रिया मन में- "ये में कहीं फंस गई। इस कमीने बढ़े को तो में पोलिस के हवाले कर देंगी। अब में क्या करेंग?"
जय- बोल बोल क्या करना चाहती है?
रिया नजर झका लेती है।
जय जानता था की रिया लण्ड चसने के लिए तैयार है। अब जय अपने पैंट की जिप खोलने लगता है।
इधर तभी ऐसा करते हुए देखकर नेहा पीछे हट जाती है।
राज जो उसके पीछे खड़ा था वो भी पीछे हट जाता है, खर कहता है- "क्या हुआ तुझे?"
नेहा- मुझे नहीं देखना आगे।
तभी राज अंदर देखता है। अंदर का हश्य देखकर राज भी समझ जाता है की नेहा क्यों पीछे हटी।
राज- "ओहो तो यह बात है। ठीक है चल तेरे रूम में चलते हैं...
नेहा कुछ नहीं बोलती। बस चलने लगती है अपने रुम को और। राज भी खुश होकर उसके पीछे पीछे जाने लगता है।
इधर जय जिप खोलकर अपनी अंडरवेर में से अपना काला लण्ड बाहर निकाल लेता है।
रिया उस काले बदसूरत लण्ड पर नजर पड़ते ही अपना मुँह फेर लेती हैं।
जय अपना लण्ड पकड़कर धीरे से ऊपर-नीचे करने लगता है, और कहता है- "चल अब इधर देख.."
रिया को घिन आ रही थी एक गंदे बटे के सामने लाचार होकर। वो कुछ करने की हालत में भी नहीं थी। घर में कोई था भी नहीं। जय अब रिया के मुँह के नजदीक अपना लण्ड ले जाता है। रिया अपना मुंह दूसरी तरफ किर हुई थी। पेशाब की बदबू से ही उसे उल्टी सी आने लगती है।
जय- इधर देख जल्दी।
रिया अब धीरे से अपना मुँह उधर करती है। लण्ड देखते ही फिर से वो अपना मुँह फेर लेती हैं। इतना गंदा लण्ड था जो रिया ने अपने भयानक सपने में भी नहीं देखा था। ये बात जय भी जानता था की रिया जैसी बड़े घर की इतनी खूबसूरत बह ने इतना गंदा लण्ड कभी नहीं देखा होगा।
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जय अब रिया के होंठों के करीब अपना लौड़ा ले जाता है। उसके गुलाबी होंठों के बिल्कुल पास जय का काला मोटा लण्ड था। जय बोला- "चल मँह खोल अपना..."
रिया बिलकुल नहीं चाहती थी की इतना गंदा लण्ड वो अपने मुँह में ले। वो भी एक काले बटे का। सोचकर ही रिया को घिन आ रही थी। रिया बेमन से अपना मुँह खोलती हैं। जय के चेहरे पर एक कमीनी स्माइल आ जाती हैं। जय धीरे से अपना काला लौड़ा रिया के गुलाबी होंठों से लगा देता हैं।
रिया के चेहरे पर लण्ड अपने होंठों से टच होते ही एक अजीब सा अनुभूति आ जाती है, जैसे वो उल्टी करना चाहती हो। लेकिन वो खुद को संभाल लेती हैं।
जय अब अपना लण्ड धीरे-धीरे रिया के मुंह में डालने लगता है। रिया को बहुत बदल आ रही थी उस गंदे लण्ड से। लेकिन वो बस बुत बनी बैठी थी। जिससे जय को आसानी हो रही थी। रिया को जय की झांटों से भी परेशानी हो रही थी। उन घनी झांटों से पसीने की बदब अलग आ रही थी। जय का काला मोटा लण्ड बहुत मुश्किल से रिया के मुँह में जा रहा था।
जय- अहह... क्या मजा है इसमें।
जय को रिया के मुँह की गर्मी अपने लण्ड पर पागल बना रही थी। एक बड़े घर की खूबसूरत बह के मुँह में अपना काला लौड़ा डाले हुए रहना उसको उत्सुकता से पेल रहा था।
जय- “आहह..." और जय आधा लण्ड अंदर डालने के बाद धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगता है।
रिया अपना मुह जितना हो सके उतना खुला रखने की कोशिश कर रही थी। जय अपना पूरा लण्ड नहीं घुसा पर रहा था अंदर। था ही उतना बड़ा उसका लण्ड। वैसे करते हुए उसके बाल्स जो एकदम गंदे काले लग रहे थे। हर धक्के के साथ हिल रहे थे। रिया के बाल बार-बार उसके चेहरा पर आ रहे थे।
जय अब रिया के बाल अपने एक हाथ से अपनी मुट्ठी में पकड़ता है। और अपने लण्ड पर रिया का चेहरा आगे-पीछे करने लगता है। जय मजे में डूबा हुआ था। जय के खड़े होने की वजह से उसको रिया के ब्लाउज़ से उसकी क्लीवेज साफ दिख रही थी। जो जय को और पागल बना रही थी। ऊपर से रिया के गले में लटकता हुआ उसके पति के नाम का मंगलसूत्र। रिया के मुँह से गप्न-गप्प की आवाजें आने लगती है। रिया की भूक से जय का लौड़ा गोला हो गया था। रिया को अपने मुँह में अजीब सा नमकीन टेस्ट आ रहा था।
रिया ने कभी नहीं सोचा था की वो कभी अपने पति के अलावा किसी गैर मर्द का वो भी एक गंदा काला बुड्ढ़ा का लण्ड चूसेगी। थोड़ी देर बाद जय से रहा नहीं जाता और वो रिया के सिर को पीछे से पकड़कर अपने लण्ड पर दबाता है। इस बार काफी लण्ड उसके मुँह में अंदर चला जाता है।
रिया को बहुत तकलीफ हो रही थी। रिया खुद को छुड़ाने की कोशिश कर रही थी। लोकल जय ने बहुत मजबूती से पकड़ रखा था उसके सिर को। जय का लण्ड रिया के गले तक गया हुआ था। अभी भी थोड़ा लण्ड बाहर था। जय की झांटें रिया के मुंह के करीब थी। कुछ एक मिनट ऐसे करते हुए हो गया था। रिया की साँसें अटकी हुई थी। वो जैसे अब किसी भी वक्त बेहोश हो जायेगी। उसकी आँखें बंद होने लगती हैं।
तभी जय अपना लण्ड बाहर निकाल लेता है। जैसे ही लण्ड बाहर निकलता है रिया झक कर खांसने लगती हैं। वो बुरी तरह से सांस ले रही थी। अपनी सौंसों पर काबू पानी की कोशिश कर रही थी। वहीं जय के काले लौड़े पर रिया की थूक लगी हुई थी। रिया खोंसते हुए बहुत सेक्सी लग रही थी। बाल उसके चेहरे पर आए हुए थे। उसके गुलाबी होठों पर उसकी भूक लगी हुई थी। जय भी ये सब देखकर बहुत खुश हो रहा था।
रिया थोड़ी देर बाद नार्मल हो जाती है। अब रिया उठकर वाशरूम की तरफ जाने लगती है। तभी जय उसका गोरा कोमल हाथ पकड़ता है। जिसे देखकर प्रिया उसकी तरफ गुस्से से देखती है।