दिव्या: चेतन को ये बात पता है क्या?
मनीष: मैंने अपना ट्रुथ बोल दिया है अब आपकी बारी है.
दिव्या: अच्छा और खेलना है आगे. सोच लो क्या क्या राज खुल जायेंगे.
दिव्या सोचती है की अब मनीष मना कर देगा. मनीष का लटका मुंह देख कर उसके चेहरे पर एक विजयी मुस्कान आ जाती है.
मनीष: अब तो जरूर खेलना है. अब देखना कैसा डेयर देता हूँ आपको.
दिव्या: हुह मैंने कब बोला की मैं डेयर लूंगी. हाहाहा... ट्रुथ
मनीष: तो बताइए की आपको सबसे ज्यादा क्या पसंद है. आप्शन है 1. चूत चटवाना २. लंड चूसना ३. चूंची चुसवाना या फिर ४. ऊपर बैठ कर लंड लेना.
दिव्या: बस शुरु कर दी बकवास. मुझे नहीं खेलना अब.
मनीष: क्वेश्चन सुन कर आप मना नहीं कर सकती वैसे मैंने पनिशमेंट भी सोच रखी है.
दिव्या जानती थी मनीष ने बहुत गन्दा पनिशमेंट सोचा होगा तो वो बोल देती है.
दिव्या: फर्स्ट आप्शन
मनीष: कौन सा आप्शन बोलो तो सही.
दिव्या: बता तो दिया न.
मनीष: मैम बोलना तो पड़ेगा ही. मुझे याद नहीं की मैंने कौन सा आप्शन पहला दिया था.
दिव्या: अपने वहां चटवाना.
मनीष: वहां कहाँ?
दिव्या: अपनी चूत चटवाना. बस खुश हो जाओ.
मनीष: हाहाहा. तो आपको ये पसंद है
दिव्या: ये सब मत भेजो मनीष.
मनीष: आप तो ऐसे बोल रही हो जैसे पहली बार देख रही हो. ज्यादा मत सोचो और बताओ की अब क्या करना है. ट्रुथ या डेयर मैं दोनों के लिए रेडी हूँ.
दिव्या: अच्छा तो क्या कभी चेतन को तुम पर शक नहीं हुआ.
मनीष: अरे वो तो खुद अपनी माँ के साथ सेक्स करना चाहता था. उनको नहाते हुए देखता था. सोते में इधर उधर छूता था लेकिन नीलम आंटी तो मुझे लाइन दे रही थीं. लेकिन उसको अभी तक नहीं पता की मैं उसकी मोम के साथ सब कुछ कर चूका हूँ लेकिन मैंने चेतन की ख्वाहिश जरूर पूरी करवा दी.
दिव्या: वो कैसे?
मनीष: ये आप अपनी बारी में पूछना फ़िलहाल मेरा टर्न है.
दिव्या: अब मैं डेयर नहीं लूंगी क्योंकि तुमने जरूर कुछ खुराफात सोच रखी होगी.
मनीष: अच्छा तो बोलिए की आपने मुझको बताया था की आपके हब्बी आपकी चूत नहीं चाटते तो फिर आपकी चूत चाटता कौन है जो आपको इसमें इतना मजा आता है.
दिव्या को इस क्वेश्चन की उम्मीद नहीं थी. वो जानती थी की मनीष सलमान के बारे में जान गया है लेकिन फिर भी उसने इस बात का जवाब देना ठीक नहीं समझा.
दिव्या: ये तो मैं नहीं बोल सकती तुम पनिशमेंट दे दो.
Adultery दिव्या का सफ़र
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
मनीष: अपने दोनों बूब्स दिखा दीजिये मैम.
दिव्या: अरे ये मैं नहीं कर सकती.
मनीष: अरे मैम आपने पहले भी तो दिखाए हैं. अब क्या प्रॉब्लम है. आपने मूवीज में ट्रुथ या डेयर में ऐसे करते नहीं देखा है क्या....
दिव्या: उन मूवीज में वो लोग एक एक करके कपडे उतारते हैं और तुम एक दम करने को बोल रहे हो.
मनीष: अच्छा तो आप भी एक एक करके उतारो न. पहले अपना पल्लू हटा दो. मेरा लंड कबसे आपका गोरा बदन देखने को तड़प रहा है.
दिव्या अपना पल्लू गिरा देती है. पल्लू गिरते ही मनीष की नज़र दिव्या के क्लीवेज पर जाती है और वो अपना लंड मसलते हुए बोलता है.
मनीष: आप कहें तो इसे बाहर निकाल लूं. आप भी देख लेना.
दिव्या: मुझे नहीं देखना कुछ. अब ये बोलो की तुमने चेतन की ख्वाहिश कैसे पूरी की.
मनीष: अरे वो न चूत का भूखा था तो मैंने उसको पूजा की दिला दी. कई बार तो हम दोनों ने एक साथ पूजा को चोदा है और फिर एक बार उसका रश्मि मैम से भी करवा दिया. रश्मि मैम को तो वो अपनी माँ समझ कर चोद रहा था. हाहाहा
दिव्या: उफ़ आजकल के बच्चे कैसे हो गए हैं.
मनीष: अब ये सब छोडो मैम और बोलो ट्रुथ या डेयर?
दिव्या: ट्रुथ.
मनीष: तो बताओ फिर किसने किसने चाटी है आपकी चूत.
दिव्या: ये तो गलत है. मैंने अभी मना किया था इसके लिए.
मनीष: सेम यही आपने मेरे साथ किया है मैम.
दिव्या: मैं नहीं बोलूंगी.
मनीष: तो फिर ब्लाउज खोल दीजिये.
दिव्या जवाब देने से अच्छा अपना ब्लाउज उतारना पसंद करती है. जैसे जैसे वो हुक खोलती है मनीष का मुंह खुलने लगता है जैसे अभी दिव्या के मम्मे चूस लेगा.
मनीष: आप भी न मैम आज आसानी से नंगी हो जाओगी और वो भी एक ऐसे क्वेश्चन के लिए जिसका जवाब मुझे पता है.
दिव्या: ये चीटिंग अब नहीं चलेगी. अब कोई क्वेश्चन रिपीट नहीं होगा. वरना गेम बंद.
मनीष: अरे मैम मैं तो आज आपके नंगे बदन को देखने से ज्यादा आपके बारे में जानना चाहता हूँ लेकिन आप बताने से ज्यादा नंगी होने में दिलचस्पी ले रही हैं.
दिव्या समझ जाती है की मनीष सलमान का नाम उसके मुंह से सुनने के लिए कुछ और करेगा. तब तक मनीष भी अपनी शर्ट निकाल देता है.
दिव्या: अरे ये मैं नहीं कर सकती.
मनीष: अरे मैम आपने पहले भी तो दिखाए हैं. अब क्या प्रॉब्लम है. आपने मूवीज में ट्रुथ या डेयर में ऐसे करते नहीं देखा है क्या....
दिव्या: उन मूवीज में वो लोग एक एक करके कपडे उतारते हैं और तुम एक दम करने को बोल रहे हो.
मनीष: अच्छा तो आप भी एक एक करके उतारो न. पहले अपना पल्लू हटा दो. मेरा लंड कबसे आपका गोरा बदन देखने को तड़प रहा है.
दिव्या अपना पल्लू गिरा देती है. पल्लू गिरते ही मनीष की नज़र दिव्या के क्लीवेज पर जाती है और वो अपना लंड मसलते हुए बोलता है.
मनीष: आप कहें तो इसे बाहर निकाल लूं. आप भी देख लेना.
दिव्या: मुझे नहीं देखना कुछ. अब ये बोलो की तुमने चेतन की ख्वाहिश कैसे पूरी की.
मनीष: अरे वो न चूत का भूखा था तो मैंने उसको पूजा की दिला दी. कई बार तो हम दोनों ने एक साथ पूजा को चोदा है और फिर एक बार उसका रश्मि मैम से भी करवा दिया. रश्मि मैम को तो वो अपनी माँ समझ कर चोद रहा था. हाहाहा
दिव्या: उफ़ आजकल के बच्चे कैसे हो गए हैं.
मनीष: अब ये सब छोडो मैम और बोलो ट्रुथ या डेयर?
दिव्या: ट्रुथ.
मनीष: तो बताओ फिर किसने किसने चाटी है आपकी चूत.
दिव्या: ये तो गलत है. मैंने अभी मना किया था इसके लिए.
मनीष: सेम यही आपने मेरे साथ किया है मैम.
दिव्या: मैं नहीं बोलूंगी.
मनीष: तो फिर ब्लाउज खोल दीजिये.
दिव्या जवाब देने से अच्छा अपना ब्लाउज उतारना पसंद करती है. जैसे जैसे वो हुक खोलती है मनीष का मुंह खुलने लगता है जैसे अभी दिव्या के मम्मे चूस लेगा.
मनीष: आप भी न मैम आज आसानी से नंगी हो जाओगी और वो भी एक ऐसे क्वेश्चन के लिए जिसका जवाब मुझे पता है.
दिव्या: ये चीटिंग अब नहीं चलेगी. अब कोई क्वेश्चन रिपीट नहीं होगा. वरना गेम बंद.
मनीष: अरे मैम मैं तो आज आपके नंगे बदन को देखने से ज्यादा आपके बारे में जानना चाहता हूँ लेकिन आप बताने से ज्यादा नंगी होने में दिलचस्पी ले रही हैं.
दिव्या समझ जाती है की मनीष सलमान का नाम उसके मुंह से सुनने के लिए कुछ और करेगा. तब तक मनीष भी अपनी शर्ट निकाल देता है.
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
दिव्या: अरे मैंने तो नहीं बोला तुमको शर्ट निकालने को.
मनीष: मैं जानता हूँ की मेरी मैम को क्या चाहिए लेकिन वो शर्म से बोलती नहीं है. देखो न मेरा कैसे कड़क हो गया है आपको सफ़ेद ब्रा में देख कर.
इतना बोल कर मनीष अपना लंड अंडर वियर से बाहर निकाल कर अपने हाथ में ले लेता है.
दिव्या की नजर मनीष के लंड पर ही टिक जाती है. रेणुका उसकी चूत में जो आग लगा गयी थी वो अभी शांत नहीं हुई थी
मनीष अपना लंड वापस अंडर वियर में कर लेता है. दिव्या कुछ कहती नहीं लेकिन वो मनीष की इस हरकत से मायूस हो जाती है.
दिव्या जानती है अब मनीष उसे नंगा करने के लिए अजीब अजीब सवाल करेगा इसीलिए वो इस गेम को अब ख़तम करना चाहती है. वो ये भी जानती है मनीष अपनी मोम के बारे में कुछ गलत नहीं बोलेगा.
दिव्या: अच्छा तो अब बताओ की मेरे और तुम्हारी मोम की बॉडी में क्या सिमिलर है और क्या अलग है.
मनीष: अरे मैम ये तो आप फिर वही बात पूछ रही हैं और अभी कह रही थी की क्वेश्चन रिपीट नहीं होंगे.
दिव्या: ये वो क्वेश्चन नहीं है. ये अलग है.
मनीष: आप पनिशमेंट ही दे दो.
दिव्या: तो ठीक है. आगे की चैट अब तुम अपनी मोम की पेंटी पहन कर करो.
मनीष: आप कुछ ज्यादा ही कर रही है मैम.
दिव्या: तो फिर गेम यहीं ख़तम कर देते हैं.
मनीष अब पीछे नहीं हटना चाहता तो वो गेम ख़तम नहीं करने देता है और अपनी मोम के बारे में बोलने लगता है.
मनीष: मेरी मोम का बदन आपकी तुलना में काफी भरा हुआ है लेकिन आप ज्यादा सुन्दर हैं. उनका शरीर उम्र के साथ थोडा भारी हो गया है लेकिन आपका बदन एकदम तराशा हुआ लगता है.
दिव्या: ऐसे नहीं एक एक अंग के बारे में बताओ.
मनीष: उनके बूब्स आपसे बड़े है और उनके निप्पल के पास एक तिल है. उनके हिप्स आपकी तरह ही हैं.
दिव्या: अच्छा तुम कबसे हिप्स और बूब्स बोलने लगे. हाहाहा
मनीष: उनकी गांड आपकी तरह ही काफी बड़ी है. उनका रंग आपके मुकाबले सांवला है. उनकी आंखे बड़ी बड़ी है और उनके बदन पर भी आपकी तरह एक भी एक्स्ट्रा बाल नहीं रहता. बस या और बोलूं मैम.
दिव्या: एक अंग तो रह ही गयी.
मनीष: वो जगह मैंने कभी नहीं देखी.
दिव्या: तो बाकी सब देखा है क्या जो बोला है.
मनीष: अब मेरी बारी है बोलिए ट्रुथ या डेयर.
दिव्या: डेयर.
मनीष: तो अपने मम्मे नंगे करके दिखाइए.
दिव्या: ये क्या बात हुई.
मनीष: डेयर तो डेयर है. जल्दी करिए.
दिव्या: और न करू तो.
मनीष: तो फिर पनिशमेंट में कल आपको मेरा लंड चूसना पड़ेगा और फिलहाल एक्टिंग करके बताना होगा की कैसे चूसेंगी.
इतना बोल कर मनीष अपना लंड निकाल कर हिलाने लगता है. दिव्या की नज़र वही टिक जाती है. मनीष अचानक कैमरे के सामने खड़ा हो जाता है.
मनीष: मुंह खोल के बताइए मैम की कैसे चूसेंगी इसे.
मनीष: मैं जानता हूँ की मेरी मैम को क्या चाहिए लेकिन वो शर्म से बोलती नहीं है. देखो न मेरा कैसे कड़क हो गया है आपको सफ़ेद ब्रा में देख कर.
इतना बोल कर मनीष अपना लंड अंडर वियर से बाहर निकाल कर अपने हाथ में ले लेता है.
दिव्या की नजर मनीष के लंड पर ही टिक जाती है. रेणुका उसकी चूत में जो आग लगा गयी थी वो अभी शांत नहीं हुई थी
मनीष अपना लंड वापस अंडर वियर में कर लेता है. दिव्या कुछ कहती नहीं लेकिन वो मनीष की इस हरकत से मायूस हो जाती है.
दिव्या जानती है अब मनीष उसे नंगा करने के लिए अजीब अजीब सवाल करेगा इसीलिए वो इस गेम को अब ख़तम करना चाहती है. वो ये भी जानती है मनीष अपनी मोम के बारे में कुछ गलत नहीं बोलेगा.
दिव्या: अच्छा तो अब बताओ की मेरे और तुम्हारी मोम की बॉडी में क्या सिमिलर है और क्या अलग है.
मनीष: अरे मैम ये तो आप फिर वही बात पूछ रही हैं और अभी कह रही थी की क्वेश्चन रिपीट नहीं होंगे.
दिव्या: ये वो क्वेश्चन नहीं है. ये अलग है.
मनीष: आप पनिशमेंट ही दे दो.
दिव्या: तो ठीक है. आगे की चैट अब तुम अपनी मोम की पेंटी पहन कर करो.
मनीष: आप कुछ ज्यादा ही कर रही है मैम.
दिव्या: तो फिर गेम यहीं ख़तम कर देते हैं.
मनीष अब पीछे नहीं हटना चाहता तो वो गेम ख़तम नहीं करने देता है और अपनी मोम के बारे में बोलने लगता है.
मनीष: मेरी मोम का बदन आपकी तुलना में काफी भरा हुआ है लेकिन आप ज्यादा सुन्दर हैं. उनका शरीर उम्र के साथ थोडा भारी हो गया है लेकिन आपका बदन एकदम तराशा हुआ लगता है.
दिव्या: ऐसे नहीं एक एक अंग के बारे में बताओ.
मनीष: उनके बूब्स आपसे बड़े है और उनके निप्पल के पास एक तिल है. उनके हिप्स आपकी तरह ही हैं.
दिव्या: अच्छा तुम कबसे हिप्स और बूब्स बोलने लगे. हाहाहा
मनीष: उनकी गांड आपकी तरह ही काफी बड़ी है. उनका रंग आपके मुकाबले सांवला है. उनकी आंखे बड़ी बड़ी है और उनके बदन पर भी आपकी तरह एक भी एक्स्ट्रा बाल नहीं रहता. बस या और बोलूं मैम.
दिव्या: एक अंग तो रह ही गयी.
मनीष: वो जगह मैंने कभी नहीं देखी.
दिव्या: तो बाकी सब देखा है क्या जो बोला है.
मनीष: अब मेरी बारी है बोलिए ट्रुथ या डेयर.
दिव्या: डेयर.
मनीष: तो अपने मम्मे नंगे करके दिखाइए.
दिव्या: ये क्या बात हुई.
मनीष: डेयर तो डेयर है. जल्दी करिए.
दिव्या: और न करू तो.
मनीष: तो फिर पनिशमेंट में कल आपको मेरा लंड चूसना पड़ेगा और फिलहाल एक्टिंग करके बताना होगा की कैसे चूसेंगी.
इतना बोल कर मनीष अपना लंड निकाल कर हिलाने लगता है. दिव्या की नज़र वही टिक जाती है. मनीष अचानक कैमरे के सामने खड़ा हो जाता है.
मनीष: मुंह खोल के बताइए मैम की कैसे चूसेंगी इसे.
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
लेकिन दिव्या अपनी ब्रा खोलना शुरू कर देती है. जैसे जैसे उसके मम्मे बाहर आते है मनीष के हाथ की स्पीड बढती जाती है.
मनीष: जल्दी उतारो मैम. कितने दिन हो गए इनको देखे.
दिव्या के शरीर पर पसीना आ जाता है पर वो अपना हाथ नहीं रोकती और कुछ ही पलों में उसकी नंगी चून्चिया मनीष की आँखों के सामने होती हैं.
मनीष: वाव मैम ये हुई न बात. जिस दिन आप मुझे मिलोगी न उस दिन मैं इनको घंटो तक चूसूंगा. मैम थोडा स्क्रीन के पास आइये न.
दिव्या जानती थी की वो मनीष के साथ काफी आगे बढ़ चुकी है लेकिन न जाने क्या चीज थी जो उसको रुकने नहीं दे रही थी. दिव्या उठ कर स्क्रीन के एकदम पास आ जाती है.
दिव्या के तने हुए निप्पल देख कर मनीष दिव्या की हालत समझ जाता है. वो झट से अपनी स्क्रीन चूम लेता है और वापस अपनी सीट पर बैठ जाता है.
मनीष: मैम अपना पेटीकोट भी उतार दो न. आपकी चूत देखने का बड़ा मन है.
दिव्या: बस मनीष अब और नहीं.
मनीष: प्लीज मैम. बस एक बार.
दिव्या: नहीं मनीष. किसी को पता चला तो तुम्हारा तो कुछ नहीं लेकिन मेरी कितनी बदनामी होगी तुम्हे क्या पता.
मनीष: अरे मैम. बदनामी तो इतना करके भी हो जाएगी और मैं भी तो नंगा बैठा हूँ. आपको क्या मुझ पर भरोसा नहीं है. आजतक तो मैंने आपके और मेरे बीच की बात किसी के साथ शेयर नहीं की तो आप आज क्यों घबरा रही हैं. आप आज मुझसे कुछ मांग लो लेकिन पेटीकोट उतार दो बस.
दिव्या: अच्छा तो एक काम करो जैसे तुम मुझे देखना चाहते हो वैसी अपनी मोम की कोई पिक भेज दो मुझे.
मनीष: मैम ये तो पॉसिबल नहीं है.
दिव्या: अच्छा तो अपनी सिस्टर की भेज दो.
मनीष: अरे मैम मैं उसकी ऐसी पिक कैसे ले सकता हूँ.
दिव्या: नहाते हुए चुपके से ले लेना.
मनीष: पता नहीं ऐसा मौका कब मिलेगा मैम और पकड़ा गया तो मेरी क्या हालत होगी.
दिव्या: अब समझे न की मैं अगर पकड़ी गयी तो मेरी क्या हालत होगी. मैं तुमसे अपनी सेफ्टी के लिए कुछ मांग रही हूँ और वो तो तुम दे नहीं सकते और मुझे नंगा होने को बोल रहे हो. चलो मनीष गुड नाईट. मुझे अब सोना है.
मनीष: रुकिए मैम. मैं आपकी सेफ्टी के लिए कुछ भेजता हूँ जिससे आपको मुझ पर यकीन हो जाए लेकिन फिर आप मेरी लवर बनोगी. बोलो मंजूर है.
दिव्या: ठीक है भेजो.
मनीष: आप जाना नहीं मैं अभी आया.
मनीष: जल्दी उतारो मैम. कितने दिन हो गए इनको देखे.
दिव्या के शरीर पर पसीना आ जाता है पर वो अपना हाथ नहीं रोकती और कुछ ही पलों में उसकी नंगी चून्चिया मनीष की आँखों के सामने होती हैं.
मनीष: वाव मैम ये हुई न बात. जिस दिन आप मुझे मिलोगी न उस दिन मैं इनको घंटो तक चूसूंगा. मैम थोडा स्क्रीन के पास आइये न.
दिव्या जानती थी की वो मनीष के साथ काफी आगे बढ़ चुकी है लेकिन न जाने क्या चीज थी जो उसको रुकने नहीं दे रही थी. दिव्या उठ कर स्क्रीन के एकदम पास आ जाती है.
दिव्या के तने हुए निप्पल देख कर मनीष दिव्या की हालत समझ जाता है. वो झट से अपनी स्क्रीन चूम लेता है और वापस अपनी सीट पर बैठ जाता है.
मनीष: मैम अपना पेटीकोट भी उतार दो न. आपकी चूत देखने का बड़ा मन है.
दिव्या: बस मनीष अब और नहीं.
मनीष: प्लीज मैम. बस एक बार.
दिव्या: नहीं मनीष. किसी को पता चला तो तुम्हारा तो कुछ नहीं लेकिन मेरी कितनी बदनामी होगी तुम्हे क्या पता.
मनीष: अरे मैम. बदनामी तो इतना करके भी हो जाएगी और मैं भी तो नंगा बैठा हूँ. आपको क्या मुझ पर भरोसा नहीं है. आजतक तो मैंने आपके और मेरे बीच की बात किसी के साथ शेयर नहीं की तो आप आज क्यों घबरा रही हैं. आप आज मुझसे कुछ मांग लो लेकिन पेटीकोट उतार दो बस.
दिव्या: अच्छा तो एक काम करो जैसे तुम मुझे देखना चाहते हो वैसी अपनी मोम की कोई पिक भेज दो मुझे.
मनीष: मैम ये तो पॉसिबल नहीं है.
दिव्या: अच्छा तो अपनी सिस्टर की भेज दो.
मनीष: अरे मैम मैं उसकी ऐसी पिक कैसे ले सकता हूँ.
दिव्या: नहाते हुए चुपके से ले लेना.
मनीष: पता नहीं ऐसा मौका कब मिलेगा मैम और पकड़ा गया तो मेरी क्या हालत होगी.
दिव्या: अब समझे न की मैं अगर पकड़ी गयी तो मेरी क्या हालत होगी. मैं तुमसे अपनी सेफ्टी के लिए कुछ मांग रही हूँ और वो तो तुम दे नहीं सकते और मुझे नंगा होने को बोल रहे हो. चलो मनीष गुड नाईट. मुझे अब सोना है.
मनीष: रुकिए मैम. मैं आपकी सेफ्टी के लिए कुछ भेजता हूँ जिससे आपको मुझ पर यकीन हो जाए लेकिन फिर आप मेरी लवर बनोगी. बोलो मंजूर है.
दिव्या: ठीक है भेजो.
मनीष: आप जाना नहीं मैं अभी आया.
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
दिव्या को लगता है की मनीष ऐसा कुछ भेज नहीं पायेगा लेकिन कुछ देर में मनीष पसीने में भीगा हुआ वापस आता है और दिव्या को एक फोटो भेजता है.
दिव्या: ओह माय गॉड. ये तो तुम्हारी सिस्टर रूचि है न.
मनीष: हाँ मैम और इसके होठों पर ये मेरा लंड है. अगर वो जाग जाती न तो आज मेरा आखिरी दिन होता लेकिन आपको भरोसा दिलाने के लिए ये करना पड़ा.
दिव्या: तो क्या तुमने उसके मुंह में...
मनीष: नहीं नहीं मैम फिर तो पक्का उठ जाती. बस फोटो के लिए उसके होठो से छुआ दिया है. बस मैम अब तो अपनी चूत दिखा दो न.
दिव्या: मुझे लगा था की तुम ऐसा कुछ नहीं कर पाओगे इसीलिए बोल दिया था बस अब इसको यही ख़तम करो.
मनीष: कभी नहीं मैम. मुझसे ये सब करवा कर अब तो आपको नंगा होना ही पड़ेगा.
दिव्या: अच्छा लेकिन एक डेयर के लिए एक ही कपड़ा उतार सकती हूँ.
मनीष: नहीं नहीं मैम प्लीज ऐसा मत कीजिये.
दिव्या: चलो दो उतार देती हूँ.
दिव्या सीट से उठ कर पहले साड़ी उतार देती है फिर पेटीकोट का नाडा खोल देती है. पेटीकोट उसके पैरो में गिर जाता है तो वो अपने पैरो से पेटीकोट को दूर कर देती है. अब उसुसके शरीर पर सिर्फ एक पेंटी बची थी.
मनीष भी आह दिव्या मैम बोल कर अपना लंड हिलाने लगता है.
मनीष: मैम प्लीज पेंटी भी उतार दो न. अब और मत तडपाओ.
दिव्या: नहीं.
मनीष: कामोन मैम. आज तो मुझे देखनी ही है बस.
दिव्या: नहीं मनीष वो नहीं कर सकती.
मनीष: अरे आपके लिए अपनी दीदी के मुंह के पास लंड रखना पड़ा मुझे और आप इतना नहीं कर सकती मेरे लिए.
दिव्या: तुम सच में पागल हो. अगर तुम्हारी बहन जाग जाती तो तुमको पता चलता.
मनीष: एक बात बोलूं मैम.
दिव्या: बोलो.
मनीष: मेरे मन में कभी भी मेरी दीदी के लिए कुछ गलत नहीं था लेकिन मैम आज आपने मेरी ऐसी हालत की है की मेरा मन कर रहा था की लंड उसके मुंह में ही डाल दूं. मुझे उसमे भी आप ही दिख रही थी. काश उसकी जगह आप होती.
दिव्या: तो क्या करते?
मनीष: पहले तो आपकी चूत चाट चाट कर आपको मजा देता फिर...
दिव्या: फिर क्या करते?
मनीष: फिर अपने लंड की प्यास बुझाता आपकी चूत से.
मनीष की बातें सुन कर दिव्या का हाथ अपनी पेंटी पर आ जाता है.
पर जल्दी से वो अपना हाथ हटा लेती है पर मनीष की नजर से ये बात बच नहीं पाती.
दिव्या: ओह माय गॉड. ये तो तुम्हारी सिस्टर रूचि है न.
मनीष: हाँ मैम और इसके होठों पर ये मेरा लंड है. अगर वो जाग जाती न तो आज मेरा आखिरी दिन होता लेकिन आपको भरोसा दिलाने के लिए ये करना पड़ा.
दिव्या: तो क्या तुमने उसके मुंह में...
मनीष: नहीं नहीं मैम फिर तो पक्का उठ जाती. बस फोटो के लिए उसके होठो से छुआ दिया है. बस मैम अब तो अपनी चूत दिखा दो न.
दिव्या: मुझे लगा था की तुम ऐसा कुछ नहीं कर पाओगे इसीलिए बोल दिया था बस अब इसको यही ख़तम करो.
मनीष: कभी नहीं मैम. मुझसे ये सब करवा कर अब तो आपको नंगा होना ही पड़ेगा.
दिव्या: अच्छा लेकिन एक डेयर के लिए एक ही कपड़ा उतार सकती हूँ.
मनीष: नहीं नहीं मैम प्लीज ऐसा मत कीजिये.
दिव्या: चलो दो उतार देती हूँ.
दिव्या सीट से उठ कर पहले साड़ी उतार देती है फिर पेटीकोट का नाडा खोल देती है. पेटीकोट उसके पैरो में गिर जाता है तो वो अपने पैरो से पेटीकोट को दूर कर देती है. अब उसुसके शरीर पर सिर्फ एक पेंटी बची थी.
मनीष भी आह दिव्या मैम बोल कर अपना लंड हिलाने लगता है.
मनीष: मैम प्लीज पेंटी भी उतार दो न. अब और मत तडपाओ.
दिव्या: नहीं.
मनीष: कामोन मैम. आज तो मुझे देखनी ही है बस.
दिव्या: नहीं मनीष वो नहीं कर सकती.
मनीष: अरे आपके लिए अपनी दीदी के मुंह के पास लंड रखना पड़ा मुझे और आप इतना नहीं कर सकती मेरे लिए.
दिव्या: तुम सच में पागल हो. अगर तुम्हारी बहन जाग जाती तो तुमको पता चलता.
मनीष: एक बात बोलूं मैम.
दिव्या: बोलो.
मनीष: मेरे मन में कभी भी मेरी दीदी के लिए कुछ गलत नहीं था लेकिन मैम आज आपने मेरी ऐसी हालत की है की मेरा मन कर रहा था की लंड उसके मुंह में ही डाल दूं. मुझे उसमे भी आप ही दिख रही थी. काश उसकी जगह आप होती.
दिव्या: तो क्या करते?
मनीष: पहले तो आपकी चूत चाट चाट कर आपको मजा देता फिर...
दिव्या: फिर क्या करते?
मनीष: फिर अपने लंड की प्यास बुझाता आपकी चूत से.
मनीष की बातें सुन कर दिव्या का हाथ अपनी पेंटी पर आ जाता है.
पर जल्दी से वो अपना हाथ हटा लेती है पर मनीष की नजर से ये बात बच नहीं पाती.