
खूनी रिश्तों में प्यार
- Dolly sharma
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Re: खूनी रिश्तों में प्यार

खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
- Dolly sharma
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Re: खूनी रिश्तों में प्यार
राज:- क्या हुआ मा
राज की माँ-ऐसे क्यो घूर रहे हो..
राज:- मा तुम बहुत सुंदर हो एकदम जवान लड़कियों की मात दे सकती हो.
राज की मा शर्माते हुए चल हट में सुंदर थोड़े हू में तो बूढ़ी हो गयी हू....
राज थोड़ा गुस्सा होते हुए ' खबरदार जो तुमने अपने आप को बूढ़ी कहा तो' तुम किसी परी से कम नही हो.. तुम्हारे ये घने बाल ऐसे लगते है..... जैसे बदल हो जो अभी बरस पड़ेंगे .तुम्हारे होंठ इतने रसदार है..... की मन करता है..... की में अभी इसका सारा रश पी जाउ.......
बस बहुत हो गया..मुझको एक ज़रूरी बात करनी है..
देखो राज बेटा में जानती हू की हमारे बीच जो संबंध बने है..... वो एक माँ-बेटा के बीच में नही बनता..
राज:-आप कहना क्या चाहती हो.
माँ- यही की ये जिस्मानी संबंध केवल पति-पत्नियो के बीच ही अच्छा है.....
राज:- मा मेरे पास इसका भी एक उपाय है.....
लेकिन इसमे बहुत रिस्क है.....
अच्छा एक बात बताओ क्या तुम मुझको अपना पति बनाओगी.... दिल से बताना ...
राज की मा के आँखो से आँसू टपक पड़े उसने राज को खींच कर अपने छाती से चिपका ली.. ''तुमने मेरे दिल की बात कह दिया बेटा लेकिन ये कैसे संभव हो सकता है..... '' फिर ये तुम डॉली से प्यार करते हो .. ये
दुनियावाले हमें जीने नही देंगे..
राज:-अपनी मा से ओर चिपकते हुए तुम चिंता ना करो मा मेरे पास इसका उपाय है..... रही डॉली की बात तुमसे ज़्यादा तो में किसी को भी प्यार नही करता..क्यो की तुम मेरी आत्मा हो...भला आत्मा के बिना शरीर का कोई फ़ायदा है.....
बस 1 यियर्ज़ की बात है.....
उतने दिन तक हमें बहुत ही सावधान रहेना पड़ेगा..
फिर मेने मा को वो उपाय बताया..जिसे सुनकर मा बहुत खुस हो गयी....
अचानक वहाँ पे पूजा आ गयी ..
पूजा:- मा भैया को तो बहुत प्यार कर रही हो.. मुझको तो कभी दुलार नही करती ..
मा पूजा को भी गले से लगातेहुए है..... मेरा बेटा ...
हम तीनो हस पड़े..
खाना तैयार हो गया था ..
सबने मिलकर खाना खाया सब कोई अपने-2 रूम में सोने चले गये..................
उसी तरह 5 दिन गुजर गये लेकिन राज ओर उसकी मा के बीच कोई खास बात नही हुआ.....
जब रिज़ल्ट आए हुए 5 दिन गुजर गये लेकिन अभी भी मार्क शीट का कोई था पता
नही था.. तभी उसे आइडेंटी कार्ड पे नंबर देखाई दिया जो उसके स्कूल का था ...
उसने जब वहाँ पे फोन लगाया तो पता चला की आज से ही मार्क शीट मिल रहा है..
राज ओर डॉली दोनो तैयार हुए ओर मार्क शीट लेने के लिए निकल पड़े.. ..
((क्योकि उनका स्कूल 10+2 था इसलिए में स्कूल लिख रहा नही तो कॉलेज से होते तो कॉलेज लिखता))
मार्क शीट लेकर निकले तो पता चला की पोलीस में इनस्पेक्टर के पद पे वेकेन्सी निकला हुआ है.....
राज ओर डॉली दोनो जल्दी से घर आ गये.....
घर आने पर पता चला की राज के नाना जी खेतो में घूमने गये है.....
दोनो अपने रूम गये कपड़े बदले सो गये, मुझे नींद में ही अहसास हुआ की कोई मेरे ऊपर चढ़कर मेरे होंठो को चूस रहा है..... मेने जैसे ही अपनी आँखे खोली तो पता चला की ये डॉली जान है.....
राज:- डॉली को बाहों में कसते हुए '''क्या हुआ जान क्यो इतना प्यार कर रही हो'''
डॉली:- सोते हुए तुम बहुत ही मासूम लग रहे थे 'एकदम छोटे बच्चे की तरह' . मुझसे रहा नही गया में एकाएक तुम्हारे इन अमृत भरे होंठो को चूसने लगी...
हा चलो बाबूजी बुला रहे है.....
राज:-हा चलो . .में ओर डॉली नानाजी के पास चले गये.....
नानाजी को जब पता चला की इनस्पेक्टर की वेकेन्सी आया है..... तो बहुत ही खुस हो गये ..
नानाजी:- ये तो बहुत ही बढ़िया बात है..... .
तू अपने करो खर्च की चिंता मत करो ..
दूसरे दिन में ओर डॉली दोनो ने मिलकर अप्लाई कर दिया..
उस दिन खूब मन लगाके तैयारी करने लगे..
नानाजी ने एक मोटरसाइकल भी खरीद दी थी..
कॉल लेटर आया एग्ज़ॅम हुआ..
रिज़ल्ट भी बहुत बढ़िया आया, लेकिन डॉली का रिज़ल्ट नही आया.. फिर भी वो खुस ही थी .......
राज की माँ-ऐसे क्यो घूर रहे हो..
राज:- मा तुम बहुत सुंदर हो एकदम जवान लड़कियों की मात दे सकती हो.
राज की मा शर्माते हुए चल हट में सुंदर थोड़े हू में तो बूढ़ी हो गयी हू....
राज थोड़ा गुस्सा होते हुए ' खबरदार जो तुमने अपने आप को बूढ़ी कहा तो' तुम किसी परी से कम नही हो.. तुम्हारे ये घने बाल ऐसे लगते है..... जैसे बदल हो जो अभी बरस पड़ेंगे .तुम्हारे होंठ इतने रसदार है..... की मन करता है..... की में अभी इसका सारा रश पी जाउ.......
बस बहुत हो गया..मुझको एक ज़रूरी बात करनी है..
देखो राज बेटा में जानती हू की हमारे बीच जो संबंध बने है..... वो एक माँ-बेटा के बीच में नही बनता..
राज:-आप कहना क्या चाहती हो.
माँ- यही की ये जिस्मानी संबंध केवल पति-पत्नियो के बीच ही अच्छा है.....
राज:- मा मेरे पास इसका भी एक उपाय है.....
लेकिन इसमे बहुत रिस्क है.....
अच्छा एक बात बताओ क्या तुम मुझको अपना पति बनाओगी.... दिल से बताना ...
राज की मा के आँखो से आँसू टपक पड़े उसने राज को खींच कर अपने छाती से चिपका ली.. ''तुमने मेरे दिल की बात कह दिया बेटा लेकिन ये कैसे संभव हो सकता है..... '' फिर ये तुम डॉली से प्यार करते हो .. ये
दुनियावाले हमें जीने नही देंगे..
राज:-अपनी मा से ओर चिपकते हुए तुम चिंता ना करो मा मेरे पास इसका उपाय है..... रही डॉली की बात तुमसे ज़्यादा तो में किसी को भी प्यार नही करता..क्यो की तुम मेरी आत्मा हो...भला आत्मा के बिना शरीर का कोई फ़ायदा है.....
बस 1 यियर्ज़ की बात है.....
उतने दिन तक हमें बहुत ही सावधान रहेना पड़ेगा..
फिर मेने मा को वो उपाय बताया..जिसे सुनकर मा बहुत खुस हो गयी....
अचानक वहाँ पे पूजा आ गयी ..
पूजा:- मा भैया को तो बहुत प्यार कर रही हो.. मुझको तो कभी दुलार नही करती ..
मा पूजा को भी गले से लगातेहुए है..... मेरा बेटा ...
हम तीनो हस पड़े..
खाना तैयार हो गया था ..
सबने मिलकर खाना खाया सब कोई अपने-2 रूम में सोने चले गये..................
उसी तरह 5 दिन गुजर गये लेकिन राज ओर उसकी मा के बीच कोई खास बात नही हुआ.....
जब रिज़ल्ट आए हुए 5 दिन गुजर गये लेकिन अभी भी मार्क शीट का कोई था पता
नही था.. तभी उसे आइडेंटी कार्ड पे नंबर देखाई दिया जो उसके स्कूल का था ...
उसने जब वहाँ पे फोन लगाया तो पता चला की आज से ही मार्क शीट मिल रहा है..
राज ओर डॉली दोनो तैयार हुए ओर मार्क शीट लेने के लिए निकल पड़े.. ..
((क्योकि उनका स्कूल 10+2 था इसलिए में स्कूल लिख रहा नही तो कॉलेज से होते तो कॉलेज लिखता))
मार्क शीट लेकर निकले तो पता चला की पोलीस में इनस्पेक्टर के पद पे वेकेन्सी निकला हुआ है.....
राज ओर डॉली दोनो जल्दी से घर आ गये.....
घर आने पर पता चला की राज के नाना जी खेतो में घूमने गये है.....
दोनो अपने रूम गये कपड़े बदले सो गये, मुझे नींद में ही अहसास हुआ की कोई मेरे ऊपर चढ़कर मेरे होंठो को चूस रहा है..... मेने जैसे ही अपनी आँखे खोली तो पता चला की ये डॉली जान है.....
राज:- डॉली को बाहों में कसते हुए '''क्या हुआ जान क्यो इतना प्यार कर रही हो'''
डॉली:- सोते हुए तुम बहुत ही मासूम लग रहे थे 'एकदम छोटे बच्चे की तरह' . मुझसे रहा नही गया में एकाएक तुम्हारे इन अमृत भरे होंठो को चूसने लगी...
हा चलो बाबूजी बुला रहे है.....
राज:-हा चलो . .में ओर डॉली नानाजी के पास चले गये.....
नानाजी को जब पता चला की इनस्पेक्टर की वेकेन्सी आया है..... तो बहुत ही खुस हो गये ..
नानाजी:- ये तो बहुत ही बढ़िया बात है..... .
तू अपने करो खर्च की चिंता मत करो ..
दूसरे दिन में ओर डॉली दोनो ने मिलकर अप्लाई कर दिया..
उस दिन खूब मन लगाके तैयारी करने लगे..
नानाजी ने एक मोटरसाइकल भी खरीद दी थी..
कॉल लेटर आया एग्ज़ॅम हुआ..
रिज़ल्ट भी बहुत बढ़िया आया, लेकिन डॉली का रिज़ल्ट नही आया.. फिर भी वो खुस ही थी .......
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
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Re: खूनी रिश्तों में प्यार
पूरे गाँव में तहलका मच गया..
बस अब इंटरव्यू में चले जाना था.
राज के नानाजी ने एलान किया की राज यदि इंटरव्यू मे पास हो जाएगा तो सारे गाँव वालों मिठाई खिलाएँगे..
इंटरव्यू का दिन भी आ गया
राज ने अपने सारे डाक्युमेन्ट लिए.. नाना-नानी ओर मा के पाँव च्छुकर आशीर्वाद लिया..
अपनी छोटी बहन पूजा को प्यार दिया बाइक लेकर इंटरव्यू देने निकल पड़ा....
जब इंटरव्यूस सेंटरे पे गया तो पता चला की वो ऑलरेडी 2 अवर्स लेट है...
डर के मारे गान्ड ही फॅट गयी लगा की अबतक इंटरव्यू हो गया होगा..
लेकिन अंदर जाते ही जान में जान आई क्योकि बहुत लड़के बैठे हुए थे...
राज उन सभी लड़को से पूछते हुए :- आपलोग क्यो बैठे हुए है इंटरव्यू हो गया क्या..
उनमे से एक लड़का थोड़ा गुस्सा होते हुए:- इंटरव्यू हो जाता तो यहा बैठ के क्या करते .. 2 घंटो से बैठे हुए है..
राज ने उनके बातो ध्यान नही दिया
राज:- मे आई कम इन सर
सर :- एस कम इन
राज सामने रखे हुए एक चेयर पे बैठ गया..
डाक्युमेन्ट को टेबल के ऊपर रखते हुए '' सर हमलोग 2 अवर्स से बैठे हुए है आपलोग इंटरव्यू क्यो नही ले रहे है.'
उनमें से एक ऑफीसर '' सर इनका इंटरव्यू ले ही लीजिए ये थोड़ा जल्दी में है.''
हाँ तो इंटरव्यू देने आए है
राज:-जी
घर से निकले होंगे तो अपनी माँ को ज़रूर देखे होंगे ..
राज:-जी देखे ही नही बल्कि पाँव च्छुकर आशीर्वाद भी लिए थे..
ऑफीसर:-आपकी मा ने किस रंग की पैंटी... पहनी हुई..... थी
राज को तो मा के बारे में ये बात सुनकर खून खौल गया...जी लाल रंग की ...
ऑफीसर:-अपनी माँ बारे बहुत कुछ जानते है आप ..
राज:-जितना मा अपने बेटे के बारे में जानती है उतना बेटा भी अपनी माँ के बारे में जानता है..
ऑफीसर-कॉन्फिडेन्स अच्छा है..
आपके पिता जी का नाम
राज:- स्वर्गीय जगदीश वर्मा.. ..
ऑफिसर्स:-कॉन्सा प्रूफ है की आप अपने बाप के बेटे है....
इतना कहकर सब ज़ोर ज़ोर से हँसने लगे...
राज को क्रोध के मारे खून खौल गया..
राज खड़ा हुआ जिसने ये सब पूछा था.. उसका गर्दन पकड़ा और पटक दिया..
एक दूसरा भी आया उसको तो राज ने एक जोरदार लात मारा..
वो कुछ दूर जाकर गिरा ..
दोनो कराहने लगे..
राज:- मेरे प्रूफ खुद मेरे माँ-बाप है जो में अपनी माँ बाप का बेटा हू.. ..अभी में कुच्छ ओर बोलता कि
तभी अचानक वहाँ पे डी.जी.पी. आसिफ़ ख़ान आ गये.. उन्हे देखते ही सब उन्हे सॅलुट मारने लगे...
डी.जी.पी. आसिफ़ ख़ान राज से हाथ मिलाते हुए यहा कैसे आना हुआ..
मेने उनको सारी बाते बताई..
डी.जी.पी.आसिफ़ सर ने तो एकदम गुस्सा होकर उन दोनो को खड़ा किया एक-एक झापड़ रसीद कर दिया.. फिर मेरे से
बात करते हुए यार इतना कुच्छ हो गया तुमने मुझको बताना ज़रूरी नही समझा.. कोई बात नही है तुम अपने डाक्युमेन्ट के सारे कॉपी दे दो.. अब समझो तुम इनस्पेक्टर बन गये...कल ही तुम ट्रैनिंग पे
जाने के लिए तैयार हो जाओ..
राज- थॅंक यू सर अब में चलता हू.
फिर राज वहाँ से निकल गया आज वो बहुत खुस था.... ..
राज जल्दी ही घर आ गया.
जैसे ही राज घर पहुचा तो घर में कोई नही था..
मा .... मा... कहके पुकारने लगा. फिर भी कोई नही बोला....
राज अपनी माँ के रूम में घुस गया...................
राज ने देखा की उसकी मा अपना बाल संवार रही थी ....
इस समय बहुत ही हसीन लग रही थी उनके जिस्म पे एक तौलिया लपेटा हुआ था....
राज ने किवाड़ को बंद किया मा के कंधे पे अपना तुड़ी टीका दिया अपनी बाहों को उनके पेट पेर कसते हुए उनके फूले हुए गालो पे थोड़ा सा चूम लिया.. मा के सॉफ्ट पेट पर अपना हाथ घूमने लगा... बहुत ही मुस्करा रहा था....
बस अब इंटरव्यू में चले जाना था.
राज के नानाजी ने एलान किया की राज यदि इंटरव्यू मे पास हो जाएगा तो सारे गाँव वालों मिठाई खिलाएँगे..
इंटरव्यू का दिन भी आ गया
राज ने अपने सारे डाक्युमेन्ट लिए.. नाना-नानी ओर मा के पाँव च्छुकर आशीर्वाद लिया..
अपनी छोटी बहन पूजा को प्यार दिया बाइक लेकर इंटरव्यू देने निकल पड़ा....
जब इंटरव्यूस सेंटरे पे गया तो पता चला की वो ऑलरेडी 2 अवर्स लेट है...
डर के मारे गान्ड ही फॅट गयी लगा की अबतक इंटरव्यू हो गया होगा..
लेकिन अंदर जाते ही जान में जान आई क्योकि बहुत लड़के बैठे हुए थे...
राज उन सभी लड़को से पूछते हुए :- आपलोग क्यो बैठे हुए है इंटरव्यू हो गया क्या..
उनमे से एक लड़का थोड़ा गुस्सा होते हुए:- इंटरव्यू हो जाता तो यहा बैठ के क्या करते .. 2 घंटो से बैठे हुए है..
राज ने उनके बातो ध्यान नही दिया
राज:- मे आई कम इन सर
सर :- एस कम इन
राज सामने रखे हुए एक चेयर पे बैठ गया..
डाक्युमेन्ट को टेबल के ऊपर रखते हुए '' सर हमलोग 2 अवर्स से बैठे हुए है आपलोग इंटरव्यू क्यो नही ले रहे है.'
उनमें से एक ऑफीसर '' सर इनका इंटरव्यू ले ही लीजिए ये थोड़ा जल्दी में है.''
हाँ तो इंटरव्यू देने आए है
राज:-जी
घर से निकले होंगे तो अपनी माँ को ज़रूर देखे होंगे ..
राज:-जी देखे ही नही बल्कि पाँव च्छुकर आशीर्वाद भी लिए थे..
ऑफीसर:-आपकी मा ने किस रंग की पैंटी... पहनी हुई..... थी
राज को तो मा के बारे में ये बात सुनकर खून खौल गया...जी लाल रंग की ...
ऑफीसर:-अपनी माँ बारे बहुत कुछ जानते है आप ..
राज:-जितना मा अपने बेटे के बारे में जानती है उतना बेटा भी अपनी माँ के बारे में जानता है..
ऑफीसर-कॉन्फिडेन्स अच्छा है..
आपके पिता जी का नाम
राज:- स्वर्गीय जगदीश वर्मा.. ..
ऑफिसर्स:-कॉन्सा प्रूफ है की आप अपने बाप के बेटे है....
इतना कहकर सब ज़ोर ज़ोर से हँसने लगे...
राज को क्रोध के मारे खून खौल गया..
राज खड़ा हुआ जिसने ये सब पूछा था.. उसका गर्दन पकड़ा और पटक दिया..
एक दूसरा भी आया उसको तो राज ने एक जोरदार लात मारा..
वो कुछ दूर जाकर गिरा ..
दोनो कराहने लगे..
राज:- मेरे प्रूफ खुद मेरे माँ-बाप है जो में अपनी माँ बाप का बेटा हू.. ..अभी में कुच्छ ओर बोलता कि
तभी अचानक वहाँ पे डी.जी.पी. आसिफ़ ख़ान आ गये.. उन्हे देखते ही सब उन्हे सॅलुट मारने लगे...
डी.जी.पी. आसिफ़ ख़ान राज से हाथ मिलाते हुए यहा कैसे आना हुआ..
मेने उनको सारी बाते बताई..
डी.जी.पी.आसिफ़ सर ने तो एकदम गुस्सा होकर उन दोनो को खड़ा किया एक-एक झापड़ रसीद कर दिया.. फिर मेरे से
बात करते हुए यार इतना कुच्छ हो गया तुमने मुझको बताना ज़रूरी नही समझा.. कोई बात नही है तुम अपने डाक्युमेन्ट के सारे कॉपी दे दो.. अब समझो तुम इनस्पेक्टर बन गये...कल ही तुम ट्रैनिंग पे
जाने के लिए तैयार हो जाओ..
राज- थॅंक यू सर अब में चलता हू.
फिर राज वहाँ से निकल गया आज वो बहुत खुस था.... ..
राज जल्दी ही घर आ गया.
जैसे ही राज घर पहुचा तो घर में कोई नही था..
मा .... मा... कहके पुकारने लगा. फिर भी कोई नही बोला....
राज अपनी माँ के रूम में घुस गया...................
राज ने देखा की उसकी मा अपना बाल संवार रही थी ....
इस समय बहुत ही हसीन लग रही थी उनके जिस्म पे एक तौलिया लपेटा हुआ था....
राज ने किवाड़ को बंद किया मा के कंधे पे अपना तुड़ी टीका दिया अपनी बाहों को उनके पेट पेर कसते हुए उनके फूले हुए गालो पे थोड़ा सा चूम लिया.. मा के सॉफ्ट पेट पर अपना हाथ घूमने लगा... बहुत ही मुस्करा रहा था....
खूनी रिश्तों में प्यार बेशुमारRunning.....परिवार मे प्यार बेशुमारRunning..... वो लाल बॅग वाली Running.....दहशत complete..... मेरा परिवार और मेरी वासना Running..... मोहिनी Running....सुल्तान और रफीक की अय्याशी .....Horror अगिया बेतालcomplete....डार्क नाइटcomplete .... अनदेखे जीवन का सफ़र complete.....भैया का ख़याल मैं रखूँगी complete.....काला साया complete.....प्यासी आँखों की लोलुपता complete.....मेले के रंग सास, बहु, और ननद के संग complete......मासूम ननद complete
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Re: खूनी रिश्तों में प्यार

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Re: खूनी रिश्तों में प्यार


कांटा....शीतल का समर्पण....खूनी सुन्दरी
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
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