मेरी नशीली चितवन
हाई फ्रेंड्स.. मेरा नाम हैं संध्या.. 45 यियर्ज़.. फिट ऐज आइ डू योगा.. आंड प्रोफेशनल वर्किंग विमन, शादी शुदा हूँ ऑर 2 बच्चे भी हैं.
मुझे सेक्स बहुत पसंद हैं.. ओर मैं बहुत एंजाय करती हूँ.
मेरा फर्स्ट सेक्स ** साल की उमर मैं हुआ था ऑर तब से आज तक मैने बहुत बार, बहुत सारे मर्दों के साथ सेक्स एंजाय किया हैं. मैं अपना अनुभव यहा आप सब सेक्सी लोगों के साथ शेर करना चाहती हूँ. मैं लॅपटॉप से टाइप कर रही हूँ..अगर..इंग्लीश टू हिन्दी यहाँ पर टाइप कर सकते तो प्लीज़ बताए..मैं हिन्दी मे लिखना ज़्यादा पसंद करूँगी.
तो चलो शुरू करते हैं.. यह कहानी करीब 28 साल पुरानी हैं जब मैं **थ मैं थी ऑर पढ़ती थी.
मैं मुंबई से हूँ, और मेरे घर मे छोटा भाई जो मेरे से 3 साल छोटा हैं ओर मेरी मा ऑर पापा दोनो ही वर्किंग हैं. मैं पढ़ाई मे काफ़ी होशियार हूँ..**थ मैं टॉपर रही, अब ** भी मैं ही **थ के क्लासस स्टार्ट हो गये..बहुत बिज़ी हूँ.
मैं ** साल की हूँ, हाइट काफ़ी अच्छी हैं, 5-7, बहुत गोरा रंग हैं.. मैं कोंकनी गाँव मराठी हूँ..आप मेरे रंग का अंदाज़ा लगा सकते हैं. 60 केजी, फिट..ऑर लगभग पूरी कॉलेज के लड़के मुझ पर मरते, मुझे देखने आते.. ऑर मेरी फिगर देखकर तड़प जाते..
मैं बहुत सिंपल रहती हूँ..पूरा पढ़ाई मे ध्यान था..पर रंग रूप ऐसा दिया..कि मर्दों की नज़र.. ओर हरकतें छुपी नही रहती..
मेरे पड़ोस मे दहिया परिवार था, राज अंकल करीब 40 के, उनकी वाइफ ज्योति ऑर 2 छोटे बच्चे. राज अंकल एकदम हॉट, हरियानवी, मास्क्युलिन, टॉल 6-2 फीट ऑर एकदम स्पोर्ट मॅन लगते .. हमेशा इंटरनॅशनल बिज़्नेस टूर पर रहते,, ऑफीस के काम से. जब भी वापस आते हमेशा मेरे लिए ऑर भाई के लिए चॉक्लेट्स लेकर आते.
एक दिन मा- पापा को एमर्जेन्सी मे गाँव जाना पड़ा..फॅमिली डेत की वजह से.. मेरे क्लासस के कारण मैं अकेली थी, ऑर मा ज्योति आंटी से कहकर गयी कि 2-4 दिन मैं वापस आएँगे..मेरा ध्यान रखना.
गर्मी के दिन.. मुंबई की ह्यूमिडिटी...मैं दोपहार को सब काम निबटा कर पढ़ रही थी, मैने सिर्फ़ गाउन पहना था.. अंदर कुछ नही था.. मुझे कम कपड़े मे अच्छा लगता था..
तभी डोर की रिंग सुनाई दी..मैने दरवाजा खोला..बाहर राज अंकल थे ...
मैं---आइए ना अंकल..आप कब आए लंडन से..
राज अंकल ने बताया..आज ही आया हूँ..तुम्हारे लिए ख़ास चॉकलटेस लाया हूँ. मैने कहा..दिखाइए..ओर मैने उनको ठंडा पानी पिलाया ऑर सोफे पर बिठाया. अंकल ने सिर्फ़ एक टी शर्ट ऑर शॉर्ट्स पहेना था...मुंबई मे ऐसे ही सम्मर मे सब कम कपड़े पहन्ते हैं..बहुत हॉट लग रहे थे.
अंकल ने चॉक्लेट्स का बॉक्स खोला..आल्कोहॉल चॉक्लेट्स लाए थे..हम दोनो ने मिल कर एक एक चॉकलेट खाया..बड़ा कड़वा था..मुझे सिर मे सुन्न हो गयी..इससे पहले कभी ड्रिंक्स या अल्कोहल खाया नही था. अंकल ने सिखाया ..धीरे से मूह मे रखो..आराम से पिघलने दो ऑर धीरे धीरे स्वाद लेकार खाओ..एकदम से मत खाओ..
मैं समझ गयी..दूसरा चॉक्लेट आराम से खाया..मुझे अच्छा लगा... 3-4 चॉकलटेस के बाद मुजरे लाइट फील होने लगा..अच्छा लगने लगा. बॉक्स मे बहुत सारी वेराइटी थी.. अंकल ने कहा..वाह यह चॉक्लेट एकदम लाजवाब टेस्टी हैं. मैने कहा मुझे दीजिए.. उन्हों ने मुझे पास बुलाकर..मूह खोलने को कहा.. ऑर एकदम से अपने मूह की चॉक्लेट मेरे मूह मे डाल दी. मैं कुछ सोच पाती..इतनी जल्दी सब हो गया..मुझे चॉकलेट अच्छी लगी.. मैं शॉक्ड थी..पर अच्छा लग रहा था..पता नही क्यूँ.
इसी तरह अंकल ने फिर से दूसरी चॉकलेट खिलाई ऑर इस बार उनके लिप्स मेरे लिप्स से लगे रहे..ओर जीभ भी अंदर गयी.. मुझे नशा सा हो गया.. पर सब बहुत अच्छा लग रहा था..
अंकल ने कब मुझे अपनी गोदी मे बिठा लिया..कब मेरा गाउन निकाल कर नीचे फेंका..ऑर कब मैं उनकी गोदी मे नंगी बैठकर उनके मूह से चॉकलते खा रही थी.. मुझे पता नही चला..
जब होश आया .. मैं उनकी गोदी मे पूरी नंगी थी..वो मुझे किस कर रहे..उनका एक हाथ मेरे बूब्स पर था ऑर दूसरा मेरी बालों वाली चूत पर...जो अब तक कुँवारी थी..
दोस्तों मैं क्या करती..सब एकदम अचनाक हो गया...दिमाग़ कह रहा था ग़लत हैं..पर दिल सब मान रहा था..सब अच्छा लग रहा था...