भाई बहन,ननद भाभी और नौकर

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mastram
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Re: भाई बहन,ननद भाभी और नौकर

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PART-26
जैसे ही अर्जुन मोहित के कपडे और हथकड़ी की चाबी लेकर गया, रश्मि ने टी वी स्क्रीन को ऑन करके गेस्ट रूम का "लाइव" लगा लिया.
वहां शोभित हक्का बक्का होकर मोहित की तरफ देख रहा था जो पूरी तरह से निर्वस्त्र खड़ा था और उसके दोनों हाथ भी ऊपर की तरफ हथकड़ी से बंधे हुए थे.
इस बीच में अर्जुन भी वहीं पहुँच गया था जिसके हाथ में मोहित के कपडे थे.
अर्जुन को देखकर शोभित घबराता हुआ चिल्लाकर बोला- " अरे यह सब क्या तमाशा है ? किसने मोहित की यह हालत की है ?"
अर्जुन ने एक जोर का थप्पड़ अब शोभित के गाल पर लगाया और बोला-" ज्यादा ऊँची आवाज़ में बोलने की जरूरत नहीं है. देख नहीं रहा कि कितनी रात हो चुकी है और तू बड़ी मालकिन की नींद ख़राब करने की कोशिश कर रहा है ? "
बड़ी मालकिन से अर्जुन का मतलब मम्मी से था जिनका कमरा उन्ही दोनों कमरों के साथ लगा हुआ था.
अपने गाल पर अर्जुन का थप्पड़ लगा देखकर शोभित और भी बौखला गया और अर्जुन की तरफ मारने के लिए दौड़ा, लेकिन अर्जुन जितना हट्टा कट्टा था, उसके आगे शोभित की भला क्या औकात थी. अर्जुन तो अब तक सिर्फ इसलिए खामोश था और इन दोनों का लिहाज़ कर रहा था क्योंकि यह घर के मेहमान थे लेकिन जब से रश्मि मेमसाब का इशारा अर्जुन को मिला है. तब से उसके हौसले बुलंद हो गए हैं.
मोहित सर झुकाये खड़ा हुआ था, वह शोभित से बोला- " भैया, लड़ाई झगड़ा बंद करो और पहले मेरे बारे में सोचो. कल तुम्हारी भी ऐसी हालत हो सकती है.
अर्जुन ने अब मोहित की तरफ देखकर कहा-" देख चिकने तूने मेरी बहुत बढ़िया सेवा की है, इसलिए मैं तेरे कपडे भी वापस लेकर आ गया हूँ और तेरी इस हथकड़ी को भी खोल रहा हूँ. अगर तू अपना सहयोग आगे भी इसी तरह देता रहेगा तो आराम से रहेगा, वरना रश्मि मेम साब तेरे साथ क्या करेंगी, यह तू जानता ही है."
यह कहने के साथ ही अर्जुन ने मोहित की हथकड़ी खोलकर उसे कपडे पहनने के लिए कहा और मोहित फटाफट कपडे पहनने लगा.
इस बीच शोभित दुबारा से अर्जुन के ऊपर जोर से झपटा लेकिन अर्जुन ने उसे अपनी गिरफ्त में लेकर उसके दो तीन करारे तमाचे लगाए और फिर उसने मोहित के हाथ से खोली हुई हथकड़ी से शोभित के हाथ बांध दिए.
शोभित मोहित की तरफ देखकर कहता रहा-" अरे मोहित देख यह मेरे साथ क्या कर रहा है, तू मेरे मदद कर."
अब मोहित शोभित को देखकर बोला-" भैया, अब हम लोग पूरी तरह से रश्मि के बिछाये हुए जाल में बुरी तरह फंस चुके हैं. इसलिए अब हमें वही सब कुछ करना होगा, जो रश्मि चाहती है."
अर्जुन का लण्ड दुबारा से तनकर खड़ा हो चुका था और वह अपने निक्कर के ऊपर से ही उस पर हाथ फिराए जा रहा था.
इस बीच अर्जुन ने शोभित के दोनों गालों पर एक एक थप्पड़ रसीद करते हुए उसे हुक्म दिया-" चल अब बेड पर सीधा होकर लेट जा. तुझे ज्यादा गर्मी चढ़ी हुई है, उसे ठंडा करना पड़ेगा."
और पिटाई न हो जाए, इस डर से शोभित जल्दी से बेड पर सीधा होकर लेट गया.
उसके हाथ हथकड़ी से ऊपर की तरफ बंधे हुए थे इसलिए वह एकदम बेबस अवस्था में था.
अब अर्जुन वहां पड़े सोफे पर अपनी एक टांग के ऊपर दूसरी टांग रखकर बैठ गया और वहां खड़े हुए मोहित से बोला-" चल इसकी पैंट उतार दे"
मोहित को लग रहा था कि उसके पास अर्जुन के हुक्म को मानते जाने के सिवाय और कोई रास्ता नहीं है. वह आगे बढ़ा और उसने शोभित की पैंट उतार दी. अब उसके बदन पर एक अंडरवियर रह गया था.
अर्जुन ने मोहित को फिर से हुक्म दिया-" इसका अंडरवियर भी उतारो. बिलकुल नंगा कर दो इस चिकने को." मोहित ने अब शोभित का अंडरवियर भी उतारकर उसके बदन से अलग कर दिया. शोभित अभी भी ठीक से समझ नहीं पा रहा था कि यह उसके साथ क्या और क्यों हो रहा है.और यह रश्मि का मामूली नौकर उन लोगों की ऐसी दुर्गति किस हिम्मत से कर रहा है.
अब अर्जुन ने शोभित को आदेश दिया-" चल चिकने अब उठकर इधर आ मेरे नज़दीक."
शोभित बेड से उठकर अर्जुन की तरफ आ गया
अर्जुन ने उसे फिर हुक्म दिया- " यहां फर्श पर मेरी टांगों के बीच अपने घुटनों के बल बैठ जा"
शोभित जिस तरह अर्जुन ने कहा था, उसी तरह बैठ गया.
मोहित वहां खड़ा खड़ा अपने बड़े भाई को अर्जुन के हाथों ज़लील होते हुए देख रहा था. और रश्मि अपने टी वी स्क्रीन पर यह सब लाइव देख रही थी. रश्मि को यह उम्मीद नहीं थी कि अर्जुन की हिम्मत इतनी बढ़ जाएगी और वह इस तरह से दोनों भाईओं पर अकेले ही काबू पा जायेगा.
शोभित नीचे से तो पूरी तरह नंगा हो चुका था लेकिन उसके बदन पर बची एकमात्र टी शर्ट भी अर्जुन को खटक रही थी. हाथों में हथकड़ी लगे होने की वजह से उसे उतारा नहीं जा सकता था. अर्जुन ने मोहित को आदेश दिया-" देख वह सामने कैंची रखी है. उसे उठाकर ला."
मोहित ने कैंची लाकर अर्जुन के हाथ में दे दी और अर्जुन उस कैंची से शोभित की टी शर्ट को काट काट कर उसके बदन से अलग करने लगा.
अचनाक अर्जुन को ध्यान आया कि वह दरवाज़ा अंदर से बंद करना तो भूल ही गया है. उसने मोहित से कहा-" अंदर से दरवाज़ा तो बंद कर ले. वरना तुम दोनों को इस हालत में किसी ने देख लिया तो तुम किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहोगे."
मोहित ने अब दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया और वहां रखी एक कुर्सी पर बैठने लगा.
अर्जुन उस पर एकदम भड़क उठा-" तुझे बैठने के लिए किसने कहा बे ? चल अपने कान पकड़ और दीवार से सटकर खड़ा हो जा"
मोहित कान पकड़कर दीवार से लगकर खड़ा हो गया
अर्जुन ने काट काट कर शोभित की पूरी टी शर्ट उसके बदन से हटा दी थी और अब शोभित उसके सामने पूरी तरह निर्वस्त्र अपने बंधे हुए हाथों को ऊपर किये हुए अपने घुटनों के बल बैठा हुआ था.
दोनों को अपने पूरे कब्ज़े में देखकर अर्जुन एकदम उत्तेजित और गर्म हो चुका था और निक्कर के अंदर उसके लण्ड की लम्बाई लगातार बढ़ती जा रही थी.
अर्जुन ने अब शोभित के दोनों गालों को सहला सहला कर उन पर हलके हलके चपत लगाने शुरू कर दिए. पहले अर्जुन अपने हाथ को कुछ देर तक उसके गालों पर गोल गोल घूमता और फिर एक जोरदार चपत लगा देता. जब इस यौन शोषण से अर्जुन का दिल भर गया तो उसने अपने अंडरवियर को नीचे खिसका कर उसमे से अपने तने हुए लण्ड को निकालकर उसे शोभित के होंठों पर फिराते हुए कहा-" चल अब इसे अपने मुंह में लेकर अच्छी तरह से चूस."
शोभित उसके लण्ड को चूसने लगा. उसकी इतनी दुर्गति पहले कभी नहीं हुई थी. आज रश्मि का एक मामूली सा नौकर उसे पूरी तरह नंगा करके उससे अपना लण्ड चुसवा रहा था और वह यह सब करने के लिए मजबूर था.
अर्जुन बीच बीच में उसके गालों पर यह कहकर भी चपत लगता जा रहा था-" ठीक से चूस. मज़ा नहीं आ रहा है."
अर्जुन अपने मोबाइल में इस सब तमाशे का वीडियो भी बनता जा रहा था. जब उसे लगा कि अब उसके लण्ड से उसका जूस निकलने को है तो उसने शोभित को सख्त हिदायत देते हुए कहा-" सारा जूस पीना है तुझे. एक भी बूँद नीचे गिरी तो जहां गिरेगी वहीं पर अपनी जीभ से चाटनी पड़ेगी."
यह कहते ही अर्जुन ने अपने लण्ड की तेज पिचकारी शोभित के मुंह में छोड़ दी और शोभित उसके जूस को पीने लगा.
अर्जुन ने इसके बाद अपने भीगे हुए लण्ड को शोभित से चाट चाट कर साफ़ भी करवाया. वीर्य की कुछ बूँदें अर्जुन के पैरों पर भी गिर गयी थीं. अर्जुन ने शोभित से कहा-" इन्हे भी चाट चाट कर साफ करो."
शोभित फर्श पर लगभग अधलेटा सा होकर अर्जुन के पैरों को अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ़ करने लगा. अर्जुन अपनी पूरी मस्ती में था. उसने शोभित से अपने पैरों के तलवे भी चटवाये. इस सारे तमाशे का वीडियो अर्जुन लगातार अपने मोबाइल पर बनाता रहा.
अर्जुन अब संतुष्ट हो चुका था. उसने अब शोभित की हथकड़ी भी खोल दी और उठता हुआ बोला-" रात बहुत हो गयी है, अब दोनों अपने अपने कपडे पहनकर अपने अपने कमरे में जाकर चुपचाप सो जाओ. किसी से कुछ कहा तो तुम्हारे सारे वीडियो वायरल कर दिए जाएंगे."
अर्जुन अब सीधा नीचे रश्मि के पास पहुंचा और उसे हथकड़ी और उसकी चाबी थमते हुए बोला-" वे दोनों अब सो रहे हैं."
अर्जुन शायद यह भूल गया था कि रश्मि यहां अपने कमरे से गेस्ट रूम का लाइव देख सकती है. रश्मि ने जब मुस्कुराते हुए उससे पूछा-" इतनी देर तक वहां तू क्या कर रहा था ?"
जब रश्मि ने उससे इस तरह से पूछा और उसने देखा कि टी वी स्क्रीन पर अभी भी गेस्ट रूम का सीन लाइव था, तो उसे लगा कि मानों उसकी चोरी पकड़ी गयी है. वह फटाफट जमीन पर लेट गया और अपने चेहरे को रश्मि के पैरों के ऊपर रखते हुए बोला-" मेम साब , माफ़ करना, आपकी परमिशन के बिना ही मैंने शोभित से भी कुछ मज़े ले लिए हैं. इसके लिए अगर मुझे आप कोई सजा देना चाहो तो दे सकती हो."
रश्मि उसके इस तरह से दंडवत होकर माफी मांगने के तरीके से बहुत खुश हो गयी और बोली-" अरे नहीं. तुझे उन दोनों को पेलने के लिए मुझसे बार बार परमिशन लेने की जरूरत नहीं है. मैंने सब देख लिया है-तूने बहुत बढ़िया तरीके से उन दोनों को पेला है."
इसके बाद अर्जुन वहां से चला गया और रश्मि ने भी कमरा अंदर से बंद करके सोने के लिए बिस्तर का रुख कर लिया.
शेष अगले भाग में....
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mastram
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PART-27
अगले दिन सुबह जब सब लोग सोकर उठे तो मम्मी को छोड़कर सबकी दुनिया बदल चुकी थी. मोहित और शोभित एक तरह से रश्मि और अर्जुन के गुलाम बन चुके थे.
सुबह के वक्त सब लोगों ने नाश्ते की मेज पर एक साथ नाश्ता किया और इसके बाद रोजाना की तरह मम्मी लगभग ग्यारह बजे मंदिर में भजन-कीर्तन के लिए चली गयीं जहां से उनकी वापसी का समय शाम के ६ बजे का था.
रश्मि मज़े लेने के साथ साथ अपनी पढाई का भी नुकसान नहीं करना चाहती थी. उसने मम्मी के जाते ही शोभित को अपने कमरे में बुलवा लिया और उसे आर्डर देते हुए बोली-" आज से तुम मुझे हर रोज सुबह ११ बजे से १२ बजे तक मैथ पढ़ाया करोगे. मैथ इतनी बढ़िया तरीके से पढ़ानी है कि मैं इस बार जरूर पास हो जाऊं. इस बार अगर मैथ में मैं फेल हुई तो तुम्हारी सारी वीडियो मैं खुद वायरल कर दूंगी. मोहित को भी यही बात ठीक से समझा देना. अब चलो मैथ पढ़ना शुरू कर दो."
इसके बाद शोभित ने रश्मि को अच्छी तरह से समझा समझा कर मैथ पढ़ाना शुरू कर दिया. रश्मि भी उसकी पढ़ाई गयी आज की ट्यूशन से काफी संतुष्ट नज़र आ रही थी. शोभित के जाते ही रश्मि ने मोहित को अपने कमरे में बुलवाया और उसे भी वही चेतावनी देकर कायदे से उसे अंग्रेजी पढ़ाने की हिदायत दी. मोहित ने भी रश्मि को अच्छी तरह समझा समझा कर अंग्रेजी पढाई और जब एक बज गया तो रश्मि ने उन दोनों से कहा-" अब तुम दोनों नीचे टेबल पर आकर लंच कर लो."
इसके बाद रोजाना का रूटीन यही बन गया. ११ से बारह बजे मैथ की ट्यूशन, १२ से १ बजे तक अंग्रेजी की ट्यूशन और १ बजे लंच का समय.
लंच करने के बाद रश्मि एक दो घंटे खुद भी अपनी पढाई वगैरा करती थी. स्कूल उसे नहीं जाना होता था क्योंकि कोरोना की वजह से सब पढाई घर से ही हो रही थी और अब सिर्फ मार्च में बारहवीं के बोर्ड एक्जाम ही होने थे.
मोहित और शोभित को यह नहीं पता था कि रश्मि के टी वी स्क्रीन पर उन लोगों के गेस्ट रूम का लाइव आता है. शोभित का कमरा हालांकि अलग था लेकिन वह अक्सर मोहित के साथ गेस्ट रूम में ही रहता था.
रश्मि अपने सभी कामों से और पढाई वगैरा से निपटी तो ३ बज चुके थे. उसने टी वी स्क्रीन खोला ताकि कुछ और पेन ड्राइव लगाकर उनके वीडियो भी देखे जा सकें. लेकिन तभी उसने गेस्ट रूम का लाइव देखना शुरू कर दिया और दोनों की बातचीत सुनने लगी.
मोहित : अब क्या करें भैया, हम लोग तो बड़ी मुसीबत में फंस गए हैं.
शोभित : हाँ, हम लोगों ने तो बड़े बड़े ख़याली पुलाव बनाये थे, लेकिन पास पलट गए हैं और अब हम अपनी १८ साल की स्टूडेंट रश्मि और उसके १९ साल के नौकर अर्जुन के "सेक्स स्लेव" बनकर रह गए हैं- मेरा तो मन करता है, यहां से चुपचाप रात को भाग चलें."
मोहित : अरे नहीं हम ऐसा नहीं कर सकते हैं-रश्मि की पढाई अगर ठीक से नहीं हुई तो वह पास नहीं होगी और अगर वह पास नहीं हुई तो हमारे वीडियो वायरल कर देगी."
शोभित : फिर तू ही कुछ बता, मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है.
मोहित : मेरे पास एक आईडिया है.
शोभित : क्या आईडिया है
मोहित : हमें अर्जुन की मदद लेनी चाहिए
शोभित : वह कैसे हमारी मदद करेगा और क्यों करेगा ? वह तो रश्मि का बड़ा वफादार नौकर मालूम पड़ता है. देखा नहीं पहले ही दिन उसने हमें कैसे खरी खोटी सुनायी थी.
मोहित : हाँ, वह तो है, लेकिन फिर भी एक बार कोशिश करके देख लेने में हर्ज़ भी क्या है
शोभित : हाँ ठीक है, जैसा तू चाहे मैं करने के लिए तैयार हूँ.
मोहित : ठीक है, मैं जरा अर्जुन के पास किचिन में उससे मिलकर आता हूँ. वह वहीं साइड रूम में रहता है.
शोभित : हाँ, लेकिन जरा संभलकर जाना, वह कहीं तेरा वहीं पकड़कर रेप न कर डाले.
मोहित : हाँ हाँ कोई बात नहीं है. अब कुछ तो रिस्क लेना ही पड़ेगा
यह कहकर मोहित गेस्ट रूम से निकलकर अर्जुन के कमरे की तरफ चल दिया.
रश्मि ने अब मन ही मन हँसते हुए अर्जुन के कमरे का लाइव लगा दिया और वहां का तमाशा देखने लगी.
मोहित अर्जुन के साइड रूम में घुसा तो उस समय अर्जुन अपने बिस्तर पर लेटकर आराम कर रहा था. उसने अचानक मोहित को वहां देखा तो वह थोड़ा हैरान हुआ और बोलै-" हाँ बोलो, कुछ चाहिए क्या ?"
मोहित कुछ बोलने की बजाये उसके बिस्तर पर उसके पैरों की तरफ बैठ गया और उसके पैरों को पकड़कर उन्हें दबाते हुए बोला-"प्लीज़ हमारी कुछ मदद करो"
अर्जुन सब समझ रहा था कि यह लोग अब उसे मस्का क्यों लगा रहे हैं. फिर भी उसने पुछा-" बताओ, क्या मदद चाहिए तुम्हे."
मोहित : हमें यहां से वापस घर जाना है-हमें जाने में मदद करो अर्जुन जी
अर्जुन से तो लाइफ में पहली बार किसी ने ऐसे "अर्जुन जी" कहकर बात की थी. वह हालांकि फूल कर कुप्पा हो रहा था लेकिन उसे खुद समझ नहीं आ रहा था कि वह भला इन दोनों की क्या मदद कर सकता है. ऊपर से मोहित उसके पैरों के पास बैठा अर्जुन के पैरों को भी ऐसे दबा रहा था मानों वह उसका खरीदा हुआ गुलाम हो. उसका निक्कर के अंदर लण्ड एकदम तनकर खड़ा हो गया था.
अर्जुन अब उससे बोला : तुम्हारे पास अपनी कार है-उसकी चाबी तुम्हारे ही पास है. कार में बैठो, चाबी लगाओ और अपने घर के लिए रवाना हो जाओ. तुम्हे कौन रोक रहा है ?
मोहित : नहीं, हम ऐसे चले गए तो रश्मि अपनी मम्मी और पल्ल्वी दोनों से शिकायत कर देगी कि हम दोनों उसे बिना पढ़ाये ही भाग गए . तुम ऐसा करो कि हमें किसी तरह से वह सारी वीडियो दिलवा दो जो रश्मि ने हमें ब्लैकमेल करने के लिए अपने कब्ज़े में कर राखी हैं, उसके बदले में तुम जो कहोगे हम कर देंगे.
अर्जुन : साफ़ साफ़ बताओ कि तुम क्या कर दोगे मेरे लिए अगर मैं यह सब तुम्हारे लिए कर दूँ तो ?
मोहित ( कुछ झिझकते हुए) : हम लोग ऐसा इंतज़ाम कर सकते हैं कि तुम पल्ल्वी को ब्लैकमेल करके उससे इस घर में हर रोज मज़े ले सकते हो.
अर्जुन यह सुनकर एकदम अपने बिस्तर से उठकर बैठ गया. उसे यह उम्मीद नहीं थी कि यह दोनों अपनी जान बचाने के लिए अपनी बहन को ही थाली में परोसकर दे देंगे.
अर्जुन एकदम उस पर भड़क गया और बोला: एक मिनट के अंदर यहां से दफा हो जा. वरना मेरा माथा घूम गया तो तेरी और तेरे उस नालायक भाई की बड़ी दुर्गति करूंगा.
मोहित लेकिन फिर भी नहीं माना और बोला : एक बार सोच लीजिये अर्जुन जी..
अब अर्जुन का गुस्सा एकदम सातवें आसमान पर था, उसने मोहित के दो तीन थप्पड़ लगाते हुए उसे आर्डर दिया- " चल अपने सारे कपडे उतार "
मोहित को लगा कि शायद यह सब करने से उसकी कुछ बात बन जाएगी, उसने अपने सारे कपडे उतार दिए.
अब अर्जुन ने उससे कहा -इस बिस्तर पर उल्टा होकर लेट जा
मोहित निर्वस्त्र अवस्था में बिस्तर पर उल्टा होकर लेट गया
अर्जुन ने अब मोहित के दोनों हाथ और दोनों पैर बिस्तर के चारों कोनों से कसकर रस्सी से बाँध दिए
और बोला-अब तेरी बकबास करने की यही सजा है कि मम्मी जी के आने तक तू यहां इसी तरह नंगा बंधा पड़ा रहेगा."
अर्जुन ने अब साइड रूम का दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया था और वहीं बिस्तर के पास पडी कुर्सी पर बैठकर मोहित के नंगे बदन पर हाथ फिराने लगा. एक छड़ी उठाकर अर्जुन ने उस छड़ी के स्ट्रोक मोहित के नितम्बों पर लगाने शुरू कर दिए . मोहित छड़ी के स्ट्रोक लगने से बिलबिलाता रहा और अर्जुन से यही कहता रहा-" अर्जुन जी, मुझे बहुत दर्द हो रहा है. मैं तो आपका सेवक हूँ. मुझे मारो मत. जो आप कहोगे, वही करूंगा."
अब अर्जुन ने फटाफट अपने कपडे उतारे और उल्टा होकर मोहित के ऊपर ही लेट गया और अपने बदन को मोहित के बदन पर रगड़ने लगा. अर्जुन का लण्ड मोहित के चिकने नितम्बों पर रगड़ा जा रहा था और इससे अर्जुन काफी उत्तेजित हुआ जा रहा था. उसने अपना खड़ा लण्ड धीरे धीरे मोहित के पिछवाड़े में घुसेड़ दिया और मोहित को बुरी तरह रौंदने लगा.
यह सब करते करते शाम के ५ बज गए थे. अर्जुन ने अब अपने कपडे पहने. मोहित की रस्सी खोलकर उसे खड़ा होने को कहा और बोला-" चल अब अपने कमरे में इसी तरह नंगा ही चलकर जा."
मोहित गिड़गिड़ाया : देखों मैं रो आपकी सभी बातें मान रहा हूँ, फिर आप मुझे इतना ज़लील क्यों कर रहे हो. अभी तो दिन का वक्त है-मैं पूरी तरह निर्वस्त्र अवस्था में ऊपर के कमरे तक कैसे चलकर जाऊँगा ? रास्ते में रश्मि का कमरा भी पड़ेगा."
अर्जुन हँसता हुआ बोला-" हाँ वह तो है-रश्मि मेम साब का कमरा भी रास्ते में पड़ेगा. हो सकता है, उनकी तेरे नंगे बदन पर नज़र पड़ जाए और वह भी तुझसे लगे हाथों कुछ मज़े ले लें. देख तेरा भला तभी हो सकता है जब रश्मि मेम साब को खुश कर दे. सिर्फ मुझे खुश करने से कुछ होने वाला नहीं है."
इसके बाद मोहित निर्वस्त्र अवस्था में ही अपने कमरे की तरफ चल पड़ा.
रश्मि तो यह सब लाइव देख ही रही थी, जैसे ही मोहित उसके कमरे के दरवाज़े के पास से गुजरा, रश्मि ने दरवाज़ा खोला और बोली-" तुम इस समय यहां इस तरह नंगे कैसे घूम रहे हो. चलो इधर आओ, तुम्हे इसकी सजा मिलेगी."
इसके बाद रश्मि ने उसे अपने कमरे में निर्वस्त्र अवस्था में ही बुलाकर दरवाज़ा अंदर से बंद कर लिया और सोफे पर बैठकर उससे बोली-" चलो अपने कान पकड़ो और १०० उठक बैठक लगाओ."
मोहित को इस ज़लालत की बिलकुल उम्मीद नहीं थी. वह पूरी तरह निर्वस्त्र था. और उसे उसकी ३ साल छोटी स्टूडेंट अपने सामने खड़ा करके १०० उठक बैठक लगाने को कह रही थी.
शेष अगले भाग में .....
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Part-28
रश्मि मुस्कराते हुए मोहित को देख रही थी--"चलो शुरू हो जाओ नही तो मुझे छड़ी उठानी पड़ेगी।"
छड़ी का नाम सुनकर मोहित जल्दी जल्दी उठक बैठक लगाने लगा।
उठक बैठक लगाते समय मोहित का लंड ऊपर नीचे होकर हिल रहा था लेकिन वह अपने दोनों हाथों से कान पकड़े हुए था इसलिए कुछ भी कर सकने में असमर्थ था।
रश्मि के हाथ मे अब एक चमड़े का हंटर आ गया था। उसने जोर जोर से दो तीन हंटर मोहित के बदन पर लगाते हुए कहा-" उठक बैठक लगाते वक़्त उनकी गिनती भी करनी होती है। चलो अब गिनती करते हुए दुबारा से लगानी शुरू करो। "
मोहित गिनती करते हुए उठक बैठक लगा रहा था और रश्मि को उसके बदन पर बीच बीच मे हंटर मारने में बहुत मज़ा आ रहा था। उसकी जांघों के बीच योनि का भाग पूरी तरह उत्तेजना से गीला हो गया था। 25 उठक बैठक लगाकर ही मोहित रश्मि के कदमों में गिर पड़ा और गिड़गिड़ाने लगा- " मैं बहुत थक चुका हूँ। मुझे अर्जुन ने भी बहुत बुरी तरह सज़ा दी है। रश्मि ने उस पर अहसान सा जताते हुए कहा- " तुमने पहले क्यों नही बताया कि तुम थके हुए हो। चलो अब तुम्हारी सज़ा को बदल देते है। अब इस सज़ा में तुझे कोई थकान नही होगी। "
यह कहकर रश्मि ने मोहित की आंखों पर ब्लाइंड फोल्ड बांध दिया और फिर अपने गाउन को खोलकर उसने अपनी जांघें खोल लीं। अब उसने मोहित के चेहरे को अपनी दोनों जाँघों के बीच मे सेट किया और उसे आर्डर दिया- " चलो इसे अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ करो। ठीक से करोगे तो ठीक है वरना रात में तुम्हे और सख्त सजा दूँगी। "
मोहित रात में मिलने वाली सज़ा से बचने के लिए बढ़िया तरीके से रश्मि के गीले योनि प्रदेश को चाट चाट कर साफ करने लगा। रश्मि के बिना कहे ही वह अपनी जीभ को उसकी योनि के अंदर घुसाकर उसे चाट रहा था। रश्मि अपनी पूरी मौज ले रही थी और जन्नत का मज़ा लूट रही थी। रश्मि का जब क्लाइमेक्स आया तो उसने और पानी निकाला जिसे मोहित एक आज्ञाकारी सेक्स स्लेव की तरह पी गया।
पूरी तरह ख़ुश होने के बाद रश्मि ने मोहित को अपनी गिरफ्त से आज़ाद किया और अपना गाउन बन्द करके मोहित का ब्लाइंड फोल्ड भी खोल दिया। मोहित के दोनों गालों को सहलाकर रश्मि बोली - " अब तुम्हे आज और सज़ा नही मिलेगी। तुमने मुझे इस समय बहुत खुश किया है। अब उठो और अपने कमरे में पहुंचकर कपड़े पहन लो। मम्मी भी आने वाली होंगीं। "
मोहित वहाँ से चला गया और रश्मि उससे ली गई मस्ती के बारे में सोचने लगी।
शेष अगले भाग में....
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PART-29
कुछ देर बाद मम्मी आ गयी थीं और वे रोजाना की तरह सात बजे तक खाना खाकर अपने कमरे में सोने के लिए चली गयीं
अगले दिन सुबह नाश्ते की टेबल पर जब मम्मी. रश्मि , मोहित और शभित सभी मौजूद थे, उस समय मम्मी ने मोहित और शोभित की तरफ देखकर पुछा-" बेटा, रश्मि की पढाई कैसी चल रही है ? तुम लोगों को यहां कोई परेशानी तो नहीं है न ?"
शोभित ने फटाफट मम्मी को जबाब दिया-" आंटीजी, रश्मि की पढाई बहुत बढ़िया चल रही है. वह इस बार जरूर पास हो जाएगी. और रश्मि के होते हुए हम लोगों को भला क्या परेशानी हो सकती है ? सब बढ़िया चल रहा है."
मम्मी यह सब सुनकर नाश्ता वगैरा करके अपने कमरे में चली गयीं और रोजाना की तरह मंदिर में भजन कीर्तन के लिए लगभग ११ बजे रवाना हो गयीं.
इसके बाद रोजाना वही रूटीन चलता रहा. ११ बजे से एक बजे तक रश्मि की ट्यूशन होती, १ बजे लंच होता, १ बजे से ३ बजे तक सब लोग अपने अपने कमरे में अपना अपना काम या आराम करते और फिर ३ बजे से साढ़े पांच बजे तक रश्मि और अर्जुन कभी कभी अलग अलग और कभी एक साथ मिलकर मोहित और शोभित को पेल देते. यही पेलने का सिलसिला रात में दीनार करने के बाद भी रोजाना चलता था.
इसी तरह से १५ दिन कब बीत गए किसी को पता भी नहीं चला. एक दिन नाश्ते की टेबल पर ही मम्मी ने बताया -" आज शाम को 8 बजे तक पल्ल्वी आ जाएगी. उसका आज सुबह ही फोन आया था. वह रश्मि, मोहित और शोभित सब के बारे में पूछ रही थी. उसने यह भी कहा है कि मोहित और शोभित की अब वहां जरूरत है. इसलिए तुम दोनों अपनी वापसी की भी तैयारी कर लो. तुम लोग अभी ही नाश्ता वगैरा करके निकल जाना ताकि पल्ल्वी के वहां से चलने से पहले तुम लोग वहां पहुँच जाओ."
उसके बाद नाश्ता करते ही उन दोनों ने अपने जाने की तैयारी शुरू कर दी थी. रश्मि की पढाई भी अब लगभग पूरी ही हो चुकी थी और उसे अब सिर्फ प्रेक्टिस करने की जरूरत थी.
अर्जुन और रश्मि अचानक बदले इस घटनाक्रम को देखकर आगे आने वाले समय की योजना मन ही मन बनाने में व्यस्त थे. मम्मी के मंदिर जाने के बाद मोहित और शोभित भी अपनी कार में सामान रखने के बाद रश्मि और अर्जुन से हाथ जोड़कर बोले-" हम लोगों ने आपको पूरा सहयोग किया है-हमारा ख्याल रखना प्लीज़ ."
इसके बाद वे दोनों भी अपनी कार को दौड़ाते हुए अपने घर के लिए निकल गए.
रश्मि और अर्जुन इस समय घर में अकेले थे लेकिन उनका दिमाग इस समय उस योजना को अंजाम देने में व्यस्त था, जिसे उन्होंने आज शाम के बाद अंजाम देना है.
अर्जुन इस सारे घटनाक्रम से बहुत खुश दिखाई दे रहा था. उसे कहीं न कहीं इस बात का यकीन हो गया था कि इस घर में तख्ता पलट हो चुका है और सत्ता की चाबी अब पल्ल्वी के हाथों से निकलकर रश्मि के हाथों में आ चुकी है.
अर्जुन रश्मि के प्रति शुरू से ही बहुत वफादार था-इस बात को रश्मि भी जानती है और इसी वफ़ादारी का फायदा अब अर्जुन को मिलने जा रहा था.
रश्मि ने अर्जुन को अपने कमरे में बुलाया और उससे बोली-" ऊपर मेरे रूम की सफाई कर दो और पल्ल्वी का सारा सामान यहां से ले जाकर वहीं सेट कर दो. आज से पल्ल्वी वहीं मेरे वाले रूम में रहेगी"
" जी मेम साब" कहकर अर्जुन वहां से जाने लगा तो रश्मि ने उसे रोका-" अभी मेरी बात पूरी नहीं हुई है. आज के बाद से इस घर में वही होगा जो मैं कहूंगी.पल्ल्वी अब मेरे कब्ज़े में आ चुकी है और उसे मेरे इशारों पर नाचना होगा. तुम अब कोई भी काम मेरी परमिशन के बिना नहीं करोगे, समझे ? "
" जी मेमसाब समझ गया " अर्जुन खुश होता हुआ बोला
रश्मि उसकी छुपी हुई खुशी को देख भी रही थी और समझ भी रही थी. वह हंसती हुई उससे अब बोली-" ठीक है, अब तुम जाओ और जो काम बताया है उसे करो."
इसके बाद अर्जुन ऊपर कमरे में रश्मि वाले कमरे की सफाई करने चला गया ( इस कमरे में अभी तक शोभित मेहमान बनकर रह रहा था)
कुछ देर बाद अर्जुन रश्मि के पास आया और उसके हाथ में एक पेन ड्राइव देते हुए बोला-" मेम साब यह पेन ड्राइव मुझे बिस्तर पर तकिये के नीचे रखी मिली है. यह हो सकता है शोभित ने गलती से यहां छोड़ दी हो."
रश्मि ने उससे पेन ड्राइव ले ली और बोली- " ठीक है, इसे मैं देखती हूँ. तुम फटाफट अपना काम निपटाओ और फ्री होकर मेरे पास आओ."
इसके बाद रश्मि ने उस पेन ड्राइव को अपने टी वी स्क्रीन पर चला दिया और उसके होश उड़ गए
वीडियो में पल्ल्वी शोभित के सामने खड़ी है और उससे कह रही है-" देख अब मेरी शादी हो चुकी है. अब तू मुझे वह सब वीडियो लौटा दे जो तूने मुझे शादी से पहले ब्लेकमेल करने के लिए बनाये थे."
शोभित पल्ल्वी से कहता है -" एक बार वह सब करो जो मैं तुमसे कह रहा हूँ फिर मैं तुम्हारे सारे वीडियो वापस कर दूंगा. अबकी बार मैं तुम्हारा वीडियो नहीं बनाऊंगा"
यह शायद पल्ल्वी की शादी के तुरंत बाद की वीडियो थी. रश्मि ने सोचा कि इस पल्ल्वी का भाई कितना बड़ा हरामी है-उससे कह रहा है कि इस बार वीडियो नहीं बनाएगा और फिर भी वीडियो बना ली बदमाश ने."
अब रश्मि ने आगे देखना शुरू किया
शोभित एक पेन लिफाफा पल्ल्वी को दिखता हुआ कह रहा था-" देखों मैंने सारे वीडियो इस पेन ड्राइव में तुम्हे वापस देने के लिए ही रखे हुए हैं. साथ में मैंने यह लेटर भी लिखा हुआ है कि तुम इसे खुद अपने हाथों से इसे नष्ट करके अपनी तसल्ली कर लेना."
रश्मि ने देखा कि यह तो वही लिफाफा है जो उसे पेन ड्राइव के बॉक्स में मिला था और जिसकी वीडियो वह देख भी चुकी है.
रश्मि को अब सारा माजरा समझ में आ गया कि यह वह वीडियो है जिसके बारे में पल्ल्वी को भी आज तक नहीं पता है-शोभित शायद इस पेन ड्राइव को यहां किसी गलत इरादे से ेलकर आया होगा लेकिन रश्मि और अर्जुन ने इन दोनों के सारे इरादों पर पानी फेर दिया और फिर यह पेन ड्राइव वह याहं पर गलती से भूल गया.
अब रश्मि ने उस वीडियो को और आगे देखना शुरू किया
शोभित पल्ल्वी से कह रहा था-" एक बार अपने सारे कपडे उतारकर अपना खूबसूरत बदन मुझे दिखाओ पल्ल्वी"
पल्ल्वी को कुछ समझ नहीं आ रहा था. उसने अपनी साड़ी उतारनी शुरू कर दी. अब उसके बदन पर ब्लॉउस और पेटीकोट बचे थे. शोभित ने उन्हें भी उतरवा लिया. अब पल्ल्वी के बदन पर सिर्फ ब्रा और पेंटी ही बचे थे.
शोभित अपने खड़े लण्ड को अपने निक्कर के ऊपर से ही सहलाता हुआ बोला-" अपनी ब्रा और पैंटी भी उतारो पल्ल्वी. बिलकुल नंगी होकर दिखाओ अगर तुम्हे यह पेन ड्राइव वापस चाहिए तो."
पल्ल्वी ने न चाहते हुए भी अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार दी और इससे पहले कि वह अपने हाथों से अपने उरोजों और योनि को ढकती, शोभित उससे बोला-अपने दोनों हाथ ऊपर उठाओ और धीरे धीरे चलती हुई मेरे नज़दीक आओ."
पल्ल्वी ने शर्म के मारे अपनी ऑंखें बंद कर लीं और वह शोभित के नज़दीक आकर खड़ी हो गयी. शोभित ने उसे अपनी टांगों के बीच में खड़ा करके उसके निर्वस्त्र बदन को चरों तरफ से खूब जी भरकर दबाया सहलाया और चूमा और फिर उससे बोला-" चलो अब नीचे बैठकर मेरा लण्ड चूसो."
काफी देर लण्ड चुसवाने के बाद शोभित ने पल्ल्वी को वह पेन ड्राइव वाला लिफाफा तो दे दिया लेकिन पल्ल्वी को यह नहीं बताया कि जो आज उसने पल्ल्वी के साथ दुष्कर्म किया है, उसका वीडियो भी वह सीक्रेट कैमरे से बना रहा है.
इसके बाद यह वीडियो ख़त्म हो गयी और रश्मि अपने माथे पर हाथ रखकर सोचने लगी-" यह कैसे भाई बहन है -कैसी अय्याश फैमिली है."
रश्मि ने इस पेन ड्राइव के कुल दस मिनट के वीडियो को अपने मोबाइल में भी ट्रांसफर कर लिया और पेन ड्राइव को अपने पास संभालकर रख लिया.
शेष अगले भाग में....
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