मनीष को लगा था की दिव्या उसके चक्कर में आ गयी है. उसे उम्मीद नहीं थी की वो उसको ऐसे जाने को कह देगी लेकिन जब तक दिव्या उसको अपनी चूत का जायका चखा नहीं देती तब तक वो उसको नाराज़ करने का रिस्क नहीं ले सकता था तो वो चुपचाप वहां से निकल जाता है. थोड़ी देर इंतज़ार करने के बाद दिव्या सलमान को फ़ोन करके पेपर मिलने की बात बताती है.
सलमान: आप रूम पर आ जाइये न मैडम.
दिव्या: मेरे आने की कोई जरूरत नहीं है सलमान. पेपर मेरे फोन में हैं. तुम्हारा कोई व्हात्सप्प नंबर हो तो बोल दो.
सलमान: आप तो जानती ही हैं की मेरे पास स्मार्ट फोन नहीं है.
दिव्या: ओहो तो फिर कैसे लोगे. एक काम करना तुम रात को घर से ले लेना. मैं पेन ड्राइव में डाल दूँगी.
सलमान: अरे आपके घर आने से कर्नल साब मना करते है तो आप मेरे लैपटॉप में डाल दीजिये न.
दिव्या: हैं तुम्हारे पास लैपटॉप है?
सलमान: मेरा नहीं है वो प्रिंसिपल साहब ने अपने लिए नया ले लिया तो पुराना हमको दे दिया था. हम कभी कभी उसमे फिल्म देख लेते है.
दिव्या को वैसे तो सलमान ने काफी मजे दिए थे लेकिन अब वो ये सब ख़तम करना चाहती थी और सलमान के कमरे में जाने का मतलब वो अच्छे से जानती थी. लेकिन अब मजबूरी में दिव्या को सलमान के कमरे में जाना पड़ता है. वो फटाफट फोन को लैपटॉप से जोडती है और पेपर्स ट्रान्सफर कर देती है.
दिव्या: अब मैं चलती हूँ सलमान. उम्मीद है की तुम अपना वादा निभाओगे और अब मुझे परेशान नहीं करोगे.
सलमान: हाँ मैडम लेकिन इतनी जल्दी क्या है. आज तो आप हमसे आखिरी बार मिल रही है. थोड़ी देर तो रुकिए न हमारे साथ.
दिव्या: नहीं सलमान. तुम पहले ही मुझको बहुत धोखा दे चुके हो.
सलमान: अरे क्या कह रही है मैडम? मैंने आपको कब धोखा दिया?
दिव्या: क्यों? तुमने तो बोला था की तुम्हारी बीवी मर गयी है और वो गाँव में सही सलामत है और तुम्हारे बच्चे की माँ बनने वाली है.
Adultery दिव्या का सफ़र
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
सलमान: बस इसीलिए गुस्सा है. अच्छा बताइए की क्या आपको हमसे शादी करनी है क्या? अगर करनी है तो बोलिए हम आज ही अपनी बीवी को छोड़ देंगे.
दिव्या: छी...
सलमान: इसमें छी वाली क्या बात है. अरे जब आपको शादी नहीं करनी हमसे तो हमारी बीवी जिन्दा हो न हो आपको क्या फर्क पड़ता है. आप तो बस मजे लो.
इतना कह कर सलमान दिव्या के पास चला जाता है. दिव्या उसे अपने करीब आता देख दूसरी तरफ़ घूम जाती है पर सलमान अपने कदम नहीं रोकता और दिव्या को पीछे से जकड लेता है.
सलमान: प्लीज मैडम थोड़ी देर तो रुको न. फिर तो आप मेरी तरफ से फ्री ही हो.
दिव्या: नहीं सलमान अब ये सब नहीं.
सलमान: क्या नहीं मैडम?
इतना बोल कर सलमान अपना खड़ा लंड दिव्या की गांड में धंसा देता है. दिव्या आगे होना चाहती है लेकिन सलमान उसके मम्मो को पकड़ कर उसे अपने से सटा लेता है.
दिव्या: मैंने तुम्हारी शर्त पूरी कर दी है सलमान. अब तुम ये सब नहीं कर सकते.
सलमान: मैं फिर आपको कभी परेशान नहीं करूंगा मैडम लेकिन आज आखिरी बार तो आपको कोरा नहीं जाने दूंगा.
दिव्या: उफ्फ्फ क्या चाहते हो आखिर?
सलमान: बस थोड़ी देर चैन से आपके साथ सोना चाहता हूँ. इसमें तो कुछ बुरा भी नहीं है.
दिव्या: लेकिन मुझे घर जाना है.
सलमान: अरे मैडम घर में कौन सा आपका पति आपका इंतज़ार कर रहा है. कुछ देर मेरे साथ लेट लीजिये फिर चली जाना.
दिव्या को अपनी जगह से हिलता न देख कर सलमान उसकी साड़ी का पल्लू खींच देता है.
दिव्या: अरे अरे ये क्या कर रहे हो. छोड़ो.
सलमान: अब आप मान ही नहीं रही मेरे साथ थोड़ी देर लेटने के लिए तो मैं फिर अपने दिल की करता हूँ.
दिव्या: छी...
सलमान: इसमें छी वाली क्या बात है. अरे जब आपको शादी नहीं करनी हमसे तो हमारी बीवी जिन्दा हो न हो आपको क्या फर्क पड़ता है. आप तो बस मजे लो.
इतना कह कर सलमान दिव्या के पास चला जाता है. दिव्या उसे अपने करीब आता देख दूसरी तरफ़ घूम जाती है पर सलमान अपने कदम नहीं रोकता और दिव्या को पीछे से जकड लेता है.
सलमान: प्लीज मैडम थोड़ी देर तो रुको न. फिर तो आप मेरी तरफ से फ्री ही हो.
दिव्या: नहीं सलमान अब ये सब नहीं.
सलमान: क्या नहीं मैडम?
इतना बोल कर सलमान अपना खड़ा लंड दिव्या की गांड में धंसा देता है. दिव्या आगे होना चाहती है लेकिन सलमान उसके मम्मो को पकड़ कर उसे अपने से सटा लेता है.
दिव्या: मैंने तुम्हारी शर्त पूरी कर दी है सलमान. अब तुम ये सब नहीं कर सकते.
सलमान: मैं फिर आपको कभी परेशान नहीं करूंगा मैडम लेकिन आज आखिरी बार तो आपको कोरा नहीं जाने दूंगा.
दिव्या: उफ्फ्फ क्या चाहते हो आखिर?
सलमान: बस थोड़ी देर चैन से आपके साथ सोना चाहता हूँ. इसमें तो कुछ बुरा भी नहीं है.
दिव्या: लेकिन मुझे घर जाना है.
सलमान: अरे मैडम घर में कौन सा आपका पति आपका इंतज़ार कर रहा है. कुछ देर मेरे साथ लेट लीजिये फिर चली जाना.
दिव्या को अपनी जगह से हिलता न देख कर सलमान उसकी साड़ी का पल्लू खींच देता है.
दिव्या: अरे अरे ये क्या कर रहे हो. छोड़ो.
सलमान: अब आप मान ही नहीं रही मेरे साथ थोड़ी देर लेटने के लिए तो मैं फिर अपने दिल की करता हूँ.
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
दुसरे ही पल दिव्या की साड़ी उसके बदन से अलग होने लगती है. दिव्या चुपचाप जाकर बेड पर बैठ जाती है और सलमान से अपनी साड़ी मांगती है. सलमान उसके पास आता है और उसके ब्लाउज से झांकते क्लीवेज को देखने लगता है. दिव्या अपने हाथ से अपने मम्मे ढक लेती है और फिर से साड़ी वापस मांगती है. सलमान उसकी साड़ी को नीचे फेंक देता है और उसके हाथों को उसके मम्मो से हटा देता है.
सलमान: ऐसे क्या शर्मा रही हो मैडम जैसे मैंने आपको कभी नंगा नहीं देखा है. न जाने कितनी बार इसी कमरे में मुझसे चुदी हो और फिर भी नखरे कर रही हो.
दिव्या: मैं तुम्हारी बात मान तो रही हूँ. लेट तो रही हूँ तुम्हारे साथ फिर भी तुम...
सलमान दिव्या को पकड़ कर बेड पर लेट जाता है और उसे अपने से चिपका लेता है. सलमान का खड़ा लंड दिव्या को चुभने लगता है और सलमान उसे दिव्या की जांघो से रगड़ने लगता है. दिव्या की चूत गीली हुए बिना नहीं रह पाती.
सलमान धीरे धीरे अपने लंड की मूवमेंट और बढ़ा देता है तो दिव्या की सांसे तेज़ होने लगती हैं. फिर वो अपना हाथ दिव्या के पेट पर रख कर उसे अपनी तरफ पलट लेता है.
दिव्या थोडा विरोध करती है पर सलमान अपने हाथ दिव्या के मम्मों पर लेजाकर उन्हें अपने हाथ में भर लेता है और उसके कानों में फुसफुसाता है.
सलमान: अफ़सोस की इस गदराये बदन को आज के बाद मैं भोग नहीं पाउँगा लेकिन आप भी मेरे लंड के लिए तरसोगी मैडम.
ये बोल कर सलमान दिव्या के निप्पल मसलने लगता है. दिव्या अपने ताने हुए निप्पलों को सलमान से बचाने के लिए पेट के बल लेट जाती है तो सलमान उसकी पीठ और कमर पर चुम्बनों की बौछार कर देता है और फिर उसके ऊपर लेट कर अपना लंड उसकी गांड में रगड़ने लगता है.
सलमान: क्यों तरस रही हो मेरी जान. अब मान भी जाओ. फिर कभी तो मिलोगी नहीं मुझे लेकिन आज तो प्यास बुझा लेने दो न.
सलमान फिर दिव्या को अपनी तरफ घुमाने की कोशिश करता है और इस बार दिव्या बिना किसी विरोध के घूम जाती है. दिव्या के घूमते ही सलमान उसके होठो पर झपट पड़ता है.
सलमान दिव्या के मुंह के कोने कोने में अपनी जीभ ले जाकर उसके मुंह को चूसता है और अपने लंड को उसकी चूत के ऊपर रगड़ता रहता है. दिव्या भी रह पाती और उअप्नी चूत उठा कर सलमान के लंड से रगड़ने लगती है. सलमान धीरे धीरे दिव्या के बदन को चूमते हुए नीचे की तरफ बढ़ता है.
और अपना हाथ दिव्या के पेटीकोट में डाल कर उसकी पेंटी नीचे खींच देता है. फिर वो दिव्या के मम्मों को ब्लाउज से आजाद कर ऊपर की तरफ निकाल देता है और उसकी टांगो के बीच जगह बना लेता है.
सलमान: ऐसे क्या शर्मा रही हो मैडम जैसे मैंने आपको कभी नंगा नहीं देखा है. न जाने कितनी बार इसी कमरे में मुझसे चुदी हो और फिर भी नखरे कर रही हो.
दिव्या: मैं तुम्हारी बात मान तो रही हूँ. लेट तो रही हूँ तुम्हारे साथ फिर भी तुम...
सलमान दिव्या को पकड़ कर बेड पर लेट जाता है और उसे अपने से चिपका लेता है. सलमान का खड़ा लंड दिव्या को चुभने लगता है और सलमान उसे दिव्या की जांघो से रगड़ने लगता है. दिव्या की चूत गीली हुए बिना नहीं रह पाती.
सलमान धीरे धीरे अपने लंड की मूवमेंट और बढ़ा देता है तो दिव्या की सांसे तेज़ होने लगती हैं. फिर वो अपना हाथ दिव्या के पेट पर रख कर उसे अपनी तरफ पलट लेता है.
दिव्या थोडा विरोध करती है पर सलमान अपने हाथ दिव्या के मम्मों पर लेजाकर उन्हें अपने हाथ में भर लेता है और उसके कानों में फुसफुसाता है.
सलमान: अफ़सोस की इस गदराये बदन को आज के बाद मैं भोग नहीं पाउँगा लेकिन आप भी मेरे लंड के लिए तरसोगी मैडम.
ये बोल कर सलमान दिव्या के निप्पल मसलने लगता है. दिव्या अपने ताने हुए निप्पलों को सलमान से बचाने के लिए पेट के बल लेट जाती है तो सलमान उसकी पीठ और कमर पर चुम्बनों की बौछार कर देता है और फिर उसके ऊपर लेट कर अपना लंड उसकी गांड में रगड़ने लगता है.
सलमान: क्यों तरस रही हो मेरी जान. अब मान भी जाओ. फिर कभी तो मिलोगी नहीं मुझे लेकिन आज तो प्यास बुझा लेने दो न.
सलमान फिर दिव्या को अपनी तरफ घुमाने की कोशिश करता है और इस बार दिव्या बिना किसी विरोध के घूम जाती है. दिव्या के घूमते ही सलमान उसके होठो पर झपट पड़ता है.
सलमान दिव्या के मुंह के कोने कोने में अपनी जीभ ले जाकर उसके मुंह को चूसता है और अपने लंड को उसकी चूत के ऊपर रगड़ता रहता है. दिव्या भी रह पाती और उअप्नी चूत उठा कर सलमान के लंड से रगड़ने लगती है. सलमान धीरे धीरे दिव्या के बदन को चूमते हुए नीचे की तरफ बढ़ता है.
और अपना हाथ दिव्या के पेटीकोट में डाल कर उसकी पेंटी नीचे खींच देता है. फिर वो दिव्या के मम्मों को ब्लाउज से आजाद कर ऊपर की तरफ निकाल देता है और उसकी टांगो के बीच जगह बना लेता है.
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
दिव्या समझ जाती है की अब सलमान उसकी चूत चाटेगा और सलमान भी जानता है की चूत चाटते ही दिव्या एकदम मदहोश हो जाती है. सलमान दिव्या के पेटीकोट में मुंह जाता है और उसकी गर्म साँसे दिव्या की चूत पर पड़ने लगती हैं. दिव्या ने मन बना लिया था की आज वो आखिरी बार ही तो कर रही है और वैसे भी सलमान उसको बिना चोदे तो छोड़ेगा नहीं तो वो भी एन्जॉय करे.
आखिरकार सलमान अपना मुंह दिव्या की चूत पर लगा ही देता है. दिव्या भी आह भर कर अपनी कमर उठा देती है. दिव्या अपने हाथो को सलमान के कंधो पर रख कर रख देती है. कुछ ही देर में दिव्या मस्त हो जाती है और जोर से सिसकिया लेने लगती है.
अब सलमान उसकी चूत चाटना छोड़ कर बेड पर खड़ा हो जाता है और दिव्या के बाकी कपडे खोलने लगता है. कुछ ही पलों में दिव्या पूरी नंगी हो जाती है. सलमान अब दिव्या के टांगो के बीच में अपनी जगह बना कर उसके मम्मों को चाटना शुरू करता है.
सलमान का लंड अब दिव्या की जांघो से रगड़ रहा था जो दिव्या की लंड लेने की तड़प को और बढ़ा रहा था. दिव्या भी चाहती थी की अब सलमान उसकी चूत में लंड पेल दे लेकिन वो खुद तो ये बात सलमान से कह नहीं सकती थी. सलमान भी दिव्या को तरसाने में लगा था. दिव्या की मादक आवाजों से कमरा गूँज रहा था की तभी दरवाजा खुलने की आवाज आती है.
दिव्या: सलमान किसी ने दरवाजा खोला है अभी. कोई अन्दर आ रहा है.
सलमान: अरे वो मेरे काका होंगे. २-३ दिन पहले गाँव से आये है. किसी से मिलने गए थे अब लौटें होंगे.
दिव्या: हटो मेरे ऊपर से वरना वो मुझे ऐसे देख लेंगे.
तभी काका अन्दर आ जाते हैं. दिव्या अपने हाथ से अपना मुंह छुपा लेती है.
काका: अरे आज फिर किस रांड को ले आया. तू सुधरेगा नहीं.
सलमान: अरे काका यही तो उम्र है मेरी ये सब करने की वरना बुढ़ापे में आपकी तरह हो जाऊंगा.
काका: अबे अब भी मैं अगर अपनी पर आ जाऊ तो अच्छी खेली खाई औरतें भी पनाह मांगती है लेकिन मैं तेरी तरह रंडीबाज नहीं हूँ. बीवी को गाँव में छोड़ रखा है और यहाँ रोज रंडिया ला रहा है.
सलमान: अच्छा अब तुम जरा बाहर जाओ. ये तुमसे शर्मा रही है.
काका: हैं रंडिया कब से शर्माने लगी.
सलमान: अरे ये कोई रंडी नहीं है.
काका: अच्छा! तो फिर किसे लाया है. पूरे कमरे में इसके कपडे बिखेर रखे हैं.
सलमान: क्या करना आपको जान कर. बस आधे घंटे के लिए बाहर जाओ न.
काका: अगर कोई अच्छे घर की औरत हुई तो मैं भी कुछ कर लूँगा. बता न कौन है?
सलमान: ये मैं नहीं बोल सकता की ये कौन है बस रंडी नहीं है.
काका: इसकी पेंटी की खुशबु से तो मेरे लंड में हलचल मच गयी है. एक बार चेहरा दिखा न इसका.
इतना कह कर काका बेड के पास आने लगता है.
आखिरकार सलमान अपना मुंह दिव्या की चूत पर लगा ही देता है. दिव्या भी आह भर कर अपनी कमर उठा देती है. दिव्या अपने हाथो को सलमान के कंधो पर रख कर रख देती है. कुछ ही देर में दिव्या मस्त हो जाती है और जोर से सिसकिया लेने लगती है.
अब सलमान उसकी चूत चाटना छोड़ कर बेड पर खड़ा हो जाता है और दिव्या के बाकी कपडे खोलने लगता है. कुछ ही पलों में दिव्या पूरी नंगी हो जाती है. सलमान अब दिव्या के टांगो के बीच में अपनी जगह बना कर उसके मम्मों को चाटना शुरू करता है.
सलमान का लंड अब दिव्या की जांघो से रगड़ रहा था जो दिव्या की लंड लेने की तड़प को और बढ़ा रहा था. दिव्या भी चाहती थी की अब सलमान उसकी चूत में लंड पेल दे लेकिन वो खुद तो ये बात सलमान से कह नहीं सकती थी. सलमान भी दिव्या को तरसाने में लगा था. दिव्या की मादक आवाजों से कमरा गूँज रहा था की तभी दरवाजा खुलने की आवाज आती है.
दिव्या: सलमान किसी ने दरवाजा खोला है अभी. कोई अन्दर आ रहा है.
सलमान: अरे वो मेरे काका होंगे. २-३ दिन पहले गाँव से आये है. किसी से मिलने गए थे अब लौटें होंगे.
दिव्या: हटो मेरे ऊपर से वरना वो मुझे ऐसे देख लेंगे.
तभी काका अन्दर आ जाते हैं. दिव्या अपने हाथ से अपना मुंह छुपा लेती है.
काका: अरे आज फिर किस रांड को ले आया. तू सुधरेगा नहीं.
सलमान: अरे काका यही तो उम्र है मेरी ये सब करने की वरना बुढ़ापे में आपकी तरह हो जाऊंगा.
काका: अबे अब भी मैं अगर अपनी पर आ जाऊ तो अच्छी खेली खाई औरतें भी पनाह मांगती है लेकिन मैं तेरी तरह रंडीबाज नहीं हूँ. बीवी को गाँव में छोड़ रखा है और यहाँ रोज रंडिया ला रहा है.
सलमान: अच्छा अब तुम जरा बाहर जाओ. ये तुमसे शर्मा रही है.
काका: हैं रंडिया कब से शर्माने लगी.
सलमान: अरे ये कोई रंडी नहीं है.
काका: अच्छा! तो फिर किसे लाया है. पूरे कमरे में इसके कपडे बिखेर रखे हैं.
सलमान: क्या करना आपको जान कर. बस आधे घंटे के लिए बाहर जाओ न.
काका: अगर कोई अच्छे घर की औरत हुई तो मैं भी कुछ कर लूँगा. बता न कौन है?
सलमान: ये मैं नहीं बोल सकता की ये कौन है बस रंडी नहीं है.
काका: इसकी पेंटी की खुशबु से तो मेरे लंड में हलचल मच गयी है. एक बार चेहरा दिखा न इसका.
इतना कह कर काका बेड के पास आने लगता है.
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
दिव्या (धीरे से): सलमान रोको न उसे.
सलमान: अरे वही रुको काका. मैडम नहीं चाहती की तुम उनका चेहरा देखो. तुम एक काम करो. लाइट बंद करके इनको छू कर देख सकते हो.
दिव्या ये सुन कर सलमान को जोर से नोचती है और उसे ऐसा न करने का इशारा करती है लेकिन तब तक काका लाइट बंद करके बेड के पास आ जाता है.
काका: अरे तू खुद इसके ऊपर लदा है तो मैंने कैसे छू कर देखूं इसे. जरा हट न.
सलमान को दिव्या को इस तरह फंसा कर मजा आने लगता है. वो फट से दिव्या के ऊपर से हट जाता है. दिव्या उठने लगती है लेकिन तब तक काका उसको पकड़ कर उसके ऊपर लेट जाता है. लाइट बंद होने के बाद भी कमरे में इतनी रौशनी थी की वो एक दुसरे को देख सकते थे और दिव्या का गोरा बदन तो जैसे अलग ही चमक रहा था. काका के अपने ऊपर आते ही दिव्या काँप उठती है लेकिन वो कुछ कर नहीं पाती और काका उसके एक मम्मे को अपने मुंह में भर लेता है.
काका: शादीशुदा लगती है तू तो.
दिव्या कुछ नहीं कहती तो काका उसके निप्पल को जोर से काट लेता है जिससे वो चिल्ला उठती है.
काका: कुछ पूँछ रहा हूँ न. फ़ौरन जवाब दिया कर.
दिव्या: हाँ शादीशुदा हूँ.
काका: मम्मे छू कर ही पता चल गया था . तो तेरे खसम का लंड पूरा नहीं पड़ता तुझे जो मेरे भतीजे को फंसा रखा है तूने.
काका के सवाल से दिव्या शर्मसार हो जाती है. दिव्या को कुछ न कहता देख काका वापस उसका निप्पल भींचने लगता है तो दिव्या फ़ौरन बोल पड़ती है.
दिव्या: ऐसा कुछ नहीं है.
काका: फिर यहाँ क्यों चुदने आई है.
दिव्या: मैं किसी और काम से आई थी तो सलमान ने जबरदस्ती मुझे पकड़ लिया.
काका: साली अपनी जवानी में तेरी जैसी कई शरीफ लौंडियाँ चोदी हैं. मुझे पढ़ा रही है. चल जरा होठ चूसने दे.
काका दिव्या के होठो को चूमने की कोशिश करता है लेकिन उसके मुंह से बीड़ी की तेज़ बदबू आ रही थी. एक तो वो एकदम काला कलूटा था और ऊपर से वो पूरा पसीने में भीगा हुआ था. दिव्या अपना मुंह नहीं खोलती. उसको सलमान पर काफी गुस्सा आ रहा था लेकिन सलमान पास बैठ कर इस सबका मजा ले रहा था.
दिव्या के मुंह न खोलने पर काका उसके कान में फुसफुसाता है.
काका: मुंह खोल दे रांड वरना लाइट खोल दूंगा. फिर देखना क्या क्या करूंगा तेरे साथ.
सलमान: अरे वही रुको काका. मैडम नहीं चाहती की तुम उनका चेहरा देखो. तुम एक काम करो. लाइट बंद करके इनको छू कर देख सकते हो.
दिव्या ये सुन कर सलमान को जोर से नोचती है और उसे ऐसा न करने का इशारा करती है लेकिन तब तक काका लाइट बंद करके बेड के पास आ जाता है.
काका: अरे तू खुद इसके ऊपर लदा है तो मैंने कैसे छू कर देखूं इसे. जरा हट न.
सलमान को दिव्या को इस तरह फंसा कर मजा आने लगता है. वो फट से दिव्या के ऊपर से हट जाता है. दिव्या उठने लगती है लेकिन तब तक काका उसको पकड़ कर उसके ऊपर लेट जाता है. लाइट बंद होने के बाद भी कमरे में इतनी रौशनी थी की वो एक दुसरे को देख सकते थे और दिव्या का गोरा बदन तो जैसे अलग ही चमक रहा था. काका के अपने ऊपर आते ही दिव्या काँप उठती है लेकिन वो कुछ कर नहीं पाती और काका उसके एक मम्मे को अपने मुंह में भर लेता है.
काका: शादीशुदा लगती है तू तो.
दिव्या कुछ नहीं कहती तो काका उसके निप्पल को जोर से काट लेता है जिससे वो चिल्ला उठती है.
काका: कुछ पूँछ रहा हूँ न. फ़ौरन जवाब दिया कर.
दिव्या: हाँ शादीशुदा हूँ.
काका: मम्मे छू कर ही पता चल गया था . तो तेरे खसम का लंड पूरा नहीं पड़ता तुझे जो मेरे भतीजे को फंसा रखा है तूने.
काका के सवाल से दिव्या शर्मसार हो जाती है. दिव्या को कुछ न कहता देख काका वापस उसका निप्पल भींचने लगता है तो दिव्या फ़ौरन बोल पड़ती है.
दिव्या: ऐसा कुछ नहीं है.
काका: फिर यहाँ क्यों चुदने आई है.
दिव्या: मैं किसी और काम से आई थी तो सलमान ने जबरदस्ती मुझे पकड़ लिया.
काका: साली अपनी जवानी में तेरी जैसी कई शरीफ लौंडियाँ चोदी हैं. मुझे पढ़ा रही है. चल जरा होठ चूसने दे.
काका दिव्या के होठो को चूमने की कोशिश करता है लेकिन उसके मुंह से बीड़ी की तेज़ बदबू आ रही थी. एक तो वो एकदम काला कलूटा था और ऊपर से वो पूरा पसीने में भीगा हुआ था. दिव्या अपना मुंह नहीं खोलती. उसको सलमान पर काफी गुस्सा आ रहा था लेकिन सलमान पास बैठ कर इस सबका मजा ले रहा था.
दिव्या के मुंह न खोलने पर काका उसके कान में फुसफुसाता है.
काका: मुंह खोल दे रांड वरना लाइट खोल दूंगा. फिर देखना क्या क्या करूंगा तेरे साथ.