Adultery दिव्या का सफ़र

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Rishu
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र

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सलमान: अरे मैडम ये क्या कह दिया आपने. हमारा कोई आगे पीछे नहीं है. माँ बाप बहन भाई तो थे ही नहीं. बीवी थी तो वो भी 8 साल पहले मुझे अकेला छोड़ कर चली गयी.

दरअसल सलमान की बीवी उसकी हरकतों से तंग आकर उसे छोड़ कर चली गयी थी लेकिन सलमान ने ऐसे बोला की जैसे वो मर ही गयी हो. उसकी ये बात सुन कर दिव्या थोड़ी नरम पड़ गयी फिर भी उसने सलमान को एक आखिरी वार्निंग दी.

दिव्या: अच्छा अच्छा ठीक है. लेकिन दुबारा ऐसी हरकत मत करना वरना तुम जानते हो की प्रिंसिपल सर के साथ साथ सोसाइटी के सेक्रेटरी से भी शिकायत करूंगी, कर्नल साब मेरे सामने वाले फ्लैट में ही रहते है.

सलमान: जी मैडम. आपको दुबारा शिकायत का मौका नहीं दूंगा मैडम. मेरे मन में आपके लिए कोई गलत बात नहीं थी लेकिन शायद इतने सालों बाद किसी औरत को इतना करीब पाकर बहक गया था. और आप हैं भी बला की खूबसूरत.

दिव्या: तुम फिर शुरू हो गए. अब जाओ और जाकर अपना काम करो और सुनो ये बात किसी से न कहना.

सलमान: मैडम मैं इतना भी बेवकूफ नहीं हूँ. एक औरत की इज्जत क्या होती है जानता हूँ. मैं ये बात भूल जाता हूँ और आप भी मेरी गलती को भूल जाइये.

दिव्या को लगता है की उसने एक बड़ी प्रॉब्लम सोल्व कर ली है वरना इस बात ने उसे परेशान कर रखा था. सलमान जाने लगता है तो दिव्या कहती है.

दिव्या: एक बात और है. वो... वो तुमने कहा था की तुम वो वापस कर दोगे.

सलमान: क्या मैडम?

दिव्या: वो मेरी... इनर वेयर

सलमान: अच्छा... आपकी ब्रा. मैडम वो तो मेरे रूम में है लेकिन आपसे मेरी एक रिक्वेस्ट है. वो आप मेरे पास ही रहने दीजिये.

दिव्या: तुम उसका क्या करोगे? तुम्हारी तो बीवी भी नहीं है.

सलमान: आप नाराज़ न हो तो मैं बताऊँ.

दिव्या: नहीं होंऊगी अब बोलो.

सलमान: वो मैडम ऐसी ब्रा मैंने आज तक देखी ही नहीं थी. मेरी बीवी तो सादी सी सफ़ेद ब्रा पहनती थी और फिर मुझे तो कई साल हो गए औरत के साथ सोये लेकिन जब आपकी ब्रा लेकर सोता हूँ तो मुझे बहुत अच्छा लगता है. लगता है की कोई औरत साथ में सो रही है. उसमे से आपके बदन की भीनी भीनी खुशबु भी आती है.

दिव्या ये सब सुनकर शॉक हो जाती है. वो पछताती है की उसने ब्रा की बात क्यों की लेकिन फिर सोचती है की इसकी बीवी को मरे आठ साल हो गए तो बेचारा कितना प्यासा होगा तभी ऐसी फालतू बातें करने लगता है. प्यासा होने का दर्द तो आजकल दिव्या भी महसूस कर रही थी.

दिव्या: अरे तुम्हे इतना समझाया लेकिन तुम फिर से शुरू हो गए.

सलमान: मैडम नाराज न होइए. आप कहती हैं तो मैं कल आपकी ब्रा वापस ले आऊंगा लेकिन वो काफी गन्दी हो गयी है. शायद धोने से भी साफ़ न हो. अब आप उसे कैसे पहन पाएंगी.

दिव्या: हम्म्म.

सलमान: बोलिए न मैडम. आपकी ब्रा वापस लाऊँ या फिर उसको अपने इस्तेमाल के लिए रखने की परमिशन है.

दिव्या: उम्म्म तुम रख लो लेकिन किसी को बताना नहीं की वो किसकी है. अब जाओ.

सलमान: थैंक्यू मैडम. कोई भी काम हो तो मुझे जरूर बताइयेगा.
Rishu
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र

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दिव्या: एक काम है तो लेकिन रहने दो...

सलमान: अरे बताइए मैडम, राजेश साहब तो यहाँ है नहीं तो आप मेरे अलावा किसके कहेंगी.

दिव्या: वो मैं कभी कभी नींद की गोली खाती हूँ वो ख़तम हो गयी है. यहाँ पास वाली मार्किट में तो मिली नहीं. अगर तुम ला सको तो.

सलमान: बस आप मुझे नाम दे दीजिये मैं ले आऊँगा.

दिव्या: मैं तुम्हे डॉक्टर का परचा दे देती हूँ. उसके बिना केमिस्ट नहीं देगा.

सलमान: परचा कहीं खो जायेगा मैडम. आप सिर्फ नाम लिख कर दे दीजिये. आप चिंता न कीजिये. मैं ले आऊंगा.

दिव्या: अच्छा ये खाली शीशी ले जाओ.इसको दिखा कर ले आना.

सलमान शीशी लेकर वापस आ जाता है और दुसरे गार्ड को बोलकर अपने एक दोस्त राजू के पास चला जाता है जो केमिस्ट की दुकान में काम करता है. वो उससे पूछता है की क्या उसके पास ये दवाई है. राजू उसको दवाई दे देता है. दवाई देख कर उसको एक आईडिया आता है.

सलमान: यार इसमें कितनी गोलियां है.

राजू: 30 हैं लेकिन 2 से ज्यादा मत लेना वरना काम तमाम हो जायेगा.

सलमान: यार एक काम कर. 30 गोलिया दूसरी वाली भी दे दे.

राजू: दूसरी कौन सी.

सलमान: अरे यार वही जो तू लौंडिया को गरम करने के लिए मुझे देता है.

राजू: अबे क्या चक्कर चला रहा है? कहीं मुझे न फंसा देना. बिना पर्चे के तेरे को ये दवाई दे रहा हूँ.

सलमान: कोई चक्कर नहीं है दोस्त. ये नींद की गोली तो सोसाइटी के मैडम की हैं और दूसरी वाली मेरे लिए है.

राजू उसको दूसरी वाली गोली भी दे देता है. सलमान अपने रूम में आता है और नींद की गोलियां निकाल कर पुरानी शीशी में भर देता है और उसे छुपा देता है और उसमे सेक्स की प्यास भड़काने वाली गोलियां भर देता है जो साइज़ और रंग में एकदम नींद की गोली के बराबर थी. अब वो वापस जाकर दवा दिव्या को दे देता है. दिव्या उसको 2 सौ रुपये टिप देती है लेकिन सलमान लेने से इंकार कर देता है.

सलमान: आप तो पहले ही मुझे मेरी मुह मांगी चीज दे चुकी है अब और कुछ नहीं चाहिए.

मन ही मन सलमान सोचता है की साली जब टेबलेट खाकर तडपेगी तब देखूँगा की कितने दिन शरीफ बनने का नाटक करती है. अगले दिन जब दिव्या स्कूल के गेट पर पहुचती है तो सलमान उसे घूरता नहीं बल्कि हलकी सी स्माइल देता है. दिव्या भी मुस्कुरा कर अन्दर चली जाती है. आज दिव्या एक एक लाल रंग की सेक्सी साड़ी में आई है जिसे देख कर मनीष का लंड बेकाबू होने लगता है.

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वैसे भी जब से मनीष को सलमान और दिव्या के एनकाउंटर के बारे में पता चला है वो दिव्या को हासिल करने के लिए और तड़पने लगा है. फिलहाल वो अपने को शांत करने के लिए पूजा की जाँघों में हाथ डाल देता है. पूजा अपनी टाँगे फैला देती है और मनीष का लंड सहलाने लगती है.

अचानक दिव्या का ध्यान उन पर जाता है. वो काफी दिन से सजा देने की सोच रही थी की मनीष को कैसे सजा दे. वो पूजा से भी नाराज थी क्योंकि उसकी वजह से सलमान उसको परेशान कर रहा था. वो दोनों को खड़ा करके कुछ सवाल पूछती है. दोनों जवाब नहीं दे पाते. वो दोनों को क्लास से निकाल देती है. बाहर आ कर मनीष पूजा से कहता है.

मनीष: तू रुक मैं सलमान से चाभी लेकर आता हूँ.

पूजा: नहीं नहीं मैं अब उसके रूम में नहीं जाऊंगी और अगर मैम ने वापस बुलाया तो.

मनीष: अरे लास्ट पीरियड है. अब मैम नहीं बुलाएंगी. अच्छा सुन ऊपर चलते हैं.
Rishu
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ऊपर का फ्लोर आधा बना है. वहां का काम फंड्स की कमी से कई महीनो से रुका हुआ है बस दो तीन क्लासरूम और एक बाथरूम कम्पलीट हो गया था. लेकिन वहां कोई आता जाता नहीं था क्योंकि वहां हर तरफ बिल्डिंग मटेरियल पड़ा रहता था. पूजा भी ये बात जानती थी तो वो मनीष के साथ ऊपर चल देती है. इत्तेफाक से क्लास ख़तम होते होते दिव्या को बहुत तेज़ पेशाब लग आती है और ऊपर का वाशरूम पास होने की वजह से वो ऊपर ही चल देती है.

उधर मनीष और पूजा फोरप्ले में लगे हैं लेकिन किसी के आने की आहट पाकर वो दोनों बाथरूम के अन्दर जाकर एक टॉयलेट में बंद हो जाते हैं. दिव्या भी उसी टॉयलेट के बगल वाले टॉयलेट में घुस जाती है. तब तक मनीष ने पूजा की पेंटी उतार दी होती है और अपना लंड उसकी चूत से रगड़ रहा होता है लेकिन पूजा उसे रोकती है.

मनीष: क्या हुआ?

पूजा: मैं भी तुम्हारा मुह में लेती हूँ तो बदले में तुम्हे भी तो कुछ करना चाहिए.

मनीष: साले सलमान ने भी तुमको क्या क्या सिखा दिया है.

मनीष पूजा की चूत चूसने लगता है. चूत पर मनीष का मुह लगते ही पूजा जोर से आह भारती है. ये आवाज दिव्या सुन लेती है. उसे लगता है की साथ वाले टॉयलेट में कुछ गड़बड़ है. दिव्या फारिग होकर चुपके से बाहर आती है और दरवाजे में कान लगाकर अन्दर की आवाज सुनने की कोशिश करती है तभी उसे दरवाजे के पार्टीशन की दरार नजर आती है. वो अपनी आँख उसमे लगा देती है. अन्दर का नजारा देख दिव्या के होश उड़ जाते हैं.

अन्दर मनीष पूजा की चूत चाट रहा था. वो जानती थी की मनीष बिगड़ा हुआ है लेकिन पूजा को वो शरीफ समझती थी लेकिन दिव्या वहां से हटती नहीं है. थोड़ी देर में मनीष पूजा को झुकाता है और अपना लौड़ा उसकी चूत में पीछे से पेल देता है. ये सब दिव्या की आँख से बस एक फीट की दूरी पर हो रहा था. न जाने क्यों मनीष के लंड की तुलना वो राजेश के लंड से करने लगती है. उसे लगता है की मनीष का लंड राजेश से बड़ा भी है और मोटा भी.

उधर पूजा भी अब पूरी मस्ती में आ चुकी है. वो भी अब उछल उछल कर मनीष का लंड अन्दर ले रही थी. दिव्या को लगता है की इतनी देर में तो राजेश अपना सारा माल उसकी चूत में छोड़ देता है लेकिन मनीष अभी भी चालू है. उसे लगता है शायद मनीष ने कंडोम पहना है इसलिए ऐसा हो क्योंकि राजेश तो उसे हमेश बिना कंडोम के ही चोदता है. उसी को गर्भ निरोधक गोली लेनी होती है.

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यही सब सोचते सोचते कब दिव्या अपनी चूत सहलाने लगती है उसे पता ही नहीं चलता. अचानक मनीष को चूड़ियों की हलकी सी खनखनाहट सुनकर लगता है की शायद बाहर कोई है तो वो पूजा के मुह पर हाथ रख कर दरार से बाहर देखता है तो उसे दिव्या अपनी चूत सहलाते हुए दिखती है. इस वक़्त दिव्या की आँख मस्ती में बंद हो गयी है वरना उसकी और मनीष की नज़र आपस में मिल गयी होती.

मनीष समझ जाता है की दिव्या ने उन दोनों की चुदाई देख ली है तो उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती है. वो पूजा के मुह से हाथ हटा कर अपनी स्पीड डबल कर देता है ताकि दिव्या उसकी आवाज साफ़ सुन सके. अचानक पूजा मस्त होकर चीखने लगती है और ठप ठप की आवाज भी दिव्या को सुनाई देती है तो वो वापस आँख खोल कर अन्दर देखने लगती है.

ऐसी भयानक चुदाई देख कर दिव्या भी अपनी चूत को जोरों से रगड़ने लगती है लेकिन मनीष और पूजा उससे पहले ही एक साथ चरम पर पहुच कर झड जाते है. मनीष लंड से कंडोम उतार कर फेंक देता है और पेंट पहनने लगता है. दिव्या को लगता है कहीं ये दोनों उसको देख न लें तो वापस बगल वाले टॉयलेट में घुस जाती है.
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र

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पूजा: आज क्या खाकर आया था. मजा ही आ गया.

मनीष: वो सब छोड़. तू जल्दी से नीचे जा वरना तेरी बस निकल जाएगी. मैं तो आज बाइक लाया हूँ.

पूजा जल्दी से कपडे ठीक करके नीचे चली जाती है लेकिन मनीष बाहर खड़ा हो जाता है. पांच मिनट बाद दिव्या भी झड जाती है तो वो देखती है की बगल वाला टॉयलेट खाली है. वो भी अपने कपडे ठीक करके बाहर आती है तो देखती है कि सामने मनीष खड़ा है.

उसको बहुत गिल्ट फील होता है लेकिन वो ऐसे दिखाती है की जैसे कुछ हुआ ही नहीं. मनीष उसको देख कर एक कमीनी हंसी हँसता है लेकिन दिव्या उसको इग्नोर करके नीचे चली जाती है. बाद में दिव्या को बार बार मनीष का हँसता हुआ चेहरा याद आता है और उसे लगता है की मनीष को सब पता है. हो सकता है उसने मुझे अपनी चूत रगड़ते हुए भी देखा हो. पर वो अपने मन को समझाती है की नहीं नहीं मनीष तो पूजा के साथ लगा हुआ था तो उसे कैसे पता चलता की मैं बाहर हूँ और बाद में मैंने क्या किया. ये मेरा वहम है. उधर मनीष सलमान के कमरे में पहुँच जाता है.

सलमान: अरे घर नहीं गया अभी तक. आजा अन्दर आजा.

मनीष: बस यार सोचा तुम्हारे साथ बैठे थोड़ी देर.

सलमान: आज तो बड़ा खुश लग रहा है. क्या बात हो गयी.

मनीष: सूखे सूख पूछोगे क्या. एक छोटा पेग तो बना दे मेरे लिए.

सलमान उठ कर उसके लिए एक पेग बनाता है.

सलमान: क्या हो गया भाई. आज दिन में पेग मांग रहा है.

मनीष: अरे जब से दिव्या मैम की चूत देखी है तब से गला सूख रहा है. उस नशे को काटने के लिए ये नशा चाहिए.

सलमान: अबे तूने कब देख ली साली की चूत.

मनीष सलमान को पूरी बात बताता है तब सलमान को पता चलता है की इसने चूत वूत कुछ नहीं देखी बस उसे कपड़ो के ऊपर से चूत सहलाते देखा है. सलमान को लगता है की दिव्या ने रात में टेबलेट ली होगी शायद इसीलिए गरम हो गयी. उसे लगता है अगर उसने जल्दी कुछ नहीं किया तो कहीं मनीष बाजी न मार ले.

सलमान: यार जितना सोचा था ये तो उससे भी बड़ी रांड निकली. इसकी चूत मारने का कुछ सोचा है तूने?

मनीष: नहीं यार. बस पूजा को चोदते हुए सोचता हूँ की दिव्या मैम को चोद रहा हूँ बस. लेकिन मुझे नहीं लगता की वो इतने आराम से किसी को करने देंगी. वो तो ऐसे किसी को देख कर कोई भी गरम हो जायेगा. शरीफ न होती तो उस दिन बाथरूम में तुझे दे न देती.

सलमान: अरे दे ही देती अगर वो रश्मि न आ टपकती.

मनीष: तो तेरा कौन सा रश्मि मैम से पर्दा है. इतना अच्छा मौका निकल गया तेरे हाथ से.

सलमान: यार एक बार सोच लिया तो फिर इसे चोदे बिना नहीं छोडूंगा. ऐसे मौके हजार आएंगे और तू मेरा यकीन कर. ऐसी शरीफ औरतें जब बिस्तर पर आतीं है तो रंडिया भी शर्मा जाती हैं.

कुछ दिन ऐसे ही निकल गए और दिव्या की प्यास बढती ही जा रही थी. महीना होने के बाद भी राजेश पुणे से वापस नहीं आया और कुछ बता भी नहीं रहा था की कितने दिन और लगेंगे. ऊपर से जब भी दिव्या उसको फ़ोन करती वो उसको ज्यादा टाइम भी नहीं देता था. ऐसे में एक रात को सलमान शराब के नशे में टूल्ल ड्यूटी कर रहा था की उसके पास दिव्या का फ़ोन आता है.

सलमान: जी मैडम. कुछ काम था क्या?

दिव्या: हाँ मेरे फ्लैट की लाइट चली गयी है लेकिन बाकी जगह आ रही है और मेंटेनेंस ऑफिस में कोई फ़ोन नहीं उठा रहा. जरा इलेक्ट्रिसियन को भेज देना.

सलमान: जी मैडम अभी भेजता हूँ.

थोड़ी देर बाद सलमान खुद दिव्या के फ्लैट में पहुँच जाता है. दिव्या दरवाजा खोल कर सलमान को देखती है तो परेशान हो जाती है.

दिव्या: इलेक्ट्रिसियन को नहीं लाये.

सलमान: मैडम रात को आठ बजे मेंटेनेंस वाले घर चले जाते है और अब इतनी रात में कोई दूसरा बिजली वाला तो मिलेगा नहीं.

दिव्या: तो क्या पूरी रात बिना लाइट के रहना होगा. पॉवर बैकअप भी तो काम नहीं कर रहा.

सलमान: बाकी फ्लैट में लाइट आ रही है न मैडम इसीलिए बैकअप नहीं चलेगा. आप कहें तो मैं देख लूं. फ्यूज ही उड़ा होगा.
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Re: Adultery दिव्या का सफ़र

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दिव्या अब दरवाजा पूरा खोल कर सलमान को अन्दर आने को बोलती है. दिव्या ने इस समय एक सेक्सी सी नाईट ड्रेस पहनी हुई थी. सलमान अपने मोबाइल की टोर्च जला कर उसको देखता ही रह जाता है.

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दिव्या: क्या देख रहे हो. फ्यूज बॉक्स गैलरी में है.

सलमान: वो मैडम आज तक आपको ऐसे कपड़ो में देखा नहीं न. स्कूल में तो ज्यादातर आप साड़ी या लॉन्ग ड्रेस ही पेहेनती हैं लेकिन इसमें तो आप फिल्म की हेरोइन जैसी लग रही हैं.

दिव्या: तुम फिर शुरू हो गए. लाइट देखो की क्यों नहीं आ रही.

सलमान फ्यूज बॉक्स में देखता है तो एमसीबी ट्रिप होती है लेकिन वो दिव्या से कहता है की फ्यूज उड़ा है और वो थोडा तार और एक पेंचकस ले आये. दिव्या दोनों चीजे ले आती है. तब तक सलमान कटआउट निकाल कर एमसीबी ठीक कर देता है. सलमान दिव्या से तार ले लेता है और फ्यूज बॉक्स में लगाने का नाटक करने लगता है.

सलमान: मैडम आप मेरे मोबाइल से टोर्च दिखाइए न. कुछ नजर नहीं आ रहा तो तार कैसे जोडू.

दिव्या पीछे से मोबाइल की टोर्च दिखाने लगती है.

सलमान: मैडम ऐसे तो यहाँ पर मेरी छाया आ रही है. आप मेरे आगे आ जाइये.

दिव्या सलमान के आगे आ जाती है. सलमान दिव्या के बदन की खुशबु को सूंघता है और एक गहरी सांस लेता है. दिव्या के पास कोई चारा नहीं है. वो चुपचाप खड़ी रहती है. अब सलमान अपना लंड दिव्या की गांड में छुआ देता है. अब दिव्या सलमान को टोकती है.

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दिव्या: देखो तुमने मुझसे बोला था की अब ऐसी हरकत नहीं करोगे.

सलमान: मैडम अब हर चीज मैं कैसे कण्ट्रोल करूं. आप करीब आयीं तो ये अपने आप खड़ा हो गया. इसमें मेरी क्या गलती है.

दिव्या: तो क्या मेरी गलती है? तुमने पी भी रख है ये भी मेरी ही गलती है क्या?

सलमान: गलती तो आपकी ही है लेकिन मुझसे मत बुलवाओ.

दिव्या अब नाराज हो जाती है.

दिव्या: बताओ मेरी गलती कैसे है.

सलमान: मैडम पीने की बात तो जाने दो. वो तो मैं रोज ही पीता हूँ. और आपकी गलती ये है की आप इतनी खूबसूरत हैं की मुर्दे का भी खड़ा कर दें. मुझे माफ़ कीजिये. अब मैं जाता हूँ. कल सुबह इलेक्ट्रिसियन को भेज दूंगा.

दिव्या: अरे तो पूरी रात मैं बिना लाइट के कैसे रहूंगी. तुम ठीक करके ही जाना.

सलमान: तो ठीक है आप भी मेरी मजबूरी समझिये और बिना गुस्सा किये आगे खड़ी रहिये.

ये बोल कर सलमान अपना तना हुआ लंड दिव्या की गांड की दरार में घुसा देता है.

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दिव्या को मानो एक करंट सा लगता है. सलमान स्विच ऊपर नीचे करके नाटक करता रहता है और दिव्या की गांड में अपना लंड रगड़ता रहता है. इससे दिव्या की चूत भी गीली होने लगती है. दिव्या की साँसे तेज़ होने लगती है.

सलमान: मैडम आपको थैंक्स कहना चाहता था बहुत दिनों से.

दिव्या: कक्कक्यों?

सलमान: वो आपने अपनी ब्रा मुझे दी थी न और फिर किसी से कुछ कहा भी नहीं. आपके पति ज्यादातर बाहर क्यों रहते हैं.

दिव्या: उनकी नौकरी ही ऐसी है.

सलमान: मैं होता तो नौकरी छोड़ देता लेकिन ऐसी बीवी न छोड़ता. मैडम आप भी बहुत प्यासी होंगी न?

दिव्या: कितना टाइम लगेगा सलमान?

सलमान तो कब का कटआउट वापस लगा चुका था लेकिन कमरे की लाइट बंद थी तो दिव्या को पता नहीं चला था की लाइट आ गयी है. अब सलमान थोड़ी हिम्मत करता है और झुक कर दिव्या के गले को चूम लेता है.

दिव्या: ये क्या कर रहे हो सलमान. चलो बाहर निकलो.

सलमान: मैडम आपका भी तो मन करता है की मैं आपकी प्यास बुझाऊँ तो फिर मना क्यों करती हो?
ये कह कर सलमान दिव्या के मम्मो को पकड़ लेता है. दिव्या सलमान से छूट कर बेडरूम की तरफ बढती है लेकिन सलमान उसे दीवार से लगा कर दिव्या के नाईट ड्रेस का स्ट्रेप कंधे से उतार देता है.

दिव्या: सलमान... ये क्या कर रहे हो. छोडो मुझे वरना तुम्हारी शिकायत कर दूँगी.

सलमान: मैडम मेरी आँखों में तो देखो.

सलमान दिव्या के चेहरे को ऊपर करके उसकी आँखों में आँखे डाल देता है और उसके मम्मे दबाने लगता है. दिव्या उसका हाथ पकड़ लेती है.

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दिव्या: बस अब और कुछ मत करना. छोडो मुझे वरना तुम्हारी कंप्लेंट कर दूँगी.

सलमान: मैडम आप भी तो यही चाहती हो तभी तो गरम हो गयी हो फिर क्यों मना कर रही हो.

दिव्या: शटअप. मैं एक शादीशुदा औरत हूँ और अपने पति से बहुत प्यार करती हूँ.

सलमान: तो मैं कब कह रहा हूँ की आप अपने पति को छोड़ कर मुझसे निकाह कर लो. मैं तो ये बोल रहा हूँ की आपकी प्यास बुझाने के लिए आपके पति यहाँ नहीं हैं लेकिन मैं हूँ. देखो जब भी आपको देखता है मेरा हथियार कैसे तन जाता है.

ये कह कर सलमान दिव्या का हाथ अपने लंड पर रख देता है लेकिन दिव्या फ़ौरन हाथ हटा लेती है और सलमान को धक्का देती है. सलमान लड़खड़ा कर गिर जाता है.

दिव्या: तुम फ़ौरन निकलो यहाँ से वरना मैं शोर मचा दूँगी.

सलमान को लगा था की अब तक तो दिव्या की प्यास बहुत बढ़ गयी होगी तो आज तो दिव्या चुद ही जाएगी. उसको नहीं पता था की दिव्या रोज नींद की टेबलेट नहीं लेती है. लेकिन आज उसने तय किया की वो दिव्या को हाथ से नहीं जाने देगा.
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