वासना के सौदागर

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mastram
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Re: वासना के सौदागर

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Part 14
रुबिका की सज़ा खत्म हो चुकी थी
रवि ने अब रुबिका को फर्श पर अपनी दोनों टाँगों के बीच मे बिठा लिया था। उसका ध्यान अब सुधांशु और शालिनी की तरफ था क्योंकि अब सुधांशु शालिनी का पनिशमेंट शो शुरू करने जा रहा था।
रवि की पैंट के अंदर उसका लण्ड खड़ा होकर बड़ा सा टेन्ट बना चुका था। रवि ने पैंट में बन रहे टेण्ट को रुबिका के चेहरे पर रगड़ते हुए कहा : मेरा लण्ड बाहर निकाल और इसे अपने मुंह मे ले। मेरे गुस्से और सज़ा से बचना है तो मेरे कहे बिना ही मुझे खुश करती रह।
रवि रुबिका के गालों पर हल्का सा चपत लगाकर बोला : चल शुरू हो जा
रुबिका ने रवि की पैंट की ज़िप नीचे सरकाकर उसका लंबा और कड़क हो चुका लण्ड अपने हाथ मे ले लिया और कुछ देर उस पर अपना हाथ फिराने के बाद उसे अपने मुंह मे ले लिया
रुबिका का मुख मैथुन करते हुए रवि अब सुधांशु और शालिनी का पनिशमेंट शो देखने लगा
विधयक का बिगड़ा हुआ 22 साल का बेटा सुधांशु अव्वल दर्जे का बदमाश था और लड़कियों को बहुत बुरी तरह ज़लील करने में उसे मज़ा आता था। किस्मत की बात यह थी कि उसके हिस्से में सबसे खूबसूरत और सेक्सी लौंडिया शालिनी आयी थी
सुधांशु (शालिनी से) : चल अपने कान पकड़ और गिनती करते हुए 100 उठक बैठक लगा
शालिनी ने अपने दोनों कान पकड़ लिए और काउंटिंग करती हुई उठक बैठक लगाने लगी
सुधांशु ने अपने हाथ मे एक केन पकड़ी हुई थी। बीच बीच मे वह शालिनी की चिकनी जांघों पर केन मारते हुए कहा रहा था : ठीक से लगाओ उठक बैठक। फर्श पर नीचे तक बैठ और फिर खड़ी हो
50 उठक बैठक लगाने के बाद शालिनी फर्श पर बैठ गयी और सुधांशु के पैरों को पकड़ते हुए बोली : बस सर अब और नही। मैं बहुत थक गई हूं प्लीज़।
सुधांशु : जा टेबल पर जो पेशाब भरा गिलास रखा है, उसे उठाकर ला और मेरे सामने बैठकर पी। उसे पीकर तेरी थकान भी दूर हो जाएगी और प्यास भी। चल जल्दी कर
शालिनी : नही सर, पेशाब और थूक मिली शराब मै नही पियूंगी।
सुधांशु ने उसे केन मारते हुए हंसकर कहा : साली रंडी तू मेरी सेक्स स्लेव है। जो मैं कहूंगा तुझे वह करना ही होगा। अब तुझे मेरी बात न मानने की सज़ा मिलेगी। चल अब 100 उठक बैठक और लगा। चल खड़ी हो और शुरू हो जा
शालिनी : नही सर मैं पेशाब पीने के लिए तैयार हूं। अब मुझसे और उठक बैठक नही लगाई जाएंगी।
सुधांशु : बोल मुझे दबंग मर्दों की थूक मिली हुई पेशाब बहुत अच्छी लगती है
शालिनी : सर मुझे आप जैसे दबंग मर्दों की थूक मिली पेशाब पीनी बहुत अच्छी लगती है।
सुधांशु : फिर देर क्यों कर रही है। टेबल पर से पेशाब भरा गिलास उठा और पीना शुरू कर
शालिनी पेशाब का गिलास उठाकर उसे पी रही थी और सब लोग उसकी तरफ देखकर हल्के हल्के मुस्कुरा रहे थे
सुधांशु : रवि का यह पेशाब वाला आईडिया बहुत लाजबाब है और एकदम ओरिजिनल है।
रवि : खूबसूरत और सेक्सी लौंडिया तो यही चाहती है कि उन्हें कोई दबंग मर्द अपने कब्जे में लेकर उनसे अपनी मनमानी करवाये। दबंग मर्द की आवाज़ सुनकर ही ऐसी लड़कियां एकदम गीली हो जाती है
सुधांशु : भाई तूने बड़ी रिसर्च कर रखी है इन सेक्सी लौंडियों पर
रवि : आप चेक करके देख लो अभी मेरी बात 100 प्रतिशत ठीक निकलेगी
सुधांशु : ठीक है, तुम कहते हो तो चेक तो करना ही पड़ेगा
शालिनी अब तक सारा पेशाब पी चुकी थी
सुधांशु : चल अब मेरे सामने नज़दीक आकर खड़ी हो जा
शालिनी सुधांशु के नज़दीक आकर खड़ी हो गयी
सुधांशु : दोनों हाथ ऊपर कर और अपनी टाँगों को खोलकर खड़ी हो
शालिनी सुधांशु की रौबीली आवाज़ और उसकी दबंगई से एकदम गीली हो चुकी थी उसने अपने दोनों हाथ ऊपर उठा लिए और अपनी टाँगे फैलाकर खड़ी हो गयी
सुधांशु ने शालिनी की चिकनी चूत पर अपना हाथ फिराना शुरू कर दिया और हाथ फिराते फिराते ही अपनी उंगली उसकी चूत में डालकर उसे आगे पीछे करने लगा
सुधांशु : रवि तू बिल्कुल सही कह रहा था। यह लौंडिया तो पूरी गीली हो चुकी है। मतलब हमारे जैसे मर्द इन लौंडियों को इसी तरह ज़लील करके पेलते रहें तो इन्हें खूब मजा आता है।
सुधांशु ने अब तीन उंगलियां उसकी चूत में डाल दी थी और उससे हंसते हुए पूछने लगा : क्यों रंडी मज़ा आ रहा है न ?
शालिनी के मुंह से हर्ष मिश्रित आवाज़ें निकल रही थीं। वह बोली : जी सर आ रहा है
सुधांशु ने अपनी उंगलियां उसकी चूत से बाहर निकल ली और उससे बोला : चल अब नीचे बैठ
शालिनी फर्श पर सुधांशु की टाँगों के बीच मे बैठ गयी
सुधांशु ने अपनी तीनों उंगलियां उसके होंठो पर फिराते हुए कहा : इन्हें चाट चाट कर साफ कर
उंगलियां चटवाने के बाद सुधांशु ने शालिनी के दोनों गालों पर हल्के हल्के चपत लगाते हुए कहा : मेरी पैंट खोलकर लण्ड बाहर निकाल और उसे अपने मुंह मे लेकर मुझे खुश कर।
शेष अगले भाग में
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mastram
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PART-15
सुधांशु और शालिनी का पनिशमेंट शो ख़त्म हो चुका था
अगले पनिशमेंट शो की बारी अब रोहन और रागिनी की थी
रोहन ने रागिनी को अपनी गोद में से उठाकर अपने सामने खड़ा कर लिया था
रोहन एक बड़े से सोफे पर अकेला बैठा हुआ था-उसने रागिनी की तरफ देखा और बोला : जाओ टेबल पर रखे पेशाब भरे गिलास को उठाकर लाओ और मेरे सामने बैठकर पीना शुरू करो-पीने के बाद मुझे बताओ कि तुम्हे यह ड्रिंक कितना टेस्टी लगा
रागिनी : नहीं सर, मैं यह पेशाब नहीं पी सकती-मुझे तो गिलास को छूते हुए भी बहुत घिन आ रही है-मुझसे यह नहीं होगा सर-आप कुछ और सजा दे सकते हैं प्लीज़ लेकिन पेशाब पीने के लिए मजबूर न करें
रोहन : कोई बात नहीं. जब तक तुम खुद पेशाब पीने के लिए नहीं कहोगी, हम तुम्हे पेशाब नहीं पिलायेंगे -जैसे तुम कह रही हो तुम्हे कुछ और सजा दे देते हैं
यह कहने के साथ ही रोहन ने फार्म हॉउस में मौजूद अपने नौकर को आवाज़ देकर बुला लिया : रणजीत, इधर आओ
कुछ ही देर में पास के एक छोटे से कमरे से एक 18-19 साल का लड़का निकलकर रोहन के पास आ गया : जी साहब
पांचों लड़कियां जो बिलकुल नंगी खड़ी हुई थीं, रोहन के इस नौकर को देखकर और ज्यादा शर्माने लगीं.
रोहन का नौकर रणजीत 18-19 साल का था. एकदम काले रंग का रणजीत लगभग 5 फिट 8 इंच लम्बा था और उसने एक टी शर्ट और निक्कर पहना हुआ था -रणजीत अक्सर इस तरह की पार्टियां देखता रहता था इसलिए उसे कुछ हैरानी नहीं हो रही थी क्योंकि उसके लिए यह सब आम बात थी.
रोहन (रागिनी से) : एक बार फिर से सोच लो कि टेबल पर रखा पेशाब का गिलास पीना है या नहीं. एक बार सजा शुरू हुई तो पेशाब पीने का मौका भी सजा पूरी होने के बाद ही मिलेगा
रागिनी : प्लीज़ नहीं सर मैं पेशाब नहीं पी पाउंगी -उसमे तो पांच पांच लोगों का पेशाब और थूक दोनों मिला हुआ है
रोहन : ठीक है कोई बात नहीं . रणजीत तुम ऐसा करो -रागिनी को इधर मेरे पास लाकर मेरी गोद में उल्टा करके लिटा दो -इसके मस्त मस्त नितम्बों पर मैं इस मोटे बेंत से पचास स्ट्रोक लगाऊंगा -मेरे इस काम में तुम मेरी मदद करोगे
रणजीत समझ गया था कि रोहन क्या चाहता है क्योंकि वह अक्सर ही यह सब करता रहता था
रणजीत मुस्कराता हुआ निर्वस्त्र खड़ी रागिनी के पास पहुंचा और उसे पकड़कर रोहन के पास ले आया और उसे रोहन की गोद में उसकी टांगों के ऊपर इस तरह से लिटा दिया जिससे कि उसके नितम्बों पर रोहन आसानी से बेंत मार सके. रागिनी की चिकनी जांघें और पेट अब रोहन की टांगों और उसके लण्ड पर टिकी हुई थीं. सोफे पर ही कुछ दूरी पर रणजीत भी बैठ गया और उसने रागिनी के चेहरे को पकड़कर अपनी गोद में रख लिया था. अब रागिनी का चेहरा और उसके मम्मे रंजीत के लण्ड और टांगों पर टिके हुए थे और उसका पेट और जाँघे रोहन के लण्ड और टांगों पर टिके हुए थे.
सब लोग टकटकी लगा लगाकर यह तमाशा देख रहे थे -सबको यह पता था कि अब क्या होने वाला है. रोहन ने रागिनी के मस्त मस्त गोल सुडौल नितम्बों पर अपने हाथ को फिराते हुए कहा : अब मैं तुम्हारे इन मस्त मस्त नितम्बों पर इस बेंत से कम से कम 50 स्ट्रोक लगाऊंगा -अगर 50 स्ट्रोक के बाद भी तुम पेशाब पीने के लिए तैयार नहीं हुईं तो 50 की जगह 100 स्ट्रोक्स लगाए जाएंगे
यह कहने के साथ ही रोहन ने अपने हाथ में पकडे बेंत से गिनती करते हुए रागिनी के नितम्बों पर स्ट्रोक मारने शुरू कर दिए -हर स्ट्रोक पर रागिनी का पूरा बदन जोर से उछल रहा था और रोहन और रणजीत के लण्ड पर उसका बदन लगातार टकरा रहा था -रणजीत अपने हाथ को रागिनी की पीठ पर फिराता हुआ उसके चेहरे को अपने लण्ड के ऊपर रगड़वा रहा था. कुछ ही देर में चुपके से रणजीत ने अपने निक्कर की ज़िप खोलकर अपने लण्ड को बाहर निकाल लिया था और उस लण्ड को वह रागिनी के गालों, होंठों और चेहरे पर रगड़वा रहा था. रागिनी के दोनों हाथों को रणजीत ने कसकर पकड़ रखा था और इस तरह वह अपने चेहरे और होंठों को रणजीत की गोद में उसके खड़े लण्ड पर रगड़ने के लिए मजबूर थी -30 स्ट्रोक लग चुकने के बाद रागिनी कहने लगी : सर प्लीज़ अब मत मारो-मैं पेशाब पीने के लिए तैयार हूँ.
रोहन : मैंने कहा था कि कम से कम 50 स्ट्रोक तो जरूर लगाए जाएंगे -अब 50 स्ट्रोक के बाद ही तुम्हे पेशाब पीने का मौका मिलेगा यह कहकर रोहन ने फिर से उसके नितंबों पर बेंत मारना शुरू कर दिया और रागिनी फिर से रोहन और रणजीत की गोद में उछल उछल कर उनके लंड को और कड़क करने लगी-इस बीच रणजीत को शरारत सूझी और उसने रागिनी के मुंह को खुलवाकर अपना लण्ड उसके मुंह में घुसेड़ दिया और उसके साथ जबरन मुख मैथुन का मज़ा लेने लगा -रोहन के बेंत का स्ट्रोक लगने के साथ ही रागिनी उछल उछल कर अब रणजीत का लण्ड भी चूसने के लिए मजबूर थी -दोनों लोग उसके मस्त बदन से एक साथ भरपूर मज़ा ले रहे थे
50 बेंत लगते लगते रागिनी के मुंह में रणजीत अपने लण्ड की पिचकारी छोड़ चुका था पर क्योंकि वह उल्टी लेटकर उसका लण्ड चूस रही थी, इसलिए काफी वीर्य सोफे पर और रणजीत के निक्कर पर भी गिर गया था
50 बेंत लगने के बाद रागिनी पूरी तरह से सरंडर कर चुकी थी
रोहन ने उसे अपनी टांगों पर से हटा दिया था लेकिन रणजीत उससे यह कह रहा था : चल साली नीचे बैठ और मेरा लण्ड भी साफ़ कर, मेरे निक्कर पर लगे वीर्य को भी चाट चाटकर साफ कर और इस सोफे पर गिरे वीर्य को भी अपनी जीभ से चाट कर साफ़ कर
रागिनी रणजीत के काले मोटे खड़े लण्ड को अपनी जीभ फिरा फिराकर साफ़ करने लगी -इसके बाद उसने रणजीत के निक्कर और सोफे पर लगे वीर्य को भी अपनी जीभ से चाटकर साफ़ किया
इस बीच सुधांशु हँसता हुआ रोहन से बोला: यार तुम्हारे इस नौकर के तो बड़े मज़े हैं -यह सब लौंडियों से खूब मज़े लेता होगा
रोहन : हाँ लेकिन यह मेरा बहुत पुराना और वफादार नौकर है-पूरा फार्म हॉउस यही संभालता है और हमारी सारी बातों को एकदम गोपनीय भी रखता है -उसका इनाम तो इसे मिलना ही चाहिए
वहां बैठे सभी लोग रागिनी, रोहन और रणजीत के इस पनिशमेंट शो को देखकर बहुत उत्तेजित और गर्म हो चुके थे और अपनी अपनी गोद में बैठी हुई लड़कियों को दबा-सहला और मसलकर अपनी गर्मी को शांत कर रहे थे
जब रागिनी को रणजीत ने छोड़ा तो रोहन उससे बोला : चल साली अब पेशाब का गिलास उठा कर ला और मेरे सामने बैठकर पीना शुरू कर
रागिनी टेबल पर रखा पेशाब भरा गिलास उठा लाई और रोहन के आगे उसकी टांगों के बीच में आकर फर्श पर बैठ गयी
रागिनी ने जैसे ही गिलास का पहला घूंट पिया तो एकदम उसका चेहरा देखने लायक था लेकिन फिर उसे लगा कि उसने पीने से मना किया तो फिर से उसका पिछवाड़ा लाल होना शुरू हो जाएगा
रोहन ने रागिनी को थोड़ी सख्त आवाज़ में दुबारा से कहा : मैं तीन तक गिनती बोलूंगा -अगर तब तक यह गिलास खली नहीं हुआ तो तेरी सजा फिर से शुरू हो जाएगी
यह कहकर उसने गिनती बोलनी शुरू कर दी -एक...दो... तीन
तीन की गिनती के बाद रोहन ने देखा कि रागिनी का गिलास एकदम खाली हो चुका था
शेष अगले भाग में ....
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Part 16
रागिनी पेशाब पी चुकी थी।
रोहन ने रागिनी की तरफ देखा और पूछने लगा : बोल हम सबका थूक मिला हुआ पेशाब कितना टेस्टी था ?
रागिनी कुछ नही बोली तो रोहन ने उसके गाल पर एक झन्नाटेदार थप्पड़ लगा दिया : बोल मेरी जान। मेरी बात का जबाब नही दिया तो तेरे नरम गालों पर ऐसे ही चपत लगते रहेंगे।
यह कहकर रोहन ने उसके दूसरे गाल पर भी एक चपत लगा दिया
अब रागिनी फटाफट बोल पड़ी : सर बहुत टेस्टी लगा
रोहन : ठीक है, अब जब तक मैं करिश्मा और गौरव का पनिशमेंट शो देखूं तब तक तू मेरा लण्ड मुंह मे लेकर चूसती रह।
रोहन ने यह कहते हुए अपनी पैंट की ज़िप खोलकर उसमे से अपना लण्ड बाहर निकाला और उसे रागिनी के खूबसूरत चेहरे पर उसे रगड़ने लगा। उसके होंठों पर अपने लण्ड को रगड़ते हुए रोहन ने उससे कड़क आवाज़ में कहा : चल मुंह खोल और इसे अंदर ले
रागिनी ने रोहन के लण्ड को अपने मुंह मे ले लिया और रोहन अब अपना लण्ड चुसवाते हुए गौरव और करिश्मा का पनिशमेंट शो देखने लगा।
शेष अगले भाग में....
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PART-17
करिश्मा और गौरव का पनिशमेंट शो शुरू हो चुका था
खाकी वर्दी पहने पुलिस इंस्पेक्टर गौरव ने करिश्मा को अपनी गॉड में से उठाकर अपने सामने खड़ा कर लिया और उससे बोला : चल पीछे घूमकर खड़ी हो जा
करिश्मा पीछे घूमकर कड़ी हो गयी तो गौरव ने उसके दोनों हाथों में पुलिस वाली हथकड़ी लगाकर उसके हाथ पीछे की और बाँध दिए और फिर बोलै : अब मेरी तरफ घूम जा
करिश्मा घूमकर खड़ी हो गयी और गौरव को देखकर उसके अगले आदेश की प्रतीक्षा करने लगी
गौरव : अपनी टाँगे खोलकर खड़ी हो
करिश्मा ने अपनी टाँगे खोल लीं
गौरव ने काले रंग के चमड़े के नुकीले जूते पहने हुए थे -उसने अपना दायां पैर उठाया और उसके आगे के नुकीले सिरे को करिश्मा की चिकनी जाँघों और चूत पर फिराने लगा
करिश्मा का चेहरा शर्म से लाल हो चुका था -उसने अपनी ऑंखें बंद कर लीं लेकिन गौरव उससे बोला : अपनी ऑंखें खोलकर देख मैं तेरे साथ अभी क्या क्या करूँगा
करिश्मा ने अपनी ऑंखें खोल लीं
गौरव ने अपने जूते की नोक को अचानक उसकी चूत के अंदर घुसेड़ दिया और उसे आगे पीछे करने लगा -करिश्मा इस तरह से पहले कभी ज़लील नहीं हुई थी जितना उसे आज गौरव ज़लील कर रहा था. अब गौरव ने अपने हाथ में बेंत को पकड़ लिया और उसे करिश्मा के मस्त मस्त मम्मों पर गोल गोल फिराने लगा -उसके मम्मों पर बेंत फिराते हुए वह अपने बेंत को करिश्मा के चेहरे पर ले गया और उसके होंठों पर फिराने लगा
अपने बेंत को उसके होंठों पर फिराते हुए वह उससे बोला : अपना मुंह खोल और इस बेंत को अपने मुंह में लेकर इस तरह चूस जैसे मेरा लैंड चूस रही हो
कमरे में बैठे सभी लोग इस सेक्सी तमाशे को देख रहे थे. रोहन का नौकर रणजीत भी अपने निक्कर में बने टेंट पर हाथ फिराते हुए यह सब देख रहा था -करिश्मा एकदम बेबस अवस्था में निर्वस्त्र खड़ी हुई थी. उसके हाथ पीछे की तरफ हथकड़ी से बंधे हुए थे. उसकी चूत को गौरव अपने जूते की नोक से चोद रहा था और उसके पुलिसिया डंडे से उसके मुंह की चुदाई हो रही थी.
ऊपर और नीचे की इस डबल चुदाई से करिश्मा जल्द ही अपने क्लाइमेक्स पर पहुँच गयी थी और उसके मुंह से हर्ष मिश्रित आवाज़ें निकल रही थीं
गौरव ने अपने जूते की नोक और डंडा दोनं वापस निकाल लिए थे और अपने जूते की तरफ देख रहा था जो एकदम गीला हो चुका था -इससे पहले की वह कुछ बोलता, रोहन का नौकर रणजीत जो वहां पास में ही खड़ा यह सब देख रहा था, वह गौरव से बोला : साहब , इससे अपने जूते आप उतरवा लीजिये -यह आपके पैरों की मालिश भी कर देगी -आप कहें तो मैं आपकी मदद कर सकता हूँ.
गौरव समझ गया कि जरूर इस नौकर के पास कोई बढ़िया आईडिया है-वह उससे बोला : हाँ रणजीत तुम जरा कुछ मदद करो
रणजीत करिश्मा के पीछे गया और उसके हथकड़ी बंधे हाथों को पकड़कर उसने उसके सर के ऊपर उठा दिया और बोला : हाथ ऊपर करके खड़ी रह
रणजीत ने अपने बदन को करिश्मा की पीठ से चिपका दिया था और उसका निक्कर में बन रहा टेंट अब करिश्मा के मस्त मुलायम नितम्बों से सट गया था.
रणजीत ने करिश्मा के दोनों मस्त मम्मों को अपने हाथों से दबाते हुए कहा : चल नीचे बैठकर अपने मुंह से साहब के जूतों के फीते खोल
करिश्मा : मुंह से फीते कैसे खुल सकते हैं -मेरे हाथ खोलो तो मैं हाथों से फीते खोल दूंगी
रणजीत : लेकिन तुझे अपने मुंह से ही फीते खोलने पड़ेंगे चिकनी क्योंकि यह मेरा हुक्म है -चल नीचे बैठ और शुरू हो जा
कोई और रास्ता न देख, करिश्मा नीचे जमीन पर गौरव के जूतों के आगे बैठ गयी -उसके पीछे अभी भी रणजीत खड़ा हुआ था और इस सारे तमाशे का मानो निर्देशन कर रहा था
रणजीत ने करिश्मा के नितम्बों पर एक लात मारते हुए कहा : अपने चेहरे को साहब के जूतों के ऊपर ले जाकर फीते खोलने शुरू कर साली
करिश्मा ने अपने होंठों, दांतों और चेहरे का इस्तेमाल करते हुए एक एक करके दोनों जूतों के फीते खोल दिए
गौरव ने अपने जूते को थोड़ा ऊपर उठाकर उसकी नोक को अब करिश्मा के गालों पर फिराते हुए उसके होंठों पर टिका दी और उससे बोला : मुंह खोलो और जूते को अपने मुंह के अंदर लो
करिश्मा : नहीं प्लीज़ यह मत करवाओ प्लीज़
गौरव : मुंह खोल साली, अब कहीं जाकर तो मज़ा आना शुरू हुआ है और तू अब नखरे दिखा रही है
रणजीत भी झुककर अब करिश्मा के पास ही बैठ गया था, उसने करिश्मा के मुंह पर चपत लगाते हुए उसका मुंह खुलवा दिया और गौरव के जूते की नोक करिश्मा के मुंह में घुसेड़ते हुए बोला : इसे साहब का लण्ड समझकर चूस साली
करिश्मा अब गौरव के जूते की नोक को अपने मुंह में लेकर उस पर अपनी जीभ फिरा रही थी
शेष अगले भाग में
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