Incest सपना-या-हकीकत

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rajan
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Re: Incest सपना-या-हकीकत

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Update 25

मै दीदी को बिना कुछ बोले निकल आया नीचे और फिर मूड फ्रेश करने के लिए सोचा चंदू से मिल लू तो रामवीर से पता चला कि वो ,रजनी और चंपा तीनो चंदू के मामा के यहा चले रक्षा बंधन के लिए ।

मै - अच्छा तभी आज ये कोचिंग भी नही आया था
मै वापस आया और तब तक पापा भी आ गये

फिर मै पापा बुआ और मा सब दुकान मे ही बैठ के बाते करने लगे और पापा की नजर बुआ पर गई जो इस समय एक नायलान मैक्सि पहने हुए थी
पापा - अरे दीदी आपने कपड़े बदल दिये सुबह तो आप कुछ और पहने थे
बुआ शर्माते हुए - हा भईया वो कपडे थोड़े तंग थे और रात मे सोना है तो इसमे ज्यादा आराम है
पापा - तंग कहा थे दीदी एकदम परफ़ेक्ट फितींग थी
बुआ - अरे नही भईया वो ... फिर वो शर्माने लगी
पापा - क्या हुआ जीजी खुल के बताओ यहा कोई बाहर का थोडी है
बुआ - भईया वो मेरे अंदर वाले कपड़े तंग थे ।
मा - क्या दीदी आपने एक बार भी नही बताया की आपके अंडरगार्मेंट्स छोटे हो गये
बुआ थोडी शर्माती हुई और मुझे भी थोड़ा अजीब मह्सूस हो रहा था ऐसे पापा के सामने बाते सुनना लेकिन मा और पापा तो बुआ को खोलने मे लगे थे
बुआ थोड़ा मुस्कुराकर एक नजर पापा और मुझे देखा फिर बोली - हा वो वो मै भूल गई ....
मा - अच्छा तब मतलब अभी भी आपने कुछ नही पहना होगा
मा की बात सुनते ही मेरे और पापा के कान खड़े हो गये क्या सच मे बुआ उस नायलान मैक्सि के अन्दर पूरी नंगी होगी
मै एक बार पापा को देखा तो वो एक तक बुआ के मैक्सि के चैन को देखे जा रहे थे और एक हाथ उनका चढ़ढे को मिज रहा था
इसी बीच पापा मौके का फायदा उठा के बोले - अरे तो रागिनी देख क्या रही है चल जीजी के नाप का अंडरगार्मेंट निकाल दे

बुआ - अरे रहने दो भैया कल सुबह ले लुंगी मै जब नहाने जाऊंगी तो आप चिन्ता ना करो वैसे भी गरमी है तो ऐसे सोने मे आराम है
ऐसे ही बाते हो रही थी फिर मा उठकर - आप लोग बाते करो मै खाना बनाने जा रही हू

फिर मा ऊपर चली गयी और मै भी मोबाईल लेकर साइड हो गया और कानो मे हेडफोन लगा कर उसको चलाने लगा लेकिन मेरी नजर बराबर पापा और बुआ पर थी ।
दोनो सेक्स की आग मे जल रहे थे लेकिन हिम्मत किसी की नही ,,, लेकिन पापा का पुरा मन था बुआ को भोगने का
पापा - और बताओ जीजी वहा के हाल चाल
बुआ - सब ठीक चल रहा है भईया
पापा - यहा कोई दिक्कत तो नही है ना जीजी
बुआ - नही भईया ,,, बस मुझे कल कुछ कपड़े लेके सिल्वाने है
पापा - अरे तो ठीक है कल राज लेके चला जायेगा,,, वैसे कैसा कपडा लोगी
बुआ - सोच रही हू साडीया लेलू इस बार
पापा - अरे वाह ये सही रहेगा
बुआ - हा लेकिन मै अपने नाप का कोई ब्लाऊज नही लाई हू न
पापा - अरे उसकी चिन्ता ना करिये ,,, आईये अन्दर मै अभी नाप ले लेता हू एकदम परफेक्ट साइज़ का

इतना बोल के पापा ने लपक कर इंचीतेप लेके गले मे डाल लिया और खड़े भी हो गये
पापा का उतावलापन देख कर मुझे बहुत हसी आ रही थी ।
पापा - चलो दीदी अन्दर कमरे मे मै नाप ले लेता हू
बुआ - अरे खामखा परेसान हो भईया मै दर्जी को नाप दे दूंगी

पापा - अरे मेरे रहते आप कहा दौड़ने जायेंगी ,,, मै नाप लिख कर दे दूँगा राज कपड़े लेकर चला जायेगा

बुआ मन मान कर - अच्छा ठीक है फिर पापा और बुआ कमरे मे चले गए
पापा ने तो अपनी हवस मे मुझे शुन्य समझ लिया था, वो क्या बाते किये जा रहे हैं मेरे सामने उनको कोई परवाह नहीं थी
फिर दोनो कमरे मे गये और पापा - यहा खड़े हो जाईये जीजी और अपने हाथ ऊपर कर लिजीये

मै सोचने लगा अबे साला पापा तो डायरेक्ट बुआ की चूचि ही नापेगे क्या ,, मै तुरंत उठा और खिडकी के पास से अंदर देखने लगा

कमरे बुआ पापा के सामने हाथ उठाए खड़ी थी और पापा मेरी तरफ पीठ किये खड़े थे
फिर गले से फिता निकालते हुए पापा ने फीता को बुआ के कंधो से अंदर से एक साइड से दुसरे साइड निकाला और सामने लाकर उनके छाती और गले के बिच मे नाप लेते हुए- 36" हम्म्म्म
फिर वापस पापा ने वहा से हटा कर फीता बुआ के छातियो से निचे उनके जहा ब्लाउज़ का बेल्ट होता है वहा लेकिन बिना ब्रा के बुआ की 40 साइज़ की चुचिया थोडी लटकी हुई थी और पापा से टच से निप्प्ल हल्के नुकीले हो गये थे जिससे जहा बेल्ट का माप लेना था वो जगह बुआ की चुचियो से ढका था

पापा - जीजी क्या आप एक मिनट के लिए अपने दूध को ऊपर उथाओगी क्योकि ब्लाउज़ के बेल्ट माप लेना ,,, और मुस्कुराने लगे
बुआ थोडी शर्माते हुए मुस्कुराई और अपने हाथ निचे कर अपनी दोनो पपीते जैसे चुचियो को अपने हाथो मे मैक्सि से पकड कर हल्का ऊपर किया
उफ्फ्फ उस ढीली मैक्सि मे भी बुआ की चुचियो के उठने से मेरे और पापा दोनो के लण्ड अंगदायी लेने लगे
फिर पापा थूक गटकते हुए बुआ की पपीते जैसी चुचियो को घुरते हुए फिते को सामने कर ब्लाऊज के बेल्ट के लिए माप लिया 38" हम्म्म ,, अब छोड दिजीये जीजी
बुआ ने अपने भारी चुचियो को छोडा जिससे 2 3 सैकेण्ड तक उनकी चुचिया हिल्ती रही ,पापा बस एक टक उन हिलते चुचो को देखते रहे फिर उनको देख कर मुस्कुराते हुए - भईया अब आगे बढ़े
पापा - जी जीजी ,,, हा अब थोडी सा अंदर सांस लिजीये मै आपके उभार का माप लेलू

मै पापा के हर स्टेप से उत्तेजित हुए जा रहा था
फिर बुआ ने अपने फेफडो मे सांसे भरी तो उनकी चुचीया फुल कर और ऊपर उठ गयी ।

पापा की आंखे चौडी हो गयी उन्होंने वापस फिते को सामने लाया और ऊँगलियों बुआ की चुचियो के बिच लाकर रख दी और बोले - 42 " हम्म्म

बुआ तुरंत चौकी - क्या 42 ,, नही भईया मेरा 40 साइज़ है
पापा - नही जीजी देखो 42 है
और आपका साइज़ बढ़ गया है तभी आज आपके कपडे तंग थे
बुआ - हम्म्म हो सकता है
फिर पापा ने बाजू और गले का माप लिया ।
बुआ - चलिये हो गया न अब
पापा - अरे दीदी अभी पेतिकोट का तो बाकी है न
बुआ - अरे उसका क्या माप लेना वो ऐसे ही ढीला सील देते है सब
पापा - हा लेकिन अगर वहा पर टाइट हुआ तो कपड़े खराब हो जायेंगे न
बुआ - कहा की बात कर रहे आप भईया
पापा थोड़ा हिचकिचा के बुआ की गांड की तरफ इशारा करते हुए बोले - वहा पर जीजी
बुआ - मै समझी नही भईया
पापा फिर थोड़ा आगे बढ़े और बुआ के बगल मे आ कर उनकी मोटी चुतडो पर मैक्सि के ऊपर से सहलाते हुए - यहा पर जीजी
पापा के स्पर्श से बुआ एकदम सहम सी गयी और उनकी आंखे बंद हो गई
बुआ - आह्ह भईया क्या कर रहे हैं,,, समझ गई मै
पापा का बुआ के लिये हवस चरम पर था उनको जो चाहिये था वो उनकी गिरफ्त मे था तो वो ये मौका कैसे जाने देते
तो वो वैसे ही उनकी मोटी गांड पर हाथ फेरते हुए बोले - तो मै माप लेलू ना इसका भी ,,, ये बोल कर पापा ने बुआ के गांड के पाटो के बीच उंगली से रगड़ा जिससे बुआ हिचक कर आगे हूई मगर अब पापा का हाथ उनकी चुतडो को सहलाए जा रहा था

बुआ - लेलो भईया अह्ह्ह्ह
पापा और बुआ दोनो एक दूसरे को पाना चाहते थे ,, एक तरफ पापा को बुआ की मोटी गांड में अपना लण्ड डालने का हवस ,,, वही दो दिनो की बुआ की फड़फड़ाती चुत लण्ड के लिए तरस तरस कर बहे जा रही थी
पापा ने फीता लिया और इस बार बुआ के पीछे खड़े हो गये और फिर अपने घुटने पर होकर ठीक बुआ के भारी भरकम चुतडो के बराबर मे आ गए,,,, अब पापा का चेहरा बुआ की मोटी गांड के ठीक सामने था ,,, फिर पापा फिते को एक साइड से दुसरे साइड लेने के लिए आगे झुके ,,,और साथ ही बुआ की चुतडो के पास आकर आंखे बंद किया उनकी गदरायी गांड की खुस्बू लेने के लिए एक गहरी सांस ली ,,,जिससे पापा के चेहरे पर एक कातिल मुस्कान आ गयी

फिर उन्होने फीता सामने किया तो कमर की माप ली 38 " फिर बुआ के मोटी गांड पर फीता को सामने लाया 44" कुल 6 इन्च का उभार ,,,
पापा ने थूक गटकते हुए एक बार अपना चढढा ठीक किया
बोले - जीजी देखा कमर और आपके इसके ( उनकी चुतडो को दबाते हुए ) बिच मे 6 इन्च का अंतर है
बुआ मुंडी घुमा कर निचे पापा को देखती है - अच्छा तभी मेरे सारे पेतिकोट तंग हो जाते है
पापा - जीजी ये बडे भले ही है लेकिन बहुत मुलायम है ,,,, और वापस पापा ने बुआ के चुतड के एक पाट को दबा के बताया जिससे बुआ की सिसकी निकल गयी - उम्म्ंम्म्ं
पापा - जीजी इतना मुलायम तो तकिया भी नही होता है और फिर पापा ने अपना गाल मैक्सि के ऊपर से ही बुआ की गांड पर सहलाने लगे
बुआ - इस्स्स उम्म्ंम्ं ,, बस करो भईया गुदगुदी हो रही है ,,,, और वैसे भी भाभी के पास भी ऐसा ही है वहा सोयिये तकिया बना कर

पापा- नही जीजी रागिनी का आपके जितना नही है
बुआ - धत्त क्या भईया आप भी,,, उठिए चलिये मुझे गुदगुदी लग रही है वहा
पापा फिर खड़े हो गये फिर - अच्छा जीजी आपको याद है हम लोग बचपन में कैसे एक साथ सारे भाई बहन रहते थे और एक दुसरे के ऊपर सोया करते थे ,,,

बुआ - हा भईया कितना अच्छा था तब हम लोग कितने दुबले पतले थे
पापा - सब लोग नही सिर्फ़ मै जंगी और कम्मो थे ,,, आप तो तब ऐसे ही गोल मतोल थे ,, हहहहह
बुआ - भक्क कहा भईया मै भी आप लोगो के जैसी
थी आप ही लोग मुझे भैस मोटी कह कर चिढाते थे।
पापा - वो तो अपने मामा का लड़का लखन आया था वही आपको सबसे पहले भैस बोला था
बुआ - अच्छा वो क्यू ,,, और आपने भी नही रोका उसको कि क्यू बोल रहा था ऐसा मेरी दीदी को
पापा- मैने पुछा था दीदी , फिर जो जवाब उसने दिया तो मै भी संतुष्ट हो गया
बुआ - अच्छा ऐसा क्या बोला वो लखना
पापा - नही दीदी वो पुरानी बात है रहने दिजीये
बुआ - अरे बताईये भईया मै कौन सा बुरा मानूंगी और गुस्सा होना होगा तो उस लखना से होऊंगी
पापा - जीजी वो बोल रहा था की आपकी दूध भैस की थन जैसे लगते है और ....
बुआ - और क्या
पापा - आपका पिछ्वाडा चलने पर गदरायी भैस के जैसे मटकता है इसिलिए
बुआ - हे भगवान तब मै 10वी मे पढ रही थी ,,, और मेरे इतने भी बडे नही थे ये बात बोलते बोलते बुआ मुस्करा दी
पापा - हा दीदी लेकिन बाकियो के मुकाबले बहुत अच्छे थे आपके दूध
बुआ - धत्त पागल,,, ऐसी बाते करता है कोई अपनी बड़ी बहन ,,, और तुम तो ऐसे कह रहे हो जैसे हमेशा मेरे दूध ही निहारा करते थे

पापा को जैसे बात बढाने का नया जरिया मिल गया
पापा - नही जीजी हमेशा नही बस कभी कभी नजर पड़ जाती थी ,,, और आपके दूध उस समय सच मे बडे तो
बुआ - तो क्या
पापा - तो मेरा मन भी होता था कि कभी उनको अच्छे से निहारू ,,, मगर कभी मौका नहीं मिला
बुआ - धत्त भईया ,,, आपको इतने पसंद है क्या मेरे दूध
ये बोल के आंखे निचे कर ली
पापा - जी दीदी ,,, और मै तो हमेशा से सोचता था मेरी शादी आपके जैसी किसी औरत से ही हो
बुआ - हिहिहिही और आखिर आपको आपकी पसंद मिल ही गयी भाभी के रूप मे
पापा - कहा जीजी ,,,
बुआ - क्यू भाभी मेरे से कम है क्या
पापा - हा उसका साइज़ आपके जितना थोडी है
बुआ - धत्त क्या आप भी भईया ऐसा कुछ नही भाभी मेरे से 20 ही पड़ेगी
पापा - नही जीजी मै रोज देखता हू रागिनी को ,, कहो तो शर्त लगा लो हार जाओगी आप
बुआ - देखा है न बस , जैसे मुझे मापा है वैसे थोडी न मापा है भाभी को
एक बार नाप लो देखना आप खुद हार जाओगे
पापा - अगर मै जीत गया तो मुझे क्या मिलेगा
बुआ - जो आप माग लो भईया
पापा - सोच लो जीजी बाद मे पलट मत जाना
बुआ - मै नही पीछे हटून्गी,,, और अगर मै जीती तो राखी पर मन चाहा इनाम लुंगी आपसे हीहीहि
पापा - ठीक है फिर देखते है
बुआ - एक बात और भाभी का माप मै लुंगी पक्का न ,,,नही तो आप शर्त जितने के लिए बेईमानी कर लोगे
पापा- जरुर जरुर जीजी आप ही लेना लेकिन अभी चलिये ऊपर चलते बातो ही बातो मे रात हो गयी हाहाहह


अब देखते आगे क्या होने वाला
rajan
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Re: Incest सपना-या-हकीकत

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Update 26

अब तक
बुआ - मै नही पीछे हटून्गी,,, और अगर मै जीती तो राखी पर मन चाहा इनाम लुंगी आपसे हीहीहि
पापा - ठीक है फिर देखते है
बुआ - एक बात और भाभी का माप मै लुंगी पक्का न ,,,नही तो आप शर्त जितने के लिए बेईमानी कर लोगे
पापा- जरुर जरुर जीजी आप ही लेना लेकिन अभी चलिये ऊपर चलते बातो ही बातो मे रात हो गयी हाहाहह

अब आगे

रात के 8 बजे हम लोग एक साथ खाना खाने बैठे
मा और दीदी ने सबके लिये खाना लगाया फिर सभी खाना खाने लगे ।

पापा - मै क्या कह रहा हूँ रागिनी तुम कल जीजी को जंगी के यहा लिवा के जाओ और कुछ साड़ियां दिला दो चार नये मॉडल की जैसा जीजी को पसंद हो ।

मा - हा फिर लेकिन माप भी देना पडेगा ना और जीजी बता रही थी कि वो कोई साड़ी नही लाई है इस बार

पापा - अरे उसकी चिन्ता नही है मैने आज नाप ले लिया जीजी का

पापा के ये बोलते ही मा और दीदी बस एक नजर पापा को देखने लगी फिर दीदी ने एक नजर मेरी तरफ देखा तो मै मुस्करा रहा था

तो दीदी ने कोहनी से मेरे हाथ पर मारा और इशारे से पुछा की क्या माजरा है ,,, मैने उनको चिल्ल्ल करने का इशारा किया और बोला जाने दो
इससे पहले लोग अनुज और दीदी अपने मन मे कुछ और बाते बनाते तभी
बुआ - हा भाभी वो नाप मैने ले ली है वो भईया ने मेरी मदद की ,,,, फिर बुआ पापा को एक कातिल मुस्कान देती है

मा - अच्छा तब तो ठीक है नही तो बिना माप सिलाने दिक्कत आती
फिर सभी लोग खाना खा कर छत पर टहलने चले जाते हैं और मा दीदी किचेन मे काम करने लगते ।

थोडी देर बाद मा ऊपर आती है
बुआ - अरे सोनल नही आई ऊपर
मा - नही वो काम खतम करके निचे ही सो जायेगी
मा - अनुज बेटा तू भी जा सो जा
अनुज - जी मा
फिर अनुज भी निचे चला जाता है
अब छत पर मै मा बुआ और पापा थे

मै - पापा मुझे कुछ पैसे चाहिये थे
पापा - क्या हुआ बेटा कोई दिक्कत तो नही न
मा - हा बेटा बोल क्या जरुरत है तुझे

मै - पापा मै सोच रहा हूँ इस बार रक्षा बंधन पर दीदी को मोबाईल गिफ्ट देदू
बुआ - अरे वाह बहुत खूब बेटा
पापा - अरे लेकिन उसको मोबाइल का क्या काम ,, लडकी है वो
बुआ - क्या भईया आप भी अगर मै होती तो क्या आप तब भी ऐसा सोचते ,,, अरे जवान लडकी है अभी पढ रही कुछ नये चीजे सिख लेगी कल को ससुराल मे काम ही आयेगा

पापा - अरे नही जीजी ऐसा नही है
मा - क्या आप भी दे दो न पैसे ,, वैसे 2 3 साल तक ही रहेगी मेरी बेटी मेरे साथ ,, मा थोडी रुआसी हो गई

पापा - अच्छा ठीक है बाबा दे दूँगा मैं,, राज कल सुबह तू ले लेना
मै खुश होते हुए- थैंक्स पापा
फिर पापा निचे जाने लगे - चलो रागिनी मै नीचे जा रहा हू तुम और राज भी आजाना

मा - हा ठीक है आप चलिये हम आते है फिर पापा निचे चले गये

फिर बुआ और मा चताई पर बैठ कर बाते करने लगे
मै भी मा की गोद में सर रख कर लेट गया

मा - अरे ये राज भी ना पता नही कब बड़ा होगा
बुआ - अरे भाभी बड़ा तो हो ही गया है और कोई लडकी भी पटा लिया होगा अब तक क्यो हीरो

मै - नही बुआ क्या आप भी
बुआ - देखो कैसे शर्मा रहा है लडकी के नाम से हीहीहि अरे शादी होगी तब क्या होगा इसका

मै - आप कर लो बुआ मुझसे शादी फिर नही शर्माउँगा हिहिहिही और मा भी हसने लगी

बुआ - बदमाश अपनी बुआ से शादी करेगा अब तो मै बुड्ढी हो गई हू बेटा
मै - क्या बुआ अभी भी,, अगर आप टीशर्ट और घाघरा पहन लो एकदम भोजपूरी फ़िल्मों की रानी चटर्जी ल्गोगी

मा - हा जीजी राज एकदम सही कह रहा है आपका और रानी चटर्जी का फिगर सेम ही है ,,मै तो कहती हू कल एक टीशर्ट और घाघरा भी लेलो आप आपके भईया भी देख के खुश हो जायेगे हाहहाहहा

बुआ - क्या भाभी जी आप भी धत्त
मै नही पहनने वाली
मै - बुआ प्लीज लेलो ना आप पर बहुत अच्छी लगेगी
बुआ - लुंगी लेकिन एक शर्त पर तेरी मा को भी लेना पडेगा हिहिहिहिही

मा - नही नही नही रहने दो तब मै नही पहनती ऐसे कपडे जीजी ,,, आपकी तो आदत है मॉर्डन कपड़े पहनने की

मै - बुआ अब बहाने न बनाओ मा को लेके ,, आपको लेना है कल बस चलना मै भी चलूंगा

बुआ - अच्छा ठीक है बाबा ले लुंगी खुश
मै मा की गोद से उठ कर बुआ की गद्देदार जांघो मे लेट कर उनके मैक्सि के ऊपर से पेट मे हग करते हुए उनके पेट मे अपना चेहरा घुमाने लगा ,, आह्हह कितना सोफ्ती मह्सूस हो रहा था

बुआ - हिहिहिहिही अरे बेटा छोड मुझे गुदगुदी लग रही है हा हह हीहीह ब्स कर राज

फिर मै वापस बुआ की गोद मे सीधा लेट गया और बुआ मेरे चेहरे पर हाथ फेरते हुए - अभी भी नटखत है बचपन की तरह हा ,,,फिर वो मुझे छोटे बच्चे की तरह दुलारने लगी
मै ऊपर देखा तो बुआ की पपीते जैसी मोटी चूचिया मेरे चेहरे से कुछ इन्च ऊपर ही मैक्सि मे लटकी हुई थी ,,, मन तो कर रहा था की अभी चुस लू
इसी बीच बुआ - लेकिन भाभी जंगी के यहा तो सिर्फ साड़ियां ही मिलेगी ना तो वो कपडा कहा लेंगे
मै - अरे बुआ आप चिन्ता ना करो मार्केट मे अब नये नये दुकान खुल गये है और एक नया शॉपिंग कॉमप्लेक्स भी खुल गया है

मा - हा जीजी ,, मै तो कहती हू कल हम सब लोग चलते है त्योहार के लिए खरीदारी भी हो जायेगी सारी फिर अनुज और सोनल को भी नये कपडे चाहिये ना

मै थोड़ा उदास सा मुह बना कर - और मेरे कपड़े
बुआ हस्ती हुई - मै दिलाउंगी ना मेरे राजा बेटा को जो चाहिये

मै थोडा बुआ को छेडते हुए - हा बुआ ,, आपको ही मेरी मम्मी होना चाहिए था ,,,मा तो कुछ दिलाती ही नही

मा - हा हा बना ले मम्मी इनको भी वैसे भी तुने इनका भी दूध पिया है

मै - क्या सच मे बुआ ,, मै उत्साही मे बोला
बुआ - अरे नही बेटा मै बताती हू बात क्या ,,,वो क्या है छोटे पर तू इतना शरारती था और प्यारा कि कोई भी औरत तुझे गोद मे ले लेती खिलाने के लिये लेकिन थोडी ही देर मे तू दूध पीने के लिए रोने लगता था। तो तुझे चुप कराने के लिए हम लोग अपने दूध पर तेरा मुह लगा देते थे ,, अब उसमे दूध आये या ना आये लेकिन वही चुस कर तू चुप हो जाता था ।
हहाहहहा देखो भाभी कैसे शर्मा रहा है अब

मै - क्या बुआ आप भी
मा - हा बेटा तेरी बुआ सही कह रही है मै तो परेशान हो जाती थी तेरे रोने से तो किसी न किसी को बुला के दे देती थी ।
मै - उह्ह्ह्हउउहुहुहहह उह्ह्ह्झ दुधूअअउऊउऊ,,, मम्मीईईईई दुधुऊउऊऊऊऊ झूठ मूठ का रोने का नाटक करने लगा और बुआ की गोद मे उछल कूद करने लगा

मा हस्ते हुए - लगता हैं जीजी इसको चुप करवाना पडेगा पडेगा पहले की तरह ,,,

बुआ - मेरा सर किसी छोटे बच्चे की तरह दुलारते हुए मेरे गाल सहलाते हुए - दुधू चाहिये मेरे लल्ला को आजा मेरा बेटा और फिर बुआ ने एक हाथ से अपनी मैक्सि का चैन खोला फिर बाया तरफ का बाजू निचे किया और बाई तरफ की चुची निकाल के बाहर की फिर मेरा चेहरा उठा कर अपने चुची के पास ले जाकर - ले पी ले मेरा ल्ल्ला

मैने तो मजाक मे शुरू किया था मुझे नही पता था कि ये सब इतना आगे बढ़ जायेगा और फिर इतना बड़ा मौका मै कैसे जाने देता
मैने भी लपक कर बुआ के बडे बडे निप्प्ल को पर मुह लगा कर चूसने लगा
बुआ - अह्ह्ह्ह आराम से लल्ला
मा हस्ते हुए - अरे वाह देखो तो कितना प्यार है अपने भतीजे को रोता नही देख सकती

बुआ -उम्म्ंम आह्हह और क्या मेरा दुलारा बेटा है ऐसे कैसे उम्म्ंम्म्ं अह्ह्ह्ह आराम से चुस बेटा ,,,रुक मै लेट जाती हू
इतना कह कर बुआ निचे लेट गई और मै उन्के ऊपर आकर उनकी चुचि को वापस चूसने लगा

बुआ की शरारत अब उन पर भारी पड़ रही थी क्योकि मै धीरे धीरे उनकी चूचियो को दबा कर उन्के निप्प्ल को अपने जीभ से खेल रहा था
अब बुआ को मदहोशि होने लगी और उनकी सांसे भी तेज़ी से ऊपर निचे होने लगी थी ,,,,

बुआ - अह्ह्ह्ह आह्हह बेटा उम्म्ं
मा - चलो जीजी मै निचे जा रही हू और आप भी राज को दूध पिला कर भेज देना इसे भी निचे
बुआ - आह्हह हा भाभी चलो आप मै भेजती हू इसको
मा फिर निचे चली गई और मै अपना पोजिसन बदला और सीधा सीधा बुआ के ऊपर आ गया
अब तक मेरा लण्ड क्छ्छे मे पुरा कडक हो चूका था और बुआ को गदरायी जान्गो मे चुब्ने लगा

बुआ मेरे सर पकड़ अपनी चुची पर दबाते - आह्हह बेटा सिर्फ वही चुसेगा दुसरा भी है न मेरे लाल

फिर मुझे जैसे आमंत्रण मिल गया हो बुआ का कि आओ और मेरा भोग करो
मै बुआ की दुसरी चुची भी बाहर निकाली और निप्प्ल पर जीभ फिराते हुए उनको भी चूसने लगा साथ मे दुसरे हाथ से बुआ की दुसरी चुची को पकड के मिजने लगा
बुआ पागल होने लगी उन्हे इस बात का कोई ख्याल नही था कि कौन है क्या है वो अब अपनी 2 दिनो से अपनी प्यास बुझाने के लिए तडप रही थी और आज वो मौका उन्हे भी मिल गया था
मै भी उनकी चुचियो को मसलते चुस्ते हुए अपना लण्ड उनकी दोनो जांघो के बीच कमर हिला कर रगड़ने लगा
जिससे बुआ ने अपनी जान्घे खोलने लगी लेकिन मैक्सि मे सिमित जगह थी तो मैने उनकी मैक्सि को थोड़ा घुटनो तक खीचा जिससे तेज़ी से से बुआ की जान्घे फैल गयी और मेरे लण्ड कच्छे मे ही सीधा बुआ की चुत पर मैक्सि के उपर ही टकरा गया
मेरे खड़े लन्द का स्पर्श अपनी चुत पर पाते ही
बुआ - आह लल्ला
मै अपने लण्ड को बुआ की चुत पर क्छ्छे से रगद्ते हुए पुछा - क्या हुआ
बुआ - उम्म्ं वो तेरा हथियार मेरी मुनिया को लगा ना इसिलिए
मै हस्ते हुए - क्या बुआ आप भी वो तो नुन्नु है मेरा हीहीहि
बुआ - आह्हह लगता तो नही अबतक नुन्नु ही होगा

मै - अगर विश्वास नहीं तो खुद देख लो
बुआ - अच्छा ला तो मेरे पास देखू मै भी
फिर मै भी उठ कर बुआ के सर के पास अपने घुटने के बल खड़ा हो गया
फिर बुआ ने मेरे क्छ्छे पर हाथ फेरते हुए मेरे लण्ड के सुपाडे की गोलाई माप्ते हुए बोली - जरा अपनी कच्छी निचे करना लल्ला देखू तो अच्छे से

चुकी मै जानबुझ कर बुआ के सामने नादान बनने का नाटक कर रहा था तो बुआ भी मुझे अबोध समझ कर मेरे से अपना फायदा लेना चाहती थी और वो मुझे बच्चे की तरह ही पेश आ रही थी
फिर मै भी अपना कच्छा धीरे धीरे करते हुए निकाला और मेरा 7" का मोटा लाल सुपाडे वाला लण्ड घन्टे के जैसे टनटनाते हुए सीधा खड़ा हो गया

मेरी पोजिसन ऐसी थी की मै बुआ के दायी तरफ बिलकुल उनके कंधे से सट कर घुटनो के बल खड़ा था और मेरा लण्ड अपने नुकीले सुपाडे के साथ तीर के जैसे मौसी के चेहरे के ठीक समान्तर मे एक फिट के ऊपर तन कर खड़ा था
उस हल्की चांदनी रात मे मेरे लण्ड की छाया मौसी के चेहरे पर एक विकराल रूप ले चुकी थी और बुआ फटी आखो से इतने पास से मेरे फुकार मारते लण्ड को निहारे जा रही थी

बुआ - बेटा देखा मै ना कहती थी की ये एक हथीयार है और फिर अपने एक हाथ से मेरे सख्त लण्ड के उभरे नसो पर अपनी नाखूनो के खरोच लगाते हुए मुथ्थी मे भर लिया

बुआ - बेटा ये कितना तप रहा है तेरा हथियार
मै भी नादान होने नाटक करते हुए - हा बुआ और दर्द भी कर रहा,,, कही मेरे नुन्नु को बुखार तो नही न हो गया

बुआ को मेरी नादानी पर हसी आई फिर वो बोली - रुक जा बेटा मै इसको ठंडा कर दे रही हू
मै - हा बुआ कर दो न प्लीज
फिर बुआ ने थोडी करवट ली और अपनी दाहिने कोहनी के बल पर होकर बाये हाथ से मेरे लंड को थामा फिर अपना मुह खोला ,,, मुझे बुआ की गर्म सांसे अपने लण्ड पर मह्सूस होने लगी और देखते ही देखते बुआ ने आधा लण्ड को मुह में ले लिया और मेरे सूपाड़े पर मुह के अंदर ही जीभ फेरने लगी ।

मै - आह्हह बुआ कितना आराम मिल रहा है ,,, कितनी अच्छी हो आप ऐसे ही रहो ना

बुआ ने बिना कुछ बोले मुझे नासमझ लडके की तरह मेरे कमर पर हाथ रखा और धीरे धीरे पुरा लण्ड मुह लेने लगी
बुआ के मोटे मोटे और नरम होटो का मेरे सम्वेदनशील सुपाडे पर घर्षण मुझे बहुत ज्यादा उत्तेजित कर रहा था ,,, धीरे धीरे तकरीबन 5 6 मिनट मे मेरे लण्ड की नसे पुर्ण रूप से अपनी अन्त सिमा तक फैलाव ले चुकी थी ,,, मेरे सुपाडे मे मानो मेरी दोनो जांघो का खून एक साथ भरने लगा हो ,,, अब बुआ की गीली जीभ का मेरे सुपाडे पर चन्द स्पर्श भी मुझे झड़ा देने वाले थे , ऐसे मे मैने बुआ के सर को पकड़ा और ना चाहते हुए भी अपने बेरहम धक्को से उनकी मुहपेलाई शुरू कर दी ,,, मुह मे अंदर जाते वक़्त बुआ की जीभ मेरे सुपाडे और लण्ड की निचली नसो मे घर्षण करती,, ऐसे ही 20 22 जोरदार धक्को से अब मेरा लण्ड बुआ की लार से लिप्त हो चूका था और मेरी गति धीमी थी और अगले 8 से 10 धक्के मै उनके मुह मे झड़ते हुए मारने लगा ,,, फिर मैने अपने लण्ड बाहर निकाल कर बेधाल होकर बैठ कर हाफने लगा ,,,मुझे बुआ की स्थिति का कोई ध्यान नही था कुछ पलो मे सास बराबर होने पर मैने बैठे बैठे बुआ पर एक नजर मारी ,, वो अपने चेहरे पर लगे मेरे सोमरस को उंगली से साफ कर चाट रही थी और फिर लेटे लेटे ही मेरे तरफ मुस्कुरा कर देखा



अब आगे के अपडेट मे देखते है कि क्या होने वाला है
rajan
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Re: Incest सपना-या-हकीकत

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Update 27

अब तक
मै उनके मुह मे झड़ते हुए मारने लगा ,,, फिर मैने अपने लण्ड बाहर निकाल कर बेधाल होकर बैठ कर हाफने लगा ,,,मुझे बुआ की स्थिति का कोई ध्यान नही था कुछ पलो मे सास बराबर होने पर मैने बैठे बैठे बुआ पर एक नजर मारी ,, वो अपने चेहरे पर लगे मेरे सोमरस को उंगली से साफ कर चाट रही थी और फिर लेटे लेटे ही मेरे तरफ मुस्कुरा कर देखा

अब आगे

हम दोनो की सासें जब सामान्य हुई तो मै बुआ का मन टटोलने के लिए बोला

मै - थैंक्स बुआ , आपने मेरी मदद की ,,, चलो अब सोने चलते है
एकपल को बुआ का चेहरा मुरझा गया ,,, क्योकि मेरे द्वारा उनके चुचीयो के रसपान और दमदार मुहपेलाई से उनकी चुत बुरी तरह से पनिया चुकी थी और वो मैक्सि के ऊपर से चुत सहलाते हुए - आह्हह लल्ला

मै चौकने का नाटक करते हुए - क्या हुआ बुआ
बुआ - पता नही बेटा निचे मेरे कुछ काटा है देख जरा ,, और बुआ तेज़ी से मैक्सि के ऊपर से चुत को मले जा रही थी ,,,
मैने तुरन्त जेब से मोबाइल निकाला और टॉर्च ऑन किया और फोक्स बुआ की चुत पर किया तो देखा की बुआ का बाया हाथ उनकी फुली हुई चुत को मैक्सि के ऊपर से खुजाये जा रहा है ,,,,
फिर मैने टॉर्च को अच्छे से करीब जाकर उनकी कमर से जांघो तक अच्छे से घुमाया ,,, उनकी गोरी चमड़ी वाली गुदाज गदरायी जांघ देख कर मेरा लण्ड फिर से टनाटनाने ल्गा और मैने अपना दाहिना हाथ बुआ की दाई जांघ पर रखते हुए उसे सहलाते हुए और उस्की मुलायम मांस को मह्सूस करते हुए बोला - बुआ यहा तो कुछ नही दिख रहा है

बुआ - आह्ह बेटा मैक्सि ऊपर कर दे फिर देख
फिर मैने अपने हाथ को बुआ की जांघो पर कमर की तरफ सरकाते हुए उनकी मैक्सि को कमर तक चढा दिया और टॉर्च का फोक्स सीधा बुआ की पनियाती चुत पर कर दिया

उफ्फ्फ क्या नजारा था बुआ की नाभि से कुछ इन्च निचे तक हल्के बालो वाली नरम पाव जैसी फुली चुत का उपरी भाग ,, और फिर गोरी गोरी जांघो के बिच वी आकार की घाटी बनाये चुत के किनारे के मख्खन से मुलायम दिखते भागो के बीचो-बीच एक सोमरस से लिप्त चमडीयो से बनी दरार जिसकी निचली शिराओ से बुआ का सोमरस टपक रहा था और उनके भारी चुतडो के बीच रीस रहा था ।

मै थोड़ा आगे झुका और अपने मुह मे आ रहे पानी की गटकते हुए करिब से बुआ की चुत पर टॉर्च जला कर देखने लगा ,,, उनकी पानीयाई चुत की महक मेरे नाक में आ चुकी और धीरे धीरे मेरे अंदर हवस हावी होने लगा और सब कुछ भूल कर मैने एक बार फिर से अपने हाथ की उंगलीयो को उल्टा कर अपने नाखूनों को बुआ के टखने से उनकी नाजुक मुलायम जांघो पर घुमाते हुए उनकी चुत की घाटी तक लेकर आने लगा ,,, जैसे जैसे मेरी ऊँगलिया बुआ के चुत की तरफ बढ़ रही थी उनके चुत की चमडी अब सिकुना सुरु कर दी जिससे उनका सोमरस एक पतली धार लेकर निचे से बहने लगा ,,, बुआ एकदम चुप थी और मै भी , हम दोनो के बिच कोई बात चित नही हो रही थी
लेकिन हम दोनो की सांसे तेज़ी से ऊपर निचे होने लगी थी और मै धीरे धीरे बुआ की चुत के और करीब झुकने लगा जिससे मेरे सांसो की गर्मी बुआ की चुत से टकराने लगी और बुआ भी समझ गयी मै क्या करना चाहता हू ,, फिर बुआ ने हल्का सा अपना गांड ऊपर किया और मेरा चेहरा अब बुआ की जांघ और चुत के बिच के जॉइंट वाले नरम हिस्से को छू गया ,,,फिर मैने भी अपने बाये गाल को बुआ की दाई जांघ पर अच्छे से घुमाया फिर जीभ निकाल कर चुत और जांघ के बिच गांड की तरफ नरम चमडी पर फिराते हुये चाटने लगा ,,, धीरे धीरे मै जीभ को चुत के सबसे निचले भाग तक ले आया और जैसे पिघलती कुल्फी की मलाई को नीचे से ऊपर तक चाटते है ठीक उसी तरह मै भी उनकी बहती चुत को जीभ से निचे से ऊपर तक चुत मे घुसाते हुए चाट लिया

बुआ तडप उठी और गांड पटकने लगी
बुआ - अह्ह्ह्ह्ह लल्ल्ला ,,उफ्फ्फ्फ
मैने वापस से उनकी जांघो को थामा और एक फिर जीभ को नुकीला करके चुत मे डुबोते हुए निचे से ऊपर ले आया
बुआ जल बिन मच्छी की तरह फड़फड़ा रही थी और मै लगातार नीचे से ऊपर एक क्रम मे उनकी चुत को चाटने लगा ,, ऐसे ही करीब 8 से 10 बार चाटने के बाद मैने जीभ को अंदर किया और मुह खोलते हुए एक साथ चुत की चमडी को मुह मे भर कर चुबलाने लगा

जिससे बुआ की तडप और बढ़ गयी उन्होने अपनी जन्घे और चौडी की साथ ही मेरा सर पकड कर अपनी चुत मे दबाने लगी - आह्हह उम्म्ंम्ं हा बेटा खा जा ,,,उह्ह्ह्ज मम्मंंंं हा लल्ला और चुस और चुऊऊसससस्स्स अहममंम्ं उफ्फ़फ्फ्फ ऐसे ही अपने गांड को पटकते हुए आहे भरने लगी

मेरा लण्ड अब फिर तैयार हो गया था फिर मैने अपना सर पिछे किया और घुटनो के बल बुआ की जांघो के बीच आ गया फिर एक हाथ मे लण्ड को थामा और दुसरे हाथ से उनकी जांघ को सहलाते झुका और अंगूठे से उनकी चुत के दाने से ऊपर की तरफ उथाने लगा ,,,
बुआ की आग और तेज़ हो गयी थी वो आहे भरे क्या बोले जा रही थी मुझे नही पता ,,,लेकिन मै पूरी तरह से चोदने के मूड मे था ,,, फिर मैने अपना लण्ड बुआ की चुत के उपर रख दिया और कमर को आगे पीछे करते हुए उनकी चुत पर रगडने लगा
मगर बुआ को चैन कहा उहोने मेरा लण्ड पकड़ा और गांड उठा कर खुद आगे हो गयी जिससे मेरा लण्ड सरसरा कर उस तपती गीली चुत मे आधा समा गया,,,,,

बुआ - अह्ह्ह्ह बेटा कितना तप रहा है तेरा लण्ड,,,अब चोद दे मुझे लल्ला रहम कर मै पागल हो जाऊंगी अझ्ह्ह उम्म्ंम और खुद ही गांड पटकर मेरे आधे लण्ड से चुद्ने लगी

मैने फिर बुआ की जांघो को थामा और एक करारा धक्का लगाते हुए बुआ के ऊपर आ गया
बुआ - अह्ह्ह्ह लल्ल्ला मै उम्म्ंम्ं कितना गर्म लण्ड है बेटा अब तो चोद दे
मै बुआ के उपर आकर उनकी चुचियो को नोचते हुए बोला - सच मे बुआ आप अपने भतीजे से चुद्ना चाहती हो क्या ,,, इसके साथ ही मैने एक और तेज़ धक्का बुआ की चुत मे मारा

बुआ - अह्ह्ह्ह हा बेटा मै अब जान गयी हू तुझे सब पता है कैसे करना है ,,, लेकिन अच्छी नौटंकी की तुने बेटा उम्म्ंम्म्ं उफ्फ्फ अह्ह्ह्ह

मैने धीरे धीरे धक्के लगाने लगा और बोला- नाटक नही करता तो ऐसा ही मेरे सामने अपना चुत परोस देती आप बुआ ,, उनकी चुची को चुस्ते हुए बोला

बुआ - मुझे पता होता मेरा लल्ला का नुन्नु अब लण्ड हो चूका है तो पहले ही परोस देती बेटा अह्ह्ह्ह थोड़ा तेज़ कर ना उम्म्ंम्ं ऐसे ही अह्ह्ह्ह उम्म्ंम्म्मह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह्ह्ह हा हा हाह्ह्ह्ह्ह उम्म्ंमममं लल्लाआआआआ और तेज़ मार
मैने धक्को की गति बढ़ा दी और बौला - आह्हह क्यू बुआ लण्ड को पापा और चाचा का भी है ये तो पता था ,,, उनलोगो से ही चुदवा लेती हहहह

बुआ - आआआ उह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह उम्म्ंम जंगी तो मुझे देखता ही नही बेटा

मैने तेज़ रफ़्तार से चोदते हुए कहा - अरे पापा तो है वो तो आपको देखते ही लण्ड सहलाने लगते है , उनसे चुदवा लेती

बुआ - अह्ह्ह्ह हा बेटा देख रही हू इस बार जबसे आई हूँ तेरे पापा की नियत ठीक नही लग रही है अह्ह्ह्ह उम्म्ंम्म्ं

मै - तो बुझवा लो बुआ अपनी प्यास उनसे ही ,,, फिर राखी के दिन मा और मै जायेंगे ना नाना के यहा ,,,, उस दिन मौका रहेगा हिहिहिहो

बुआ - अह्ह्ह्ह उम्म्ंम लल्ल्ला बहुत शरारती हो गया है उम्म्ंम आह्हह मम्मं तेज़ी से चोद दे ना बेटा ,,, निकाल दे मेरी गरमी बाद मे तेरे पापा का देखूंगी ,,अभी बस तूउउउउऊ अह्ह्ह्ह्ह्ब हाआ अह्ह्ह्ह्ह उम्म्ंम हा ऐसे ही और तेज़ बेटा और तेज़ ,,,, चटनी बना दे मेरे चुत की बाबू अह्ह्ह्ज्ज उम्म्ंम्म्ं अह्युउउऊ। आअह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह्ह उनम्मंम्म्ं हाआआआआआ मै आने वाली हू अह्ह्ह्ह रुकना मत प्लीज पलीज्ज्ज्ज्ज अझ्ह्ह्ह्ह

मैने भी धक्को की स्पीड तेज़ कर दी और थप थप थप थप थप थप थप थप थपप्च प्चप्च थप की तेज़ आवाज आने लगी अब मै भी चरम सिमा तक आ चूका था मेरा लावा कभी भी फुट सकता था - इह्ह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह मेरा भी होने वाला है बुआ

बुआ - अंदर ही डाल दे बेटा ,,,फिर बुआ मेरे लण्ड को अपनी चुत से निचोडने लगी

एक बार फिर बुआ की चुत मेरे लण्ड पर कसाव लेने लगी और मेरे लण्ड की नसो पर घर्षण तेजी से मह्सूस होने लगा मेरे लण्ड मे खून भरने लगा अचानक से मेरे लण्ड के चमडी पर गरमी बढने लगी ,,,, क्योकि बुआ की चुत पिघल चुकी थी उनका गरम माल मेरे लण्ड को और तपाने लगा , नतिजन कुछ ही धक्को मे मेरा सबर का लावा टुट गया और भलभला कर मै भी बुआ चुत मे आखिरी धक्को के साथ झडने लगा

कुछ ही पलो मे मै वापस बुआ के ऊपर निढ़ाल हो गया,,, हम दोनो की धड़कने तेज़ थी और सांस फुल रहे थे फिर भी हमारे चेहरे उस चरम सुख के मुस्कान से खुश थे जिसे हम दोनो ने एक साथ मिलकर हालिस किया था ,,,,

कुछ देर ऊपर पडे रहने के बाद मै भी उनके बगल मे सीधा लेट गया और ऊपर आस्माँ मे देखते हुए सांसे बराबर करने ल्गा
हम दोनो चटाई पर लेटे लेटे ऊपर खुले आसमान मे देख रहे थे और फिर हमने कपड़े ठीक किये

थोडी देर बाद बुआ ने मेरी तरफ करवट ली
बुआ - लल्ला क्या ये तेरा पहली बार था हा
मै झुट बोलते हुए - जी बुआ
बुआ - चल झुठा जैसे मुझे पता नही चलेगा कि कौन पहली बार कर रहा है कौन नही
मै हस्ते हुए - नही बुआ मेरा पहला ही था ,,वो मैने बहुत बार मम्मी पापा को देखा था ना करते हुए तो

बुआ - अरे वाह तब तो मुझे एक और कुवारे लण्ड से चुदने को मिला
मै - एक और मतलब ,,,, और किसके लण्ड से चुदी हो बुआ
बुआ - क्या पागल तु भी ,,, अरे मेरी सुहागरात पे तेरे फूफा जी भी कुवारे ही थे ना ,,,हिहिहिहिही

मै - अच्छा लेकिन मुझे तो नही लगता कि सिर्फ फूफा जी की मेहनत से ही आपकी गान्द इतनी बड़ी हुई है ,जरुर इसमे 3 4 लण्ड जा चुके है

बुआ - धत्त बदमाश ,,, तुझे क्या तेरी बुआ सड़क छाप लगती है क्या ,,

मै - अरे अरे नही बुआ मै तो बस पूछ रहा हू ,,,क्योकि आपके यहा आये अभी दो दिन हुए इतने मे मेरे और पापा के लण्ड का बुरा हाल हो गया
सोचो आपके यहा रोज लोग आपको देख कर क्या आहे नही भरते होगे जैसे क्या हिहिहिही

बुआ मेरे गाल खीचते हुए - बहुत शरारती हो गया है तू अब हा
मै - बताओ ना बुआ कितने लोगो के लण्ड लिये है अब तक

बुआ - धत्त बदमाश ऐसे कोई बात करता है अपनी बुआ से
फिर मुझे ल्गा ऐसे बात नही बनेगी

मै - अच्छा बुआ वो सब छोडो की कितनो से चुदी हो या नही,,, लेकिन ये बताओ घर मे तो सारे मर्द आपकी जवानी को आँखो से तो जरुर भोग्ते होगे

बुआ - घर मे कौन घुरेगा पागल ,,, हा बाहर के लोग तो ऐसे ताकते है मानो खड़े खड़े आँखो से चोद दे हिहिहिही

मै - अच्छा क्यू घर मे छोटे फूफा भी तो है ना
बुआ - धत्त पागल चल बहुत बाते हो गई अब निचे चल सोना नही ह क्या
मैने करवट ली और बाये हाथ से बुआ की चुचियो को मिजते हुए - आप कहो तो एक बार और हो जाये बुआ

बुआ - अच्छा इतना दम है क्या
मै - और क्या ,,, बोलो तो अभी फिर से ,....
बुआ - ना बाबा ना ,,, बेटा 3 बार झडी हू मै फिर बाद मे ना अब,,,और चल टाईम आने दे देखूंगी कितना दम है तेरे मे लेकिन अभी निचे चल सोना है मुझे बहुत थक गई हू

फिर मैने बुआ के होटो को चुमा - हा चलो बुआ
फिर हम नीचे आये और बुआ दीदी के कमरे मे चली गई लेकिन मुझे तो सबसे निचे जाना था सोने

साला बुआ के चक्कर मे तो मा को मै भूल ही गया ,,, लेकिन इतनी रसिली चुत भी तो मिली ना ,,,सोच के फिर से लण्ड टनटना गया
मैने लण्ड को ऐडजस्ट किया और चल दिया पापा के रूम की तरफ ,,,,
मै निचे पहुचा तो देखा पापा और मा दोनों सो रहे थे ,, फिर मैने मोबाईल चेक किया तो 11 बज रहे थे ,,, फिर मै भी आराम से कमरे मे घुसा तो देखा पापा मा के एक तरफ जघिये मे सोये है और मा भी पेतिकोट ब्लाऊज मे पापा के सीने पर हाथ रख करवट लिये सोयी है ।

मै धीरे से बिस्तर पर चढा और लेट गया ,,मेरी खुड़वड़ाहत मे मा की आंखे खुल गयी या वो मेरा ही इन्तेजार कर रही थी

जैसे ही मैं लेता मा मेरी तरफ घूम गई और मै मा को देख कर स्माइल किया

मा ने आहिस्ता से बोला - कहा रह गया था तू मै इन्तेजार कर रही थी ना

मै - अरे मा वो बुआ के साथ था तो बातो बातो मे टाईम निकल गया
मा मुस्कुराते हुए - अच्छा इतना देर तक क्या बात कर रहा था , तू तो बुआ का दूध पी रहा था

मै - हा मा और पता नही कब सो भी गया वही ,,, वो तो बुआ ने उथाया तब आया हू

मा - अचछा चल ठीक है तब सो जा अब
मै मायुस सा मुह बनाते हुए - और वो जो आप सिखाने वाली थी वो

मा - अब तु था नही तो हम लोगो ने कर ना ,,, मुस्कुरा कर बोली

मै - क्या कर लिया मा
मा मुस्कुराते हुए - सब जानता है फिर भी मेरे मुह से सुनना है तुझे,,,सब समझती हू मै

मै - क्या मा ,,अच्छा सुनो ना मा एक बात पुछ्नी थी बुरा ना मानो तो
मा - अरे पूछ ले ना बेटा ,,,वैसे भी तेरे पापा सो गये है
मै - पक्का ना गुस्सा नही होगी न आप
मा - नही मेरा राजा बेटा ,फिर मा ने अपना हाथ मेरे गाल पर फेरा
मै हिम्मत की और मा से बोला - अच्छा मा क्या आप भी पापा के अलावा किसी और से

मा - धत्त पागल ,, क्या मै तुझे ऐसी लगती हू ,,, सच कहू बेटा तो मुझे कभी तेरे पापा के प्यार मे कभी कोई कमी मह्सूस ही नही हुई ,,, भले ही वो मेरी दीदी को भोगे हो या अपनी बहन को भोगना चाहते हो ,, लेकिन मेरे लिए उनका प्यार आज भी वैसा ही है ।

मै खुश होकर उनकी बाते सुनने लगा
मा - हा लेकिन मेरे मायके मेरे बहुत आशिक रहे है हिहिहिही

मै थोड़ा मुस्कुरा कर - अच्छा सच मे ,,,तो क्या शादी से पहले आपका कोई बॉयफ्रेड भी था
मा मुस्कुराते हुए - नही रे कोई नही था , हा लेकिन मेरे और दीदी के पास प्रोपोजल बहुत आये थे ,,, लेकिन हम लोग अचछे से जानते थे की वो सब हमारे जिस्म के लिए भाग रहे हैं ।

मै - अच्छा सच मे हहहहह ,,,, और मौसी का कोई था क्या शादी से पहले
मा - हम्म्म लेकिन वो लोग पकडे गये फिर बाऊ जी ने दीदी की शादी करवा दी अपने ही दोस्त के बेटे से

मै - क्या मा पुरा पुरा बताओ ना कैसे हुआ था

दोस्तो अब देखते है आगे के अपडेट मे रागिनी अपने मायके के कौन कौन राज खोलती है और खुद हमारा हीरो कैसे अपनी मा से सब उगलवायेगा
rajan
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Re: Incest सपना-या-हकीकत

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Update 28

अब तक

मै थोड़ा मुस्कुरा कर - अच्छा सच मे ,,,तो क्या शादी से पहले आपका कोई बॉयफ्रेड भी था
मा मुस्कुराते हुए - नही रे कोई नही था , हा लेकिन मेरे और दीदी के पास प्रोपोजल बहुत आये थे ,,, लेकिन हम लोग अचछे से जानते थे की वो सब हमारे जिस्म के लिए भाग रहे हैं ।
मै - अच्छा सच मे हहहहह ,,,, और मौसी का कोई था क्या शादी से पहले
मा - हम्म्म, लेकिन वो लोग पकडे गये फिर बाऊ जी ने दीदी की शादी करवा दी अपने ही दोस्त के बेटे से
मै - क्या मा पुरा पुरा बताओ ना कैसे हुआ था

अब आगे

दोस्तो कहानी अब राज के मामा के घर की तरफ घूमेगी इसिलिये कुछ नये परिचय देना चाहूँगा

नया परिचय

नाना - बनवारी सेठ , उम्र 68 साल , पेशे से किसान है लेकिन खेती ज्यादा होने से अब जमीदार का काम करने लगे है ,,, खेतों मे काम करने की वजह से आज भी उनका शरीर हृष्ठ पुष्ट है ।
नानी - अब नही है इस दुनिया में काफी समय बीत चूका है तो उनका कोई रोल नही है अब

मामा - राजेश , उम्र 44 साल , नाना के इकलौटे बेटे होने की वजह से हमेशा ऐयाशी की है ,,, यहा तक की घर मे और खेत मे काम करने वाली औरतो को भी नही छोड़ा
मामी - सुनीता , उम्र 42 साल ,,, रसभरी जवानी से भरपुर 38 34 38 का गजब का फिगर ,,, लगता नही की दो बच्चो की मा है

गीता और बबिता - मामा की जुड़वा बेटीया अभी 10वी मे है दोनो ,,, एक तरफ गीता जहा गदराई जिस्म वाली है वही बबिता थोडी सामान्य जिस्म वाली लेकिन बला की खुबसुरत एकदम अपने मा जैसी ।

ये वो पात्र है जिनको मै जानता हू ,, चुकि मेरा ज्यादा आना जाना होता नही है कही तो अभी फिलहाल मे मामा के यहा की यही जानकारी है ।

वापस कहानी पर

मै मा को जिद करते हुए बोला - मा बताओ ना कैसे क्या क्या हुआ

मा मुस्कुराकर अच्छा अच्छा ठीक है बताती हू ।

मा - तो सुन ,,, मेरे घर मे हम तब 5 जन रहते थे ,,, मै , तेरी मौसी , तेरे मामा और तेरे नाना नानी ।
बात तब की है जब हम लोग उस समय 10वी पास कर चुके थे और जवानी से थोड़ा थोड़ा वाकिफ होने लगे थे ,, चुकि रज्जो दीदी हम भाई बहनों मे सबसे बड़ी थी तो वो मुझसे ज्यादा समझदार थी और बहुत जानकारी भी थी उनको, लेकिन हम दोनो बहने एक सहेली जैसी थी कोई भी बात हो हम आपस मे कभी नही छिपाती थी ,,,यहा तक कौन लड़का हमे कैसे देख रहा है किसने प्रोपोज किया ,, रास्ते मे कौन क्या क्या गंदे कमेंट किया सब कुछ ,,, और तो और सेक्स की बाते फिर शादी को लेकर अपनी fantesy भी एक दुसरे से शेयर करते थे ।

मै - वाह्ह मा और फिर आगे बताओ ना
मा - हा सुन ,,, मै और दीदी एक ही कमरे मे सोते थे जबकि मा और पापा अपने रूम मे और राजेश का अपना रूम था ।

एक रात ऐसे ही मै और दीदी शादी को लेकर अपनी अपनी बाते रख रहे थे तो मैने उन्से पुछा

रागिनी - दीदी मुझे शादी करने का बहुत मन होता है खुब तैयार होने का भी मन करता है लेकिन उसके बाद के काम से मुझे बहुत डर लगता है

रज्जो - अरे उसमे डर कैसा छोटी शादी के बाद ही तो खुल कर चुद्ने को मिल्ता है और तू डर रही है ।

रागिनी - क्या दीदी ,, वही तो डर है ,,, मेरी सहेली कहती है कि पहली बार मे बहुत दर्द होता है

रज्जो - क्या छोटी चल उठ
रागिनी - अभी कहा
रज्जो - चल उठ मै बताती हू
फिर दीदी मुझे खिच कर पापा के कमरे की तरफ ले गयी ,,, जहा मा और बाऊ जी के चुदाई की आवाजे उनके दरवाजे के बाहर सुनाई दे रही थी ।

मै - हीहीहि क्या मा सच मे आप लोग नाना नानी को वो सब करते देखते थे

मा - नही रे वो पहला दिन था ,,,तू बिच मे ना बोल मै बता रही हू न

मै - अच्छा सॉरी आप बताओ

मा - हा सुन ,, फिर दीदी मुझे खिडकी के पास ले गयी और कमरे के अंदर का नजारा दिखाया ,,, अंदर बाऊजी मा को घोड़ी बनाये धकाधक पेले जा रहे थे और मा मुस्कुराते हुए बाऊजी को और उकसा कर चुदवा रही थी
उस दिन बेटा मैने पहली बार किसी को चुदाई करते देखा था और फिर दिदी बोली

रज्जो- देखा कितना मजा है शादी के बाद और तू डर रही है
रागिनी - हा दीदी लेकिन अभी तो हमारी शादी नही होगी ना
रज्जो - मैने तो इसका इन्तेजाम कर लिया शादी के पहले ही
रागिनी - क्या दीदी आपका कोई बॉयफ्रेड भी है और आपने मुझे बताया नही

रज्जो - नही रे बॉयफ्रेंड थोडी है वो बस मजे लेने के लिए है ।
रागिनी - नही दीदी ये गलत होगा और बाऊजी को पता चला तो वो बहुत नाराज होगे

रज्जो - तु किसी को मत बोलना चल अब कमरे मे
फिर हम लोग कमरे मे चले गये,, उस दिन से दीदी हमेशा उस लडके के बारे मे बाते करने लगी और पहली बार उससे मिलने के लिए एक दिन भी चुन लिया

वो सोमवार का दिन था और उस दिन हम दोनो बहने स्कूल गयी दोपहर मे लंच के समय दीदी मेरे पास आई और बोली बैग लेले चल चलते है ।

रागिनी - कहा जाना है दीदी अभी तो क्लास बाकी है
रज्जो - अरे तू चल मैने छूटी लेली है
फिर हम दोनो स्कूल से बाहर चले गये और दीदी मुझे खेतों की तरफ लिवा के जाने लगी

रागिनी - क्या दीदी कहा लेके जा रही है आप मुझे बताओ तो
रज्जो - वो आज हरीश आयेगा टयूबवेल पर ,,,वो शर्माते हुए बोली

रागिनी - क्या दीदी आप मरवाओगी आप ऐसे खुले मे मिल्ने जा रही हो ,,, मेरी मानो वापस घर चलते है किसी ने देख लिया तो दिक्कत हो जायेगी

रज्जो - कोई दिक्कत नही होगी छोटी ,, इसिलिए तो तुझे यहा बुलाया है और तू साथ रहेगी तो कोई शक भी नही करेगा ,,वैसे भी ये अपना टयूबवल है
फिर हम दोनो लोग धीरे धीरे पहुचे टयूबवेल पर
और वही एक छोटा सा कमरा था स्टोर रूम जैसा जिसमे खेती के लिए फावड़ा पाइप , इंजन और बाकी सामान थे चुकि बाऊजी एक जमीदार थे तो हमारी खेती बहुत ज्यादा थी कमरे एक तरफ एक चौकी और बिस्तर थे जहा सोने बैठने का इंतजार भी था

फिर हम लोग जैसे ही ट्यूबवेल पर पहुचे वहा एक हमारी की क्लास का लड़का पहले से ही मौजुद था उसका नाम हरीश था ।
हम दोनो को देख कर वो मुस्कुराया और फिर वो कमरे मे चला गया फिर दीदी भी इधर उधर देखी और वो भी कमरे मे चली गयी ,, लेकिन मै बाहर ही थी , फिर मैने बोला - दीदी आप दरवाजा बंद कर लो कोई आयेगा तो मै आवाज दूँगी

रज्जो - नही छोटी दरवाजा खुला रहने दे किसी को ज्यादा शक नही होगा समझी
मैने सर हिलाया और मुस्कराकर टयूबवेल की तरफ चली गई और मन मे डर था लेकिन एक अजीब सा रोमांच शरीर में दौड़ने लगा कि अंदर दीदी क्या करवा रही होगी ।

5 मिंट बाद ही हरीश बाहर आया और मुझे देख कर मुस्कुराते हुए निकल गया दुसरी तरफ ,,, मै तुरंत कमरे मे गई तो देखा की दीदी अपना शर्त के बटन बंद कर रही थी ,,,
रागिनी - अरे दीदी हो गया क्या
रज्जो - हा और क्या ,,,वो मुस्कराते हुए बोली
रागिनी - लेकिन इतना जल्दी कैसे
रज्जो - क्यू तुने देखा नही क्या, वो क्या किया इतना जल्दी
रगिनी - धत्त दीदी ,,, मै थोडी न देखूंगी ,,,वैसे उसने किया क्या
रज्जो - कुछ नही हम लोगो ने किस्स किया और उसने ,,,वो शर्माने लगी

रागिनी - क्या दीदी बताओ ना
रज्जो - मेरे दूधो मे मसला
रागिनी - बस इतना ही ,,,
रज्जो - हा इतना ही क्यू तू क्या सोच रही थी कि मै चुदने आई हू ,हिहिहिही
रागिनी - हा मुझे तो ऐसा ही लगा ,,और वैसे भी इतना ही करवाना था तो मुझसे बोल देती मै ही ,,,, हीहीहि

रज्जो - चल बदमाश एक लडके का स्पर्श अलग होता है छोटी ,,, तू नही सम्झेगी

उस दिन के बाद भी दिदी हरीश से कई बार मिली लेकिन बस चुम्मा चाटी और अपने दूध मिज्वा लेती ,,, कुछ ही महीने मे दीदी के दूध बडे होने लगे ,,, और दिदी पहले से ज्यादा आकर्षक दिखने लगी थी ।
फिर कुछ समय बाद हरीश गाव मे किसी और लडकी को चोदते हुए पकड़ा गया ,, और फिर हम लोग बहुत डर गये की हमारी बाते ना खुल जाये ।

मै - लेकिन मा आपने तो बोला था कि मौसी का बॉयफ्रेंड था और वो लोग पकडे गये थे

मा - अरे नही रे वो पहले हरिश पकड़ा गया ,, फिर तो काफी समय बाद दीदी पकड़ी गई ना ,,, तू चुपचप सुन बस बीच मे बोलेगा तो नही बताने वाली मै

मै - सॉरी मा अब नही बोलूंगा अब आगे बताओ जब हरीश पकड़ा गया तब

मा - फिर सुन ,, उस दिन से हम लोग काफी डर कर रहने लगे कि कही हरिश किसी से कोई बात ना खोल दे ,,लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ और मामला शांत हो गया ,, मगर दीदी को धीरे धीरे उनके जिस्म को एक लगातर मिलने वाले हवसी प्यार की आदत हो चुकी थी ,,, वो एक रात मुझसे बोली

रज्जो - यार छोटी हरीश के वजह से मुझे एक जिस्म की लत सी लग गई है मेरे छातियो मे रोज खुजली होती है कि कोई इनको मले और मसले कोई मेरे निप्प्ल को लेके चूसे

रागिनी - आपने देखा ना दीदी हरीश के साथ क्या हुआ अब भी आप चाहती हो हम लोग भी पकडे जाये ,,,,

रज्जो - मै जानती हू छोटी लेकिन तू ही बता मै अपनी इस तडप का क्या करू
मुझे दीदी की बात सुन के थोड़ा उनपर रहम आया तो

रागिनी - आप कहो तो मै कुछ मदद करू
रज्जो - तु भी तो एक लडकी है ना
रागिनी - हा दीदी लेकिन मेरी एक सहेली बता रही थी चुचिया चुसवाने मे ही मज़ा आता है ,, लडके के कडक हाथ में चाहे लडकी की नाजुक स्पर्श मे ही

रज्जो - धत्त पागल तू मेरी बहन है
रागिनी - क्या दीदी उससे बढ़कर हम लोग एक दोस्त भी है ,,, और सबसे बड़ी बात है कि हम लोग यहा बंद कमरे मे क्या कर रहे हैं वो किसी को पता नही चलेगा और आपको तडपना नही पडेगा ।

रज्जो - बात तो तेरी सही है लेकिन क्या ये सही होगा
रागिनी - क्या दीदी मान जाओ न और मै भी मह्सूस करना चाहती हू वो स्पर्श,,,

मा कि बाते सुन कर मै उत्तेजित हो रहा था और उनकी तरफ सरक कर पास भी चला गया फिर लोवर मे अपना लण्ड ऐडजस्ट करने लगा । मा ने भी मुझे लण्ड को एद्जेस्त करते हुए देखा तो मुस्करा दी और आगे बताने लगी ।

मा - फिर मैने दीदी के सूत के ऊपर से ही उनकी छातियो को सह्लाया वो सीधे लेटे लेटे सीसकने लगी और बहुत दिनो की तडप से वो मेरे हाथ को पकड कर अपने चुचियो पर दबाने लगी ,,, ये मेरा पहला स्पर्श था मुझे काफी मुलायम लगा ,,, मैने नहाते समय या बाऊजी और मा की चुदाई के समय कई बार अपनी चुचियो को मसला था लेकिन दीदी की चुचियो की बात ही अलग थी वो एकदम मुलायम और मेरे दुगने के बराबर थे उस समय ।

फिर उस दिन मैने दीदी को वो खुश किया ,,हम दोनो ने किस्स किया और मैने उनके चुचे पूरी रात चूसे ।
ऐसे ही हमारे दिन कटने लगे और धीरे धीरे मै भी दीदी के खेल मे शामिल हो गई,,कभी हम अपने कमरे मे ये चूचियो को चूसने का खेल खेलते तो कभी मा बाऊजी की चुदाई देखते हुए ।

लेकिन एक रात हम दोनो पकडे गये उस रात मै बाऊजी के कमरे के बाहर दीदी को खड़ी करके अन्दर की चुदाई देखते हूए उनकी चुचिया चुस रही थी और उस रात राजेश उठा था पेसाब करने के लिए,, और उसकी नजर हम दोनो पर पड गयी फिर वो उसी समय हम दोनो के पास आया और बोल

राजेश - क्या कर रहे हो आप दोनो ये
उस समय राजेश बड़ा हो चुका 9वी मे पढ्ता भी था। उसे भी सेक्स के बारे मे सब पता था ,,, उसके आने से हम लोग बहुत डर गये थे लेकिन जब मैने देखा कि राजेश एक टक दिदी की नंगी चुचिया देखे जा रहा है तो मै समझ गई इसको भी अपने खेल मे मिलाना पडेगा नही तो ये कल को कुछ कह ना दे ।

फिर मैने थोडी सोचा फिर दीदी और राजेश को लेकर कमरे मे चली गई

अब देखते है आगे के अपडेट मे क्या होगा ।
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