हसीनों का मेला वासना का रेला
पात्र (किरदार) परिचय
01. जुनैद- उम्र 30 साल, नजमा का पति, प्राइवेट कंपनी में नौकरी, लण्ड " लंबा और 2" मोटा,
02. नजमा- उम्र 26 साल, जुनैद की पत्नी, बी.एड., खूबसूरत, फिगर 36-28-38 की, स्कूल में टीचर,
03. राज- उम्र 52 साल, शांत स्वाभाव, गैर - शादीशुदा, कमीना , लण्ड 10 इंच लंबा और 4 इंच मोटा, औरतों का चहेता,
04. सलमा- नजमा के स्कूल में टीचर, शादीशुदा, गाण्ड 40" इंच की, एक लड़का और एक लड़की की माँ,
05. वहीदा नजमा के स्कूल में टीचर, शादीशुदा, चूचियां सबसे बड़ी, एक लड़का और एक लड़की की माँ,
06. शाज़िया उम्र 29 साल, नजमा की ननद, फिगर 32-26-38 की, कद भी नजमा जैसी, कयामत,
07. जय- राज का दोस्त,
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Adultery हसीनों का मेला वासना का रेला
- rajsharma
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Adultery हसीनों का मेला वासना का रेला
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(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
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Re: Adultery हसीनों का मेला वासना का रेला
कड़ी_01
नजमा नाम की एक हाउसवाइफ जिसकी उम्र लगभग 27 साल होगी। उसके पति की उम्र लगभग 30 साल की होगी। नजमा देखने में बहुत ही खूबसूरत है। उसकी फिगर की बात करें तो वो अपनी सोसाइटी की सबसे हाट औरत है। उसके जैसा फिगर उस सोसाइटी में किसी का नहीं है। उसकी चची का साइज 36 इंच से भी ज्यादा है, और उसकी कमर को देखकार तो अच्छे-अच्छे भी गरम हो जाएं। कमर का साइज 28" इंच होगा और सबसे कयामत वाली चीज उसकी गाण्ड जो की बिल्कुल गोल-गोल और 38 इंच की है। उसकी शादी को तीन साल हो गये हैं। अभी तक उसकी कोई औलाद नहीं है।
नजमा का पति एक प्राइवेट कंपनी में जाब करता है जो अधिकतर टाइम तो घर पर ही रहता है लेकिन कभी कभी उसे हफ्ते-हफ्ते भर के लिए बाहर भी जाना पड़ता है। नजमा के पति का नाम जुनैद है, और बा नजमा को बहुत प्यार करता है। बच्चा ना होने का कारण ये नहीं की जुनैद में कोई कमी है। बल्की वो दोनों बच्चा चाहते ही नहीं। उन्हें बच्चा पाँच साल बाद चाहिए। उनकी लाइफ सही चल रही थी जब तक नजमा की जाब नहीं लगी थी।
नजमा ने शादी से पहले ही बी.एड, किया हुआ था, जो शादी के बाद उसके काम आया और उसे अपनी सोसाइटी में 30 किलोमीटर की दूरी पर एक सरकारी स्कूल में टीचर की जाब मिल गई थी। जिससे वो बहुत खुश थी। क्योंकी उनके घर की सारी प्राब्लम खत्म हो गई थी। जिस स्कूल में नजमा की जाब लगी थी वो स्कूल क्लास 5 तक ही था, और उस स्कूल में नजमा को मिलाकर कुल चार लोग पढ़ाते थे। जिनमें तीन तो महिला थी और एक आदमी था, जो उस स्कूल का प्रिन्सिपल था।
जब नजमा ने पहले दिन स्कूल जॉयन किया तो उसे सारा दिन तो सिर्फ वहां के बारे में पता करने में चला गया। उस स्कूल की दोनों महिलायें नजमा से कम स्मार्ट थी या कहें की नजमा उनसे बहुत अच्छी थी दिखने में। नजमा की मुलाकात सबसे पहले सलमा से हुई। जो की उस स्कूल में एक साल पहले आई थी। उसकी फिगर में सबसे मस्त उसकी गाण्ड थी जो कुछ ज्यादा ही बड़ी थी। और दूसरी महिला वहीदा थी जिसकी चूचियां सबसे बड़ी थी। वो दोनों शादीशुदा थी और उनकी शादी को भी चार-पाँच साल हो गये थे। दोनों के एक-एक लड़का और एक-एक लड़की थी।
अब नम्बर आता है उस स्कूल के प्रिन्सिपल का, जिसका नाम था राज- जो अभी तक कुँवारा था। उसकी शादी किसी कारणबस नहीं हुई थी। उसकी उम्र लगभग 42 या 44 साल के लगभग होगी। वो एक नम्बर का कमीना और औरतों का दीवाना था। लेकिन उसका शांत स्वाभाव ही उसकी सबसे बड़ी ताकत थी। वो अपने इसी स्वाभाव के कारण ही हर औरत को अपने नीचे ले लेता था। और जो औरत एक बार उसके नीचे आ जाती थी, बो फिर बार-बार उसके नीचे जाने के लिए तड़पती रहती थी।
राज से पहली मुलाकात में नजमा को कुछ पता नहीं चला। लेकिन राज को पता चल गया था की उसके सपनों की रानी आ चुकी है। उसको जिस तरह की औरत की तलाश थी, नजमा बिल्कुल उसी की तरह थी। पहली मुलाकात में ही राज ने नजमा के बारे में सब कुछ जान लिया था। और नजमा को राज के बारे में सिर्फ इतना ही पता चला था की वो बहुत ही शांत स्वाभाव का है। पहले दिन का स्कूल नजमा के लिए किसी रोमांच से कम नहीं था। नये-नये लोगों से मुलाकात और छोटे बच्चों का साथ उसे बहुत पसंद आया था।
घर पहुँच कर नजमा ने अपने पति को सब कुछ बता दिया था, अपने स्कूल के बारे में।
नजमा नाम की एक हाउसवाइफ जिसकी उम्र लगभग 27 साल होगी। उसके पति की उम्र लगभग 30 साल की होगी। नजमा देखने में बहुत ही खूबसूरत है। उसकी फिगर की बात करें तो वो अपनी सोसाइटी की सबसे हाट औरत है। उसके जैसा फिगर उस सोसाइटी में किसी का नहीं है। उसकी चची का साइज 36 इंच से भी ज्यादा है, और उसकी कमर को देखकार तो अच्छे-अच्छे भी गरम हो जाएं। कमर का साइज 28" इंच होगा और सबसे कयामत वाली चीज उसकी गाण्ड जो की बिल्कुल गोल-गोल और 38 इंच की है। उसकी शादी को तीन साल हो गये हैं। अभी तक उसकी कोई औलाद नहीं है।
नजमा का पति एक प्राइवेट कंपनी में जाब करता है जो अधिकतर टाइम तो घर पर ही रहता है लेकिन कभी कभी उसे हफ्ते-हफ्ते भर के लिए बाहर भी जाना पड़ता है। नजमा के पति का नाम जुनैद है, और बा नजमा को बहुत प्यार करता है। बच्चा ना होने का कारण ये नहीं की जुनैद में कोई कमी है। बल्की वो दोनों बच्चा चाहते ही नहीं। उन्हें बच्चा पाँच साल बाद चाहिए। उनकी लाइफ सही चल रही थी जब तक नजमा की जाब नहीं लगी थी।
नजमा ने शादी से पहले ही बी.एड, किया हुआ था, जो शादी के बाद उसके काम आया और उसे अपनी सोसाइटी में 30 किलोमीटर की दूरी पर एक सरकारी स्कूल में टीचर की जाब मिल गई थी। जिससे वो बहुत खुश थी। क्योंकी उनके घर की सारी प्राब्लम खत्म हो गई थी। जिस स्कूल में नजमा की जाब लगी थी वो स्कूल क्लास 5 तक ही था, और उस स्कूल में नजमा को मिलाकर कुल चार लोग पढ़ाते थे। जिनमें तीन तो महिला थी और एक आदमी था, जो उस स्कूल का प्रिन्सिपल था।
जब नजमा ने पहले दिन स्कूल जॉयन किया तो उसे सारा दिन तो सिर्फ वहां के बारे में पता करने में चला गया। उस स्कूल की दोनों महिलायें नजमा से कम स्मार्ट थी या कहें की नजमा उनसे बहुत अच्छी थी दिखने में। नजमा की मुलाकात सबसे पहले सलमा से हुई। जो की उस स्कूल में एक साल पहले आई थी। उसकी फिगर में सबसे मस्त उसकी गाण्ड थी जो कुछ ज्यादा ही बड़ी थी। और दूसरी महिला वहीदा थी जिसकी चूचियां सबसे बड़ी थी। वो दोनों शादीशुदा थी और उनकी शादी को भी चार-पाँच साल हो गये थे। दोनों के एक-एक लड़का और एक-एक लड़की थी।
अब नम्बर आता है उस स्कूल के प्रिन्सिपल का, जिसका नाम था राज- जो अभी तक कुँवारा था। उसकी शादी किसी कारणबस नहीं हुई थी। उसकी उम्र लगभग 42 या 44 साल के लगभग होगी। वो एक नम्बर का कमीना और औरतों का दीवाना था। लेकिन उसका शांत स्वाभाव ही उसकी सबसे बड़ी ताकत थी। वो अपने इसी स्वाभाव के कारण ही हर औरत को अपने नीचे ले लेता था। और जो औरत एक बार उसके नीचे आ जाती थी, बो फिर बार-बार उसके नीचे जाने के लिए तड़पती रहती थी।
राज से पहली मुलाकात में नजमा को कुछ पता नहीं चला। लेकिन राज को पता चल गया था की उसके सपनों की रानी आ चुकी है। उसको जिस तरह की औरत की तलाश थी, नजमा बिल्कुल उसी की तरह थी। पहली मुलाकात में ही राज ने नजमा के बारे में सब कुछ जान लिया था। और नजमा को राज के बारे में सिर्फ इतना ही पता चला था की वो बहुत ही शांत स्वाभाव का है। पहले दिन का स्कूल नजमा के लिए किसी रोमांच से कम नहीं था। नये-नये लोगों से मुलाकात और छोटे बच्चों का साथ उसे बहुत पसंद आया था।
घर पहुँच कर नजमा ने अपने पति को सब कुछ बता दिया था, अपने स्कूल के बारे में।
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साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
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Re: Adultery हसीनों का मेला वासना का रेला
सलमा राज के आफिस में बैठकर बातें कर रही थी और वहीदा को कोई काम होने के कारण बो घर चली गई थी। सारे बच्चे स्कूल में जा चुके थे। स्कूल में सिर्फ राज और सलमा ही बचे थे।
सलमा राज से कहती है- "राज साहब, आज तो आपको अपने सपनों की रानी मिल गई जैसी आपको चाहिए थी। नहीं तो आपने मेरी गाण्ड और वहीदा की चूचियों की ऐसी तैसी कर रखी थी। आपने मेरी गाण्ड और वहीदा की चूचियां की मार-मारकर हालत खराब कर रखी थी। अब तो आपको दोनों एक ही जगह पर मिल गये.."
राज- "सही कहा सलमा जी। नजमा की गाण्ड और चूचियां आप दोनों से बहुत अच्छी है। उसकी तो गाण्ड पहले मारूँगा चूत तो बाद में."
सलमा- "राज साहब, उसकी जब मारनी हो तब मारना पहले मेरी चूत की आग को शांत करो... ये कहकर सलमा अपनी सलवार उतारकर जमीन पर घोड़ी बन जाती है।
जिसे देखकर राज मुश्कुराकर कहता है- "ऐसी ही हालत मुझे नजमा की करनी है. और उठकर खड़ा हो जाता है और सलमा की गाण्ड के पीछे आ जाता है। अपनी पैंट उतारकर टेबल पर रख देता है।
राज के सामने सलमा की 40" इंच की गाण्ड थी। राज ने सबसे पहले उसकी चूत में उंगली डालकर उसका गीलापन देखा तो चूत पूरी गीली थी। उसने अपनी उंगली चूत से निकालकर सीधे गाण्ड में डाल दी और कुछ देर तक उंगली को चारों तरफ घुमाता रहा। जब उसे लगा की उसका लण्ड उसकी गाण्ड में आराम से चला जाएगा तो उसने उंगली निकालकर अपना लण्ड उसकी गाण्ड में लगा दिया।
सलमा को एहसास हो गया की उसकी गाण्ड अब फटने वाली है। लेकिन वो गाण्ड मरवाने के मूड में नहीं थी, उसे तो चूत में लण्ड चाहिए था। उसे एहसास हुआ की राज का लण्ड एक बार में पूरा अंदर ले पाना नामुमकिन है। पहली बार उसे लेने में पूरा आधा घंटा लगा था। 6 महीने से गाण्ड मरवाजे के बाद भी सलमा को राज के लण्ड की आदत नहीं पड़ी थी। वो इरते हए पीछे देखती है।
राज उसकी तरफ देखकर हँसता है और कहता है- "सलमा, तेरी गाण्ड ने मुझें नजमा की याद दिला दी है अब तू तैयार हो जा एक अलग मजा लेने के लिए.." इतना कहकर राज एक जोर का झटका मारता है तो उसका आधे से भी ज्यादा लण्ड सलमा की सूखी गाण्ड में घुस जाता है।
सलमा को तो जैसे चक्कर आ रहा हो उसे ऐसा महसूस हो रहा था। उसे ये महसूस नहीं हो रहा था की वो चुद रही है बल्की सलमा सोच रही थी की उसका कत्ल आज पक्का है।
पहला झटका मारने के बाद राज ने तुरंत ही दूसरा झटका मारकर पूरा लण्ड उसकी गाण्ड में डाल दिया था। ऐसा पहली बार हुआ था जब राज का लण्ड दूसरी बार में सलमा की गाण्ड में घुसा था, नहीं तो हर बार कम से कम चार-पाँच धक्के मारने पड़ते थे। लण्ड पूरा का पूरा सलमा की गाण्ड में डालने के बाद राज सलमा को पूछता है- "दर्द तो नहीं हो रहा?"
सलमा कोई जवाब नहीं देती। बस शांत रहती हैं।
सलमा राज से कहती है- "राज साहब, आज तो आपको अपने सपनों की रानी मिल गई जैसी आपको चाहिए थी। नहीं तो आपने मेरी गाण्ड और वहीदा की चूचियों की ऐसी तैसी कर रखी थी। आपने मेरी गाण्ड और वहीदा की चूचियां की मार-मारकर हालत खराब कर रखी थी। अब तो आपको दोनों एक ही जगह पर मिल गये.."
राज- "सही कहा सलमा जी। नजमा की गाण्ड और चूचियां आप दोनों से बहुत अच्छी है। उसकी तो गाण्ड पहले मारूँगा चूत तो बाद में."
सलमा- "राज साहब, उसकी जब मारनी हो तब मारना पहले मेरी चूत की आग को शांत करो... ये कहकर सलमा अपनी सलवार उतारकर जमीन पर घोड़ी बन जाती है।
जिसे देखकर राज मुश्कुराकर कहता है- "ऐसी ही हालत मुझे नजमा की करनी है. और उठकर खड़ा हो जाता है और सलमा की गाण्ड के पीछे आ जाता है। अपनी पैंट उतारकर टेबल पर रख देता है।
राज के सामने सलमा की 40" इंच की गाण्ड थी। राज ने सबसे पहले उसकी चूत में उंगली डालकर उसका गीलापन देखा तो चूत पूरी गीली थी। उसने अपनी उंगली चूत से निकालकर सीधे गाण्ड में डाल दी और कुछ देर तक उंगली को चारों तरफ घुमाता रहा। जब उसे लगा की उसका लण्ड उसकी गाण्ड में आराम से चला जाएगा तो उसने उंगली निकालकर अपना लण्ड उसकी गाण्ड में लगा दिया।
सलमा को एहसास हो गया की उसकी गाण्ड अब फटने वाली है। लेकिन वो गाण्ड मरवाने के मूड में नहीं थी, उसे तो चूत में लण्ड चाहिए था। उसे एहसास हुआ की राज का लण्ड एक बार में पूरा अंदर ले पाना नामुमकिन है। पहली बार उसे लेने में पूरा आधा घंटा लगा था। 6 महीने से गाण्ड मरवाजे के बाद भी सलमा को राज के लण्ड की आदत नहीं पड़ी थी। वो इरते हए पीछे देखती है।
राज उसकी तरफ देखकर हँसता है और कहता है- "सलमा, तेरी गाण्ड ने मुझें नजमा की याद दिला दी है अब तू तैयार हो जा एक अलग मजा लेने के लिए.." इतना कहकर राज एक जोर का झटका मारता है तो उसका आधे से भी ज्यादा लण्ड सलमा की सूखी गाण्ड में घुस जाता है।
सलमा को तो जैसे चक्कर आ रहा हो उसे ऐसा महसूस हो रहा था। उसे ये महसूस नहीं हो रहा था की वो चुद रही है बल्की सलमा सोच रही थी की उसका कत्ल आज पक्का है।
पहला झटका मारने के बाद राज ने तुरंत ही दूसरा झटका मारकर पूरा लण्ड उसकी गाण्ड में डाल दिया था। ऐसा पहली बार हुआ था जब राज का लण्ड दूसरी बार में सलमा की गाण्ड में घुसा था, नहीं तो हर बार कम से कम चार-पाँच धक्के मारने पड़ते थे। लण्ड पूरा का पूरा सलमा की गाण्ड में डालने के बाद राज सलमा को पूछता है- "दर्द तो नहीं हो रहा?"
सलमा कोई जवाब नहीं देती। बस शांत रहती हैं।
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Re: Adultery हसीनों का मेला वासना का रेला
थोड़ी देर तक शांत रहने के बाद राज अपने लण्ड को आगे-पीछे करना शुरू कर देता है। कुछ देर बाद सलमा भी अपनी गाण्ड हिलाने लगती है। अब राज समझ गया था की सलमा अब उसका पूरा साथ देगी। और वो तेजी से सलमा गाण्ड पेलने लगता है। करीब आधा घंटा चोदने के बाद जर्नेद सलमा को टेंबल पर लिटा देता है
और उसे चोदने लगता है। सलमा की हालत खराब थी वो दो बार झड चुकी थी और उसकी गाण्ड में भी दर्द हो रहा था। लेकिन राज का तो उसकी गाण्ड में नजमा की गाण्ड दिख रही थी। इसलिए वो उसे फाइने के मूड में था और उसने सलमा की गाण्ड को फाड़ भी दिया था। 15 मिनट की चदाई के बाद राज ने अपना लण्ड बाहर खींचकर सीधा सलमा की चूत की गहराई में उतार दिया।
जिसके लिए सलमा तैयार नहीं थी और वो चीख पड़ी। पूरा लण्ड अंदर जा चुका था और राज के झटके तेज हो गये थे। सलमा भी इस हरकत से पागल हो गई थी और वो झड़ गई। तभी राज ने भी अपना बीज सलमा की कोख में भर दिया और उसी के ऊपर लेट गया। लण्ड छोटा होकर सलमा की चूत से बाहर आया और साथ ही टेर सारा बीज भी बहकर सलमा की जांघों में बहने लगा। तभी सलमा के मोबाइल पर उसके पति का फोन आ जाता है, जिसे देखकर सलमा डर जाती है।
सलमा राज की तरफ देखती है तो राज उसे फोन उठाने को कहता है। सलमा फोन उठाकर हेलो बोलती है।
उसका पति उससे पूछता है- "सलमा कहां हो तुम? स्कूल खत्म हुए तो एक घंटे से भी ज्यादा हो गया है। और तुम कहां हो?"
सलमा कुछ समझ नहीं पाती की क्या बोले? तभी उसके दिमाग में एक आइडिया आता है और अपने पति से कहती है- "मेरे कूल्हे में मोच आ गई है। जिसकी वजह से में चल नहीं पा रही हूँ। अभी-अभी प्रिन्सिपल सर ने मुझे दवा दी है, आप आकर मुझे ले जाओ.." और इतना कहकर सलमा फोन काट देती है।
राज सलमा की बात पर हँस रहा था। उसे पता था की मैने जिस हिसाब से इसकी गाण्ड और चूत मारी है वो जरूर किसी से कुछ भी कह नहीं पाएगी।
सलमा वैसे ही अपनी सलवार पहनकर बाहर निकल जाती है। वो ठीक ढंग से चल भी नहीं पा रही थी। उसकी जांघ राज के बीज से पूरी गीली हो चुकी थी और उसकी सलवार उसकी जांघों में चिपक गई थी। कुछ देर बाद सलमा का पति आ जाता है और सलमा को लेकर घर चला जाता है। रास्ते में सलमा राज को फोन करके कल की छुट्टी ले लेती है।
और उसे चोदने लगता है। सलमा की हालत खराब थी वो दो बार झड चुकी थी और उसकी गाण्ड में भी दर्द हो रहा था। लेकिन राज का तो उसकी गाण्ड में नजमा की गाण्ड दिख रही थी। इसलिए वो उसे फाइने के मूड में था और उसने सलमा की गाण्ड को फाड़ भी दिया था। 15 मिनट की चदाई के बाद राज ने अपना लण्ड बाहर खींचकर सीधा सलमा की चूत की गहराई में उतार दिया।
जिसके लिए सलमा तैयार नहीं थी और वो चीख पड़ी। पूरा लण्ड अंदर जा चुका था और राज के झटके तेज हो गये थे। सलमा भी इस हरकत से पागल हो गई थी और वो झड़ गई। तभी राज ने भी अपना बीज सलमा की कोख में भर दिया और उसी के ऊपर लेट गया। लण्ड छोटा होकर सलमा की चूत से बाहर आया और साथ ही टेर सारा बीज भी बहकर सलमा की जांघों में बहने लगा। तभी सलमा के मोबाइल पर उसके पति का फोन आ जाता है, जिसे देखकर सलमा डर जाती है।
सलमा राज की तरफ देखती है तो राज उसे फोन उठाने को कहता है। सलमा फोन उठाकर हेलो बोलती है।
उसका पति उससे पूछता है- "सलमा कहां हो तुम? स्कूल खत्म हुए तो एक घंटे से भी ज्यादा हो गया है। और तुम कहां हो?"
सलमा कुछ समझ नहीं पाती की क्या बोले? तभी उसके दिमाग में एक आइडिया आता है और अपने पति से कहती है- "मेरे कूल्हे में मोच आ गई है। जिसकी वजह से में चल नहीं पा रही हूँ। अभी-अभी प्रिन्सिपल सर ने मुझे दवा दी है, आप आकर मुझे ले जाओ.." और इतना कहकर सलमा फोन काट देती है।
राज सलमा की बात पर हँस रहा था। उसे पता था की मैने जिस हिसाब से इसकी गाण्ड और चूत मारी है वो जरूर किसी से कुछ भी कह नहीं पाएगी।
सलमा वैसे ही अपनी सलवार पहनकर बाहर निकल जाती है। वो ठीक ढंग से चल भी नहीं पा रही थी। उसकी जांघ राज के बीज से पूरी गीली हो चुकी थी और उसकी सलवार उसकी जांघों में चिपक गई थी। कुछ देर बाद सलमा का पति आ जाता है और सलमा को लेकर घर चला जाता है। रास्ते में सलमा राज को फोन करके कल की छुट्टी ले लेती है।
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Re: Adultery हसीनों का मेला वासना का रेला
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(शिद्द्त - सफ़र प्यार का ) ......(प्यार का अहसास ) ......(वापसी : गुलशन नंदा) ......(विधवा माँ के अनौखे लाल) ......(हसीनों का मेला वासना का रेला ) ......(ये प्यास है कि बुझती ही नही ) ...... (Thriller एक ही अंजाम ) ......(फरेब ) ......(लव स्टोरी / राजवंश running) ...... (दस जनवरी की रात ) ...... ( गदरायी लड़कियाँ Running)...... (ओह माय फ़किंग गॉड running) ...... (कुमकुम complete)......
साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
मंदिर जाकर जाप भी कर लेता हूँ ..
मानव से देव ना बन जाऊं कहीं,,,,
बस यही सोचकर थोडा सा पाप भी कर लेता हूँ
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- raj sharma
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साधू सा आलाप कर लेता हूँ ,
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