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Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
- rangila
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- Joined: 17 Aug 2015 16:50
Re: Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- rangila
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Re: Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
सब की आँखें चमक गयी,मैने दो लाख रुपया जेब से निकालके उन्हे दिया
और अंदर जाके प्रिया को ढूँढने लगा,एक जगह मुझे प्रिया दिखी,मैं उसके पास गया,उसने काफ़ी पी रखी थी,कपड़े ऐसे पहने हुए थे,मैं प्रिया
को गोद में उठाया और आगे बढ़ने लगा
लेकिन एक लड़के ने मुझे रोक दिया और बोला,इतनी मुश्किल से यह हमारे हाथ आई है,तू इसे कहाँ ले जा रहा है
आज तो हम इस बला की खूबसूरत कली को फूल बनाएँगे...
दिलीप- वैसे आइडिया तो अच्छा है,लेकिन यह मेरी बहेन है
लड़का- ओह तो तुम इसके भाई हो,सॉरी बॉस
प्रिया और मैं फ़्रेंड है,और मुझे मज़ाक करने की आदत है
दिलीप- इट्स ओके
[मैं फार्महाउस से बाहर आया,और प्रिया को कार की पिच्छली सीट पे सुला दिया
कुछ देर बाद सिमिता मौसी के घर पहुँचे
मैं प्रिया को घर के अंदर ले गया
सिमित मौसी प्रिया को बेहोश देखके घबरा गयी
दिलीप- ज़्यादा शराब पीने की वजह से बेहोश है,आप घबराईए मत
[फिर मैने प्रिया को उसके रूम में लिटा दिया
विदू भी मेरे साथ ही थी
दिलीप- आप इसके कपड़े चेंज कर दीजिए
[रात के 10 बज चुके थे
मैं अपने रूम में आया
और वो बॅग खोला जो देव ने मेरी कार में रखवाया था
फिर मैने वो बॅग बंद कर दिया
मैने अपना फोन चेक किया,देव का एसएमएस था
उसका कहना था कि प्रिया और प्रीति पे कोई भी नज़र नही रख रहा है,और ना ही सिमिता मौसी के घर पे
इसका मतलब सिमिता मौसी को कोई भी ब्लॅकमेल नही कर रहा है
और अंदर जाके प्रिया को ढूँढने लगा,एक जगह मुझे प्रिया दिखी,मैं उसके पास गया,उसने काफ़ी पी रखी थी,कपड़े ऐसे पहने हुए थे,मैं प्रिया
को गोद में उठाया और आगे बढ़ने लगा
लेकिन एक लड़के ने मुझे रोक दिया और बोला,इतनी मुश्किल से यह हमारे हाथ आई है,तू इसे कहाँ ले जा रहा है
आज तो हम इस बला की खूबसूरत कली को फूल बनाएँगे...
दिलीप- वैसे आइडिया तो अच्छा है,लेकिन यह मेरी बहेन है
लड़का- ओह तो तुम इसके भाई हो,सॉरी बॉस
प्रिया और मैं फ़्रेंड है,और मुझे मज़ाक करने की आदत है
दिलीप- इट्स ओके
[मैं फार्महाउस से बाहर आया,और प्रिया को कार की पिच्छली सीट पे सुला दिया
कुछ देर बाद सिमिता मौसी के घर पहुँचे
मैं प्रिया को घर के अंदर ले गया
सिमित मौसी प्रिया को बेहोश देखके घबरा गयी
दिलीप- ज़्यादा शराब पीने की वजह से बेहोश है,आप घबराईए मत
[फिर मैने प्रिया को उसके रूम में लिटा दिया
विदू भी मेरे साथ ही थी
दिलीप- आप इसके कपड़े चेंज कर दीजिए
[रात के 10 बज चुके थे
मैं अपने रूम में आया
और वो बॅग खोला जो देव ने मेरी कार में रखवाया था
फिर मैने वो बॅग बंद कर दिया
मैने अपना फोन चेक किया,देव का एसएमएस था
उसका कहना था कि प्रिया और प्रीति पे कोई भी नज़र नही रख रहा है,और ना ही सिमिता मौसी के घर पे
इसका मतलब सिमिता मौसी को कोई भी ब्लॅकमेल नही कर रहा है
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
( Marathi Sex Stories )... ( Hindi Sexi Novels ) ....( हिंदी सेक्स कहानियाँ )...( Urdu Sex Stories )....( Thriller Stories )
- rangila
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Re: Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
फिर मैं अपने रूम से बाहर आया
और प्रिया के रूम में गया
वहाँ विदू सिमिता मौसी और प्रीति थी
मैं प्रीति के पास बैठ गया
दिलीप- खाना खा के सो जाओ,कल कॉलेज भी जाना है
प्रीति- मुझे भूख नही है और नींद भी नही आ रही है
दिलीप- पर मुझे तो भूख लगी है,और तुम नही खाओगी तो मैं कैसे खाउन्गा
प्रीति- दी होश में कब आएगी
दिलीप- आजाएगी अब चलो मुझे अपने हाथ से खाना खिलाओ
[मन मारके प्रीति मेरे साथ आई,और मैने एक प्लेट में खाना डाला,और प्रीति को अपने हाथ से खिलाने लगा
खाना खाने के बाद प्रीति अपने रूम में चली गयी
और मैं अपने रूम में आके लेट गया
कुछ देर बाद विदू रूम में आई
और मेरे पास बैठ गयी
विदू- बुआ ने बताया कि आज पहली बार प्रिया ने शराब पी है
दिलीप- वैसे प्रिया का किसी लड़के के साथ
आप समझ रही है ना
विदू- पता नही लेकिन पहले प्रिया ऐसी नही थी
दिलीप- किसी ने जान ने की कोशिश नही की
विदू- बुआ ने एक बार कोशिश की थी,लेकिन प्रिया ने अपने हाथ की नस काट ली
दिलीप- चलिए आज भूखे पेट ही सोना पड़ेगा
अब आभी जाइए मेरी जान
[और विदू मेरे सीने से लग गयी
विदू- हम कितने दिन यहाँ रहेंगे
दिलीप- जब तक मैं सिमिता मौसी की नाराज़गी की वजह नही जान जाता,और उन्हे मना नही लेता
विदू- वानु और एलीना को भी ले आते तो
दिलीप- मुझे खुद नही पता कि कितने दिन लगेंगे
और वँया की पढ़ाई का क्या होता
विदू- पढ़ते तो आप भी हैं
दिलीप- सिर्फ़ तीन महीने पढ़ुंगा तो पास हो जाउन्गा
और क्या सोचा था क्या हो गया
और प्रिया के रूम में गया
वहाँ विदू सिमिता मौसी और प्रीति थी
मैं प्रीति के पास बैठ गया
दिलीप- खाना खा के सो जाओ,कल कॉलेज भी जाना है
प्रीति- मुझे भूख नही है और नींद भी नही आ रही है
दिलीप- पर मुझे तो भूख लगी है,और तुम नही खाओगी तो मैं कैसे खाउन्गा
प्रीति- दी होश में कब आएगी
दिलीप- आजाएगी अब चलो मुझे अपने हाथ से खाना खिलाओ
[मन मारके प्रीति मेरे साथ आई,और मैने एक प्लेट में खाना डाला,और प्रीति को अपने हाथ से खिलाने लगा
खाना खाने के बाद प्रीति अपने रूम में चली गयी
और मैं अपने रूम में आके लेट गया
कुछ देर बाद विदू रूम में आई
और मेरे पास बैठ गयी
विदू- बुआ ने बताया कि आज पहली बार प्रिया ने शराब पी है
दिलीप- वैसे प्रिया का किसी लड़के के साथ
आप समझ रही है ना
विदू- पता नही लेकिन पहले प्रिया ऐसी नही थी
दिलीप- किसी ने जान ने की कोशिश नही की
विदू- बुआ ने एक बार कोशिश की थी,लेकिन प्रिया ने अपने हाथ की नस काट ली
दिलीप- चलिए आज भूखे पेट ही सोना पड़ेगा
अब आभी जाइए मेरी जान
[और विदू मेरे सीने से लग गयी
विदू- हम कितने दिन यहाँ रहेंगे
दिलीप- जब तक मैं सिमिता मौसी की नाराज़गी की वजह नही जान जाता,और उन्हे मना नही लेता
विदू- वानु और एलीना को भी ले आते तो
दिलीप- मुझे खुद नही पता कि कितने दिन लगेंगे
और वँया की पढ़ाई का क्या होता
विदू- पढ़ते तो आप भी हैं
दिलीप- सिर्फ़ तीन महीने पढ़ुंगा तो पास हो जाउन्गा
और क्या सोचा था क्या हो गया
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
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Re: Incest मैं अपने परिवार का दीवाना
मकसद running.....जिंदगी के रंग अपनों के संग running..... मैं अपने परिवार का दीवाना running.....
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