिए निकल जाते हैं। नेहा बाहर हाल में आई हुई थी। तभी उसकी सास अपने रूम से तैयार होकर आती है।

नेहा उधर जाकर- "मम्मीजी सब ठीक हो जायगा। फिकर मत कीजिये.."

सावित्री वो सब तो ठीक है बहू, लोकल तुम नहीं आ रही हो क्या?

नेहा- नहीं मम्मीजी मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं है। मैंने विशाल को काल कर दिया है वो लोग आ रहे हैं।

सावित्री ठीक है बहू ।
थोड़ी देर में वो लोग आ जाते हैं। फिर वो लोग निकल पड़ते हैं उधर जाने के लिए। अब घर में नेहा और रिया ही बचे हुए थे, और नेहा को रूम में राज।

नेहा हाल में खड़ी थी कि उसे एकदम से याद आता है की उसके गम में तो राज है। नेहा जल्दी से जाने लगती है

रिया- दीदी क्या हुआ? कहाँ इतना जल्दी जा रही हो?

नेहा- वो कुछ नहीं बस वो थोड़ा गीजर ओन किया था। नहाने जा रही हैं।

रिया- ठीक है दीदी। रात भी बहुत हो गई है। मैं भी सो जाती हैं।

नेहा- "ठीक है." फिर नेहा उधर चली जाती है। रुम में जाकर वो देखती है की राज बेड पर पूरा नंगा लेटा हुआ है। नेहा उसे देखकर शर्मा जाती है।

राज- हाय आ गई त। आ जा जल्दी से।

नेहा धीरे-धीरे उधर जाने लगती है। नेहा एक नाइटी में और चलते हुए उसकी चूचियां हिल रही थी। जिसे राज बड़े ही कामुक नजर से देख रहा था। नेहा बेड के पास आ जाती है।

राज. क्या हुआ नीचे? उस रिया मेमसाहब को रोक लिया या नहीं?

नेहा- हाँ रोक लिया।

राज- और अब तुम दोनों ही हो ना घर में?

नेहा- हाँ ।

राज- क्या बात है मेरी जान... अब तने की जा मेरी गर्लफ्रेंड वाली बात।

नेहा के चेहरे पर स्माइल आ जाती है। राज फिर अपनी जेब से अपना छोटा सा मोबाइल निकालकर किसी को काल लगता है।

राज- "हाँ सुन बे तेरी रिया अकेली है अपने रूम में। और घर में कोई भी नहीं हैं। जल्दी से आ अंदर... राज ने जय को काल किया ।

नेहा- किसे काल किया था तुमने?

राज- मेरी जान, रिया के आशिक को।

नेहा- तुम दोनों सच में पागल हो।
राज. पागल तो मैं हैं ही, तेरे हान के प्यार में।
नेहा शर्मा जाती है। राज उसे अपने ऊपर खींच लेता है। इधर जय मुख्य दरवाजे से होते हए आराम से अंदर आ जाता है। जय चलते हुए जा रहा था रिया के रूम की तरफ।
इधर राज नेहा को अपने ऊपर खींच कर उसे अपनी बाहों में भरे हुए था।
नेहा- जानेमन अब तो तेरे घर में कोई नहीं है। बहुतू मज़े करेंगे।
नेहा- क्या कोई नहीं है। रिया हैं ना? और तुमने इतना कुछ किया आलरेडी। थकते नहीं क्या तुम?
राज. तेरे साथ अक गया तो क्या फायदा मेरी जान। तू चीज ही ऐसी है की मेरा मन तुझसे कभी नहीं भरता।
नेहा के चेहरे पर स्माइल आ जाती हैं। तभी रिया के कमरे से आवाज आती हैं।
रिया- "दीदी दीदी.."
राज इधर समझ जाता है की वहाँ जय आ चुका है।
नेहा- यह रिया को क्या हो गया? क्यों चिल्ला रही है? मैं देख कर आती हैं।

राज उसका हाथ पकड़कर वापस बिठा देता है, और कहता है- "मेरी जान फिकर मत कर। कुछ नहीं हुआ उसे। वो उसका आशिक आ गया लगता है.."
नेहा- लेकिन वो चिल्ला रही है। कहीं तुम्हारे उस दोस्त ने कुछ कर तो नहीं दिया?
राज- कुछ नहीं करेगा।
नेहा थोड़ा शांत हो जाती है।
इधर रिया के रूम में हश्य ही कुछ अलग था। रिया को दीवार से सटाया हुआ जय बिल्कुल उसके सामने खड़ा
था। रिया की दोनों नाजुक कलाई जय के काले हाथ पकड़े हुए थे। और रिया के चेहरे पर गुस्सा साफ नजर आ रहा था। रिया जो तैयार हुई थी जाने के लिए। अभी भी उन कपड़ों में भी। बी जीन्स और टाप में थी। टाप थोड़ा टाइट आ। इस तरह दीवार से सटे होने की वजह से रिया की धड़कनें तेज चल रही औं। जिसकी वजह से उसकी चूचियां उस टाइट टाप में ऊपर-नीचे हो रही थी। जय अपना बदसूरत चेहरा लिये हुए उसके सामने खड़ा आ, और रिया को देख रहा था। रिया लाख कोशिश कर रही थी उसकी पकड़ से छुटने की लेकिन नहीं हो पा रहा था उससे
जय- भूल गई क्या थप्पड़ जो तूने मुझे मारा था।
रिया- मैं चिल्लाऊँगी।
जय- चिल्ला चिल्ला। तेरे घर में कोई नहीं है मुझे पता है।
रिया- "दीदी दीदीड....
जय- तेरी दीदी नहीं आनेवाली।
रिया- क्यों?
जय अब रिया के गले को चूमने लगता है।
रिया- आहह... दूर रहो मुझसे ।
जय- "तुझसे दूर रहने के लिए यहीं नहीं आया हूँ मैं समझी..." ऐसा बोलकर जय अब रिया के गल्ले को चाटने लगता है।
रिया- "ओहह... दूर रहो मुझसे..." रिया को पहले भी जय ऐसा पकड़ चुका था लोकिन आज घर पर कोई नहीं आ। रिया को जय के मुँह से आती गंदी बदबू अलग से परेशान कर रही थी। कहती है- "छोड़ मुझे कमीने.."

जय उसको छोड़ कर- "ले छोड़ दिया। अब क्या?"
रिया जय को एक बार गुस्से से देखकर, उधर से जाने लगती है। वो थोड़ी दूर जाती है की जय उसे पीछे से पकड़ लेता है और उसकी चूचियां दबाने लगता है।
रिया- "अहह.. कमीने..." और रिया को अपनी गाण्ड की दरार में जय का बड़ा लण्ड महसूस हो रहा था। साइज महसूस करके ही रिया बहुत डर जाती है। रिया उसकी पकड़ से छूटने की कोशिश करती हैं। लेकिन जय की पकड़ बहुत मजबूत थी।
जय रिया के कान के पास आकर- "तो इस मखमली जिम के लिये बहुत तड़पा है में..."
रिया को ये सुनकर ही घिन आ रही थी। वो फिर से जय की पकड़ से छूटने की कोशिश करती है, लेकिन नहीं हो पाता। उल्टा जय के लण्ड का दबाब उसकी गाण्ड पर और ज्यादा हो रहा था। अब तो जय रिया की गाण्ड पर दबाव डाल रहा था अपने लण्ड से। जो रिया के लिए कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था।
इधर राज और नेहा इस रूम में मस्ती कर रहे थे। राज की बाहों में नेहा थी।
राज- मेरी जान, चल ना देखते हैं वो दोनों क्या कर रहे हैं?
नेहा- देखो राज मैं अभी भी बोल रही है प्लीज... रिया के साथ ऐसा ना होने दो। वो अच्छी लड़की है।
राज- तू फिर से शुरू हो गई। मैंने कहा ना कुछ नहीं होता। चल देखते हैं क्या हो रहा है वहीं।
नेहा- नहीं नहीं मुझे नहीं देखना।
राज- चल ना मेरे लिए।
नेहा- "मुझे नहीं देखना राज प्लीज़."
राज- तू ऐसे नहीं मानेगी ना?" और राज नेहा की तरफ कामुकता से देखने लगता हैं।
नेहा जानती थी राज क्या कर सकता है। कहा- "नहीं नहीं चल रही हूँ.."
राज- "ये हुई ना बात.." फिर राज आगे चलने लगता है।
नेहा उधर जाने के लिए झिझक रही थी।
राज- चल जल्दी।

नेहा भी चलने लगती हैं। वो रिया के रूम के बाहर तक पहुँच जाते हैं। रूम के अंदर से आवाज आती है।
"कमीनी... छोड़ मझे." ऐसी सब आवाजें आ रही थी।

नेहा धीरे से- "देखो राज ये गलत कर रहा है वो रिया के साथ। प्लीज़... रोको उसे...

राज- कुछ नहीं कर रहा है मेरी जान। बस उसे प्यार कर रहा है।

नेहा- ये कैसा प्यार हैं जबरदस्ती से?

राज. पहले ऐसे ही होता है। बाद में वो भी लाइन पर आ जाएगी।

नेहा चुप हो जाती है। दरवाजा थोड़ा सा खुला था, जिससे यह दोनों अंदर देख रहे थे। अंदर जय रिया को पीछे से पए था, और उसकी चूचियां दबा रहा था। अब तक रिया की सिसकारियां निकलने लगी थी।

बाहर का भी दृश्य कुछ कम हाट नहीं था। नेहा आगे खड़ी थी और उसके पीछे राज। नेहा बड़े ही उत्तेजना के साथ अंदर देख रही थी, और राज भी उसके पीछे खड़ा अंदर देख रहा था।

अंदर जय अब रिया को गरम होता देखकर, अपना एक हाथ रिया की कमर से होते हुए उसकी साड़ी के ऊपर से उसकी चूत पर ले जाता है। इस तरह हाथ लगने से रिया एक बार के लिए उछल पड़ती है। लेकिन उसके चेहरे के भाब चेंज हो रहे थे। जय अब रिया की चूत को साड़ी के ऊपर से ही मसलने लगता है।

बाहर ये सब देखकर राज का लण्ड खड़ा हो जाता है। राज नेहा के कान के पास जाकर जो बड़े गौर से अंदर का दृश्य देख रही थी, कहता है- "देख मेरी जान कैसे दोनों मजे कर रहे हैं?
नेहा कुछ नहीं बोलती

राज अब उससे चिपक के खड़ा हो जाता है। जिसे महसूस करके नेहा एक बार पीछे देखती है। फिर आगे देखने लगती है।

जय अब अंदर रिया की चूत सहलाना बंद कर चुका था। इसी बीच रिया झड़ चुकी थी। जय अब रिया को बेड पर धकेल देता है। रिया बेड पर गिर जाती हैं। अब जय अपनी शर्ट निकालने लगता है।

रिया- प्लीज्ज... ऐसा मत करो मेरे साथ। छोड दो ।

जय कुछ नहीं बोलता। बस अपनी शर्ट निकाल देता है। एकदम काला सा दिखने वाला शरीर उसका पहली बार रिया के सामने था।

बाहर नेहा की नजर भी पहली बार उसके पति और राज के अलावा किसी गैर आदमी के नंगे शरीर पर पड़ी।

राज उसके पीछे चिपका हुआ बड़े कामुक तरीके से नेहा की गाण्ड से चिपका हुआ था। जो नेहा को उधर गरम कर रहा था। लेकिन नेहा चुपचाप खड़ी देख रही थी अंदर।

रिया अपना मुँह फेर लेती है जय को कपड़े निकालता देखकर, और कहती है- "क्यों मेरी जिंदगी खराब कर रहे हो' प्लीज.. छोड़ दो मुझे.."

जय कुछ सोचकर- "अच्छा ठीक है छोड़ देता हूँ लेकिन एक शर्त पर।

रिया जय की तरफ हैरत से देखते हुए- "कसी शर्त?"

जय अपना लौड़ा मसलते हुए- "एक बार मेरा लण्ड चूस दे। फिर मैं तुझे छोड़ दूंगा.."

रिया- क्या? गंदे कहीं के। में नहीं करने वाली ये सब।

जय- तो फिर तैयार हो जा। आज परी रात तेरे साथ मजे करना है मुझे।

रिया इस बात से दूर जाती हैं- "नहीं नहीं प्लीज... मत करो ये सब..."

जय- देख तुझे कुछ तो करना पड़ेगा। या तो लण्ड चूस या फिर चुदाई के लिए तैयार हो जा।

बाहर खड़ी नेहा जय की बातें सुन रही थी। उसका बुरा हाल हो रहा था रिया की ये हालत देखकर। लेकिन पता नहीं वो फिर भी बड़ा इंटरेस्ट लेकर अंदर का शो देख रही थी।
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्‍वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
Masoom
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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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