Adultery सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर

Post Reply
User avatar
mastram
Expert Member
Posts: 3664
Joined: 01 Mar 2016 09:00

Re: Adultery सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर

Post by mastram »

PART-8
गौरव ने शिवानी के मुंह से अपनी उंगली निकाल ली थी. वह बेहत उत्तेजना में था और अपने क्लाइमेक्स पर पहुँच गया था. अपने लण्ड को उसने बाहर निकाला और कड़क आवाज़ में शिवानी से बोला : नीचे बैठ और मेरा लण्ड अपने मुंह में लेकर साफ़ कर
शिवानी फर्श पर घुटनों के बल बैठ गयी और अपने देवर के लण्ड को मुंह में लेकर उसे अपनी जीभ से साफ़ करने लगी
अनुराग अपने हाथों को शिवानी की नंगी चिकनी पीठ पर फिराता हुआ बोला : साली लण्ड चूसने में तो एकदम एक्सपर्ट लगती है
अचानक इण्टरकॉम की घंटी बजने लगी. अनुराग से फोन उठाया और कुछ सुनने के बाद बोला : ठीक है, रिपोर्ट लेकर अंदर आ जाओ.
शिवानी एकदम घबराई शरमाई कभी अनुराग की तरफ और कभी गौरव की तरफ देख रही थी-कोई और अनजान आदमी इस कमरे में कोई रिपोर्ट लेकर आने वाला था और वह इस तरह ने निर्वस्त्र हालत में अपने देवर का लण्ड साफ़ कर रही है
इससे पहले कि शिवानी कुछ और सोच या बोल पाती, कमरे का दरवाज़ा खुला और एक काला सा लड़का ( जो कि क्लिनिक में लैब असिस्टेंट था ) अंदर घुस आया और शिवानी की तरफ देखते हुए एक लिफाफे को अनुराग के हाथ में देकर वापस जाने लगा. लड़का लगभग 18-19 साल का था और देखने में एकदम औसत दर्ज़े का था.
अनुराग ने वापस जाते हुए लड़के को रोका : रमेश अभी रुको. मुझे रिपोर्ट पढ़ने दो.
लड़का वहीं रुक गया.
शिवानी अभी भी ऑंखें बंद किये हुए फर्श पर घुटनों के बल बैठी हुयी थी और गौरव के लण्ड को अपने मुंह में लेकर उसे साफ़ करने के बाद उस पर अपनी जीभ फिराए जा रही थी. गौरव मुख मैथुन की पूरी मौज़ ले रहा था
गौरव और शिवानी को इस तरह के एक्शन में देखकर लैब असिस्टेंट रमेश का लण्ड भी उसकी पैंट के अंदर काफी कड़क हो गया था जिसे उसे अपने हाथ से संभालना पड़ रहा था. अनुराग के चेहरे का रंग रिपोर्ट पढ़ने के बाद एकदम बदल गया था -रिपोर्ट में साफ़ लिखा था कि विवेक के वीर्य में जो शुक्राणु हैं, उनसे बच्चे पैदा नहीं किये जा सकते हैं. हालांकि विवेक नार्मल सेक्स कर सकता है लेकिन उसका वीर्य इस काबिल नहीं है जिससे बच्चे पैदा हो सकें.
अनुराग ने मन ही मन सोचा कि गलती लड़के में हैं क्योंकि उसका वीर्य इस काबिल नहीं है जो बच्चा पैदा कर सके और हम यहां अपने मज़े के लिए लड़की को पेले जा रहे हैं.
अब तक शिवानी गौरव का लण्ड चूस कर उसे एक बार फिर से साफ़ कर चुकी थी और गौरव पूरी तरह से संतुष्ट होकर अपने लण्ड को अंदर करके अपनी जींस पहन चुका था.
शिवानी अभी भी फर्श पर शर्म और ज़लालत में डूबी अपनी ऑंखें बंद किये हुए बैठी थी
अनुराग के साथ साथ लैब असिस्टेंट रमेश का लण्ड भी शिवानी को इस हालत में बैठा देखकर बेकाबू हुए जा रहा था
अनुराग ने रमेश की तरफ देखा : जाओ दरवाज़ा अंदर से बंद करके वापस आओ
रमेश : जी सर
कमरे के दरवाज़े को अंदर से बंद करके रमेश दुबारा से अनुराग के पास आ गया
गौरव अब अपनी कुर्सी पर बैठा हुआ था और अनुराग के अगले कदम की प्रतीक्षा कर रहा था
अनुराग बोला : अब हम फाइनल टेस्ट करेंगे -इसके बाद ही यह कह सकेंगे कि यह चिकनी लौंडिया बच्चे पैदा कर सकती है या नहीं
अनुराग (रमेश की तरफ देखकर) : चलो मैडम को उठाकर स्टूल पर बिठाओ
रमेश की मौज़ लग चुकी थी. उसने शिवानी के बदन को अपने दोनों हाथों से पकड़कर उसे फर्श पर से उठाकर खड़ा कर लिया और फिर उसे स्टील के गोल रिवॉल्विंग स्टूल पर बिठा दिया
अनुराग : अब मैडम के पीछे खड़े होकर इनके दोनों मम्मों को अपने हाथ में इस तरह से उठाओ ताकि यह नीचे की तरफ न लटकें
रमेश ने शिवानी के उरोजों पर हाथ फिराते हुए उन्हें नीचे से अपने हाथों में इस तरह पकड़कर थाम लिया मानो वह उन्हें नीचे गिरने या लटकने से रोक रहा हो
अनुराग रमेश की तरफ देखकर बोला : एकदम परफेक्ट . ऐसे ही पकडे खड़े रहो.
यह कहकर अनुराग अपनी कुर्सी से उठा और शिवानी के नज़दीक आकर अपने लण्ड को अपनी जींस से निकालकर उसे शिवानी के चेहरे पर फिराने लगा
शिवानी के दोनों गालों पर चपत लगाते हुए अनुराग कड़क आवाज़ में बोला : ऑंखें खोल साली और मेरी तरफ देख
अनुराग अब रमेश की तरफ देखकर भी मुस्कराने लगा : क्यों भाई मज़ा आ रहा है ना ? अपने लण्ड को मैडम की पीठ पर रगड़ रगड़ कर मज़ा लेता रह -खूबसूरत लडकियां मज़े लेने के लिए ही होती हैं -अनुराग की बात सुनकर रमेश की हिम्मत भी अब बढ़ गयी और वह भी अपने लण्ड को शिवानी की पीठ पर रगड़ रगड़कर मज़े लेने लगा.
शिवानी के खूबसूरत चेहरे पर काफी देर तक अपने लण्ड को घुमाने के बाद अनुराग ने एक बार फिर से उसके दोनों गालों पर चपत लगाई और बोला : चल अब अपना मुंह खोल और इसे अपने मुंह में लेकर चूस
शिवानी ने फटाफट अनुराग के लण्ड को अपने मुंह में ले लिया और उसे अपने होंठों के बीच दबाकर उस पर अपनी जीभ को गोल गोल घुमाकर उसकी मालिश करने लगी
रमेश अपने दोनों हाथों से उसके नरम मुलायम मक्खन जैसे मम्मों को थामे खड़ा हुआ था और उसका लण्ड उसकी पैंट में से उसकी चिकनी पीठ पर जबरदस्त रगड़ा खा रहा था-उसे लग रहा था कि उसकी पिचकारी कहीं ऐसे ही न छूट जाए
जब तक शिवानी ने अनुराग के लण्ड को चूसा और उसे अपनी जीभ से साफ़ किया तब तक रमेश की पैंट में उसके बेकाबू हो रहे लण्ड ने पिचकारी छोड़ दी थी -वह अभी भी उसके दोनों मम्मों को थामे हुए था
अनुराग अपनी पैंट की ज़िप बंद कर चुका था और अपनी सीट पर बैठते हुए रमेश से बोला : ठीक है रमेश, अब इसके मम्मे छोड़ दो
रमेश जैसे ही शिवानी को छोड़कर स्टूल से हटकर अनुराग के सामने आया तो अनुराग को पता चला कि रमेश की क्या हालत हुई है
अनुराग मुस्कुराकर रमेश से बोला : तेरी कोई गलती नहीं है- यह लौंडिया है ही इतनी खूबसूरत कि अच्छे अच्छों की पैंट गीली हो जाती है -चल कोई बात नहीं, अपने लण्ड को इस चिकनी से साफ़ करवा ले
शिवानी एकदम चिल्लाकर बोली : नहीं.......अब और नहीं. कितना ज़लील करोगे मुझे मेडिकल चेक अप के नाम पर ?
अनुराग : अभी तो कुछ हुआ ही नहीं है मैडम, आप ऐसे ही भड़क रही हो
अनुराग रमेश से फिर बोला : चल रमेश ....अपना लण्ड इसके मुंह में डालकर इससे साफ़ करवा
रमेश को तो बस अनुराग का इशारा ही काफी था. उसने अपनी पैंट में से अपना भीगा हुआ लण्ड निकाला और शिवानी के दोनों गालों पर उसे फिराने लगा -काफी देर तक उसके चेहरे पर अपने लण्ड को घुमाने के बाद उसने अपने लम्बे और काले लण्ड को उसके होंठो पर रखा और बोला : इसे अंदर लेकर अपनी जीभ से साफ़ करो
रमेश ने अपनी जींस और अंडरवियर भी नीचे खिसका दिया था और वह बड़ी आक्रामकता के साथ शिवानी के मुख मैथुन का आनंद ले रहा था -शिवानी को उसके अंडकोष और उसके बालों में से अजीब तरह की दुर्गन्ध आ रही थी और वह बार बार उसके लण्ड को अपने मुंह में से निकालने की कोशिश कर रही थी लेकिन रमेश लगातार उसके गालों पर चपत मार मार कर बोल रहा था : अंदर कर रंडी और इसे ठीक से चूस
गौरव और अनुराग दोनों ही शिवानी के इस मुख मैथुन का आनंद भी ले रहे थे और उसकी अपने अपने मोबाइल में वीडियो भी बना रहे थे
जब रमेश ने भी शिवानी से अपना लण्ड चुसवाकर उसे साफ़ करवा लिया तो अनुराग उससे बोला : अब इस लौंडिया को पकड़कर मेरे पास लाओ -इसका फाइनल टेस्ट अब किया जाएगा
रमेश शिवानी के पीछे उसकी पीठ और नितम्बों से चिपककर खड़ा हुआ और इसे धकेलते हुए अनुराग के सामने ले आया -उसने शिवानी के मम्मे पहले की तरह ही अपने दोनों हाथों में थामे हुए थे.
अनुराग ने शिवानी की तरफ देखा और बोला : चलो अब फिर से अपनी टाँगे खोलो
शिवानी ने अपनी टाँगे खोल दीं
अनुराग ने उसके योनि प्रदेश को सहलाते हुए अपनी एक उंगली उसकी योनि के अंदर डाल दी और उसे आगे पीछे करने लगा
रमेश अब बोल्ड हो चुका था और वह अपने चेहरे को शिवानी की गर्दन पर रगड़ते हुए वहां लगातार चुम्बन जड़ रहा था
कुछ देर तक शिवानी को इस तरह से रौंदने के बाद अनुराग ने रमेश को कमरे के बाहर भेज दिया और शिवानी से भी कहा : अब तुम अपने कपडे पहन लो. तुम्हारी जांच पूरी हो चुकी है.
शिवानी हैरानी से अनुराग की तरफ देख रही थी कि वह अब क्या कहने वाला है
शेष अगले भाग में .........
User avatar
mastram
Expert Member
Posts: 3664
Joined: 01 Mar 2016 09:00

Re: Adultery सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर

Post by mastram »

PART-9
शिवानी और गौरव दोनों डॉक्टर अनुराग की तरफ देख रहे थे कि अपनी जांच पूरी होने के बाद अब वह क्या कहने वाला है
डॉक्टर अनुराग ने बोलना शुरू किया : मैंने अलग अलग तरीके से मैडम के साथ सेक्स के अलग अलग प्रयोग करने के बाद यह पाया है कि इन्हे सही समय पर सही तरीके से उत्तेजना नहीं होती है और उसकी वजह से अगर कोई ठीक ठाक पुरुष भी इनके साथ सेक्स करे तो इनको बच्चा होने की सम्भावना बहुत कम है
अनुराग की बात सुनकर जहां एक तरफ शिवानी बहुत ज्यादा हैरान और परेशान नज़र आ रही थी, वहीं गौरव बहुत खुश नज़र आ रहा था क्योंकि यह सब कुछ उसी की रची हुई साज़िश के तहत हो रहा था
गौरव ने बड़े नाटकीय अंदाज़ में अनुराग से पूछा : लेकिन डॉक्टर साहब, इस का कोई इलाज़ तो जरूर होगा. जरा सोचिये कि अगर मैं घर जाकर यह बता दूँ कि शिवानी अब कभी माँ नहीं बन सकती तो सबसे पहले तो इसका तलाक हो जाएगा. तलाकशुदा औरत से आजकल कौन शादी करता है. दूसरे इसकी एक छोटी बहन भी है-उसकी शादी में भी काफी अड़चन आ सकती है-आप कुछ न कुछ इलाज़ करिये ताकि शिवानी किसी तरह से माँ बन जाए
अब तक शिवानी उन लोगों की बातें सुन सुनकर काफी घबरा चुकी थी और उसे लग रहा था कि उसे चक्कर जैसा आ रहा था. वह अनुराग से बोली : मुझे वाशरूम जाना है
अनुराग ने कमरे में ही लगे वाशरूम की तरफ इशारा किया और शिवानी अंदर वाशरूम में चली गयी.
अब गौरव और अनुराग दोनों कमरे में अकेले रह गए
गौरव : अनुराग उस रिपोर्ट का क्या हुआ ?
अनुराग : अरे भाई, हम लोग तुम्हारी भाभी को जबरदस्ती ही पेले जा रहे हैं- तुम्हारे भैया की रिपोर्ट ही ठीक नहीं है-उनके वीर्य में बच्चे पैदा करने के शुक्राणु ही मौजूद नहीं हैं. और इसका कोई इलाज़ भी नहीं है- वह किसी भी लड़की से शादी कर लें लेकिन उन्हें बच्चा नहीं हो सकता है
गौरव ( कुछ सोचते हुए) : फिर तो और बढ़िया खबर है हमारे लिए- हमारी साज़िश अभी तक एकदम परफेक्ट तरीके से चल रही है-शिवानी को यह यकीन हो गया है कि उसके अंदर ही कुछ कमी है-हम इसे यही कहते रहेंगे कि इसमें कमी है और इलाज के बहाने इसे पेलते रहेंगे.हमारे पेलने से इसे बच्चा तो हो ही जाएगा -इसलिए हमें यह बात घर पर बताने की जरूरत नहीं है कि भैया की रिपोर्ट में क्या आया है-भैया अपना नार्मल सेक्स करते रहेंगे और जब बच्चा होगा तो यही समझेंगे कि यह उन्ही का बच्चा है.
भैया की रिपोर्ट को मैं अपने पास दबाकर रख लेता हूँ और किसी को नहीं बताऊंगा. शिवानी को हम ऐसे ही डरा धमकाकर उससे मज़े लेते रहेंगे -मैं घर जाकर यह कह दूंगा कि शिवानी में कुछ छोटी मोटी बीमारी थी जिसका डॉक्टर साहब ने इलाज़ कर दिया है और अब अगले एक साल के अंदर शर्तिया बच्चा हो जाएगा
अनुराग ( हँसते हुए) : तुम तो पूरी स्कीम बनाकर आये हो- लेकिन इस सब स्कीम को सीक्रेट रखने के लिए मुझे क्या मिलेगा ?
गौरव : अरे शिवानी का खूबसूरत बदन हम सब मिलकर इस्तेमाल करेंगे. मैं बीच बीच में रेगुलर चेक अप के बहाने इसे यहां लेकर आता रहूंगा और बस फिर क्या है तुम्हारी तो मौज ही मौज है
अनुराग : ठीक है भाई -जैसा तुम कहो. मैंने तुम्हारे सभी दोस्तों को भी यहां बुलाया हुआ है-अमित,रोहित,मोहित और पुनीत सभी बाहर अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं
गौरव : ठीक है न- उन्हें भी मौज करा देंगे-शिवानी अब काफी घबरा चुकी है और इलाज़ के लिए फ़ौरन तैयार हो जाएगी- अभी इलाज़ के बहाने हम सब मिलकर उसके बदन से जी भरकर खेलेंगे और अपनी सभी दबी हुई इच्छाओं को भी पूरा करेंगे
अनुराग : चलो, ठीक है-ऐसा ही करते हैं
इतनी देर में शिवानी वाशरूम से फ्रेश होकर बाहर कमरे में आ गयी थी
गौरव : शिवानी, बताओ तुम्हारा क्या ख्याल है -मेरा तो कहना यही है कि तुम्हे इलाज़ करवा लेना चाहिए ताकि किसी भी तरीके से बच्चा हो जाए और तुम्हारी शादी भी बची रहे और तुम्हारी बहन की शादी में भी कोई अड़चन ना आने पाए
शिवानी अब तक पूरी तरह टूट चुकी थी. गौरव से बोली : जैसा आपको ठीक लगे-मैं वह करने के लिए तैयार हूँ.
गौरव : ठीक है डॉक्टर साहब, अब आप बताये कि इलाज़ में कितना समय लगेगा. आज ही हो जाएगा या हमें फिर किसी दिन आना पड़ेगा
अनुराग : आज ही शुरू कर देते हैं-एक घंटा लगेगा- इस इलाज़ से अगले 2-3 महीने में यह गर्भवती हो जाएंगी -इसके बाद बीच बीच में जब मैं कहूँ तब इन्हे रेगुलर मेडिकल चेक अप के लिए आपको यहाँ लेकर आना होगा
शेष अगले भाग में
User avatar
mastram
Expert Member
Posts: 3664
Joined: 01 Mar 2016 09:00

Re: Adultery सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर

Post by mastram »

PART-10
गौरव : ठीक है डॉक्टर साहब, आप अपना इलाज़ शुरू कीजिये
अनुराग : इस इलाज़ के लिए मुझे कुल पांच लोगों की जरूरत पड़ेगी-आम तौर पर तो हम अपने क्लिनिक के स्टाफ के लड़कों से ही काम चला लेते हैं
गौरव : नहीं...यह मत करो. पुनीत ने मुझे सुबह बताया था की उससे मिलने आज रोहित,मोहित और अमित आये हुये हैं-वे सब एक साथ मिलकर किसी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं- उन चारों को ही बुला लेते हैं-क्लिनिक के कर्मचारियों से बेहतर तो यही चार दोस्त हैं.
अनुराग : हाँ यह तो है- दोस्तों के बीच बात "सीक्रेट" भी रहेगी -ठीक है मैं उन सब को बुला लेता हूँ
शिवानी एकदम हैरान और परेशान होकर कभी गौरव की तरफ और कभी अनुराग की तरफ देख रही थी-उसे लग रहा था कि क्या अब उसका चीरहरण गौरव के अलावा उसके चारों अनजान दोस्तों के सामने किया जायेगा
शिवानी कहने लगी : यह मुझसे नहीं होगा -इतने सारे लोग मेरे साथ क्या करने वाले हैं ?
गौरव : चुप रह साली ... तुझसे जो कहा जाए चुपचाप करती जा -आज तेरी सारी हेकड़ी निकाल दूंगा
इतनी देर में अनुराग ने चारों दोस्तों को भी कमरे में बुला लिया था और वे सब अपने अपने तने हुए लण्ड पर हाथ फिराते हुए आगे आने वाले घटनाक्रम का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे.
अनुराग : आप सब लोगों को शिवानी के इलाज़ में सहयोग करना है -इन्हे बच्चा नहीं हो रहा है -इनके बच्चा तभी हो सकता है जब इन्हे सामूहिक रूप से मनमाने तरीके से 5-6 लोग एक साथ पेलें और साथ ही इनके साथ ऐसी सेक्स क्रियाएं करें जिनके बारे में इन्होने पहले कभी सोचा भी न हो -ज़ाहिर है कि अकेले इनके पति इनके साथ वह सब कभी नहीं कर पाएंगे जो हम 6 लोग मिलकर करने वाले हैं-इसलिए अगले एक घण्टे तक आप सभी को मेरे निर्देशों के हिसाब से काम करना है
शिवानी : मैं आप लोगों के हाथ जोड़ती हूँ-मुझे इतना ज़लील मत करो प्लीज़
अनुराग : आप अपने आप को जितना ज्यादा ज़लील होता महसूस करेंगी उतना ही आपके लिए बेहतर है- इलाज़ का मतलब ही यह है कि आप अपने आपको ज्यादा से ज्यादा ज़लील होता महसूस कर सकें.-पति के साथ सेक्स में आपको उस ज़लालत का अहसास नहीं हो पाता है-इसलिए आप अभी तक माँ नहीं बन सकी हैं- अब हम आपका पक्का इलाज़ करने के लिए ही यहां इकट्ठे हुए हैं-आप हमारा सहयोग करें-उसमे ही आपकी भलाई है
अनुराग ( सबकी तरफ देखकर बोलता हुआ) : देखिये शिवानी ने इस समय अपने बदन पर 5 कपडे पहने हुए हैं -साड़ी, पेटीकोट,ब्लाउज़, ब्रा और पैंटी -मैंने यह कागज़ की 5 चिटें बना रखी हैं -हर एक चिट पर किसी एक कपडे का नाम लिखा हुआ है -आप पाँचों रैंडम एक एक चिट बिना देखे उठा लो और उसके बाद मैं आपको आगे का गेम समझाऊंगा
यह कहकर अनुराग से कागज़ की पांच चिटें अपने हथेली पर रखकर सबसे उनमे से एक एक चिट उठाने के लिए कहा
सब लोगों ने एक एक चिट उठा ली और अनुराग के अगले निर्देश की प्रतीक्षा करने लगे
अनुराग : अब सब लोग अपनी अपनी चिटें खोलकर मुझे बताओ कि किसके पास कौन सी चिट है
गौरव : मेरे पास जो चिट है, उसमे ब्रा लिखा है
अमित : मेरे पास जो चिट है, उसमे साड़ी लिखा है
मोहित : मेरे पास जो चिट है, उसमे पेटीकोट लिखा हुआ है
रोहित : मेरे पास जो चिट है, उसमे ब्लाउज़ लिखा हुआ है
पुनीत :मेरे पास जो चिट आयी है, उसमे पैंटी लिखा है
अनुराग : वैरी गुड़ .अब मैं एक एक करके बारी बारी से जिसका भी नाम लूँगा वह अपनी चिट में लिखे हुए कपडे को शिवानी के बदन से अलग करेगा-इसके लिए उसे पूरे पांच मिनट का समय दिया जाएगा -इस पांच मिनट में शिवानी को ज्यादा से ज्यादा ज़लील करते हुए उसके खूबसूरत बदन से खेलते हुए आपको चिट में लिखा हुआ कपडा उतारना है
शेष अगले भाग में...
User avatar
mastram
Expert Member
Posts: 3664
Joined: 01 Mar 2016 09:00

Re: Adultery सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर

Post by mastram »

PART-11
अनुराग की बात सुनकर शिवानी एकदम गिड़गिड़ाने लगी : मैंने आप सब का क्या बिगाड़ा है ? मुझे पहले ही बहुत ज़लील किया जा चुका है-प्लीज़ मुझे और ज़लील मत करो...प्लीज़
शिवानी कमरे के बीचों बीच खड़ी हुई गिड़गिड़ा रही थी और कमरे में गौरव, अनुराग, अमित, मोहित, रोहित और पुनीत अलग अलग कुर्सियों पर हँसते-मुस्कुराते बैठे अपने अपने खड़े लंडों को सहला रहे थे.
अनुराग शिवानी से कहने लगा : मैडम आप को यह महसूस हो रहा है कि आपको ज़लील किया जा रहा है, यह इस बात का सुबूत है कि हमारा इलाज़ आप पर काम कर रहा है-आपको अगर जमींदार साहब के घर की बहू बने रहना है और अपने पति को अपने "बच्चे" का गिफ्ट देना है तो ज़लील तो होना ही पडेगा- इतना तो आपको करना ही पडेगा
अनुराग की बात सुनकर वहां सभी लोग हंसने लगे
अब अनुराग ने बोलना शुरू किया : अब बताओ कि साड़ी वाली चिट किसके पास है ?
अमित ( चहकता हुआ) : मेरे पास साड़ी वाली चिट है
अनुराग : अब अमित शिवानी की साड़ी को उसके खूबसूरत बदन से हटाने का काम करेंगे-इनके पास शिवानी से मज़े लेने के लिए पूरे पांच मिनट का समय है- इन पांच मिनटों में अमित शिवानी को जैसे चाहे इस्तेमाल कर सकते हैं
अनुराग की बात सुनते ही अमित अपनी कुर्सी से उठकर खड़ा हो गया और शिवानी की तरफ आ गया -उसने एक ही झटके में उसकी साड़ी का पल्लू अपने हाथ में पकड़ा और उसे खींचते हुए उसके बदन से अलग करके एक तरफ फेंक दिया
शिवानी के बदन पर अब सिर्फ ब्लाउज़ और पेटीकोट नज़र आ रहा था -शर्म और ज़लालत से उसका चेहरा एकदम लाल हो चुका था और कमरे में बैठे बुए सभी लोग उसके सेक्सी बदन को देख देखकर अपने अपने लण्ड को सहलाने में व्यस्त थे-सभी को अमित के अगले कदम का भी बेसब्री से इंतज़ार था कि वह इन पांच मिनटों के समय में आखिर शिवानी को किस तरह ज़लील करके उन सबका मनोरंजन करने वाला है
शिवानी की साड़ी उतारने के बाद अमित दुबारा से अपनी कुर्सी पर जाकर बैठ गया और शिवानी को हुक्म देते हुए गुर्राकर बोला : चल अब इधर मेरे पास आकर खड़ी हो जा
शिवानी धीरे धीरे चलते हुए अमित के नज़दीक जाकर खड़ी हो गयी
अमित ने अपने लण्ड पर अपना हाथ फिराते हुए शिवानी से कहा : चल अब अपने कान पकड़ और गिनती करते हुए 20 उठक बैठक लगा -जल्दी जल्दी लगा ताकि 5 मिनट के अंदर तेरी सारी उठक बैठकें पूरी हो जाएँ -कालेज में तो तू हम लोगों को बड़ी हेकड़ी दिखाती थी-अब आज तेरी सारी हेकड़ी हम लोग दूर करने वाले हैं .
शिवानी ने अपने कान पकड़ लिए और उठक बैठक लगाने लगी
उसे उठक बैठक लगाते देख अमित मुस्कराकर बोला : साली क्या मस्त माल है -उठक बैठक लगाते टाइम और भी ज्यादा सेक्सी और हॉट लग रही है- मेरा बस चले तो सारी जिंदगी तुझसे ऐसे ही उठक बैठक लगवाता रहूँ
शिवानी जल्दी जल्दी गिनती बोलते हुए अपनी 20 उठक बैठक पूरी कर चुकी थी लेकिन अभी अमित के पास लगभग 2 मिनट का समय बाकी था-उसने अब शिवानी से कहा : चल इधर आकर मेरी टांगों के ऊपर लेट जा
शिवानी उसके नज़दीक आयी और अमित ने उसे अपनी दोनों फ़ैली हुई टांगों के ऊपर इस तरह से एडजस्ट कर लिया जिसमे उसकी पीठ उसके लण्ड के ऊपर टिक गयी थी, उसका चेहरा उसकी दायीं जांघ पर टिका हुआ था और उसके नितम्ब अमित की बाईं जांघ पर टिके हुए थे.
अमित ने अपने एक हाथ को उसके चिकने पेट पर फिराना शुरू कर दिया और अपने चेहरे को शिवानी के चेहरे के ऊपर लाते हुए उससे बोला : अपना मुंह खोल
शिवानी कुछ समझी नहीं और उसने अपना मुंह खोल दिया
अमित : ठीक से खोल और जब तक मैं बंद करने के लिए न कहूँ तब तक अपने मुंह को खोलकर रख
शिवानी ने अपने मुंह को थोड़ा और बड़ा करके खोल दिया
अमित ने अब उसके खुले हुए मुंह में दो तीन बार जोर से थूक दिया और हँसते हुए उससे बोला : अब मेरे इस थूक को प्रसाद समझकर निगल जा साली रंडी
अनुराग अब अमित से बोला : तुम्हारा टाइम ख़त्म हो गया है -अब "पेटीकोट" की चिट किसके पास है, वह शिवानी का पेटकोट फटाफट उतारे और इसको अपने हिसाब से थोड़ा ज़लील भी करे
पेटीकोट का नाम सुनते ही मोहित एकदम चहककर बोला : मेरे पास है पेटीकोट की चिट
मोहित अब शिवानी के पीछे जाकर उससे चिपककर खड़ा हो गया और अपने लण्ड को उसके नितम्बों पर दबाते हुए अपने एक हाथ से उसके चिकने पेट को सहलाने लगा-पेट सहलाते सहलाते उसने उसके पेटीकोट का नारा खींच दिया और उसका पेटीकोट सरककर नीचे जमीन पर गिर पड़ा. अब उसकी केले जैसी सुडौल चिकनी जांघें सब को दिखने लगीं थीं क्योंकि पेटीकोट उतरने के बाद वहां पर एक छोटी सी पैंटी ही बच गयी थी.
मोहित भी अब अपनी कुर्सी पर जाकर बैठ गया और शिवानी से बोला : चल इधर आकर मेरे जूते उतार
शिवानी उसके पैरों के नज़दीक जाकर झुकते हुए उसके जूतों के फीते खोलने लगी
मोहित के दोनों जूतों को उतारने के बाद शिवानी वहीं जमीन पर बैठ गयी
मोहित : मोज़े भी उतार साली
शिवानी ने आगे बढ़कर मोहित के मोज़े भी उतार दिए
अब मोहित ने अपने नंगे पैरों को शिवानी के खूबसूरत चेहरे पर रगड़ना शुरू कर दिया. पहले उसने अपने दाएं पैर को उसके चेहरे के दायीं तरफ उसके गालों पर काफी देर तक रगड़ा और फिर उससे बोला : अपने होंठों से मेरे पैर के तलुवों को दस बार चूम और फिर इन्हे अपनी जीभ से चाट चाटकर साफ कर
शिवानी ने जैसे ही मोहित के पैर के तलवों को चूमा चाटना शुरू किया, सब लोग खिलखिला कर हंसने लगे और बोले : साली लौंडिया एकदम "सेक्स स्लेव" बनने लायक ही है
मोहित ने अपने 5 मिनट पूरा होने से पहले अपने दूसरे पैर के तलवे भी शिवानी से चटवा लिए थे.
To be continued..............
User avatar
mastram
Expert Member
Posts: 3664
Joined: 01 Mar 2016 09:00

Re: Adultery सेक्स स्लेव भाभी और हरामी देवर

Post by mastram »

PART-12
अब अनुराग ने फिर से आवाज़ लगते हुए कहा : अब इसकी ब्लाउज़ उतारी जाएगी -ब्लाउज़ की चिट जिसके पास है, वह आगे आये
रोहित चहकता हुआ एकदम अपनी कुर्सी से उठकर खड़ा हो गया : मेरे पास है ब्लाउज़ की चिट
अनुराग : तो देखते क्या हो, उतार दे साली का ब्लाउज़ -हम सब ब्रा में कैसे हुए इसके मम्मे ही तो देखना चाहते हैं
रोहित शिवानी के पास पहुंचा, उसके ब्लॉउज़ के अंदर कैद मम्मों पर कुछ देर तक हाथ से सहलाया और फिर एक ही झटके में ब्लाउज़ का हुक खोलकर उसका ब्लाउज़ खोलकर एक तरफ फेंक दिया -अब शिवानी के बदन पर सिर्फ ब्रा और पैंटी बची थी.
शिवानी का ब्लाउज़ उतारने के बाद रोहित भी अपनी कुर्सी पर जाकर बैठ गया और शिवानी से बोला : इधर आकर मेरी गोद में बैठ चिकनी
शिवानी आगे बड़ी और रोहित की गोद में उसकी दायीं जांघ पर बैठने लगी
रोहित : ऐसे नहीं. यहां बीच में बैठ मेरे लण्ड पर. खूबसूरत लड़कियों को मैं अपने लण्ड पर ही बिठाता हूँ
रोहित अपने दाएं हाथ से उसके चिकने पेट और नाभि प्रदेश को मसल रहा था और बाएं हाथ से उसकी चिकनी जाँघों पर हाथ फिरा रहा था -अपने काले चेहरे को वह शिवानी के खूबसूरत गोरे गलों पर रगड़ते रगड़ते उसकी गर्दन पर चुम्बन जड़ रहा था -अचानक उसने उसके चेहरे को हाथ से पकड़कर अपनी तरफ मोड़ लिया और उसके रसीले होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में लेकर बेतहाशा चूमने लगा -रोहित के मुंह में से कुछ अजीब सी दुर्गन्ध आ रही थी क्योंकि उसने अभी कुछ समय पहले सब दोस्तों के साथ शराब पी थी-बाकी किसी और ने शिवानी के मुंह को चूमा नहीं था इसलिए उसने अब तक इसकी शिकायत नहीं की थी- शिवानी उसकी दुर्गन्ध युक्त चूमा चाटी से बहुत असहज महसूस कर रही थी -उसने अपने मुंह को रोहित से छुड़ाने की कोशिश करते हुए कहा : आपके मुंह से शराब की बहुत बुरी बदबू आ रही है -छोड़िये
रोहित ने उसके गालों पर दो चपत लगाते हुए कहा : अच्छा तुझे मेरे मुंह से दुर्गन्ध भी आने लगी -चल साली अपना मुंह खोल -अभी तेरे मुंह में सुगंध भरता हूँ. शिवानी ने जैसे ही अपना मुंह खोला, रोहित ने कई बार उसके मुंह में जोर जोर से थूका और कड़क आवाज़ में बोला : अब चुपचाप यह सारा थूक निगल जा रंडी
रोहित का समय पूरा होते ही अनुराग ने गौरव और पुनीत की तरफ देखा : इसकी ब्रा की चिट किसके पास है -आगे आओ और इसे ऊपर से पूरी तरह नंगा कर दो
ब्रा की चिट गौरव के पास थी- गौरव आगे बढ़कर शिवानी की तरफ आया और उसने बिना किसी फॉर्मेलिटी के उसकी ब्रा का हुक खोल दिया -शिवानी अपने हाथों से अपने मम्मे छिपाने की कोशिश करने लगी लेकिन गौरव ने उसे हुक्म दिया : अपने हाथ ऊपर उठाकर खड़ी हो जा और इस कमरे में बैठे सभी लोगों को अपने यह मस्त-मस्त मम्मे दिखा
शिवानी ने अपने दोनों हाथ ऊपर उठा लिए
गौरव शिवानी की पीठ से चिपककर खड़ा हो गया-उसका लण्ड शिवानी के मस्त-मुलायम नितम्बों पर अपना दबाब बना रहा था -गौरव के दोनों हाथ शिवानी के मम्मों से खेल रहे थे -लगभग दो मिनट तक शिवानी के बदन से खेलने के बाद गौरव शिवानी को पकड़कर अपनी कुर्सी के पास ले गया और खुद कुर्सी पर बैठने के बाद शिवानी से कड़क आवाज़ में बोला : चल यहां मुर्गा बनकर दिखा -कान पकड़कर मुर्गा बन जा
शिवानी आज से पहले कभी मुर्गा नहीं बनी थी -वह गौरव की तरफ देखकर बोली : मुझे मुर्गा बनना नहीं आता है
गौरव : जल्दी कर, नहीं तो बाहर से किसी नौकर को बुलाता हूँ जो तुझे मुर्गा बनाना सिखाएगा
गौरव की धमकी सुनते ही शिवानी एकदम फटाफट उसके पैरों के पास ही मुर्गा बन गयी
गौरव ने अपने दोनों पैर शिवानी की मुर्गा बनी हुई पीठ पर रख दिए और हँसता हुआ बोला : साली तूने मुझे कालेज में सबके सामने थप्पड़ मारा था -आज देख मैंने तेरी क्या हालत कर दी है -तू आज मेरे साथ -साथ और 5 लौंडों के सामने नंगी होकर मुर्गा बनी हुई है -आज तुझे अपनी औकात मालूम पड़ चुकी है या नहीं , जल्दी बोल
शिवानी : जी मुझे अपनी औकात मालूम पड़ चुकी है अब मुझे माफ़ कर दीजिये
यह सब करते करते गौरव का समय भी ख़त्म हो चला था और अब आखिर में पैंटी की चिट पुनीत के पास बची थी.
पुनीत की मदद से ही इस सारे काण्ड को अंजाम दिया जा रहा था क्योंकि यह क्लिनिक पुनीत की मम्मी डॉक्टर उर्मिला का ही था-जहां इस सारी साज़िश को रचा जा रहा था
पुनीत अपनी कुर्सी से नहीं उठा. कुर्सी पर बैठे बैठे ही उसने शिवानी को हुक्म दिया : इधर आकर खड़ी
हो जा चिकनी -और अपने हाथ ऊपर ही उठाकर रख. इस पोज़ में तू बड़ी सेक्सी और हॉट लग रही है
शिवानी धीरे धीरे चलती हुई पुनीत के सामने जाकर खड़ी हो गयी
पुनीत ने अपना हाथ उसकी पैंटी के वैस्ट बैंड में घुसाकर उसकी चिकनी योनि पर अपने हाथ को कुछ देर मसला और फिर एक झटके से उसकी पैंटी को नीचे खिसका दिया और अब शिवानी एकदम निर्वस्त्र खड़ी थी
कमरे में 6 मर्द शिवानी के निर्वस्त्र बदन को देख देखकर अपनी अपनी ऑंखें सेंक रहे थे और अपने अपने हथियारों पर हाथ फिरा रहे थे.-उसके दोनों हाथ ऊपर उठे हुए थे- उसने शर्म की वजह से अपनी ऑंखें बंद करने की कोशिश की लेकिन पुनीत उससे बोला : अपनी ऑंखें खोल चिकनी और जरा इसी पोज़ में गोल गोल घूमकर सबको अपने इस खूबसूरत बदन की पूरी झलक दिखा. चल अब घूमना शुरू कर
अब शिवानी अपने हाथ ऊपर उठाकर अपने बदन को गोल-गोल घुमाने लगी -कमरे में बैठे सभी लोग अब उसके बदन को हर एंगल से साफ़ देख पा रहे थे और अपने कमेंट भी करते जा रहे थे
लगभग 4 मिनट तक शिवानी के बदन की इसी तरह नुमायश लगवाने के बाद पुनीत ने उससे कहा : चल अब नीचे फर्श पर बैठ मेरे सामने और अपना मुंह खोल कर दिखा
शिवानी फर्श पर पुनीत के सामने बैठ गयी लेकिन मुंह नहीं खोला
पुनीत फिर गुर्राया : मुंह खोल साली
शिवानी ने अपना मुंह खोल लिया
पुनीत ने अपनी जींस ने अंदर से अपना लण्ड बाहर निकाला और उसे शिवानी के मुंह की तरफ करके उस पर अपने लण्ड में से पेशाब की पिचकारी उसके मुंह पर छोड़ दी और बोला : तेरे मुंह में जितना भी पेशाब गया है, सब का सब पी जा और तेरे चेहरे की सफाई तो मेरे पेशाब से हो ही चुकी है-उसके लिए मुझे शुक्रिया अदा कर
डरी सहमी शिवानी अपनी जान छुड़ाने के लिए फटाफट बोल पडी : थैंक यूं सर
सब लोगों में शिवानी के इस थैंक यूं पर तालियां बजायीं और कहा : यह लौंडिया एक परफेक्ट सेक्स स्लेव है -भैया ने तो इसका इस्तेमाल नहीं किया लेकिन देवर इस चिकनी का ठीक से इस्तेमाल करेगा
शेष अगले भाग में
Post Reply