लाला: चल अब तैयार हो जा मेरा लंड लेने के लिए.
रेणुका कर्नल का लंड छोड़कर खड़ी हो जाती है और अपनी साड़ी निकालने लगती है. कर्नल का लंड पूरी तरह से गीला हो गया था.
लाला: आज नंगी मत हो मेरी जान. बस ऐसे ही कुतिया बन जा मेरे लिए.
रेणुका बिना कुछ कहे बेड पर घोड़ी की तरह पोज़ ले लेती है. कर्नल भी अब बिना कुछ बोले उसकी साड़ी उठा कर अपना लंड उसकी चूत में डाल देता है और जोर जोर से रेणुका को चोदने लगता है. जब कर्नल रुकता तो रेणुका खुद अपनी गांड पीछे करके उसके लंड पर झटके मारती है.
लाला: आह रेणुका, इतना मजा तेरे पति ने कभी दिया था क्या.
रेणुका: आःह नहीई लेकिन वो मेरे पति है. आप अपना वादा मत भूलना.
लाला: मैं कभी अपना वादा नहीं तोड़ता बस आगे से जैसे मैं बोलूं करती जाना.
रेणुका: हान्न्न थीक्क्क है अआझ्ह्ह
रेणुका अपनी स्पीड बढ़ा देती है.
लाला: झड़ने वाली है क्या कुतिया?
कर्नल भी अपनी स्पीड बढ़ा देता है और कुछ ही पलों में रेणुका अपना सारा रस कर्नल के लंड पर छोड़ देती है.
लाला: ये क्या किया. मुझसे पहले ही झड गयी और मेरा लंड पूरा भिगो दिया. अब इसको साफ़ कौन करेगा.
रेणुका झट से सीधी हो कर कर्नल का लंड चाट चाट कर साफ़ करने लगती है और कर्नल भी झड़ने लगता है और अपने वीर्य की एक एक बूँद रेणुका को पिला देता है और उसको बाँहों में भरकर बिस्तर पर लेट कर सो जाता है.
Adultery दिव्या का सफ़र
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
अगले दिन दिव्या सुबह स्कूल चली जाती है. स्कूल में मदन उसको अपने ऑफिस में बुलाता है.
मदन: दिव्या जी कौन बच्चे सेलेक्ट हुए हैं स्कॉलरशिप के लिए?
दिव्या: सर इंटरनल टेस्ट के हिसाब से तो दो बच्चे हैं. एक तो पूजा जिसने टॉप किया है और दूसरा मनीष. उसने भी काफी बेहतर किया है.
मदन पूजा का नाम सुनकर हैरान नहीं होता क्योंकि उसने ही पूजा को सारे पेपर्स दिए थे लेकिन मनीष का नाम सुनकर उसे लगता है की ये लड़का कैसे इतने नंबर ले आया लेकिन वो दिव्या को फाइनल एग्जाम की तैयारी के लिए कहता है.
मदन: दिव्या जी अब आप फाइनल्स की तैयारी में लग जाइए. आई होप की आपको कोई तकलीफ नहीं हो रही होगी फिर भी अगर जरूरत हो तो आप स्टाफ में किसी की भी हेल्प ले सकती हैं. आप सभी सब्जेक्ट के सैंपल पेपर्स टीचर्स की हेल्प से बना लीजिये. उनको मैं फाइनल कर लूँगा लेकिन अपने सब्जेक्ट के फाइनल पेपर्स आप ही बना दीजियेगा. ठीक हैं न.
दिव्या: नो प्रॉब्लम सर. मैं आज से ही काम शुरू कर देती हूँ.
दिव्या का बाकी दिन सारे टीचर्स से बात करने में ही निकल जाता है और छुट्टी के समय जब वो स्कूल से निकलने लगती है तब वो मनीष को ऊपर की मंजिल की तरफ जाते देखती है. उसे लगता है की शायद आज फिर से मनीष पूजा के साथ टॉयलेट में सेक्स करेगा. पहले तो दिव्या इगनोर करने की कोशिश करती है लेकिन उसका मन नहीं मानता तो वो भी चुपके से ऊपर चली जाती है. ऊपर पहुँच कर दिव्या मनीष को एक टॉयलेट में घुसते देखती है. वो भी थोड़ी देर रुक कर चुपके से उसके बगल वाले टॉयलेट में घुस जाती है और दीवार के छेद से अन्दर झाँक कर देखती है. अन्दर देखते ही उसके होश उड़ जाते हैं क्योंकि अन्दर पूजा नहीं बल्कि रश्मि मनीष का लंड चूस रही थी.
ये नज़ारा देख कर दिव्या को रश्मि से एक अजीब सी जलन का एहसास होता है साथ ही उसको मनीष पर गुस्सा भी आता है की उसने रश्मि को लेकर उससे क्या नहीं कहा था और अब वो खुद रश्मि के साथ लगा हुआ है. उसको लगता की वो मनीष से रश्मि के बारे में पूछेगी लेकिन फिर वो सोचती है की उसने तो तय किया था की अब वो मनीष से मतलब नहीं रखेगी तो वो चुपचाप वहां से निकल जाती है.
मदन: दिव्या जी कौन बच्चे सेलेक्ट हुए हैं स्कॉलरशिप के लिए?
दिव्या: सर इंटरनल टेस्ट के हिसाब से तो दो बच्चे हैं. एक तो पूजा जिसने टॉप किया है और दूसरा मनीष. उसने भी काफी बेहतर किया है.
मदन पूजा का नाम सुनकर हैरान नहीं होता क्योंकि उसने ही पूजा को सारे पेपर्स दिए थे लेकिन मनीष का नाम सुनकर उसे लगता है की ये लड़का कैसे इतने नंबर ले आया लेकिन वो दिव्या को फाइनल एग्जाम की तैयारी के लिए कहता है.
मदन: दिव्या जी अब आप फाइनल्स की तैयारी में लग जाइए. आई होप की आपको कोई तकलीफ नहीं हो रही होगी फिर भी अगर जरूरत हो तो आप स्टाफ में किसी की भी हेल्प ले सकती हैं. आप सभी सब्जेक्ट के सैंपल पेपर्स टीचर्स की हेल्प से बना लीजिये. उनको मैं फाइनल कर लूँगा लेकिन अपने सब्जेक्ट के फाइनल पेपर्स आप ही बना दीजियेगा. ठीक हैं न.
दिव्या: नो प्रॉब्लम सर. मैं आज से ही काम शुरू कर देती हूँ.
दिव्या का बाकी दिन सारे टीचर्स से बात करने में ही निकल जाता है और छुट्टी के समय जब वो स्कूल से निकलने लगती है तब वो मनीष को ऊपर की मंजिल की तरफ जाते देखती है. उसे लगता है की शायद आज फिर से मनीष पूजा के साथ टॉयलेट में सेक्स करेगा. पहले तो दिव्या इगनोर करने की कोशिश करती है लेकिन उसका मन नहीं मानता तो वो भी चुपके से ऊपर चली जाती है. ऊपर पहुँच कर दिव्या मनीष को एक टॉयलेट में घुसते देखती है. वो भी थोड़ी देर रुक कर चुपके से उसके बगल वाले टॉयलेट में घुस जाती है और दीवार के छेद से अन्दर झाँक कर देखती है. अन्दर देखते ही उसके होश उड़ जाते हैं क्योंकि अन्दर पूजा नहीं बल्कि रश्मि मनीष का लंड चूस रही थी.
ये नज़ारा देख कर दिव्या को रश्मि से एक अजीब सी जलन का एहसास होता है साथ ही उसको मनीष पर गुस्सा भी आता है की उसने रश्मि को लेकर उससे क्या नहीं कहा था और अब वो खुद रश्मि के साथ लगा हुआ है. उसको लगता की वो मनीष से रश्मि के बारे में पूछेगी लेकिन फिर वो सोचती है की उसने तो तय किया था की अब वो मनीष से मतलब नहीं रखेगी तो वो चुपचाप वहां से निकल जाती है.
- Dolly sharma
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
Fabulous update.........
keep posting ............
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खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
Fantastic update bro keep posting
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र
बढ़िया मस्त अपडेट है दोस्त
अगले अपडेट का इंतज़ार रहेगा
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मस्त राम मस्ती में
आग लगे चाहे बस्ती मे.
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भाई बहन,ननद भाभी और नौकर .......... सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर .......... वासना के सौदागर .......... Incest सुलगते जिस्म और रिश्तों पर कलंक Running.......... घर की मुर्गियाँ Running......नेहा बह के कारनामे (Running) ....मस्तराम की कहानियाँ(Running) ....अनोखा इंतकाम रुबीना का ..........परिवार बिना कुछ नहीं..........माँ को पाने की हसरत ......सियासत और साजिश .....बिन पढ़ाई करनी पड़ी चुदाई.....एक और घरेलू चुदाई......दिल दोस्ती और दारू...
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