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Adultery दिव्या का सफ़र
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
Thriller इंसाफ Running....बहुरुपिया शिकारी Running....
गुजारिश Running....वासना की मारी औरत की दबी हुई वासना Running....वर्दी वाला गुण्डा / वेदप्रकाश शर्मा ....
प्रीत की ख्वाहिश ....अचूक अपराध ( परफैक्ट जुर्म ) ....
कमसिन बहन .... साँझा बिस्तर साँझा बीबियाँ.... द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A tell of Tilism}by rocksanna .... अनौखी दुनियाँ चूत लंड की .......क़त्ल एक हसीना का
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
सलमान के जाने के थोड़ी देर बाद दिव्या को बोलता है की प्रिसिपल साहब ने आपको ऑफिस में बुलाया है. दिव्या जानती है की अब मदन की हिम्मत नहीं होगी उससे बदतमीज़ी करने की तो वो प्रिसिपल ऑफिस में पहुँच जाती है.
मदन: आइये दिव्या जी. बैठिये प्लीज.
दिव्या: जी सर बताइए आपने क्यों बुलाया है.
मदन: दिव्या जी सबसे पहले तो मैं उस दिन के लिए आपसे माफ़ी मांगना चाहता हूँ. पता नहीं कैसे उस दिन मैं बहक गया और आपके साथ...
दिव्या: कोई बात नहीं सर. आपको अपनी गलती का एहसास हुआ यही सबसे अच्छी बात है.
मदन: आपसे एक रिक्वेस्ट है दिव्या जी.
दिव्या: जी बताइए सर.
मदन: आपका प्रमोशन हुआ है, सैलरी भी बढ़ गयी है तो थोड़ी एक्स्ट्रा जिम्मेदारी आपको देना चाहता हूँ. उम्मीद है आप बुरा नहीं मानेगी.
दिव्या: नहीं नहीं सर आप बताइए क्या करना है.
मदन: आपको नौवी और ग्यारहवी के बच्चो के असाइनमेंट देख कर तय करना होगा की किन बच्चो को इस बार स्कॉलरशिप देनी है. ये काम तो आज से ही शुरू कर दीजिये. हम आलरेडी लेट हैं. और दूसरा काम है फाइनल एग्जाम के पेपर सेट करना. आप बाकी टीचर्स से बात करके पेपर्स के लिए क्वेश्चन सेलेक्ट कर लीजिये. मैं बाद में उनको शोर्टलिस्ट करके प्रिंट करवा लूँगा. आपको कोई दिक्कत तो नहीं है न.
दिव्या: नहीं सर. इसमें दिक्कत की क्या बात है.
मदन: ठीक है दिव्या जी. ये बच्चो के असाइनमेंट रखे है. ले जाकर देख लीजिये और कल मुझे रिपोर्ट दे दीजिये.
दिव्या: ओके सर.
दिव्या असाइनमेंट पेपर्स लेकर स्टाफ रूम में आ जाती है और उन्हें चेक करने लगती है. स्कूल की छुट्टी कब हो जाती है उसे पता ही नहीं चलता. वो तो कल प्रिंसिपल को रिपोर्ट देने के लिए काफी देर तक पेपर्स देखती रहती है. धीरे धीरे सारे टीचर्स निकल जाते है और स्कूल खाली हो जाता है.
रिपोर्ट बनाकर दिव्या पेपर्स लाकर में रखती है और वाशरूम चली जाती है. सलमान इसी मौके की ताक में था. वो भी दिव्या के पीछे वाशरूम में घुस जाता है और दिव्या को पकड़ लेता है.
सलमान: बहुत दिन बाद मिली हो जानेमन.
दिव्या: पागल हो क्या सलमान. कोई आ जायेगा.
सलमान: तो चलो फिर मेरे रूम में चलो.
दिव्या: आज नहीं सलमान. आज मुझे जाने दो. अगर किसी ने देख लिया तो बड़ी बदनामी हो जाएगी.
दिव्या सलमान को समझाने की कोशिश करती है.
मदन: आइये दिव्या जी. बैठिये प्लीज.
दिव्या: जी सर बताइए आपने क्यों बुलाया है.
मदन: दिव्या जी सबसे पहले तो मैं उस दिन के लिए आपसे माफ़ी मांगना चाहता हूँ. पता नहीं कैसे उस दिन मैं बहक गया और आपके साथ...
दिव्या: कोई बात नहीं सर. आपको अपनी गलती का एहसास हुआ यही सबसे अच्छी बात है.
मदन: आपसे एक रिक्वेस्ट है दिव्या जी.
दिव्या: जी बताइए सर.
मदन: आपका प्रमोशन हुआ है, सैलरी भी बढ़ गयी है तो थोड़ी एक्स्ट्रा जिम्मेदारी आपको देना चाहता हूँ. उम्मीद है आप बुरा नहीं मानेगी.
दिव्या: नहीं नहीं सर आप बताइए क्या करना है.
मदन: आपको नौवी और ग्यारहवी के बच्चो के असाइनमेंट देख कर तय करना होगा की किन बच्चो को इस बार स्कॉलरशिप देनी है. ये काम तो आज से ही शुरू कर दीजिये. हम आलरेडी लेट हैं. और दूसरा काम है फाइनल एग्जाम के पेपर सेट करना. आप बाकी टीचर्स से बात करके पेपर्स के लिए क्वेश्चन सेलेक्ट कर लीजिये. मैं बाद में उनको शोर्टलिस्ट करके प्रिंट करवा लूँगा. आपको कोई दिक्कत तो नहीं है न.
दिव्या: नहीं सर. इसमें दिक्कत की क्या बात है.
मदन: ठीक है दिव्या जी. ये बच्चो के असाइनमेंट रखे है. ले जाकर देख लीजिये और कल मुझे रिपोर्ट दे दीजिये.
दिव्या: ओके सर.
दिव्या असाइनमेंट पेपर्स लेकर स्टाफ रूम में आ जाती है और उन्हें चेक करने लगती है. स्कूल की छुट्टी कब हो जाती है उसे पता ही नहीं चलता. वो तो कल प्रिंसिपल को रिपोर्ट देने के लिए काफी देर तक पेपर्स देखती रहती है. धीरे धीरे सारे टीचर्स निकल जाते है और स्कूल खाली हो जाता है.
रिपोर्ट बनाकर दिव्या पेपर्स लाकर में रखती है और वाशरूम चली जाती है. सलमान इसी मौके की ताक में था. वो भी दिव्या के पीछे वाशरूम में घुस जाता है और दिव्या को पकड़ लेता है.
सलमान: बहुत दिन बाद मिली हो जानेमन.
दिव्या: पागल हो क्या सलमान. कोई आ जायेगा.
सलमान: तो चलो फिर मेरे रूम में चलो.
दिव्या: आज नहीं सलमान. आज मुझे जाने दो. अगर किसी ने देख लिया तो बड़ी बदनामी हो जाएगी.
दिव्या सलमान को समझाने की कोशिश करती है.
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
सलमान: मुझे कुछ नहीं पता. या तो रूम में चलो या मैं यही आपको चोदूंगा.
सलमान दिव्या को अपनी तरफ खींच कर उसके होठो को चूमने लगता है. दिव्या हल्का विरोध करती है लेकिन सलमान उसका पल्लू नीचे गिरा देता है.
दिव्या सलमान को धक्का दे देती है. सलमान दिव्या को छोड़ देता है.
दिव्या: अरे वाशरूम में कोई भी आ सकता है सलमान और मुझे आज काम करते करते बहुत देर हो गयी है. प्लीज आज मुझे जाने दो.
सलमान: अच्छा एक शर्त पर जाने दे सकता हूँ.
दिव्या: कैसी शर्त?
सलमान: सुना है फाइनल के पेपर्स आप डेट करेंगी.
दिव्या: नहीं नहीं. मैं सिर्फ सैंपल बनाउंगी बाकी तो मदन सर करेंगे.
सलमान: तो जो पेपर मदन सर फाइनल करेंगे उसकी एक कॉपी मुझे चाहिए.
दिव्या: ये मैं कैसे कर सकती हूँ.
सलमान: सोच लो मैडम. अगर पेपर्स दे दिए तो फिर जिंदगी में कभी आपको परेशान नहीं करूंगा.
दिव्या: लेकिन फाइनल पेपर्स तो मदन सर को ही पता होंगे.
सलमान: ये सब मैं नहीं जानता. अगर मुझसे पीछा छुड़ाना है तो ये तो करना ही होगा.
दिव्या: मुझे सोचने का टाइम तो दो.
सलमान: तो आप सोचो और मैं अपना काम करता हूँ.
सलमान फिर से दिव्या को पकड़ कर चूमाचाटी करने लगता है.
दिव्या: ओफ्फो सलमान. छोडो मुझे. मैं पूरी कोशिश करूंगी.
सलमान: जब तक प्रॉमिस नहीं करती तब तक नहीं छोड़ सकता. चलो रूम में न सही बगल वाली क्लास में चलो.
सलमान दिव्या को पकड़ कर बगल की क्लास में ले जाकर दरवाजा बंद कर लेता है.
सलमान दिव्या को अपनी तरफ खींच कर उसके होठो को चूमने लगता है. दिव्या हल्का विरोध करती है लेकिन सलमान उसका पल्लू नीचे गिरा देता है.
दिव्या सलमान को धक्का दे देती है. सलमान दिव्या को छोड़ देता है.
दिव्या: अरे वाशरूम में कोई भी आ सकता है सलमान और मुझे आज काम करते करते बहुत देर हो गयी है. प्लीज आज मुझे जाने दो.
सलमान: अच्छा एक शर्त पर जाने दे सकता हूँ.
दिव्या: कैसी शर्त?
सलमान: सुना है फाइनल के पेपर्स आप डेट करेंगी.
दिव्या: नहीं नहीं. मैं सिर्फ सैंपल बनाउंगी बाकी तो मदन सर करेंगे.
सलमान: तो जो पेपर मदन सर फाइनल करेंगे उसकी एक कॉपी मुझे चाहिए.
दिव्या: ये मैं कैसे कर सकती हूँ.
सलमान: सोच लो मैडम. अगर पेपर्स दे दिए तो फिर जिंदगी में कभी आपको परेशान नहीं करूंगा.
दिव्या: लेकिन फाइनल पेपर्स तो मदन सर को ही पता होंगे.
सलमान: ये सब मैं नहीं जानता. अगर मुझसे पीछा छुड़ाना है तो ये तो करना ही होगा.
दिव्या: मुझे सोचने का टाइम तो दो.
सलमान: तो आप सोचो और मैं अपना काम करता हूँ.
सलमान फिर से दिव्या को पकड़ कर चूमाचाटी करने लगता है.
दिव्या: ओफ्फो सलमान. छोडो मुझे. मैं पूरी कोशिश करूंगी.
सलमान: जब तक प्रॉमिस नहीं करती तब तक नहीं छोड़ सकता. चलो रूम में न सही बगल वाली क्लास में चलो.
सलमान दिव्या को पकड़ कर बगल की क्लास में ले जाकर दरवाजा बंद कर लेता है.
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
दिव्या: प्लीज सलमान. आज रहने दो. किसी को शक हो जायेगा.
सलमान: आप ज्यादा आवाज न करना. सारे क्लास तो बंद है. किसी को क्या पता चलेगा.
सलमान दिव्या को दीवार से चिपका कर उसका बदन चूमने लगता है.
दिव्या के मम्मे सलमान के सीने में धंस जाते है. सलमान लगातार अपना लंड दिव्या की चूत में रगड़ कर उसे गरम करने की कोशिश करता है और अब दिव्या भी ज्यादा विरोध करने की स्तिथि में नहीं रहती पर फिर भी वो सलमान को मना करती है.
दिव्या: अह्ह्ह सलमान प्लीज समझो न. जो तुम कह रहे हो वो मैं करने की कोशिश करूंगी लेकिन अभी मुझे जाने दो.
सलमान: अब तो मुश्किल है मेरी जान. तेरी चूत भी तो गीली हो गयी है न.
सलमान दिव्या को डेस्क पर झुका देता है और उसकी साड़ी ऊपर उठा कर अपना लंड उसकी चूत पर टिका देता है. दिव्या घोड़ी की तरह खड़े हुए पीछे देखती है की आखिर सलमान लंड डाल क्यों नहीं रहा और दिव्या के पीछे देखते ही सलमान अपना लंड एक ही झटके में दिव्या की चूत में उतार देता है.
हर झटके के साथ दिव्या आहें भरती रहती है और चुदाई का आनंद लेती है. दिव्या भी ऐसी चुदाई के लिए तड़प रही थी जो राजेश उसे नहीं दे पाया था. अचानक सलमान दिव्या की चूत से लंड निकाल लेता है पर दिव्या उसी पोज़ में खड़ी रहती है.
दिव्या: रुक क्यों गए.
सलमान: देखना चाहता था की आप भी चुदाई चाहती हो या नहीं.
सलमान: आप ज्यादा आवाज न करना. सारे क्लास तो बंद है. किसी को क्या पता चलेगा.
सलमान दिव्या को दीवार से चिपका कर उसका बदन चूमने लगता है.
दिव्या के मम्मे सलमान के सीने में धंस जाते है. सलमान लगातार अपना लंड दिव्या की चूत में रगड़ कर उसे गरम करने की कोशिश करता है और अब दिव्या भी ज्यादा विरोध करने की स्तिथि में नहीं रहती पर फिर भी वो सलमान को मना करती है.
दिव्या: अह्ह्ह सलमान प्लीज समझो न. जो तुम कह रहे हो वो मैं करने की कोशिश करूंगी लेकिन अभी मुझे जाने दो.
सलमान: अब तो मुश्किल है मेरी जान. तेरी चूत भी तो गीली हो गयी है न.
सलमान दिव्या को डेस्क पर झुका देता है और उसकी साड़ी ऊपर उठा कर अपना लंड उसकी चूत पर टिका देता है. दिव्या घोड़ी की तरह खड़े हुए पीछे देखती है की आखिर सलमान लंड डाल क्यों नहीं रहा और दिव्या के पीछे देखते ही सलमान अपना लंड एक ही झटके में दिव्या की चूत में उतार देता है.
हर झटके के साथ दिव्या आहें भरती रहती है और चुदाई का आनंद लेती है. दिव्या भी ऐसी चुदाई के लिए तड़प रही थी जो राजेश उसे नहीं दे पाया था. अचानक सलमान दिव्या की चूत से लंड निकाल लेता है पर दिव्या उसी पोज़ में खड़ी रहती है.
दिव्या: रुक क्यों गए.
सलमान: देखना चाहता था की आप भी चुदाई चाहती हो या नहीं.
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
अब सलमान दिव्या को दीवार से सटा देता है और उसे ऊपर उठा कर उसकी चूत में लंड डाल कर उसे ठोकने लगता है. सलमान दिव्या की चूत में झटके मारते हुए अपने होठों को दिव्या की तरफ बढाता है और दिव्या उसके होठों को चूमने लगती है.
सलमान: आह मैडम ऐसे ही चूसो मेरे होठ.
इधर दिव्या सलमान की ताकत देख कर हैरान रह जाती है. जहाँ एक ओर राजेश शायद उसे सही से गोद में उठा भी नहीं सकता वही सलमान उसे दीवार में टांग कर उसकी धुवाधार चुदाई कर रहा था.
कुछ ही देर में दिव्या सलमान के लंड पर अपना ढेर सारा रस छोड़ देती है. सलमान भी कुछ देर बाद झड़ने लगता है.
चुदाई के बाद दिव्या अपने कपडे ठीक करती है और फर्श पर पड़ी अपनी पेंटी उठाने लगती है तो सलमान उस पर अपना पैर रख देता है.
सलमान: इसको तो मेरे पास ही रहने दो मेरी जान.
दिव्या: ओफ्फो तुमको पता भी है ये कितनी महंगी आती है. जब देखो रख लेते हो.
सलमान: तुम खामखाँ इसे पहनती हो. चूत को ओपन एक्सेस में रखा करो ताकि जब मेरा मन करे लंड पेल दिया करू.
दिव्या: बकवास न करो और ये मुझे वापस दो.
सलमान: चलो अगर अपना प्रॉमिस पूरा कर दो तो ये भी दे दूंगा और बाकी सारी भी वापस कर दूंगा. अब जाओ.
दिव्या बिना कुछ और कहे वहां से निकल जाती है. उसे ये देखकर सुकून मिलता है की स्कूल में कोई नहीं है. वो अपना सामान समेत कर घर के लिए निकलती है. जैसे ही वो गेट से बाहर आती है उसे मनीष मिल जाता है.
सलमान: आह मैडम ऐसे ही चूसो मेरे होठ.
इधर दिव्या सलमान की ताकत देख कर हैरान रह जाती है. जहाँ एक ओर राजेश शायद उसे सही से गोद में उठा भी नहीं सकता वही सलमान उसे दीवार में टांग कर उसकी धुवाधार चुदाई कर रहा था.
कुछ ही देर में दिव्या सलमान के लंड पर अपना ढेर सारा रस छोड़ देती है. सलमान भी कुछ देर बाद झड़ने लगता है.
चुदाई के बाद दिव्या अपने कपडे ठीक करती है और फर्श पर पड़ी अपनी पेंटी उठाने लगती है तो सलमान उस पर अपना पैर रख देता है.
सलमान: इसको तो मेरे पास ही रहने दो मेरी जान.
दिव्या: ओफ्फो तुमको पता भी है ये कितनी महंगी आती है. जब देखो रख लेते हो.
सलमान: तुम खामखाँ इसे पहनती हो. चूत को ओपन एक्सेस में रखा करो ताकि जब मेरा मन करे लंड पेल दिया करू.
दिव्या: बकवास न करो और ये मुझे वापस दो.
सलमान: चलो अगर अपना प्रॉमिस पूरा कर दो तो ये भी दे दूंगा और बाकी सारी भी वापस कर दूंगा. अब जाओ.
दिव्या बिना कुछ और कहे वहां से निकल जाती है. उसे ये देखकर सुकून मिलता है की स्कूल में कोई नहीं है. वो अपना सामान समेत कर घर के लिए निकलती है. जैसे ही वो गेट से बाहर आती है उसे मनीष मिल जाता है.