विधवा माँ के अनौखे लाल
इन तीनो को पटना आये 2 साल हो गए थे। शाज़िया एक भरे जिस्म की औरत थी 2 बच्चो की माँ होने के बावजूद उसका बदन भरा हुआ था अच्छे खान पान ओर सुकून भारी जिंदगी उसके सौंदर्य को बनाये हुए थे ।उसके दोनो बेटे बड़ा बेटा अनीस छोटा बेटा जीशान दोनो जवानी की दहलीज को पार कर चुके थे।फिलहाल शादी की कोइ चर्चा नही थी।
बड़ा बेटा घर की जिम्मेदारियो को सही से संभाल रहा था वही छोटा बेटा घर की छोटी मोटी खर्चो के साथ साथ अपना जेबखर्च भी निकाल लेता था।
अब चलते है कहानी की ओर......
अनीस के आफिस जाने से पहले उसके लिए नास्ता तैयार करने के बाद रोज की तरह नहाने के लिए बाथरूम की तरफ जाने को थी। अभी सुबह के 6 ही बज रहे थे इसलिए वो बेफिक्र हो कर अपने काम मे मशगुल थी। दूसरी ओर जीशान की नींद अचानक बर्तनों की खटपट से टूट गयी जो उसकी माँ धो कर किचन के स्लैब पर रख रही थी ।
इस वक़्त शाज़िया ने केवल एक ब्लाउज और पेटीकोट पहन रखा था जिसमे से उसके जवानी के पूरे कटाव अच्छे से दिख रहे थे बर्तन धोने के बाद वो बाथरूम की तरफ चल पड़ी.... इधर सौरभ उठा और बॉथरूम की तरफ जाने को हुआ वो इस बात से अनजान था कि उधर उसकी माँ नहाने के लिए बाथरूम में गयी हुई है
इधर शाज़िया बाथरूम आ कर अपने बदन पे बचे हुए आखिरी दो कपड़ों को भी धोने के लिए नीचे फर्श पर फेंक दिया और उकड़ू बैठ कर अपने कपड़ो को साफ करने में लग गयी थी। और वो मस्त नंगी ही बिना दरवाजा बंद किए नहा रही थी तभी अनीस बाथरूम में अपनी नींद की अधखुली मदहोशी और सुबह सुबह का लंड का तनाव अलग ही कहर ढा रहा था। अचानक वो बाथरूम की तरफ गया जहाँ अपनी माँ को नंगी हालत में देख कर उसकी सारी नींद काफूर हो गयी और उसके लंड ने झटका मारा उधर शाज़िया अपने काम में व्यस्त थी।जीशान इस नजारे को देख कर पूरी तरह से शॉक में खड़ा था
अचानक उसे ये मंजर भाने लगा और वो वही छुप कर अपने माँ के नंगे बदन का नजारा लेने लगा उधर उसकी माँ जो इससे बात से अनजान थी कि उसका सागा छोटा बेटा उसकी जवानी को आंखे फाडे देखे जा रहा था वो नहा रही थी....अब जीशान के दिनचर्या में शामिल हो गया था उसका अपनी माँ के प्रति नजरिया बदल चुका था।
एक दिन जब जीशान शाज़िया को देख रहा था तो शाज़िया को एहसास हुआ कि कोई उसे देख रहा है और वो पीछे मुड़ कर देखती है मगर वहां कोई नही था वो उसे एक वहम समझ कर वपिस नहाने लगी उधर जीशान की सास अटक गयी थी क्योकि उसे डर था कि कही उसकी माँ उसे देख ना ले मगर वो अभी बच गया था और वापिस अपने आंखों को सेकने में लग गया अब वो अक्सर अपनी माँ के नाम की मुठ मारता और अक्सर शाज़िया को किसी ना किसी बहाने छूता प्यार दिखाने के बहाने ही सही मगर छूता और शाज़िया को भी ये एहसास हो चला था कि जीशान के व्यवहार में कुछ बदलाव आया है।
अब देखना आगे है कि ये कहानी कौन सा मोड़ लेती है
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