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Adultery बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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Masoom
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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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रिया मन में- "ये में कहीं फंस गई। इस कमीने बढ़े को तो में पोलिस के हवाले कर देंगी। अब में क्या करेंग?"

जय- बोल बोल क्या करना चाहती है?

रिया नजर झका लेती है।

जय जानता था की रिया लण्ड चसने के लिए तैयार है। अब जय अपने पैंट की जिप खोलने लगता है।

इधर तभी ऐसा करते हुए देखकर नेहा पीछे हट जाती है।

राज जो उसके पीछे खड़ा था वो भी पीछे हट जाता है, खर कहता है- "क्या हुआ तुझे?"

नेहा- मुझे नहीं देखना आगे।

तभी राज अंदर देखता है। अंदर का हश्य देखकर राज भी समझ जाता है की नेहा क्यों पीछे हटी।

राज- "ओहो तो यह बात है। ठीक है चल तेरे रूम में चलते हैं...

नेहा कुछ नहीं बोलती। बस चलने लगती है अपने रुम को और। राज भी खुश होकर उसके पीछे पीछे जाने लगता है।

इधर जय जिप खोलकर अपनी अंडरवेर में से अपना काला लण्ड बाहर निकाल लेता है।

रिया उस काले बदसूरत लण्ड पर नजर पड़ते ही अपना मुँह फेर लेती हैं।

जय अपना लण्ड पकड़कर धीरे से ऊपर-नीचे करने लगता है, और कहता है- "चल अब इधर देख.."

रिया को घिन आ रही थी एक गंदे बटे के सामने लाचार होकर। वो कुछ करने की हालत में भी नहीं थी। घर में कोई था भी नहीं। जय अब रिया के मुँह के नजदीक अपना लण्ड ले जाता है। रिया अपना मुंह दूसरी तरफ किर हुई थी। पेशाब की बदबू से ही उसे उल्टी सी आने लगती है।

जय- इधर देख जल्दी।

रिया अब धीरे से अपना मुँह उधर करती है। लण्ड देखते ही फिर से वो अपना मुँह फेर लेती हैं। इतना गंदा लण्ड था जो रिया ने अपने भयानक सपने में भी नहीं देखा था। ये बात जय भी जानता था की रिया जैसी बड़े घर की इतनी खूबसूरत बह ने इतना गंदा लण्ड कभी नहीं देखा होगा।
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जय अब रिया के होंठों के करीब अपना लौड़ा ले जाता है। उसके गुलाबी होंठों के बिल्कुल पास जय का काला मोटा लण्ड था। जय बोला- "चल मँह खोल अपना..."

रिया बिलकुल नहीं चाहती थी की इतना गंदा लण्ड वो अपने मुँह में ले। वो भी एक काले बटे का। सोचकर ही रिया को घिन आ रही थी। रिया बेमन से अपना मुँह खोलती हैं। जय के चेहरे पर एक कमीनी स्माइल आ जाती हैं। जय धीरे से अपना काला लौड़ा रिया के गुलाबी होंठों से लगा देता हैं।

रिया के चेहरे पर लण्ड अपने होंठों से टच होते ही एक अजीब सा अनुभूति आ जाती है, जैसे वो उल्टी करना चाहती हो। लेकिन वो खुद को संभाल लेती हैं।

जय अब अपना लण्ड धीरे-धीरे रिया के मुंह में डालने लगता है। रिया को बहुत बदल आ रही थी उस गंदे लण्ड से। लेकिन वो बस बुत बनी बैठी थी। जिससे जय को आसानी हो रही थी। रिया को जय की झांटों से भी परेशानी हो रही थी। उन घनी झांटों से पसीने की बदब अलग आ रही थी। जय का काला मोटा लण्ड बहुत मुश्किल से रिया के मुँह में जा रहा था।

जय- अहह... क्या मजा है इसमें।

जय को रिया के मुँह की गर्मी अपने लण्ड पर पागल बना रही थी। एक बड़े घर की खूबसूरत बह के मुँह में अपना काला लौड़ा डाले हुए रहना उसको उत्सुकता से पेल रहा था।

जय- “आहह..." और जय आधा लण्ड अंदर डालने के बाद धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगता है।

रिया अपना मुह जितना हो सके उतना खुला रखने की कोशिश कर रही थी। जय अपना पूरा लण्ड नहीं घुसा पर रहा था अंदर। था ही उतना बड़ा उसका लण्ड। वैसे करते हुए उसके बाल्स जो एकदम गंदे काले लग रहे थे। हर धक्के के साथ हिल रहे थे। रिया के बाल बार-बार उसके चेहरा पर आ रहे थे।

जय अब रिया के बाल अपने एक हाथ से अपनी मुट्ठी में पकड़ता है। और अपने लण्ड पर रिया का चेहरा आगे-पीछे करने लगता है। जय मजे में डूबा हुआ था। जय के खड़े होने की वजह से उसको रिया के ब्लाउज़ से उसकी क्लीवेज साफ दिख रही थी। जो जय को और पागल बना रही थी। ऊपर से रिया के गले में लटकता हुआ उसके पति के नाम का मंगलसूत्र। रिया के मुँह से गप्न-गप्प की आवाजें आने लगती है। रिया की भूक से जय का लौड़ा गोला हो गया था। रिया को अपने मुँह में अजीब सा नमकीन टेस्ट आ रहा था।

रिया ने कभी नहीं सोचा था की वो कभी अपने पति के अलावा किसी गैर मर्द का वो भी एक गंदा काला बुड्ढ़ा का लण्ड चूसेगी। थोड़ी देर बाद जय से रहा नहीं जाता और वो रिया के सिर को पीछे से पकड़कर अपने लण्ड पर दबाता है। इस बार काफी लण्ड उसके मुँह में अंदर चला जाता है।

रिया को बहुत तकलीफ हो रही थी। रिया खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी। लोकल जय ने बहुत मजबूती से पकड़ रखा था उसके सिर को। जय का लण्ड रिया के गले तक गया हुआ था। अभी भी थोड़ा लण्ड बाहर था। जय की झांटें रिया के मुंह के करीब थी। कुछ एक मिनट ऐसे करते हुए हो गया था। रिया की साँसें अटकी हुई थी। वो जैसे अब किसी भी वक्त बेहोश हो जायेगी। उसकी आँखें बंद होने लगती हैं।

तभी जय अपना लण्ड बाहर निकाल लेता है। जैसे ही लण्ड बाहर निकलता है रिया झक कर खांसने लगती हैं। वो बुरी तरह से सांस ले रही थी। अपनी सौंसों पर काबू पानी की कोशिश कर रही थी। वहीं जय के काले लौड़े पर रिया की थूक लगी हुई थी। रिया खोंसते हुए बहुत सेक्सी लग रही थी। बाल उसके चेहरे पर आए हुए थे। उसके गुलाबी होठों पर उसकी भूक लगी हुई थी। जय भी ये सब देखकर बहुत खुश हो रहा था।

रिया थोड़ी देर बाद नार्मल हो जाती है। अब रिया उठकर वाशरूम की तरफ जाने लगती है। तभी जय उसका गोरा कोमल हाथ पकड़ता है। जिसे देखकर प्रिया उसकी तरफ गुस्से से देखती है।
कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्‍वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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रिया- छोहो मेरा हाथ।

जय- क्यों?

रिया- तुमको जो चाहिए था वो मिल गया ला। इसलिए छोड़ो मुझे।

जय- तुझे इस हालत में देखकर में और बहक रहा हैं।

रिया इस बात पर डर जाती है, और कहती है- "देखो तुमने सिर्फ इतने की ही बात की थी...

जय- वादा तो नहीं किया था ना?

रिया अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करती है- "छोड़ो मुझे."

जय- तुझ छोड़ने के लिए नहीं चोदने के लिए पकड़ा है।

रिया फिर से उसकी पकड़ से छूटने की कोशिश करती है। लेकिन जय उसे जाने नहीं देता। बल्कि इस बार जय उसे जोर से अपनी ओर खींचता है। जिससे वो जय की ओर खिंची चली जाती है। रिया सीधा जय की बाहों में चिपक जाती है। जिस फोर्स से जय ने उसे खींचा था की रिया की चूचियां जय की छाती से दबी हुई थीं। जय रिया को पीछे से अपनी तरफ और दबाकर जोर से अपने गले लगाता हैं। जिसमें रिया की चूचियां जय की छाती से दब जाती हैं।

थोड़ी देर बाद जय रिया की गाण्ड फर अपने हाथ रखता है और मसलता है। जिसमें रिया को अजीब सी फीलिंग आती है। अब तक जय की जबरदस्ती से उसे बहुत घिन आ रही थी। लेकिन मैं जय का उसकी गाण्ड दबाना उसे एराटिक फीलिंग दे रहा था। लेकिन फिर भी वो खुद को जय से हारना नहीं चाहती थी, और लगातार विरोध कर रही थी। लेकिन इस बार जय की हरकत ने उसे अंदर से हिला दिया था। जय का अकड़ा हुआ लण्ड उसको अपनी चूत पर चुभ रहा था साड़ी के ऊपर से। दोहरा अटक हो रहा था उसपर जय दवारा।

जय मन में- "ये साली अब थोड़ा शांत लग रही हैं। यही सही मौका है इसकी और गर्म करने का...'

जय अब आगे से झटके मारने लगता है। जैसे वो रिया को चोद रहा हो। इस तरह हरकत रिया उम्मीद नहीं कर रही थी। लेकिन ऐसा करने से उसके शरीर में एक बिजली से दौड़ जाती है। उसका बदन अकड़ने लगता है। इसी बात का फायदा उठाते हुए जय रिया के ब्लाउज़ की डोरी खोल देता है। जिससे रिया की पीठ नंगी हो जाती है। जय रिया की गोरी नंगी पीठ पर अपने काले हाथ फेरते हर कहता है।

जय- तेरा जिश्म क्या मस्त है? क्या गारा और कोमल बदल है तेरा.. तेरे सामने अच्छी से अच्छी हेरोइन भी फेल हो जाये। तेरे इस मखमली जिम के साथ में बड़े अच्छी तरह से खेलेंगा..

जय अब रिया की पीठ पर हाथ फेरते हुए उसके ब्लाउज़ को आगे से निकाल देता है। रिया एक अजीब दुनियां में खोई हुई थी। उसका विरोध काफी हद तक कम हो गया था। रिया अब ऊपर से ब्रा में थी। आँखें बंद, गोरी आधी नंगी पीठ। ये सब चीजें जय को बम और पागल बना रही थी। अब जय आगे से रिया के पेटीकोट का नाड़ा खोलने लगता है।

रिया उसे रोकती है- "प्लीज़... मत करो.."

जय उसकी बात को अनसुना करते हुए नाड़ा खोल देता है। रिया का पेटीकोट सरकते हुए नीचे उसके पैरों में गिर जाता है। अब रिया सिर्फ ब्रा और पेटी में खड़ी थी। रिया खुद को छुपाने लगती है। तभी जय उसे फिर से अपनी बाहों में भर लेता है। लेकिन इस बार उसे वो उठाकर बेड की तरफ जाने लगता है। बेड के पास पहुँचकर वो रिया को बेड पर लिटा देता है, और खुद साइड में खड़े होकर अपने कपड़े एक-एक करके उतार देता हैं। अब वो सिर्फ अपनी बड़ी सी अंडरवेर में था। जिसमें एक बड़ा सा तंबू बना हुआ था। जो साफ-साफ बता रहा था के उसका बड़ा काला लौड़ा अंदर से परा तैयार हैं रिया की हालत बुरी करने के लिए।


जय अब बेड पर चढ़ता है, और रिया के ऊपर आ जाता है। वो रिया के चेहरे की तरफ जाने लगता है। जय का बदसूरत चेहरा अपने खूबसूरत चेहरे की तरफ आता देखकर रिया अपना मुँह दूसरी तरफ कर लेती है। लेकिन उससे जय को कुछ फर्क नहीं पड़ता। वो रिया के गले पर अपना मुह रखकर चूमने लगता है वहाँ।

रिया- "उम्म्म्म ... आहह.."

रिया की धड़कनें तेज चल रही थी जिसकी वजह से उसकी ब्रा में केंद्र चूचियां ऊपर-नीचे हो रही औं। जय रिया के गले की हर तरह से चल रहा था। वो तो ऐसे चम रहा था जैसे उसे कोई चीज बरसों बाद मिली हो। बस टूट पड़ा आ वो रिया के ऊपर। थोड़ी देर बाद वो थोड़ा नीचे आता है और रिया को ब्रा के ऊपर से ही उसकी क्लीवेज को चूमता है।

रिया- "अहह..."
जय फिर थोड़ा और नीचे आकर, ब्रा के ऊपर से उसकी दोनों चूचियों को चूमता है।

रिया- "अहह... अहह.. और रिया का विरोध अब सिसकारियों में चेंज हो रहा था।

जय थोड़ा और नीचे आकर रिया की गोरी नाभि को एक बार चूमता हैं। थोड़ी देर रिया के गोरे गेट को देखने के बाद जय अपनी ज़बान बाहर निकालकर उसके पेट को चाटने लगता है। रिया के लिए ये बिल्कुल नया अनुभव था। उसे नहीं पता था की सेक्स में ये सब कुछ भी होता है। जो भी था लेकिन जय की हरकतें अब उसे गरम कर रही थी। उसे ये डर था कि कहीं वो भड़क ना जाए।

जय के ऐसा करने से रिया का पेट थर थर कांप रहा था, और उसकी चूचियां तेज धड़कनों की वजह से ऊपर-नीचे हो रही औं। काफी हाट दृश्य बन गया था वहाँ। इस घर की छोटी बहू, बेहद खूबसूरत और जवान, एक काले बदसूरत बुड्ढे की हरकतों से गरम हो रही थी।


रिया- हाय उम्म्म्म
... अहम्म ..."
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जय थोड़ी देर बाद थोड़ा नीचे आता है। रिया की गोरी जांघों को वो एक बार चूमता है।

- "अहह.. अहह.." फिर जय अपनी कमीनी नजर रिया की पैंटी पर डालता है। उसे ये जरूर पता था की अब तक तो रिया की चूत रस छोड़ रही होगी। और हुआ भी वैसा ही। जय की हरकतों ने रिया को एक बार आलरेडी झड़ने पर मजबूर कर दिया था।

जय अपनी नाक रिया की पैंटी के ऊपर लगाकर वहीं संघने लगता है। रिया अपनी आँख खोलकर एक बार अपनी पैंटी की तरफ देखती है, और जय को अपनी पैटी सूँघता देखकर उसकी आँखें फिर से बंद हो जाती हैं। थोड़ी देर वैसे करने के बाद अब वो थोड़ा नीचे जाने लगता है। उसके पैरों को चूमते हुएवो रिया की उंगलियां भी अपने मुँह में लेकर चूमता है। जो रिया को एक मस्त सी फीलिंग दे रहा था।

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जय अब वापस रिया को पटा के पास जाता है और इस बार पैंटी पर हाथ रखता है। जय का हाथ पड़ते हो रिया की जैसी जान ही निकल जाती है। जैसे वो तड़प रही हो किसी के टच के लिए। अब जय रिया की पैंटी थोड़ा साइड में कर देता हैं। जिससे रिया की आधी नंगी गुलाबी चूत उसके सामने आ जाती हैं।
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जय साफ देख पा रहा था की रिया आलरेडी झड़ चुकी है। क्योंकी उसकी चूत से रस अभी भी बह रहा था। चूत देखकर जय एक बार रिया के खूबसूरत चेहरे की तरफ देखता है। मासूम सा चेहरा, आँखें बंद थी। जैसे किसी आनंद के सागर में गोते लगा रही हों। अब जय एक उंगली धीरे से रिया की चूत पर फेरता है।

रिया- "अहह.." और रिया की आइ5 बड़े ही कामुक अंदाज में निकली भी।

जय की काली उंगली रिया को गुलाबी मासूम चूत को टटोल रही थी। जय ये भी महसूस कर रहा था की रिया की चूत गर्म भी है। जय जानता था की अब ज्यादा वक्त नहीं लगेगा रिया को चोदने में। जय अब धीरे से रिया की पैंटी नीचे करने लगता है। रिया पता नहीं किस खयालों में और विरोध का नाम-ओ-जिशान नहीं था उसकी तरफ से। जय गिया की पैंटी निकालकर फेंक देता है। और एक बार उसकी गुलाबी चूत की तरफ देखता है, जो तड़प रही थी किसी लण्ड के लिए।

रिया को गुलाबी चूत यूँ देखकर जय का लौड़ा हिचकोले खाने लगता है। वो एक बार अपना लण्ड दबाता है चूत के ऊपर से। फिर वो रिया को चूत के करीब जाते हुए अचानक चूत पर अपना मुँह रख देता है।

रिया- "उम्म्म्म
.. अहह..."

जय के मुँह की ठंडक से जैसे रिया को अपनी चूत की गर्मी को राहत मिली हो। रिया का पति भी कभी फोर प्ले नहीं करता था। जय रिया की चूत पर अपनी जबान फेरने लगता है।

रिया- "अहह.. दूर रहो अहह.." और रिया अपनी पूरी कोशिश कर रही थी की ये सब आगे ना बढ़े लेकिन उसका शरीर उसका बिल्कुल साथ नहीं दे रहा था।

जय की जीभ उसकी चूत पर किसी फायर ब्रिगेड का काम कर रही थी। जो उसकी आग बुझाने आई हो। जय अब रिया की मासूम गुलाबी चूत चाटने लगता है। रिया को इसपर अजीब सा मजा भी आने लगा था।

रिया- "उम्म... अहह... आहह.. उसम्म आहह..' करती है। बिना बालों वाली रिया की चूत एकदम किसी छोटी बच्ची की की तरह लग रही थी।

जय ये भी जानता था की उसका बड़ा लौड़ा इस मासूम चूत में डालना आसान नहीं होगा। रिया का रोना लाजमी था आज। जय अब चूत चाटते हुए अपने हाथ थोड़ा ऊपर ले जाता हैं चूचियां दबाने, तो वो क्या देखता है की रिया के खुद के हाथ उसकी चूचियां हल्के-हल्के दबा रहे थे। उसके गुलाबी होंठ एकदूसरे को किस रहे थे, और उसकी आँखें बंद, सब मंजर बयान कर रही थी। जिसे देखकर जय समझ जाता है की रिया गरम हो चुकी है। अब उसे आसानी होगी रिया को चोदने में।

जय अब रिया की क्लिट पा चाटने लगता है। जिससे रिया को बहुत मजा आ रहा था। लेकिन वो बयान करने से दूर रही थी। वो नहीं बताना चाहती थी जय को की उसे मजा आ रहा है इन सब में। जय क्लिट पर चाट हो रहा था की उसे अपने सिर पर रिया के हाथ महसूस होते हैं। जय खुश हो जाता है। उसे भी पता था की अब रिया मना नहीं करेगी।


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जय मन में- "साली गरम हो चुकी है। यही सही मौका है इस हसीना को अपनी बनाने का..."

जय अब उसकी चूत से अपना मुँह हटाता है। जिसे महसूस करके रिया अपनी आँखें खोलकर जय को देखने लगती है। जय के बदसूरत चेहरे पर एक कमीजी मुश्कान भी। रिया शामिंदा भी खुद से की कैसे उसने एक गंदे बूढ़े की हरकतों को एंजाय किया।

जय अब अपना अंडरवेर भी उतार देता है और फिर एक बार अपना लौड़ा दबाकर रिया की गोरी टाँगों के बीच आ जाता है। रिया उसे रोकने लगती है। अपने हाथ से उसको दूर करने की वो नाकाम कोशिश कर रही थी। जय अब रिया की जांघं मजबूती से पकड़कर अलग करता है। और अपना लौड़ा पहली बार रिया की चूत पर लगाता है।

रिया- "अहह.." और रिया की चूत गीली होने के साथ आग की तरह तप रही थी।

जय को भी बहुत मज़ा आता है रिया की चूत की गर्मी अपने लौड़े पर महसूस कर के। अब जय एक बार रिया के चेहरे की तरफ देखता है।

रिया- "अम्म्म
..."
जय अब लण्ड से थोड़ा दबाव डालता है रिया की चूत पर।

रिया- "अहह... प्लीज़... मत करो ऐसे..."

जय देखने में भी भयानक लग रहा था, और ऐसा लण्ड रिया की मासूम सी चूत में जाएगा ये सोचकर ही र लग रहा था रिया को।

रिया- "नहीं प्लीज़... मत करो..."

तभी जय एक धक्का लगाता है।

रिया- "अहह... और उसके लण्ड की टोपी अंदर चली जाती है। रिया बेडशीट कसकर पकड़ लेती हैं- "अहह ...

जय मन में. “साली की चूत बहुत ही ज्यादा टाइट है। क्या चौदा होगा इसको इसके पति ने..." जय अब एक और धक्का लगाता है।

रिया- "अह्ह... मर गई... बाहर निकालो अहह.."

जय का लण्ड थोड़ा अंदर चला जाता है। रिया छटपटा रहीं भी दर्द के मारे। जय का लण्ड तो जैसे रिया की गुलाबी चूत को स्ट्रेच कर रहा था। रिया को बहुत दर्द हो रहा था। जय उसके ऊपर कोई रहम नहीं खा रहा था। अब जय एक जोरदार धक्का लगाता है। इस बार उसका लौड़ा आधे से ज्यादा अंदर चला जाता है।

लेकिन रिया की चीख तो जैसे आसमन में चोंद तारों तक सुनाई दी. "अहह... मम्मी मर गईई.."
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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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लेकिन रिया की चीख तो जैसे आसमन में चोंद तारों तक सुनाई दी. "अहह... मम्मी मर गईई.."

रिया की आँखों से आँसे निकलने लगते हैं। वो बेडशीट कसकर पकड़ी हुई थी। जय इस बार थोड़ा रुक जाता है। उसकी भी अहसास हो रहा था की उसके लण्ड ने काफी हद तक रिया की चूत को स्ट्रेच कर दिया है।

इधर नेहा के रूम में नेहा रिया की चीख सुनकर डर जाती है, और राज से कहती है- "राज ये क्या कर रहा है वो रिया के साथ? देखो वो कैसे चिल्ला रही है?"

राज- "मेरी जान। ऐसे होता है पहली बार। मतलब उसका लण्ड बड़ा है तो तकलीफ तो होगी ही ना। तुझे नहीं हुई थी क्या?"

नेहा- लेकिन राज, वो बेचारी बहुत अच्छी है।

राज उसको अपनी तरफ खींचकर उसको अपनी बाहों में लेते हुए "सिर्फ इस रात की ही बात है। फिर वो भी तेरे जैसी हो जायेगी."

नेहा- मेरी जैसी मतलब?

राज- जो हमेशा चुदने के लिए तैयार रहती है।

नेहा शर्म के मारे- "छी... गंदे कहीं के... जाओ मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी.."

राज- हाय मेरी जान... नाराज़ हो गई मुझसे।

इधर रिया के रूम में। रिया थोड़ी देर बाद नार्मल लग रही थी। जय उसके ऊपर झुक कर उसके गले को चूमने लगता हैं, और नीचे में धीरे-धीरे धक्के लगाने लगता है।


रिया- “आहह... अहह....

उसका थोड़ा लण्ड अभी भी बाहर रह रहा था। रिया के ऊपर झुका हुआ वो धक्के लगाने लगा था।

रिया- "अहह... आहह.."

रिया के दर्द की सीमा नहीं थी। इतना बड़ा लण्ड अपनी चूत में लेना कोई आसान बात नहीं भी। रिया के लिए ये रात किसी खराब सपने से कम नहीं थी। लेकिन उसे क्या पता की जिसको वो दीदी दीदी बोलती है, वहीं उसके इस दर्द की काफी हद तक बजह है। जय अब थोड़ा जोर से धक्के लगाने लगता है।

रिया- "अहह... अहह.."

जय का पूरा नंगा काला शरीर रिया के कोमल गोरे जिस्म पर पड़ा हुआ था।

रिया- "अहह... अहह..

जय दस मिनट इसी तरह चुदाई करने के बाद रूक जाता है। वो रिया के ऊपर से उठकर उसको पलटा देता है झट से। और डागी स्टाइल में लाकर खुद उसके पीछे आ जाता है, और रिया की गाण्ड पकड़कर उसे अपने लण्ड की तरफ खींचता है।

रिया- "अह.."
रिया की चूचियां लटकी ही औं। आगे से काफी सेक्सी दृश्य लग रहा था। एक खूबसूरत जवान औरत को एक काला बढ़ा बदसूरत चोद रहा था।
रिया- "अहह.."
रिया की गुलाबी चूत में अंदर-बाहर होता हुआ जय का काला लौड़ा। धक्के लगाते हुए वो रिया की हिलती हुई चूचियां। कभी इसी रिया ने जय को एक थप्पड़ मारा था। आज वही जय उसे मस्त चोद रहा था।

रिया- "हाय आहह ... आहह... आह्ह..' और धक्के लगते हुए रिया की चौखें हल्की-हल्की निकल रही थी।

जय रिया की कमर को पकड़े हुए था। वैसे भी रिया में अब जान बची जहाँ थी कि वो विरोध कर सके। रिया ने उम्मीद छोड़ दी थी की जय उसे छोड़ेगा। जय ऐसे ही रिया को 20 मिनट और चोदता है फिर वो रुक कर अपना काला लण्ड उसकी चूत में से बाहर निकालता है।

रिया थकी हुई उसी पोजीशन में वहीं पड़ी रहती है। जय की चुदाई ने उसे थका दिया था। लेकिन जय इतने जल्दी अकने वाला नहीं था। वो अब रिया को कमर से पकड़कर लेटे हुए ही खुद भी लेटकर उसकी चूत पर अपना लौड़ा सेट करता है, और फिर रिया की जाँघ पकड़कर एक धक्का लगाता है।

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कैसे कैसे परिवार Running......बदनसीब रण्डी Running......बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत Running...... मेरी भाभी माँ Running......घरेलू चुते और मोटे लंड Running......बारूद का ढेर ......Najayaz complete......Shikari Ki Bimari complete......दो कतरे आंसू complete......अभिशाप (लांछन )......क्रेजी ज़िंदगी(थ्रिलर)......गंदी गंदी कहानियाँ......हादसे की एक रात(थ्रिलर)......कौन जीता कौन हारा(थ्रिलर)......सीक्रेट एजेंट (थ्रिलर).....वारिस (थ्रिलर).....कत्ल की पहेली (थ्रिलर).....अलफांसे की शादी (थ्रिलर)........विश्‍वासघात (थ्रिलर)...... मेरे हाथ मेरे हथियार (थ्रिलर)......नाइट क्लब (थ्रिलर)......एक खून और (थ्रिलर)......नज़मा का कामुक सफर......यादगार यात्रा बहन के साथ......नक़ली नाक (थ्रिलर) ......जहन्नुम की अप्सरा (थ्रिलर) ......फरीदी और लियोनार्ड (थ्रिलर) ......औरत फ़रोश का हत्यारा (थ्रिलर) ......दिलेर मुजरिम (थ्रिलर) ......विक्षिप्त हत्यारा (थ्रिलर) ......माँ का मायका ......नसीब मेरा दुश्मन (थ्रिलर)......विधवा का पति (थ्रिलर) ..........नीला स्कार्फ़ (रोमांस)
Masoom
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Re: बड़े घरों की बहू बेटियों की करतूत

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