Incest मैं अपने परिवार का दीवाना

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abhi123
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

Post by abhi123 »

Let me update bro please..
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rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

Post by rangila »

मैं खुशी से उच्छल पड़ा,और किरण मौसी के गले लग गया

किरण मौसी को कुछ अजीब लगा

मैं पहली बार उनके गले लगा था,करुणा और काव्या नही आई थी,फिर हम सबने साथ में खाना खाया

मैं अपनी बहनो के साथ बैठके उनसे बातें करने लगा

मुझे बस इतनेज़ार था रात होने का मैं अपनी किरण मौसी से जी भरके बात करना चाहता था...


कुछ देर बाद सब सोने चले गये

मैं एलीना के रूम में गया,सबसे पहले मेडेसीने चेक किया,शूकर है एलीना मेडिसिन खा रही थी

फिर मैं उसे प्यार करने लगा,एलीना सो गयी,मैं शवर लिया,और कपड़े पहेन कर किरण मौसी के रूम में पहुँचा,किरण मौसी जाग रही थी,वो भी रात के 1 बजे,मुझे देखके वो उठके बैठ गयी,मैं उनके पास जाके बैठ गया

दिलीप- आप अभी तक जाग रही हैं

किरण मौसी- तेरा ही इंतेज़ार कर रही थी

दिलीप- क्या मतलब

किरण मौसी- मतलब मैं जानती थी की तू मुझसे मिलने ज़रूर आएगा

दिलीप- काव्या और करुणा नही आई

किरण मौसी- दोनो का एंट्रेन्स एग्ज़ॅम है

दिलीप- आप ठीक तो है ना

किरण मौसी- बिल्कुल

दिलीप- एक बात बताइए

सिमिता मासी मुझसे बात क्यूँ नही करती हैं

किरण मौसी- मुझे नही पता वो तो लगभग हम से भी बात नही करती

दिलीप- पर क्यूँ

किरण मौसी- यह तो वोही बता सकती हैं

[मैं किरण मौसी के गोद में सर रखके लेट गया

दिलीप- लगता है आप मुझसे प्यार नही करती

किरण मौसी- ऐसा क्यूँ बोल रहा है कामिनी काव्या और करुणा से ज़्यादा तुझसे प्यार करती हूँ

दिलीप- मैने आप से कहा था सफेद साड़ी मत पहेन ना लेकिन आप तो अभी भी

[मेरे इतना कहते ही किरण मौसी बेड से नीचे उतर गयी,और सीधा बाथरूम में चली गयी,शायद मैं कुछ ज़्यादा बोल गया,और वो दुखी हो गयी

लेकिन जब वो बाथरूम से बाहर निकली तो मैं उन्हे देखता रह गया
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rangila
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

Post by rangila »

नीली साड़ी पहने हुए किरण मौसी इतनी खूबसूरत दिख रही थी
वो आके बैठ गयी,और मेरा सिर अपनी गोद में रख ली

किरण मौसी- अब बता सबसे ज़्यादा मैं किससे प्यार करती हूँ

दिलीप- मुझसे

किरण मौसी- अच्छा अब तू जा

दिलीप- क्यूँ

किरण मौसी- बस ऐसे ही

दिलीप- मेरी शादी हो गयी है इसका यह मतलब तो नही मैं अपनी मासी की गोद में सर रखके नही सो सकता

किरण मौसी- शादी हो गयी फिर भी बच्चो जैसी ज़िद्द करता है

दिलीप- दिल ज़िद्द करता है

किरण मौसी- तुझे उसकी याद आती है

दिलीप- रोज़ पर मैं दुखी नही होता,क्यूंकी वो मेरे ही अंदर है
मेरा ही एक हिस्सा है

[फिर हम चुप हो गये कुछ देर बाद जब मैं किरण मौसी की तरफ देखा तो वो सो चुकी थी
मैं रूम से बाहर आ गयाऔर एलीना के रूम में पहुँचा,एलीना सोते हुए और भी ज़्यादा क्यूट लग रही थी,कौन कहेगा यह रोज़ मेरा बलात्कार करती है
\
मैं अपने कपड़े उतारा और एलीना को अपनी बाहो में लेके सो गया

सुबह मैं उठके फ्रेश हुआ और कपड़े पेहेन्के नीचे गया,सब घर को सजाने में लगे हुए थे
मैं बड़े मामा के साथ बैठ गया

बड़े मामा बेचारे बैठे यह सब होते हुए देख रहे थे
सोचा विनय से मिलके आता हूँ
तो मैं पहुँचा विनय के घर

विनय तो गया था स्कूल फिर गया शांति के घर

शांति बहुत खुश लग रही थी,वो क्या है डी ने बहुत अच्छे से समझाया था शांति के पति को
मुझे भी खुशी थी फिर मैं वापस घर आ गया
और देखा तो क्या देखा आधा घर सज चुका है
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rajaarkey
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Re: मैं अपने परिवार का दीवाना

Post by rajaarkey »

बहुत ही उम्दा.

भाई 8 लाख व्यूज क्लब मे पहुँचने पर बधाई
(¨`·.·´¨) Always
`·.¸(¨`·.·´¨) Keep Loving &;
(¨`·.·´¨)¸.·´ Keep Smiling !
`·.¸.·´ -- Raj sharma
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