ली-सिर पर अगर आप ने ये किया तो उन सब के बलिदान बेकार हो जाएगे.
जॅक-तुम समझ नही रहे तुम नही जानते कि किसी अपने को अपनी ही आँखों के सामने दम तोड़ते हुए देख कर कैसा महसूस होता है और वो भी तब जब में उन में से बहुत को बचा सकता था पर में इसलिए कुछ नही कर सकता क्यूँ कि मेरे पास ये खास शक्ति है जो मेरे शरीर से मेरी ताक़त का एक एक कतरा चूस लेती है ताकि वो जिंदा रह सके .ली तुम्हे नही लगता कि मेरे साथ कुदरत ने एक बेहद ही भद्दा मज़ाक
किया है ना तो में मर सकता हूँ ना में बूढ़ा हो सकता हूँ ना में खुश रह सकता हूँ और ना ही में किसी पे गुस्सा कर सकता हूँ सिर्फ़
इस शक्ति की वजह से जो मुझे किसी के अमानत के तोर पे दी गयी है तुम्हे पता है में चाह के भी इस अजय से दूर नही हो सकता.
ली-सर मुझे पता है इसे संभालना कितना मुस्किल है पर एक सिर्फ़ आप ही इसे संभाल सकते है .प्ल्ज़ सर इस लड़के को एक आख़िरी
मोका दे दे प्ल्ज़ इसके लिए ना सही इसके पूर्वजो के लिए ही जिन्होने हमेंशा ही हमें उन शक्तियोंवो से बचाया है जिन से बचना नामुमकिन था.
जॅक-ली शायद तुम ठीक कह रहे हो मुझे इसे एक आख़िरी मोका देना चाहिए पर वो मोका इसे यहाँ नही मिलेगा .
ली-जैसा आप ठीक समझे.
जॅक-अब तुम माल जाओ और अजय बन के इसके परिवार के साथ रहना .और एक बात ली मुझे तुम पे गर्व है मुझे ख़ुसी है कि तुम मेरे भाई के बेटे हो उस भाई के जो एक अच्छा देश भक्त और अच्छा लीडर था तुम में वो सब गुण है मुझे उम्मीद है कि तुम बहुत कुछ करोगे
और हमारे खानदान का नाम रोशन करोगे............
तो अजय अब तुमारे पास सिर्फ़ दो रास्ते है या तो मेरा साथ दो या फिर में अपने तरीके से तुम से अपना काम निकलवा लूँ.
अजय-पर ये सब हो क्या रहा है.
जॅक-अब वक़्त आ गया है कि तुम ये जान लो कि तुम कौन हो और किसलिए हो.में कौन हूँ और तुम्हारे साथ ये सब क्यूँ हो रहा है.
अजय-मुझे नही पता तुम क्या कह रहे हो.पर मुझे सब कुछ जानना है सब कुछ .
जॅक-मुझे लगता है कि तुमे बताने से अच्छा है कि में तुम्हे वो दिखा दूं जो तुम्हारा है और जिस चीज़ के लिए ये सब हो रहा है.
में-तो फिर इंतज़ार किस का है सुरू करो.
जॅक-ऐसे नही पहले तुम ये जान लो कि सच्चाई जानने के बाद तुम यहाँ ऐसे नही रह सकते तुम्हारी जिंदगी के मायने बदल जाएगे तुम
बदल जाओगे और तुम्हारा परिवार बदल जाएगा .
में-ऐसा कभी नही हो सकता चाहे कुछ भी हो में अपना परिवार अपने दोस्त कभी नही छोड़ सकता ना ही कभी बदल सकता हूँ.
जॅक-अजय बदलाव ही जिंदगी है अब ये सब तुम्हारी जिंदगी में सिर्फ़ ये कमज़ोरी बन के रहेगे हम तुमे कभी कमज़ोर नही देख सकते चाहे उसके लिए हमें कुछ भी करना पड़े.
में-तुम ग़लत सोच रहे हो जॅक ये मेरी कमज़ोरी नही ताक़त बनेगे.
जॅक-ये अब तुम्हे डिसाइड करना है कि तुम क्या चाहते हो वो सब जिंदा रहे और खुश रहे या में उन को ऐसी दुनिया में भेज दूं जहाँ पे तुम चाह के भी उन को ना पा सको.
में-तुम पागल हो गये हो तुम ऐसा कुछ नही कर सकते.
जॅक-तुम मेरे बारे में अभी जानते ही कितना हो.में एक किल्लर मशीन हूँ कभी मेरे नाम से पूरे देश हिल जाया करते थे में लोगो को सिर्फ़ इस लिए मारता था क्यूँ कि मुझे इसे में ख़ुसी मिलती थी देश मेरा नाम सुन के स्लेंडरर कर दिया करते थे और तुम मुझे कह रहे हो कि में
पागल हूँ ऐसा कुछ नही कर सकता मैने अपने बेटे को अपने हाथों से मारा है इन्ही हाथों से तुम उस पुराने जॅक को देखना चाहते हो बोलो.
में-नही ये सच नही हो सकता तुम झूठ बोल रहे हो सिर्फ़ मुझे डराने के लिए.
जॅक-चलो फिर में तुमे इसका एक नमूना दिखाता हूँ किस से शुरुआत करू.शायद तुम्हारी वो गुड़िया ठीक रहेगी क्यूँ क्या कहते हो.
में-नही तुम ऐसा कुछ नही करोगे .
जॅक-में नही करूगा अजय ये तो वो चीज़ करेगी जो मेरे अंदर है तुम्हारा अंश जिसे सिर्फ़ खून चाहिए चाहे वो किसी का भी हो.
में-जॅक में वो सब करने को तैयार हूँ पर तुम मेरे परिवार को कुछ नही करोगे और उन की सेफ्टी की गारंटी दोगे .
Incest जिंदगी के रंग अपनों के संग
- rangila
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Re: Incest जिंदगी के रंग अपनों के संग
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- rangila
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Re: Incest जिंदगी के रंग अपनों के संग
जॅक-ठीक है जब तक तुम मेरी बातें मानते रहोगे तब तक ली अजय बन के तुम्हारी फॅमिली को ख़ुसी और सेफ्टी दोनों देगा पर जिस दिन भी तुम मुझे..,
में-में समझ गया कब से स्टार्ट करना है ये बताओ .
जॅक-हम कल सुबह निकलेगे यहाँ से अभी तुम जाओ यहाँ से ली तुम्हारी फॅमिली के साथ आने वाला है तुम अपने कमरे में जाओ बाकी की बाते वो तुमे वहाँ आ के बता देगा.
और में किसी जिंदा लाश की तरह वहाँ से उठ के अपने कमरे में चला आया.मुझे नही पता कि जॅक मुझसे क्या चाहता है पर मुझे ये पता है कि वो जो बोल रहा है वो कर सकता है और में किसी भी तरह अपने परिवार को खोना नही चाहता था.वक़्त भी क्या चीज़ है हर पल अपना
रंग ऐसे बदलता है हर इंसान इसका बस एक गुलाम बन के रह जाता है जैसे कि आज में कल तक में अपने आपको एस दुनिया का सब
से ख़ुसनसीब इंसान समझ रहा था और आज मुझे अपने होने पे ही अफ़सोस था.
वहाँ जॅक भी अपने ख़यालो में खोया हुआ था.मुझे माफ़ करना अजय पर ये ज़रूरी था तुम्हारे और हमारे लिए जब तक तुम यहाँ से दूर नही जाओगे तुम अपने आपको समझ नही पाओगे.ये तुम्हारी अपनी जिंदगी नही है ये उन लोगो के विश्वास के जिंदगी है जो तुम पे विश्वास करते है ये उन लोगो की जिंदगी है जिन्होने सिर्फ़ तुम्हारे लिए अपनी जिंदगी की कुर्बानी डी है.और रही बात तुम्हारी इस फॅमिली की तो इसे तो में
वैसे भी कुछ नही कर सकता क्यूँ कि जिसे तुम प्रोटेक्ट करो उसे तो हम वैसे भी कुछ नही कर सकते मुझे उम्मीद है कि तुम अपनी आने वाली लाइफ के लिए तैयार होगे.
इधर में अपने ख़यालो में ही खोया हुआ था कि मेरा फोन बजने लगा मेरा मन नही था इस वक़्त किसी से भी बात करने का इसलिए मैने फोन की तरफ ध्यान नही दिया और बजने दिया.एक बार मेरा ध्यान फिर फोन की बेल ने तोड़ा इस बार मैने गुस्से में फोन को उठा के दीवार पे मारना चाहा पर जैसे की मेरी नज़र फोन की स्क्रीन पे पड़ी मेरे हाथ अपने आप ही रुक गये .........
फोन नैना दी का था दिल ना करते हुए भी मुझे फोन उठाना ही था इसलिए मैने जा के पहले वॉशरूम में अपना हूलिया ठीक किया क्यूँ कि दी की वीडियो कॉलिंग थी और में नही चाहता था कि वो मुझे ऐसे देखे और वापस आ के मैने उन्हे कॉल बॅक किया.
नैना दी-अजय वहाँ सब ठीक है ना में कब से कॉल कर रही हूँ तू खा था.मेरी तो जान ही निकल गयी थी मुझे कुछ अच्छा नही लग रहा में अब
तेरे पास आ रही हूँ आज ही तू मुझे रिसिव करने एरपोर्ट आ जा.
में-क्या दी आप भी ना अब में कोई छोटा बच्चा नही हूँ और में वॉशरूम में था जैसे ही आया तुरंत आपको कॉल बॅक किया हैआप भी ना बस ज़रा ज़रा सी बात पे घबरा जाती हो.और आपको अभी आने की कोई ज़रूरत नही है आप अकेले नही हो वहाँ मॉम (मामी)और डॅड(मामा) भी है अगर आप भी यहाँ आ गयी तो वो तो बिल्कुल ही टूट जाएगे.
नैना दी-तू मुझे एमोशनल ब्लॅक मेल नही कर सकता समझा.
में-क्या दी आप जैसे इंटेलिजेंट को भी कोई एमोशनल या बेबकूफ़ बना सकता है क्या आप भी ना.प्ल्ज़ समझा करो अगर आप भी यहाँ आ
गयी तो वहाँ सब अकेले पड़ जाएगे प्ल्ज़.
नैना दी-चल चल ज़्यादा मस्का लगाने की ज़रूरत नही है ठीक है और सुना क्या हो रहा है वहाँ कोई गर्लफ्रेंड मिली या अभी तक ऐसा ही है.
में-क्या दी आप भी ना बस ज़रा सा मोका मिलना चाहिए बस फिर तो मेरी खीचाई होना तय है.वैसे हम लोग कल एक ट्रिप पे जा रहे है.
नैना दी-सच में बहुत अच्छा लगा ये जान के कि तू वहाँ पे अपने आपको अकेला महसूस नही कर रहा.चल में अब फोन रखती हूँ ट्रिप से आ के मुझे पूरी रिपोर्ट चाहिए समझा.
में-ये भी कोई बोलने की बात है.
फिर दी ने फोन रख दिया और मैने भी फोन को एक साइड में फेख दिया.अब मेने उपर से एक बहुत बड़ा भोझ कम होता हुआ महसूस हुआ और वही बेड पे लेट गया और अपने आने वाली जिंदगी के बारे में सोचने लगा.अभी में अपने आने वाली जिंदगी के बारे में सोच ही रहा था कि
मुझे किसी की आवाज़ सुनाई दी मैने उठ के देखा तो वो ली था.
में-में समझ गया कब से स्टार्ट करना है ये बताओ .
जॅक-हम कल सुबह निकलेगे यहाँ से अभी तुम जाओ यहाँ से ली तुम्हारी फॅमिली के साथ आने वाला है तुम अपने कमरे में जाओ बाकी की बाते वो तुमे वहाँ आ के बता देगा.
और में किसी जिंदा लाश की तरह वहाँ से उठ के अपने कमरे में चला आया.मुझे नही पता कि जॅक मुझसे क्या चाहता है पर मुझे ये पता है कि वो जो बोल रहा है वो कर सकता है और में किसी भी तरह अपने परिवार को खोना नही चाहता था.वक़्त भी क्या चीज़ है हर पल अपना
रंग ऐसे बदलता है हर इंसान इसका बस एक गुलाम बन के रह जाता है जैसे कि आज में कल तक में अपने आपको एस दुनिया का सब
से ख़ुसनसीब इंसान समझ रहा था और आज मुझे अपने होने पे ही अफ़सोस था.
वहाँ जॅक भी अपने ख़यालो में खोया हुआ था.मुझे माफ़ करना अजय पर ये ज़रूरी था तुम्हारे और हमारे लिए जब तक तुम यहाँ से दूर नही जाओगे तुम अपने आपको समझ नही पाओगे.ये तुम्हारी अपनी जिंदगी नही है ये उन लोगो के विश्वास के जिंदगी है जो तुम पे विश्वास करते है ये उन लोगो की जिंदगी है जिन्होने सिर्फ़ तुम्हारे लिए अपनी जिंदगी की कुर्बानी डी है.और रही बात तुम्हारी इस फॅमिली की तो इसे तो में
वैसे भी कुछ नही कर सकता क्यूँ कि जिसे तुम प्रोटेक्ट करो उसे तो हम वैसे भी कुछ नही कर सकते मुझे उम्मीद है कि तुम अपनी आने वाली लाइफ के लिए तैयार होगे.
इधर में अपने ख़यालो में ही खोया हुआ था कि मेरा फोन बजने लगा मेरा मन नही था इस वक़्त किसी से भी बात करने का इसलिए मैने फोन की तरफ ध्यान नही दिया और बजने दिया.एक बार मेरा ध्यान फिर फोन की बेल ने तोड़ा इस बार मैने गुस्से में फोन को उठा के दीवार पे मारना चाहा पर जैसे की मेरी नज़र फोन की स्क्रीन पे पड़ी मेरे हाथ अपने आप ही रुक गये .........
फोन नैना दी का था दिल ना करते हुए भी मुझे फोन उठाना ही था इसलिए मैने जा के पहले वॉशरूम में अपना हूलिया ठीक किया क्यूँ कि दी की वीडियो कॉलिंग थी और में नही चाहता था कि वो मुझे ऐसे देखे और वापस आ के मैने उन्हे कॉल बॅक किया.
नैना दी-अजय वहाँ सब ठीक है ना में कब से कॉल कर रही हूँ तू खा था.मेरी तो जान ही निकल गयी थी मुझे कुछ अच्छा नही लग रहा में अब
तेरे पास आ रही हूँ आज ही तू मुझे रिसिव करने एरपोर्ट आ जा.
में-क्या दी आप भी ना अब में कोई छोटा बच्चा नही हूँ और में वॉशरूम में था जैसे ही आया तुरंत आपको कॉल बॅक किया हैआप भी ना बस ज़रा ज़रा सी बात पे घबरा जाती हो.और आपको अभी आने की कोई ज़रूरत नही है आप अकेले नही हो वहाँ मॉम (मामी)और डॅड(मामा) भी है अगर आप भी यहाँ आ गयी तो वो तो बिल्कुल ही टूट जाएगे.
नैना दी-तू मुझे एमोशनल ब्लॅक मेल नही कर सकता समझा.
में-क्या दी आप जैसे इंटेलिजेंट को भी कोई एमोशनल या बेबकूफ़ बना सकता है क्या आप भी ना.प्ल्ज़ समझा करो अगर आप भी यहाँ आ
गयी तो वहाँ सब अकेले पड़ जाएगे प्ल्ज़.
नैना दी-चल चल ज़्यादा मस्का लगाने की ज़रूरत नही है ठीक है और सुना क्या हो रहा है वहाँ कोई गर्लफ्रेंड मिली या अभी तक ऐसा ही है.
में-क्या दी आप भी ना बस ज़रा सा मोका मिलना चाहिए बस फिर तो मेरी खीचाई होना तय है.वैसे हम लोग कल एक ट्रिप पे जा रहे है.
नैना दी-सच में बहुत अच्छा लगा ये जान के कि तू वहाँ पे अपने आपको अकेला महसूस नही कर रहा.चल में अब फोन रखती हूँ ट्रिप से आ के मुझे पूरी रिपोर्ट चाहिए समझा.
में-ये भी कोई बोलने की बात है.
फिर दी ने फोन रख दिया और मैने भी फोन को एक साइड में फेख दिया.अब मेने उपर से एक बहुत बड़ा भोझ कम होता हुआ महसूस हुआ और वही बेड पे लेट गया और अपने आने वाली जिंदगी के बारे में सोचने लगा.अभी में अपने आने वाली जिंदगी के बारे में सोच ही रहा था कि
मुझे किसी की आवाज़ सुनाई दी मैने उठ के देखा तो वो ली था.
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
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- rangila
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Re: Incest जिंदगी के रंग अपनों के संग
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
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Re: Incest जिंदगी के रंग अपनों के संग
zaberdast update bhai
bahot khoob superb
lajawab
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Re: Incest जिंदगी के रंग अपनों के संग
में-ये भी कोई बोलने की बात है.
फिर दी ने फोन रख दिया और मैने भी फोन को एक साइड में फेख दिया.अब मेने उपर से एक बहुत बड़ा भोझ कम होता हुआ महसूस हुआ और वही बेड पे लेट गया और अपने आने वाली जिंदगी के बारे में सोचने लगा.अभी में अपने आने वाली जिंदगी के बारे में सोच ही रहा था कि
मुझे किसी की आवाज़ सुनाई दी मैने उठ के देखा तो वो ली था.
में-तो कैसा रही शॉपिंग .
ली-बकवास बस पूरे टाइम इधर से उधर ही घूमता रहा और कुछ नही.तुम सुनाओ तुम्हारा टाइम कैसा गुजरा.
में-तुम्हें क्या लगता है कैसा गुज़ारा होगा मेरा टाइम.
ली-जॅक सर के साथ हमेंशा कुछ ना कुछ सीखने को मिलता है बस बाकी तो वो कमाल के फाइटर है बस में इतना ही जानता हूँ.
में-हाँ शायद तुम सही हो .पर मेरे लिए आज से जॅक को ग़लत साबित करना ही मेरे लाइफ का उद्देश् है .
ली-तब तो गुड लक क्यूँ कि तुम्हें उस की बहुत ज़्यादा ज़रूरत है.
में-थॅंक्स फॉर ब्लशसिंग अब मुझे ये बताओ कि तुम मुझे क्या बताने आए हो जॅक ने कहा था कि तुम मुझे मेरे पहले स्टेप के बारे में बताओगे .
ली-हूँ तो बात ये है कि में तुम्हारा रूप तो ले सकता हूँ पर तुम्हारे विचार और तुम्हारी सोच को अभी तक कॉपी नही कर पाया हूँ उसके लिए
मुझे तुम्हारी हेल्प चाहिए.
में-में क्या कर सकता हूँ .
ली-कुछ खास नही बस कुछ देर के लिए तुम शांत रहो में तुम्हारे दिमाग़ में घुस के सब कॉपी कर लूँगा बस तुम किसी भी काम में मुझे रोकना मत .
में-ओके .
फिर ली खड़ा हो गया और मेरे पीछे आ के उस ने अपने दोनों हाथों को कुछ अजीब सी पोज़िशन में किया और अपने दोनों हाथों को जोड़ते
हुए अपने हाथों से एक हल्की सी वाइट रोशनी निकालने लगा.
ली-डरो मत ये तुम्हारी सेफ्टी के लिए है .
में-किस चीज़ से सेफ्टी.
ली-तुम समझ जाओगे अब बिल्कुल शांत रहो टेन्षन ना लो मुझे पे भरोसा रखो.
फिर दी ने फोन रख दिया और मैने भी फोन को एक साइड में फेख दिया.अब मेने उपर से एक बहुत बड़ा भोझ कम होता हुआ महसूस हुआ और वही बेड पे लेट गया और अपने आने वाली जिंदगी के बारे में सोचने लगा.अभी में अपने आने वाली जिंदगी के बारे में सोच ही रहा था कि
मुझे किसी की आवाज़ सुनाई दी मैने उठ के देखा तो वो ली था.
में-तो कैसा रही शॉपिंग .
ली-बकवास बस पूरे टाइम इधर से उधर ही घूमता रहा और कुछ नही.तुम सुनाओ तुम्हारा टाइम कैसा गुजरा.
में-तुम्हें क्या लगता है कैसा गुज़ारा होगा मेरा टाइम.
ली-जॅक सर के साथ हमेंशा कुछ ना कुछ सीखने को मिलता है बस बाकी तो वो कमाल के फाइटर है बस में इतना ही जानता हूँ.
में-हाँ शायद तुम सही हो .पर मेरे लिए आज से जॅक को ग़लत साबित करना ही मेरे लाइफ का उद्देश् है .
ली-तब तो गुड लक क्यूँ कि तुम्हें उस की बहुत ज़्यादा ज़रूरत है.
में-थॅंक्स फॉर ब्लशसिंग अब मुझे ये बताओ कि तुम मुझे क्या बताने आए हो जॅक ने कहा था कि तुम मुझे मेरे पहले स्टेप के बारे में बताओगे .
ली-हूँ तो बात ये है कि में तुम्हारा रूप तो ले सकता हूँ पर तुम्हारे विचार और तुम्हारी सोच को अभी तक कॉपी नही कर पाया हूँ उसके लिए
मुझे तुम्हारी हेल्प चाहिए.
में-में क्या कर सकता हूँ .
ली-कुछ खास नही बस कुछ देर के लिए तुम शांत रहो में तुम्हारे दिमाग़ में घुस के सब कॉपी कर लूँगा बस तुम किसी भी काम में मुझे रोकना मत .
में-ओके .
फिर ली खड़ा हो गया और मेरे पीछे आ के उस ने अपने दोनों हाथों को कुछ अजीब सी पोज़िशन में किया और अपने दोनों हाथों को जोड़ते
हुए अपने हाथों से एक हल्की सी वाइट रोशनी निकालने लगा.
ली-डरो मत ये तुम्हारी सेफ्टी के लिए है .
में-किस चीज़ से सेफ्टी.
ली-तुम समझ जाओगे अब बिल्कुल शांत रहो टेन्षन ना लो मुझे पे भरोसा रखो.
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
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