अगले दिन सुबह रेणुका उसको आवाज देती है की वो लोग निकल रहे हैं तो दिव्या बाहर आती है और चुपचाप जाकर कर्नल की गाडी में पीछे बैठ जाती है। पूरे रस्ते कर्नल उसे समझाने की कोशिश करता है की जो हुआ अच्छा हुआ है और राजेश का गुस्सा धीरे धीरे ठंडा हो जायेगा लेकिन दिव्या एक लफ्ज भी नहीं बोलती।
सोसाइटी पहुँच कर वो सीधा अपने फ्लैट पर जाती है लेकिन राजेश का यहाँ भी कोई पता नहीं था। राजेश अपने कपडे भी ले गया था। वो राजेश को कई बार फोन करती है लेकिन राजेश उसका फोन नहीं उठाता और उसका नंबर ब्लाक भी कर देता है।
करीब तीन महीने निकल जाते हैं पर राजेश दिव्या से कोई संपर्क नहीं करता और न ही दिव्या के फ़ोन या मेसेज का कोई जवाब देता है, इस बीच कर्नल दिव्या के पास अक्सर आ जाता है लेकिन अब दिव्या उसको घर में भी नहीं घुसने देती है। कर्नल इससे काफी परेशान था क्योंकि एक तरफ तो वो सोच रहा था की दिव्या पूरी तरह उसके चंगुल में फंस गयी है लेकिन राजेश के घर छोड़ कर जाने की वजह से उसका पूरा खेल ख़राब हो गया था।
उसने मदन से बचने के लिए स्कूल जाना भी बंद कर देती है और मनीष से भी अब वो चैट या फ़ोन पर बात नहीं करती। अब दिव्या को किसी चीज से कोई मतलब नहीं था, उसको तो बस राजेश का इंतज़ार था।
इसी बीच एक दिन सलमान उसके घर का दरवाजा खटखटाता है। दिव्या दरवाजा तो नहीं खोलती लेकिन अन्दर से पूछती है।
दिव्या: क्यों आये हो यहाँ। मुझे तुम लोगो से अब कोई वास्ता नहीं रखना।
सलमान: मैडम हम अपनी मर्जी से नहीं आये है। हमको पता है की आप परेशान है। भरी जवानी में किसी औरत का आदमी उसे छोड़ जाए तो तकलीफ तो होती है लेकिन नौकरी की मजबूरी में आना पड़ा। अब आप प्रिंसिपल साहब का फ़ोन भी तो नहीं उठा रही है तो उन्होंने सन्देश भिजवाया था की वो आपसे एक बार मिलना चाहते है और अगर आप न आई तो वो आपका विडियो...
सलमान आगे बोल भी नहीं पाया की तब तक बाहर से शोर होने लगा। दरअसल कर्नल ये सब बातें अपने फ्लैट से सुन रहा था और उसको लगा की दिव्या को हासिल करने का ये एकदम सही मौका है तो वो अब बाहर निकल आया था।
लाला: क्यों बे क्या बोल रहा है। तुझे मना किया था न की दिव्या मेमसाब के आस पास न दिखाई देना।
सलमान: नहीं नहीं कर्नल साहब वो प्रिंसिपल साहब ने बोला था की मैडम स्कूल आकर अपना हिसाब किताब कर ले तो यही बताने आया था।
लाला: सुन लिया मैंने की प्रिंसिपल ने क्या बोला है और सुन आज से तेरी नौकरी ख़तम। आगे से सोसाएटी में दिख भी गया न तो तेरी लाश भी नहीं मिलेगी।
सलमान: गलती हो गयी कर्नल साहब।
लाला: भाग जा मादरचोद वरना अभी यही मारना शुरू करूंगा।
सलमान समझ जाता है की इस सोसाइटी में उसके दिन पूरे हो गए हैं तो वो आगे बिना कुछ बोले वहां से चला जाता है।
लाला: दिव्या दरवाजा खोलो, मैं वादा करता हूँ की तुम्हे हाथ भी नहीं लगाऊंगा।
दिव्या न जाने क्या सोच कर दरवाजा खोल देती है और कर्नल अन्दर आ जाता है। आज करीब दो महीने बाद कर्नल दिव्या को देख रहा था, वो काफी बुरे हाल में थी। उसने एक साधारण सा ड्रेस पहना हुआ था और बिलकुल भी मेकअप नहीं किया था, उदासी उसके चेहरे से टपक रही थी और रो रो कर उसकी आंखे सूज चुकी थीं।
Adultery दिव्या का सफ़र
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
लाला: तुमने बताया क्यों नहीं की मदन तुम्हे ब्लैकमेल कर रहा है।
दिव्या: आपको बता कर क्या फायदा? आप भी तो वही कर रहे थे न।
लाला: फालतू बातें मत करो और बताओ की मदन ने क्या किया तुम्हारे साथ।
दिव्या धीरे धीरे कर्नल को सारी बात बता देती है। कर्नल सब कुछ सुन कर चुपचाप वहां से चला जाता है। दिव्या के घर से निकल कर वो सीधा दिव्या के स्कूल पहुँचता है। मदन को सलमान ने पहले ही सारी बात बता दी थी। वो डर ही रहा था की कर्नल कभी भी आ सकता है। कर्नल सीधा मदन के ऑफिस में घुस कर उसका गिरेबान पकड़ लेता है।
लाला: मादरचोद बोला था न की दिव्या मेरा माल है। उसकी तरफ देखना भी नहीं फिर भी तू बाज नहीं आया।
मदन: गलती हो गयी लाला भाई, बहुत भारी गलती हो गयी। मुझे माफ़ कर दो।
लाला: ये काम ऐसा नहीं है की तुझे माफ़ किया जाए।
मदन: इतने बरसो का साथ है लाला भाई। पहली बार आपका हुकुम नहीं माना है। प्लीज एक मौका और देकर देखो...
लाला: ठीक है तो सबसे पहले उस भडवे सलमान को नौकरी से निकाल दे।
मदन: बस इतनी बात। आपके कहने से रखा था आपके कहने से ही निकाल देता हूँ।
मदन फ़ौरन अकाउंट डिपार्टमेंट में फोन करके सलमान का हिसाब करने को कह देता है।
लाला: दिव्या ने इस्तीफा दे दिया है क्या?
मदन: जी लेकिन मैंने अभी मंजूर नहीं किया है।
लाला: गुड वो इस्तीफा मुझे वापस कर दो और उसको हर महीने उसकी सैलरी टाइम पर मिलती रहनी चाहिए लेकिन वो अब स्कूल नहीं आयेगी।
मदन: कोई बात नहीं, न आये। सैलरी टाइम पर बैंक में पहुँच जाएगी बल्कि मैं दस हजार बढ़ा भी देता हूँ।
लाला: और आखिरी बात। दिव्या के सारे वीडियोस मुझे दे दो और अपने पास से डिलीट कर दो।
मदन: बिलकुल मैं अभी देता हूँ।
मदन से सारे वीडियोस लेकर कर्नल बाहर निकलता है तो सलमान उसके पैरों में गिर जाता है।
सलमान: कर्नल साहब मेरे बीवी बच्चे भूखे मर जायेंगे। थोडा तो रहम दिखाइए।
कर्नल: ठीक है ठीक है। पैर छोड़ मेरे और फार्म हाउस पर चला जा। वही रह और फार्म हाउस की देखभाल कर और अभी चार छह महीने दिखना मत।
सलमान: बहुत मेहरबानी कर्नल साहब।
सलमान वहां से निकल जाता है और कर्नल घर पहुँच कर रेणुका के साथ दिव्या के पास जाता है।
कर्नल: ये लो दिव्या तुम्हरे सारे वीडियोस जो मदन के पास थे। अब उसके पास इनकी कोई कॉपी नहीं है। इनको डिस्ट्रॉय कर देना और ये रहा तुम्हारा इस्तीफा। मैं वापस ले आया हूँ।
दिव्या: ये आप वापस भिजवा दीजिये। मुझे अब वहां काम नहीं करना।
कर्नल: तुमको आज के बाद कभी वहां नहीं जाना है और कभी जाना भी चाहो तो जा सकती हो, मदन आज के बाद तुम्हारी तरफ आँख उठा कर भी नहीं देखेगा और सलमान को मैंने स्कूल से भी निकलवा दिया है। तुम्हारी सैलरी भी टाइम पर आती रहेगी।
दिव्या कुछ नहीं बोलती तो कर्नल रेणुका को दिव्या का ध्यान रखने को बोल कर अपने फ्लैट में चला जाता है।
दिव्या: आपको बता कर क्या फायदा? आप भी तो वही कर रहे थे न।
लाला: फालतू बातें मत करो और बताओ की मदन ने क्या किया तुम्हारे साथ।
दिव्या धीरे धीरे कर्नल को सारी बात बता देती है। कर्नल सब कुछ सुन कर चुपचाप वहां से चला जाता है। दिव्या के घर से निकल कर वो सीधा दिव्या के स्कूल पहुँचता है। मदन को सलमान ने पहले ही सारी बात बता दी थी। वो डर ही रहा था की कर्नल कभी भी आ सकता है। कर्नल सीधा मदन के ऑफिस में घुस कर उसका गिरेबान पकड़ लेता है।
लाला: मादरचोद बोला था न की दिव्या मेरा माल है। उसकी तरफ देखना भी नहीं फिर भी तू बाज नहीं आया।
मदन: गलती हो गयी लाला भाई, बहुत भारी गलती हो गयी। मुझे माफ़ कर दो।
लाला: ये काम ऐसा नहीं है की तुझे माफ़ किया जाए।
मदन: इतने बरसो का साथ है लाला भाई। पहली बार आपका हुकुम नहीं माना है। प्लीज एक मौका और देकर देखो...
लाला: ठीक है तो सबसे पहले उस भडवे सलमान को नौकरी से निकाल दे।
मदन: बस इतनी बात। आपके कहने से रखा था आपके कहने से ही निकाल देता हूँ।
मदन फ़ौरन अकाउंट डिपार्टमेंट में फोन करके सलमान का हिसाब करने को कह देता है।
लाला: दिव्या ने इस्तीफा दे दिया है क्या?
मदन: जी लेकिन मैंने अभी मंजूर नहीं किया है।
लाला: गुड वो इस्तीफा मुझे वापस कर दो और उसको हर महीने उसकी सैलरी टाइम पर मिलती रहनी चाहिए लेकिन वो अब स्कूल नहीं आयेगी।
मदन: कोई बात नहीं, न आये। सैलरी टाइम पर बैंक में पहुँच जाएगी बल्कि मैं दस हजार बढ़ा भी देता हूँ।
लाला: और आखिरी बात। दिव्या के सारे वीडियोस मुझे दे दो और अपने पास से डिलीट कर दो।
मदन: बिलकुल मैं अभी देता हूँ।
मदन से सारे वीडियोस लेकर कर्नल बाहर निकलता है तो सलमान उसके पैरों में गिर जाता है।
सलमान: कर्नल साहब मेरे बीवी बच्चे भूखे मर जायेंगे। थोडा तो रहम दिखाइए।
कर्नल: ठीक है ठीक है। पैर छोड़ मेरे और फार्म हाउस पर चला जा। वही रह और फार्म हाउस की देखभाल कर और अभी चार छह महीने दिखना मत।
सलमान: बहुत मेहरबानी कर्नल साहब।
सलमान वहां से निकल जाता है और कर्नल घर पहुँच कर रेणुका के साथ दिव्या के पास जाता है।
कर्नल: ये लो दिव्या तुम्हरे सारे वीडियोस जो मदन के पास थे। अब उसके पास इनकी कोई कॉपी नहीं है। इनको डिस्ट्रॉय कर देना और ये रहा तुम्हारा इस्तीफा। मैं वापस ले आया हूँ।
दिव्या: ये आप वापस भिजवा दीजिये। मुझे अब वहां काम नहीं करना।
कर्नल: तुमको आज के बाद कभी वहां नहीं जाना है और कभी जाना भी चाहो तो जा सकती हो, मदन आज के बाद तुम्हारी तरफ आँख उठा कर भी नहीं देखेगा और सलमान को मैंने स्कूल से भी निकलवा दिया है। तुम्हारी सैलरी भी टाइम पर आती रहेगी।
दिव्या कुछ नहीं बोलती तो कर्नल रेणुका को दिव्या का ध्यान रखने को बोल कर अपने फ्लैट में चला जाता है।
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
रेणुका: मुझको माफ़ कर दो दिव्या। मुझे जरा भी अंदाजा नहीं था की राजेश ऐसे चला जायेगा वरना मैं कुछ भी करके...
दिव्या: जो हो गया अब उसकी क्या बात कर रही हो और वैसे भी कौन सा पति अपनी बीवी को किसी गैर मर्द की बाँहों में देख कर खुश होगा और कुछ गलती तो मेरी भी थी, मुझे राजेश को कर्नल के इरादों के बारे में पहले ही...
रेणुका: नहीं दिव्या, इस सबमे तुम्हारी कोई गलती नहीं थी तुमको शायद पता नहीं है दिव्या लेकिन राजेश को कर्नल के इरादों का अच्छे से पता था। कर्नल ने खुद मेरे सामने उसको अपने इरादे बताये थे और तुमको फार्म पर लेकर आने को बोला था, राजेश सब कुछ जानते बूझते हुए भी तुमको वहां लेकर आया था।
दिव्या: क्या कह रही हो रेणुका?
रेणुका: कसम से मैं झूठ नहीं बोल रही हूँ। राजेश को अच्छे से पता था की कर्नल तुम्हारे साथ क्या करने वाला है। याद करो की उसने कैसे तुम्हारी आँखों पर पट्टी बाँधी थी और तुम्हारे हाथ बाँध कर तुम्हे कर्नल के हवाले कर दिया था।
दिव्या: लेकिन तब तो राजेश के किसी दोस्त का एक्सीडेंट हो गया था, मेरे सामने उसको फोन आया था।
रेणुका: किसी को कुछ नहीं हुआ था, वो फोन कर्नल ने उसे किया था और वो तुमको कर्नल के रहमो करम पर छोड़ कर रात भर मेरे साथ पड़ा था। कर्नल ने उसके साथ यही डील की थी की तुम्हारे बदले वो राजेश को मेरे साथ सेक्स करने देगा।
दिव्या: अगर तुम सच कह रही हो तो वो मुझे छोड़ कर क्यों जाता?
रेणुका: उस दिन जब वो होश में आया तो तुम उसको नामर्द बोल रही थी इसीलिए शर्मिंदा हो कर भागा है नाराज होकर नहीं। मेरा विश्वास करो, तुम बेवजह अपने को सजा दे रही हो और तुम्हारी ये हालत मुझसे देखी नहीं जाती इसीलिए तुमको ये सब बता रही हूँ वरना कर्नल ने मुझे सख्त मना किया है तुमसे इस तरह की कोई बात करने को। अब तुम हाथ मुंह धो लो और कुछ खा लो। तुम्हारी शकल देख कर लग रहा है की न तो तुम कई दिनों से सोई हो और न ही तुमने कुछ खाया है।
रेणुका की ये बातें सुनकर दिव्या का गिल्ट एकदम से ख़तम हो जाता है और उसे अब राजेश के ऊपर गुस्सा आने लगता है की वो पति होकर उसके साथ ऐसा कैसे कर सकता है। कर्नल ने रेणुका को इसी काम के लिए यहाँ भेजा था जो उसने बखूबी अंजाम दिया। धीरे धीरे रेणुका दिव्या को नार्मल करने की कोशिश करती रहती है।
अगले एक महीने में दिव्या काफी ठीक हो जाती है लेकिन तब धीरे धीरे उसका पेट फूलने लगता है।
वो रेणुका के पूछने पर बताती है की काफी दिनों से उसके पीरियड्स नहीं हुए है और उसे लग रहा था की वो प्रेग्नेंट है और जाहिर सी बात थी की ये बच्चा कर्नल का ही है क्योंकि कर्नल ने उसे बोला था की वो कभी बच्चा पैदा नहीं कर सकता तो दिव्या ने कर्नल से सेक्स के बाद कोई गर्भनिरोधक गोली नहीं ली थी। कर्नल को भी रेणुका के जरिये पता चल जाता है की दिव्या उसके बच्चे की माँ बनने वाली है।
कर्नल और रेणुका अगले दिन दिव्या को कर्नल की दोस्त डॉक्टर नीलम के पास चेकअप के लिए ले जाते हैं।
दिव्या: जो हो गया अब उसकी क्या बात कर रही हो और वैसे भी कौन सा पति अपनी बीवी को किसी गैर मर्द की बाँहों में देख कर खुश होगा और कुछ गलती तो मेरी भी थी, मुझे राजेश को कर्नल के इरादों के बारे में पहले ही...
रेणुका: नहीं दिव्या, इस सबमे तुम्हारी कोई गलती नहीं थी तुमको शायद पता नहीं है दिव्या लेकिन राजेश को कर्नल के इरादों का अच्छे से पता था। कर्नल ने खुद मेरे सामने उसको अपने इरादे बताये थे और तुमको फार्म पर लेकर आने को बोला था, राजेश सब कुछ जानते बूझते हुए भी तुमको वहां लेकर आया था।
दिव्या: क्या कह रही हो रेणुका?
रेणुका: कसम से मैं झूठ नहीं बोल रही हूँ। राजेश को अच्छे से पता था की कर्नल तुम्हारे साथ क्या करने वाला है। याद करो की उसने कैसे तुम्हारी आँखों पर पट्टी बाँधी थी और तुम्हारे हाथ बाँध कर तुम्हे कर्नल के हवाले कर दिया था।
दिव्या: लेकिन तब तो राजेश के किसी दोस्त का एक्सीडेंट हो गया था, मेरे सामने उसको फोन आया था।
रेणुका: किसी को कुछ नहीं हुआ था, वो फोन कर्नल ने उसे किया था और वो तुमको कर्नल के रहमो करम पर छोड़ कर रात भर मेरे साथ पड़ा था। कर्नल ने उसके साथ यही डील की थी की तुम्हारे बदले वो राजेश को मेरे साथ सेक्स करने देगा।
दिव्या: अगर तुम सच कह रही हो तो वो मुझे छोड़ कर क्यों जाता?
रेणुका: उस दिन जब वो होश में आया तो तुम उसको नामर्द बोल रही थी इसीलिए शर्मिंदा हो कर भागा है नाराज होकर नहीं। मेरा विश्वास करो, तुम बेवजह अपने को सजा दे रही हो और तुम्हारी ये हालत मुझसे देखी नहीं जाती इसीलिए तुमको ये सब बता रही हूँ वरना कर्नल ने मुझे सख्त मना किया है तुमसे इस तरह की कोई बात करने को। अब तुम हाथ मुंह धो लो और कुछ खा लो। तुम्हारी शकल देख कर लग रहा है की न तो तुम कई दिनों से सोई हो और न ही तुमने कुछ खाया है।
रेणुका की ये बातें सुनकर दिव्या का गिल्ट एकदम से ख़तम हो जाता है और उसे अब राजेश के ऊपर गुस्सा आने लगता है की वो पति होकर उसके साथ ऐसा कैसे कर सकता है। कर्नल ने रेणुका को इसी काम के लिए यहाँ भेजा था जो उसने बखूबी अंजाम दिया। धीरे धीरे रेणुका दिव्या को नार्मल करने की कोशिश करती रहती है।
अगले एक महीने में दिव्या काफी ठीक हो जाती है लेकिन तब धीरे धीरे उसका पेट फूलने लगता है।
वो रेणुका के पूछने पर बताती है की काफी दिनों से उसके पीरियड्स नहीं हुए है और उसे लग रहा था की वो प्रेग्नेंट है और जाहिर सी बात थी की ये बच्चा कर्नल का ही है क्योंकि कर्नल ने उसे बोला था की वो कभी बच्चा पैदा नहीं कर सकता तो दिव्या ने कर्नल से सेक्स के बाद कोई गर्भनिरोधक गोली नहीं ली थी। कर्नल को भी रेणुका के जरिये पता चल जाता है की दिव्या उसके बच्चे की माँ बनने वाली है।
कर्नल और रेणुका अगले दिन दिव्या को कर्नल की दोस्त डॉक्टर नीलम के पास चेकअप के लिए ले जाते हैं।
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
नीलम (चेकअप के बाद): फिलहाल तो सब कुछ नार्मल है कर्नल साहब लेकिन ये काफी कमज़ोर हैं। लगता है ठीक से खाती पीती नहीं है। थोडा ध्यान रखिये और मैं एक डाइट चार्ट देती हूँ उसको फॉलो कीजिये।
दिव्या: डॉक्टर मैं ये बच्चा अबो्र्ट कराना चाहती हूँ।
नीलम: आई ऍम अफ्रेड मिसेस दिव्या की अब ये पॉसिबल नहीं है। आपको ये फैसला पहले करना चाहिए था, अब आपने काफी देर कर दी है।
दिव्या: कोई आप्शन नहीं है क्या? मेरी शारीरिक और मानसिक स्थिति इस वक़्त बच्चे के लिए ठीक नहीं है।
नीलम: तुम्हारी शारीरिक और मानसिक देखभाल के लिए मेरे पास डॉक्टरो की टीम है जो तुम्हारी अच्छे से देखभाल करेंगे दिव्या और कर्नल साहब आप इनको समझाइये की अब ये वक्त इन सब बातों को सोचने का नहीं है। अब तो बच्चे की देखभाल के बारे में सोचिये।
लाला: मैं और रेणुका तुम्हारे साथ है दिव्या सो डोंट वरी। एवरीथिंग विल बी फाइन।
अगले कुछ महीनो तक कर्नल और रेणुका दिव्या का भरपूर ख्याल रखते हैं। धीरे धीरे दिव्या के मन से कर्नल के लिए नफरत ख़तम हो जाती है और राजेश के लिए उसका गुस्सा बढ़ता ही जाता है। तय समय पर दिव्या एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देती है। डिलीवरी एकदम नोर्मल होती है और दिव्या को तीन दिन में ही हॉस्पिटल से छुट्टी मिल जाती है। रेणुका और कर्नल दिव्या को घर ले आते है। तीन चार हफ्ते और निकल जाते हैं और कर्नल को शराफत का नाटक करते लगभग दस महीने हो चुके थे और अब उससे ये नाटक और नहीं हो पा रहा था। एक दिन कर्नल दिव्या के पास आकर कहता है।
लाला: दिव्या जब तुम हॉस्पिटल में थीं तब राजेश ने एक ब्रोकर भेजा था। वो ये फ्लैट बेचने जा रहा है और बोला है की तुम ये फ्लैट जल्द से जल्द खाली कर दो।
दिव्या: व्हाट? वो बास्टर्ड जानता है की अब मेरा कोई नहीं है। बस फादर ही बचे थे तो वो भी तीन साल पहले गुजर गए इसीलिए मुझे परेशान कर रहा है।
लाला: देखो दिव्या फ्लैट उसी के नाम है इसीलिए वो चाहे तो बेच तो सकता ही है। फिर भी मैं अपने वकील से बात करता हूँ बट आई थिंक की तुमको बच्चे को लेकर कुछ दिन के लिए फार्म हाउस पर चले जाना चाहिए। तुम्हारा मन भी बदल जायेगा और बच्चे की हेल्थ के लिए ठीक रहेगा। फिर जैसा वकील कहेगा करेंगे।
दिव्या: जैसा आप ठीक समझे।
लाला: तो चलो फिर रेडी हो जाओ। आधे घंटे में निकलते हैं।
दिव्या के मन में एक अजीब सी बेचैनी होने लगती है। वो जानती है की कर्नल उसे फार्म हाउस पर ले जाकर चोदने की कोशिश जरूर करेगा लेकिन अब वो कहीं न कहीं कर्नल से चुदने के लिए तैयार थी। पिछले कुछ महीनो में जैसे कर्नल ने उसका ख्याल रखा था उससे वो खुश थी और राजेश को तो वो लगभग भूल ही गयी थी। और सबसे बड़ी बात की दिव्या ने भी तो दस महीनो से किसी से चुदवाया नहीं था तो उसकी प्यास भी इस वक़्त चरम पर थी।
वो कर्नल से चुदने का मन बनाकर तैयार होने लगती है। आज बहुत दिनों बाद वो एक अच्छी सी ड्रेस पहनती है और मेकअप करती है। तैयार होने के बाद वो अपने को शीशे में निहारती है, बच्चा होने से उसका वजन हल्का सा बढ़ गया था लेकिन आज भी वो किसी भी नयी लड़की से इक्कीस ही लग रही थी। तभी कर्नल का फ़ोन आता है।
दिव्या: हेल्लो।
लाला: तैयार हो गयी दिव्या?
दिव्या: जी।
लाला: तो नीचे पार्किंग में आ जाओ। मैं यही गाडी में तुम्हारा वेट कर रहा हूँ।
दिव्या फ्लैट लॉक करके नीचे पहुँच जाती है। इतने दिन बाद दिव्या को अच्छी तरह तैयार देख कर आज कर्नल का लंड फिर से झटके लेने लगता है। वो फ़ौरन उसके हाथ से बैग लेकर डिक्की में रख लेता है और बच्चे को पीछे की सीट पर लगी बच्चे की स्पेशल सीट पर बिठा कर दिव्या को आगे बैठने को कहता है।
दिव्या: डॉक्टर मैं ये बच्चा अबो्र्ट कराना चाहती हूँ।
नीलम: आई ऍम अफ्रेड मिसेस दिव्या की अब ये पॉसिबल नहीं है। आपको ये फैसला पहले करना चाहिए था, अब आपने काफी देर कर दी है।
दिव्या: कोई आप्शन नहीं है क्या? मेरी शारीरिक और मानसिक स्थिति इस वक़्त बच्चे के लिए ठीक नहीं है।
नीलम: तुम्हारी शारीरिक और मानसिक देखभाल के लिए मेरे पास डॉक्टरो की टीम है जो तुम्हारी अच्छे से देखभाल करेंगे दिव्या और कर्नल साहब आप इनको समझाइये की अब ये वक्त इन सब बातों को सोचने का नहीं है। अब तो बच्चे की देखभाल के बारे में सोचिये।
लाला: मैं और रेणुका तुम्हारे साथ है दिव्या सो डोंट वरी। एवरीथिंग विल बी फाइन।
अगले कुछ महीनो तक कर्नल और रेणुका दिव्या का भरपूर ख्याल रखते हैं। धीरे धीरे दिव्या के मन से कर्नल के लिए नफरत ख़तम हो जाती है और राजेश के लिए उसका गुस्सा बढ़ता ही जाता है। तय समय पर दिव्या एक स्वस्थ बच्चे को जन्म देती है। डिलीवरी एकदम नोर्मल होती है और दिव्या को तीन दिन में ही हॉस्पिटल से छुट्टी मिल जाती है। रेणुका और कर्नल दिव्या को घर ले आते है। तीन चार हफ्ते और निकल जाते हैं और कर्नल को शराफत का नाटक करते लगभग दस महीने हो चुके थे और अब उससे ये नाटक और नहीं हो पा रहा था। एक दिन कर्नल दिव्या के पास आकर कहता है।
लाला: दिव्या जब तुम हॉस्पिटल में थीं तब राजेश ने एक ब्रोकर भेजा था। वो ये फ्लैट बेचने जा रहा है और बोला है की तुम ये फ्लैट जल्द से जल्द खाली कर दो।
दिव्या: व्हाट? वो बास्टर्ड जानता है की अब मेरा कोई नहीं है। बस फादर ही बचे थे तो वो भी तीन साल पहले गुजर गए इसीलिए मुझे परेशान कर रहा है।
लाला: देखो दिव्या फ्लैट उसी के नाम है इसीलिए वो चाहे तो बेच तो सकता ही है। फिर भी मैं अपने वकील से बात करता हूँ बट आई थिंक की तुमको बच्चे को लेकर कुछ दिन के लिए फार्म हाउस पर चले जाना चाहिए। तुम्हारा मन भी बदल जायेगा और बच्चे की हेल्थ के लिए ठीक रहेगा। फिर जैसा वकील कहेगा करेंगे।
दिव्या: जैसा आप ठीक समझे।
लाला: तो चलो फिर रेडी हो जाओ। आधे घंटे में निकलते हैं।
दिव्या के मन में एक अजीब सी बेचैनी होने लगती है। वो जानती है की कर्नल उसे फार्म हाउस पर ले जाकर चोदने की कोशिश जरूर करेगा लेकिन अब वो कहीं न कहीं कर्नल से चुदने के लिए तैयार थी। पिछले कुछ महीनो में जैसे कर्नल ने उसका ख्याल रखा था उससे वो खुश थी और राजेश को तो वो लगभग भूल ही गयी थी। और सबसे बड़ी बात की दिव्या ने भी तो दस महीनो से किसी से चुदवाया नहीं था तो उसकी प्यास भी इस वक़्त चरम पर थी।
वो कर्नल से चुदने का मन बनाकर तैयार होने लगती है। आज बहुत दिनों बाद वो एक अच्छी सी ड्रेस पहनती है और मेकअप करती है। तैयार होने के बाद वो अपने को शीशे में निहारती है, बच्चा होने से उसका वजन हल्का सा बढ़ गया था लेकिन आज भी वो किसी भी नयी लड़की से इक्कीस ही लग रही थी। तभी कर्नल का फ़ोन आता है।
दिव्या: हेल्लो।
लाला: तैयार हो गयी दिव्या?
दिव्या: जी।
लाला: तो नीचे पार्किंग में आ जाओ। मैं यही गाडी में तुम्हारा वेट कर रहा हूँ।
दिव्या फ्लैट लॉक करके नीचे पहुँच जाती है। इतने दिन बाद दिव्या को अच्छी तरह तैयार देख कर आज कर्नल का लंड फिर से झटके लेने लगता है। वो फ़ौरन उसके हाथ से बैग लेकर डिक्की में रख लेता है और बच्चे को पीछे की सीट पर लगी बच्चे की स्पेशल सीट पर बिठा कर दिव्या को आगे बैठने को कहता है।
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
लाला: तुम आराम से आगे बैठो दिव्या।
दिव्या: ठीक है अंकल।
लाला: यार अब तो अंकल मत कहा करो। अब तो मैं तुम्हारे बच्चे का बाप भी बन गया हूँ।
दिव्या कर्नल की बात सुन कर शर्मा जाती है और आगे की सीट पर बैठ कर बोलती है।
दिव्या: ठीक है कर्नल साब।
लाला: चलो अंकल से तो सही ही है लेकिन कहना तो तुमको जानू चाहिए। हाहाहा...
दिव्या: प्लीज कर्नल साब...
इसी तरह के हंसी मजाक करते हुए कर्नल दिव्या को लेकर फार्महाउस पहुँच जाता है लेकिन फार्महाउस पहुँचते ही दिव्या का मूड खराब हो जाता है क्योंकि उसको सामने सलमान दिख जाता है।
दिव्या: कर्नल साब ये यहाँ क्या कर रहा है?
लाला: अरे मैं तुमको शायद बताना भूल गया की मैंने इसको यहाँ नौकरी दे दी थी। दरअसल इसको स्कूल से निकाले जाने के बाद कोई काम नहीं मिला और गाँव में इसके बीवी बच्चे भूखे मर रहे थे तो इसने कुछ दिन पहले आकर मेरे पांव पकड़ लिए। इसके कमीनेपन की सजा इसके बीवी बच्चो को क्यों मिले मैंने यही सोच कर इसे यहाँ नौकरी दे दी।
दिव्या: लेकिन मैं इसके साथ यहाँ कैसे रहूंगी? आपको तो सब पता ही है।
लाला: अब अगर इसने तुम्हारी तरफ गन्दी नजर से देखा भी तो इसकी आँखे निकाल लूँगा। ये जानता है की अब तुम किसी कमजोर आदमी के साथ नहीं हो लेकिन अगर तुम कहो तो अभी फ़ौरन इसको निकाल देता हूँ पर एक बार इसके बीवी बच्चो के बारे में सोच लेना।
दिव्या (मन मारकर): ठीक है। रहने दीजिये लेकिन इसको बोल दीजियेगा की मेरे पास न ही आये तो अच्छा है।
लाला: तुम चिंता न करो। (चिल्लाकर सलमान से) अबे इधर आ।
सलमान दौड़ कर गाडी के पास आ जाता है ।
लाला: चल जल्दी से मालकिन का और मेरा सामान निकाल कर अन्दर कमरे में रख दे और फिर इनके लिए कुछ खाने का इन्तेजाम कर।
सलमान चुपचाप दिव्या का सामान गाडी से निकालता है और अन्दर चला जाता है। वही दिव्या को अपने लिए कर्नल के मुंह से मालकिन सुनकर बड़ा अजीब लगता है। कर्नल तो उसको ऐसे बुला रहा था जैसे की वो उसकी बीवी हो। कर्नल दिव्या को लेकर अन्दर जाता है तो दिव्या देखती है की सलमान ने उसका सामान भी कर्नल के बेडरूम में ही रख दिया है। वो कुछ बोलती इससे पहले ही कर्नल उसको बोलता है।
लाला: मैंने ही उसको बोला है हम एक ही कमरे में रहेंगे। लाओ बच्चे को मुझे दे दो और तुम जाकर फ्रेश हो लो।
दिव्या: क्यों रेणुका नहीं आ रही क्या?
लाला: नहीं, कल उसका पति वापस आ गया है तो मैंने उसको डिस्टर्ब करना ठीक नहीं समझा।
दिव्या: ठीक है अंकल।
लाला: यार अब तो अंकल मत कहा करो। अब तो मैं तुम्हारे बच्चे का बाप भी बन गया हूँ।
दिव्या कर्नल की बात सुन कर शर्मा जाती है और आगे की सीट पर बैठ कर बोलती है।
दिव्या: ठीक है कर्नल साब।
लाला: चलो अंकल से तो सही ही है लेकिन कहना तो तुमको जानू चाहिए। हाहाहा...
दिव्या: प्लीज कर्नल साब...
इसी तरह के हंसी मजाक करते हुए कर्नल दिव्या को लेकर फार्महाउस पहुँच जाता है लेकिन फार्महाउस पहुँचते ही दिव्या का मूड खराब हो जाता है क्योंकि उसको सामने सलमान दिख जाता है।
दिव्या: कर्नल साब ये यहाँ क्या कर रहा है?
लाला: अरे मैं तुमको शायद बताना भूल गया की मैंने इसको यहाँ नौकरी दे दी थी। दरअसल इसको स्कूल से निकाले जाने के बाद कोई काम नहीं मिला और गाँव में इसके बीवी बच्चे भूखे मर रहे थे तो इसने कुछ दिन पहले आकर मेरे पांव पकड़ लिए। इसके कमीनेपन की सजा इसके बीवी बच्चो को क्यों मिले मैंने यही सोच कर इसे यहाँ नौकरी दे दी।
दिव्या: लेकिन मैं इसके साथ यहाँ कैसे रहूंगी? आपको तो सब पता ही है।
लाला: अब अगर इसने तुम्हारी तरफ गन्दी नजर से देखा भी तो इसकी आँखे निकाल लूँगा। ये जानता है की अब तुम किसी कमजोर आदमी के साथ नहीं हो लेकिन अगर तुम कहो तो अभी फ़ौरन इसको निकाल देता हूँ पर एक बार इसके बीवी बच्चो के बारे में सोच लेना।
दिव्या (मन मारकर): ठीक है। रहने दीजिये लेकिन इसको बोल दीजियेगा की मेरे पास न ही आये तो अच्छा है।
लाला: तुम चिंता न करो। (चिल्लाकर सलमान से) अबे इधर आ।
सलमान दौड़ कर गाडी के पास आ जाता है ।
लाला: चल जल्दी से मालकिन का और मेरा सामान निकाल कर अन्दर कमरे में रख दे और फिर इनके लिए कुछ खाने का इन्तेजाम कर।
सलमान चुपचाप दिव्या का सामान गाडी से निकालता है और अन्दर चला जाता है। वही दिव्या को अपने लिए कर्नल के मुंह से मालकिन सुनकर बड़ा अजीब लगता है। कर्नल तो उसको ऐसे बुला रहा था जैसे की वो उसकी बीवी हो। कर्नल दिव्या को लेकर अन्दर जाता है तो दिव्या देखती है की सलमान ने उसका सामान भी कर्नल के बेडरूम में ही रख दिया है। वो कुछ बोलती इससे पहले ही कर्नल उसको बोलता है।
लाला: मैंने ही उसको बोला है हम एक ही कमरे में रहेंगे। लाओ बच्चे को मुझे दे दो और तुम जाकर फ्रेश हो लो।
दिव्या: क्यों रेणुका नहीं आ रही क्या?
लाला: नहीं, कल उसका पति वापस आ गया है तो मैंने उसको डिस्टर्ब करना ठीक नहीं समझा।