छोटी-छोटी रसीली कहानियां, Total 18 stories Complete

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Jaunpur

कहानी घर घर की

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पुलिस स्टेशन में

पारुल- “श्रुति बेटा ये सब क्या है? क्यों पुलिस तुम्हें यहां पकड़ के लायी है। क्या रंडीपन किया तुमने?”

श्रुति- “मामा वो क्या है न की मैं रोड के किनारे पे बैठ के मूत रही थी, तभी एक 14 साल का बच्चा आके मुझे और मेरी चूत को घूरने लगा। मैंने उससे पूछा- क्यों बे साले क्या देख रहा है? कभी किसी लड़की को मूतते हुए नहीं देखा है क्या?”

तो वो कहने लगा- “देखा तो है मगर ऐसी मस्त चूत कभी नहीं देखी…”

श्रुति- “मुझे उसकी बात अच्छी लगी और मैं उसकी पैंट खोल के उसका लौड़ा मुँह में लेके चूसने लगी। इतने में जानकी आंटी ने मुझे वहां देख लिया और शायद उन्होंने ही पुलिस को शिकायत कर दी…”

पारुल- “श्रुति, तुझसे कितनी बार कहा है, अगर चोदना चुदाना है तो उस लड़के को घर लेके आना था, ऐसे रोड पे तमाशा करने की क्या ज़रूरत थी? तुम्हें तो मालूम है न वो जानकी के बारे में, साली रांड छिनाल, खुद को लौड़ा नहीं मिला चुदवाने के लिये तो जल गयी और मेरी बेटी को अंदर करवा दिया। श्रुति तुम्हें सावधान रहना होगा, अगर तू उस लड़के को घर ले आती तो घर वाले कितने खुश होते। मैं भी उससे गाण्ड मरवा लेती, मगर तेरी जल्दबाज़ी ने सब कुछ खराब कर दिया…”

श्रुति- “मामा सारी, अगली बार मैं ध्यान रखूंगी। मामा मुझे यहां से छुड़ाओ, ये लोग बहुत मारते हैं, गाण्ड देखो लाल कर दिया है मादरचोदों ने मार-मार के। माँ अगर तुम इंस्पेक्टर साहब से गाण्ड मरवा लोगी तो ये मुझे छोड़ देंगे। मामा प्लीज मेरे लिये एक बार गाण्ड मरवा लो न प्लीज… मामा, तुम्हारी गाण्ड की तो सारी दुनिया दीवानी है, एक बार तुम्हारी गाण्ड चोदेगा तो तुम जो कहोगी मानेगा…”

पारुल- “ठीक है मैं अभी कुछ करती हूं, तू फिकर मत कर…”
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Jaunpur

कहानी घर घर की

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अगला भाग

पारुल अपने आप से- “यह सोम को क्या हुआ? बहुत परेशान लग रहे हैं, अभी पता लगाती हूँ…”

पारुल सोम से- “क्या हुआ सोम बहुत उदास बैठे हो, चेहरा तो ऐसा बना रखा है जैसे किसी ने तुम्हारी गाण्ड मार दी हो। क्या टेन्शन है? मुझे बताओ…”

सोम- “अब क्या बताऊँ पारुल, माँ चुद गयी है मेरी। एक कस्टमर आया है, 5 करोड़ का आफर दे रहा है एक रात का, पर उसे एक ऐसी औरत चाहिए जिसकी पाद (फार्ट) बहुत नशीली, बदबूदार और सेक्सी हो। और तो और जिसकी टट्टी बहुत स्वादिष्ट हो…”

पारुल- “तो इसमें इतना परेशान होने की क्या बात है? हमारे रंडी खाने में बहुत सी रंडियां हैं जो यह सब कर सकती हैं, भेज दो किसी एक छिनाल को…”

सोम- “अरे तुम बात को समझ नहीं रही हो पारुल, हमारे यहाँ ऐसी कोई लड़की नहीं है जो 5 करोड़ के कस्टमर को संतुष्ट कर सके। सब छिनालें पादती हैं, हगती हैं मगर कोई भी ऐसी नहीं है जो 5 करोड़ के कस्टमर को संतुष्ट कर सके… अगर यह कस्टमर हमारे हाथ से निकल गया तो हमारे दुश्मन किरानी परिवार की मालती उस कस्टमर को हथिया लेगी। फिर हम लौड़ा हाथ में लेके हिलाते रह जाएँगे…”

पारुल- “अगर आप कहें सोम, तो मैं चली जाती हूँ उसके पास। मैं सोचती हूँ कि मैं उसको अपनी गाण्ड के तुरर तुरर तुस्स्स तूस्स से संतुष्ट कर दूँगी और उसे खूब पेट भरकर अपनी टट्टी भी खिलाकर आ जाऊँगी, प्राब्लम साल्व्ड…”

सोम- “नहीं पारुल, मैं तुम्हें जाने नहीं दूँगा, मुझे तुम्हारा वहाँ जाना पसंद नहीं…”

पारुल- “क्यूँ सोम? मैं क्यूँ नहीं जा सकती, क्या मेरी गाण्ड के पाद में अब वो बात नहीं रही या फिर मेरे गू में वो टेस्ट नहीं रहा? क्या बात है सोम बताओ मुझे?”

सोम- “नहीं पर्वती वो बात नहीं है, तुम्हारी गाण्ड की बास में तो इतना दम है कि 5 करोड़ क्या, 50 करोड़ भी तुम्हारी गाण्ड से आई हुई एक पाद के मुकाबले कम है। मगर मुझे पसंद नहीं की मेरी प्राइवेट रंडी लोगों के सामने गाण्ड हिला-हिला के पादे और उनके मुँह में हगे। मैं बहुत ईर्ष्या महसूस करूँगा पारुल। मैं तुम्हें किसी गैर मर्द को अपनी गाण्ड का हलवा खिलाते नहीं देख सकता। तुम्हारी गाण्ड से निकली हुई हर चीज मेरी और इस परिवार की है बस और किसी की नहीं…”

पारुल- “मुझे बहुत खुशी हुई सोम कि आज भी आपको मेरी गाण्ड और उसमें से निकली हुई चीज़ों से इतना प्यार है। मगर बिज़नेस में नो एथिक्स सोम… मैं उस तुलसी किरानी रांड़ को इस कांट्रैक्ट को लेते हुए नहीं देखना चाहती। मैं दिखा देना चाहती हूँ कि पारुल अगरवाल की गाण्ड के सामने किरानी परिवार बेकार है। गाण्ड बड़ी होने से कुछ नहीं होता, गाण्ड में दम होना चाहिए…”

श्रुति- “मामा, पापा, मैंने सब सुन लिया है। अगर आप कहें तो मैं चली जाती हूँ। मैं भी संडास नहीं गयी हूँ। अगर आप दोनों चाहें तो मैं उस कस्टमर के पास चली जाती हूँ। आपका काम भी हो जाएगा पापा और मामा को भी जाना नहीं पड़ेगा…”

पारुल- “तू अपने कमरे में जा श्रुति…”

श्रुति- “नहीं माँ, मैं सच कह रही हूँ, मैं भी तो आप ही की बेटी हूँ। आपकी गाण्ड का कुछ तो असर मेरी गाण्ड में भी तो होगा, देखिए मैं आपको पाद के भी बताती हूँ- तुर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्रर तुस्स्स्स्स्स्सस्स तुरर्र तुस्स्स्स्स…”

पारुल- “श्रुति तेरी गाण्ड भी मस्त सेक्सी और नशीली है। मगर बेटा, जो कस्टमर आया है उसे एक औरत की गाण्ड चाहिए, एक लड़की की नहीं। उसे मुझ जैसी चुदी चुदाई मेच्योर्ड रांड़ चाहिए। तू तो अभी कमसिन है बेटा, उसकी प्यास और भूख सिर्फ़ मैं और मेरी गाण्ड ही मिटा सकती है…”

पारुल ने फिर कहा- “सूंघना चाहती है मेरी पाद तो यह ले सूंघ- पुउउर्र्र्ररर… फुररररर… टुउस्स्स्स… तुउउउर्र्र्र्ररर… तुस्स्स्स्स्सस्स… पर… पुर्र्र… हिस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स…”

श्रुति- “वाह मोम… मान गयी मैं तो आपकी गाण्ड को… क्या पाद था? जितनी मधुर आवाज उतना ही बदबूदार मगर नशीली बास… हाँ पापा, आप मामा को ही भेजो, मामा की गाण्ड ही आपको यह कांट्रॅक्ट दिला सकती है…”

सोम- “मगर अब भी मेरा दिल नहीं मान रहा है, मैं पारुल को किसी गैर मर्द से गाण्ड चुदवाने नहीं भेज सकता…”

पारुल- “अब कुछ ज्यादा मत सोचिए सोम, मुझे जाने दीजिए। मेरे संसकार कहते हैं कि जब पति मुशीबत में हो तो पत्नी को उसका साथ देना चाहिए और उसकी मुशीबत दूर करने में पति की मदद करनी चाहिए। रामायण में रावण के वध में सीता का भी उतना ही हाथ था जितना राम का था। मुझे जाने दीजिए… सोम मुझे जाने दीजिए। मुझे अपने परिवार की इज़्ज़त बचाने के लिए यह करना ही होगा, मुझे जाने दीजिए…”

सोम- “ठीक है पारुल जाओ, जाकर हमारे खानदान की इज़्ज़त ऊँची करके लौटो…”

पारुल- “ठीक हैं मैं अभी निकलती हूँ…” पारुल भागने लगती है।

पारुल अपनी गाण्ड के छेद से बात करते हुये- “अरी ऊ मेरी प्यारी सी गाण्ड जरा देर के लिए अपनी तूस्स… तूस्स… को दबा के रख, ज्यादा तूस्स… तूस्स… करेगी तो गू निकल आएगा और सारा प्लान सत्यानाश हो जाएगा। तू थोड़ी देर चुप बैठ, तुझे बहुत जल्दी खुलने का मौका दूँगी बस थोड़ी देर रोक के रख…”
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***** THE END समाप्त *****
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Jaunpur

Re: छोटी-छोटी रसीली कहानियां

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rajaarkey
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Re: छोटी-छोटी रसीली कहानियां

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bahut khub dost
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &;
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Raj sharma
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